Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**: 2024

Tuesday, December 31, 2024


 

अलविदा 2024
जीएल पब्लिक स्कूल की बस दुर्घटना को नहीं भुलाया जा सकेगा
************************************************************
***********************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
 वर्ष 2024 आखिरकार बीत ही गया। अनेक हस्तियों को अपने साथ लेकर गया है। परंतु तीन प्रमुख घटनाएं इस वर्ष घटित हुई।
चुनावी दौर-
वैसे तो चुनावी चखचख वर्षभर चलती रही। 22 अप्रैल को लोकसभा चुनाव संपन्न हुए वहीं 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव संपन्न हुए। चुनाव शांतिपूर्वक चले किंतु ये सदा याद रहेंगे। क्योंकि कोई हारा तो कोई जीता। कहीं खुशी तो कहीं मिला गम।
कट के लिए 429 दिन का धरना प्रदर्शन---
 सबसे प्रमुख घटनाओं में 429 दिन  नेशनल हाईवे पर कट के लिए सेहलंग एवं बाघोत के बीच किसानों का एवं ग्रामीणों का धरना 14 मई 2024 तक चला। यह धरना 429 दिन चलने के बाद संपन्न हो गया। यह सदा याद रहेगा।
6 स्कूली बच्चों की मौत--
 11 अप्रैल 2024 को जीएल पब्लिक स्कूल की बस का बहुत बड़ा विद्यार्थियों का हादसा हुआ। आज तक भी लोग इसे नहीं भुला पाए हैं और न भविष्य में भुला पाएंगे। धनौंदा एवं झाड़ली के 6 बच्चों की मौत हो गई थी किंतु खरकड़ाबास की एक बीए में पढऩे वाली बच्ची आज तक बिस्तर पर है जो जीएल स्कूल की बस में हादसे का शिकार हुई।
बाघोत आत्महत्या कांड--
14 दिसंबर को बाघोत में युवक द्वारा आत्महत्या का मामला अभी तक नहीं सुलझ पाया है। यह 2024 के 14 दिसंबर से शुरू हुआ और अब 2025 में न जाने कब सुलझ पाएगा। न तो शव का अंतिम संस्कार हो पाया है और न ही पुलिस ने एफआइआर दर्ज की है। ऐसी 11 अप्रैल और 14 दिसंबर दो घटनाओं को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। बाकी संघर्ष के इतिहास में 429 दिन का धरना प्रदर्शन वो भी कट के लिए, कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।





अलविदा 2024
वर्ष 2025 के लिये, लिये जा रहे नये संकल्प
--जारी है विश्व खुशी की कामना
************************************************************
***********************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
नव वर्ष 2025 का आगाज होने जा रहा है और नए साल के आगमन पर लोग कई बुराइयां त्यागने को कटिबद्ध हैं वहीं क्षेत्र में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वर्ष 2024 कई कड़वे एवं मीठे अनुभव छोड़कर जा रहा है।
  कनीना क्षेत्र के कुछ युवा जनसेवा में तो कुछ बेटी बचाने के लिए कटिबद्ध हैं। युवाओं में नए वर्ष को लेकर तैयारियां चल रही हैं। क्या कहना है लोगों का---
नए साल से गायों की सेवा करने का संकल्प ले चुके हैं। गायों की दुर्गति से वे परेशान हैं। उनका कहना है कि वे गायों के लिए भोजन कराने तथा गौशालाओं में सेवा करने का काम करते रहेंगे। उनका मानना है कि गाय को माता का दर्जा दिया गया है और गायों की सेवा से सभी प्रकार के कष्ट एवं दरिद्रता मिट जाती है। ऐसे में वे वर्ष 2025 में गायों की सेवा करते रहेंगे।
  ---त्रिलोकचंद, कनीना
मेरे परिवार में महज दो लड़कियां हैं और लड़का नहीं हैं। ऐसे में वे बेटी बचाने तथा बेटियों को पढ़ाने के लिए अनवरत प्रयास करते रहेंगे। वे दूसरों को भी बेटी बचाने की प्रेरणा देंगे तथा अपनी कलम से बनाए जाने वाले भजन एवं गीत भी लड़कियों को बचाने एवं उनकी शिक्षा दीक्षा को अर्पित किए जाएंगे। वे वर्ष 2025 को बेटियों के रूप में मनाना चाहते हैं। साथ में खाटू श्याम के नये भजन बनाकर रिकार्डिंंग करवाई जाएगी।
  -- महेंद्र कुमार, कवि झाड़ली
 मुझे मालूम हैं कि मेरे शरीर में क्या क्या बुराइयां हैं उन्हें छोडऩे का संकल्प ले लिया है। साथ में अपने काम को इमानदारी से करने का भरसक प्रयत्न करूंगा। दूसरों को भी ईमानदार रहने के लिए प्रेरित करता रहूंगा। रोटी रोजी के लिए जो भी मेरे पास दुकान पर काम है उसे काम को और ईमानदारी एवं सुंदर तरीके से करूंगा।
---समाजसेवी, सतीश कुमार
 मैं आर्य समाज की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए पूरा प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि वह गायों की सेवा और आर्य समाज के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने में अपना अमूल्य योगदान देंगे और दूसरे लोगों को भी इस अभियान में जुडऩे की अपील करेंगे। उनका कहना है कि यह दोनों ही कार्य समाज के लिए बहुत जरूरी है। साथ में अपनी कोई बुराई है उसे दूर करूंगा।
  --राव मोहर सिंह आर्य समाज प्रधान
 नये साल में देशभक्ति की बयार बहाना चाहते हैं। समाजसेवा से लंबे समय से जुड़े हुये हैं। वे नेताजी सुभाषचंद्र बोस एवं विभिन्न शहीदों के लिए कटिबद्ध रहेंगे तथा उनकी शिक्षाएं जन जन तक पहुंचाने का काम करते रहेंगे। समाजसेवा में अहं योगदान दूंगा।
-- विनय कुमार एडवोकेट
फोटो कैप्शन:  विनय कुमार एडवोकेट, महेंद्र कुमार, सतीश कुमार, त्रिलोकचंद





ब्रेल लिपि अविष्कारक का जन्म दिन मनेगा 4 को
************************************************************
***********************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
 4 जनवरी को हर वर्ष लुई ब्रेल डे के रूप में मनाया जाता है। राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में कार्यरत अमृत सिंह विशेष शिक्षक ने बताया कि हर वर्ष 4 जनवरी के दिन लुई ब्रेल का जन्म दिवस मनाया जाता है। जिन्होंने दृष्टिबाधितों के लिए ब्रेल लिपि की खोज की थी जो लिपि डाट पर आधारित है। लुई ब्रेल का जन्म 4 जनवरी 1809 को फ्रांस के एक गांव में हुआ। बचपन में एक हादसे के दौरान दोनों आंखें खराब हो गई थी। उन्होंने 6 बिंदुओं पर आधारित ब्रेल लिपि की खोज की विशेष शिक्षक अमृत सिंह ने यह भी बताया कि हर वर्ष 4 जनवरी को संसाधन पक्ष जो राजकीय माडल संस्कृति  लुई ब्रेल का जन्म दिवस मनाया जाता है।




ग्रीटिंग कार्ड बना बीते जमाने की बात
-व्हाटसअप और आधुनिक तरीकों से भेज रहे हैं ग्रीटिंग
************************************************************
***********************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
एक जमाना था जब ग्रीटिंग का इंतजार बेसब्री से किया जाता था। डाकिए से पूछते थे कि कोई उनका नए साल का कार्ड आया या नहीं। जब कोई ग्रीटिंग कार्ड आता तो बड़े प्रसन्न नजर आते और उसे अपने फाइल में रखकर लंबे समय तक याद करते। परंतु विज्ञान की तकनीक इस कदर बढ़ गई है कि ग्रीटिंग का तो तरीका ही बदल कर रख दिया है। अब न तो ग्रीटिंग के लिए डाकिए की जरूरत है और न ही किसी प्रकार के ग्रीटिंग छपवाने या बनाने की जरूरत है। मोबाइल के जरिए ग्रीटिंग बनाकर चंद सेकंड में उसे गंतव्य स्थान तक भेज दिया जाता है।
अब नए साल की ग्रीटिंग देने का तौर तरीका ही बदल गया है। अब एसएमएसए, व्हाट्सअपएमेल भेजकर ही ग्रीटिंग देते हैं। पत्र की शुभकामनाएं एवं ग्रीटिंग कार्ड भेजने की काम लगभग बंद हो गया है। इस संबंध में कुछ डाक बांटने का काम करने वालों से बात हुई जिनके विचार अलग अलग थे-
** कभी मोबाइल का प्रचलन इतनी उन्नति पर नहीं था और ग्रामीण लोगों को नए साल पर या फिर किसी पर्व पर ग्रीटिंग भेजने के लिए डाकघर का सहारा लेना पड़ता था। ग्रीटिंग को लिफाफे में बंद करके पर्व या नए वर्ष से एक दो दिन पूर्व ही भेजते थे और पाने वाले को भी ये ग्रीटिंग अक्सर देर से मिलने की शिकायत होती थी। नए साल पूर्व डाकघरों में केवल ग्रीटिंग ही दिखाई पड़ते थे और पोस्टमैन को सबसे अधिक व्यस्त इन्हीं में रहते थे। रंगीन ग्रीटिंग कार्ड भेजने के लिए कई तैयारियां करनी होती थी किंतु बाद में समय बदला ओर ग्रीटिंग की ओर कम ध्यान दिया जाने लगा।
--नंदलाल सेन कोटिया
  आज के दिन गांव-गांव में मोबाइल की टावर लगी हुई हैं और उपभोक्ता भी ग्रीटिंग पर काफी पैसे खर्च करने की बजाए मोबाइल से बधाई संदेश भेजकर खुश हो जाते हैं। इस प्रकार न केवल समय की बचत होती है अपितु तुरंत संदेश पहुंचाया जाता है। ग्रीटिंग कार्ड बेचने वाले सुरेंद्र कुमार एवं कृष्ण कुमार का कहना है कि अब तो कोई बच्चा ही बेशक ग्रीटिंग कार्ड लेने उनके पास आता हो। अब तो ग्रीटिंग महज एक बीते जमाने की बात बन गई है।
    -सुरेश कुमार,करीरा
    उधर डाकघर में काम कर रहे पोस्टमैन राजेंद्र सिंह ने बताया कि वर्तमान में काम करने वाले तारांचद का कहना है कि अब तो कोई दस-बीस ही ग्रीटिंग कार्ड नए वर्ष या किसी पर्व के मौके पर मिलते हैं। एक वक्त था जब नए वर्ष के शुरू होने से दस दिनों पूर्व से लेकर दस दिन बाद तक केवल ग्रीटिंग कार्डों की ही धूम मची रहती थी।
 ---राजेंद्र सिंह पोस्टमैंन
फोटो कैप्शन: राजेंद्र सिंह, सुरेश कुमार एवं नंदलाल






 वैश्विक परिवार दिवस -एक जनवरी
 बिखराव की ओर हैं विभिन्न संयुक्त परिवार
************************************************************
***********************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
 एक वक्त था जब सभी परिवार संयुक्त परिवार के रूप में जाने जाते थे। बड़े परिवार के रूप में सभी के अपनी जिम्मेदारियां होती थी और देखरेख बेहतर ढंग से होती थी। किंतु संयुक्त परिवार धीरे-धीरे एकल परिवार में तब्दील होते जा रहे हैं। आने वाले समय में यह समस्या और भी विकराल हो सकती है। परिवार में शांति, एकता, भाईचारा आदि स्थापना के लिए संयुक्त परिवार बहुत महत्वपूर्ण रहा है। आज के दिन कहीं किसी क्षेत्र में कोई परिवार ही संयुक्त परिवार के रूप में दिखाई दे सकता है।
वैसे तो आज के दिन एकल परिवार की ओर अधिक रुझान है किंतु आज के दिन भी परिवार ऐसा भी मिल जाता है जहां संयुक्त परिवार चल रहा है। संयुक्त परिवारों के लाभ हैं किंतु एकल परिवार के कई नुकसान भी हैं।
संयुक्त परिवार एक-
 कनीना का मोरवाल परिवार में आज पोते, पड़पोतों सहित भरा हुआ है। इस परिवार में नायब तहसीलदार पद महेंद्र मोरवाल सेवानिवृत्त हो चुके हैं वही डाक्टर, शिक्षक आदि भी हैं। इस परिवार में जहां चमेली देवी उनके दो पुत्र, पांच पुत्रियां, चार पोते, 6 पोतियां,  6 पड़पोते तथा तथा दो पड़पोतियां शामिल है। इस परिवार में गजब की एकता देखने को मिलती है। चमेली देवी की उम्र 95 वर्ष जो आज भी अपने एकल परिवार को संजोय हुए है। परिवार अति प्रसन्न है और एकता के गुण उनके होठों पर हैं। मौके पर हाजिर मोरवाल परिवार में 14 सदस्य जो एक जगह संयुक्त परिवार में रहते हैं। कनीना के रेलवे स्टेशन के पास आवास में रहने वाले सबसे बड़ी दादी मां चमेली देवी, दादा महेंद्र मोरवाल, मां तारावती देवी तीन पुत्र सुरेंद्र रविंद्र और डा. जितेंद्र, तीन पौत्रवधुएं  पूनम, मंजू एवं डा. शशी जबकि पड़पौत्र धनंजय,  हीरेन, रूद्र, दिव्य तथा पड़पोती मुग्धा हैं। कुछ सदस्य घर से बाहर ेिकसी काम से गये हुए हैं।
संयुक्त परिवार-दो
सुनील कुमार ने बताया घर में उसका भाई अजीत यादव, उनकी पत्नी मोनिका, सुनील कुमार उनकी पत्नी प्रीति, मां लाली देवी, दादी मां मोहरली, छोटे बच्चे जियान तथा आन्या है। सबसे छोटे बच्चे पड़पोते की उम्र 3 साल है जिसकी पड़दादी 88 वर्ष के करीब है। एकल परिवार में रहते हैं जिसमें बेहद खुशी होती है। बच्चों के पालने में तथा संस्कार देने में उनका अहं योगदान है। आज भी एकल परिवारों से बहुत बेहतर है। एकल परिवार खराब स्थिति में है। सुनील कुमार का संयुक्त परिवार आज दूसरों के लिए उदाहरण बना हुआ है।
    इस संबंध में कुछ लोगों से चर्चा की गई जिन्होंने परिवारों के बारे में जानकारी दी-
 संयुक्त परिवार बहुत बेहतर माने जाते थे। जब सभी परिवार के सदस्य बड़े बुजुर्ग की देखरेख में कार्य करते थे। सभी सदस्यों को छोटी-छोटी जिम्मेदारियां सौंप दी जाती थी और सभी अपने कार्य को दक्षता से करते थे। दूरदराज तक परिवार का नाम होता था। एकता और भाईचारे मिसाल संयुक्त परिवार होते थे।
- डा जितेंद्र मोरवाल कनीना
 जब से भौतिकवाद बढ़ा है तब से एकल परिवार अधिक बढ़ गए हैं। महिला और पुरुष दोनों नौकरी करते हैं, बुजुर्गों को छोड़कर बच्चे विदेश तक सेवा करने जाते हैं जिसके कारण संयुक्त परिवार चलाना कठिन हो गया है और एकल परिवार में तब्दील होते जा रहे हैं। एकल परिवार में अनेकों खामियां और समस्याएं नजर आती हैं किंतु वक्त के अनुसार एकल परिवार बनाना एक मजबूरी बन गई है। एकल परिवार समाज में बेहतर साबित नहीं हो सकते। परिवारों की बात चले तो संयुक्त परिवार बहुत बेहतर होते हैं जिसमें एक ही मुखिया कई सदस्यों को आदेश देता है और सभी सदस्य उनके आदेशों का पालन करते हैं। एकता और भाईचारा भी व्यापक रूप से देखने को मिलता है जबकि एकल परिवार में गिने चुने व्यक्ति होते हैं जो विभिन्न जिम्मेदारियां को पूर्ण करते हैं। काम का बोझ एक या दो सदस्य ही निष्पादित करते हैं। एकल परिवार जटिल समस्या बन रहे हैं।
--- शिवचरण समाजसेवी,कनीना
फोटो कैप्शन 07: मोरवाल का संयुक्त परिवार
             04: सुनील कुमार का संयुक्त परिवार
  साथ में डा. जितेंद्र व शिवचरण






करणी सेना के राष्ट्रीय मंत्री ओम तंवर ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से की मुलाकात
--क्षेत्र की मांगे रखी
************************************************************
***********************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
 उपमंडल के गांव खेड़ी तलवाना निवासी राष्ट्रीय मंत्री करनी सेना ओम तंवर ने बीती रात्रि मुख्यमंत्री नायब सैनी से उनके आवास पर मुलाकात की। ओम तंवर ने बताया कि बीती रात्रि मुख्यमंत्री नायब सैनी से उनके निवास पर मुलाकात कर हलके के समस्याओं के बारे में अवगत करवाया उन्होंने बताया कि अटेली हलके में खिलाडिय़ों की संख्या तो बहुत है लेकिन यहां पर बढिय़ा स्टेडियम व कोच की व्यवस्था नहीं है । उन्होंने बताया कि खेड़ी तलवाना की टीम राष्ट्रीय लेवल पर फुटबाल के खेल में भाग ले चुकी है।  अगर हलके में बढिय़ा स्टेडियम व कोच की व्यवस्था हो जाए तो अटेली हलके से बहुत अधिक खिलाड़ी हरियाणा का नाम रोशन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही अटेली हलके में खिलाडिय़ों के बारे में कई फैसले लिए जाएंगे।
फोटो कैप्शन 08: मुख्यमंत्री नायक सैनी से मुलाकात करते हुए ओम तंवर।




धनौंदा में नाली की जाली चोरी, मामला दर्ज
************************************************************
***********************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना उप-मंडल के गांव धनौंदा से नाली की जाली अज्ञात चोरों द्वारा चोरी किये जाने का मामला महिला सरपंच बीनू देवी ने दर्ज करवाया है।  उन्होंने पुलिस में बताया कि 28/29 दिसंबर की रात को कोई अज्ञात चोर नालियों पर रखी लोहे की एक जाली नानक के मकान के पास से चोरी कर  ले गया।  इसी प्रकार 26/27 दिसंबर की रात को भी  दो लोहे की जली चोरी हो गई थी। चोरों का कोई सुराग नहीं चल पाया है। उन्होंने कनीना पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया है।





विश्व रिकार्ड कायम करने पर होशियार सिंह को मिलेगा 19 जनवरी को अवार्ड
-इंडिया बुक आफ रिकार्ड में पहले ही हो चुका है नाम दर्ज
************************************************************
***********************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
कनीना निवासी होशियार सिंह का करीब 40 वर्षों तक कक्षा कक्ष में कुर्सी प्रयोग न करके विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षण देने तथा हरियाणा सरकार द्वारा राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित करने के कारण उनका नाम विश्व रिकार्ड बुक में नाम दर्ज हो चुका है। इससे पहले भी इंडिया बुक आफ रिकार्ड में नाम दर्ज हो चुका है। चूंकि उनका नाम विश्व रिकार्ड बुक में दर्ज हो चुका है और 19 जनवरी को जयपुर के रीजनल साइंस सेंटर एंड साइंस पार्क बालाजी मार्ग में होने कार्यक्रम में विश्व रिकार्ड अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। ऐसे में कोई साथी उनके साथ जयपुर 19 जनवरी को जाना चाहे तो होशियार सिंह से संपर्क कर सकते है ताकि दिन के 11 बजे से शाम 4 बजे तक चलने वाले कार्यक्रम का हिस्सा बन सके। वापसी ट्रेन द्वारा आया जाएगा क्योंकि अलवर से प्रकाशित पुस्तकें लेकर आना है। दो पुस्तकें अलवर से प्रकाशित हो रही है वो भी संग लेकर आनी है तथा उनका विमोचन भी अब 19 जनवरी के बाद ही हो पाएगा। पहले यह विमोचन 16 जनवरी को किया जाना था।






दिव्यांग व्यक्ति की रिक्षा को गाड़ी ने मारी टक्कर
-- घायल,मामला दर्ज
************************************************************
***********************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
  झगडोली निवासी राजेश कुमार की रिक्शा को अज्ञात गाड़ी चालक ने टक्कर मार घायल कर दिया। उन्होंने कनीना पुलिस में मामला दर्ज करवाया है।
 उनका कहना है कि वह दोनों पैरों से दिव्यांग है तथा 28 दिसंबर को रात के करीब 10.30 बजे अपनी रिक्शा सेे अपने गांव झगड़ोली की ओर जा रहा था। कनीना बस स्टैंड से झगउ़ोली अपने घर के लिए चला तो कनीन बस स्टैंड के नजदीक एक गाड़ी चालक तेज रफ्तार से पीछे से आया और उनकी उसकी रिक्शा को टक्कर जड़ दी। टक्कर लगने से वह सड़क पर गिर गया तथा गाड़ी चालक अपनी गाड़ी को महेंद्रगढ़ की और भगा ले गया। प्रत्यक्ष दर्शन ने रिक्षा को उठाकर साइड में खड़ा कर दिया। पुलिस की गाड़ी मौके पर आई और घायल को कनीना सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया। उन्हें काफी चोटें आई। अब उन्होंने कनीना पुलिस में अज्ञात गाड़ी चालक के विरुद्ध मामला दर्ज करवा दिया है।




बीते और नए वर्ष के बीच गवाह बनेगा बाघोत आत्महत्या मामला
-घटना वर्ष 2024 की तो अंतिम संस्कार 2025 में
************************************************************
***********************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना क्षेत्र में यूं तो दो प्रमुख घटनाओं को कनीना और आसपास के गांव के लोग कभी नहीं भूल पाएंगे। जिन में जीएल पब्लिक स्कूल की बस हादसा जो उन्हाणी के पास हुआ जिसमें 6  स्कूली बच्चों की मौत हो गई थी। आज भी जीएल स्कूल की बस में बैठे दो विद्यार्थी बुरी हालत में चल रहे हैं। लंबा संघर्ष जीएल स्कूल पब्लिक स्कूल के विरुद्ध झाड़ली और घनौंदा के लोगों ने किया और अभी भी जारी है किंतु वर्ष 2024 और नए वर्ष 2025 के बीच कड़ी का काम बाघोत का आत्महत्या मामला करेगा।
 मोहित 26 वर्षीय युवक ने जहां 14 दिसंबर 2024 को आत्महत्या कर ली थी। मृतक के स्वजनों ने एक पूर्व मंत्री सहित आठ लोगों पर मामला दर्ज करने की शिकायत दी किंतु पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की। परिणाम यह निकला किन तो मृतक के स्वजनों ने शव को लिया और न ही पुलिस ने मामला दर्ज किया। 31 दिसंबर तक भी युवक का शव शवगृह में रखा हुआ था। अब आने वाला वर्ष 2025 ही बता पाएगा कि उस युवक के शव का कैसे अंतिम संस्कार हो पाएगा। अभी तक पुलिस भी नहीं झुक रही है क्योंकि आठ लोगों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज नहीं कर रही है वहीं मूतक के पिता कैलाश पुजारी अपनी बात पर अडिग है। उनका कहना जब तक मामला दर्ज नहीं होगा बच्चे के शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। जहां बाघोत के लोगों और मृतक के स्वजनों ने कनीना अस्पताल में धरना प्रदर्शन किया वहीं शव का पोस्टमार्टम भी करवा दिया गया और मौके पर स्वजनों ने पुलिस को शिकायत दी किंतु शिकायत में एक पूर्व मंत्री सहित 8 लोगों पर मामला दर्ज करने की अपील की थी। पुलिस ने पहले प्रमाण मांगे और मामला खींचना में ही चल रहा है। बहरहाल कई बार पुलिस प्रशासन बाघोत उन्हें समझाने के लिए पहुंचा किंतु कैलाश पुजारी का बस एक ही कहना है कि पहले मामला दर्ज किया जाए।  कैलाश पुजारी ने पहले तो महेंद्रगढ़ में आयोजित होने वाली हरियाणा मुख्यमंत्री की जनसभा में मामला उठाने की बात सोची और तैयारियां चली किंतु वह जनसभा ही रद्द हो गई। तत्पश्चात उन्होंने 12 दिनों तक हिंदू रीति रिवाज के अनुसार घर पर मातमी माहौल में बैठना पड़ा और फिर न्यायालय में जाने का निर्णय लिया किंतु उच्च न्यायालय की 7 जनवरी तक छुट्टियां चल रही है। अब 7 जनवरी को न्यायालय शरण लेने की बात कह रहे हैं। बहरहाल 2024 में यह घटना घटी आंदोलन चला और 2025 में किस प्रकार इसका समाधान हो पाएगा आने वाला वक्त बताएगा। इसलिए यह घटना दोनों वर्षों के बीच कड़ी का काम करते हुए एक अनोखा उदाहरण पेश करेगी क्योंकि पूरे हरियाणा में इस प्रकार का शायद कोई मामला आया हो जिसमें स्वजनों ने इतने लंबे समय तक सबका अंतिम संस्कार न किया हो और न ही ऐसा मामला कोई हो जिसमें पुलिस को दो बार शिकायत मिलने के इतने लंबे समय तक एफआइआर दर्ज नहीं कर पाई हो।
 फोटो कैप्शन 02: धरने की फाइल फोटो




मोटरसाइकिल को गाड़ी चालक ने मारी टक्कर
--दो घायल, मामला दर्ज
************************************************************
***********************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना उप मंडल के गांव रामबास-इसराना चौक पर एक गाड़ी और मोटरसाइकिल के बीच टक्कर में दो व्यक्ति घायल हो गए। दोनों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चला। अजीत नामक व्यक्ति ने गाड़ी चालक के विरुद्ध मामला दर्ज करवा दिया है।  अजीत कुमार बहुझोलरी हाल आबाद पड़ताल ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाते हुए कहा है कि 28 दिसंबर को उसके पास जितेंद्र वासी ढाणा आया और कहा कि उन्हें समान की जरूरत है। उनके साथ कनीना चलो। जितेंद्र की मोटरसाइकिल पर अजीत पीछे बैठकर पहले जितेंद्र के मकान पर आए और कुछ समय बाद दोनों मोटरसाइकिल पर सवार होकर कनीना के लिए चल दिए। अजीत पीछे बैठा था और जितेंद्र मोटरसाइकिल को चला रहा था। जब रामबास-इसराना चौक पर पहुंचे तो इसराना की तरफ से सफेद रंग की गाड़ी का चालक अपनी गाड़ी को तेज रफ्तार एवं लापरवाही से चलाता हुआ आया और चौक को क्रास करते समय मोटरसाइकिल को टक्कर जड़ दी जिससे मोटरसाइकिल उसके बोनट में फंस गई और गाड़ी दोनों को खींचते हुए 15 फुट आगे तक चली गई। गाड़ी वैगनआर थी।  अजीत व जितेंद्र के हाथों व पैरों पर गंभीर चोटें आई। आने जाने वाले लोग जमा हो गए। भीड़ के कारण गाड़ी के ड्राइवर को पहचान नहीं पाया। एंबुलेंस को फोन करके दोनों को इलाज के लिए कनीना अस्पताल भेजा। सूचना मिलने पर परिवार वाले आ गए। दोनों को डाक्टर ने गंभीर चोटें होने के कारण पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। अजीत को इलाज के लिए रेवाड़ी ले गए जबकि जितेंद्र को रेवाड़ी के एक अलग निजी अस्पताल में भर्ती करवा दिया। जितेंद्र का अभी भी इलाज चल रहा है और अजीत आज डिस्चार्ज होकर वापस घर आया है। उन्होंने कनीना पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया है। अजीत की शिकायत पर कनीना पुलिस ने वैगन आर ड्राइवर के चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।




पालिका प्रधान चुनाव लडऩे के लिए युवा पीढ़ी में भारी जुनून
-तीन दर्जन से अधिक पार्षद और प्रधान पद की जता रहे हैं दावेदारी
************************************************************
***********************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना नगर पालिका के चुनाव करीब 7 वर्षों के बाद फरवरी माह में पूर्ण होने की संभावना है जिसको लेकर इस बार युवा वर्ग में विशेष जुनून देखने को मिल रहा है। युवा वर्ग में महिलाएं भी अब कम नहीं हैं। एक ओर जहां वार्डों के आरक्षण के बाद प्रधान पद सहित 7 महिलाओं के लिए वार्ड आरक्षित हो चुके हैं जिसके चलते कुल 14 पार्षदों में से 7 महिलाएं होंगी। यही कारण है कि वार्डों में पुरुषों ने अपने परिवार की महिलाओं के लिए वोट मांगने शुरू कर दिये हैं। वो सभी परिवार सक्रिय हो गये हैं जिनके यहां से कोई महिला चुनाव लडऩे की तैयारी में जुटी हुई है। महिला एवं पुरुष घर घर जाकर अभी से ही वोट पका रहे जबकि अभी तेक चुनाव की तिथि घोषित नहीं हुई है। लोग चुनाव के लिए लंबे समय से आतुर थे। वर्तमान में जहां एसडीएम कनीना पालिका के प्रशासक बने हुए जो मई 2024 से प्रशासक चले आ रहे हैं। कनीना में वर्तमान में पांच पूर्व प्रधान जीवित है जिनके परिवारों से चुनाव लडऩे के कम असर हैं। इस बार वृद्ध जनों में चुनाव लडऩे का जोश नहीं है केवल जुनून देखने को मिल रहा है वह महिला वर्ग और युवा वर्ग में है। कनीना पालिका के चुनाव में जहां 10400 के करीब वोटर अपना वोट डालेंगे और 14 पार्षदों तथा प्रधान पद का चुनाव करेंगे। प्रधान पद इस बार अधिक शक्तिशाली इसलिए बन गया है क्योंकि प्रधान पद का चुनाव सिधा/ डायरेक्ट होगा। ईवीएम मशीनों द्वारा चुनाव होने के कारण इस बार परिणाम जल्द आने के असर हैं। उल्लेखनीय की इस योजना में कनीना नगर पालिका के चुनाव इसलिए दो कारणों से बेहतर माने जा रहे हैं एक तो प्रधान पद का चुनाव डायरेक्ट होगा। विगत योजनाओं में पार्षद प्रधान का चुनाव करते आए हैं। ऐसे में पार्षदों की भूमिका गौण कर दी गई है। उधर अभी तक विगत योजना में जहां नगर पालिका के चुनाव मतदान पेटी के जरिए होते थे। ऐसे में वोट की गणना करना छटनी करने में लंबा समय लगता था और परिणाम देर रात तक आते थे। इस बार ईवीएम मशीनों से चुनाव होंगे जिनके परिणाम झटपट आएंगे। यही कारण है कि इस बार के चुनाव पर सभी की दृष्टि  जम गई है। जहां भी दो लोग बैठे नजर आते हैं वो चुनाव की चर्चा करते नजर आते हैं। किसान अपने खेतों में, दुकानदार अपनी दुकानों पर तथा गृहणी अपने घरों में इन चुनाव की चर्चा करती नजर आती है। सबसे बड़ी विडंबना यह रही कि कितने ही पुरुष जो चुनाव लडऩा चाहते थे वार्डों के आरक्षण ने उनकी आशाओं को धूमिल कर दिया। अब वह इधर-उधर दूसरे वार्डों को तलाश रहे हैं। हां महिलाएं इस बार अधिक पढ़ी-लिखी और अग्रणी भूमिका निभाने वाली आगे आ रही हैं। अभी तक करीब तीन दर्जन चेहरे चुनाव लडऩे के लिए सामने आ चुके हैं जिनमें प्रधान पद के दावेदार एक दर्जन के करीब है। इस बार प्रधान पद के दावेदारों में जोश इसलिए भी देखने को मिल रहा है कि पार्षदों पर उन्हें निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इवीएम के जरिए ही प्रधान का चुनाव होगा और झटपट प्रधान का नतीजा जाएगा जबकि विगत योजनाओं में प्रधान के चुनाव में कई बार तिथि दी जाती थी फिर भी प्रधान का चुनाव नहीं हो पाता था। कभी कुछ पार्षद इधर तो कभी उधर हो जाते थे। परिणाम यह निकलता था कि प्रधान बनना बहुत कठिन कार्य था। इस बार वोटिंग मशीन ही सीधा प्रधान बनाएंगी और बताएंगे कि इस बार प्रधान कौन चुना गया। महज उसकी शपथ होनी बाकी रहेगी। कनीना पालिका 1952 से चली आ रही है और यहां एक के बाद एक प्रधान रहे। सबसे अधिक प्रधान कनीना के वयोवृद्ध मास्टर दिलीप सिंह पूर्व प्रधान के घर में रहे हैं जहां उनके पिताजी प्रधान रहे तो मास्टर दिलीप सिंह भी प्रधान रहे हैं। अब वे अपने बच्चों को चुनाव में खड़ा करने जा रहे हैं। फास्ट फूड की दुकानों पर और चाय की दुकानों पर सबसे अधिक भीड़ नजर आती जहां दोहरा मजा लेते लोग देखे गए। एक तरफ फास्ट फूड का मजा लेते वही चुनाव की चर्चा छेड़ कर अपने फास्ट फूड को और लजीज बना रहे हैं।
फोटो कैप्शन: नगरपालिका की फोटो साथ है




शीत लहर बढ़ी, आग सेकने को हैं मजबूर
************************************************************
***********************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
एक तरफ जहां शीत लहरों के कारण ठंड बढ़ रही है। इस दौरान न तो सूर्य देव के दर्शन हुए और न ही ठंड से निजात मिली। यहां वहां सुबह एवं शाम को लोग  अपने घरों के बाहर अलाव जलाकर नगर पालिका के चुनाव की चर्चा करते नजर आये। इस बार महिलाओं में भी महिला सीट आने पर जोश नजर आ रहा है, शीत लहर के तहत चुनाव के बारे में चर्चा करते हुए प्रेम, निशा , पूनम और प्रीति ने बताया कि इस बार ऐसी शिक्षित महिला को प्रधान बनाना चाहिए जो क्षेत्र के विकास के लिए काम करें। उधर वर्षा के बाद ठंड बढ़ गई है। वैसे तो नवंबर माह में कोहरा पड़ता आया है किंतु इस बार कुछ देर से कोहरा कम दिनों के लिए पड़ा।
कनीना क्षेत्र में जहां कंपकंपाती ठंड पड़ रही है वहीं बिजली कट बढ़ते जा रहे हैं। आए दिन लगने वाले बिजली कटों के कारण जलापूर्ति भी ठप्प हो जाती है। आए दिन लंबे-लंबे कट लगते हैं जो शाम तक चलते हैं। जहां सोमवार को सुबह कट लग गया जिसके चलते शाम 6.15 बजे आपूर्ति हो पाई थी। बिजली आपूर्ति के अभाव में पेयजल सप्लाई भी नहीं हो पाती है उपभोक्ता बेहद परेशान है, विशेष कर बिजली पर आधारित काम करने वाले दुकानदार तो वापस घर लौट आते हैं क्योंकि उनके पूरे दिन का काम ठप हो जाता है।
गृहिणी शकुंतला, कृष्णा ,सुनीता ,आशा आदि ने बताया कि सुबह-सुबह जल आपूर्ति का इंतजार करना होता है किंतु बिजली आपूर्ति अभाव में पेयजल सप्लाई नहीं हो पाता है। वहीं दुकानदारों का कहना है कि वह इनवर्टर से थोड़ा बहुत काम कर पाते हैं तत्पश्चात इनवर्टर भी काम करना बंद कर जाता है और बिजली आपूर्ति अभाव में घर लौटने को मजबूर हो जाते हैं। ठंड से राहत पाने के लिए लोग आग सेकते देखे जा सकते हैं।












Monday, December 30, 2024


 मोटरसाइकिल को गाड़ी चालक ने मारी टक्कर
--दो घायल, मामला दर्ज
*******************************************************
****************************************************************
*******************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना उप मंडल के गांव रामबास-इसराना चौक पर एक गाड़ी और मोटरसाइकिल के बीच टक्कर में दो व्यक्ति घायल हो गए। दोनों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चला। अजीत नामक व्यक्ति ने गाड़ी चालक के विरुद्ध मामला दर्ज करवा दिया है।  अजीत कुमार बहुझोलरी हाल आबाद पड़ताल ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाते हुए कहा है कि 28 दिसंबर को उसके पास जितेंद्र वासी ढाणा आया और कहा कि उन्हें समान की जरूरत है। उनके साथ कनीना चलो। जितेंद्र की मोटरसाइकिल पर अजीत पीछे बैठकर पहले जितेंद्र के मकान पर आए और कुछ समय बाद दोनों मोटरसाइकिल पर सवार होकर कनीना के लिए चल दिए। अजीत पीछे बैठा था और जितेंद्र मोटरसाइकिल को चला रहा था। जब रामबास-इसराना चौक पर पहुंचे तो इसराना की तरफ से सफेद रंग की गाड़ी का चालक अपनी गाड़ी को तेज रफ्तार एवं लापरवाही से चलाता हुआ आया और चौक को क्रास करते समय मोटरसाइकिल को टक्कर जड़ दी जिससे मोटरसाइकिल उसके बोनट में फंस गई और गाड़ी दोनों को खींचते हुए 15 फुट आगे तक चली गई। गाड़ी वैगनआर थी।  अजीत व जितेंद्र के हाथों व पैरों पर गंभीर चोटें आई। आने जाने वाले लोग जमा हो गए। भीड़ के कारण गाड़ी के ड्राइवर को पहचान नहीं पाया। एंबुलेंस को फोन करके दोनों को इलाज के लिए कनीना अस्पताल भेजा। सूचना मिलने पर परिवार वाले आ गए। दोनों को डाक्टर ने गंभीर चोटें होने के कारण पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। अजीत को इलाज के लिए रेवाड़ी ले गए जबकि जितेंद्र को रेवाड़ी के एक अलग निजी अस्पताल में भर्ती करवा दिया। जितेंद्र का अभी भी इलाज चल रहा है और अजीत आज डिस्चार्ज होकर वापस घर आया है। उन्होंने कनीना पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया है। अजीत की शिकायत पर कनीना पुलिस ने वैगन आर ड्राइवर के चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।






पालिका प्रधान चुनाव लडऩे के लिए युवा पीढ़ी में है जोश
-भारी संख्या में पार्षद और प्रधान पद की जता रहे हैं दावेदारी
*******************************************************
****************************************************************
*******************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना नगर पालिका के चुनाव करीब 7 वर्षों के बाद फरवरी माह में पूर्ण होने की संभावना है जिसको लेकर इस बार युवा वर्ग में विशेष जुनून देखने को मिल रहा है। युवा वर्ग में महिलाएं भी अब कम नहीं हैं। एक ओर जहां वार्डों के आरक्षण के बाद प्रधान पद सहित 7 महिलाओं के लिए वार्ड आरक्षित हो चुके हैं जिसके चलते कुल 14 पार्षदों में से 7 महिलाएं होंगी। यही कारण है कि वार्डों में पुरुषों ने अपने परिवार की महिलाओं के लिए वोट मांगने शुरू कर दिये हैं। वो सभी परिवार सक्रिय हो गये हैं जिनके यहां से कोई महिला चुनाव लडऩे की तैयारी में जुटी हुई है। महिला एवं पुरुष घर घर जाकर अभी से ही वोट पका रहे जबकि अभी तेक चुनाव की तिथि घोषित नहीं हुई है। लोग चुनाव के लिए लंबे समय से आतुर थे। वर्तमान में जहां एसडीएम कनीना पालिका के प्रशासक बने हुए जो मई 2024 से प्रशासक चले आ रहे हैं। कनीना में वर्तमान में पांच पूर्व प्रधान जीवित है जिनके परिवारों से चुनाव लडऩे के कम असर हैं। इस बार वृद्ध जनों में चुनाव लडऩे का जोश नहीं है केवल जुनून देखने को मिल रहा है वह महिला वर्ग और युवा वर्ग में है। कनीना पालिका के चुनाव में जहां 10400 के करीब वोटर अपना वोट डालेंगे और 14 पार्षदों तथा प्रधान पद का चुनाव करेंगे। प्रधान पद इस बार अधिक शक्तिशाली इसलिए बन गया है क्योंकि प्रधान पद का चुनाव सिधा/ डायरेक्ट होगा। ईवीएम मशीनों द्वारा चुनाव होने के कारण इस बार परिणाम जल्द आने के असर हैं। उल्लेखनीय की इस योजना में कनीना नगर पालिका के चुनाव इसलिए दो कारणों से बेहतर माने जा रहे हैं एक तो प्रधान पद का चुनाव डायरेक्ट होगा। विगत योजनाओं में पार्षद प्रधान का चुनाव करते आए हैं। ऐसे में पार्षदों की भूमिका गौण कर दी गई है। उधर अभी तक विगत योजना में जहां नगर पालिका के चुनाव मतदान पेटी के जरिए होते थे। ऐसे में वोट की गणना करना छटनी करने में लंबा समय लगता था और परिणाम देर रात तक आते थे। इस बार ईवीएम मशीनों से चुनाव होंगे जिनके परिणाम झटपट आएंगे। यही कारण है कि इस बार के चुनाव पर सभी की दृष्टि  जम गई है। जहां भी दो लोग बैठे नजर आते हैं वो चुनाव की चर्चा करते नजर आते हैं। किसान अपने खेतों में, दुकानदार अपनी दुकानों पर तथा गृहणी अपने घरों में इन चुनाव की चर्चा करती नजर आती है। सबसे बड़ी विडंबना यह रही कि कितने ही पुरुष जो चुनाव लडऩा चाहते थे वार्डों के आरक्षण ने उनकी आशाओं को धूमिल कर दिया। अब वह इधर-उधर दूसरे वार्डों को तलाश रहे हैं। हां महिलाएं इस बार अधिक पढ़ी-लिखी और अग्रणी भूमिका निभाने वाली आगे आ रही हैं। अभी तक करीब तीन दर्जन चेहरे चुनाव लडऩे के लिए सामने आ चुके हैं जिनमें प्रधान पद के दावेदार एक दर्जन के करीब है। इस बार प्रधान पद के दावेदारों में जोश इसलिए भी देखने को मिल रहा है कि पार्षदों पर उन्हें निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इवीएम के जरिए ही प्रधान का चुनाव होगा और झटपट प्रधान का नतीजा जाएगा जबकि विगत योजनाओं में प्रधान के चुनाव में कई बार तिथि दी जाती थी फिर भी प्रधान का चुनाव नहीं हो पाता था। कभी कुछ पार्षद इधर तो कभी उधर हो जाते थे। परिणाम यह निकलता था कि प्रधान बनना बहुत कठिन कार्य था। इस बार वोटिंग मशीन ही सीधा प्रधान बनाएंगी और बताएंगे कि इस बार प्रधान कौन चुना गया। महज उसकी शपथ होनी बाकी रहेगी। कनीना पालिका 1952 से चली आ रही है और यहां एक के बाद एक प्रधान रहे। सबसे अधिक प्रधान कनीना के वयोवृद्ध मास्टर दिलीप सिंह पूर्व प्रधान के घर में रहे हैं जहां उनके पिताजी प्रधान रहे तो मास्टर दिलीप सिंह भी प्रधान रहे हैं। अब वे अपने बच्चों को चुनाव में खड़ा करने जा रहे हैं। फास्ट फूड की दुकानों पर और चाय की दुकानों पर सबसे अधिक भीड़ नजर आती जहां दोहरा मजा लेते लोग देखे गए। एक तरफ फास्ट फूड का मजा लेते वही चुनाव की चर्चा छेड़ कर अपने फास्ट फूड को और लजीज बना रहे हैं।


शीत लहर बढ़ी, अलाव की मांग बढ़ी
*******************************************************
****************************************************************
*******************************************************
कनीना की आवाज।
एक तरफ जहां शीत लहरों के कारण ठंड बढ़ रही है। इस दौरान न तो सूर्य देव के दर्शन हुए और न ही ठंड से निजात मिली। यहां वहां सुबह एवं शाम को लोग  अपने घरों के बाहर अलाव जलाकर नगर पालिका के चुनाव की चर्चा करते नजर आये। इस बार महिलाओं में भी महिला सीट आने पर जोश नजर आ रहा है, शीत लहर के तहत चुनाव के बारे में चर्चा करते हुए प्रेम, निशा , पूनम और प्रीति ने बताया कि इस बार ऐसी शिक्षित महिला को प्रधान बनाना चाहिए जो क्षेत्र के विकास के लिए काम करें।
  उधर वर्षा के बाद ठंड बढ़ गई है। वैसे तो नवंबर माह में कोहरा पड़ता आया है किंतु इस बार कुछ देर से कोहरा कम दिनों के लिए पड़ा।






ठंड और बिजली कटों की पड़ रही है दोहरी मार
-लोग बेेहद परेशान, जलापूर्ति भी हो जाती है ठप्प
*******************************************************
****************************************************************
*******************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना क्षेत्र में जहां कंपकंपाती ठंड पड़ रही है वहीं बिजली कट बढ़ते जा रहे हैं। आए दिन लगने वाले बिजली कटों के कारण जलापूर्ति भी ठप्प हो जाती है। आए दिन लंबे-लंबे कट लगते हैं जो शाम तक चलते हैं। जहां सोमवार को सुबह कट लग गया जिसके चलते शाम 6 बजे तक आपूर्ति नहीं हो पाई थी। बिजली आपूर्ति के अभाव में पेयजल सप्लाई भी नहीं हो पाती है उपभोक्ता बेहद परेशान है, विशेष कर बिजली पर आधारित काम करने वाले दुकानदार तो वापस घर लौट आते हैं क्योंकि उनके पूरे दिन का काम ठप हो जाता है।
गृहिणी शकुंतला, कृष्णा ,सुनीता ,आशा आदि ने बताया कि सुबह-सुबह जल आपूर्ति का इंतजार करना होता है किंतु बिजली आपूर्ति अभाव में पेयजल सप्लाई नहीं हो पाता है। वहीं दुकानदारों का कहना है कि वह इनवर्टर से थोड़ा बहुत काम कर पाते हैं तत्पश्चात इनवर्टर भी काम करना बंद कर जाता है और बिजली आपूर्ति अभाव में घर लौटने को मजबूर हो जाते हैं। ठंड से राहत पाने के लिए लोग आग सेकते देखे जा सकते हैं।





793 वोटर की सूची दीवार पर चस्पाई
-एसडीएमसी से संतुष्ट नहीं है वो अपना क्लेम लगा सकते हैं जिला उपायुक्त को
*******************************************************
****************************************************************
*******************************************************
कनीना की आवाज।
 नगर पालिका के भावी चुनावों दृष्टिगत कनीना नगर पालिका में 18 दिसंबर से 23 दिसंबर तक 793 दावे और आपत्तियां आई थी। ज्यादातर उन वोटरो के दावे एवं आपत्तियां थी जो एक वार्ड से दूसरे वार्ड में अपना वोट शिफ्ट करवाना चाहते थे। आज अंतिम रूप देते हुए सभी दावे और आपत्तियों का निपटारा करके एक सूची दीवार पर चस्पा दी गई है। इसकी जानकारी देते हुए सुरेंद्र बाबू ने बताया कि यदि रिवाइजिंग अथारिटी एसडीएम कनीना से कोई अब भी संतुष्ट नहीं है तो वह अपना क्लेम 31 दिसंबर तक जिला उपयुक्त को लगा सकते हैं। तत्पश्चात 6 जनवरी को वोटर सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया जाएगा।
 उल्लेखनीय है कि दावे और आपत्तियों में 793 वोटर वो सबसे अधिक है जो एक वार्ड से किसी  दूसरे वार्ड में जाना चाहते हैं, इसके लिए चुनाव लडऩे वाले बहुत अधिक आतुर देखे गये तथा उन्होंने भी घर-घर जाकर वोटरों से आवेदन करवा रहे थे। तत्पश्चात विभिन्न कर्मी और अधिकारियों की मौके पर जाकर जानकारी ली गई कि वोटर किस वार्ड से संबंधित है। ऐसे में सभी की दावेदारी सुनकर अंतिम रूप देकर सूची को नगरपालिका की दीवारों पर चस्पा दिया है। कोई भी वोटर जिन्होंने दावेदारी जताई थी वह जाकर देख सकता है और फिर भी संतुष्ट नहीं वो अपना क्लेम जिला उपायुक्त को लगा सकता है।
 फोटो कैप्शन 5: वोटर लिस्ट देखते हुए






जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में दी कानूनों की जानकारी
*******************************************************
****************************************************************
*******************************************************
कनीना की आवाज।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में सहायक जिला न्यायवादी शिवपाल गोठवाल ने राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे नए कानून 1 जुलाई 2024 से लागू हो चुके हैं तथा सरकार की मंशा है कि जागरूकता कार्यक्रम चलाकर कानून से सभी को वाकिफ करवाया जाए तथा पूरी जानकारी दी जाए।
 इस प्रक्रिया के तहत सरकार ने अंग्रेजों के जमाने से चल रहे पुराने कानूनों को बदलकर अनेक महत्वपूर्ण व क्रांतिकारी परिवर्तन किए हैं जो आने वाले समय में देश की तस्वीर बदलेंगे।
 महिलाओं के साथ उत्पीडऩ व नाबालिगों से  बलात्कार में मृत्युदंड का प्रावधान विशेष है । अपराध प्रक्रिया संहिता में आमूल चूल परिवर्तन किए गए हैं । कार्यक्रम की अध्यक्षता खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी दिलबाग सिंह ने की तथा बताया कि आज बच्चों में महिलाओं को कानून की जानकारी होना नितांत आवश्यक है तभी सही मायने में शिक्षा अपने लक्ष्य तक पहुंचेगी। अतिथियों का आभार करते हुए विद्यालय के मुख्य अध्यापक नरेश कुमार कौशिक ने बताया कि समय-समय पर विद्यार्थियों को विशेष कर विद्यालय की छात्राओं को विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर जानकारी दी जा रही है तथा इसके लिए बालिका मंच व दूसरे संसाधन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
मुख्य अतिथि व अध्यक्ष को मुख्य अध्यापक नरेश कुमार कौशिक ने स्मृतिचिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षक कैलाश चंद्र गुप्ता, सुभाष वर्मा ,राजबाला ,शीतल चौहान, बाबूलाल आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 03: कानूनी जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अधिकारी।



बीता साल-2024
कभी नहीं भूल पाएंगे वर्ष 2024 के बस
हादसे को लोग
-हादसे में घायल दो बच्चे अभी भी बुरी हालात में
*******************************************************
****************************************************************
*******************************************************
कनीना की आवाज।
 वर्ष 2024 संपन्न होने को जा रहा है और 2025 का आगमन होगा। जहां वर्ष 2024 अनेक हादसों का साथ लाया और अनेक हस्तियों को अपने साथ ले गया। वहीं कनीना उपमंडल के दो गांव धनौंदा और झाड़ली वर्ष 2024 को कभी नहीं भुला पाएंगे क्योंकि जीएल पब्लिक स्कूल कनीना की एक बस 11 अप्रैल को उन्हाणी के पास एक पेड़ से जा टकराई थी और इसमें 6 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी और कई बच्चे घायल हो गए थे। घायल धीरे-धीरे ठीक हो गए किंतु दो बच्चों की हालत आज भी अच्छी नहीं है। एक लड़की तो ताउम्र के लिए बिस्तर पर रहने की संभावना है क्योंकि उसका शरीर का आधा भाग काम करता है तथा आधा भाग कोई काम नहीं करता। जहां इस हादसे के बाद लंबे समय तक संघर्ष करने के बाद छह बच्चों को के स्वजनों को सरकार द्वारा कुल 5-5 लाख रुपये प्रदान कर दिए गए किंतु घायल बच्चों के स्वजनों को बदनसीबी हासिल हुई, सिवाय आंसुओं के कुछ भी नसीब नहीं हुआ। आठवीं कक्षा का धनौंदा का विद्यार्थी प्रियांशु जो 
जीएल पब्लिक स्कूल में उस समय पढ़ता था घायल हो गया था। प्रियांशु के पिता राजकुमार का कहना है कि बच्चा ताउम्र के लिए दिव्यांग रहने की संभावना है ।उनके भाई का एक लड़का इस हादसे में मौत का शिकार हो गया था। कल 6 बच्चों की मौत हुई थी जिनमें से दो धनौंदा और 4 झाड़ली के थे। जहां दो परिवार पूर्णतया बंद हो चुके हैं क्योंकि उसमें लड़के के रूप में कोई वारिस नहीं बचा है। सबसे दर्दनाक घटना सपना के साथ हुई जो उसे समय जीआर कालेज में पढ़ती थी और वर्तमान में बीए की छात्रा है। उस दिन भीषण दुर्घटना में उनका आधा शरीर काम करना छोड़ गया। अस्पताल में लंबे समय तक भर्ती रही, पांच लाख रुपये का खर्चा किंतु उनके पिता सतीश कुमार खरकड़ाबास का कहना है कि उन्हें आंसुओं के सिवाय कुछ भी नसीब नहीं हुआ। उनकी बेटी सपना ताउम्र के लिए दिव्यांग बन गई है और बिस्तर पर थी और आज भी है। यहां तक कि पिछले वर्ष तो परीक्षा भी घर पर दिलवा दी थी किंतु इस बार परीक्षा दिलवाने के लिए बिस्तर पर ही ले जाया गया। सतीश कुमार  सपना के पिता आज उस हादसे को याद करो पड़ते हैं किंतु इन बच्चों के स्वजनों को एक रुपये भी सरकार ने नहीं दिया महज सपना के अस्पताल का खर्चा जरूर वहन किया है।  राजकुमार का कहना है कि हादसा तो हुआ परंतु बस में दोषी को आज तक गिरफ्तार नहीं किया है जबकि वे बार-बार उच्च अधिकारियों से मिल रहे हैं। इस हादसे को कभी नहीं भूल पाएंगे।
 उल्लेखनीय है कि इस हादसे में जहां झाड़ली में तो दो परिवार ऐसे है जिनमें लड़कों की मौत हो जाने से परिवार में कोई लड़का नहीं बचा है। संदीप और उसकी पत्नी सुषमा अपने दो पुत्रों को खो चुके हैं। कभी भी उस हादसे को नहीं भुला पाएंगे। एक दूसरा परिवार झाड़ली का जिसमें एक लड़का और एक लड़की परिवार में थे जिसमें लड़के की मौत हो चुकी है। उधर वर्ष 2024 अनेक हादसों को लेकर आया था जिनमें छोटे बड़े कई हादसे हुए। यहां तक कि चुनाव भी वर्षद 2024 में संपन्न हुए। फोटो कैप्शन: दिव्यांग हुए बच्चे प्रियांशु तथा बेड पर लेटी हुई सपना खरकड़ा बास


 

 

 

 

 

 

पोता गांव की किसानों ने भेजा मुख्यमंत्री को ज्ञापन
-ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसल का मुआवजा देने की मांग

*******************************************************
****************************************************************
*******************************************************
कनीना की आवाज।
पोता गांव में जहां 27 दिसंबर को रात के समय तेज ओलावृष्टि से सरसों की फसल में 75 से 100 प्रतिशत तथा गेहूं में 30 से 50 प्रतिशत नुकसान हो गया। यह कथन पोता गांव के किसानों का जिन्होंने एक ज्ञापन तहसीलदार संजीव नागर के मार्फत मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार नायब सिंह सैनी को भेजते हुए प्रधानमंत्री और उच्च अधिकारियों को प्रेषित करते हुए कहा। उनका कहना है कि पोता एवं आसपास गांव किसने की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। नुकसान का आकलन करने के लिए 28 दिसंबर को एसडीओ कृषि विभाग डा. अजय यादव हलका पटवारी प्रदीप कुमार, मोनिका कृषि विभाग ने मौके पर जाकर 4 घंटे तक पूरे क्षेत्र का जायजा लिया। किसानों को अंदेशा है कि सभी जांच अधिकारियों के द्वारा फसल का नुकसान कम दर्ज किया गया है जबकि नुकसान अधिक है। ऐसे उच्च अधिकारियों से नुकसान की जांच करवाकर किसानों को उनका फसल खराब होने का मुआवजा दिलवानेे की मांग की है ताकि किसान अपने परिवारों का पालन पोषण कर सके। हनुमान सिंह यादव ने बताया कि सोमवार को मौके पर तहसीलदार संजीव नागर, उमेद सिंह जाखड़ गिरदावर, प्रदीप पटवारी, संजीत पटवारी एवं महेंद्र पटवारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने फसल मेेंं शत प्रतिशत नुकसान बताया। किसानों ने कैबिनेट मंत्री आरती सिंह राव को भी भेजा है। इस मौके पर किसान हनुमान, सुभाष पंच, कृष्ण पूर्व पंच, रणबीर पूर्व पंच, हरि सिंह नंबरदार, लोकेश पंच, मुकेश यादव, कुलदीप, अनुप कुमार धर्मवीर, पवन, कृष्ण पहलवान, राकेश, शेर सिंह साहब व पोता के अन्य किसान भी मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 01: संजीव नागर को पोता गांव के लोग ज्ञापन देते हुए।



हेरिटेज विद्यालय में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता हुई संपन्न
*******************************************************
****************************************************************
*******************************************************
कनीना की आवाज।
उपमंडल कनीना में स्थित हेरिटेज पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल मोहनपुर में अंतर सदनीय सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता करवाई गई जिसमें बच्चों ने बड़े ही उत्साह पूर्वक भाग लिया। जिसमें चारों सदन एम्पेयर सदन, जेनर सदन, न्यूटन सदन व जूल सदन के विद्यार्थियों ने भाग लिया। चारों सदन में एम्पेयर सदन ने प्रथम स्थान हासिल किया, जेनर सदन ने द्वितीय स्थान हासिल किया। प्रथम सदन में नक्श पुत्र संदीप चंचल पुत्री खुशीराम नेहा पुत्री जोगिंदर ने अपनी प्रतिभा दिखाई और प्रथम स्थान हासिल किया। प्रतियोगिता के अंत में आडियंस से प्रश्न पूछे गए जिसमें बच्चों ने बड़ी ही दिलचस्पी दिखाई और प्रश्नों के उत्तर दिए।
 प्रतियोगिता में मंच संचालन दीपक कुमार ने किया। कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के सीईओ कैलाश शर्मा, मनीष कुमार, डायरेक्टर खुशीराम शर्मा, प्रधानाचार्य कृष्ण सिंह, सीनियर कोआर्डिनेटर सुरेंद्र कुमार, प्राइमरी विंग कोआर्डिनेटर सुमन, तेजपाल डीपी तथा सभी अध्यापकगण उपस्थित रहे।












फोटो कैप्शन 02: हेरिटेज के अव्वल रहे बच्चों को पुरस्कृत करते हुए।

Sunday, December 29, 2024


 
मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार- 82
-दर्जनों समाचारपत्रों एवं दर्जनों पत्रिकाओं में काम किया
*******************************************************
****************************************************************
*******************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक बतौर 30 अप्रैल 2024 का सेवानिवृत्त हो गए। उनका जीवन संघर्षों में बीता है। वह अपने समय न केवल बेहतरीन शिक्षक रहे हैं अपितु बेहतरीन पत्रकार और बेहतरीन साहित्यकार रहे हैं। वो अपनी पत्रकारिता के विषय में जानकारी दे रहे हैं। लीजिये उनकी पत्रकारिता के विषय में उन्हीं की जुबानी सुने---
 बात उन दिनों की है जब बीएससी,बीएड करके बेरोजगारी के कगार पर खड़ा हुआ था। महज ट्यूशन से ही मेरा काम चल रहा था और ऐसे में समझा क्यों न मैं पत्रकार बनूं। उस जमाने में 1988 के आसपास पत्रकारिता का बहुत बड़ा क्रेज था। पत्रकारों की बड़ी कद्र होती थी, पत्रकारिता से लोग प्रभावित थे। जो भी मेरे मिलने वाले होते वो बस एक बात कहते कि पत्रकार बनकर देखो बहुत लाभ होगा, आपकी जिंदगी संवर जाएगी। चाहे उनका वह कथन मेरे लिए लाभप्रद साबित नहीं हुआ क्योंकि पत्रकारिता ने मेरी कोई जिंदगी नहीं सुधारी अपितु जिंदगी को बिगाड़ कर रख दिया। एक अंग्रेजी में कहावत है-जैक आफ आल ट्रेड्स मास्टर आफ नन। अर्थात कई नावों में कदम रखने से नाविक गिरना सुनिश्चित है।
पत्रकारिता एक कुत्ते का हाड़ साबित होती है। जिस प्रकार हड्डी को एक कुत्ता चूसता है और उसी के मुख से खून निकलता रहता है, वह समझता है की हड्डी में खून आ रहा है किंतु हड्डी में नहीं उसी के मुख का खून वह खुद ही पी रहा होता है। यही हालत पत्रकारिता की हैं। पत्रकारिता में जहां मेरे से पहले दीपचंद कनीना पत्रकार होते थे क्योंकि उनका समाचार समूह बहुत बड़ा पंजाब केसरी होता है, आज भी वो पत्रकार है परंतु उन्हें के करीब मैं भी पत्रकारिता शुरू कर दी थी किंतु मेरी पत्रकारिता छोटे-छोटे समाचार पत्रों से संबंधित होते हुए आगे की ओर बढ़ती चली गई। उस जमाने में -राजनीति मंच- सबसे पहले मेरा समाचार पत्र था जिसमें समाचार लिखना शुरू किया क्योंकि नाम से यह अभिप्राय है इसमें राजनीति खबरें ही लगती थी जो गासेहाना से प्रकाशित होता था और राजनीति का उस जमाने मुझे कोई ज्ञान नहीं होता था। उसे समय समाचार पत्र के लिए दूसरों की मदद लेकर समाचार बनाता और भेजता था क्योंकि राजनीति का उस समय मुझे कोई ज्ञान नहीं था। तत्पश्चात तो एक के बाद एक के बाद एक समाचार पत्र पकड़ता ही चला गया। जहां नीलकमल बहुत सुंदर समाचार पत्र था बहुत छोटे दर्जे का था इसलिए भी अच्छा समाचार पत्र साबित हुआ, जनसंदेश फरीदाबाद से प्रकाशित होता था और एक बेहतरीन समाचार पत्र था किंतु वह भी बंद हो गया। इस समाचारपत्र के कार्यालय में एक नेता ने तोडफ़ोड़ कर दी थी और इसे बंद कर दिया गया। बंद करने के बाद हमें आंदोलन के लिए दिल्ली भी जाना पड़ा था। तत्पश्चात दैनिक ट्रिब्यून जिसमें लंबे समय तक प्रयास करने के बावजूद ही मिला। उसे जमाने में दैनिक ट्रिब्यून बहुत अच्छा और सरकारी समाचार पत्र माना जाता था लेकिन समाचार पत्र ट्रस्ट का था। इस समाचार पत्र में लंबे समय तक काम किया और वास्तव में इसमें मेरी हर प्रकार की कविता, लेख, समाचार बाल लेख, प्रेरक प्रसंग आदि प्रकाशित होते रहे। यहां तक कि जब मैं इस समाचार पत्र से त्यागपत्र दे दिया तो उसे समय भी उन्होंने 50,000 रुपये मुझे दिए थे, अफसोस उस समय हुआ कि समाचार पत्र मैं लंबे समय तक रखना तो कितना आनंद आता। यहां तक कि दैनिक ट्रिब्यून में जब मैं तथा कंवरसेन वशिष्ठ गये तो उन्होंने सहायक संपादक का काम करने का आफर तक दिया किंतु नसीब नहीं हुआ। मेरे पास प्रारंभ से लेकर आज तक के सभी प्रकाशित समाचारों की करीब एक सौ फाइलें लगी हुई हैं। तत्पश्चात मेरी पत्नी स्वर्गीय सुमन यादव भी दैनिक ट्रिब्यून की पत्रकार रही और वह कनीना की पहली महिला पत्रकार थी जो अपने जीवन के अंतिम समय तक कनीना से दैनिक ट्रिब्यून की पत्रकार रही। उन्होंने करीब दस वर्षों तक काम किया। इसके बाद तो मैं दैनिक जागरण समाचार पत्र में लिखना शुरू किया जो आज तक चल रहा है, बीच में दैनिक भास्कर में 3 महीने तक पत्रकारिता की। हिंदुस्तान, पंजाब केसरी, राष्ट्रीय सहारा, पब्लिक एशिया, नव आकाश और न जाने कितने समाचार पत्रों में काम किया। बड़ी-बड़ी पत्रिकाओं में काम किया, विदेश के समाचार पत्रों में भी लेख एवं कविताएं प्रकाशित हुई और इसी भावना से ओतप्रोत रहकर 1994 में मैंने पत्रकारिता में डिप्लोमा किया। उसे जमाने में इस क्षेत्र में अन्य कोई डिप्लोमा होल्डर नहीं था, एकमात्र मैं ही पहला डिप्लोमा पत्रकार बना। यह डिप्लोमा उस वक्त कोच्चि/ केरल विश्वविद्यालय से कोर्स पूरा किया। डिप्लोमा करने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा था। इसके बाद तो लगातार समाचार पत्रों से जुड़ा रहा। समाचार पत्रों में जहां प्रारंभ में हाथ से लिखकर समाचार भेजे जाने लगे ,तत्पश्चात कोरियर से समाचार भेजे जाने लगे, बाद में माडेम आया, फैक्स आई,टेलिग्राम, टेपरिकार्डर से समाचार भेजे जाने लगे और लंबा सफर तय करके मेल आई। मेल से समाचार भेजने पर अगले दिन छप जाते थे। दैनिक ट्रिब्यून में मैने सबसे पहले ई-मेल से समाचार भेजने शुरू किये। अब तो व्हाट्सएप से भी समाचार जा रहे हैं जो एक सेकंड में अगले स्थान पर पहुंच जाते हैं। पहले समाचार भेजने में कम से कम तीन दिन लगते थे तब समाचार प्रकाशित होते थे। इस प्रकार टेलीग्राम आथोरिटी, टेप रिकार्ड द्वारा समाचार भेजने का सिलसिला भी मैने चलाया। क्या जमाना था कि समाचार पत्रों में समाचार छपते तो कितना आनंद आता था, दूर दराज तक नाम था। तत्पश्चात मेरी पत्नी स्व. सुमन यादव लंबे समय तक पत्रकार रही साथ में वह लेखिका भी थी और दो पुस्तकें भी प्रकाशित हुई। वर्तमान समय में मेरी पत्नी आशा यादव ने केवल पत्रकार है अपितु हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा उनकी एक पुस्तक भी पुरस्कृत हो चुकी है। मेरे लड़के अमीश यादव को भी हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा कहानी लेखन में पुरस्कृत किया जा चुका है। तथा वो भी अच्छे लेखक हैं। उनकी भी पांच किताबें प्रकाशित हो चुकी है। एकमात्र पीछे एक बेटी बचाती है जो छोटी है। उन्होंने कृति रचना शुरू नहीं की है। मुझे विश्वास भविष्य में वह भी लिखना शुरू कर देंगी।
पत्रिकाओं में मेरे लेख कहानी कविता और न जाने कितने विधाओं में प्रकाशन हुआ। आनलाइन प्रकाशन, फेसबुक प्रकाशन में न जाने कितने ही अवार्ड मिले, कितने ही सर्टिफिकेट मिले। हजारों सर्टिफिकेट मेरे पास रखी हुई है और अवार्डों की संख्या भी गिनती में नहीं है। अब तो विश्व रिकार्ड पुस्तक में भी मेरा नाम दर्ज हो चुका है। अब मेरी इच्छा है कि समाचार पत्रों को धीरे-धीरे कम किया जाए और लेखन कार्य पर चला जाए जो भविष्य में काम आ सकता है।





शिविर में 70 मरीजों को जांचा गया
-इनमें से दस गर्भवती महिलाएं
*******************************************************
****************************************************************
*******************************************************
कनीना की आवाज।
 नवजीवन अस्पताल भोजावास के सौजन्य से लाला शिवलाल धर्मशाला कनीना में मुफ्त चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इस कैंप का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति प्रोत्साहित करना है। नवजीवन अस्पताल से आए  डा. सरिता यादव ने बताया कि कैंप में  मरीजों की जांच कर मुफ्त दवाई प्रदान की गई। डॉक्टर सरिता ने बताया कि आज उन्होंने 60 मरीजों ओर 10 गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य जांचा और खास तौर पर गर्भवती महिलाओं को इस दौरान खान पान पर ध्यान देने और मोबाइल फोन का कम उपयोग करने की सलाह दी। इस अवसर पर मनीषा यादव पूर्व पार्षद ने सेवा भाव के लिए लगाए गए इस कैंप की सराहना करते हुए कहा इससे समाज में एक अच्छा संदेश जाता है इस अवसर पर नीलकमल से डा. सचिन , डा. प्रशांत यादव ,डा. अंकित , सोनिका , अंकित पंकज , सूरज,  हेमंत अर्निका यादव अमित कुमार सतीश रोहिल्ला आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04: डाक्टर मरीजों को सलाह देते हुए।




माता खिमज मेले के दृष्टिगत बैठक आयोजित
*******************************************************
****************************************************************
*******************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना उपमंडल के गांव सेहलंग स्थित खिमज माता धाम, सेहलंग,पहाड़ी  पर खिमज माता सेवा दल एवं गांव सेहलंग निवासियों की एक सभा आयोजित की गई। इसमें चार फरवरी को लगने वाले खिमज माता के मेले की व्यवस्था हेतु तथा आयोजित हो रहे वालीबाल, कबड्डी, कुश्ती, क्रिकेट खेल,भंडारा, सफाई, रंग-पेंट आदि  करवाने के लिए विभिन्न दायित्व दिए गए तथा विचार विमर्श किया गया। सभी ने समर्पण और श्रद्धा भाव से काम करने का निर्णय लिया। इस मौके पर मास्टर विजयपाल, महावीर प्रधान, रामनिवास, रविन्द्र, वजीर,अशोक, धर्मपाल,प्रवीण,प्रेम, सतपाल आदि सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। सभी खेलों में प्रथम पुरस्कार बढ़ा कर 31,000रुपये तथा द्वितीय पुरस्कार 21,000 रुपये कर दिया गया है।
फोटो कैप्शन 05: माता खिमज मेले की तैयारियों के दृष्टिगत बैठक





शहीद रविपाल को श्रद्धांजलि दो को
*******************************************************
****************************************************************
*******************************************************
कनीना की आवाज।
 जिला के गांव पाथेड़ा में आगामी 2 जनवरी को वीर शहीद रविपाल सिंह के 19वें शहीदी दिवस पर शहीद सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा तथा शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस अवसर पर  अतरलाल एडवोकेट मुख्य अतिथि होंगे।
 जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक अभिषेक सिंह ने कहा कि शहीद रविपाल सिंह 2 जनवरी 2006 को मणिपुर में शहीद हुए थे। वहां सेना ने आतंकवादियों के सफाए के लिए ऑपरेशन हिफाजत चलाया हुआ था। इस दौरान आतंकवादियों से लोहा लेते हुए रविपाल सिंह शहीद हो गए। उनकी याद में ग्राम वासियों की तरफ से प्रतिवर्ष शहीद सम्मान समारोह आयोजित किया जाता है। इस वर्ष भी उनके शहीदी दिवस 2 जनवरी को विशाल श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाएगी जिसमें शहीद रविपाल सिंह सहित देश के वीर शहीदों को नमन किया जाएगा।




वर्षा का जल अभी भी खड़ा है सड़कों पर
-मुख्य मार्गों पर भी खडऱा है गंदा जल
*******************************************************
****************************************************************
*******************************************************
कनीना की आवाज।
 शुक्रवार को दिनभर 50 एमएम वर्षा हुई वहीं शनिवार को बूंदाबांदी चली जिसके चलते सड़कों पर गड्ढों के रूप में पानी खड़ा हुआ है। हाल ही में नहर के साथ-साथ नई सड़क बनाई गई है जिस पर भी कई जगह पानी खड़ा हुआ है, वहीं मुख्य मार्ग पर भी जगह-जगह पानी खड़ा हुआ है। सबसे अधिक पानी के गड्ढे कनीना-करीरा सड़क मार्ग पर देखे जा सकते हैं। यहां प्रारंभ में ही बहुत अधिक गड्ढे बने हुए हैं जो गंदे जल से भरे खड़े हैं जिनसे दुपहिया वाहन निकलना भी कठिन है। वर्षा से जहां किसानों के चेहरे खिल उठे वहीं कुछ किसान ओलावृष्टि से प्रभावित हो गए हैं। किसान चाहते हैं कि ओलावृष्टि से हुये नुकसान की भरपाई सरकार कर।ें उधर वर्षा से बहुत अधिक किसानों को लाभ भी हुआ है क्योंकि अभी तक पानी की फसलों को जरूरत थी और वह पूर्ति वर्षा ने कर दी है। कनीना के होलीवाला और कालरवाली जोहड़ पर बने सड़क मार्गों पर पानी जमा हो गया जो अभी तक नहीं सूखा है। अक्सर जब कभी वर्षा होती है तो इन दोनों जोहड़ों के सड़क मार्ग पर एक-एक फुट पानी जमा हो जाता है। कनीनावासियों ने चाहे बहुत प्रयास किया गया हो किंतु अभी तक जल निकासी की पूर्ण व्यवस्था नहीं हो पाई है। दोनों ही जोहड़ों  के पानी को निकालने के लिए पर्याप्त प्रयास किए गए, इनका गंदा जल सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचने के प्रयास किये किंतु नाकाफी रहे हैं। हर वर्ष मानसून के समय कनीना की अनेक सड़के जलमग्न हो जाती है। अभी भी कुछ सड़कों पर पानी जमा है। आवागमन गंदे पानी से होकर करना पड़ रहा है। वाहन जब गंदे पानी के से गुजरते हैं दूर दराज तक गंदा पानी गुजरने वाले लोगों को भीगों रहा है।
 फोटो कैप्शन 03: करीरा सड़क मार्ग पर जमा गंदा जल





एसडी विद्यालय के विद्यार्थी 51वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के लिए हुए रवाना
*******************************************************
****************************************************************
*******************************************************
कनीना की आवाज।
 51वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदशनी 2024 का आयोजन स्पोर्ट यूनिवर्सिटी हरियाणा राई सोनीपत में किया जा रहा है। जिला शिक्षा विभाग की तरफ से एस डी विद्यालय के 11वीं व 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को चुना गया है क्योंकि एस डी के नन्हे वैज्ञानिकों  राष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक प्रदर्शनी में भाग लेते रहे हैं आज एस डी विद्यालय के 40 विद्यार्थी उप-प्राचार्य के साथ उपरोक्त प्रदर्शनी के लिए रवाना हुए है सीईओ आरएस यादव ने टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर देवव्रत, अभिभावक विक्रम सिंह बिसोहा, नवीन मोड़ी व संगीता डीपी साथ रहे।
फोटो कैप्शन 01: विज्ञान प्रदर्शनी के लिए रवाना होते हुए विद्यार्थी।



 

 कनीना उपमंडल के गांव खेड़ी तलवाना में प्रधानमंत्री मन की बात कार्यक्रम सुना
*******************************************************
****************************************************************
*******************************************************
कनीना की आवाज।
 प्रधानमंत्री मन की बात कार्यक्रम महेंद्रगढ़ जिला संयोजक एवं भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा जिला महामंत्री चौधरी रामनिवास खेड़ी ने  बूथ नंबर 22 पर ग्रामीणों के साथ प्रधानमंत्री मन की बात कार्यक्रम सुना इस अवसर पर हवलदार शेर सिंह, नवीन कुमार अशोक कुमार मनीष कुमार, सुबह सिंह, छिमा देवी, ज्योति देवी आशा देवी सरिता देवी पुष्पा देवी सुमन देवी बबीता देवी सविता देवी आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 02: खेड़ी में मन की बात सुनते हुए लोग।




प्रतिभावान महिलाओं को उतारा जा रहा है पालिका चुनावों में
--प्रधान पद के लिए मारामारी
*******************************************************
****************************************************************
*******************************************************
कनीना की आवाज।
 यूं तो नगर पालिका के चुनाव फरवरी 2025 तक पूर्ण किए जाने हैं। पालिका प्रधान पद महिला के लिए आरक्षित करने से चुनावों के दृष्टिगत इस बार एक नई समस्या खड़ी कर दी है वही वार्डों में भी महिलाओं के लिए आरक्षण दिया गया है। सबसे बड़ी बात है कि प्रधान पद के लिए योग्य और पढ़ी-लिखी महिलाओं की तलाश की जा रही है। जो पालिका प्रधान बतौर अहम भूमिका निभा सके। दसवीं क्लास तक लिखी पढ़ी  बहुत से घरों महिलाएं हैं। वृद्ध महिलाएं चाहे दसवीं पास ना हो किंतु आधुनिक युवा पीढ़ी तो एमए और पीएचडी तक मिल जाएंगी। समस्या यह नहीं है अपितु समस्याएं पढ़ी-लिखी महिलाएं बहुत कम चाहती है कि वो राजनीति में आए, विशेष कर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं कम चाहती हैं। अभी कनीना कहने को शहरी है परंतु ग्रामीण पृष्ठभूमि इसके साथ बंधी हुई है। यही कारण है कि योग्य महिलाओं की तलाश जारी है। अभी तक एक दर्जन महिलाएं प्रधान पद के लिए दावेदारी के लिए अपने-अपने चेहरे किसी न किसी जरिए दिखने लगी हैं जिससे स्पष्ट है कि वो पालिका प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ेंगी। पालिका प्रधान का चुनाव डायरेक्ट/सीधा होगा इसलिए पूरे ही कनीना कस्बे के 10400 से अधिक वोट प्रधान पद के लिए अपना-अपना वोट डालेंगे और प्रधान पद का चुनाव करेंगे। प्रधान पद इस बार सशक्त पद बना दिया गया है क्योंकि पिछली योजना में प्रधान का चुनाव पार्षदों द्वारा होता था, अबकी योजना में पार्षदों को अलग थलग कर दिया गया है। ऐसे में पार्षदों की अहमियत को घटकर प्रधान पद को सशक्त बना दिया है। महज कुछ प्रस्ताव पारित करवाते समय पार्षदों की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में अब सभी की नजरें प्रधान पद पर टिकी हुई हैं। वैसे भी लंबे समय के बाद ही चुनाव हो रहे हैं इसलिए भी महिलाएं आगे आ रही है। कुछ घरों में महिलाओं को मनाया जा रहा है ताकि वह एक बार नामांकन कर दे तो चुनाव उनके परिवार वाले मदद करवा कर जीत सकते हैं। यही कारण है कि पहले तो महिलाओं को मनाना बहुत कठिन है क्योंकि प्रधान पद के लिए महिलाएं आगे कम आना चाहती हैं और एक बार यदि आगे आ गई तो फिर वह पीछे हटने का नाम भी नहीं लेंगी। इस बार जिन पुरुष उम्मीदवारों को प्रधान पद चुनाव लडऩा था उनके लिए सबसे बड़ी समस्या यही खड़ी हो गई है कि अब महिला प्रधान बनेगी और महिला प्रत्याशी को बनाने के लिए महिलाओं को तैयार किया जा रहा है ताकि वह किसी प्रकार चुनाव में आ डटे।  आने वाले समय में पता लग पाएगा, विशेष कर नई साल पर जरूर पता लग जाएगा कितनी महिलाएं प्रधान पद की दावेदार हैं।










इस साल की अंतिम सोमावती अमावस्या 30 को
-पापों से दिलाती है मुक्ति -आचार्य दीपक
*******************************************************
****************************************************************
*******************************************************
कनीना की आवाज।
 पोष महीने में  सोमावती अमावस्या 30 दिसंबर को प्रारंभ होगी जो 31 दिसंबर तक जारी रहेगी। अमावस्या में श्रद्धा, व्रत एवं भक्ति का विशेष महत्व है। ग्रामीण क्षेत्रों में हर अमावस्या को लोग विशेष पूजन करते हैं जिसे पितृ पूजन कहते हैं। जिसके तहत पितरों के लिए अलग से भोजन तैयार किया जाता है और गायों को खिलाया जाता है। परंतु सोमवती अमावस्या पर स्नान व्रत एवं ध्यान का विशेष महत्व बताया गया है।
 आचार्य दीपक कौशिक ने बताया कि इस दिन जहां लोग दूर दराज जैसे हरिद्वार, ढोसी तीर्थ तथा अन्य तीर्थ पर जाकर स्नान करते हैं, साथ में दान करते हैं उनकी मनोकामना फलीभूत होती है। इस दिन विष्णु एवं पीपल वृक्ष की पूजा की जाती है। आचार्य के अनुसार पीपल के पेड़ की जड़ में भगवान विष्णु का निवास माना जाता है, इसलिए वृक्ष की जड़ की पूजा की जाती है और इसमें जल अर्पित किया जाता है। विधि विधान से पितरों की पूजा अर्चना की जाती है ताकि भौतिक सुख समृद्धि और खुशहाली आ सके। इस दिन दान का विशेष महत्व है, दान अवश्य करना चाहिए।
 क्या है सोमावती अमावस्या --
आचार्य दीपक बताते हैं कि सोमवार का दिन वैसे ही शुभ होता है। यह दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित है और इस दिन भोलेनाथ को याद करते हुए अमावस्या का दिन आ जाता है तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। जहां पितरों के साथ-साथ भगवान भोलेनाथ और विष्णु को भी याद किया जाता है। यही कारण है कि सोमावती अमावस्या का विशेष महत्व होता है। वैसे तो बताया जाता है कि पांडवों के समय में सोमावती अमावस्या कभी जीवन में नहीं आई, वे इस इस अमावस्या के लिए तरसते रहे किंतु इस साल वर्ष यानी 2024 की अंतिम सोमावती अमावस्या 30 दिसंबर को लग रही है जो 31 दिसंबर सुबह तक चलेगी। तत्पश्चात नया साल शुरू हो जाएगा इसलिए भी यह विशेष महत्व रखता है।
सोमावती अमावस्या के लिए आचार्य बताते हैं कि सुबह सवेरे स्नान, ध्यान करके और पितरों को नमन करना चाहिए। तत्पश्चात दान दक्षिणा करनी चाहिए, गायों को खाना खिलाना चाहिए। इस दिन जहां विभिन्न देवी देवताओं को याद किया जाता है। यह दिन अति शुभ माना जाता है।
 फोटो कैप्शन: आचार्य दीपक

Saturday, December 28, 2024


 
पालिका चुनावों के लिए प्रतिभावान महिलाओं को जा रहा है मनाया
--फरवरी माह तक पूरा किया जाना है चुनाव प्रक्रिया को
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
 यूं तो नगर पालिका के चुनाव फरवरी 2025 तक पूर्ण किए जाने हैं। पालिका प्रधान पद महिला के लिए आरक्षित करने से चुनावों के दृष्टिगत इस बार एक नई समस्या खड़ी कर दी है वही वार्डों में भी महिलाओं के लिए आरक्षण दिया गया है। सबसे बड़ी बात है कि प्रधान पद के लिए योग्य और पढ़ी-लिखी महिलाओं की तलाश की जा रही है। जो पालिका प्रधान बतौर अहम भूमिका निभा सके। दसवीं क्लास तक लिखी पढ़ी  बहुत से घरों महिलाएं हैं। वृद्ध महिलाएं चाहे दसवीं पास ना हो किंतु आधुनिक युवा पीढ़ी तो एमए और पीएचडी तक मिल जाएंगी। समस्या यह नहीं है अपितु समस्याएं पढ़ी-लिखी महिलाएं बहुत कम चाहती है कि वो राजनीति में आए, विशेष कर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं कम चाहती हैं। अभी कनीना कहने को शहरी है परंतु ग्रामीण पृष्ठभूमि इसके साथ बंधी हुई है। यही कारण है कि योग्य महिलाओं की तलाश जारी है। अभी तक एक दर्जन महिलाएं प्रधान पद के लिए दावेदारी के लिए अपने-अपने चेहरे किसी न किसी जरिए दिखने लगी हैं जिससे स्पष्ट है कि वो पालिका प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ेंगी। पालिका प्रधान का चुनाव डायरेक्ट/सीधा होगा इसलिए पूरे ही कनीना कस्बे के 10400 से अधिक वोट प्रधान पद के लिए अपना-अपना वोट डालेंगे और प्रधान पद का चुनाव करेंगे। प्रधान पद इस बार सशक्त पद बना दिया गया है क्योंकि पिछली योजना में प्रधान का चुनाव पार्षदों द्वारा होता था, अबकी योजना में पार्षदों को अलग थलग कर दिया गया है। ऐसे में पार्षदों की अहमियत को घटकर प्रधान पद को सशक्त बना दिया है। महज कुछ प्रस्ताव पारित करवाते समय पार्षदों की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में अब सभी की नजरें प्रधान पद पर टिकी हुई हैं। वैसे भी लंबे समय के बाद ही चुनाव हो रहे हैं इसलिए भी महिलाएं आगे आ रही है। कुछ घरों में महिलाओं को मनाया जा रहा है ताकि वह एक बार नामांकन कर दे तो चुनाव उनके परिवार वाले मदद करवा कर जीत सकते हैं। यही कारण है कि पहले तो महिलाओं को मनाना बहुत कठिन है क्योंकि प्रधान पद के लिए महिलाएं आगे कम आना चाहती हैं और एक बार यदि आगे आ गई तो फिर वह पीछे हटने का नाम भी नहीं लेंगी। इस बार जिन पुरुष उम्मीदवारों को प्रधान पद चुनाव लडऩा था उनके लिए सबसे बड़ी समस्या यही खड़ी हो गई है कि अब महिला प्रधान बनेगी और महिला प्रत्याशी को बनाने के लिए महिलाओं को तैयार किया जा रहा है ताकि वह किसी प्रकार चुनाव में आ डटे।  आने वाले समय में पता लग पाएगा, विशेष कर नई साल पर जरूर पता लग जाएगा कितनी महिलाएं प्रधान पद की दावेदार हैं।






इस साल की अंतिम सोमावती अमावस्या 30 को
-पापों से दिलाती है मुक्ति -आचार्य दीपक
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
 पोष महीने में  सोमावती अमावस्या 30 दिसंबर को प्रारंभ होगी जो 31 दिसंबर तक जारी रहेगी। अमावस्या में श्रद्धा, व्रत एवं भक्ति का विशेष महत्व है। ग्रामीण क्षेत्रों में हर अमावस्या को लोग विशेष पूजन करते हैं जिसे पितृ पूजन कहते हैं। जिसके तहत पितरों के लिए अलग से भोजन तैयार किया जाता है और गायों को खिलाया जाता है। परंतु सोमवती अमावस्या पर स्नान व्रत एवं ध्यान का विशेष महत्व बताया गया है।
 आचार्य दीपक कौशिक ने बताया कि इस दिन जहां लोग दूर दराज जैसे हरिद्वार, ढोसी तीर्थ तथा अन्य तीर्थ पर जाकर स्नान करते हैं, साथ में दान करते हैं उनकी मनोकामना फलीभूत होती है। इस दिन विष्णु एवं पीपल वृक्ष की पूजा की जाती है। आचार्य के अनुसार पीपल के पेड़ की जड़ में भगवान विष्णु का निवास माना जाता है, इसलिए वृक्ष की जड़ की पूजा की जाती है और इसमें जल अर्पित किया जाता है। विधि विधान से पितरों की पूजा अर्चना की जाती है ताकि भौतिक सुख समृद्धि और खुशहाली आ सके। इस दिन दान का विशेष महत्व है, दान अवश्य करना चाहिए।
 क्या है सोमावती अमावस्या --
आचार्य दीपक बताते हैं कि सोमवार का दिन वैसे ही शुभ होता है। यह दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित है और इस दिन भोलेनाथ को याद करते हुए अमावस्या का दिन आ जाता है तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। जहां पितरों के साथ-साथ भगवान भोलेनाथ और विष्णु को भी याद किया जाता है। यही कारण है कि सोमावती अमावस्या का विशेष महत्व होता है। वैसे तो बताया जाता है कि पांडवों के समय में सोमावती अमावस्या कभी जीवन में नहीं आई, वे इस इस अमावस्या के लिए तरसते रहे किंतु इस साल वर्ष यानी 2024 की अंतिम सोमावती अमावस्या 30 दिसंबर को लग रही है जो 31 दिसंबर सुबह तक चलेगी। तत्पश्चात नया साल शुरू हो जाएगा इसलिए भी यह विशेष महत्व रखता है।
सोमावती अमावस्या के लिए आचार्य बताते हैं कि सुबह सवेरे स्नान, ध्यान करके और पितरों को नमन करना चाहिए। तत्पश्चात दान दक्षिणा करनी चाहिए, गायों को खाना खिलाना चाहिए। इस दिन जहां विभिन्न देवी देवताओं को याद किया जाता है। यह दिन अति शुभ माना जाता है।
 फोटो कैप्शन: आचार्य दीपक





यदि भूकंप आये तो सावधानियां रखकर जन-धन की हानि होने से सकते है रोक- धर्मपाल शर्मा
--धर्मपाल शर्मा द्वारा दी गई सावधानियां पढ़े
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
हरियाणा के रोहतक, सोनीपत, पानीपत, झज्जर तथा गुरुग्राम मे तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए।  भूकंप का केंद्र सोनीपत का कुंडल गांव था सोनीपत में अगले दिन प्रात:काल दुबारा भूकंप के झटके महसूस किए गए। पहले दिन भूकंप की तीव्रता 3.8 थी तथा दूसरे दिन तीव्रता 2.6 थी। भूकंप का केंद्र खरखौदा में पाई गांव के नजदीक था। इन भूकंपों से कोई जन-धन  की हानि नही हुई। यदि  रियेक्ट स्केल पर तीव्रता 6 या इससे अधिक होती तो बहुत अधिक जनधन की हानि हो सकती  थी। विज्ञान मंच के जिला संयोजक धर्मपाल शर्मा ने बताया  यदि नारनौल मे 6 या   इससे अधिक तीव्रता का  भूकंप आया तो जन धन की बहुत हानि हो सकती है। नारनौल भूकंप के खतरनाक जोन आता है।   हम भूकंपों का आना रोक नहीं सकते है लेकिन आपदा के स्वरूप को पहचान कर, अधिक सुरक्षित इमारतें बनाकर लोगों को भूकंप से सुरक्षा संबन्धित जानकारी देकर इस आपदा के प्रभाव को कम कर सकते हैं। भूकंप जमीन के नीचे चट्टानों के टूटने और अचानक अपनी जगह बदलने से लहरें पैदा होतीं हैं बहुत तेज झटके वाली लहर को भूकंप कहते हैं। भूकंप कुदरत की ताकत का एक नमूना है। भूकंप प्राकृतिक आपदा का सर्वाधिक रूप माना जाता है ।किसी भूकंप की तीव्रता सीस्मोग्राफ पर अंकित भू तरंगों के आधार की जाती हैं यदि जिला महेन्द्रगढ़ में कभी भूकंप आया तो हम खतरनाक जोन में होने के कारण बहुत जन धन की हानि हो सकती है इसलिए मेरे निम्न सुझाव है सभी अपने घर पर,या काम करने वाली जगह पर, अथवा गाड़ी में आपातकालीन लाइट रखनी चाहिए क्योंकि भूकंप के बाद बिजली गुल हो जाती है ।
आग बुझाने का यन्त्र घर और कार्यालय में होना चाहिए ताकि आग लगने की दशा में उस पर नियंत्रण कर सके। सेल से चलने वाला रेडियो अवश्य अपने पास रखें क्योंकि भूकंप के समय अन्य संचार माध्यम ध्वस्त हो जाते है ।
कम से कम तीन चार लीटर पीने का पानी प्रत्येक व्यक्ति के लिए उपलब्ध होना चाहिए ।
कम से कम तीन दिन का आवश्यकता अनुसार पौष्टिक एवं आसानी से खराब न होने वाली खाद्य पदार्थ का भण्डारण जरूर होना चाहिए ।
प्रथम उपचार किट जिसमें आधारभूत दवाइयां हो जरूर अपने घर में रखे। आपातकालीन सामग्री सुरक्षित स्थान पर रखनी चाहिए और परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को इस बारे जानकारी हो ।भूकंप के समय ऊंची मंजिल के भवन से बाहर निकलने का प्रयास करें । अगर आप बाहर नहीं जा सकते तो टेबल या डेस्क के नीचे चेहरे को छिपा ले ताकि गिरने वाली वस्तुओं से सुरक्षित रहें। यदि आप बाहर है तो खुली जगह पर आ जाय और पेड़ भवन, बिजली की तारों से दूर रहे। पहाड़ी क्षेत्रों में ढलानों से दूर रहे। बिना सोचे समझे भवनों से बाहर न दौड़े। गिरती ईंटों व सामानों से चोट लग सकती हैं। भूकंप के समय लिफ्ट का प्रयोग न करें । अगर आप गाड़ी चला रहें हैं तो सड़क के एक तरफ खड़े हो जायें। गाड़ी के भीतर ही रहे। गाड़ी को पुलों, पेड़ों भवनों तथा बिजली के तारों से दूर खड़ी करें। भूकंप के थमने का इन्तजार करें। भवन की उंचाई कम से कम रखी जायें ।भवन भूकंप रोधी प्रणाली का बनाये। भवन बनाते समय विशेष इंजीनियरी प्रावधानों को अपनाना चाहिए ।भवनों के मध्य पर्याप्त स्थान होना चाहिए। भवनों में खिड़की दरवाजे दिवार के किनारे पर नहीं होने चाहिए और न ही एक के ऊपर एक समानांतर होने चाहिए। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों को भू-वैज्ञानिकों जोन चार में रखा है इस क्षेत्र में 7.9 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है जिसमें जन धन की बहुत अधिक हानि हो सकती है ।
फोटो कैप्शन: धर्मपाल शर्मा





एनएसक्यूएफ के तहत विद्यार्थियों ने किया फैक्ट्री का दौरा
-विद्यार्थी एवं शिक्षकों ने किया फैक्ट्री का दौरा
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना के छात्रों के लिए एक विशेष अवसर प्रदान किया गया है, जिसमें उन्हें राष्टीय कौशल गुणवत्ता ्रेफ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के तहत इंफोर्मेशन टक्रोलोजी/पेसेंट केयर एसिस्टेंट पाठ्यक्रम के अंतर्गत नीमराना स्थित पारले-जी फैक्ट्री का दौरा किया गया। इस कार्यक्रम ने विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास और औद्योगिक प्रक्रियाओं को समझने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान किया।
इस अवसर पर विद्यालय में आइटी/पीसीए के कक्षा नौवीं और दसवीं तथा बुनियाद कक्षाओं में पढऩे वाले बच्चे भी फील्ड विजिट पर गए।
प्राचार्य सुनील खुडानिया ने हरी झंडी दिखाकर विद्यार्थियों को रवाना किया तथा बताया कि इस दौरे का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को वास्तविक औद्योगिक माहौल में ले जाकर उन्हें तकनीकी प्रक्रियाओं, मशीनरी के कार्य, और उद्योग में काम करने के अनुभव से अवगत कराना है। विद्यार्थियों को फैक्ट्री के विभिन्न विभागों का भ्रमण कराते हुए, उन्हें कार्यप्रणाली और उत्पाद निर्माण की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाएगी।
विद्यालय के एनएसक्यूएफ प्रभारीराजेश चतुर्वेदी एवं पूनम कुमारी ने बताया कि हमारा विश्वास है कि यह दौरा विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक होगा, और उन्हें उनके भविष्य के कैरियर के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने में मदद करेगा। इस अवसर पर विद्यालय से अन्य शिक्षकों जैसे रवि कुमार बलदीप यादव, सुरेंद्र मोरवाल, नितिन मुद्गल, गुरदीप सिंह, नवीन कुमार, पूनम गोस्वामी ने भी फैक्ट्री का दौरा किया तथा जानकारियां प्राप्त की।
फोटो कैप्शन 09: कनीना स्कूल के विद्यार्थी फैक्ट्री का दौरा करने जाते हुए।



नव वर्ष पर भेजे बधाई संदेश,संदेश भेजने का है आज अंतिम दिन      
- मामूली से खर्चे पर प्रकाशित होंगे बधाई संदेश
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
नव वर्ष 2025 को समाचार पत्र में बधाई संदेश मामूली से खर्चे पर प्रकाशित होंगे। प्रत्येक व्यक्ति को 1000-1000 रुपये देने होंगे साथ में अपना बधाई भेजना होगा। इसके लिए एक पासपोर्ट साइज फोटो तथा नये साल का संदेश देना होगा। यदि बधाई संदेश छपवाना है तो 28 दिसंबर से पहले पहले फोन पे के जरिए राशि 9416348400 पर एक हजार रुपये भेजें तथा इसी नंबर के व्हाट्सएप पर अपनी पासपोर्ट साइज फोटो और संदेश भेजें।





वर्षा का जल अभी भी खड़ा है सड़कों पर
-मुख्य मार्गों पर भी खडऱा है गंदा जल
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
जिसके चलते सड़कों पर गड्ढों के रूप में पानी खड़ा हुआ है। हाल ही में नहर के साथ-साथ नई सड़क बनाई गई है जिस पर भी कई जगह पानी खड़ा हुआ है, वहीं मुख्य मार्ग पर भी जगह-जगह पानी खड़ा हुआ है। सबसे अधिक पानी के गड्ढे कनीना-करीरा सड़क मार्ग पर देखे जा सकते हैं। यहां प्रारंभ में ही बहुत अधिक गड्ढे बने हुए हैं जो गंदे जल से भरे खड़े हैं जिनसे दुपहिया वाहन निकलना भी कठिन है। वर्षा से जहां किसानों के चेहरे खिल उठे वहीं कुछ किसान ओलावृष्टि से प्रभावित हो गए हैं। किसान चाहते हैं कि ओलावृष्टि से हुये नुकसान की भरपाई सरकार कर। उधर वर्षा से बहुत अधिक किसानों को लाभ भी हुआ है क्योंकि अभी तक पानी की फसलों को जरूरत थी और वह पूर्ति वर्षा ने कर दी है। कनीना के होलीवाला और कालरवाली जोहड़ पर बने सड़क मार्गों पर पानी जमा हो गया जो अभी तक नहीं सूखा है। अक्सर जब कभी वर्षा होती है तो इन दोनों जोहड़ों के सड़क मार्ग पर एक-एक फुट पानी जमा हो जाता है। कनीनावासियों ने चाहे बहुत प्रयास किया गया हो किंतु अभी तक जल निकासी की पूर्ण व्यवस्था नहीं हो पाई है। दोनों ही जोहड़ों  के पानी को निकालने के लिए पर्याप्त प्रयास किए गए, इनका गंदा जल सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचने के प्रयास किये किंतु नाकाफी रहे हैं। हर वर्ष मानसून के समय कनीना की अनेक सड़के जलमग्न हो जाती है। अभी भी कुछ सड़कों पर पानी जमा है। आवागमन गंदे पानी से होकर करना पड़ रहा है। वाहन जब गंदे पानी के से गुजरते हैं दूर दराज तक गंदा पानी गुजरने वाले लोगों को भीगों रहा है।
 फोटो कैप्शन 10: करीरा सड़क मार्ग पर जमा गंदा जल




राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला खरीवाड़ा मे हुआ मेगा पीटीएम का आयोजन
--अभिभावकों ने लिया भाग
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
खारीवाड़ा की राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला में शनिवार को मेगा पीटीएम का आयोजन हुआ।
जिसमें सबसे पहले विद्यालय प्रभारी कैलाश चंद ने आए हुए अभिभावकों का आभार जताया व कई महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी दी और बच्चों की पढ़ाई, उनकी मानसिक स्वास्थ्य, स्कूल की गतिविधियों, और अभिभावकों की भूमिका पर प्रकाश डाला व शीतकालीन अवकाश मे अभिभावकों को बच्चों को गृहकार्य कैसे पूरा करवाना और किन किन बिन्दुओं पर ध्यान रखना है के बारे में बताया।
इसके बाद शिक्षक राजेश उन्हाणी ने आये हुए अभिभावकों को शिक्षा की महत्वता, अनुशासन, और शीतकालीन अवकाश में घर पर बच्चों के साथ संवाद करने के तरीकों के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि इस मीटिंग का उद्देश्य अभिभावकों और शिक्षकों के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित करना और बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहयोग करना है।
एक अभिभावक बबीता देवी ने बताया की उनकी बेटी नैंसी इस स्कूल में कक्षा तीसरी मे पढ़ती है  पीटीएम में आकर उन्हें काफी अच्छा लगा कक्षा टीचर ने उनकी बेटी की काफी तारीफ की पीटीएम होने से बच्चे की स्थिति पता चलती है और अभिभावक होने के नाते वह भी अपने बच्चों में सकारत्मक सुधार लाने का प्रयास कर पाती हैं उनके स्कूल अभिभावक राजरानी बताया कि उनकी बेटा वंश इसी विद्यालय की पांचवी कक्षा का छात्र है। जबसे हरियाणा सरकार ने  स्कूलों में मेगा पीटीएम का आयोजन शुरू हुआ है, तबसे उन्हें वंश में अच्छे बदलाव देखने को मिले है वहीं पांचवी कक्षा में पढऩे वाले अक्षय नामक छात्र के पिताजी प्रदीप ने बताया कि आज की पीटीएम काफी अच्छी रही और स्कूल के टीचरों का व्यवहार भी काफी अच्छा था।
पी टी एम मे अभिभावक बबीता , राजरानी, ममता, टिंकू, प्रदीप, आशा देवी, हिना देवी, बीना देवी, ऋतु देवी,  गंगा, शकुंतला,प्रवीण कुमार आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 11: खारीवाड़ा में मेगा पीटीएम करते शिक्षक एवं अभिभावक




मुआवजा देने व ऋण माफ करने की मांग
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
जिला महेंद्रगढ़ के अनेक गांवों में शुक्रवार रात्रि को हुई ओलावृष्टि के कारण किसानों की गेहूं तथा सरसों की फसल में भारी नुकसान हुआ है।
इस सम्बन्ध में बसपा नेता अतरलाल ने  ओलावृष्टि प्रभावित गांवों बाघोत, स्याणा, नौताना, पोता, सेहलंग व अगिहार का दौरा करने के बाद कहा कि शुक्रवार रात्रि को बरसात के साथ भारी  ओलावृष्टि होने के कारण किसानों की गेहूं तथा सरसों की फसलों में नुकसान हुआ है। उन्होंने राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन से तत्काल विशेष गिरदावरी करवाकर प्रभावित किसानों को चालीस हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि से किसानों के खिले चेहरे मुरझा गए हैं। इसलिए राज्य सरकार की तरफ से प्रभावित किसानों को आर्थिक मदद की दरकार है। उन्होंने राज्य सरकार से प्रभावित किसानों के लघु अवधि के बैंक ऋणों को माफ करने की भी मांग की है।




आधी रात को बरसा कहर
-- सरसों की फसल तीन गांवों में कर दी तबाह, 75 फीसदी तक हुआ नुकसान, कृषि विभाग की टीम ने किया सर्वे
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना उप-मंडल के गांव पोता,स्याणा, सेहलंग, बाघोत और तलवाना आदि क्षेत्रों में करीब आधी रात को जमकर ओलावृष्टि हुई। जमीन ओलों से सफेद हो गई, सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है जिसके चलते किसान बेहद परेशान हैं।  इस संबंध में एसडीओ कृषि विभाग महेंद्रगढ़ डा. अजय यादव, डा. योगेश यादव ,पटवारी एवं नंबरदार आदि की टीम विभिन्न गांवों में सर्वे करने पहुंची और प्रत्येक गांव में जाकर किसानों से मिलकर फसलों में हुये नुकसान का जायजा लिया। वो जल्द ही अपनी सर्वे रिपोर्ट सरकार को भेजेंगे।
  मिली जानकारी अनुसार शुक्रवार की आधी रात के करीब कई गांवों में वर्षा के साथ-साथ ओलावृष्टि हुई। ओलावृष्टि भी लंबे समय तक चली जिसके चलते गेहूं और सरसों की फसलों पर तबाही की। गेहूं की फसल छोटी होने से नुकसान कम हो पाया है किंतु सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। मिली जानकारी अनुसार पोता में 900 से 1000 एकड़ जमीन पर 75 प्रतिशत नुकसान पहुंचा वहीं स्याणा गांव में 600 से 700 एकड़ जमीन पर 75 प्रतिशत तक नुकसान सरसों की फसल में पहुंचा है, सेहलंग में 200 से 250 एकड़ सरसों फसल पर अधिकतम 25 फीसदी नुकसान पहुंचा है। बाघोत में डेढ़ सौ से 200 एकड़ फसल पर अधिकतम 25 प्रतिशत नुकसान पहुंचा, तलवाना में 100-150 एकड़ जमीन पर 25 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है जबकि 50 से 75 एकड़ जमीन पर 25 से 50 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है।
 उल्लेखनीय की इन गांव में 75 प्रतिशत भूभाग पर सरसों उगाई गई है जबकि 25 प्रतिशत भूभाग पर गेहूं सहित विभिन्न फैसले उगाई गई हैं। सरसों की बेहतर फसल पैदावार की किसान सोच रहे थे किंतु आकाश से वर्षा के साथ आफत आ गिरी जिसने किसानों की सभी आशाओं पर पानी फेर दिया है।
 टीम ने किया सर्वे -
डा. अजय यादव एसडीओ कृषि विभाग महेंद्रगढ़, डा. योगेश यादव, पटवारी तलवाना, पटवारी खेड़ी, सुरेंद्र नंबरदार खेड़ी, मुकेश पोता हनुमान सिंह, सुभाष पंच, लोकेश पंच, कृष्ण कुमार, रामनिवास यादव, मांगेराम शर्मा ,अजय रोहिल्ला, मुकेश यादव, कुलदीप, अश्विनी,  कृष्ण कुमार, राजेश, सुभाष, लोकेश, अजय यादव, संतलाल, सरपंच वीरपाल यादव, वीरेंद्र शर्मा, श्री भगवान, रामनिवास, जसवंत सिंह, अमीलाल विक्रम और अन्य किसान मौके पर हाजिर रहे। एसडीओ कृषि विभाग डा.अजय कुमार यादव ने बताया कि पोता ,स्याणा गांवों में 75 प्रतिशत तक सरसों पर नुकसान हुआ है जबकि से सेहलंग,बाघोत एवं तलवाना में 25 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है जबकि तलवाना के करीब 75 एकड़ जमीन पर 50 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। इस संबंध में सूचना उच्च अधिकारियों को प्रेषित की जा रही है।
मौके पर इकट्ठे हुए दो दर्जन से अधिक किसान-
 जब एसडीओ कृषि विभाग मौके पर पहुंचा तो 20 से 30 लोग जमा हो गए। हर गांव में ऐसी हालात बन गई और उनके साथ अपनी फसलों को दिखाया जो नुकसान हुआ है। एसडीओ की टीम ने आकलन किया और किसानों से जानकारी ली। अधिकारी ने किसानों को बताया कि नुकसान के संबंध में सूचना उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर दी जाएगी।
क्या कहते हैं स्याणा के लोग-
स्याणा के लोगों का कहना है कि रात करीब 11 बजे उपमंडल के गांव स्याणा में भारी ओलावृष्टि होने से गांव के किसानों के चेहरे मुरझा गए। गांव के किसानों की सरसों की फसल पूर्णतया नष्ट हो गई है।
गांव के किसान समशेर कोसलिया ने बताया कि गत रात्रि को लगभग ग्यारह बजे बादलों की गडग़ड़ाहट के साथ भारी ओलावृष्टि हुई है। हलका पटवारी संजीत कुमार ने मौके पर पहुंच कर नष्ट फसलों का जायजा लिया है और किसानों को सांत्वना दी है कि सरकार को फसलें चौपट होने की रिपोर्ट शीघ्र भेजने का काम किया जा रहा है।
रास्ते भर गए ओलावृष्टि से-
 ओलावृष्टि इतनी तेज थी लगातार रास्तों में बर्फ के रूप में ओले जमा होते रहे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार धरती जमीन सफेद हो गई। लोगों का कहना है कि  पहली बार भयंकर ओकलावृष्टि देखी है। कई कई इंच ओले जमीन पर जमा हो गए। किसानों ने की मुआवजे की मांग -
किसानों की मांग किसने की अब  उन्हें मुआवजा दिया जाए क्योंकि उनकी सबसे प्रमुख फसल सरसों में नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि उनकी फसल में इस कदर नुकसान हुआ है कि शायद ही कोई पैदावार सरसों की हो पाए। बउ़ी आशा के साथ सरसों की बीजाई की गई थी और इस पर ओलावृष्टि ने सब कुछ तबाह कर दिया।
फोटो साथ है






मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार- 81
आधुनिक यंत्रों से नहीं पुस्तक पढ़कर पाई थी प्रारंभिक शिक्षा
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी होशियार सिंह बतौर शिक्षक लंबे समय तक सेवा देकर अप्रैल 2024 में सेवानिवत्त हो गए हैं। उन्होंने जीवन में बहुत संघर्ष झेले हैं, बचपन में तो बहुत ज्यादा कठिनाई में जीवन यापन किया। आइये सुनते हैं उन्हीं की कहानी होशियार सिंह की ही जुबानी-
बचपन मेरा बहुत कठिनाई में बीता क्योंकि परिवार की आर्थिक हालात कमजोर होना एक सबसे बड़ी दिक्कत साबित हुई। यद्यपि माता-पिता पशुपालन कर कुछ बड़े परिवार का पालन पोषण करते थे। जहां बड़े भाई कृष्ण कुमार ने दूध का काम किया, दूध बेचने के लिए बस स्टैंड आदि पर जाता था और जो पैसे आते उसी से घर का गुजर बसर होता था। परिवार कुछ बड़ा होने की वजह से भी दिक्कत रही, रोटी नसीब तो हो जाती थी लेकिन बड़ी कठिनाई से। जीवन कष्ट में बिता। धीरे-धीरे बड़े भाई कृष्ण ने सारे काम अपने हाथ में ले लिये परिवार की हालात सुधरने लगी। उन दिनों किसी प्रकार के कोई आधुनिक यंत्र, बिजली के यंत्र आदि नहीं थे, पढऩे के लिए थोड़ा सा मिट्टी तेल/कैरोसीन मिलता था जिससे लालटेन या चिमनी में प्रयोग किया जाता था। कैरोसीन भी कोटे से मिलता था। हाथों से बनाई हुई चिमनी प्रयोग करते थे, बोतल की डाट में छेद करके कपड़े की बाती बनाकर डालते थे और उसी को जलाकर पढ़ते थे जिससे बहुत अधिक धुआं निकलता था जो आंखों एवं नाक आदि में चला जाता था। बड़ी ही कठिनाई से उस दीये से पढ़ते थे, जब तेज हवा आती तो बार-बार बूझ जाता था, फिर भी जैसे तैसे उसे पढ़ते रहे क्योंकि उसे समय चिमनी ही पर्याप्त थी। एक माह में एक बार कोटे से कैरोसीन आता जो घर में लकड़ी/ईंधन के जलाने में काम आता था और थोड़ा बहुत हमें नसीब होता था जिससे चिमनी जलाई जाती। बाद में लालटेन आने से बड़ी खुशी हुई क्योंकि लालटेन हवा से बुझती नहीं थी परंतु लालटेन का शीशा टूट जाता तो फिर से समस्या बन जाती थी, शीश खरीद कर लाना पड़ता था और फिर से पैसों की जरूरत होती थी। जैसे तैसे माली हालात में जीवन बसर किया, किताबें पढऩे के लिए नसीब नहीं होती थी। आज के दिन तो जहां किसी भी स्कूल में खाना, पुस्तक, कपड़े गाइड, कुंजी सब कुछ उपलब्ध हो जाती है। उस जमाने में न तो किताब नसीब होती थी और न सहायक सहायक पुस्तक उपलब्ध हो पाती थी। किसी से पुस्तक उधार लेकर पढऩा पड़ता था।
किसी अमीर व्यक्तियों के बच्चों से किताब उधार तो लेते परंतु वह मुश्किल से एकाध घंटे उधार देते थे। उसी से पढ़ते और फिर लौटा देते थे। यदि उसे जमाने में हमारे पास पढऩे के लिए पाठ्य पुस्तक भी नसीब हो जाती तो और अच्छे अंक  आ सकते थे और ऊंचाइयों को छू सकते थे किंतु बदनसीबी यही थी की पुस्तक/पाठ्य पुस्तक भी नसीब नहीं हो पाई। अगर कोई पाठ्य पुस्तक उपलब्ध हो पाई वह की महज बीएससी में ही हो पाई। दसवीं तक तो कोई पुस्तक उपलब्ध नहीं थी। उस पर फीस भी उस जमाने में माफ नहीं थी। चाहे 10 पैसे से दस रुपये प्रति माह फीस लगती थी वह भी बड़ी मुश्किल से दे पाते थे। हालत इतनी बेहतर नहीं थी कि लाइट व्यवस्था भी हो सके। जब हम दसवीं कक्षा में पहुंचे, परीक्षा के दिनों में कहीं से लाइट का प्रबंध किया था और इस लाइट से पढऩा शुरू किया था। जब 11वीं कक्षा में कालेज में पहुंचे तो एक ही वस्त्र में जाना आना और सादी चप्पल नसीब हुई। खाकी ड्रेस पहनकर कालेज जाते थे। वहां सबसे बड़ा लाभ मिला पुस्तकालय का, लाइब्रेरी से पुस्तक 14 दिनों के लिए उधार लेते अच्छे-अच्छे बिंदु होते हैं उन्हें नोटबुक में नोट कर लेते और पुस्तक वापस कर देते थे। इस प्रकार हमारी कालेज की पढ़ाई अच्छी चलने लगी, लाइट का प्रबंध हो गया, फोन आदि तो होते ही नहीं थे। जब हम बीएससी कर रहे थे उसे समय तक हमारे पास लाइट की व्यवस्था थी, फोन आदि किसी को ज्ञान नहीं था रेडियो भी नसीब नहीं था। रेडियो का प्रचलन उन दिनों बहुत सिर चढ़कर बोलता था। हां घर पर दुकान कर ली थी जहां बड़े भाई बैठते थे और परिवार का बखूबी से पालन उन्होंने किया। 1986- 87 तक जहां रेडियो टीवी के मनोरंजन कर भी देने पड़ते थे, डाकघर में मनोरंजन कर भरके आने पड़ते थे और जब हमने रेडियो, टीवी खरीद लिया उसके भी मनोरंजन कर हमें डाकघर जमा कराने पड़ते थे।
मेरा बड़ा भाई भरपूर को टीवी का शौक था और वह दिल्ली से टीवी खरीद कर ले आये और घर में लगाया। उसे जमाने में टीवी बहुत कम होते थे।  टीवी से थोड़ा आनंद जरूर आया ,जब भी समय लगता टीवी देखते थे ,बहुत कम समय बारी बारी से भाई टीवी देख पाते थे। समय ऐसे ही बीत गया। बीएससी कर रहा था तब ट्यूशन भी करना शुरू कर दिया और फिर तो हालत बहुत अच्छे बनती चले गये। और इससे पहले ही भाई ने दुकान 1980 में शुरू कर दी थी, घर की हालत सुधारती चली गई। मैं ट्यूशन से पैसे कमा लेता था, उधर भाई घर परिवार चलाने के लिए दुकान में अच्छा काम कर रहे थे। आज भी दुकान चली आ रही है। धीरे-धीरे दुकान का काम बेहतर चलने लगा, उधर मेरा भी पढऩे व पढ़ाने का स्तर बढ़ता चला गया। एक दिन में सैकड़ों विद्यार्थियों का ट्यूशन, कहीं स्कूलों में अस्थायी तौर पर जाना, कभी निजी स्कूलों में पढ़ाना जिससे अच्छा काम चलता रहा। उस जमाने में ट्यूशन के लिए तीन ही शिक्षक कनीना में कार्यरत थे। जहां रमेश कुमार एसएनडी आदर्श वाले,राम भगत गणित के लिए अच्छे शिक्षक जाने जाते थे और उधर मुझे साइंस बतौर जाना जाता था। इसलिए अधिकांश विद्यार्थी या तो गणित पढ़ाने के लिए मेरे पास या मेरे से कुछ ज्यादा गणित विषय पढऩे के लिए राम भगत के पास जाते थे, विज्ञान पढऩे वाले सबसे ज्यादा मेरे पास थे। इसी प्रकार गुजर बसर चला और बड़ी कक्षा में पहुंचे। जब साल 1994 आया तो एनवायरेंमेंट एवं इकोलोजी में एमएससी परीक्षा देने के लिए मुझे दिल्ली जाना पड़ा, वहीं से फिलिप्स कंपनी का रेडियो खरीद कर लाया जिसमें मधुर मधुर संगीत विशेष कर रफी के गाने बहुत सुनता रहा। आज भी मैं रफी के गानों का फैन हूं। उधर कुछ समय बाद जहां लैंडलाइन फोन लगवा लिया। मैं पत्रकारिता में आने की वजह से लैंडलाइन फोन की जरूरत पड़ी और 8845 नंबर मेरे लैंडलाइन फोन के नंबर थे। तत्पश्चात मुझे पता चला कि वायरलेस फोन/कोर्डलेस आता है और वह फोन मैंने खरीद लिया जो लैंडलाइन फोन से जुडकर काम करता था, जिसे कार्डलेस फोन नाम से जानते थे। और 4-5 किलोमीटर दूरी तक यह फोन काम करता था। जहां घर पर लैंडलाइन फोन से यह फोन जुड़ा होता था और मैं अपने खेतों में जहां डा.राजेंद्र सिंह व सूबे सिंह के खेत के पास अपने खेत में काम करता था तो कार्डलेस कार्य करता था। तत्पश्चात समय बीता और यहां बीएसएनएल की टावर सबसे पहले लगाई गई और बीएसएनएल की सिम पाना बहुत मुश्किल काम था। बीएसएनएल की सिम पत्रकारों को दी गई, उसके लिए पैसे भरने पड़े परंतु बड़ी मुश्किल से उपलब्ध हो पाई और यहां से सफर मोबाइल का शुरू हुआ। कार्डलेस फोन ने काम बंद कर दिया। तत्पश्चात मोबाइल फोन जिस पर फोन करने व सुनने सभी के पैसे लगते थे।  धीरे-धीरे फैक्स की सुविधा उपलब्ध करवाई, मैं फैक्स का बड़ा शौकीन था। उस समय बहुत महंगे दामों पर एक फैक्स करीब 40,000 रुपये की दिल्ली से मंगवाई जो श्रीीभगवान गौतम ने लाकर दी। यह आज तक मेरे पास सुरक्षित है और एक के बाद एक फैक्स प्रयोग की। फैक्स आने से खबरें भी फैक्स के जरिए भेजी जाने लगी। तत्पश्चात एक दिन बिजेंद्र ढिल्लों, राधेश्याम गोमला तथा मैं चलकर रेवाड़ी एक गाड़ी से पहुंचे। तीनों को सिम की जरूरत थी। मेरी कुछ टप टप टेलीफोन के एक उच्च अधिकारी से होने की वजह से फोन किया और एक सिम की बात की। उन्होंने रेवाड़ी बुलाया। हम तीनों एक गाड़ी से रेवाड़ी पहुंचे। मैंने उस अधिकारी से निवेदन किया कि हमें एक नहीं दो सिम चाहिए ।उन्होंने कहा चलो दो सिम दे दी जाएंगी। सबसे पहले सिम 9416348200 दी जो राधेश्याम ने कहा यह सिम तो मुझे जरूरत है, मुझे दे दो और वह सिम राधेश्याम को दे दी गई। तत्पश्चात एक और सिम निकाल जो 9416348400 नंबर की थी जो मैंने ले ली। तब से वह सिम आज तक से मेरे पास चली आ रही है। फिर निवेदन किया कि गाड़ी चालक बतौर विजेंद्र ढिल्लों आये हैं क्यों नहीं उनको एक सिम दी जाए और सिम दे दी। तीन सिम पाकर गाड़ी की सफाई के लिए गुरुग्राम की ओर प्रस्थान कर दिया। गुरुग्राम से गाड़ी की सफाई करके जो वापस आ रहे थे तो रास्ते में मीरपुर के पास मुख्य सड़क मार्ग पर भयंकर दुर्घटना घटी। गाड़ी हेलंथस से जा टकराई और दो कड़े नीम के पेड़ तोड़ डालें। गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई विजेंद्र ढिल्लों चालक थे और राधेश्याम साथ बैठे थे। मैं पीछे बैठा था। मुझे कोई चोट नहीं आई तुरंत लोग वहां पहुंचे बचाव किया गया, रेवाड़ी अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां से हम कनीना सरकारी अस्पताल पहुंचे। उस समय राममेहर श्योरान डाक्टर होते थे, उन तक पहुंचे। उन्होंने राधेश्याम गोमला और विजेंद्र ढिल्लों को दवा दी, कई दिनों तक उनका इलाज चलता रहा। उस घटना के बाद मैं समझा की सिम घटना की याद दिलाती रहेगी, वो सिम आज तक मेरे पास चली आ रही है। बाद में तो न जाने कितनी सुविधा शुरू हो गई किंतु तब तक मैं अपना पढ़ाई का सफर पूरा करके शिक्षा विभाग में लग गया था परंतु इसका मतलब यह नहीं कि आज के दिन भी मैं नहीं पढ़ रहा हूं। आज भी मैं पढ़ाई कर रहा हूं, बच्चा भी पढ़ रहा है और मैं भी पढ़ रहा हूं।


नव वर्ष पर भेजे बधाई संदेश,संदेश भेजने का है आज अंतिम दिन      
- मामूली से खर्चे पर प्रकाशित होंगे बधाई संदेश
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
नव वर्ष 2025 को समाचार पत्र में बधाई संदेश मामूली से खर्चे पर प्रकाशित होंगे। प्रत्येक व्यक्ति को 1000-1000 रुपये देने होंगे साथ में अपना बधाई भेजना होगा। इसके लिए एक पासपोर्ट साइज फोटो तथा नये साल का संदेश देना होगा। यदि बधाई संदेश छपवाना है तो 28 दिसंबर से पहले पहले फोन पे के जरिए राशि 9416348400 पर एक हजार रुपये भेजें तथा इसी नंबर के व्हाट्सएप पर अपनी पासपोर्ट साइज फोटो और संदेश भेजें।