नहर के पुलिया की खस्ती हालत से कभी भी हो सकता है हादसा
*********************************
*******************************
******************************
कनीना। उपमंडल के गांव धनौन्दा के पास से गुजर रही जवाहरलाल नेहरू नहर पर बने पुलिया की दीवार छोटी होने के कारण इस से निकलने वाले राहगीरों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
लगभग तीस वर्ष पहले इस पुल का निर्माण हुआ था जो इतना बीत जाने के बाद भी यह समस्या ज्यों कि त्यों बनी हुई है। गांव के रत्तन सिंह, पूर्ण सिंह तंवर, मुकेश कुमार, पवन प्रजापत, हनुमान सिंह आदि ने जानकारी देते हुए बताया कि कनीना से दादरी जाने वाली सड़क पर धनौन्दा गांव के पास से गुजर रही जवाहरलाल नेहरू कैनाल नहर पर बनी पुलिया से आए दिन हजारों वाहन आते-जाते है जिसके कारण इस पुलिया की हालत बिलकुल ही नाजुक बनी हुई है जो कभी भी गिर कर एक बड़े हादसे को न्योता दे रही है लेकिन इस और अब तक नही तो प्रशासन ही ध्यान दे रहा है और जिसके चलते कभी भी किसी की जान जा सकती है। ग्रामीणों ने इस उक्त पुलिया को जल्द से जल्द नया बनाने व चौड़ी करने की मांग कि है ताकि इस मार्ग से निकलने वाले लोगों की जान बचाई जा सके।
दुल्हन ने ज्योंहि गांव में कदम रखा वोट बनवाने की आई याद
*********************
कनीना। एक तरफ लोग वोट बनवाने एवं डालने आदि में सुस्ती दर्शाते हैं वही कनीना उपमंडल के गांव सीहोर में नवविवाहित जोड़ा ज्योंहि शादी से लौटकर गांव आया तुरंत स्कूल पहुंचा और वोट बनवाने के लिए आवेदन किया।
प्राप्त विवरण अनुसार सीहोर निवासी सचिन की शादी गोरखपुर ,उत्तर प्रदेश में प्रिया रंजन से हुई। विवाह से जोड़ा शनिवार की रात्रि को गांव पहुंचा और फिर सुबह होते ही ब्रह्मचारी आश्रम की धोक लगाने के लिए पहुंचा। धोक लगाकर उन्हें तुरंत अपने वोट की याद आई।
नवविवाहित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में सीधा वोट बनवाने पहुंचा। सचिन ने बताया कि उनका वोट तो पहले से बना हुआ है किंतु उनकी पत्नी का वोट नहीं बना था। इसलिए दोनों मिलकर स्कूल में पहुंचे। दोनों को विवाह कपड़ों में देखकर जहां वोट बनाने वाले भी खुश हुए वहीं वोट बनवाने में प्रसन्नता महसूस हुई। सचिन ने बताया कि वह उनका अधिकार होता है इसलिए उन्होंने सोचा कि आज वोट बनवाने के लिए अंतिम दिन है तो क्यों न वोट बनवाया जाए। उल्लेखनीय है कि नए वोट बनाने, काटने आदि का कार्य जहां 28 एवं 29 नवंबर को प्रथम चरण में चला था वहीं अब द्वितीय चरण में दिसंबर 12 और 13 दिसंबर को चला। रविवार को वोट बनवाने/शुद्धिकरण का अंतिम दिन था। यही कारण है कि नवविवाहित दंपति सीधा स्कूल पहुंचा और उन्होंने अपना वोट बनवाया। उनके इस निर्णय पर लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त की है।
फोटो कैप्शन 10: नवविवाहित जोड़ा वोट बनवाते हुए।
कोहरे ने रोकी वाहनों की रफ्तार
**********************
पहली धुंध पड़ी, हाथ सेकते नजर आए लोग
कनीना। रविवार सुबह पड़े कोहरे ने वाहनों की रफ्तार कम कर दी। दोपहर तक कोहरे के चलते वाहन घोंघे की चाल से चलाए गए। इस वर्ष दिसंबर माह में पहली बार कोहरा पड़ा है। दिनभर शीत लहर चली।
धुंध से हुई सर्दी के चलते आम जन प्रभावित हो गया है। लोग गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आए। गर्म कपड़ों की मांग बढ़ गई है वहीं सुबह से ही ठिठुरन बढ़ जाने से लोग रजाइयों एवं कंबलों में लिपटे नजर आए। आग के सामने लोगों ने हाथ गर्म किए। 14 दिसंबर से स्कूल भी लग रहे हैं।
दोपहर तक हैड लाइट जलाकर वाहन सड़कों पर चलते रहे वहीं सड़कों पर धुंध व कोहरे में वाहन चलाने के लिए अतिरिक्त प्रबंध प्रशासन द्वारा नहीं किए गए हैं। वाहन धीमी गति से रेंग रहे थे।
दोपहर तक सूर्यदेव के दर्शन दुर्लभ रहे। सुबह से ही धुंध पडऩे लगी और दोपहर के बाद कम होने के बाद सूर्य लुक्का छिपी करता नजर आया।
किसान कृष्ण कुमार, योगेश कुमार, राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार, सूबे सिंह का कहना है कि कोहरा एवं धुंध का सरसों की उगाई फसल पर बेहतर असर पड़ेगा। कृषि वैज्ञानिक भी धुंध को फसल के लिए बेहतर मान रहे हैं।
धुंध पडऩे से सांस के मरीज तथा दिल के मरीजों को भारी तकलीफ हो रही है। कनीना डा वेदप्रकाश का कहना है कि अधिक धुंध में सांस के रोगियों को तो समस्या बनती ही है वहीं दिल के रोगी भी परेशानी भुगतते हैं। यही कारण है कि असामयिक मौत बढ़ जाती है। उधर वाहन चालकों का कहना है कि उन्हें घोंघे की चाल से वाहन सड़कों पर चलाने पड़ते हैं। अधिक पैट्रोल पीकर कम माइलेज दे रहे हैं। दुकानदार तो दिनभर आग सेकते देखे गए। बच्चे भी स्कूल जाते वक्त हाथ सेकते देखे गए। दोपहर बाद कोहरा कम हो गया तथा कोहरे के बीच पीली सरसों महकने लगी।
फोटो कैप्शन 8: कोहरे में नजर आते पेड़ व भवन।
वकीलों पर दर्ज मुकदमे वापस हो- यूनियन
********************************
कनीना। कनीना के 132 केवी पावर हाउस प्रांगण में एससीबीसी पावर कारपोरेशन एम्पलाई यूनियन की एक बैठक यूनिट प्रधान सज्जन सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें महेंद्रगढ़ में जिला मुख्यालय की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्षरत वकीलों का समर्थन किया गया तथा सरकार से मांग की कि संघर्ष के दौरान वकीलों पर दर्ज किए गए मुकदमे वापस लिए जाएं तथा बार एसोसिएशन से बातचीत करके तुरंत प्रभाव से लंबे समय से चली आ रही मांग का समाधान किया जाए।
इस मौके पर प्रदेश उप महासचिव राजेंद्र सिंह नौताना, सर्कल आर्गनाइजर राजेंद्र सिंह कपूरी, सब यूनिट प्रधान धर्मपाल सिंह, सब-यूनिट प्रधान बाबूलाल, सब यूनिट सचिव राजेश कुमार आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 9: पारित किए गए प्रस्ताव दिखाते प्रधान सज्जन सिंह
दो दिनों तक 57 वोट बनाए गए
-28 एवं 29 नवंबर को बने थे 28 वोट
***************************
कनीना। चुनाव आयोग के आदेश अनुसार एक जनवरी 2021 को 18 वर्ष आयु आधार मानते हुए कनीना के 11 बूथों पर शनिवार एवं रविवार को वोट बनाने का काम चला। रविवार को भी बूथों पर बीएलओ वोट बनाते रहे। दो दिनों में 11 वार्डों में 57 वोट बनाने, काटने, शुद्धिकरण का काम किया गया। विगत 28 एवं 29 नवंबर को भी यही काम चला था। उस वक्त 28 वोट बनाए एवं काटे गये थे। ये वोट विधानसभा/लोकसभा सूचि में नये वोट जोड़े जाएंगे। कनीना पालिका के 13 वार्ड हैं जबकि विधानसभा/लाकसभा में कनीना के 11 वार्ड हैं।
विस्तृत जानकारी देते हुए सुनील कुमार,सुशील, लाजपत आदि बीएलओ ने बताया कि जिनकी उम्र 18 वर्ष उन्होंने विभिन्न बूथों पर दो दिनों तक वोट बनाए गए हैं। बीएलओ ने बताया कि प्रथम जनवरी 2021 को आधार मानते हुए जिन युवाओं की उम्र 18 वर्ष हो गई हैं उनके नए वोट बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वोट बनाने के अलावा शुद्धीकरण, वोट शिफ्टिंग का कार्य भी किया गया है। नया वोट बनवाने के लिए फार्म नंबर 6, कटवाने के लिए फार्म नंबर 7, शुद्धिकरण के लिए फार्म 8 भरा गया। उल्लेखनीय है कि कनीना, अटेली विधानसभा के तहत आता है। विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न मतदाता जिनकी उम्र 18 वर्ष हो गई है अपना वोट बनवाने के लिए निर्धारित फार्म भरकर जमा करवाये। कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक 18, राजकीय कन्या उच्च विद्यालय 12, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय 12, राजकीय प्राथमिक पाठशाला में 15 वोट बनाये गये।
फोटो कैप्शन 7 : वोट बनाते हुए बीएलओ।
डराने धमकाने एवं हथियार रखने का का माला दर्ज
*****************************
कनीना। उपमंडल के गांव खेड़ी निवासी राजवीर सिंह 65 वर्षीय बुजुर्ग ने कनीना पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है कि वो गरीब बुजुर्ग है। उनके घर में खुशीराम पटौदी हाल आबाद गुडग़ांव तथा मंजू पत्नी बलवान सिंह थाना कनीना निवासी आपस में अवैध संबंध रखते है। मंजू उनकी पुत्रवधू है। खुशीराम पहले से ही चोरी-छिपे हथियार रखता है तथा उनकी पुत्रवधू से मिलता था परंतु आप दोनों सरेआम घर में अवैध रूप से रह रहे हैं। उन्हें तथा उनके बेटे बलवान को घर से मारपीट करके निकाल दिया। पंचायत भी की किंतु वह आपने गुंडों के साथ जोर जबरदस्ती करता है यदि कोई आवाज उठाता है तो उन्हें मारने की धमकी देता है। अवैध हथियार दिखाकर डराता धमकाता है। बुजुर्ग ने पुलिस में शिकायत देकर उनका मकान खाली करवाने की मांग की है तथा उन्हें सजा दिलवाने की मांग की है। बुजुर्ग ने बताया कि वह तथा उनकी पत्नी बुजुर्ग हैं। इसलिए रहने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। यदि दोनों को घर से बाहर निकलने की बात कहते हैं तो जान से मारने की धमकी देता है। कनीना पुलिस ने बताया कि मंजू व खुशीराम रिलेशनशिप में रहना चाहते हैं। यह बात मंजू ने दर्ज करवाई है किंतु बुजुर्ग के घर में रहने पर नाराजगी है तथा खुशीराम अवैध हथियार रखता है इसलिए उनके विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
अजय का भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट में चयन होने पर गांव वासियों किया स्वागत
*****************************
कनीना। भडफ़ गांव के अजय शर्मा का भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट में चयन होने पर गांव वासियों में खुशी की लहर बन रही है। गांव वासियों ने अजय शर्मा का गांव में पहुंचने पर फूल माला पहनाकर सम्मानित किया।
अजय शर्मा के लेफ्टिनेंट पद पर चयन होने की सूचना गांव में जैसे ही पहुंची तो गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। अजय शर्मा ने बताया कि परिवार का सपना था कि वह सेना में अधिकारी बनकर देश की सेवा करे। अजय के पिता मोहन शर्मा गुजरात में ट्रांसपोर्ट का व्यापार करते हैं, तथा उनकी माता रामकला ग्रहणी है। अजय शर्मा ने बारहवीं कक्षा की पढ़ाई के बाद एनडीए ज्वाइन किया। आईएमए देहरादून में 1 साल की ट्रेनिंग के बाद कमीशन प्राप्त हुआ। अजय ने परिवार के सपने का पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की और उसकी मेहनत रंग लाई और उसका चयन सेना में लेफ्टिनेंट पद के लिए किया गया। अजय ने बताया कि मेरे सेलेक्शन का श्रेय मेरे ग्राम वासियों बड़े बुजुर्गों को जाता है। जिनसे एकाग्रता से पढऩा लिखना सीखा ।
गांव के सरपंच महेंद्र यादव ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि युवा सेना में शामिल होकर देश की सेवा कर सकते हैं। इसके लिए युवा कड़ी मेहनत करें। मेहनत से कठिन से भी कठिन लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। इस अवसर पर सरपंच महेंद्र यादव, पूर्व सरपंच रामस्वरूप, ओमप्रकाश ठेकेदार, कैप्टन राम प्रसाद, रघुबीर नंबरदार, गोविंद शर्मा, मोहन लाल शर्मा, कृष्ण कुमार शर्मा, मंजुल पंच, जितेंद्र कुमार, ओम प्रकाश यादव सहित ग्राम वासियों ने अजय की इस उपलब्धि पर बधाई दी।
फोटो कैप्शन 08: अजय शर्मा का सम्मान करते हुए ग्रामीण।
स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों को मुफ्त यात्रा सुविधा देना बेहतरीन कदम- राजेश
*************************
*****************
कनीना। स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के मान सम्मान की आवाज बुलंद करने वाले शिक्षक व समाज सेवी राजेश उन्हाणी ने पंजाब प्रांत की कैप्टन सरकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों के कानूनी उत्तराधिकारियों को पंजाब रोडवेज व पीआरटीसी में मुफ्त सफर करने की सुविधा को एक सम्मानीय फैसला बताया है। इसकी उन्होंने मुक्त कंठ से प्रशंसा की है।
पंजाब सरकार के नए फैसले के अनुसार पंजाब रोडवेज व पीआरटीसी में स्वतंत्रता सेनानियों के लिए मुफ्त सफर की सुविधा का दायरा बढ़ाकर तीसरी पीढ़ी तक के सभी योग्य उत्तराधिकारियों लड़का/लड़की, पोता/पोती, दोहता/दोहती तक कर दिया है। उन्होंने हरियाणा सरकार से मांग की है वह भी स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के मान सम्मान के लिए हरियाणा रोडवेज व सहकारी बसो में स्वतंत्रता सेनानियों के तीसरी पीढ़ी के उत्तराधिकारियों को मुफ्त सफर की सुविधा प्रदान करे।
इसके साथ साथ स्वतंत्रता सेनानी परिवारों को सरकारी सेवा में 2 प्रतिशत प्रतिशत सीधा आरक्षण व उत्तराखंड राज्य की तर्ज पर स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारियो के लिए सम्मान पेंशन की लंबित मांगो पर भी हरियाणा सरकार विचार करे।
योग में करियर बनाएं और दूसरों को दें स्वस्थ जीवन
-कनीना में योग ट्रेनिंग कैंप का हुआ आयोजन
**************************************
कनीना। बीएमडी ग्रुप आफ संस्थान महेंद्रगढ़ द्वारा इंडियन काउंसिल फार वोकेशनल ट्रेनिंग सम्बन्धित नेशनल स्किल डेवलपमेंट कोर्पोरेशन एवं ग्रामीण स्किल डेवलपमेंट मिशन के संयुक्त तत्वाधान में कान्हा जी स्कूल प्रांगण कनीना में योग ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया। इस योग कैम्प में योगा ट्रेनर के रूप में सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर बीएसएफ सुरेश कुमार ने युवाओं को योगाभ्यास कराकर प्रशिक्षित किया। इस योगा शिविर का मुख्य उद्देश्य युवाओं को योगा के बारे में जागरूक करना हैं। यह योगा ट्रेनिंग कैंप आनलाइन और आफलाइन दोनों मोड में आयोजित हुआ।
आइसीवीटी संस्थान के निदेशक इंद्रजीत शर्मा एवं लक्की सीगड़ा ने सभी युवाओं का संस्थान में पहुँचने पर स्वागत कर कहा की स्वस्थ एवं निरोगी जीवन जीने के लिए योग जीवन का अभिन्न अंग होना चाहिए। हम सभी लोग बड़े किस्मत वाले हैं कि भारत के निवासी हैं और योग हमारे संस्कृति में बसा हुआ है। योग का महत्व किसी से छुपा हुआ नहीं है। हम इसे विशेष महत्व देते हैं हमारा दिन योग से ही शुरू होता है। योग शब्द का अर्थ है - आपने आप को वास्तविकता में लाना। योग शब्द को केवल व्यायाम से ना जोड़े। यह एक सुंदर अभ्यास है जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को बनाता है, यह शारीरिक स्वास्थ्य को स्थिर और आध्यात्मिक विकास करता है। योग मानवता के लिए एक चमत्कारी वरदान है। हमारी बदलती जीवनशैली में योगा चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है। भविष्य में भी संस्थान द्वारा क्षेत्र के युवाओं के लिए नियमित रूप से योगा शिविर का आयोजन किया जाएगा। योग से न सिर्फ आपका मानसिक संतुलन ठीक रहता है बल्कि कसरत, मेडिटेशन से आपकी बाडी भी फिट रहती है और शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। लोगों के फिट रहने की आदत ने योग में करियर की नई राहें खोल दी है। यही वजह है कि युवा योगा ट्रेनर के रूप में भी करियर बना रहे हैं।
योग ट्रेनर इंस्पेक्टर सुरेश कुमार ने भी युवाओं को योगाभ्यास कराते हुए योगा की महत्ता के बारे में बताते हुए कहा की योग का एक महत्वपूर्ण बिंदु वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करना होता है। योग का अभ्यास करते समय ध्यान, गहरी साँस लेने और अपने साँस को नियंत्रित करना होता है । योग मन के उतार-चढ़ाव को शांत करता है। योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है, यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है। मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है। योग विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है।
कार्यक्रम के कोर्डिनेटर नरवीर सिंह ने भी बताया की योग ऐसी सहज और स्वाभाविक विधि है, जो मनोवृत्ति में सकरात्मक बदलाव लाती है। योग करने से कई तरह की गंभीर बीमारियां ठीक हो जाती हैं तथा इससे मन और शरीर स्वस्थ रहता है। प्रतिदिन योग करने से मोटापा, मधुमेह, तनाव, अनिद्रा आदि समस्याओं से निजात मिल जाती है। मनुष्य को नियमित रूप से योग करना चाहिए, चाहे थोड़े समय के लिए ही करें।
गौरतलब हैं की हरियाणा द्वारा योगा को विषय में लागू कर देश का प्रथम राज्य बन चुका हैं। गत दिनों हुई घोषणा में अगले शैक्षणिक सत्र से सभी सरकारी स्कूलों में योग को अलग विषय के रूप में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हरियाणा योग परिषद की बैठक में लिये गए इस फैसले का उद्देश्य छात्रों के बीच योग अभ्यास करने की आदत पैदा करना है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सरकार ने राज्य में 1,000 और योगशालाएं स्थापित करने का भी फैसला किया। बयान में कहा गया है, 'योग को एक अप्रैल, 2021 से शुरू होने वाले अगले शैक्षणिक सत्र से राज्य भर के सभी सरकारी स्कूलों में एक अलग विषय के रूप में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
इस योग शिविर में संस्थान एमडी पिंकी यादव,कोर्डिनेटर नरवीर सिंह,रचना शर्मा,प्रियंका प्रजापति, सोनू यादव, पंकज कुमार, धनेन्द्र,नवीन कुमार , अतुल कुमार, जतिन, पवन कुमार, सन्नी वर्मा, विनोद, योगेश कुमार, तुषारकान्त, चेतन ,अनिल कुमार,सज्जन सिंह ,सुखवीर ,समशेर,सचिन,राकेश सहित अन्य युवा उपस्थित थे।
फोटो केप्शन 1 व 2: कनीना के कान्हाजी स्कूल में योग करते जन।
मिर्च उत्पादन में किसान ने बनाया रिकार्ड
-मिर्च के दम पर खरीदे कई एकड़ जमीन
*****************************
कनीना। 28 साल से मिर्च उगा कर किसान ने एक रिकार्ड बनया और केवल मिर्च के दम पर कई एकड़ जमीन खरीद ली ।
उपमंडल कनीना के गांव चेलावास में किसान संदीप पुत्र शमशेर सिंह ने मिर्च की खेती करके इलाके में नाम कमाया है। संदीप ने शुरुआती शिक्षा अपने गांव से ही ली उसके बाद उन्होंने कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से 12वीं कक्षा पास की। संदीप के पिता शमशेर सिंह ने 1972 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कृषि से स्नातक किया था। संदीप बताते हैं कि उनकी तीन पीढ़ी में कभी किसी ने नौकरी नहीं की, केवल खेती के दम पर अपना कार्य कर रहे हैं । संदीप के तीन बहन हैं उन सभी की शादी कर दी संदीप की शादी 2003 में हुई थी । संदीप का मन खेल में बहुत लगता है। 2017 में रस्साकशी खेल प्रतियोगिता करनाल में सबसे पहला इनाम लेकर के आए थे। संदीप ने बताया कि हमारे पूर्वज सब्जी की खेती करते आ रहे हैं। एक बार सब्जी बेचने के लिए वे अपने पिता के साथ मंडी में गया था तब उन्होंने देखा कि मंडी में मिर्च का भाव बहुत तेज था। उसके बाद घर आकर हमने परिवार के साथ चर्चा की कि सभी सब्जियों के साथ मिर्च भी उगाई जाए। पहली बार 1992 में 6 कनाल में मिर्च उगाई थी। इसके अलावा बाकी खेत में टमाटर, बैंगन आदि सब्जियां उगाई थी। लेकिन अकेली मिर्ची ने और सभी सब्जियों से हमें 10 गुना मुनाफा दिया। उसके बाद हमने घर में एक डेयरी भी कर ली। डेयरी में अलग-अलग नस्ल की गाय और भैंस से रखी हुई थी। आसपास के क्षेत्र के लोग दूध के लिए सुबह शाम खेत में आते थे। दूध के साथ-साथ सब्जियां भी यहीं से लेकर जाते थे। 1992 से लगातार मिर्च उगा रहे हैं। सारा पैसा इक_ा करके हमने कई एकड़ जमीन खरीदी है । संदीप ने बताया कि लाक डाउन के कारण इस वर्ष कुछ अच्छी आय नहीं हुई फिर भी एक किले में 5 लाख की पैदा अभी तक ले चुके हैं । जब मिर्च लाल हो जाती है तो उसको सूखा कर बेचने का काम भी करते हैं।
किसान संदीप ने बताया कि घर पर ही पौध तैयार करते हैं। 11 महीने के बीच में पौध बनाने की तैयारी करते हैं। अधिक सर्दी होने के कारण उसको जनवरी में नहीं लगाते । फरवरी को इन पौध की रोपाई शुरू कर देते हैं ।
खेत में पहले बेड ढाई फुट चौड़ाई के हिसाब से बनाते हैं । उसके बाद बेड पर ड्रिप सिस्टम लगा दिया जाता है। तत्पश्चात बेड के दोनों तरफ पौधे लगा दी जाती है । निराई गुड़ाई का मिर्च में बहुत ध्यान रखा जाता है। इसके लिए हमने गांव के 10 व्यक्तियों को रोजगार दे रखा है । इनको पूरे साल का काम हम देते हैं ।आसपास के चेलावास, रसूलपुर गुढ़ा, उन्हानी, ककराला, कनीना, मोहनपुर, नांगल इत्यादि गांव के लोग अचार डालने के लिए खेत से ही मिर्च लेकर के जाते हैं ।
जिला बागवानी अधिकारी डा मनदीप यादव ने बताया कि चेलावास गांव में किसान मिर्च की खेती उगाने के लिए मशहूर हैं। मिर्च का भवांतर योजना के तहत अब की बार शामिल कर लिया गया है । मिर्च की खेती करने के लिए सबसे पहले खेत को अच्छे तरीके से तैयार कर लेना चाहिए । पोषक तत्वों से भरपूर बलुई-दोमट मिट्टी इसके लिए आदर्श है। मृदा में आक्सीजन की कमी इसके उपज को कम करता है। अत: इसके खेतों में जलनिकास की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।
फलों की तुड़ाई
री मिर्च हेतु तुड़ाई पुर्णत: तैयार होने के बाद लाल मिर्च होने के पूर्व हरी अवस्था में ही करते हैं। यह प्राय: रोपाई से 30 वें दिन से आरंभ हो जाता है। हरी मिर्च सप्ताह में दो बार तोड़ते हैं।
फोटो कैप्शन 1,2,3: मिर्च की खेती में खड़े किसान संदीप व शमशेर सिंह।
No comments:
Post a Comment