Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Friday, December 6, 2024


 
 घर को लगा दी आग, घर के ही चिरागों ने
-दिल्ली में तीन लोगों की, पुत्र ने की थी हत्या
-तीनों की एक साथ चिताएं जली खेड़ी में

-कनीना की आवाज ने हृदयविदारक घटना पर जताया शोक

















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कनीना की आवाज। मंगलवार-बुधवार की रात को साउथ दिल्ली के नेब सराय क्षेत्र में 20 वर्षीय एक कलयुगी पुत्र अर्जुन ने जहां अपने माता-पिता और सगी बहन की हत्या कर दी थी जिनका मूल गांव कनीना उपमंडल का खेड़ी है। जिसमें पूर्व सैनिक राजेश कुमार ,उसकी पत्नी कोमल तथा पुत्री कविता 23 को राजेश कुमार की पुत्र अर्जुन ने निर्मम हत्या कर दी थी। जब पुलिस ने छानबीन की और तीनों के शवों का पोस्टमार्टम जहां गुरुवार को संपन्न कराकर उनके परिजनों को सौंप दिये और गुरुवार की देर रात तीनों के शव कनीना से दस किमी दूर खेड़ी गांव पहुंचे जहां गमगीन माहौल में तीनों चिताएं एक साथ जली, सब कुछ मौन रह गया, सुनने वालों की आंखे टप टप आंसू बहा रही थी। लोग इस कलयुगी पुत्र के कारनामे से स्तब्ध है। गांव के तीन लोगों की हत्या के बाद जब तीन दिनों तक इंतजार के बाद शव गांव में शुक्रवार को पहुंचे तो लोगों का तांता लग गया। अपार भीड़ घर पर जुट गई और बड़े ही गमगीन माहौल में तीनों की चिताएं एक जली। तीनों के एक साथ एक ही परिवार के अंतिम संस्कार भारी भीड़ जुट गई। तीनों के शव एक साथ घर से उठाए गए जिसने भी दृश्य देखा बस दर्द से कराह उठा। एक लंबा जुलूस के रूप में शवों को शमशान घाट, नजदीक कनीना-चरखी दादरी मुख्य सड़क मार्ग ले जाया गया। तीनों की चिताएं पास पास बनाई गई और तीनों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया। मृतक राजेश के भाई राकेश सहित राकेश के पुत्र जो नौवीं कक्षा में पढ़ता है, ने अपने हाथों से मुखाग्रि दी। जो भी इस घटना के बारे में सुनता है बस मौन हो जाता है।
 जहां तीन दिनों तक लंबे इंतजार के बाद गांव में शव पहुंच पाए हैं। बुधवार को शवों के गांव पहुंचने का लोगों ने इंतजार किया फिर गुरुवार पूरे दिन लोग इंतजार करते रहे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शुक्रवार को सुबह जब शव आने की सूचना मिली तो अंतिम संस्कार में लोग जुटते ही चले गए। राजेश कुमार 51वर्ष, पत्नी कोमल 46, पुत्री कविता  23 के तीन शव एक साथ घर से शमशानघाट की ओर चले। तीनों की चिताएं पास-पास बनाई गई और गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। जहां शादी की 27वीं सालगिरह की खुशियां मनाई जानी थी वो अंतिम घड़ी साबित हुई। अब माहौल गमगीन है। राजेश कुमार की 75 वर्षीय बुजुर्ग मां आजाद सुधबुध खो बैठी है। उन्हें शुक्रवार को ही घटना की जानकारी दी गई है। उन्हें क्या मालूम था कि 22 नवंबर को उनका पुत्र राजेश मिलकर जब दिल्ली जा रहा था तो वह उनकी अंतिम मुलाकात साबित होगी। 22 नवंबर को परिवार में एक शादी समारोह में पूरे परिवार सहित राजेश कुमार खेड़ी पहुंचे थे। पूर्व सैनिक राजेश कुमार नेब सराय साउथ दिल्ली द्योगपति के यहां निजी सुरक्षाकर्मी/पीएसओ के रूप में कार्यरत था। आखिर अंतिम संस्कार के बाद राजेश कुमार के परिवार में मंदीप जो करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष भी है और हत्या के बाद से शवों के साथ रहे, ने पत्रकारों को बताया की ऐसा बड़ा हादसा उनके गांव में यह सबसे पहला है। इस मामले में जो भी दोषी पाया जाए उसे सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सारे गांव में ही नहीं अपितु आसपास के कई गांवों में मातम छाया हुआ है। इतना बड़ा हत्याकांड करने वाले चाहे कितने भी लोग हो , उनकी सघन जांच कर, दोषी पाये जाने पर सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए तभी मृतकों की आत्मा को शांति मिल पाएगी। उधर सुनील कुमार पांच ने बताया कि गांव बसासत को करीब 500 वर्ष हो गए हैं किंतु इतना बड़ा हादसा आज तक नहीं हुआ था। यह पहला इतना बड़ा हादसा उनके गांव का है। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस मामले में अभी तक राजेश कुमार के पुत्र अर्जुन का नाम ही सामने आ रहा है परंतु इस हत्याकांड में जो शामिल है सभी को सख्त सजा दी जानी चाहिए। मामले की सघन जांच की जानी चाहिए। हत्याकांड क्यों और कैसे हुआ इसकी पूरी जांच करके निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए। उधर कविता के साथ पढऩे वाली उनकी एक सहेली काव्या मौके पर पहुंची रोती बिलखती अपनी सहेली को याद कर रही थी जो उनके साथ कक्षा 6 से 12 तक पढ़ी थी।
ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा हादसा उन्होंने कभी नहीं सुना था। इस घटना में हादसे में जो भी शामिल हो उसको पुलिस ढूंढ कर सजा दे। उन्होंने बताया कि बुधवार की सुबह से इनके शवों के आने का इंतजार कर रहे थे, गांव में मातम छाया हुआ है। बस सभी मौन हैं, चर्चा होती है तो भी बस यही कि हादसा कैसे हुआ? राजेश कुमार के पिता रणजीत सिंह भी पूर्व सैनिक थे। राजेश कुमार का एक भाई राकेश कुमार पटौदी में रह रहा है।  घर परिवार में उनकी बुजुर्ग माता है उनके दिल पर क्या बीत रही होगी यह वही जानती है। बहरहाल सारा गांव गमगीन है। अंतिम संस्कार में मंदीप, मनोज साहब, ब्रह्मानंद, जसमेर कोच, सूबे सिंह पूर्व सरपंच, राजू पंडित, तेजपाल सिंह, सुनील पंच, आनंद फौजी, प्रदीप फौजी तथा विभिन्न गांवों में हजारों लेग शामिल हुए।
फोटो कैप्शन 01:एक ही परिवार की  जलती हुई तीन चिताएं
03: घटना की जानकारी देते हैं परिजन





कनीना न्यायालय भवन बनाने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने सौंपा ज्ञापन
-मंत्री आरती सिंह राव ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
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कनीना की आवाज।
 बार एसोसिएशन कनीना के  शिष्टमंडल ने आरती सिंह राव स्वास्थ्य मंत्री हरियाणा सरकार से चंडीगढ़ में कनीना में न्यायालय भवन के शीघ्र निर्माण के लिए ज्ञापन सौंपा। जिस पर मंत्री आरती सिंह राव ने  कहा कि मैं अधिवक्ताओं व आमजन की भावनाओं का सदा सम्मान करती हूं तथा कनीना व अटेली की जनता के लिए तत्परता से विकास कार्य करने के लिए हर संभव प्रयास करूंगी। स्वास्थ्य  मंत्री ने कहा कि दीपक चौधरी कनीना ने कल ही मेरे से शिष्ट मंडल से मिलने का समय लिया था। अधिवक्ता न्याय दिलाने में एक अहम स्तंभ हैं तथा उनकी जायज मांग को जल्दी ही हरियाणा सरकार के द्वारा किर्यांवित किया जायेगा। शिष्टमंडल में प्रधान सुनील रामबास व पूर्व प्रधान गिरावर लाल कौशिक, पूर्व प्रधान रमेश कौशिक, पूर्व प्रधान दीपक चौधरी व सुभाष शर्मा ने आरती सिंह राव स्वास्थ्य मंत्री हरियाणा सरकार का मौके पर समस्त बार एसोसिएशन कनीना की और से धन्यवाद किया।
फोटो कैप्शन 06: अधिवक्ताओं का शिष्टमंडल मंत्री को एक ज्ञापन सौंपते हुए।






गीता प्रश्नोत्तरी की सर्टिफिकेट करें डाउनलोड
-जिनके इनाम निकली है उनके खाते ममें पैसे जल्द ही
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कनीना की आवाज।
 इस बार गीता प्रश्नोत्तरी में जी जान से मेहनत की किंतु 901 लोगों को जोड़ पाया। क्योंकि कुछ कनीना के लोगों ने मेरे साथ विश्वास घात करके अपने ही नंबरों को मोटीवेटर के रूप में प्रयोग किया, यहां तक की मेरे द्वारा तैयार किये उत्तरों का प्रयोग करके अपना नाम चमका लिया। फिर भी एक अच्छा खासा स्कोर हम जुटा पाए। भविष्य में ऐसे लोगों से सावधान रहते हुए अन्य प्रतियोगिताओं में हम भाग लेंगे। हमें पूर्ण विश्वास है कि उसमें पूरा सहयोग मिलेगा। बहरहाल गीता प्रश्नोत्तरी की सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं। उसके लिए वही तरीका अपनाना पड़ेगा जो उत्तर देते वक्त अपनाया था। आईजीएम क्विज /igmquiz पर जाकर अपने फोन नंबर और पासवर्ड लगाते ही सर्टिफिकेट डाउनलोड का आप्शन नजर आएगी अपनी सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं। विद्यार्थियों की भविष्य में काम आ सकती है। वैसे भी सर्टिफिकेट गीता से संबंधित है जो लेमिनेशन करवा कर घर में पूजा स्थल पर रख सकते हैं। अत: पुन: आप सभी से अनुरोध है कि अपनी सर्टिफिकेट डाउनलोड कर ले। सभी जिसे उन्होंने सहयोग दिया उन सभी का आभार और जिन्होंने मेरी टांग खींचे उनको भी साधुवाद।
इस बार मेरे द्वारा मोटिवेट किये दस भक्तों को 500-500 रुपये निकले हैं। उनके खाते में जल्द ही यह राशि हरियाणा सरकार की ओर से मिल जाएगी। वरना भविष्य में मेरे सं संपर्क कर सकते हैं।







क्षेत्र में पड़ रही है कम ठंड, कोहरा एवं धुंध अभी दूर
-फसलों पर हो सकता है बुरा प्रभाव -कृषि वैज्ञानिक
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कनीना की आवाज।
कनीना और आसपास क्षेत्र में जहां दिसंबर का एक सप्ताह बीत चुका है लेकिन अधिक ठंड नहीं हो रही है। अभी भी कम से कम तापमान 8 डिग्री के आसपास रहता है और अधिकतम तापमान 27 डिग्री के आसपास रहता है। अधिक ठंड न पडऩा फसलों के लिए लाभप्रद नहीं होगा। कृषि वैज्ञानिक भी मानते हैं कि फसलों के लिए पर्याप्त ठंड की जरूरत होती है। ठंड और कोहरा फसलों के लिए लगातार पडऩे से फसलों के लिए घातक साबित होता है। सबसे बड़ी बात है कि क्षेत्र में अभी तक धुंध और कोहरा पडऩा ही शुरू नहीं हुआ है। विगत वर्ष जहां इस नवंबर माह में धुंध और कोहरा पडऩा शुरू हो गया था किंतु इस बार धुंध और कोहरा देरी से पडऩे की संभावना है।
  विगत वर्ष दस नवंबर से जमकर ठंड पड़ रही थी किंतु इस बार अभी तक नवंबर बीत चुका है और दिसंबर का एक सप्ताह जा चुका है किंतु कम से कम ताप आठ व अधिकतम ताप 27 डिग्री तक रहता है। अगर पर्याप्त ठंड नहीं पड़ती है तो फसलों के लिए नुकसानदायक रहेगी। फसलों के लिए पर्याप्त ठंड का होना बहुत जरूरी है। अभी तक जो ठंड पड़ रही है वह फसलों के लिए कम है। पदिन का ताप अधिक होने से सरसों में फूल आ गये हैं और पर्याप्त बढ़ोतरी नहीं हुई है।  
क्या कहते हैं कृषि विशेषज्ञ-
पूर्व कृषि विशेषज्ञ डा देचराज का कहना है कि वर्तमान में पडऩे वाली ठंड फसलों के लिए पर्याप्त नहीं है। कम से कम दो डिग्री ताप और कम होना चाहिए। दिन का ताप अधिक नहीं बढऩा चाहिए। सरसों के लिए यह मौसम अनुकूल नहीं है। सरसों छोटी रह जाएगी तथा जल्दी पक जाएगी, पैदावार भी कम पड़ेगी। उनका कहना है कि दस दिसंबर के बाद मौसम बदलने की संभावना एवं बूंदाबांदी होने की संभावना है।
फोटो कैप्शन: डा देवराज





इंसान की पर्यावरण विरोधी गतिविधियां जीवों के लिए बन रही है मुसीबत
--जीवों के रहन सहन में बाधक बन रही हैं मानव की गतिविधियां
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कनीना की आवाज।
पर्यावरण से छेड़छाड़ जंगली जीवों के लिए ही नहीं अपितु पर्यावरण के लिए घातक साबित हो रही है। जंगल से तीतर बटेर, शशक, हरिण लुप्त होने के कगार पर हैं। काला तीतर राज्य पक्षी घोषित है किंतु यह लुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं। आने वाले समय में मारिशश देश के डोडो पक्षी की भांति ये पुस्तकों में पढऩे को मिलेंगे। इस संबंध में पर्यावरण के जानकारों से चर्चा की गई-
**जब झोपड़ पट्टी होती थी और चिडिय़ां भारी संख्या में मिलती थी। वन अधिक होने से तीतर, बटेर, हरियल, फाख्ता, टीटीहरी, काला तीतर, हरिण, शशक एवं नाना प्रकार के जंगली जीव मिलते थे। आज उनके दर्शन दुर्लभ हो गए हैं जिनके पीछे इंसान की पर्यावरण से छेड़छाड़ मानी जाती है। पेड़ पौधों की कटाई, अंधाधुंध उर्वरक एवं पीड़कनाशी खेतों में डालना, पक्के मकान बनाए जाना, वनों का विनाश, औधोगिकरण, बढ़ता प्रदूषण, आखेट पर कड़ा प्रतिबंध न लगा पाना, शौकीनी के लिए जीवों को पालना, जीवों को पालतू बनाने की होड़, सांपों को पकड़कर सपेरे की भूमिका निभाना, गर्मी एवं सर्दी से जीवों को बचने के शरणस्थल न होना उनके लिए घातक साबित हो रहे हैं।
--निशा शर्मा, पर्यावरणविद
 खुले कुओं की जगह बोर बनाया जाना, सूखता जल, नदियों एवं नहरों में पानी का अभाव, भोजन न मिल पाना, आहार शृंंखला का छोटा होना एवं जीवों के लिए संरक्षण कानून सख्त न होना आदि प्रमुख कारण है जिनके चलते जीव जंतु दिनोंदिन लुप्त होते जा रहे हैं।
--कालूराम , अगिहार
 अभ्यारण्य जैसे स्थल स्थापित किये जाए ताकि जीवों को मरने से बचाया जा सके। उनका कहना है कि जंगली जीवों को बचाने के अब सघन प्रयास करने पड़ेंगे वरना जंगली जीव अब लुप्त हो जाएंगे।  जंगली जीवों को बचाने के लिए पेड़ पौधों को बचाना जरूरी है। पेड़ पौधे अकसर गर्मी में जल की कमी के चलते नष्ट हो जाते हैं वहीं सर्दी में झुलस जाते हैं। किसान अपने खेतों से जाटी पेड़ का विनाश करने पर तुले हुए हैं जिसके चलते तीतर, काला तीतर, फाख्ता आदि विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुके हैं।
-रघुवीर प्रसाद शर्मा, पूर्व पंचायत अधिकारी
फोटो कैप्शन: कालूराम, रघुवीर प्रसाद, निशा शर्मा





81वां नेत्र एवं सामान्य रोग शिविर 8 को
--माह के दूसरे रविवार को लगता है कैंप
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कनीना की आवाज।
सेवा भारती हरियाणा प्रदेश शाखा कनीना 81वां विशाल हृदय रोग नेत्र रोग व सामान्य रोग जांच एवं परामर्श शिविर का आयोजन करेगी। यह आयोजन हर मास के दूसरे रविवार को आयोजित किया जाता है। तदनुसार 8 दिसंबर रविवार को लाल शिवलाल धर्मशाला,कनीना मंडी, नजदीक रेलवे स्टेशन कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल के सामने प्रात: 9:30 बजे से 12:30 बजे तक लगाया जाएगा। इस शिविर में प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डा. अश्वनी यादव हृदय रोग विशेषज्ञ मेट्रो अस्पताल रेवाड़ी से अपनी पूरी टीम के साथ जांच करेंगे एवं परामर्श देंगे साथ में गंगा देवी नेत्र अस्पताल महेंद्रगढ़ से डा. रामपाल यादव उपस्थित रहेंगे। बीपी शुगर व ईसीजी की सुविधा निश्शुल्क रहेगी । क्षेत्रवासियों से निवेदन है कि समय पर पहुंचकर शिविर का लाभ उठाने की मांग की है।

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