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Sunday, December 22, 2024


 


मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार- 75
-जब प्रायोगिक परीक्षा लेने वाला हुआ जमकर प्रभावित
-दिए खुलकर अंक

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कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी होशियार सिंह विभिन्न स्कूली संस्थाओं में शिक्षण कार्य करके 30 अप्रैल 2024 को सेवानिवत्त हो गए। यूं तो उन्होंने अनेक उतार चढ़ाव जीवन में देखें किंतु बीएड करते वक्त उनके साथ एक बहुत सुंदर वाक्या घटित हुआ जिसका वह खुद अपने मुख से हवाला दे रहे हैं। सुनिए उन्हीं की जुबानी--
बात 1986-87 की है जब बीएड में प्रवेश पाना बहुत कठिन होता था। क्षेत्र में दो कालेज बीएड के थे एक रेवाड़ी का आरबीएस तो दूसरा सतीश पब्लिक कालेज। चूंकि मेरी अप्रोच किसी नेता से नहीं थी, इसलिए समझा कि मेरिट के आधार पर प्रवेश पाया जाए। सतीश पब्लिक कालेज, धारूहेड़ा रोड केएलपी के पास उसे जमाने में बहुत अग्रणी बीएड कालेज माना जाता था जो नियमों पर चलता था तथा बीएड करने वाले सभी नियमों में बंधकर पढ़ते थे। वहां पर आवेदन किया और आश्चर्यजनक की बीएड में तुरंत प्रभाव से मेरा प्रवेश हो गया। सूचना मिली कि आपका बीएड में प्रवेश हो गया है, फीस भर दो। जब प्रवेश मिलने की बात क्षेत्र के लोगों से बताई तो उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि बगैर किसी सिफारिश के प्रवेश मिल गया है किंतु बीएड में सरलता से प्रवेश पा लिया। क्योंकि उस समय रोटी रोजी का साधन, घर पर चल रही दुकान से था और उस जमाने में रेवाड़ी से बच्चों की टाफी व दुकान का कुछ सामान खरीद कर लाना होता था। ये दुकान पर बेचे जाते थे। यही कारण है कि दुकान के लिए टाफी भी रेवाड़ी के घंटेश्वर मंदिर के सामने जट्टू की दुकान से लानी होती थी। जिस थैले में पुस्तक लेकर बीएड करने के लिए जाना होता था उसी थैले में आते वक्त दुकान का सामान भी लेकर आना पड़ता था। साल बीतने को था, बीएड की परीक्षाएं आ गई। प्रायोगिक परीक्षा चली। उस समय मेरे पास जीव विज्ञान विषय बीएड में था, साथ में ग्रोइंग वेजिटेबल नामक एक विषय प्रैक्टिकल का होता था, वह भी ले रखा था। उसे समय प्राध्यापक गजराज सिंह हमें पढ़ते थे। उन्होंने कहा किसी सिधरावली से शिक्षक आए हुये है और प्रैक्टिकल लेंगे। अपनी-अपनी बना लो और बीज उगाकर दिखाओ। मैंने कभी जीवन में क्यारी बनानी नहीं सीखी थी इसलिए जैसा दूसरे भावी शिक्षक क्यारी बना रहे थे वैसे ही क्यारी बना ली।  पानी डाल दिया गया, बीज उगा दिये। प्रायोगिक परीक्षक क्यारी चेक करने के लिए आया और चेक करके चला गया। मेरी क्यारी चेक करते वक्त नाम आदि पूछा। उन्होंने मेरी तरफ देखा और कहा की क्यारी आपने बनाई है ? मैंने कहा-हां, श्रीमान जी। एक-एक करके फिर मौखिक परीक्षा  के लिए बुलाया गया। जब मौखिक परीक्षा चल रही थी तो मेरा नंबर आया। मौखिक परीक्षा के दौरान प्राध्यापक गजराज सिंह हमें पढऩे वाले शिक्षक पर तथा सिधरावली कालेज से आए हुए प्रायोगिक परीक्षक बैठे हुए थे। उन्होंने मटर के पौधे तथा अनेक पेड़ पौधे उखाड़कर मेज पर रख रखे थे। कुछ अन्य पौधे भी थे जो आसानी से पहचाने जा सकते थे। जब मैं मौखिक परीक्षा के लिए पहुंचा तो मुझे अनेकों पौधों के वैज्ञानिक नाम मालूम थे। उन्होंने मेरे सामने जंगली मटर रख दिये और पूछा- इसका क्या नाम है? मैंने झटपट- पाइजम स्टाइवम पुकारा। उसने मेरे चेहरे की ओर देखा और फिर जो मटर हम उगा कर खाते हैं वो रख दिए और पूछा- इसका क्या नाम है? मैंने कहा यह भी पाइजम स्टाइवम हैं।
फिर परीक्षक ने पूछा-दोनों में अंतर क्या है? मैंने कहा कि एक जंगली मटर है, दूसरा उगाया जाने वाला/ ग्रोइंग मटर है। उन्होंने दूसरे पौधे रखे थे उनके नाम पूछे और झटपट मैंने वैज्ञानिक नाम बता दिए। इतना सुनकर प्रायोगिक परीक्षा लेने वाला शिक्षक बहुत खुश हुआ। उन्होंने पूछा क्या आपने बोटनी पढ़ी हुई है? मैंने कहा- हां, सर मैंने बीएससी कर रखी है बोटनी विषय था। उन्होंने आश्चर्य से कहा-कमाल का विद्यार्थी है जिसे सभी पौधों के वैज्ञानिक नाम मालूम हैं। तभी पास में बैठे हुए प्राध्यापक गजराज सिंह ने कहा कि यह विद्यार्थी बहुत ही सज्जनता और शालीनता से रहता है। वास्तव में इसकी सज्जनता से हम प्रभावित है। इतना सुनकर प्रायोगिक परीक्षक ने कहा - बड़ी विडंबना है जिसको पेड़ पौधों के वैज्ञानिक नाम भी ज्ञान है और उनकी क्यारी इतनी सुंदर थी, देखने लायक थी। मुझे मन ही मन हंसी आई कि मैंने कभी जीवन में क्यारी नहीं बनाई और यह मेरी प्यारी को बहुत अच्छा बता रहा है। उन्होंने शाबास कहकर मुझे बाहर भेज दिया। जब रिजल्ट आया तो चेक करने पर पाया कि उन्होंने 50 में से पूरे 49 अंक बगैर किसी सिफारिश के उस प्रायोगिक परीक्षा में दिए हुए हैं। मुझे बड़ी खुशी हुई। उस जमाने में जहां बिना सिफारिश के अच्छे अंक मिलते नहीं किंतु उस वक्त प्रथम श्रेणी में पास होना और वह भी बीएड में बहुत कठिन होता था। आज के दिन तो बहुत अच्छे-अच्छे अंक आते हैं और उस जमाने में प्रथम श्रेणी में हम दो विद्यार्थी ही पूरे कालेज में पास हुए थे। आज तक वह वाक्या नहीं भूल पाता और इससे सिद्ध भी हुआ की शराफत कभी-कभी बड़ी काम देती है और कई जगह बहुत मार देती है।





इसराना में दो दिवसीय खण्ड स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित
-वालीबाल में ककराला रही विजेता
-100 मीटर दौड़ में मयंक शर्मा रहे पहले स्थान पर
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कनीना की आवाज।
माई भारत युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशानुसार उपायुक्त डॉ विवेक भारती के मार्गदर्शन में जिला नेहरू युवा केंद्र की ओर से आजाद युवा क्लब इसराना के सहयोग से इसराना गांव के खेल मैदान में दो दिवसीय ब्लॉक स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। प्रतियोगिताओं का शुभारंभ गांव के चौकीदार अमर सिंह ने किया। नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा अधिकारी नित्यानंद यादव ने बताया कि दो दिवसीय खेल प्रतियोगिताओं में युवाओं के लिए वालीबाल, दौड़, लंबी कूद  व खो-खो की प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की गई। इनमें लगभग 200 लड़कों व लड़कियों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि विजेता खिलाड़ी जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेंगे।
युवा स्वयंसेवक रचना शर्मा ने बताया कि पहले स्थान पर मयंक शर्मा दूसरे स्थान पर वंश तीसरे स्थान पर रजत चौहान रहे। लंबी कूद में पहले स्थान पर अमित रामबास, दूसरे स्थान पर रोहित कुमार इसराणा व तीसरे स्थान पर देव करीरा रहे। 400 मीटर दौड़ प्रतियोगिता में पहले स्थान पर देव यादव करीरा, दूसरे स्थान पर अनिकेत कुमार तथा तीसरे स्थान पर रोहित कुमार रहे। वालीबॉल के खेल में 15 टीमों ने भाग लिया। पहला सेमीफाइनल ककराला में रसूलपुर के बीच खेला गया जिसमें ककराला विजय रही।  तत्पश्चात दूसरा सेमीफाइनल कोटिया वी ढाणा गांव के बीच खेला गया। फाइनल मैच ककराला व कोटिया के बीच खेला गया। जिसमें ककराला गांव की टीम ने बाजी मारी। वहीं दूसरे स्थान पर गांव की टीम रही। विजेता टीमों को खेलने के सामान की कीट तथा इनाम देकर पुरस्कृत किया।  इस अवसर पर मैच रेफरी ऋषिराज ढाणा,  कोच मनोज रामबास, कोच शुक्रमपाल, कोच अरुण रसूलपुर, नीरज कुमार, मदनलाल शर्मा, प्रियंका प्रजापति, विनय सुंदरह, मामन शर्मा, हनुमान रामबास, हरीश इसराना, नीरज पड़तल, अक्षय भोजावास, तनवीर ककराला सहित ग्रामीण युवा, बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 06:विजेता खिलाडिय़ों को सम्मानित करते हुए।



मोड़ी में बिजली चेकिंग के दौरान बिजली निगम के कर्मचारियों के साथ हुई मारपीट का मामला
-एक आरोपित काबू, भेजा हिरासत में
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कनीना की आवाज।
कनीना खंड के गांव मोड़ी के पास टोलवा की ढाणी में गत सोमवार को बिजली चेकिंग के दौरान बिजली निगम के कर्मचारियों के साथ हुई मारपीट के मामले में पुलिस ने एक आरोपित को काबू करने में कामयाबी हासिल की है। मामले की जांच कर रहे एएसआई जयभगवान ने बताया कि बिजली कर्मचारियों के साथ मारपीट के मामले में मोड़ी निवासी नरेश उर्फ हरीश को पकड़कर न्यायालय में पेश किया गया है। जहां से आरोपित को 14 दिनों की न्यायिक हिरास्त में भेज दिया गया है। बता दे कि 16 दिसम्बर को  गांव मोड़ी के पास टोलवा की ढाणी में गांव के कुछ ग्रामीणों ने बिजली कर्मचारियों के साथ मार पिटाई करते हुए सरकारी गाड़ी के शीशे तोड़ दिए। इस बारे में बिजली विभाग के कर्मचारी विजय कुमार जेई ने पुलिस को लिखित में शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की थी।





नव वर्ष पर भेजे बधाई संदेश
- मामूली से खर्चे पर प्रकाशित होंगे बधाई संदेश
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कनीना की आवाज।
नव वर्ष 2025 को समाचार पत्र में बधाई संदेश मामूली से खर्चे पर प्रकाशित होंगे। प्रत्येक व्यक्ति को 1000-1000 रुपये देने होंगे साथ में अपना बधाई भेजना होगा। इसके लिए एक पासपोर्ट साइज फोटो तथा नये साल का संदेश देना होगा। यदि बधाई संदेश छपवाना है तो 28 दिसंबर से पहले पहले फोन पे के जरिए राशि 94 16348 400 पर एक हजार रुपये भेजें तथा इसी नंबर के व्हाट्सएप पर अपनी पासपोर्ट साइज फोटो और संदेश भेजें।



नौवें दिन भी नहीं हो पाया मृतक का अंतिम संस्कार
-नहीं पहुंचे परिजन अस्पताल
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कनीना की आवाज।
  बीते शनिवार  14 दिसंबर को 26 वर्षीय बाघोत निवासी मोहित के आत्महत्या करने के बाद परिजन और पुलिस प्रशासन में विवाद 9 दिनों तक नहीं सुलझ पाया है। दोनों अपनी अपनी बात पर अडिग हैं। न तो पुलिस परिजनों द्वारा दी गई शिकायत को दर्ज कर रही है और न ही परिजन शव को लेने के लिए तैयार हैं। 9 दिनों में जहां एक बार प्रशासन परिजनों के पास पहुंचा है और लंबी चर्चा के बाद बैरंग ही लौट आया था। जहां मृतक के परिजन दो टूक बात कह रहे हैं कि जब तक मोहित के कातिलों के विरुद्ध मामला दर्ज नहीं किया जाता तब तक वे शव को नहीं लेंगे, ऐसे में हिंदु रीति रिवाज अनुसार वे 12 दिनों तक प्रशासन का इंतजार करेंगे वरना फिर न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। उधर पुलिस का कहना है कि आत्महत्या में जिन लोगों का हाथ परिजन बता रहे हैं उसका कोई प्रमाण चाहिए और प्रमाण न होने पर वो मामला दर्ज नहीं करेंगे, पहले प्रमाण मांग रहे हैं।
आखिर दोनों के बीच गुत्थी सुलझती नजर नहीं आ रही है। दोनों में से कोई भी झुकने का नाम नहीं ले रहा है। शव 9 दिनों से शवगृह कनीना में रखा हुआ है। कनीना के शवगृह में 4 शव रखने की जगह है। एक लगातार भरा हुआ है। उप-नागरिक अस्पताल के कर्मी एवं डाक्टर तथा पुलिस इस शव के कारण सदा अलर्ट मोड में मिलते हैं। शायद प्रदेश का यह पहला मामला होगा जब शव को इतने लंबे समय से शवगृह में रखा हुआ है जिसमें पुलिस द्वारा मामला दर्ज न करने के कारण शव परिजन न ले रहे हो। जहां परिजन जिन लोगों पर आरोप लगा रहे हैं वे लोग भी अभी तक सामने नहीं आ रहे हैं। अब तो पुलिस प्रशासन को समझने का प्रयास करना होगा कि आखिर कैसे समस्या को सुलझाया जाए। मामला आए दिन उलझता ही जा रहा है। जहां परिजन कभी कबार कनीना अस्पताल आते हैं और चले जाते हैं वहीं पुलिस प्रशासन के कर्मी दिन भर शवगृह के सामने बैठे दिखाई देते हैं। अभी शव को कितने दिनों तक अंतिम  संस्कार के लिए और इंतजार करना पड़ेगा, कुछ नहीं कहा जा सकता।
फोटो कैप्शन: मृतक मोहित बाघोत की फाइल फोटो




नवोदय विद्यालय करीरा में आयोजित हुआ पूर्व छात्र मिलन समारोह
-करीब 60 पूर्व विद्यार्थियों ने लिया भाग
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कनीना की आवाज।
 जिला महेंद्रगढ़ के एकमात्र पीएमश्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में पूर्व छात्र मिलन समारोह/एलुमिनी मीट - 2024 का आयोजन किया गया जिसमें करीब 60 पूर्व छात्र छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर स्वागत गीत के साथ किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि प्राचार्य राजीव सक्सेना रहे।
 प्राचार्य राजीव सक्सेना ने कहा कि प्रारंभ में जब नवोदय विद्यालय स्थापित हुए उसे समय के विद्यार्थियों ने काफी संघर्ष किया। सभी पूर्व विद्यार्थियों ने अपनी अपनी संघर्ष की दास्तान बताई, जो आज देश ही नहीं अपितु विदेशों तक सेवा दे रहे हैं और ऊंचे पदों पर आसीन हैं।  उन्होंने कहा की समस्या हर किसी के जीवन में आती है किंतु समस्याओं से डर कर भागता है वह कभी भी सफलता को हासिल नहीं करता। सफलता उन्हीं लोगों को मिलती है जो समस्याओं का डटकर मुकाबला करते हैं। उन्होंने कितने उदाहरणों से विद्यार्थियों को समझाते हुए जीवन में उन ऊंचाइयों को छूने की प्रेरणा दी ताकि हर इंसान की जुबान पर उनका नाम रहे।
 इस मौके पर प्रथम बैच के छात्र रहे तथा प्रोफेसर पद पर आसीन राजेश बंसल ने कहा कि  नवोदय के विद्यार्थी सदा ही प्रतिभावान रहे हैं, आज भी हैं और भविष्य में भी रहेंगे। किसी भी क्षेत्र में जाए तो उनका नाम सुनहरी अक्षरों में सबसे ऊपर लिखा मिलता है। उन्होंने अपने जीवन के अनुभव बताते हुए वर्तमान विद्यार्थियों को जीवन में सफलता पाने के टिप्स बताये। बहुत मधुर गीत-रूक जाना नहीं तू कहीं हार के गाया और सभी को गदगद कर दिया। दूसरा गीत-हम तुम्हें  चाहते हैं हैं इतना...गाकर मंत्रमुग्ध कर दिया और सिद्ध कर दिया कि नवोदय के विद्यार्थी कलाकार हैं।  इस मौके पर पूर्व छात्र अजय शर्मा 2003 जो कंमाडेट हैं, ने अपने अनुभव बताते हुए सदा आगे बढऩे की टिप्स दिये तथा सफलता के गुर बताये। अभय सिंह गुर्जर नांगल चौधरी स्कूल संचालक हैं ने सफलता पाने के लिए तैयारी करने की टिप्स दिये। हवा सिंह पाली में प्रोफेसर हैं ने कहा कि सदा आगे बढ़ते रहना ही इंसान का फर्ज है। रूक जाना हार है। बृज मोहन ने हास्य गीत सुनाए। सुनीता सांगवान, राजपाल सिंह तथा डा पवन जो नारनौल में एमडी हैं,ने विद्यार्थियों के जीवन में सफलता की अहमियत बताई। विजय कुमार पूर्व छात्र जो वर्तमान में भौतिक शास्त्र के प्रोफेसर हैं, ने सफलता के पांच गुरु बताये जिनमें समय पर अधिक ध्यान देने की बात कही। नवोदय के शिक्षक रहे तथा राज्य शिक्षक पुरस्कार धारक डा. एचएस यादव ने भी अपने विचार रखे।इस मौके पर विद्यार्थियों ने बेहतरीन कार्यक्रमों  की प्रस्तुति दी और ऐसा लगा जैसे हरियाणा की संस्कृति एक मंच पर उभर आई हो। पूर्व छात्र छात्राओं ने भी नृत्य प्रस्तुत किया जिसमें को देखकर विद्यार्थी गदगद हो गए। इस अवसर पर अन्य पूर्व विद्यार्थियों ने अपने अनुभव का साझा किये और बताया कि किस प्रकार सफलता हासिल की जा सकती है। सफलता पाने के लिए जी तोड़ मेहनत करनी पड़ती है, कठिनाइयों से जूझना पड़ता है, सदा आगे बढ़ाने की हिम्मत रखनी पड़ती है तथा निसंकोच अपने विचारों को प्रस्तुत करके अपनी कमियों में सुधार करते हुए आज निरंतर आगे बढ़ाना पड़ता है।
डा सुनीता सांगवान प्राचार्या द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।  पूर्व विद्यार्थी मिलन समारोह की अध्यक्षा डा सुनीता सांगवान प्राचार्या ने कहा कि कम समय में यह कार्यक्रम आयोजित करवाया गया है किंतु उपस्थिति संतोषजनक रही है। उन्होंने अनुशासन का जिक्रा करते हुए सबसे प्रमुख चीज इन विद्यालयों में अनुशासन बताया। मंच संचालन प्रीति दसवीं से तथा राधिका 12वीं द्वारा किया गया। इस मौके पर उप-प्राचार्य धर्मेंद्र आय, विजय मोहन, विक्रम सिंह, पूजा कुमारी, सुदेश कुमारी,अभय सिंह यादव सहित समस्त स्टाफ तथा बाहर से आये हुये अतिथि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 03: एलुमिनी मीट  में आए हुए विभिन्न विद्यार्थी मय स्टाफ
तथा
 04:पूर्व विद्यार्थी मंच पर नृत्य करते हुए




बच्चे के जन्म दिन पर लगाई सवामणी
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कनीना की आवाज।
कनीना निवासी एडवोकेट विनोद कुमार यादव पुत्र होशियार सिंह यादव कनीना वार्ड नंबर 8 ने अपने पुत्र दक्ष यादव के 15वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में श्री कृष्ण गौशाला कनीना में 5100 रुपये देकर गौशाला में सवामणी का आयोजन किया। इस मौके पर गायों को मीठा एवं सांद्र चारा खिलाया।  इस अवसर पर विनोद कुमार यादव एडवोकेट चेयरमैन जसवंत सिंह ,अजीत सिंह ,महेंद्र सिंह, होशियार सिंह, मयंक यादव, रिटायर हेडमास्टर राम सिंह यादव ,गौशाला सचिव कृष्ण सिंह यादव रिटायर हेडमास्टर ,गौशाला प्रधान यादविंद्र, एवं समस्त गौशाला स्टाफ उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: गौशाला में सवामणी लगाते हुए।




दूर तक नजर आने लगे हैं सरसों पर पीले फूल
-मौसम ले रहा है करवट
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कनीना की आवाज।
कनीना क्षेत्र में मौसम लगातार बदल रहा है। प्रतिदिन नये रूप में मौसम के नजारे नजर आते हैं। गत दिनों से मौसम साफ रहा, कोई धुंध और कोहरा कनीना क्षेत्र में नहीं पड़ा किंतु रविवार सुबह हल्का कोहरा देखने को मिला।  यहां तक की पूरे कनीना की सिंचित भूमि पर सरसों के फूल और गेहूं के खेत नजर आते हैं। सरसों में फूल आने से अब किसान प्रसन्नचित नजर आने लगे हैं वही फूलों का आना बसंत पंचमी का द्योतक है। इस बार बसंत पंचमी 02 फरवरी 2025 को पड़ रही है। कहने को तो बसंत पंचमी पर सबसे अधिक फूल खिलते हैं किंतु अभी से सरसों के भारी मात्रा में फूल आ गए जिससे नहीं लगता कि बसंत पंचमी तक ये फूल टिक पाएंगे। उधर गेहूं की फसल भी अब खेतों में खड़ी दिखाई देने लगी है जिसको लेकर किसान खुश है। किसानों का मानना है की मौसम अनुकूल चल रहा है, जहां ठंड भी पड़ रही है।  ऐसे में आने वाले समय में यदि मौसम अनुकूल रहा तो अच्छी पैदावार होने की संभावना हैं।
 कनीना क्षेत्र में इस बार जहां सरसों के अच्छे भाव मिलने के कारण विगत वर्ष से थोड़ा सा अधिक क्षेत्रफल पर सरसों उगाई है। करीब 20,000 हेक्टेयर पर सरसों की फसल उगाई गई है जबकि गेहूं के प्रति किसानों का रुझान कम है। इस बार गेहूं 10 हजार एकड़ के करीब है। ऐसे में किसानों का रुझान सरसों की ओर है। सरसों में इस समय खेतों में पीले फूलों से लगने लगे है, जहां मधुमक्खी पालन करने वाले लोग भी दूर दराज से आने लगे हैं।  धुंध एवं कोहरा पडऩा भी किसान और कृषि वैज्ञानिक अच्छा मानते हैं ताकि खेत में नमी कायम रहे। यदि धुंध और कोहरा नहीं पड़ते तो सूखी ठंड फसल के लिए घातक साबित हो सकती है। कनीना व्यापार मंडल प्रकोष्ठ के उप प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया कि गेहूं का समर्थन मूल्य 2375 रुपये जबकि सरसों का 5950 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है।
एसडीओ कृषि महेंद्रगढ़ डा अजय यादव का कहना है कि अभी तक मौसम अनुकूल चल रहा है जिसके चलते सरसों की अच्छी पैदावार होने के संकेत है।
 किसान राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार, कृष्ण कुमार, महेंद्र सिंह, देवेंद्र, सुनील एवं सूबे सिंह आदि ने बताया कि खेतों में अच्छी फसल लहलाने लगी है और आने वाले समय में अच्छी पैदावार होने के संकेत मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि दिन में ताप अधिक रहता है तो रात को कड़ाके की ठंड पड़ती है।
फोटो कैप्शन 02: खेतों में पीले फूलों वाली सरसों की खड़ी फसल।






छिडऩे लगा है पोस्टर और बैनर युद्ध
-कनीना पालिका चुनावों की जमकर हो रही है तैयारी
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कनीना की आवाज।
 कनीना नगर पालिका के करीब 7 वर्षों के बाद होने वाले चुनावों के दृष्टिगत युवा पीढ़ी लंगर लंगोट कसने लगी है। बैनर, पोस्टर युद्ध छेड़ दिया है वही सोशल मीडिया पर भी अपना चेहरा दिखाने लग गए हैं।
 नगरपालिका के 14 वार्डों में 14 पार्षदों का चुनाव होना है जबकि प्रधान पद का सीधा चुनाव होगा क्योंकि प्रधान पद का सीधा चुनाव होगा। इसलिए लोग प्रधान पद की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं। वैसे भी पार्षदों की अहमियत कम कर दी है जिसके चलते भी लोग प्रधान पद के अधिक दावेदार नजर आ रहे हैं। पत्रकार, वकील, समाजसेवी तथा किसी पार्टी के  पदाधिकारियों पर भी चुनावी रंग चढऩे लगा है।  रात को भी बैठक की जा रही है, तैयारी की जा रही है, नई व्यूह रचना रची जा रही है। अब तो जहां कोई चुनाव लड़ता नजर आता है उसके इर्द-गिर्द भीड़ लगने लगी है। वैसे भी बहुत अधिक लोग तो ऐसे हैं जो इन चुनावों में दर्शक बनकर कार्य करेंगे। चुनाव लडऩे वाले और चुनाव लड़वाने के लिए लालायित लोग भी कम नहीं हैं। भावी पार्षदों की संख्या भी बढ़ती ही जा रही है क्योंकि विगत कनीना पालिका के इतिहास में कोई सशक्त  प्रधान नहीं रहा है। तीन योजनाओं में सतीश जेलदार एक मात्र ऐसे प्रधान रहे हैं जो शराफत से कार्य कर चुके हैं वहीं से पूर्व में भी दो महिला प्रधान भी शांतभाव से अपना कार्यकाल पूरा कर चुकी है। अब युवा पीढ़ी में क्रांति ही आ गई है कि कनीना के विकास में एक नया आयाम कायम करने के लिए प्रधान पद के दावेदार बनते ही जा रहे हैं। पहले तो सभी की  नजरें पार्षदों के आरक्षण और प्रधान पद के आरक्षण पर टिकी है, उसके बाद ही बहुत से चुनाव लडऩे की इच्छुक लोग आगे आएंगे। तब तक लोग मौन हैं। आने वाले समय में बहुत अधिक दावेदार अपने-अपने पत्ते खोलेंगे, विशेषकर नए वर्ष के आगमन पर अनेकों नये चेहरे अपने पोस्टरों एवं बैनरों के साथ दिखाई देंगे।















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