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Friday, December 13, 2024


 


अथर्ववेद पर यज्ञ द्वितीय दिवस
सत्य बोलना मीठा बोलना वाणी का यज्ञ है - आचार्य संजीव रूप
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कनीना की आवाज।
जनपद के ग्राम धनौंदा में स्थित वेद मंदिर में आर्य समाज के तत्वधान में अथर्ववेद पारायण यज्ञ के दूसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आकर आहुतियां दी। बदायूं यूपी से पधारे आस्था टीवी के संत वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने यज्ञ कराते हुए कहा कि संसार के सब शुभ कर्मों का नाम यज्ञ है। सत्य बोलना मीठा बोलना वाणी का यज्ञ है तो परायी स्त्री को माता की दृष्टि से देखना तथा पराये धन को मिट्टी तुल्य देखना आंखों का यज्ञ है। अच्छी बातें सुनना कानों का यज्ञ है तो प्यासों को पानी पिलाना भूखे को भोजन कराना, कमजोरों की मदद करना हाथों का यज्ञ है। देश के लिए अपना सर्वस्व  न्योछावर कर देना राष्ट्र यज्ञ है। कृषि, व्यापार, नौकरी, सेवा कार्य सब तब यज्ञ हो जाते हैं जब यह सब के भले की कामना के साथ किए जाते हैं। ब्रह्मचारी आनन्द आर्य व ब्रह्मचारी विश्वबन्धु  ने सुन्दर वेद पाठ किया।
फोटो कैप्शन 07: वेद मंदिर धनौंदा में यज्ञ करते हुए।








सरसों की फसल को बचाए लकवा लगने से- डा.अजय
--सरसों में कार्बनडाजिम स्प्रे करने का सही वक्त
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कनीना की आवाज।
 इस वक्त कनीना क्षेत्र में करीब 20000 हेक्टेयर पर सरसों पूरे यौवन पर चल रही है, फूल आने लग गए हैं। किसान फसल को देखकर खुश है परंतु लगातार ठंड पडऩे यहां तक की पाला जमने से किसान कुछ मायूस नजर आते हैं। सरसों में इस समय लकवा लगने की पूरी संभावना बन जाती है।
 इस संबंध में एसडीओ कृषि महेंद्रगढ़ डा. अजय यादव ने बताया कि जहां तक संभव हो सरसों की फसल में नमी रखें। उन्होंने कहा कि सूखे जाड़े े लंबे चलने के आसार बन गए हैं जिससे सरसों की फसल में नुकसान होने की संभावना बन जाती है। वैसे भी दिन में तेज धूप खिलना फसल के लिए बेहतर संकेत नहीं हैं। उन्होंने बताया कि नमी रहने से पाले का प्रभाव घट जाता है। ऐसे में सभी किसानों को अपनी सरसों की फसल में नमी रखनी चाहिए।
 डाक्टर  यादव ने बताया कि पिछले चार-पांच सालों से सफेद रतवा, तना गलन आदि सरसों अनेक रोगों से पीडि़त बन जाती है। यह एक नया रोग है जिसे ग्रामीण क्षेत्र के किसान सरसों का पोलियो नाम से जानते हैं। उन्होंने बताया कहा कि 40 से 50 दिन के बाद सरसों में एक सप्रे बवास्टीन का अवश्य करें जिसे बाजार में कार्बनडाजिम नाम से जाना जाता है। किसान इस दवा का छिड़काव तो करते हैं लेकिन देरी से करते जिसका कोई खास असर नहीं होता है। सरसों को लकवा लगने से बचाने के लिए किसानों को चाहिए कि एक स्प्रे अवश्य कर दे। इस समय सरसों में स्प्रे करने का सही वक्त है।
 फोटो कैप्शन 8: सरसों की खड़ी फसल तथा डा. अजय यादव एसडीओ कृषि महेंद्रगढ़







राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस- 14 दिसंबर
-ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत अपनाने चाहिए-देवेंद्र
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कनीना की आवाज।
ऊर्जा संरक्षण का महत्व बताने तथा ऊर्जा संरक्षण के लाभों के विषय में जानकारी देने के लिए 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है। ऊर्जा संरक्षण से संबंधित विशेष नाम कमाने वाले लोगों को सम्मानित किया जाता है। इस दिन से संबंधित कुछ लोगों से चर्चा की गई जो लंबे समय से ऊर्जा संरक्षण में योगदान दे रहे हैं, जिनके विचार निम्र हैं--
 27 सालों पहले जब मैं सेना से सेवानिवृत्त होकर जब घर आया था तब से एक ही उद्देश्य बना लिया था कि ऊर्जा संरक्षित करूंगा। यही कारण है कि दिन रात जहां भी जाना पड़ता है, विगत 28 सालों से साइकिल पर जा रहा हूं। इसने केवल सेहत बनती है अपितु ऊर्जा की भी बचत होती है। ऊर्जा संरक्षण सरकार का उद्देश्य है। हर इंसान का यही उद्देश्य होना चाहिए तभी देश में ऊर्जा की बचत होगी और भविष्य के लिए ऊर्जा उपलब्ध हो सकेगी। इसी बात को बात को ध्यान में रखते हुए लगातार साइकिल प्रयोग कर रहा हूं। आज उम्र 72 वर्ष पहुंच गई है फिर भी साइकिल का साथ नहीं छोड़ा है।
     --- राव मोहर सिंह प्रधान आर्य समाज
ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूक करने पर केंद्रित, ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है। ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में देश की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला जाता है। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के तहत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के अंतर्गत संचालित यह दिन मनाया जाता है। इस दिन ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले उद्योगों, संस्थाओं ,थर्मल पावर स्टेशन, रेलवे स्टेशन, नगर पालिका, होटल, अस्पताल तथा अन्य संस्थानों को पुरस्कृत किया जाता है। जिसका उद्देश्य की ऊर्जा को बचाया जाए और इसी उद्देश्य को आगे बढ़कर ऊर्जा बचत करने का प्रयास किया जाता है।
--- देवेंद्र सिंह, विज्ञान के जानकार
ऊर्जा संरक्षण का अर्थ है इसका अनावश्यक उपयोग न करना, कम से कम ऊर्जा का उपयोग करके किसी कार्य को करना। अनावश्यक रूप से बिजली का बल्ब, लाइट, पंखे, एसी ,विद्युत यंत्र प्रयोग न करने चाहिए। छोटी दूरियों में जहां पैदल चलकर जाना चाहिए। वहीं निजी वाहन की जगह सार्वजनिक वाहन प्रयोग करने चाहिए। ऊर्जा का संरक्षण होगा जो देश के भविष्य के लिए काम में लाई जा सकेगी।
    --राकेश कुमार, शिक्षाविद
ऊर्जा के नवीनीकरण स्रोतों का उपयोग करना चाहिए जो भविष्य में समाप्त होते नजर नहीं आते। जिनमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा जल ऊर्जा और विद्युत तापीय ऊर्जा प्रमुख रूप से शामिल किए गए हैं। जीवाश्म ईंधन जैसे कोयला, पेट्रोलियम, सीएनजी, एलपीजी निकट भविष्य में समाप्त होने के कगार पर हैं। इसलिए गह इनका कम से कम प्रयोग होना चाहिए और उनकी जगह अन्य साधन जो नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर आधारित है, का प्रयोग करना उचित होगा। ऐसी तकनीकी खोजना चाहिए वही ऊर्जा संरक्षण कर सके।
---विजय वधवा, ऊर्जा संरक्षण पर शोधार्थी
फोटो कैप्शन: देवेंद्र कुमार, राकेश कुमार, राव मोहर सिंह, विजय अधवा।







पीआरआई सदस्यों को खंड स्तरीय कार्यशाला में किया प्रशिक्षित
-पेयजल संरक्षण के लिए हर ग्राम पंचायत आए आगे- मंगतु राम सरसवा
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कनीना की आवाज।
जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के कार्यक्रम के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एवं जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन की टीम द्वारा पेयजल व्यवस्था के संचालन एवं रखरखाव के लिए कनीना के बीआर होटल में पीआरआई सदस्यों व ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्यों के लिए एक दिवसीय क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन जिला सलाहकार मंगतु राम सरसवा की अध्यक्षता में आयोजित किया। कार्यशाला में उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए जिला सलाहकार मंगतुराम सरसवा ने बताया कि ग्रामोत्थान के लिए सबसे पहले हमें जल की प्रत्येक बूंद को सहेज कर रखना है। व्यर्थ में बह रहे पानी को रोकना जरूरी है। इसके अलावा पीआरआई व ग्राम जल एवं सीवरेज समिति के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने गांव में जल प्रबंधन के लिए आगे आए व जल का समान वितरण करते हुए हर घर जल पहुंचाने का काम करे। इसके साथ-साथ उन्होंने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए जल जीवन मिशन में शामिल की गई स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को उनके कार्यों के बारे में भी अवगत करवाया। जल जीवन मिशन के तहत गांवों में नल जल मित्र के रूप में कार्य कर रहे नलकूप चालकों से कहा कि पेयजल सप्लाई का समय निर्धारित करते हुए लाग बुक लगवाएं ताकि जमीन से लगातार हो रहे पानी के दोहन को कम किया जा सके। हर नल पर वॉल या टूंटी लगवाएं ताकि पानी की हर बूंद को बहने से बचाया जा सके। इसके अलावा इस तरह के कार्यक्रम ग्रामीण जल संरक्षण अभियान के तहत हर इस तरह की गतिविधियों का आयोजन गांव में भी करें ताकि हर जन तक जल संरक्षण का यह संदेश पहुंचे। कार्यक्रम के कनिष्ठ अभियंता पवन कुमार ने कहा कि पेयजल व्यवस्था के रखरखाव व संचालन के लिए विभाग के साथ-साथ सामुदायिक भागीदारी निभाने की जरूरत है इसके लिए हर ग्राम पंचायत को पहल करने की जरूरत है। पानी बचाने की यह आदत हमारे दैनिक कार्यों में शामिल हो ताकि डार्क जोन इस क्षेत्र में पानी की बूंदों को बहने से रोका जा सके। उन्होंने पेयजल व्यवस्था के रखरखाव व संचालन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हमारे शास्त्रों में भी जल को देवता माना है। जल हमें जीवन देता है। हमें अपने जीवन को बचाना है ताकि आने वाली पीढी को हमें जल के रूप में तोहफा दे सकें। इस मौके पर खंड संसाधन संयोजक धर्मेन्द्र ने बताया कि ग्रामीण भाईचारे को बनाए रखने के लिए हमें पंचायत सत्र पर ही पानी की हर समस्या को हल करना चाहिए। लोगों की सहभागिता से ही हम सफलता हासिल कर सकते हैं। वहीं लैब अटेंडेंट विकास व उनकी टीम ने जीवाणु परीक्षण किट से जल की गुणवत्ता जांचने के तरीकों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि पानी सीधे हमारे स्वास्थ्य से जुड़ा होने के कारण समय समय पर इसकी जांच भी आवश्यक है। ग्रामीण आजीविका मिशन से कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित मनोज कुमार ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जल जीवन मिशन में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। वहीं कनीना खंड के बीआरसी मोहित ने भूमिगत जल के अत्यधिक दोहन को रोकने के लिए आह्वान किया साथ ही सरकार द्वारा भूमिगत जल को रिचार्ज करने के दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान इसका लाभ उठायें। बीआरसी मोहित कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि पानी खून की भांति है जिसे किसी भी फैक्ट्री में तैयार नहीं किया जा सकता इसलिए हमें इस अहम विषय पर कार्य करने के लिए एकजुट होने ही सख्त जरूरत है। इस मौके पर कनीना खंड के सरपंच, ग्राम सचिव, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, नलकूप चालक व ग्राम पंच उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 04:कार्यक्रम में संबोधित करते जिला सलाहकार मंगतुराम सरसवा।






अवार्डी शिक्षकों की बैठक संपन्न
-शिक्षक हितों पर कुठाराघात का किया विरोध
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कनीना की आवाज।
 जिला महेंद्रगढ़ के राज्य शिक्षक अवार्डी शिक्षकों की एक बैठक हुड्डा पार्क महेंद्रगढ़ के सामने संपन्न हुई जिसमें अवार्डी शिक्षकों के हितों पर कुठाराघात के विरोध  में विचार विमर्श किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि भविष्य में स्टेट कार्यकारिणी से विचार विमर्श कर आगे के संघर्ष में सहयोग दिया जाएगा। बैठक में डा. जितेंद्र भारद्वाज, बीरेंद्र सिंह, प्रमिला जांगड़ा, डा. ईश्वर चंद, वीरेंद्र सिंह ईएसएचएम, दिलबाग सिंह, राजेश कुमार आदि अवार्डी शिक्षकों भाग लिया।
 फोटो कैप्शन 03: अवार्डी शिक्षक अपनी मांग उठाते हुए


कनीना में शुरू हुई नेकी की दीवार
-फालतू कपड़े छोड़कर चाहिए वो ले जाए

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कनीना की आवाज।
कनीना में नेकी की दीवार का शुभारंभ किया गया। जिसका उद्घाटन अतिथि मनोज रोहिल्ला समाजसेवी एवं एम ई दिनेश यादव नगर पालिका ने किया। यह नेकी की दीवार प्रशासन कनीना व आईसीटीएम सोशल फाउंडेशन के द्वारा चलाई जा रही है। जिसमें उपमंडल अधिकारी अमित कुमार ने इसमें विशेष सहयोग किया है। मनोज कुमार ने बताया कि यह नेकी की दीवार भगवान के द्वारा चलाई हुई है इसको आईसीटीएम सोशल फाउंडेशन के संचालक पवन राठौड़ मोड़ी ने कनीना में स्थापित किया है। इसको हम सब मिलकर आगे बढ़ाएंगे। यहां पर गरीब जरूरतमंद लोगों के लिए कपड़े, जूते व अन्य सामान उपलब्ध रहेगा। एमई दिनेश यादव ने बताया की हम उन सभी से अनुरोध करते है कि जिनके पास जरूरत से ज्यादा कोई सामान जैसे पुराने कपड़े, गर्म कपड़े, कंबल, जूते या अन्य सामान जो घर में प्रयोग न ही वो यहां पर छोड़ कर जा सकते है और जिनको आवश्यकता है वो लेकर जा सकते है। संस्था के सदस्य धर्मवीर खरकड़ाबास ने बताया कि संस्था की इस पहल नेकी की दीवार का उद्देश्य जरूरतमंदों गरीब लोगों की आवश्यकता अनुसार सामान मुहैया करवाना है। उन्होंने बताया कि संस्था ब्लाक कनीना के गांव मोड़ी में शांति कुंज अनाथ बेसहारा वृद्ध आश्रम भी चला रही है जिसमें काफी बेसहारा लोग लाभाविन्त हुए है। संस्था ने अभी तक 51 बेसहारा लावारिस लोगों की ठीक करके परिवार से मिलवा दिया है। आए हुए विशिष्ट अथिति व अन्य सभी ने इसकी सराहना की है और इस नेक कार्य के लिए लोगों से आगे आने को कहा है। इस अवसर पर पवन कुमार राठौड़, देशराज पंच, पूर्व पार्षद मोहन कनीना, बाबूलाल खैरानी, धर्मवीर खरकड़ा बास, पंडित प्रद्युम्न, सुरेंद्र नगर पालिका, जेई राकेश यादव व अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 01: नेकी की दीवार का कनीना में शुभारंभ करते हुए एमई नगरपालिका कनीना।







जूनियर साइंस ओलंपियाड में भव्या गुणवाल की ऐतिहासिक जीत
-भारतीय टीम ने चीन को हराकर पहली बार स्वर्ण पदक जीता
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कनीना की आवाज।
 जूनियर साइंस ओलंपियाड में भारतीय टीम ने  चीन को हराकर पहली बार स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। इस ऐतिहासिक जीत में अटेली की बेटी भव्या गुणवाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और स्वर्ण पदक जीता।
भव्या गुणवाल के पिता अनिल यादव तथा  माता सुमन यादव दोनों ही पेशे से डाक्टर हैं । भव्या ने अपनी प्रतिभा और मेहनत के बल पर यह उपलब्धि हासिल की है। भव्या की जीत ने न केवल उनके परिवार को गर्व से भर दिया है, बल्कि पूरे देश को भी गौरवान्वित किया है।
जूनियर साइंस ओलंपियाड का आयोजन
जूनियर साइंस ओलंपियाड एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता है, जिसमें विश्व के विभिन्न देशों के छात्र भाग लेते हैं। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी में छात्रों की प्रतिभा को पहचानना और उन्हें प्रोत्साहित करना है। अंतरराष्ट्रीय जूनियर साइंस ओलंपियाड में विश्व के 70 देशों ने भाग लिया जिसमें भारतीय टीम ने चीन को हराकर गोल्ड पदक हासिल किया है ।
भव्या की जीत
भव्या गुणवाल ने अंतरराष्ट्रीय जूनियर साइंस ओलंपियाड में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए भारतीय टीम को स्वर्ण पदक दिलाया है ।
भारतीय टीम की ऐतिहासिक जीत
भारतीय टीम ने अंतरराष्ट्रीय जूनियर साइंस ओलंपियाड में पहली बार स्वर्ण पदक जीता है। यह जीत न केवल भारतीय टीम के लिए गर्व की बात है, बल्कि पूरे देश के लिए भी यह एक ऐतिहासिक पल है।
भव्या के परिवार की प्रतिक्रिया-
भव्या के पिता डॉ अनिल और माता डॉ सुमन यादव ने अपनी बेटी की जीत पर गर्व व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि भव्या की जीत ने उनके परिवार को गर्व से भर दिया है ।
भव्या की भविष्य की योजनाएं-
भव्या गुणवाल ने अपनी जीत के बाद कहा कि वे अपनी शिक्षा जारी रखने और विज्ञान के क्षेत्र में अपना करियर बनाने की योजना बना रही हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने देश के लिए और भी कई उपलब्धियां हासिल करना चाहती । भव्या गुणवाल की ऐतिहासिक उपलब्धि पर वरिष्ठ साहित्यकार रोहित यादव, सेवानिवृत एसडीएम धर्मपाल सिंह, कवि गीतकार डा. सीएस वर्मा,  जिला प्रमुख डा. राकेश कुमार, डिविजनल कमांडर टेकचंद यादव, श्रीराम सेवा ट्रस्ट प्रधान ओपी चौहान, प्राचार्य कुसुम यादव, डा. राजेंद्र सिंह यादव, कमांडो नरपत सिंह एवं समाजसेवी तेजप्रकाश सहित क्षेत्र के अनेक गणमान्य लोगों ने बधाई दी है ।
फोटो कैप्शन 02:जूनियर साइंस ओलंपियाड में भव्या गुणवाल चीन को हराकर जीत दर्ज करते हुए।

 

 

नव वर्ष पर भेजे बधाई संदेश
- मामूली से खर्चे पर प्रकाशित होंगे बधाई संदेश

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कनीना की आवाज।
नव वर्ष 2025 को समाचार पत्र में बधाई संदेश मामूली से खर्चे पर प्रकाशित होंगे। प्रत्येक व्यक्ति को 1000-1000 रुपये देने होंगे साथ में अपना बधाई भेजना होगा। इसके लिए एक पासपोर्ट साइज फोटो तथा नये साल का संदेश देना होगा। यदि बधाई संदेश छपवाना है तो 28 दिसंबर से पहले पहले फोन पे के जरिए राशि 94 16348 400 पर एक हजार रुपये भेजें तथा इसी नंबर के व्हाट्सएप पर अपनी पासपोर्ट साइज फोटो और संदेश भेजें।


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