अलविदा 2024
जीएल पब्लिक स्कूल की बस दुर्घटना को नहीं भुलाया जा सकेगा
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कनीना की आवाज। वर्ष 2024 आखिरकार बीत ही गया। अनेक हस्तियों को अपने साथ लेकर गया है। परंतु तीन प्रमुख घटनाएं इस वर्ष घटित हुई।
चुनावी दौर-
वैसे तो चुनावी चखचख वर्षभर चलती रही। 22 अप्रैल को लोकसभा चुनाव संपन्न हुए वहीं 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव संपन्न हुए। चुनाव शांतिपूर्वक चले किंतु ये सदा याद रहेंगे। क्योंकि कोई हारा तो कोई जीता। कहीं खुशी तो कहीं मिला गम।
कट के लिए 429 दिन का धरना प्रदर्शन---
सबसे प्रमुख घटनाओं में 429 दिन नेशनल हाईवे पर कट के लिए सेहलंग एवं बाघोत के बीच किसानों का एवं ग्रामीणों का धरना 14 मई 2024 तक चला। यह धरना 429 दिन चलने के बाद संपन्न हो गया। यह सदा याद रहेगा।
6 स्कूली बच्चों की मौत--
11 अप्रैल 2024 को जीएल पब्लिक स्कूल की बस का बहुत बड़ा विद्यार्थियों का हादसा हुआ। आज तक भी लोग इसे नहीं भुला पाए हैं और न भविष्य में भुला पाएंगे। धनौंदा एवं झाड़ली के 6 बच्चों की मौत हो गई थी किंतु खरकड़ाबास की एक बीए में पढऩे वाली बच्ची आज तक बिस्तर पर है जो जीएल स्कूल की बस में हादसे का शिकार हुई।
बाघोत आत्महत्या कांड--
14 दिसंबर को बाघोत में युवक द्वारा आत्महत्या का मामला अभी तक नहीं सुलझ पाया है। यह 2024 के 14 दिसंबर से शुरू हुआ और अब 2025 में न जाने कब सुलझ पाएगा। न तो शव का अंतिम संस्कार हो पाया है और न ही पुलिस ने एफआइआर दर्ज की है। ऐसी 11 अप्रैल और 14 दिसंबर दो घटनाओं को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। बाकी संघर्ष के इतिहास में 429 दिन का धरना प्रदर्शन वो भी कट के लिए, कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।
अलविदा 2024
वर्ष 2025 के लिये, लिये जा रहे नये संकल्प
--जारी है विश्व खुशी की कामना
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कनीना की आवाज। नव वर्ष 2025 का आगाज होने जा रहा है और नए साल के आगमन पर लोग कई बुराइयां त्यागने को कटिबद्ध हैं वहीं क्षेत्र में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वर्ष 2024 कई कड़वे एवं मीठे अनुभव छोड़कर जा रहा है।
कनीना क्षेत्र के कुछ युवा जनसेवा में तो कुछ बेटी बचाने के लिए कटिबद्ध हैं। युवाओं में नए वर्ष को लेकर तैयारियां चल रही हैं। क्या कहना है लोगों का---
नए साल से गायों की सेवा करने का संकल्प ले चुके हैं। गायों की दुर्गति से वे परेशान हैं। उनका कहना है कि वे गायों के लिए भोजन कराने तथा गौशालाओं में सेवा करने का काम करते रहेंगे। उनका मानना है कि गाय को माता का दर्जा दिया गया है और गायों की सेवा से सभी प्रकार के कष्ट एवं दरिद्रता मिट जाती है। ऐसे में वे वर्ष 2025 में गायों की सेवा करते रहेंगे।
---त्रिलोकचंद, कनीना
मेरे परिवार में महज दो लड़कियां हैं और लड़का नहीं हैं। ऐसे में वे बेटी बचाने तथा बेटियों को पढ़ाने के लिए अनवरत प्रयास करते रहेंगे। वे दूसरों को भी बेटी बचाने की प्रेरणा देंगे तथा अपनी कलम से बनाए जाने वाले भजन एवं गीत भी लड़कियों को बचाने एवं उनकी शिक्षा दीक्षा को अर्पित किए जाएंगे। वे वर्ष 2025 को बेटियों के रूप में मनाना चाहते हैं। साथ में खाटू श्याम के नये भजन बनाकर रिकार्डिंंग करवाई जाएगी।
-- महेंद्र कुमार, कवि झाड़ली
मुझे मालूम हैं कि मेरे शरीर में क्या क्या बुराइयां हैं उन्हें छोडऩे का संकल्प ले लिया है। साथ में अपने काम को इमानदारी से करने का भरसक प्रयत्न करूंगा। दूसरों को भी ईमानदार रहने के लिए प्रेरित करता रहूंगा। रोटी रोजी के लिए जो भी मेरे पास दुकान पर काम है उसे काम को और ईमानदारी एवं सुंदर तरीके से करूंगा।
---समाजसेवी, सतीश कुमार
मैं आर्य समाज की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए पूरा प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि वह गायों की सेवा और आर्य समाज के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने में अपना अमूल्य योगदान देंगे और दूसरे लोगों को भी इस अभियान में जुडऩे की अपील करेंगे। उनका कहना है कि यह दोनों ही कार्य समाज के लिए बहुत जरूरी है। साथ में अपनी कोई बुराई है उसे दूर करूंगा।
--राव मोहर सिंह आर्य समाज प्रधान
नये साल में देशभक्ति की बयार बहाना चाहते हैं। समाजसेवा से लंबे समय से जुड़े हुये हैं। वे नेताजी सुभाषचंद्र बोस एवं विभिन्न शहीदों के लिए कटिबद्ध रहेंगे तथा उनकी शिक्षाएं जन जन तक पहुंचाने का काम करते रहेंगे। समाजसेवा में अहं योगदान दूंगा।
-- विनय कुमार एडवोकेट
फोटो कैप्शन: विनय कुमार एडवोकेट, महेंद्र कुमार, सतीश कुमार, त्रिलोकचंद
ब्रेल लिपि अविष्कारक का जन्म दिन मनेगा 4 को
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कनीना की आवाज। 4 जनवरी को हर वर्ष लुई ब्रेल डे के रूप में मनाया जाता है। राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में कार्यरत अमृत सिंह विशेष शिक्षक ने बताया कि हर वर्ष 4 जनवरी के दिन लुई ब्रेल का जन्म दिवस मनाया जाता है। जिन्होंने दृष्टिबाधितों के लिए ब्रेल लिपि की खोज की थी जो लिपि डाट पर आधारित है। लुई ब्रेल का जन्म 4 जनवरी 1809 को फ्रांस के एक गांव में हुआ। बचपन में एक हादसे के दौरान दोनों आंखें खराब हो गई थी। उन्होंने 6 बिंदुओं पर आधारित ब्रेल लिपि की खोज की विशेष शिक्षक अमृत सिंह ने यह भी बताया कि हर वर्ष 4 जनवरी को संसाधन पक्ष जो राजकीय माडल संस्कृति लुई ब्रेल का जन्म दिवस मनाया जाता है।
ग्रीटिंग कार्ड बना बीते जमाने की बात
-व्हाटसअप और आधुनिक तरीकों से भेज रहे हैं ग्रीटिंग
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कनीना की आवाज। एक जमाना था जब ग्रीटिंग का इंतजार बेसब्री से किया जाता था। डाकिए से पूछते थे कि कोई उनका नए साल का कार्ड आया या नहीं। जब कोई ग्रीटिंग कार्ड आता तो बड़े प्रसन्न नजर आते और उसे अपने फाइल में रखकर लंबे समय तक याद करते। परंतु विज्ञान की तकनीक इस कदर बढ़ गई है कि ग्रीटिंग का तो तरीका ही बदल कर रख दिया है। अब न तो ग्रीटिंग के लिए डाकिए की जरूरत है और न ही किसी प्रकार के ग्रीटिंग छपवाने या बनाने की जरूरत है। मोबाइल के जरिए ग्रीटिंग बनाकर चंद सेकंड में उसे गंतव्य स्थान तक भेज दिया जाता है।
अब नए साल की ग्रीटिंग देने का तौर तरीका ही बदल गया है। अब एसएमएसए, व्हाट्सअपएमेल भेजकर ही ग्रीटिंग देते हैं। पत्र की शुभकामनाएं एवं ग्रीटिंग कार्ड भेजने की काम लगभग बंद हो गया है। इस संबंध में कुछ डाक बांटने का काम करने वालों से बात हुई जिनके विचार अलग अलग थे-
** कभी मोबाइल का प्रचलन इतनी उन्नति पर नहीं था और ग्रामीण लोगों को नए साल पर या फिर किसी पर्व पर ग्रीटिंग भेजने के लिए डाकघर का सहारा लेना पड़ता था। ग्रीटिंग को लिफाफे में बंद करके पर्व या नए वर्ष से एक दो दिन पूर्व ही भेजते थे और पाने वाले को भी ये ग्रीटिंग अक्सर देर से मिलने की शिकायत होती थी। नए साल पूर्व डाकघरों में केवल ग्रीटिंग ही दिखाई पड़ते थे और पोस्टमैन को सबसे अधिक व्यस्त इन्हीं में रहते थे। रंगीन ग्रीटिंग कार्ड भेजने के लिए कई तैयारियां करनी होती थी किंतु बाद में समय बदला ओर ग्रीटिंग की ओर कम ध्यान दिया जाने लगा।
--नंदलाल सेन कोटिया
आज के दिन गांव-गांव में मोबाइल की टावर लगी हुई हैं और उपभोक्ता भी ग्रीटिंग पर काफी पैसे खर्च करने की बजाए मोबाइल से बधाई संदेश भेजकर खुश हो जाते हैं। इस प्रकार न केवल समय की बचत होती है अपितु तुरंत संदेश पहुंचाया जाता है। ग्रीटिंग कार्ड बेचने वाले सुरेंद्र कुमार एवं कृष्ण कुमार का कहना है कि अब तो कोई बच्चा ही बेशक ग्रीटिंग कार्ड लेने उनके पास आता हो। अब तो ग्रीटिंग महज एक बीते जमाने की बात बन गई है।
-सुरेश कुमार,करीरा
उधर डाकघर में काम कर रहे पोस्टमैन राजेंद्र सिंह ने बताया कि वर्तमान में काम करने वाले तारांचद का कहना है कि अब तो कोई दस-बीस ही ग्रीटिंग कार्ड नए वर्ष या किसी पर्व के मौके पर मिलते हैं। एक वक्त था जब नए वर्ष के शुरू होने से दस दिनों पूर्व से लेकर दस दिन बाद तक केवल ग्रीटिंग कार्डों की ही धूम मची रहती थी।
---राजेंद्र सिंह पोस्टमैंन
फोटो कैप्शन: राजेंद्र सिंह, सुरेश कुमार एवं नंदलाल
वैश्विक परिवार दिवस -एक जनवरी
बिखराव की ओर हैं विभिन्न संयुक्त परिवार
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कनीना की आवाज। एक वक्त था जब सभी परिवार संयुक्त परिवार के रूप में जाने जाते थे। बड़े परिवार के रूप में सभी के अपनी जिम्मेदारियां होती थी और देखरेख बेहतर ढंग से होती थी। किंतु संयुक्त परिवार धीरे-धीरे एकल परिवार में तब्दील होते जा रहे हैं। आने वाले समय में यह समस्या और भी विकराल हो सकती है। परिवार में शांति, एकता, भाईचारा आदि स्थापना के लिए संयुक्त परिवार बहुत महत्वपूर्ण रहा है। आज के दिन कहीं किसी क्षेत्र में कोई परिवार ही संयुक्त परिवार के रूप में दिखाई दे सकता है।
वैसे तो आज के दिन एकल परिवार की ओर अधिक रुझान है किंतु आज के दिन भी परिवार ऐसा भी मिल जाता है जहां संयुक्त परिवार चल रहा है। संयुक्त परिवारों के लाभ हैं किंतु एकल परिवार के कई नुकसान भी हैं।
संयुक्त परिवार एक-
कनीना का मोरवाल परिवार में आज पोते, पड़पोतों सहित भरा हुआ है। इस परिवार में नायब तहसीलदार पद महेंद्र मोरवाल सेवानिवृत्त हो चुके हैं वही डाक्टर, शिक्षक आदि भी हैं। इस परिवार में जहां चमेली देवी उनके दो पुत्र, पांच पुत्रियां, चार पोते, 6 पोतियां, 6 पड़पोते तथा तथा दो पड़पोतियां शामिल है। इस परिवार में गजब की एकता देखने को मिलती है। चमेली देवी की उम्र 95 वर्ष जो आज भी अपने एकल परिवार को संजोय हुए है। परिवार अति प्रसन्न है और एकता के गुण उनके होठों पर हैं। मौके पर हाजिर मोरवाल परिवार में 14 सदस्य जो एक जगह संयुक्त परिवार में रहते हैं। कनीना के रेलवे स्टेशन के पास आवास में रहने वाले सबसे बड़ी दादी मां चमेली देवी, दादा महेंद्र मोरवाल, मां तारावती देवी तीन पुत्र सुरेंद्र रविंद्र और डा. जितेंद्र, तीन पौत्रवधुएं पूनम, मंजू एवं डा. शशी जबकि पड़पौत्र धनंजय, हीरेन, रूद्र, दिव्य तथा पड़पोती मुग्धा हैं। कुछ सदस्य घर से बाहर ेिकसी काम से गये हुए हैं।
संयुक्त परिवार-दो
सुनील कुमार ने बताया घर में उसका भाई अजीत यादव, उनकी पत्नी मोनिका, सुनील कुमार उनकी पत्नी प्रीति, मां लाली देवी, दादी मां मोहरली, छोटे बच्चे जियान तथा आन्या है। सबसे छोटे बच्चे पड़पोते की उम्र 3 साल है जिसकी पड़दादी 88 वर्ष के करीब है। एकल परिवार में रहते हैं जिसमें बेहद खुशी होती है। बच्चों के पालने में तथा संस्कार देने में उनका अहं योगदान है। आज भी एकल परिवारों से बहुत बेहतर है। एकल परिवार खराब स्थिति में है। सुनील कुमार का संयुक्त परिवार आज दूसरों के लिए उदाहरण बना हुआ है।
इस संबंध में कुछ लोगों से चर्चा की गई जिन्होंने परिवारों के बारे में जानकारी दी-
संयुक्त परिवार बहुत बेहतर माने जाते थे। जब सभी परिवार के सदस्य बड़े बुजुर्ग की देखरेख में कार्य करते थे। सभी सदस्यों को छोटी-छोटी जिम्मेदारियां सौंप दी जाती थी और सभी अपने कार्य को दक्षता से करते थे। दूरदराज तक परिवार का नाम होता था। एकता और भाईचारे मिसाल संयुक्त परिवार होते थे।
- डा जितेंद्र मोरवाल कनीना
जब से भौतिकवाद बढ़ा है तब से एकल परिवार अधिक बढ़ गए हैं। महिला और पुरुष दोनों नौकरी करते हैं, बुजुर्गों को छोड़कर बच्चे विदेश तक सेवा करने जाते हैं जिसके कारण संयुक्त परिवार चलाना कठिन हो गया है और एकल परिवार में तब्दील होते जा रहे हैं। एकल परिवार में अनेकों खामियां और समस्याएं नजर आती हैं किंतु वक्त के अनुसार एकल परिवार बनाना एक मजबूरी बन गई है। एकल परिवार समाज में बेहतर साबित नहीं हो सकते। परिवारों की बात चले तो संयुक्त परिवार बहुत बेहतर होते हैं जिसमें एक ही मुखिया कई सदस्यों को आदेश देता है और सभी सदस्य उनके आदेशों का पालन करते हैं। एकता और भाईचारा भी व्यापक रूप से देखने को मिलता है जबकि एकल परिवार में गिने चुने व्यक्ति होते हैं जो विभिन्न जिम्मेदारियां को पूर्ण करते हैं। काम का बोझ एक या दो सदस्य ही निष्पादित करते हैं। एकल परिवार जटिल समस्या बन रहे हैं।
--- शिवचरण समाजसेवी,कनीना
फोटो कैप्शन 07: मोरवाल का संयुक्त परिवार
04: सुनील कुमार का संयुक्त परिवार
साथ में डा. जितेंद्र व शिवचरण
करणी सेना के राष्ट्रीय मंत्री ओम तंवर ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से की मुलाकात
--क्षेत्र की मांगे रखी
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कनीना की आवाज। उपमंडल के गांव खेड़ी तलवाना निवासी राष्ट्रीय मंत्री करनी सेना ओम तंवर ने बीती रात्रि मुख्यमंत्री नायब सैनी से उनके आवास पर मुलाकात की। ओम तंवर ने बताया कि बीती रात्रि मुख्यमंत्री नायब सैनी से उनके निवास पर मुलाकात कर हलके के समस्याओं के बारे में अवगत करवाया उन्होंने बताया कि अटेली हलके में खिलाडिय़ों की संख्या तो बहुत है लेकिन यहां पर बढिय़ा स्टेडियम व कोच की व्यवस्था नहीं है । उन्होंने बताया कि खेड़ी तलवाना की टीम राष्ट्रीय लेवल पर फुटबाल के खेल में भाग ले चुकी है। अगर हलके में बढिय़ा स्टेडियम व कोच की व्यवस्था हो जाए तो अटेली हलके से बहुत अधिक खिलाड़ी हरियाणा का नाम रोशन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही अटेली हलके में खिलाडिय़ों के बारे में कई फैसले लिए जाएंगे।
फोटो कैप्शन 08: मुख्यमंत्री नायक सैनी से मुलाकात करते हुए ओम तंवर।
धनौंदा में नाली की जाली चोरी, मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव धनौंदा से नाली की जाली अज्ञात चोरों द्वारा चोरी किये जाने का मामला महिला सरपंच बीनू देवी ने दर्ज करवाया है। उन्होंने पुलिस में बताया कि 28/29 दिसंबर की रात को कोई अज्ञात चोर नालियों पर रखी लोहे की एक जाली नानक के मकान के पास से चोरी कर ले गया। इसी प्रकार 26/27 दिसंबर की रात को भी दो लोहे की जली चोरी हो गई थी। चोरों का कोई सुराग नहीं चल पाया है। उन्होंने कनीना पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया है।
विश्व रिकार्ड कायम करने पर होशियार सिंह को मिलेगा 19 जनवरी को अवार्ड
-इंडिया बुक आफ रिकार्ड में पहले ही हो चुका है नाम दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना निवासी होशियार सिंह का करीब 40 वर्षों तक कक्षा कक्ष में कुर्सी प्रयोग न करके विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षण देने तथा हरियाणा सरकार द्वारा राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित करने के कारण उनका नाम विश्व रिकार्ड बुक में नाम दर्ज हो चुका है। इससे पहले भी इंडिया बुक आफ रिकार्ड में नाम दर्ज हो चुका है। चूंकि उनका नाम विश्व रिकार्ड बुक में दर्ज हो चुका है और 19 जनवरी को जयपुर के रीजनल साइंस सेंटर एंड साइंस पार्क बालाजी मार्ग में होने कार्यक्रम में विश्व रिकार्ड अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। ऐसे में कोई साथी उनके साथ जयपुर 19 जनवरी को जाना चाहे तो होशियार सिंह से संपर्क कर सकते है ताकि दिन के 11 बजे से शाम 4 बजे तक चलने वाले कार्यक्रम का हिस्सा बन सके। वापसी ट्रेन द्वारा आया जाएगा क्योंकि अलवर से प्रकाशित पुस्तकें लेकर आना है। दो पुस्तकें अलवर से प्रकाशित हो रही है वो भी संग लेकर आनी है तथा उनका विमोचन भी अब 19 जनवरी के बाद ही हो पाएगा। पहले यह विमोचन 16 जनवरी को किया जाना था।
दिव्यांग व्यक्ति की रिक्षा को गाड़ी ने मारी टक्कर
-- घायल,मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। झगडोली निवासी राजेश कुमार की रिक्शा को अज्ञात गाड़ी चालक ने टक्कर मार घायल कर दिया। उन्होंने कनीना पुलिस में मामला दर्ज करवाया है।
उनका कहना है कि वह दोनों पैरों से दिव्यांग है तथा 28 दिसंबर को रात के करीब 10.30 बजे अपनी रिक्शा सेे अपने गांव झगड़ोली की ओर जा रहा था। कनीना बस स्टैंड से झगउ़ोली अपने घर के लिए चला तो कनीन बस स्टैंड के नजदीक एक गाड़ी चालक तेज रफ्तार से पीछे से आया और उनकी उसकी रिक्शा को टक्कर जड़ दी। टक्कर लगने से वह सड़क पर गिर गया तथा गाड़ी चालक अपनी गाड़ी को महेंद्रगढ़ की और भगा ले गया। प्रत्यक्ष दर्शन ने रिक्षा को उठाकर साइड में खड़ा कर दिया। पुलिस की गाड़ी मौके पर आई और घायल को कनीना सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया। उन्हें काफी चोटें आई। अब उन्होंने कनीना पुलिस में अज्ञात गाड़ी चालक के विरुद्ध मामला दर्ज करवा दिया है।
बीते और नए वर्ष के बीच गवाह बनेगा बाघोत आत्महत्या मामला
-घटना वर्ष 2024 की तो अंतिम संस्कार 2025 में
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में यूं तो दो प्रमुख घटनाओं को कनीना और आसपास के गांव के लोग कभी नहीं भूल पाएंगे। जिन में जीएल पब्लिक स्कूल की बस हादसा जो उन्हाणी के पास हुआ जिसमें 6 स्कूली बच्चों की मौत हो गई थी। आज भी जीएल स्कूल की बस में बैठे दो विद्यार्थी बुरी हालत में चल रहे हैं। लंबा संघर्ष जीएल स्कूल पब्लिक स्कूल के विरुद्ध झाड़ली और घनौंदा के लोगों ने किया और अभी भी जारी है किंतु वर्ष 2024 और नए वर्ष 2025 के बीच कड़ी का काम बाघोत का आत्महत्या मामला करेगा।
मोहित 26 वर्षीय युवक ने जहां 14 दिसंबर 2024 को आत्महत्या कर ली थी। मृतक के स्वजनों ने एक पूर्व मंत्री सहित आठ लोगों पर मामला दर्ज करने की शिकायत दी किंतु पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की। परिणाम यह निकला किन तो मृतक के स्वजनों ने शव को लिया और न ही पुलिस ने मामला दर्ज किया। 31 दिसंबर तक भी युवक का शव शवगृह में रखा हुआ था। अब आने वाला वर्ष 2025 ही बता पाएगा कि उस युवक के शव का कैसे अंतिम संस्कार हो पाएगा। अभी तक पुलिस भी नहीं झुक रही है क्योंकि आठ लोगों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज नहीं कर रही है वहीं मूतक के पिता कैलाश पुजारी अपनी बात पर अडिग है। उनका कहना जब तक मामला दर्ज नहीं होगा बच्चे के शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। जहां बाघोत के लोगों और मृतक के स्वजनों ने कनीना अस्पताल में धरना प्रदर्शन किया वहीं शव का पोस्टमार्टम भी करवा दिया गया और मौके पर स्वजनों ने पुलिस को शिकायत दी किंतु शिकायत में एक पूर्व मंत्री सहित 8 लोगों पर मामला दर्ज करने की अपील की थी। पुलिस ने पहले प्रमाण मांगे और मामला खींचना में ही चल रहा है। बहरहाल कई बार पुलिस प्रशासन बाघोत उन्हें समझाने के लिए पहुंचा किंतु कैलाश पुजारी का बस एक ही कहना है कि पहले मामला दर्ज किया जाए। कैलाश पुजारी ने पहले तो महेंद्रगढ़ में आयोजित होने वाली हरियाणा मुख्यमंत्री की जनसभा में मामला उठाने की बात सोची और तैयारियां चली किंतु वह जनसभा ही रद्द हो गई। तत्पश्चात उन्होंने 12 दिनों तक हिंदू रीति रिवाज के अनुसार घर पर मातमी माहौल में बैठना पड़ा और फिर न्यायालय में जाने का निर्णय लिया किंतु उच्च न्यायालय की 7 जनवरी तक छुट्टियां चल रही है। अब 7 जनवरी को न्यायालय शरण लेने की बात कह रहे हैं। बहरहाल 2024 में यह घटना घटी आंदोलन चला और 2025 में किस प्रकार इसका समाधान हो पाएगा आने वाला वक्त बताएगा। इसलिए यह घटना दोनों वर्षों के बीच कड़ी का काम करते हुए एक अनोखा उदाहरण पेश करेगी क्योंकि पूरे हरियाणा में इस प्रकार का शायद कोई मामला आया हो जिसमें स्वजनों ने इतने लंबे समय तक सबका अंतिम संस्कार न किया हो और न ही ऐसा मामला कोई हो जिसमें पुलिस को दो बार शिकायत मिलने के इतने लंबे समय तक एफआइआर दर्ज नहीं कर पाई हो।
फोटो कैप्शन 02: धरने की फाइल फोटो
मोटरसाइकिल को गाड़ी चालक ने मारी टक्कर
--दो घायल, मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उप मंडल के गांव रामबास-इसराना चौक पर एक गाड़ी और मोटरसाइकिल के बीच टक्कर में दो व्यक्ति घायल हो गए। दोनों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चला। अजीत नामक व्यक्ति ने गाड़ी चालक के विरुद्ध मामला दर्ज करवा दिया है। अजीत कुमार बहुझोलरी हाल आबाद पड़ताल ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाते हुए कहा है कि 28 दिसंबर को उसके पास जितेंद्र वासी ढाणा आया और कहा कि उन्हें समान की जरूरत है। उनके साथ कनीना चलो। जितेंद्र की मोटरसाइकिल पर अजीत पीछे बैठकर पहले जितेंद्र के मकान पर आए और कुछ समय बाद दोनों मोटरसाइकिल पर सवार होकर कनीना के लिए चल दिए। अजीत पीछे बैठा था और जितेंद्र मोटरसाइकिल को चला रहा था। जब रामबास-इसराना चौक पर पहुंचे तो इसराना की तरफ से सफेद रंग की गाड़ी का चालक अपनी गाड़ी को तेज रफ्तार एवं लापरवाही से चलाता हुआ आया और चौक को क्रास करते समय मोटरसाइकिल को टक्कर जड़ दी जिससे मोटरसाइकिल उसके बोनट में फंस गई और गाड़ी दोनों को खींचते हुए 15 फुट आगे तक चली गई। गाड़ी वैगनआर थी। अजीत व जितेंद्र के हाथों व पैरों पर गंभीर चोटें आई। आने जाने वाले लोग जमा हो गए। भीड़ के कारण गाड़ी के ड्राइवर को पहचान नहीं पाया। एंबुलेंस को फोन करके दोनों को इलाज के लिए कनीना अस्पताल भेजा। सूचना मिलने पर परिवार वाले आ गए। दोनों को डाक्टर ने गंभीर चोटें होने के कारण पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। अजीत को इलाज के लिए रेवाड़ी ले गए जबकि जितेंद्र को रेवाड़ी के एक अलग निजी अस्पताल में भर्ती करवा दिया। जितेंद्र का अभी भी इलाज चल रहा है और अजीत आज डिस्चार्ज होकर वापस घर आया है। उन्होंने कनीना पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया है। अजीत की शिकायत पर कनीना पुलिस ने वैगन आर ड्राइवर के चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
पालिका प्रधान चुनाव लडऩे के लिए युवा पीढ़ी में भारी जुनून
-तीन दर्जन से अधिक पार्षद और प्रधान पद की जता रहे हैं दावेदारी
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कनीना की आवाज। कनीना नगर पालिका के चुनाव करीब 7 वर्षों के बाद फरवरी माह में पूर्ण होने की संभावना है जिसको लेकर इस बार युवा वर्ग में विशेष जुनून देखने को मिल रहा है। युवा वर्ग में महिलाएं भी अब कम नहीं हैं। एक ओर जहां वार्डों के आरक्षण के बाद प्रधान पद सहित 7 महिलाओं के लिए वार्ड आरक्षित हो चुके हैं जिसके चलते कुल 14 पार्षदों में से 7 महिलाएं होंगी। यही कारण है कि वार्डों में पुरुषों ने अपने परिवार की महिलाओं के लिए वोट मांगने शुरू कर दिये हैं। वो सभी परिवार सक्रिय हो गये हैं जिनके यहां से कोई महिला चुनाव लडऩे की तैयारी में जुटी हुई है। महिला एवं पुरुष घर घर जाकर अभी से ही वोट पका रहे जबकि अभी तेक चुनाव की तिथि घोषित नहीं हुई है। लोग चुनाव के लिए लंबे समय से आतुर थे। वर्तमान में जहां एसडीएम कनीना पालिका के प्रशासक बने हुए जो मई 2024 से प्रशासक चले आ रहे हैं। कनीना में वर्तमान में पांच पूर्व प्रधान जीवित है जिनके परिवारों से चुनाव लडऩे के कम असर हैं। इस बार वृद्ध जनों में चुनाव लडऩे का जोश नहीं है केवल जुनून देखने को मिल रहा है वह महिला वर्ग और युवा वर्ग में है। कनीना पालिका के चुनाव में जहां 10400 के करीब वोटर अपना वोट डालेंगे और 14 पार्षदों तथा प्रधान पद का चुनाव करेंगे। प्रधान पद इस बार अधिक शक्तिशाली इसलिए बन गया है क्योंकि प्रधान पद का चुनाव सिधा/ डायरेक्ट होगा। ईवीएम मशीनों द्वारा चुनाव होने के कारण इस बार परिणाम जल्द आने के असर हैं। उल्लेखनीय की इस योजना में कनीना नगर पालिका के चुनाव इसलिए दो कारणों से बेहतर माने जा रहे हैं एक तो प्रधान पद का चुनाव डायरेक्ट होगा। विगत योजनाओं में पार्षद प्रधान का चुनाव करते आए हैं। ऐसे में पार्षदों की भूमिका गौण कर दी गई है। उधर अभी तक विगत योजना में जहां नगर पालिका के चुनाव मतदान पेटी के जरिए होते थे। ऐसे में वोट की गणना करना छटनी करने में लंबा समय लगता था और परिणाम देर रात तक आते थे। इस बार ईवीएम मशीनों से चुनाव होंगे जिनके परिणाम झटपट आएंगे। यही कारण है कि इस बार के चुनाव पर सभी की दृष्टि जम गई है। जहां भी दो लोग बैठे नजर आते हैं वो चुनाव की चर्चा करते नजर आते हैं। किसान अपने खेतों में, दुकानदार अपनी दुकानों पर तथा गृहणी अपने घरों में इन चुनाव की चर्चा करती नजर आती है। सबसे बड़ी विडंबना यह रही कि कितने ही पुरुष जो चुनाव लडऩा चाहते थे वार्डों के आरक्षण ने उनकी आशाओं को धूमिल कर दिया। अब वह इधर-उधर दूसरे वार्डों को तलाश रहे हैं। हां महिलाएं इस बार अधिक पढ़ी-लिखी और अग्रणी भूमिका निभाने वाली आगे आ रही हैं। अभी तक करीब तीन दर्जन चेहरे चुनाव लडऩे के लिए सामने आ चुके हैं जिनमें प्रधान पद के दावेदार एक दर्जन के करीब है। इस बार प्रधान पद के दावेदारों में जोश इसलिए भी देखने को मिल रहा है कि पार्षदों पर उन्हें निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इवीएम के जरिए ही प्रधान का चुनाव होगा और झटपट प्रधान का नतीजा जाएगा जबकि विगत योजनाओं में प्रधान के चुनाव में कई बार तिथि दी जाती थी फिर भी प्रधान का चुनाव नहीं हो पाता था। कभी कुछ पार्षद इधर तो कभी उधर हो जाते थे। परिणाम यह निकलता था कि प्रधान बनना बहुत कठिन कार्य था। इस बार वोटिंग मशीन ही सीधा प्रधान बनाएंगी और बताएंगे कि इस बार प्रधान कौन चुना गया। महज उसकी शपथ होनी बाकी रहेगी। कनीना पालिका 1952 से चली आ रही है और यहां एक के बाद एक प्रधान रहे। सबसे अधिक प्रधान कनीना के वयोवृद्ध मास्टर दिलीप सिंह पूर्व प्रधान के घर में रहे हैं जहां उनके पिताजी प्रधान रहे तो मास्टर दिलीप सिंह भी प्रधान रहे हैं। अब वे अपने बच्चों को चुनाव में खड़ा करने जा रहे हैं। फास्ट फूड की दुकानों पर और चाय की दुकानों पर सबसे अधिक भीड़ नजर आती जहां दोहरा मजा लेते लोग देखे गए। एक तरफ फास्ट फूड का मजा लेते वही चुनाव की चर्चा छेड़ कर अपने फास्ट फूड को और लजीज बना रहे हैं।
फोटो कैप्शन: नगरपालिका की फोटो साथ है
शीत लहर बढ़ी, आग सेकने को हैं मजबूर
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कनीना की आवाज। एक तरफ जहां शीत लहरों के कारण ठंड बढ़ रही है। इस दौरान न तो सूर्य देव के दर्शन हुए और न ही ठंड से निजात मिली। यहां वहां सुबह एवं शाम को लोग अपने घरों के बाहर अलाव जलाकर नगर पालिका के चुनाव की चर्चा करते नजर आये। इस बार महिलाओं में भी महिला सीट आने पर जोश नजर आ रहा है, शीत लहर के तहत चुनाव के बारे में चर्चा करते हुए प्रेम, निशा , पूनम और प्रीति ने बताया कि इस बार ऐसी शिक्षित महिला को प्रधान बनाना चाहिए जो क्षेत्र के विकास के लिए काम करें। उधर वर्षा के बाद ठंड बढ़ गई है। वैसे तो नवंबर माह में कोहरा पड़ता आया है किंतु इस बार कुछ देर से कोहरा कम दिनों के लिए पड़ा।
कनीना क्षेत्र में जहां कंपकंपाती ठंड पड़ रही है वहीं बिजली कट बढ़ते जा रहे हैं। आए दिन लगने वाले बिजली कटों के कारण जलापूर्ति भी ठप्प हो जाती है। आए दिन लंबे-लंबे कट लगते हैं जो शाम तक चलते हैं। जहां सोमवार को सुबह कट लग गया जिसके चलते शाम 6.15 बजे आपूर्ति हो पाई थी। बिजली आपूर्ति के अभाव में पेयजल सप्लाई भी नहीं हो पाती है उपभोक्ता बेहद परेशान है, विशेष कर बिजली पर आधारित काम करने वाले दुकानदार तो वापस घर लौट आते हैं क्योंकि उनके पूरे दिन का काम ठप हो जाता है।
गृहिणी शकुंतला, कृष्णा ,सुनीता ,आशा आदि ने बताया कि सुबह-सुबह जल आपूर्ति का इंतजार करना होता है किंतु बिजली आपूर्ति अभाव में पेयजल सप्लाई नहीं हो पाता है। वहीं दुकानदारों का कहना है कि वह इनवर्टर से थोड़ा बहुत काम कर पाते हैं तत्पश्चात इनवर्टर भी काम करना बंद कर जाता है और बिजली आपूर्ति अभाव में घर लौटने को मजबूर हो जाते हैं। ठंड से राहत पाने के लिए लोग आग सेकते देखे जा सकते हैं।