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Tuesday, December 22, 2020








जीना मरना सब प्रभु के हाथ-संतोष
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कनीना। जीना मरना प्रभु के हाथ है। मौत के बाद अच्छाई साथ चलती है। जो पापों से भरा होता है नरक में जाता है तथा पुण्य आत्मा स्वर्ग में वास करती है। ये विचार पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव ने भाजपा कनीना बीजेपी के मंडल महामंत्री, भारत विकास परिषद् व विश्व हिंदू परिषद के सदस्य देशराज के पिता महावीर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये व्यक्त किये।
   उन्होंने कहा कि  सभी को एक ना एक दिन भगवान के घर जाना होगा। ऐसे में गम नहीं करके ईश्वर का ध्यान देना चाहिए ताकि दिवंगत आत्मा को शांति मिल सके और भगवान के चरणों में उस जीव का वास हो। इस मौके पर उन्हें निगरानी समिति के चेयरमैन मुनीलाल साहब, मंडल अध्यक्ष अतर सिंह, मण्डल महामंत्री लख्मीचन्द, मण्डल मंत्री नीलम, राजकुमार चेयरमैन,ओमप्रकाश लिशानियां, हरिराम मितल, कंवरसैन वशिष्ठ, मोहन सिंह पार्षद,हंसराज भडफ़, रणसिंह खेड़ी, महामंत्री कृष्ण पाथेडा, ने अपने पुष्प अर्पित कर के स्व.महाबीर सिंह को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवार को हिम्मत बंधाते हुए कहा कि होनी के आगे किसी का भी बस नहीं चलता। भगवान दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और अपने चरणों में स्थान दें।
फोटो कैप्शन 6: भाजपा के पदाधिकारी महाबीर सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुये। फोटो: मृतक का पुत्र देशराज द्वारा

वर्ष 2019 का शिक्षा का लेखा-जोखा
 क्षेत्र को मिले दो माडल संस्कृति स्कूल
-शिक्षा के क्षेत्र में कभी नहीं भुलाया जाएगा यह वर्ष
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 कनीना। कहने को तो जहां वर्ष 2019 में विद्यार्थियों की कोई पढ़ाई नहीं हो पाई, कोरोना की मार इस कदर पड़ी कि बार-बार लाकडाउन करना पड़ा। विद्यार्थी और अभिभावक घरों में छुपे रहे, दुकान, प्रतिष्ठान, शिक्षण संस्थान सभी बंद रहे। भारी नुकसान हुआ, कितने ही कर्मियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा जिसमें शिक्षा विभाग भी पीछे नहीं रहा है।
 शिक्षा के क्षेत्र में जहां कनीना कस्बा अग्रणी माना जाता रहा है, यहां कालेज एवं स्कूल आदि की भरमार रही है किंतु वर्ष 2019 में कनीना कस्बे में खोया अधिक है तथा पाए हैं दो माडल संस्कृति स्कूल।
पहला माडल संस्कृति स्कूल राजकीय कन्या उच्च विद्यालय परिसर में स्थित राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला को प्राप्त हुआ है। यह विद्यालय जहां समय-समय पर नाम कमाता रहा है वहीं यहां मतदान के समय भी पिंक बूथ बनाया गया था। इसी  प्राथमिक विद्यालय को माडल संस्कृति का दर्जा दे दिया गया है। इसके लिए कार्रवाई पूर्ण कार्रवाई की जा रही है अभी तक कुछ कार्रवाई चल रही हैं। यद्यपि इन स्कूलों का शिक्षक संघों ने बहिष्कार किया, आंदोलन चलाया किंतु शिक्षा विभाग अडिग रहा है और कनीना में यह पहला माडल संस्कृति स्कूल स्थापित कर दिया गया है।    कनीना का बहुत पुराना स्कूल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बाल को भी माडल संस्कृति का दर्जा मिला है। उल्लेखनीय है कि कभी इस स्कूल को हायर सेकेंडरी स्कूल नाम से जाना जाता था, उसका भवन वर्तमान में स्थित राजकीय कन्या उच्च विद्यालय की जगह होता था। तत्पश्चात नई शिक्षा नीति के तहत इस विद्यालय को नए भवन परिसर में स्थानांतरित कर दिया गया। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना बाल का पुराना इतिहास रहा है, कितने ही विद्यार्थी यहां शिक्षा पाकर ऊंचे पदों पर कार्यरत है। इसी विद्यालय में
जहां बीके सचदेवा ने शिक्षण कार्य किया और जिला शिक्षा अधिकारी तक पहुंचे वही इस विद्यालय में जहां शिक्षण कार्य करने वाले ताराचंद भौतिक शास्त्र के प्रवक्ता रेवाड़ी में प्राचार्य पद तक पहुंचे हैं। इसी विद्यालय में पढऩे वाले विद्यार्थी जहां लेखक, पत्रकार, पुलिस विभाग में, सेना में उच्च अधिकारी तथा विभिन्न संस्थाओं में सुशोभित हैं वही इस विद्यालय ने हर क्षेत्र में नाम कमाया है। यही कारण है कि विद्यालय को माडल संस्कृति स्कूल का दर्जा दे दिया गया है।
 प्राचार्य लाल सिंह ने बताया कि इस संबंध में सभी कार्रवाई पूर्ण हो चुकी है तथा कोरोना काल में विधायक सीताराम यादव ने इस माडल संस्कृति स्कूल का शुभारंभ भी कर दिया है।
शिक्षा के क्षेत्र में जहां वर्ष 2019 में जहां 1983 शारीरिक शिक्षकों ने अपनी नौकरी गंवा दी। पूरे हरियाणा में 1983 शारीरिक शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा वहीं जिला महेंद्रगढ़ से 100 के करीब शिक्षक थे। यद्यपि उन्हें पुन: नौकरी में लिया जा रहा है लेकिन अभी तक उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं मिले हैं।
उन्हीं के पदचिह्नों पर चलते हुये जहां कला शिक्षकों का फैसला भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा आया है उनको भी बर्खास्त किए जाने की अटकलों का बाजार गर्म है। पूरे प्रदेश में 816 कला शिक्षक हैं जिनमें से 19 जिला महेंद्रगढ़ से संबंध रखते हैं। कुल मिलाकर शिक्षा के क्षेत्र में जहां वर्ष 2019 आंसू अधिक देकर गया है तथा मुस्कान नाम मात्र।
शिक्षा के क्षेत्र में जहां निजी स्कूलों ने भारी कष्ट झेले हैं वहीं अभिभावकों पर दोहरी मार पड़ी है। विद्यार्थियों को स्कूल में शिक्षा भी नहीं मिली फिर भी उन्होंने फीस भरनी पड़ी है। कितने ही शिक्षा क्षेत्र पर आश्रित पुस्तक विक्रेता, रेहड़ी पर खाद्य पदार्थ बेचने वाले आदि बेचने वाले चाहे स्कूलों के सामने ठेले पर कुछ बेचने वाले परेशान रहे।  शिक्षा के क्षेत्र में इस वर्ष को कभी नहीं भुलाया जाएगा क्योंकि इतने दिनों तक विद्यालयों का बंद रहना शायद पहले कभी नहीं हुआ है और न भविष्य में होने की संभावना।
फोटो कैप्शन 7: कनीना का माडल संस्कृति स्कूल फोटो: जागरण



रिक्त सीटों पर प्रवेश 31 दिसंबर तक
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 कनीना। कालेजों में स्नातक स्तर की खाली सीटों पर अब विद्यार्थी 31 दिसंबर तक प्रवेश पा सकते हैं।
 विस्तृत जानकारी देते हैं उन्हाणी के प्राचार्य डा विक्रम सिंह ने बताया सरकार के आदेशों के चलते शिक्षा विभाग के आदेशों के चलते विद्यार्थी प्रवेश रिक्त सीटों पर आनलाइन आवेदन करके फीस जमा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अभी भी विद्यालय में काफी सीटें खाली रह गई है उनको भरने का प्रयास में यह कदम लिया गया है। उन्होंने कहा कि स्नातक स्तर पर ही यह प्रवेश लिया जा सकता है।





कारगर हो रही है संरक्षित खेती
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,कनीना। कनीना क्षेत्र के किसान अब बेहतर पैदावार एवं लाभ कमाने के उद्देश्य से संरक्षित खेती की ओर आकर्षित होने लगे हैं। ढाणा, भोजावास, करीरा एवं मोड़ी आदि गांवों के किसान इसी विधि का उपयोग कर रहे हैं।
  खुले में कृषि करना समस्याओं एवं जोखिम भरा कार्य है। ऐसे में किसानों के विकास एवं लाभ के लिए संरक्षित खेती करने किसानों को इस पर अनुदान देने व प्रशिक्षण देने का काम त्वरित गति से चल रहा है। संरक्षित खेती से अभिप्राय है कि खेती को मौसम के जोखिम से बचाकर रखा जाए। संरक्षित खेती के लिए किसान अनेक तरीके अपनाने लगे हैं जिनमें पाली हाउस ग्रीन हाउस तथा नेट हाउस काम में लाए जा रहे हैं। अपनी उपयोगिता के अनुसार किसान अपने खेत में लगा रहे हैं तथा अनुदान प्राप्त कर रहे हैं।
  ढाणा के अग्रणी किसान नवीन कुमार अनुसार सरकार कुल लागत का करीब 65 फीसदी अनुदान दे रही है। एक एकड़ में पाली हाउस की लागत करीब 30 लाख रुपये खर्चा आता है जिसका करीब 35 प्रतिशत अर्थात दस लाख किसान को चुकाना पड़ता है तथा शेष सरकार वहन करती है। नवीन कुमार ने बताया कि उन्होंने एक एकड़ में नेट हाउस जिसे जालीदार गृह भी कहते हैं कि लागत करीब 28 लाख रुपये आई है जिसका करीब 12 लाख रुपये किसान को चुकाना पड़ता है तथा शेष सरकार वहन करती है। उन्होंने बताया कि नेट हाउस में उन्होंने दिसंबर 2019 में शिमला मिर्च, हरी मिर्च एवं टमाटर उगाये थे जिसमें बेहतर लाभ मिला। महज नौ माह के करीब चले सब्जी उत्पादन में उन्होंने छह लाख रुपये कमाये हैं।
  मोड़ी का किसान गजराज सिंह करीरा का किसान महाबीर सिंह भोजावास का किसान सत्यवीर सिंह आदि इस प्रकार के हाउस लगाकर न केवल फसल अपितु सब्जियां उगाकर लाभ कमा रहे हैं।
  कृषि सलाहकार डा देवराज यादव ने बताया कि पाली हाउस एक एकड़ में बना लोहे के पाइपों से बना ढांचा होता है जिस पर पोलीथिन ढका होता है ताकि धूप तेज बरसात हानिकारक कीटों से बचाया जा सके। पाली हाउस एवं नेट हाउस इजरायल देश की देन है। नेट हाउस में लोहे से बना एक ढांचा होता है जिसे जाली से ढका जाता है ताकि हानिकारक कीट व आवारा जंतु न आ जा सके। सरकार द्वारा पाली व नेट हाउस पर अनुदान देती है।
फोटो कैप्शन 4 एवं 5 : संरक्षित खेती करता नवीन कुमार ढाणा। फोटो: जागरण


स्कूलों का समय बदला
-अब स्कूल प्रात: दस बजे से दोपहर एक बजे तक का रहेगा
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कनीना। कड़ाके की ठंड को देखते हुए विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूल समय बदल दिया है। विद्यार्थी प्रात: दस बजे से दोपहर एक बजे तक स्कूल में आएंगे लेकिन सभी अध्यापकों के लिए प्रात: 9:45 से दोपहर 1:30 तक रहना होगा। विस्तृत जानकारी देते हुए हेमसा के प्रधान बाबूलाल यादव तथा वरिष्ठ प्राचार्य अभयराम यादव ने बताया कि निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग हरियाणा पंचकूला ने 22 दिसंबर से आगामी आदेशों तक स्कूल समय बदल दिया है।
उल्लेखनीय की ठंड के चलते यह निर्णय लिया गया है। जिसको लेकर शिक्षकों में तथा विद्यार्थियों ने कुछ राहत महसूस की है।


मौसम बदला, छाये रहे बादल
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,कनीना। विगत 2 दिनों से  क्षेत्र के मौसम में परिवर्तन आ गया है।अब तक जहां दिन में गर्मी पड़ रही थी तथा सुबह पाला पड़ रहा था। अब पाला पडऩा बंद हो गया किंतु दिन के समय आकाश में बादल छाए रहे। विगत 2 दिनों से आकाश में बादल छाए रहे हैं। इससे बारिश की संभावना जताई जा रही है। किसान बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं। अभी तक महज एक बार हल्की बूंदाबांदी हुई है। किसान अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं। अगर अच्छी बारिश हो जाए तो बेहतर फसल होगी।

जीआर इंटरनेशनल स्कूल के प्रांगण में मनाया गणित दिवस
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कनीना। जीआर इंटरनेशनल स्कूल के प्रांगण में मंगलवार को श्रीनिवास रामानुजन के जन्मदिवस पर राष्ट्रीय मनाया गया। इस अवसर पर गणित क्विज का आयोजन जूनियर व सीनियर वर्ग में किया गया। जूनियर वर्ग की प्रतियोगिता आनलाइन आयोजित करवाई गई। जूनियर वर्ग में टीम के छात्रों नितेश, जतिन, याशिका व जानवी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। सीनियर वर्ग में टीम के छात्रों अश्विनी, खुशबू, अजय व निशा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। छात्रा ज्योति व गुंजन ने अपने भाषण के माध्यम से महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जीवन पर प्रकाश डाला। गणित प्राध्यापक दीपक, अध्यापिका सोनिया व रेशु यादव ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि महान गणितज्ञ रामानुजन के जन्मदिन को वर्ष 2012 में राष्ट्रीय गणित दिवस वर्ष घोषित किया गया। उस समय से हर वर्ष 22 दिसंबर को गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रत्येक विषय कहीं ना कही गणित से जुड़ा है सुबह उठकर घड़ी देखने से लेकर शाम सोते समय तक हमें दैनिक जीवन में गणित की आवश्यकता होती। मार्केट से सामान खरीदना हो, व्यापार व नौकरी आदि में गणित के महत्व को देखा जा सकता है। अत: हमें इसके महत्व को समझते हुए जीवन में अपनाना चाहिए। विद्यालय के संचालक विजयपाल यादव व प्राचार्य दीपक वशिष्ठ ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय गणित दिवस की शुभकामनाएँ दी एवं महान गणितज्ञ की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित करते हुए नमन किया। उन्होंने देश में योग्य गणितज्ञों की संख्या कम होने पर चिंता जताते हुए छात्र-छात्राओं को गणित के प्रति रुचि बढ़ाने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर विद्यालय का समस्त स्टाफ भी उपस्थित रहा।
      उधर बीएमडी ग्रुप द्वारा यूएन वालंटियर के संयुक्त तत्वाधान में संस्थान कार्यालय में जीवन में गणित का महत्व विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया जिसकी अध्यक्षता बीएमडी क्लब चेयरमैन लक्की सीगड़ा ने की। गोष्ठी में क्लब सचिव इंद्रजीत शर्मा ,नरवीर सिंह करीरा ,प्रियंका प्रजापति ,रचना शर्मा,रोनिका यादव ने भाग लिया।  विश्लेषण एवं संख्या सिद्धांत के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देकर भारत को अतुलनीय गौरव प्रदान करने वाले श्रीनिवास अयंगर रामानुजन  की जयंती पर नमन किया।
चेयरमैन लक्की सीगड़ा ने कहा कि हमारे जीवन में गणित का अत्याधिक महत्वपूर्ण स्थान है। हम कोई भी दैनिक कार्य करते है तो उसमें गिनती, पहाड़ा जोड़, घटाना, गुणा, भाग इन सबका प्रयोग जाने-अनजाने में कर ही लेते है। शिक्षा के पाठ्यक्रम में निर्धारित सभी विषयों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए गणित को विशेष बल देते हुए देते हुए कहा की गणित मानव मस्तिष्क की उपज है। मानव की गतिविधियों एवं प्रकृति के निरीक्षण द्वारा ही गणित का उद्भव हुआ।  
गोष्ठी संयोजक नरवीर सिंह ने कहा कि हर साल 22 दिसंबर को भारत के महान गणितज्ञ रामानुजन के जन्मदिन पर गणित दिवस मनाया जाता है। रामानुजन ने गणित के क्षेत्र में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है।  रामानुजन ने बहुत कम उम्र में, एक स्पष्ट प्रतिभा के संकेत दिखाए और फै्रक्शन, इनफाइनाइट सीरिज, नंबर थ्योरी, मैथमेटिकल एनालिसिस आदि के बारे में उनके योगदान ने गणित में एक उदाहरण स्थापित किया।  2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने 22 दिसंबर को रामानुजन की 125वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित कर दिन को गणित दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई।
फोटो कैप्शन 1: जीआर स्कूल में अव्वल रहे विद्यार्थियों को सम्मानित करते विजयपाल चेयरमैन फोटो: विजयपाल चेयरमैन
2: बीएमडी क्लब द्वारा गणित दिवस मनाते हुए लक्की सिगड़ा एवं अन्य। फोटो : जागरण


बार्डर पर मारे गये किसानों को दी श्रद्धांजलि
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कनीना। लंबे समय से किसान बार्डर पर संघर्षरत हैं। जिसमें कइयों की मौत हो चुकी है। उन मारे गये किसानों को किसान दिवस की पूर्व संध्या पर याद किया गया।
कनीना में विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने किसान दिवस की पूर्व संध्या पर आंदोलन में शामिल जीन किसानों ने बलिदान दिया उन किसानों को कनीना के शहीद स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
                कार्यक्रम में सभी ने सामूहिक रूप से कहा कि कृषि कानूनों को लेकर चल रहे संघर्ष के बीच सिंधु बार्डर पर व सिंधु बार्डर से आते जाते समय कई किसानों की मौत हो गई । इन किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए कनीना क्षेत्र के समाजसेवी लोगों ने किसानों को शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की है। शहीद स्मारक पर उपस्थित लोगों ने कहा कि किसान हर देश की प्रगति में विशेष सहायक होते हैं। एक किसान ही है जिसके बल पर देश अपने खाद्यान्नों की खुशहाली को समृद्ध कर सकता है। देश में राष्ट्रपिता गांधी जी ने भी किसानों को ही देश का सरताज माना था। लेकिन देश की आजादी के बाद ऐसे नेता कम ही देखने में आए जिन्होंने किसानों के विकास के लिए निष्पक्ष रूप में काम किया। ऐसे नेताओं में सबसे अग्रणी थे देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह।
    चौधरी चरण सिंह की नीति किसानों व गरीबों को ऊपर उठाने की थी। उन्होंने हमेशा यह साबित करने की कोशिश की कि बगैर किसानों को खुशहाल किए देश व प्रदेश का विकास नहीं हो सकता। चौधरी चरण सिंह ने किसानों की खुशहाली के लिए खेती पर बल दिया था। किसानों को उपज का उचित दाम मिल सके इसके लिए भी वह गंभीर थे। उनका कहना था कि भारत का संपूर्ण विकास तभी होगा जब किसान, मजदूर, गरीब सभी खुशहाल होंगे। उन्होंने भूमि सुधारों पर काफ़ी काम किया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में और केन्द्र में वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने गांवों और किसानों को प्राथमिकता में रखकर बजट बनाया था। उनका मानना था कि खेती के केन्द्र में है किसान, इसलिए उसके साथ कृतज्ञता से पेश आना चाहिए और उसके श्रम का प्रतिफल अवश्य मिलना चाहिए।
इस दौरान समाजसेवी युवा नेता संदीप यादव, समाजसेवी मोहित इसराना, युवा नेता महिपाल नंबरदार, सामाजिक कार्यकर्ता व युवा नेता सुनील अत्री, समाजसेवी नीरज चौधरी, बलजीत पहलवान, सतीश कुमार,लक्की, प्रदीप कुमार शामिल रहे।
फोटो कैप्शन 3: बार्डर पर मारे गये किसानों को याद करते कनीना के समाजसेवी 7ऊोटो: जागरण



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