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Thursday, December 3, 2020

 
भोपाल गैस कांड को याद कर दी श्रद्धांजली

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कनीना। मध्य प्रदेश राज्य के भोपाल शहर में 3 दिसम्बर 1984 को एक औद्योगिक दुर्घटना में मारे गये हजारों लोगों को क्षेत्र में याद किया। मारे गये लोगों को श्रद्धांजली दी गई।
लक्की सिंगड़ा ने कहा कि भोपाल में यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने से एक जहरीली गैस का रिसाव हुआ जिससे हजारों लोगों की जान गई। भोपाल गैस काण्ड में मिक नामक जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। जिसका उपयोग कीटनाशक बनाने के लिए किया जाता था। उन्होंने इस घटना में मारे गये लोगों को याद किया।
 उधर पिंकी यादव ने कहा कि यह दर्दनाक हादसा था जिसमें मारे गये लोग निर्दोष थे। ऐसे लोों के परिजन आज भी जूझ रहे हें। उन्होंने उन्हें याद किया। सरकार से अपील की कि उन्हें कोई सहायता दी जाए। उन्होंने कहा कि ये निर्दोष घुट घुकर मारे गये थे। उनके प्रति आज भी लोगों में सहानुभूति है।
मोहन सिंह पार्षद का कहना है कि भोपाल गैस त्रासदी को पर्यावरण की बड़ी घटना थी। इस गैस का लंबे समय तक प्रभाव रहा है। 1993 में भोपाल की इस त्रासदी पर बनाए गये भोपाल-अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को इस त्रासदी के पर्यावरण और मानव समुदाय पर होने वाले दीर्घकालिक प्रभावों को जानने का काम सौंपा गया था। उन्होंने मारे गये लोगों को श्रद्धा सुमन अर्पित किये। महेश बोहरा, देशराज सुमेर सिंह यादव आदि ने भी उन्हें याद किया।
फोटो कैप्शन: लक्की सिंगड़ा, पिंकी यादव, मोहन सिंह।

पांच दिसंबर तक ले सकते हैं प्रवेश

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कनीना। राजकीय महाविद्यालय कनीना में बीए,बीकाम एवं बीएससी प्रथम वर्ष में दाखिले के इच्छुक विद्यार्थी 5 दिसंबर तक प्रवेश ले सकते हैं। ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने किसी कारणवश अब तक प्रवेश नहीं लिया या जिनके  10 +2 परीक्षा में कंपार्टमेंट आई थी और उन्होंने इस कंपार्टमेंट को पास कर लिया है तो वह अविलंब महाविद्यालय में 5 दिसंबर तक संपर्क कर सकते हैं।
 प्रोफेसर हरिओम भारद्वाज नोडल अधिकारी प्रवेश,राजकीय महाविद्यालय कनीना ने बताया कि उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा द्वारा 5 दिसंबर तक प्रवेश के लिए अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। राजकीय महाविद्यालय कनीना में स्नातक प्रथम वर्ष में दाखिले के लिए कुछ सीटें रिक्त हैं। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त जिन विद्यार्थियों ने बीए ,बीकाम,बीएससी प्रथम द्वितीय और तृतीय वर्ष की फीस भर दी है तो वह भी अपने सभी दस्तावेज महाविद्यालय द्वारा गठित कमेटी से तस्दीक करा कर अपना फार्म जमा करावें। जो विद्यार्थी महाविद्यालय में अपना दस्तावेज नहीं जमा कराएंगे उन्हें परीक्षा में बैठने से वंचित किया जाएगा।  प्रवेश की अंतिम तिथि को महाविद्यालय देर तक खुला रहेगा। प्रवेश से संबंधित किसी भी तरह की समस्या के समाधान के लिए महाविद्यालय के नोडल अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। वे विद्यार्थी भी प्रवेश के पात्र होंगे जिन्होंने अब तक प्रवेश के लिए कहीं भी आवेदन नहीं किया है वह अपना आनलाइन फ्रेश आवेदन करके दाखिला पा सकते हैं।
 उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में अध्ययन कार्य जारी है। बीए बीएससी बीकाम प्रथम वर्ष की कक्षाएं सप्ताह में 2 दिन सोमवार मंगलवार को लगती है इसी तरह बीए बीएससी बीकाम द्वितीय वर्ष की कक्षाएं सप्ताह में 2 दिन बुधवार और बृहस्पतिवार को लगती हैं एवं बीए बीएससी बीकाम तृतीय वर्ष की कक्षाएं शुक्रवार एवं शनिवार को लगती है इसके अतिरिक्त बाकी दिनों में आनलाइन अध्ययन जारी है।

क्षेत्र में मिले 5 कोरोना संक्रमित

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 कनीना। कनीना क्षेत्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। कनीना क्षेत्र में 5 कोरोना संक्रमित मिले हैं जिनमें से एक को छोड़कर शेष सभी को घर पर आइसोलेट कर दिया गया है जबकि एक का इलाज पहले ही रेवाड़ी के पुष्पांजलि अस्पताल में चल रहा है। सुनील कुमार उप नागरिक अस्पताल ने बताया कि 29 वर्षीय धनौंदा निवासी व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया है जिस 26 नवंबर को इन्होंने सैंपल दिया था जबकि भडफ़ में 34 वर्षीय महिला कोरोना संक्रमित मिली है जिन्होंने 26 नंबर को ही सैंपल दिया था। उधर पोता में 26 नवंबर को मोबाइल टीम ने सैंपल लिया था जिसमें 20 वर्षीय युवती कोरोना संक्रमित है जबकि कनीना के वार्ड 4 से 42 वर्षीय पुरुष तथा वार्ड 3 से 56 वर्षीय पुरुष संक्रमित मिले हैं। उन्होंने 30 नवंबर को सैंपल दिया था। गांव सेहलंग में 35 वर्षीय पुरुष भी कोरोना संक्रमित पाया गया है सभी को घर पर आइसोलेट कर दिया गया है। इनमें से एक का इलाज पहले से ही पुष्पांजलि अस्पताल रेवाड़ी चल रहा है। धर्मेंद्र ने कहा कि सावधानी बहुत जरूरी है। इस वक्त सावधानी बरती जाए। सावधानी बरतने से रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। असावधानी समस्या बन सकती है।

नहरी पुल पर नहीं बनी तीन माह से सड़क

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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव उन्हाणी से चरखी दादरी मार्ग बहुत सुंदर चौड़ा बनाए जाने का काम करीब तीन माह पूर्व पूरा कर दिया गया था किंतु धनौंदा के पास गुजरने वाली बड़ी नहर का पुल सड़क मार्ग इतना जर्जर और गड्ढों युक्त है कि उन में बारिश के वक्त गंदा पानी भरा रहता है। सड़क बेहतर बनाई गयी है किंतु पुल पर सड़क न बनाये जाने से आफत बनी हुई है। बड़ी समस्या आवाजाही में बनी हुई है। बारिश का पानी इसमें जमा हो गया है। बारिश का पानी दो-तीन दिन तक सूखने का नाम नहीं लेता। ऐसे में क्षेत्र के लोगों ने मांग की है कि धनौंदा के पास नहर पर सड़क को ठीक किया जाए।
फोटो कैप्शन 6: धनौंदा के पास नहरी पुल पर जर्जर सड़क मार्ग।


नहीं हो रही रजिस्ट्री
-जेजेपी उपाध्यक्ष ने लिखा जिला उपायुक्त को पत्र 

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कनीना। कंप्यूटर में साफ्टवेयर की कमी के चलते कनीना में कनीना नगरपालिका विद इन लिमिट (कनीना नगरपालिका के क्षेत्र की जमीन की) रजिस्ट्री हो रही है लेकिन कनीना से बाहर कंप्यूटर में अर्बन आउटसाइड एमसी लिमिट कालम काम नहीं कर रहा है। जेजेपी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कंवर सिंह कलवाड़ी स्वयं परेशान होकर के एक पत्र जिला उपायुक्त सहित उच्च अधिकारियों को भेजा है। उन्होंने रक्त संबंधित को डीड पूरी करनी चाहिए किंतु नहीं हो पाई। इसी प्रकार कृषि भूमि ऋण, बिक्री डीड संबंधों की डीड नहीं हो पा रही है।
 उन्होंने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि जब वसिका दर्ज होती है तो प्रापर्टी पहचान/आईडी मांगी जाती है। कृषि भूमि की कोई भी आईडी नहीं होती जिसके चलते कनीना कृषि भूमि की आईडी उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती और डीड पूरी नहीं हो सकती। उन्होंने बताया कि वे स्वयं 27 नवंबर को रजिस्ट्रेशन फीस भर चुके हैं किंतु टोकन जारी नहीं हुआ क्योंकि उनकी कंप्यूटर में अर्बन आउटसाइड एमसी लिमिट कालम में कनीना का नाम नहीं आता। पंजीकरण हेतु अपाइंटमेंट टोकन जारी नहीं होता जिसे रजिस्ट्री नहीं हो पाती। हां कनीना में कनीना नगरपालिका दायरे में  रजिस्ट्री हो पाती है। ऐसे में कनीना क्षेत्र के लोग कृषि भूमि ऋण, विक्री डीड और ब्लड रिलेशन में डीड पूरी नहीं करवा सकते। यह साफ्टवेयर की कमी बताई जा रही है जो पंचकूला के राजस्व विभाग द्वारा ही की ठीक की जानी है। लंबे समय से परेशानी चली आ रही है जिस को सही नहीं किया जा रहा है जिससे क्षेत्र के लोगों में भारी रोष पनप रहा है है और उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस समस्या को ठीक करवा कर लोगों को राहत दी जाए।

भूगोल विषय में पास की नेट की परीक्षा

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कनीना। सुमन लता पत्नी संदीप वासी कनीना ने प्रथम प्रयास में भूगोल विषय में नेट की परीक्षा पास की है। वे कनीना के वार्ड दस सं संबंधित है। उन्होंने सूरज कालेज से भूगोल में स्नातकोत्तर किया था। वे इस सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों,पति,सास व माता पिता को देती है। इस मौके पर उन्हें बधाई देने वालों में मोहन सिंह पार्षद, विश्व हिंदु परिषद की पखंड अध्यक्ष महेश बोहरा, अशोक साहब, मनोज कुमार आदि प्रमुख हैं।
फोटो कैप्शन: सुमनलता।


 बाबा मोलडऩाथ जोहड़ का हो रहा है सौंदर्यीकरण
-खाटू श्याम मंदिर के तलाब का काम भी करेगा

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 कनीना। कस्बा कनीना के प्रसिद्ध संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ आश्रम का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। जहां संत शिरोमणि बाबा जिस प्राकृतिक जोहड़ के पास बैठकर तप करते थे उसको एक बार फिर से पानी से भरा जाएगा। इस बार पक्की चारदीवारी भी बनाई जा रही है। इस जोहड़ की ऐतिहासिकता को देखते हुए साफ पानी से भरने के लिए दैनिक जागरण ने दो साल पूर्व एक मुहिम शुरू की थी जिसके तहत पालिका प्रधान तक यह बात पहुंचाई गई थी और आखिरकार पालिका प्रधान ने दैनिक जागरण के उस कथन पर खरा उतरते हुए अब इसकी चारदीवारी बनाकर साफ पानी से भरने का निर्णय लिया है। काम चल रहा है जो लगभग पूरा होने को जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि यह जोहड़ कभी छोटी बणी (जंगल) में होता था( चारों तरफ जाल के पेड़ थे शुद्ध पानी से भरा रहता था। संत शिरोमणि मोलडऩाथ जो पूरे प्रदेश में विख्यात हैं, इस जोहड़ के किनारे बैठकर तप करते थे। यह जोहड़ साफ पानी से भरा होता था। जीव जंतु यहां विचरित करते थे। आज भी बाबा के प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि यहां मोर और गीदड़, कबूतर, चिडिय़ा और नाना प्रकार के जीव जंतु बाबा के आसपास घूमते रहते थे। परंतु कनीना बस स्टैंड स्थापना के बाद इस जोहड़ को मलिन कर दिया था और अब इस जोहड़ को सूखाकर नए सिरे से पुनरुद्धार किया जा रहा है। जिसमें इसकी चारदीवारी पक्की की जा रही है। पालिका प्रधान ने बताया की जोहड़ और बाबा की आस्था को ध्यान में रखते हुए इसका पुनरुद्धार किया जा रहा है ताकि आने वाले समय में लोग जोहड़ के दर्शन कर सके और बाबा की यादों में खो जाए।
वर्तमान में इस दौड़ की खुदाई करके चारदीवारी का कार्य पूर्ण होने को है। आने वाले समय में यह जोहड़ पूर्ण रूप से साफ पानी से भरा होगा। यहां पास में ही खाटू श्याम मंदिर 2019 में निर्मित हुआ था जिसके लिए खाटू तालाब की आवश्यकता होती हे। ऐसे में यह जोहड़ खाटू श्याम मंदिर के तालाब का काम भी करेगा। पास में ही साईं मंदिर बन जाने से विभिन्न धार्मिक स्थलों का केंद्र बाबा मोलडऩाथ आश्रम बन चुका है।
सांस रोकने की क्षमता थी बाबा में-
बाबा मोलडऩाथ विक्रमी संवत 2006 में ब्रह्मलीन हो गये थे किंतु प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि बाबा मोलडनाथ में सांस रोककर(कपाली खिंचना)पानी में समाधि लगाने की क्षमता थी। इसी जोहड़ में वे समाधि लगाते थे। किंतु समाधि लगाकर लंबे समय ठहरने की होड़ सिरसवाला जोहड़ में लगी थी। जहां बाबा रामेश्वरदास जोहड़ से जल्दी बाहर आ गये थे और बाबा मोलडऩाथ अधिक देर रहे थे जिसके चलते उन्हें निमोनिया हो गया था। बाद में वे ब्रह्मलीन हुये।
फोटो कैप्शन 5 जोहड़ निर्माण कार्य का नजारा।

11 गांवों से लाया जाता है प्रतिदिन गो-ग्रास -हुकुमचंद आर्य
-पांच गाडिय़ां कर रही हैं सेवा

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कनीना। यूं कनीना में श्रीकृष्ण गौशाला की स्थापना 2003 में की थी तथा प्रथम प्रधान सतबीर सिंह बोहरा के नेतृत्व में अहम कदम उठाए गए थे किंतु वर्तमान में श्रीकृष्ण गौशाला में प्रतिदिन पांच विभिन्न गाडिय़ां गो ग्रास लाकर गायों की सेवा कर रही है। गौशाला कनीना में 1700 गौ वंश हैं। प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से सभी लोग गायों की सेवा में जुटे हुए हैं। ये विचार श्रीकृष्ण गौशाला कनीना के प्रधान हुकुमचंद आर्य ने व्यक्त किए। उन्होंने बताया की तीन गौशाला की गाडिय़ां तो प्राइवेट गाडिय़ां करीरा, गाहड़ा, सीहोर उन्हाणी, चेलावास, बव्वा,बिसोहा,लूखी, उन्हाणी, भडफ़ एवं कनीना में प्रतिदिन जाती हैं।  डेढ़ वर्ष पूर्व एक ही गाड़ी गो ग्रास के लिए लगाई गई थी।
गौ ग्रास के लिए वर्तमान में 5 गाडिय़ां लगी हुई है जिसमें तीन गाडिय़ां पर प्रतिमाह 12,000 रुपये का तेल खर्च होता है लेकिन प्रतिदिन 35 से 40 माण(एक मण में 40 किलोग्राम) दलिया, आटा, रोटी तथा विभिन्न सामग्री लेकर आती है। यही नहीं सभी गाडिय़ां 750 मण अनाज भी प्रतिमाह इक_ा करके लाती है। लोग गायों के लिए अहं भूमिका निभा रहे हैं।
 उन्होंने बताया कि कनीना गो ग्रास गाड़ी में हेल्पर है बाकी किसी भी गाड़ी में कोई हेल्पर नहीं है। गाड़ी में एक म्यूजिक सिस्टम लगा हुआ है जिसकी आवाज सुनकर लोग अपने अपने घरों में रखी हुई रोटियां तथा अन्य गो ग्रास गाड़ी में डाल देते हैं। गो ग्रास इक_ा करके सीधा गौशाला पहुंचाया जाता है। दो गाडिय़ों में दानपात्र रखा हुआ है जो दान इक_ा करके भी आती है।
प्रधान हुकुमचंद का कहना है कि हमारे पूर्वज गायों के लिए अलग से रोटी रखते थे जो परंपरा आज भी चली आ रही है। खाना खाने से पहले गो ग्रास रखा जाता है जो गायों की सेवा है तथा  भारतीय सभ्यता और संस्कृति को दर्शाता है। गायों को माता का दर्जा दिया है इसलिए भी गायों की सेवा के कार्य प्रत्यक्ष या परोक्ष तरीका बेहतरीन माना जाता है।
      उधर कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला की गाड़ी गो ग्रास लेने के लिए रोजाना गलियों से गुजरती है जिसमें विभिन्न लोग अन्न एवं चारा डाल देते हैं। गाड़ी गो ग्रास को गौशाला ले जाकर गायों की सेवा करती है। क्षेत्र में गायों के लिए यह एक बेहतर पहल है। इस पहल से आम व्यक्ति जागरूक हुआ है और घर से बचा हुआ खाद्य पदार्थ गायों के रख देते हैं। यह गो ग्रास उनदूध न देने वाली गायों के लिए होता है।
फोटो कैप्शन दो: गो ग्रास की गाड़ी।


पूरे जिले में है महज एक उप अग्निशमन अधिकारी 

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 कनीना। पूरे जिला महेंद्रगढ़ में जहां नारनौल एवं महेंद्रगढ़ दो अग्नि शामक केंद्र स्थापित है वही कनीना, अटेली, और नांगल चौधरी में अभी निर्माणाधीन अग्निशमन केंद्र चल रहे हैं। पूरे जिला में जहां महज एक अग्निशमन अधिकारी तथा एक उप अग्नि शमन अधिकारी कार्यरत है जिन पर पूरे जिले की आग बूझाने की जिम्मेदारी है।
 इन लोगों पर है 1999 में सेवा में आए कनीना निवासी राकेश कुमार उप अग्निशमन अधिकारी बतौर महेंद्रगढ़ कार्यरत है। गुडग़ांव में मुख्य अग्निशामक होते थे जो  2013 में महेंद्रगढ़ पदोन्नत होकर आए हैं जहां गुडग़ांव में प्रतिदिन चार से पांच आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने का कार्य किया है।
राकेश कुमार ने अब तक 20 से 25 लोगों की जान बचाई है। उप अग्निशमन अधिकारी राकेश कुमार से संबंध में चर्चा की तो उन्होंने बताया कि आग की सूचना उन तक आती है तो वे तुरंत कार्रवाई कर 40 सेकेंड में गाड़ी रवाना कर देते है। गाड़ी में एक चालक और अग्निशामक होते है। तुरंत मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया जाता है। उनका उद्देश्य होता है किसी प्रकार जानकी तत्पश्चात जान न हो तो माल माल को बचाने का प्रयास किया जाता है।  यह बताते हैं कि जहां कनीना में रोक की पार्षद के यहां फैक्ट्री में करोड़ों रुपए का सामान जलने से बचाया था भाई महेंद्रगढ़ शापिंग कंपलेक्स में उन्होंने भारी माल को बचाया था।अब तक डेढ़ सौ के करीब मेजर फायर
तथा रेस्क्यू फायर आपरेशन में अहं भूमिका निभा चुके हैं। उन्होंने बताया कि अग्निशमन यंत्र के तहत उनकी गाड़ी वाटर टेंडर नाम से जानी जाती है जिसमें 4500 लीटर पानी भरा होता है जो 2 से 4 घंटे तक आग पर काम कर सकती है। यदि तेल में आग लगती है तो फोम(झाग) टेंडर नामक गाड़ी आग बूझाने के लिए जाती है। लेकिन महेंद्रगढ़ में दो वाटर ब्राउजऱ है जिनमें 10,000 लीटर तक पानी आता है। यदि तुरंत मौके पर पहुंच जाए तो आग पर काबू पाया जा सकता है आग से बचने आग बुझाने तथा आग के बारे में विस्तृत जानकारी समय-समय पर स्कूलों में भी कैंप लगाते  हैं। 14 से 20 अप्रैल के बीच फायर वीक मनाया जाता है जिसमें वे तुरंत जाकर उन्हें आग पर काबू पाने की जानकारी देते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें बेहद खुशी होती है जब कोई जान माल बच जाता है और भी हर बार लगभग सफल होते हैं। वे बताते हैं कि कभी कभी इंसान की जान आग में चली जाती है।  
उधर फायर अधिकारी राकेश कुमार का कहना है कि सरकार ने नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 लागू किया हुआ है जिसकी टेबल नंबर 7 लागू की हुई है। इस टेबल का अगर पालन सही तरीके से किया जाए तो आग पर जैसी दुर्घटना के समय आग पर काबू पाया जा सकता है तथा जान माल की हानि से बचा जा सकता है। उन्होंने आग रोकने के लिए सभी संस्थानों में फायर फाइटिंग सिस्टम आदि लगाने की बात कही। उनका कहना है कि सभी व्यवसायिक संस्थानों में अग्निशमन यंत्र का डेमो दिलवाना चाहिए।
फोटो केप्शन: राकेश कुमार।

प्रश्रोत्तरी में पाये अधिक स्थान

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कनीना। भारत विकास परिषद् द्वारा जिला स्तरीय  भारत को जानो प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें कनीना शाखा के राजकीय एवं निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों में  आरआरसीएम पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने इस प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए सर्वाधिक स्थान प्राप्त किए।
प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में कक्षा 8वीं की छात्रा पूजा ने 100 में से 92 अंक प्राप्त कर के प्रथम स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता के वरिष्ठ वर्ग में कक्षा 9वीं की  छात्रा अंकिता ने 100 में से 98 अंक प्राप्त कर दूसरा स्थान प्राप्त किया।
इस अवसर पर संस्था के चेयरमैन रोशन लाल यादव ने कहा कि भारत विकास परिषद् द्वारा आयोजित प्रतियोगिता अपने आप में एक विशेष महत्व रखती है। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में भारतीय संस्कृति की समझ उसके प्रति रुचि एवं लगाव की भावना का भी विकास करना है। उन्होंने सफल विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई एवं शुभ.कामनाएं प्रदान की।
इस अवसर पर संस्था के निदेशक संजय यादव एवं संस्था के प्राचार्य नरेन्द्र गौतम ने भी प्रतियोगिता में सफल विद्यार्थियों को बधाई दी हैं।
फोटो कैप्शन 1:आरआरसीएम के भारत जानों प्रतियोगिता में अव्वल रहे विद्यार्थी।

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