चोरी के मामले में फींगर प्रिंट के डंप उठवाये
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कनीना। शादी में शामिल होने गए परिवार के घर में अज्ञात चारों ने घर में रखी नगदी व जेवरात को चुरा रफू चक्कर हो जाने का मामला दर्ज कर लिया है।
कनीना वार्ड 13 के कुलदीप यादव ने बताया कि सुबह तकरीबन 4 -5 बजे शादी में शरीक होने के लिए जयपुर निकले थे कि तथा पड़ोस में रहने वाले व्यक्ति को घर की चाबी देकर गए थे। जब अगले दिन उन्होंने आकर देखा तो घर के मेन गेट पर ताला नही मिला। उन्होंने पड़ोस के लोगों से पूछताछ कि लेकिन कहीं कोई जानकारी नहीं होने पर उन्होंने इसकी सुचना सीटी पुलिस को देकर मामले से अवगत कराया। पघर में रखी दो तोले की सोने की चैन, बीस हजार नगद व पांजेब आदि सामान चोरी होना पाया गया है। जिसको लेकर सीटी इंचार्ज गोविन्द यादन ने ंिफंगर प्रिंट के एक्सपर्ट बुला कर डंप उठवा लिए है। वही उन्होंने अज्ञात चोरों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है।
विजेता खिलाडिय़ों को पारितोषिक वितरण कर दिया सम्मान
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कनीना। उपमंडल के गांव अगियार में बाबा भैया का एक दिवसीय मेला संपन्न हो गया। मेला समिति के सदस्य मनोज, सुरेन्द्र, यशपाल आदि ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मेले में दो गज दूरी तथा मास्क आदि के अलावा सेनेटाइजर का भी प्रयोग किया गया। एक दिवसीय मेले में हुई खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ रामकरण सिंह ने किया, वही इस खेल प्रतियोगिता की दौड़ में महेन्द्रगढ़-भिवानी के विभिन्न गांवों के खिलाडिय़ों ने भाग लिया जिसमें 14 वर्ष की लड़कियों में आठ सौ मीटर की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान राधिका, दूसरे स्थान पर कशिस, तीसरे स्थान पर लक्की खेड़ी तथा चौथा स्थान अर्चना अगियार ने प्राप्त किया है, 800 मीटर की लड़कों की दौड़ में प्रथम स्थान रजनीश अगियार, दूसरा स्थान प्रवीण अगियार, तीसरा दीपक दुधवा, वहीं चौथा स्थान मोहित अगियार ने प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि तीन हजार मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान कपिल अगिहार, दूसरा स्थान आशीस अगियार, तीसरा रजनीश अगिहार, चौथा हिम्मत अगिहार ने प्राप्त किया। इस खेल प्रतियोगिता में विजेता खिलाडिय़ों को ग्राम पंचायत व कमेटी की और से नकद राशी व सम्मान पत्र भेंट किया।
मौत के साथ अच्छाई साथ चलती है-डा एमएल रंगा
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कनीना। मौत के बाद अच्छाई साथ चलती है। इंसान की करनी उसके साथ जाती है। इंसान को उसकी मृत्यु के बाद उसके गुणों से जाना जाता है। जो पापों से भरा होता है नरक में जाता है तथा पुण्य आत्मा स्वर्ग में वास करती है। ये विचार पूर्व कैबिनेट मंत्री डा एमएल रंगा ने प्रो हंसराज की पत्नी चंद्रमुखी के निधन पर परिजनों को सांत्वना देते हुए व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि सभी को एक ना एक दिन भगवान के घर जाना होगा। ऐसे में गम नहीं करके ईश्वर का ध्यान देना चाहिए ताकि दिवंगत आत्मा को शांति मिल सके और भगवान के चरणों में उस जीव का वास हो। जहां प्रोफेसर हंसराज का वर्ष 2006 में गंभीर बीमारी के चलते देहांत हो गया था वहीं अब उनकी पत्नी का निधन हो गया है। वे अपने पीछे चार पुत्र दो पुत्रियां, 6 पोतें तथा दो पोतियां छोड़ गई हैं। सभी पुत्र एवं पुत्रियों की शादी हो चुकी है। इस मौके पर दिवंगत के पुत्र प्रोफेसर गजेंद्र सिंह ने बताया कि चंद्रमुखी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना एवं रस्म पगड़ी का आयोजन आठ दिसंबर को किया जाएगा।
उनको श्रद्धा सुमन अर्पित करने ठाकुर अतरलाल, सतेंद्र पार्षद,डा योगेश, ओमप्रकाश यादव सहित विभिन्न जन प्रमुख थे।
फोटो कैप्शन 5: डा एमएल रंगा पूर्व मंत्री प्रो हंसराज की पत्नी चंद्रमुखी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए।
भारत जानो प्रतियोगिता में जिला स्तर पर खुशी ने सौ में से सौ अंक पाये
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कनीना। आयोजित भारत जानो प्रतियोगिता में जिला स्तर पर खुशी ने शत प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान हासिल किया है। ब्लाक स्तर पर पहले ही प्रतियोगिता आयोजित हो चुकी थी। अब ये विद्यार्थी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे।
भारत विकास परिषद कनीना शाखा अध्यक्ष कंवरसेन वशिष्ठ ने बताया कि प्रतियोगिता में दो वर्ग थे। वरिष्ठ में खुशी राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना मंडी ने 100/100 नंबर लेकर प्रथम स्थान पर रही व अंकिता आरआरसीएम कनीना 98/100 अंक लेकर द्वितीय स्थान पर व भवनेश जीआर स्कूल कनीना 92 /100 नंबर लेकर तृतीय स्थान पर रही। कनिष्ठ वर्ग में पूजा आरआरसीएम कनीना ने 92 अंक लेकर प्रथम स्थान पर व सोनी यादव ओपीवाइ द्वितीय स्थान पर, पूजा राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना ने तृतीय हासिल किया है। परीक्षा का आयोजन ऑनलाइन हुआ।
संयोजक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश स्तर की प्रतियोगिता में शाखा पर प्रथम वह द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र आनलाइन परीक्षा भाग ले सकते हैं जो 15 दिसंबर को आयोजित की जाएगी। जिसकी सभी को जानकारी मोबाइल द्वारा व्हाट्सएप पर दे दी जाएगी। इस प्रतियोगिता में सरकारी व प्राइवेट स्कूल के सभी ने भाग लिया। विद्यालय के सभी संचालक बधाई के पात्र हैं जो पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगिता में अपनेे छात्रों को भाग लेने के लिए तैयार करते हैं। इस प्रतियोगिता के माध्यम से बात को जानने की अभिलाषा छात्रों की पूरी होती है और यह ज्ञान आगे चलकर जीवन में काम आता है। शाखा अध्यक्ष छात्र व अभिभावक अध्यापकों का सफल आयोजन पर धन्यवाद किया ।
कनीना बार एसोसिएशन ने महेंद्रगढ़ बार का किया समर्थन
2 दिसंबर को रखेंगे 1 दिन का वर्क सस्पेंड
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कनीना। कनीना बार के बार रूम में मंगलवार को बार प्रधान कुलदीप रामबास के अध्यक्षता में एक विशेष बैठक बुलाई गई। बार सचिव अखिल अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार को बार कक्ष में प्रधान कुलदीप रामबास के अध्यक्षता में एक बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में महेंद्रगढ़ बार प्रधान अजीत यादव ने जिला मुख्यालय महेंद्रगढ़ में बनाए जाने के लिए जो अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया हुआ है उसके लिए कनीना बार से समर्थन मांगा। जिस पर सर्वसम्मति से बार ने निर्णय लिया कि 2 दिसंबर 2020 को कनीना न्यायालर्य में वर्क सस्पेंड रखा जाएगा। इसके साथ ही कनीना बार के समस्त अधिवक्ता महेंद्रगढ़ बार के धरने स्थल पर जाकर महेंद्रगढ़ बार का समर्थन करेंगे। इस मौके पर सचिव अखिल अग्रवाल, पूर्व सचिव पवन गोमला, उप प्रधान धर्मवीर, चेयरमैन रणवीर सिंह, विचित्र अत्री, सुभाष शर्मा, अभिषेक यादव, राजेंद्र करीरा, संदीप सेहलंग, राजकुमार तंवर, यस नौताना, देवेंद्र चौहान, विनोद कनीना, नरेश कनीना, विक्रम ककराला सहित अन्य अधिवक्ता गण मौजूद रहे ।
फोटो कैप्शन 3: बार कक्ष कनीना में अधिवक्ता बैठक लेते हुए।
एक राजस्थानी कोरोना संक्रमित पटीकरा उपचार हेतु भेजा, 3 अन्य संक्रमित पाये गये
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कनीना। कनीना क्षेत्र में चार कोरोना संक्रमित मिले हैं। कनीना क्षेत्र में कोरोना संक्रमित बढ़ते ही जा रहे हैं। कनीना वार्ड 13 में राजस्थान का एक मजदूर कोरोना सक्रमित पाया गया जिसे पटीकरा के लिए भेज दिया है। इनका 27 नवंबर को सैंपल लिया था जो मंगलवार को कोरोना संक्रमित पाया गया है। उधर कोका का 19 वर्षीय युवक कोरोना संक्रमित पाया गया है उन्होंने 28 नवंबर को अपना सैंपल दिया था। उधर खेड़ी में 32 वर्षीय तथा एक 21 वर्षीय युवक भी कोरोना संक्रमित पाए गए। 28 नवंबर को मोबाइल टीम ने इनका सैंपल लिया था। मंगलवार को संक्रमित पाए गए हैं।
विस्तृत जानकारी देते हुए सुनील कुमार ने बताया कि संक्रमितों के लिए आगामी कार्रवाई कर दी गई है। अधिकांश को घर पर ही आइसोलेट कर दिया गया है। जहां सुविधाएं नहीं होती तो उन्हें पटिकरा भेजा जाता है।
सुनील कुमार ने कहा कि सावधानी बरतनी इस रोग पर काबू पाया जा सकता है। अगर सावधानी नहीं बरती गई तो रोग बढऩे की पूरी संभावना है।
एड्स के प्रति बस स्टेंड पर लगाया जागरूकता कैंप
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कनीना। एड्स दिवस पर कनीना के सामान्य बस स्टैंड पर कनीना उप नागरिक अस्पताल की ओर एड्स जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया और दिनभर मुफ्त सलाह दी गई। इस मौके पर परामर्शदाता रणधीर सिंह ने लोगों को जागरूक किया।
रणधीर सिंह ने शिविर में कहा कि एड्स एक असाध्य रोग है जो मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु (एचआईवी) से होता है। यह विषाणु प्राकृतिक प्रतिरोधी क्षमता को कमजोर करता है। जिसके चलते कोई भी रोग आसानी से शरीर पर धावा बोल देता है। यह रोग नहीं अपितु रोगों का समूह कहा जाता है। रोग रोधक क्षमता घटने से शरीर में क्षय रोग और कैंसर,सर्दी जुकाम, फुफ्फुस प्रदाह इत्यादि घेर लेते हैं।
उन्होंने कहा कि यह रोग रोगी के शुक्राणु, योनि स्राव अथवा रक्त के संपर्क में आता है तो उससे एड्स हो सकता है। एचआईवी पाजिटिव होने के 8-10 साल के अंदर जब संक्रमित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता क्षीण हो जाती है। यह पीडि़त व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन सम्बन्ध स्थापित करने ,दूषित रक्त आधान,संक्रमित सुई के से,एड्स संक्रमित माँ से उसके होने वाली संतान को मिल सकता है।
रणधीर सिंह ने बताया कि एचआईवी से संक्रमित लोगों में प्रारंभ में सर्दी, जुकाम या विषाणु बुखार हो जाता है पर इससे एड्स होने का पता नहीं लगाया जा सकता। जब वायरस का संक्रमण शरीर में अधिक हो जाता है, उस समय बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं। एड्स के लक्षण दिखने में आठ से दस साल का समय भी लग सकता है। ऐसे व्यक्ति भी एड्स फैला सकते हैं।
उन्होंने बचाव एवं सावधानियां बरतने की सलाह दी और बताया कि इस रोग के लक्षणों में वजन का कम होना,लगातार खांसी बने रहना, बार-बार जुकाम का होना, बुखार,सिरदर्द, थकान, शरीर पर निशान बनना, हैजा,भोजन से अरुचि,लसीकाओं में सूजन जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
उन्होंने कहा कि इस रोग में एंटी रेट्रोवाईरल थेरेपी दवाईयों का उपयोग किया जाता है। इन दवाइयों का मुख्य उद्देश्य एचआईवी के प्रभाव को काम करना, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना और अवसरवादी रोगों को ठीक करना होता है। पीडि़त साथी या व्यक्ति के साथ यौन सम्बन्ध स्थापित नहीं करना चाहिए, खून को अच्छी तरह जांच कर ही उसे चढ़ाना चाहिए। उपयोग की हुई सुइयों या इंजेक्शन का प्रयोग नहीं करना चाहिए, दाढ़ी बनवाते समय हमेशा नाई से नया ब्लेड उपयोग करना चाहिये। इस मौके पर बस स्टैंड इंचार्ज सुधीर कुमार, पवन कुमार, सुनील कुमार, अमरजीत आदि मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 1: शिविर में जानकारी देते परामर्शदाता रणधीर सिंह।
एक राजस्थानी कोरोना संक्रमित पटीकरा उपचार हेतु भेजा, 3 अन्य संक्रमित पाये गये
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कनीना। कनीना क्षेत्र में चार कोरोना संक्रमित मिले हैं। कनीना क्षेत्र में कोरोना संक्रमित बढ़ते ही जा रहे हैं। कनीना वार्ड 13 में राजस्थान का एक मजदूर कोरोना सक्रमित पाया गया जिसे पटीकरा के लिए भेज दिया है। इनका 27 नवंबर को सैंपल लिया था जो मंगलवार को कोरोना संक्रमित पाया गया है। उधर कोका का 19 वर्षीय युवक कोरोना संक्रमित पाया गया है उन्होंने 28 नवंबर को अपना सैंपल दिया था। उधर खेड़ी में 32 वर्षीय तथा एक 21 वर्षीय युवक भी कोरोना संक्रमित पाए गए। 28 नवंबर को मोबाइल टीम ने इनका सैंपल लिया था। मंगलवार को संक्रमित पाए गए हैं।
विस्तृत जानकारी देते हुए सुनील कुमार ने बताया कि संक्रमितों के लिए आगामी कार्रवाई कर दी गई है। अधिकांश को घर पर ही आइसोलेट कर दिया गया है। जहां सुविधाएं नहीं होती तो उन्हें पटिकरा भेजा जाता है।
सुनील कुमार ने कहा कि सावधानी बरतनी इस रोग पर काबू पाया जा सकता है। अगर सावधानी नहीं बरती गई तो रोग बढऩे की पूरी संभावना है।
एड्स के प्रति बस स्टेंड पर लगाया जागरूकता कैंप
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कनीना। एड्स दिवस पर कनीना के सामान्य बस स्टैंड पर कनीना उप नागरिक अस्पताल की ओर एड्स जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया और दिनभर मुफ्त सलाह दी गई। इस मौके पर काउंसलर रणधीर सिंह ने लोगों को जागरूक किया।
रणधीर सिंह ने शिविर में कहा कि एड्स एक असाध्य रोग है जो मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु (एचआईवी) से होता है। यह विषाणु प्राकृतिक प्रतिरोधी क्षमता को कमजोर करता है। जिसके चलते कोई भी रोग आसानी से शरीर पर धावा बोल देता है। यह रोग नहीं अपितु रोगों का समूह कहा जाता है। रोग रोधक क्षमता घटने से शरीर में क्षय रोग और कैंसर,सर्दी जुकाम, फुफ्फुस प्रदाह इत्यादि घेर लेते हैं।
उन्होंने कहा कि यह रोग रोगी के शुक्राणु, योनि स्राव अथवा रक्त के संपर्क में आता है तो उससे एड्स हो सकता है। एचआईवी पाजिटिव होने के 8-10 साल के अंदर जब संक्रमित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता क्षीण हो जाती है। यह पीडि़त व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन सम्बन्ध स्थापित करने ,दूषित रक्त आधान,संक्रमित सुई के से,एड्स संक्रमित माँ से उसके होने वाली संतान को मिल सकता है।
रणधीर सिंह ने बताया कि एचआईवी से संक्रमित लोगों में प्रारंभ में सर्दी, जुकाम या विषाणु बुखार हो जाता है पर इससे एड्स होने का पता नहीं लगाया जा सकता। जब वायरस का संक्रमण शरीर में अधिक हो जाता है, उस समय बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं। एड्स के लक्षण दिखने में आठ से दस साल का समय भी लग सकता है। ऐसे व्यक्ति भी एड्स फैला सकते हैं।
उन्होंने बचाव एवं सावधानियां बरतने की सलाह दी और बताया कि इस रोग के लक्षणों में वजन का कम होना,लगातार खांसी बने रहना, बार-बार जुकाम का होना, बुखार,सिरदर्द, थकान, शरीर पर निशान बनना, हैजा,भोजन से अरुचि,लसीकाओं में सूजन जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
उन्होंने कहा कि इस रोग में एंटी रेट्रोवाईरल थेरेपी दवाईयों का उपयोग किया जाता है। इन दवाइयों का मुख्य उद्देश्य एचआईवी के प्रभाव को काम करना, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना और अवसरवादी रोगों को ठीक करना होता है। पीडि़त साथी या व्यक्ति के साथ यौन सम्बन्ध स्थापित नहीं करना चाहिए, खून को अच्छी तरह जांच कर ही उसे चढ़ाना चाहिए। उपयोग की हुई सुइयों या इंजेक्शन का प्रयोग नहीं करना चाहिए, दाढ़ी बनवाते समय हमेशा नाई से नया ब्लेड उपयोग करना चाहिये।
स्वतंत्रता सेनानी गुगन सिंह का निधन
-पूरे राजकीय सम्मान के साथ की अंत्येष्टि
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव स्याणा निवासी स्वतंत्रता सेनानी गूगन राम का निधन हो गया। वे 98 वर्ष के थे। कनीना उपमंडल में अब महज एक स्वतंत्रता सेनानी और बचेे है। विगत दिनों उन्हें प्रशासन द्वारा सम्मानित भी किया गया था। आज उनकी अंत्येष्टि पूरे राजकीय सम्मान के साथ गांव में की गई। वे अपने पीछे 3 लड़के और 2 लड़कियों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। पूरे राजकीय सम्मान के साथ गुगन सिंह की अंत्येष्टि की की गई। गुगन सिंह को समय-समय पर प्रशासन द्वारा भी सम्मानित किया गया था। प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार एवं खंड विकास पंचायत अधिकारी पहुंचे। मुखाग्नि उनके पुत्र धर्मवीर, महावीर एवं हरबीर ने दी। इस मौके पर जाना गांव के श्मशान घाट में उन्हें पुष्प चक्र अर्पित कर विदाई दी।
वे लंबे समय से गांव में खुशहाल जीवन यापन कर रहे थे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नजदीकी को प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार सत्यपाल, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी देशबंधु यादव,संजीत,उमेद सिंह जाखड़,मनोज पटवारी इत्यादि ने पुष्प चक्र अर्पित किया। गांव के पूर्व सैनिक सम्मान समिति ने सलामी दी। जिनमें सूबेदार वासुदेव यादव, सूबेदार मेजर सुमेर सिंह यादव, सूबेदार सज्जन सिंह यादव थे। गांव की सरपंच पूजा यादव के पिता करतार सिंह यादव,पूर्व सरपंच राजकुमार यादव, राजेन्द्र यादव बाबू जी, हरियाणा साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त किसान साहित्यकार समशेर कोसलिया नरेश ,ललित कुमार,वीरपाल यादव इत्यादि गांव के लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन: गुगन सिंह
फोटो कैप्शन एक व दो: गुगन सिंह को पुष्प चक्र अर्पित करते नायब तहसीलदार सत्यपाल सिंह एवं बीडीपीओ देशबंधु।
आजाद हिंद फौज में लड़ाई लडऩे वाले गुगन सिंह छोड़ गये हैं यादें
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कनीना। आजाद हिंद फौज में लड़ाई लडऩे वाले गुगन सिंह कई यादें छोड़ गये हैं। कई बार प्रशासन ने उन्हें सम्मानित किया था।
गुगन सिंहनेताजी सुभाष चंद्र बोस की सेना में भर्ती होकर आजादी की लड़ाई में भाग लिया और देश के लिए नाम कमाया है।अपने देश की आजादी के लिए खुलकर लड़ाई लड़ी और अंग्रेजों से लोहा लिया, जेल में गए और अनेकों यातनाएं झेली।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने 1942 में आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी। इस फौज में करीब 43 हजार सैनिक थे। जब यह फौज गठित की गई तो भारतीय सैनिक आकर्षित हुए और जोश एवं जुनून के साथ नेताजी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर युद्ध में लड़े। स्याणा के गुगन सिंह सैनिक इसी फौज में भर्ती हुए थे।
गुगन सिंह की मौत हो गई है जिसको सुनकर सन्नाटा छाया है। उनकी उम्र 98 वर्ष थी।। गांव स्याणा में जीवाराम के घर में सबसे छोटे बेटे का नाम गुगन सिंह था जो आइएनए के सेनानी थे। 1940 में अंग्रेजी सेना भर्ती हो गए और अंबाला कैंट में इनकी ट्रेनिंग पूरी की गई। ट्रेनिंग करते हुए पाकिस्तान के हैदराबाद में सेवा के लिए भेज दिया गया। तत्पश्चात उन्हें भारत के हैदराबाद भेजा गया। तत्पश्चात मुंबई मुंबई भेजा और वहां से ईरान में भेज दिया गया।
हिटलर से मिलकर नेताजी सुभाषचंद्र बेस ने आजाद हिंद फौज का गठन किया जिसमें भर्ती होकर उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़कर भाग लिया। बोस सेना का गठन करकेे जापान चले गए तो उन्होंने अन्य सैनिकों को संगठित किया। मगर जर्मनी की हार हो गई। तत्पश्चात इनको इंग्लैंड भेजा गया। इंग्लैंड जाकर वे बीमार हो गए। उन्हें वायुयान द्वारा हैदराबाद के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। अस्पताल में इलाज दौरान कोई सुधार नहीं हुआ तो उन्हें आसौदा(रोहतक) भेजा गया। वहां से उन्हें 25 रुपये देकर घर भेज दिया गया। मगर वे घर आने की बजाय दरियागंज दिल्ली में कांग्रेस के कार्यालय में चले गए या आजादी की लड़ाई में लड़ते रहने की सोच कर 1946 में कांग्रेस कार्यालय में गए थे किंतु उनके हालात सुधार नहीं हुआ तो वे घर आ गए। देश आजाद होने के बाद 1957 में ये पूर्ण स्वस्थ हो गए और फिर से सेना में भर्ती हो गए। 1957 से 1974 तक इन्होंने देश की सेवा की तथा रिटायर कर दिया गया। तत्पश्चात से वे अपने गांव आ गए और गांव में अपने परिजनों के साथ रहते थे। उनके तीन पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं।
फोटो कैप्शन: आइएनए सेनानी गुगन सिंह
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