कनीना में न्यायिक परिसर भवन बनाने में हो रही देरी के लिए अधिवक्ताओं ने दिया अनिश्चितकालीन धरना
--दूसरे दिन चला धरना, काम नहीं बना तो अनशन भी होगा
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कनीना की आवाज। सोमवार से कनीना बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने अनिश्चितकालीन धरना जारी है। उनका अनिश्चितकालीन धरना आज दूसरे दिन में प्रवेश कर गया। धरना सचिव संदीप सिंह व उप प्रधान सुनील राव ककरालिया की अध्यक्षता में शरू किया गया। उप-प्रधान सुनील राव ककराला ने बताया कि वर्ष 2019 में न्यायमूर्ति हरिपाल वर्मा ने न्यायालय परिसर भवन का शिलान्यास किया था। उसके बाद से लेकर अब तक कोई भी कार्य तेजी से नहीं किया गया है जबकि लघु सचिवालय भवन बनकर तैयार हो गया है। अधिवक्ताओं ने कहा कि जब तक न्यायालय भवन का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो जाता तब तक धरना जारी रहेगा। इस दौरान पूर्व प्रधान संदीप सिंह यादव कनीना, कनीना बार के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप यादव राम बास ,बार के पूर्व प्रेजिडेंट दीपक चौधरी, कनीना अधिवक्ता राजेश यादव कनीना, रामनिवास शर्मा रामबास, सुभाष शर्मा, रमेश शर्मा,ओम प्रकाश यादव रामबास, हरीश गाहड़ा, मनजीत कोटिया, पूर्व प्रधान गिरिवर लाल कौशिक, पूर्व सचिव अभिषेक यादव, राजकुमार तंवर, पूर्व सचिव मनोज शर्मा, अनिल शर्मा, नवीन कौशिक, संत कुमार, मनोज कौशिक, वीरेंद्र सिंह जांगड़ा सहित अन्य अधिवक्ता धरना स्थल पर मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 09: अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे अधिवक्ता
धनौंदा गांव में तीन दिवसीय यज्ञ का आयोजन 12 से
--आर्य समाज जग भलाई के लिए करेगा यज्ञ
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कनीना की आवाज। आर्य समाज धनौंदा का वार्षिक उत्सव 12 दिसंबर से 15 दिसंबर तक आयोजित होगा। इस अवसर पर आर्य समाज धनौंदा के तत्वाधान में तृतीय अथर्ववेद पारायण यज्ञ का आयोजन बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। कार्यक्रम में आचार्य संजीव रूप अंतर्राष्ट्रीय वैदिक कथाकार बदायूं, उत्तर प्रदेश, यज्ञ ब्रह्मा के रूप में उपस्थित होंगे उनके साथ ब्रह्मचारी मनोज आर्य एवं ब्रह्मचारी आनंद आर्य गुरुकुल से उच्चारण के लिए उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम का शुभारंभ 12 दिसंबर को होगा जो 15 दिसंबर तक रोजाना प्रात: 9 बजे से 12 तक तथा शाम 2:30 से 5 तक भजनोपदेश करेंगे। इस कार्यक्रम में आर्य समाज धनौदा के प्रधान संतलाल आर्य , कोषाध्यक्ष यशपाल आर्य, पर्यवेक्षक कैलाश चंद गोयल, गुरु दत्त आर्य आदि अनेकों आर्य विद्वान शामिल होंगे ।
मेरा शिक्षा का सफ र पुस्तक से साभार- 66
मेरी आरटीआई लेने वालों के सारे काले कारनामों की आरटीआई मेरे पास
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कनीना की आवाज। कनीना के होशियार सिंह लंबे समय तक शिक्षा विभाग में सेवा देकर सेवानिवत्त हो चुके हैं। उन्होंने जीवन में लंबा संघर्ष झेला। कुछ ऐसे नीच व्यक्ति मिले जिन्होंने दिन रात उनकी जड़े काटने का प्रयास किया किंतु अब वो अंदर से खोखले हो चुके हैं। होशियार सिंह की कहानी उन्हीं की जुबानी सुनिए -
जीवन में बहुत लंबे समय तक संघर्ष किया है। परंतु किसी का अपनी कलम, मुख एवं वचन से बुरा नहीं किया किंतु कुछ लोगों ने मेरी जड़ें काटने में कोई कसर नहीं छोड़ी किंतु अब वो पूर्णतया खोखले हो गए हैं। जिन्होंने मेरे विरुद्ध आरटीआई लगाई आज उनके सारे काले कारनामों के आंकड़े मेरे पास है। जिस दिन से उन्होंने मेरी आरटीआई लगाई उसी दिन से मैं भी उनकी आरटीआई प्राप्त करनी शुरू कर दी। ऐसे-ऐसे करना में उन्होंने कर रखे हैं, सुनकर मन दुखी होता है। यद्यपि मैं उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं करूंगा क्योंकि मैं उनकी तरह घटिया, नीचे और ब्लैकमेलर नहीं हूं। उन्होंने ब्लैकमेलिंग भी जमकर की परंतु फिर भी मैं अपने मार्ग पर अडिग रहा। आश्चर्य कि उन्होंने अपनी परीक्षाएं पास की किंतु एक ओर स्कूल में हस्ताक्षर हो रहे हैं और वहीं उन्होंने परीक्षा भी दी है। आश्चर्य उस समय हुआ जब स्कूल में भी हस्ताक्षर है सचिवालय और शिक्षा सदन में भी उनके आई कार्ड बने हुए हैं। सारे आंकड़े मेरे पास उपलब्ध हैं। क्या-क्या कारनामें किए, किन-किन लोगों की आत्मा दुखाई वो भी इकट्ठे करके एक पुस्तक में संग्रहित करता जा रहा हूं। बड़ी-बड़ी ब्लैकमेलिंग करने वाले, लोगों का खून चूसने वाले आज इस दुनिया में जिंदा है, इस बात का मुझे बड़ा दर्द है। भगवान की अदालत बहुत बड़ी है जहां तक उनको अपना हिसाब देखकर ही जाना पड़ेगा। मेरे विरुद्ध केवल एक नर्हीं शिक्षा विभाग के ही चंद लोग थे और उनमें से आज वो अपने आप को पाक दामन बता रहे हैं लेकिन अंदर से इतनी गंदगी भरी है कि उनके उनके दर्शन भी हो जाए तो समझो सारे काम बिगड़ जाते हैं, वह दिन खराब जाएगा। ऐसे लोगों से बचकर रहना चाहिए किंतु कुछ ऐसे लोग भी मिले जो इन लोगों को आगे करके और उसकी आड़ में ब्लैक मेलिंग कर रहे थे। इनमें एक नमानीगार भी शामिल था। एक दूसरे को ब्लैकमेलिंग करने वालों की ऐसी एक लंबी कड़ी थी। जिसमें एक नहीं कई लोग शामिल हैं जिनमें शिक्षक भी और गैर शिक्षक दोनों प्रकार के हैं। मेरे पास आज ऐसे शिक्षकों एवं गैर शिक्षकों की आरटीआई की फाइलें भरी पड़ी हैं। अभी बहुत आरटीआई एक के बाद एक प्राप्त हो रही है। उनमें से कुछ सेवानिवृत्त हो गए हैं कुछ अभी भी सेवा में है। पर वो सच में वह इंसान तो क्या कुत्ते से भी बदतर हैं। ऐसे कुत्ते एक न एक दिन सड़कों पर चिपके मिलेंगे और उनका खुरच खुरच कर उतारा जाएगा तब उनको आग के हवाले किया जाएगा या दफनाया जाएगा, अब वो दिन दूर नहीं क्योंकि पाप की हांडी भरने पर फूटना लाजमी है।
रास्ता रोककर गाड़ी में टक्कर मारने, गाड़ी तोडऩे व लाठी-डंडों से मारपीट करने के मामले में तीन आरोपित गिरफ्तार
--गत दिनों बारात में आये लोगों के साथ हुई थी घटना
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कनीना की आवाज। पुलिस अधीक्षक पूजा वशिष्ठ के निर्देशानुसार महेंद्रगढ़ पुलिस द्वारा आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। थाना सदर कनीना की पुलिस टीम ने रास्ता रोककर गाड़ी में टक्कर मारने, गाड़ी तोडऩे व लाठी-डंडों से मारपीट करने के मामले में कार्रवाई करते हुए तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान जयसिंह व विपेंद्र उर्फ विपिन वासी गांव भावठड़ी, सुरजगढ राजस्थान और दिनेश वासी ढाणी भालोठिया के रूप में हुई। पुलिस ने आरोपितों से दो गाड़ी व मोबाइल बरामद कर जब्त किया है। आरोपितों को न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
शिकायतकर्ता विकाश वासी गांव भावठड़ी सुरजगढ ने थाना सदर कनीना में शिकायत दर्ज कराई कि दिनांक 29 नवम्बर को वह शादी में गांव खेड़ी तलवाना आए थे। वह अपने दोस्त की गाड़ी में वापिस बारात से अपने गांव के लिए चले थे। उसके साथ तीन अन्य व्यक्ति भी थे। गांव खेङी तलवाना से थोड़ा आगे चलते ही अचानक उनकी गाड़ी के आगे स्कार्पियो लगा दी और रास्ता रोक लिया। उसी समय पीछे से एक पिकअप ने उनकी गाड़ी में टक्कर मारी। स्कार्पियो गाड़ी से कुछ लड़के नीचे उतर कर आए, जिनके हाथों में लाठी डंडे थे। जिन्होंने गाड़ी से उतरते ही लाठी-डंडो से उसकी गाङी को तोङ दिया और उसे नीचे उतारकर लाठी डंडो से पीटा। उन लङ़कों में से एक लङ़का उसका मोबाइल ले गया। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।
कनीना के राजकीय कालेज का नाम बदले जाने पर खुशी जाहिर
-अब होगा पितामह कान्ह सिंह राजकीय महाविद्यालय नाम
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कनीना की आवाज। कनीना के राजकीय महाविद्यालय का नाम फिर से पितामह कान्ह सिंह के नाम पर किए जाने की मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की घोषणा पर कनीनावासियों में खुशी की लहर है। श्री सैनी मुख्यमंत्री ने कहा है कि कनीना का महाविद्यालय का नाम फिर से बदलकर पितामह कान्ह सिंह राजकीय महाविद्यालय रखा जाएगा। कनीना के नागरिकों ने अपनी जमीन पर स्वयं पैसे खर्च कर महाविद्यालय का निर्माण करवाया था और महाविद्यालय का नाम गांव के संस्थापक पितामह कान्ह सिंह के नाम पर रखा गया था। वर्ष 2014 में सरकार ने महाविद्यालय को टेकओवर करने को पितामह कान्ह सिंह का नाम हटा दिया गया था और राजकीय महाविद्यालय रख दिया था। अब फिर से कनीनावासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए उनकी मांग को पूरा करते हुए महाविद्यालय का नाम पुन: पितामह कान्ह सिंह के नाम पर रखा जाएगा। इसको लेकर कनीनावारियों खुशी की लहर है।
कनीनावासियों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का आभार जताया है। मिली जानकारी अनुसार 2018 में कनीना के अनेकों लोगों ने कालेज का नाम पुन: पितामह कान्ह सिंह के नाम पर रखने के लिए फाइल शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पास भिजवाई थी। तब से कार्रवाई चली हुई थी और अब उसका नाम बदलने की मुख्यमंत्री ने स्वयं घोषणा कर दी है। जिसको लेकर कनीना में खुशी की लहर है। इस मौके पर कंवरसेन वशिष्ठ, मोहन पूर्व पार्षद, कृष्ण सिंह मुख्याध्यापक सहित विभिन्न लोगों ने खुशी जताई है।
न्यायिक परिसर की मांग को लेकर अधिवक्ताओं का अनिश्चितकालीन जारी
- धरने को अतरलाल ने दिया समर्थन
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कनीना की आवाज। न्यायिक परिसर की स्थापना की मांग को लेकर अधिवक्ताओं का अनिश्चितकालीन धरना दूसरे दिन जारी रहा। कनीना में न्यायिक परिसर स्थापना को लेकर के कनीना बार एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी एवं अधिवक्ताओं का अनिश्चितकालीन धरना वर्तमान न्यायिक परिसर समक्ष जारी है। उनके समर्थन में अनेक नेता एवं जन आ रहे हैं। गिरवर कौशिक अधिवक्ता ने बताया कि पिछले 8 सालों से कनीना न्यायिक परिसर नहीं बन पाया है और न ही शुरुआत हुई है और न ही भूमि अभी तक उच्च न्यायालय को सौंपी गई है। यही कारण है कि संदीप सिंह अधिवक्ता सचिव की अध्यक्षता में अनिश्चितकालीन धरना जारी है। जब तक उच्चाधिकारी आकर पूर्ण रूप से आश्वस्त नहीं कर देंगे कि न्यायिक परिसर किस तिथि से बनना शुरू हो जाएगा, तब तक वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहेंगे। यदि जरूरत पड़ेगी तो अनशन भी करेंगे। इस मौके पर अधिवक्ता संदीप, अधिवक्ता रमेश कौशिक, संदीप अधिवक्ता, ओपी यादव अधिवक्ता, अधिवक्ता गिरिवर कौशिक, अधिवक्ता दीपक चौधरी, अधिवक्ता मनोज शर्मा एवं समस्त बार एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं अधिवक्ता मौजूद रहे।
अतरलाल ने दिया समर्थन--
बसपा नेता अतरलाल ने कनीना में उपमंडल स्तरीय न्यायिक भवन बनाने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं द्वारा दिए जा रहे धरने का समर्थन करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से कनीना में उपमंडल स्तरीय न्यायिक भवन का निर्माण कार्य शीघ्र त्वरित गति से पूरा करने की मांग की है।
अतरलाल ने कहा है कि मार्च 2022 में हाईकोर्ट के न्यायाधीश हरिपाल वर्मा तथा अन्य भाजपा नेताओं ने उपमंडल स्तरीय न्यायालय भवन तथा लघु सचिवालय का शिलान्यास कर इसको शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया था परन्तु उपमंडल स्तरीय न्यायिक परिसर का निर्माण कार्य अभी तक लंबित है। जिसके कारण अधिवक्ताओं को सर्दी, गर्मी, आंधी, बारिश में भारी परेशानी उठानी पड़ती है और संचालित कोर्टों का काम बड़ी मुश्किल से चल रहा है। अतरलाल ने धरनारत अधिवक्ताओं की मांग को वाजिब ठहराते हुए कहा कि लंबे समय से न्यायालय भवन का निर्माण कार्य स्थगित रहने के कारण अधिवक्ताओं में तथा इलाके की जनता में भारी रोष व्याप्त है। आखिर में तंग आकर अधिवक्ताओं को धरना देना पड़ रहा है। उन्होंने राज्य सरकार से तत्काल मामले का संज्ञान लेकर न्यायालय भवन का निर्माण कार्य तत्काल युद्ध स्तर पर शुरू करने तथा इसका निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करने की मांग की है। उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी दी कि शीघ्र न्यायालय भवन का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू नहीं किया गया तो इलाके की जनता भी अधिवक्ताओं के समर्थन में आकर धरने पर बैठ जाएगी।
फोटो कैप्शन 07: अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे अधिवक्ता।
राजकीय विद्यालय अगिहार में मनाया गया विश्व दिव्यांग दिवस
--मदनमोहन कौशिक ने रखे विचार
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कनीना की आवाज। दाता ने जो दिया सही है, कम क्यों समझे अपने को,हम भी पूरे कर सकते हैं विकसित भारत के सपने को। इस उदघोष के साथ राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अगिहार के प्रांगण में विश्व दिव्यांग दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्या पूनम यादव ने की।
विद्यालय में अंग्रेजी के प्रवक्ता मदन मोहन कौशिक ने विद्यार्थियों दिव्यांग दिवस के महत्व के बारे में बताया तथा समाज में उनके सामंजस्य पर बल दिया। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे दिव्यांग जनों के प्रति सहजता का भाव रखें तथा उनके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण पैदा करें। इस अवसर पर उन्होंने विश्व के प्रसिद्ध दिव्यांग जनों अरुणिमा सिन्हा, ,हेलेन केलर, स्टीफन हाकिंस, फें्रकलिन रूजवेल्ट, लुईस कैरोल, लुई ब्रेल, निक वुईचिच तथा करौली ट्रैक्टर्स जैसे महान व्यक्तियों के उदाहरण प्रस्तुत किए,जिन्होंने दिव्यांग होने के बावजूद पूरे विश्व में अपना नाम रोशन किया। इस अवसर पर गणित के प्रवक्ता अजय बंसल ने भी अपने विचार रखें। इस अवसर पर विद्यालय के स्टाफ सदस्य राजेंद्र कटारिया, निशा, पूनम कुमारी,धर्मेंद्र डीपी,राकेश कुमार,शशि कुमारी, वंदना, रतनलाल,चंद्रशेखर, प्रमोद कुमार तथा सुरेंद्र सिंह सहित विद्यालय के समस्त स्टाफ एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 05: अगिहार में दिव्यांग दिवस मनाते हुए।
एसडी की छात्रा ने राष्ट्रीय स्तर पर जीता मैडल
--मिली बधाइयां
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कनीना की आवाज। शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित 68वीं नेशनल स्कूल गेम्स एथलेटिक्स अंडर-17 चैम्पियनशिप-2024 में अदिति आर्या ने रिले रेस में सिलवर पदक जीतकर क्षेत्र का नाम रोशन किया। चेयरमैन जगदेव यादव ने बेटी अदिति आर्या के स्वास्थ्य व लंबी आयु की कामना की व आगे भी बेटी इसी तरह क्षेत्र का नाम रोशन करती रहे। पढ़ाई एवं खेल में विशेष सामंजस्य बनाने के लिए उनके माता-पिता का विशेष सहयोग रहता है। इससे पहले फेडरेशन आफ इंडिया द्वारा 60 मी. दौड़ में गोल्ड व 100 मीटर दौड़ में कास्य पदक राज्य स्तर पर जीतकर क्षेत्र का नाम रोशन किया।
इस अवसर पर प्राचार्य ओमप्रकाश, सीईओ आर एस यादव, सुनील कुमार, रत्न सिंह, सोनू कोच, दीपक कोच, सतीश कोच व समस्त स्टाफ सदस्य उपस्थित रहा।
फोटो कैप्शन 06: अदिति मेडल के साथ।
राजकीय माडल स्कूल में मनाया दिव्यांग दिवस
-आयोजित हुई कई प्रतियोगिताएं
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कनीना की आवाज। विश्व दिव्यांगता दिवस के अवसर पर राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें पोस्टर मेकिंग, एकल गायन, समूह गायन , एकल नृत्य, समूह नृत्य, आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसका निरीक्षण प्राचार्य सुनील खुडानिया , रवि कुमार प्रवक्ता अंग्रेजी, सुरेंद्र प्रवक्ता फाइन आर्ट ,सोमनाथ कला अध्यापक, नरेश कुमार प्रवक्ता हिंदी ने किया। इस प्रतियोगिता में विद्यालय के दिव्यांग छात्र रिया, सचिन, आदि के साथ-साथ अन्य छात्राओं ने भी हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय ,स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्राचार्य सुनील खुडानिया ने सम्मानित किया।
प्राचार्य सुनील खुडानियां ने बताया कि दिव्यांग बच्चों के लिए संसाधन कक्ष समावेशित शिक्षा के अंतर्गत संचालित है। जिसमें दो विशेष शिक्षक अमृत सिंह व सरिता यादव कार्यरत हैं। समय समय पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित होती रहती हैं। कनीना खंड के करीब एक सौ विद्यार्थी दिव्यांग के दर्जे में शामिल हैं तथा उनके नाम दर्ज हैं। इस अवसर पर अमृत सिंह विशेष शिक्षक ,रवि कुमार, नरेश कुमार, आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 04: कनीना के राजकीय माडल स्कूल में दिव्यांग दिवस मनाते हुए।
नौसेना दिवस-04 दिसंबर
1971 के युद्ध को याद करके आज भी सैनिक आ जाते जाते हैं जोश में
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कनीना की आवाज। 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है। 1971 भारत-पाक युद्ध के दौरान आपरेशन ट्राइडेंट के शुरू होने की याद में यह दिवस मनाया जाता है। भारतीय नौसेना वालों को सम्मानित करने, योगदान को याद करने एवं मारे गये सैनिकों को श्रद्धांजलि के विशेष दिन के रूप में मनाया जाता है। भारतीय नौसेना ने इस युद्ध में एक महान भूमिका निभाई थी। अपने प्राणों की आहुति देकर देश की आन बान एवं शान बचाई थी। कुछ नौसेना के जवानों से इस संबंध में बात हुई जिनके विचार इस प्रकार हैं-
भारतीय नौसेना की स्थापना 1612 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा की गई थी। 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध हुआ था। पाकिस्तान ने 3 दिसंबर को भारतीय हवाई अड्डा पर हमला किया। हमले के जवाब में भारतीय नौसेना ने चार- पांच दिसंबर की रात को हमले की योजना बनाई थी। भारतीय नौसेना के पूरे अभियान का नेतृत्व किया था। भारतीय नौसेना की सफलता का जश्न मनाने के लिए हर साल इंडियन नेवी डे 4 दिसंबर को मनाया जाता है। 1972 में वरिष्ठ नौसेना अधिकारी सम्मेलनों में, 1971 भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना के प्रयासों और उपलब्धियां को स्वीकार करते हुए 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने का निर्णय लिया। तभी से यह दिवस मनाया जाता है। इस युद्ध में भारी संख्या में सैनिक काम आए थे। युद्ध को यादकर आज भी सैनिक जोश में आ जाते हैं। वे जनवरी 1982 में कनिष्ट अधिकारी भर्ती हुए थे। वर्तमान में 63 वर्ष के हो चुके हैं। जब 1997 में सेवानिवृत्त हुए तब कनिष्ठ अधिकारी के रूप में जाने जाते थे।
--राजकुमार यादव झूक, पूर्व कनिष्ठ अधिकारी नौसेना
1971 के जमीन पाकिस्तान पर शानदार जीत भारतीय नौसेना ने हासिल की थी। इसके कारण से इतिहास में भारतीय सेवा ने अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज करवाया। इस युद्ध में 93000 पाकिस्तान सेना के जवानों ने भारतीय सेना के सामने हथियार डाल दिये थे। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा आत्म समर्पण का युद्ध था। वो बताते हैं कि उन्होंने मुक्तिवाहिनी के रूप में सिविल ड्रेस में बंगला देश में जाना पड़ा था। वे सर्जिकल स्ट्राइक करने के लिए पूर्व पाकिस्तान के भाग बंगला देश में जाते थे। युद्ध महज आठ दिन चला था किंतु बगला देश को आजाद करा दिया गया। वे एक जुलाई 1965 में भर्ती तथा 31 जुलाई 2000 को सेवानिवृत्त हुए हैं। बाद में उन्होंने आपरेशन पवन में भी भाग लिया जो श्रीलंका में एलटीटीई के विरुद्ध चला था। करीब दो माह उन्होंने सेवा दी थी।
--हरिश्चंद्र यादव कनीना, पूर्व चीफ पेटी आफिसर
1971 का युद्ध सदा याद रहेगा जब पाकिस्तान के सैनिकों को उनकी ही जमीन पर हराया था। उन्हें बंदी बनाया था। चाहे यह युद्ध महज 8 दिन ही चला हो किंतु इस युद्ध के परिणाम सार्थक एवं भारत के पक्ष में आये थे। पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा था। उस युद्ध को आज भी याद कर मन जोश से भर जाता है।
--राजकुमार कनीना, पूर्व पेटी आफिसर
फोटो कैप्शन: हरिश्चंद्र यादव कनीना, पूर्व चीफ पेटी आफिसर, राजकुमार झूक, पूर्व कनिष्ठ अधिकारी नौसेना, राजकुमार कनीना, पूर्व पेटी आफिसर
डीएससी समाज ने बैठक आयोजित कर मिले आरक्षण का जताया आभार
-जल्द ही होगा एक सम्मेलन
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कनीना की आवाज।वंचित अंनुसूचित जाति/डीएससी समाज की बैठक दोंगडा जाट चौक स्थित कियांश होटल में की गई। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सुनीता चौहान बावरिया झज्जर रही जबकि बैठक की अध्यक्षता महेंद्र सिंह खन्ना ने की। बैठक के संयोजक राजाराम बावरिया डेरोली रहे।
बैठक में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनको दिये गये आरक्षण का आभार जताते हुए सभी ने हरियाणा सरकार का आभार जताया। बैठक में आए हुए बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए जो समाज के हितार्थ के संदर्भ में थे। महेंद्र सिंह खन्ना ने आरक्षण के संबंध में गहनता से बताते हुए कहा कि अभी सरकार इसमें कुछ त्रुटियां है उनको ठीक ओर करें एवं आगामी नौकरियों में जल्द से जल्द इसको लागू करें। सुनीता चौहान बावरिया (पूर्व चेयरमैन महिला एवं बाल विकास हरियाणा सरकार) ने कहा कि हमने समाज के लिए काफी सालों से संघर्ष कर रहे है, जिसका फल अब समाज को मिलना शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि अब डीएससी समाज को भी जागरूक होना पड़ेगा और अपने बच्चों को संस्कार और शिक्षा दिलवाना ही होगा ताकि बच्चों का भविष्य सुनहरा हो और सरकार द्वारा दिया जाने वाला लाभ को प्राप्त कर सके। सुनीता ने कहा कि समाज को आगे बढ़ाने में माता बहनों की अग्रिणी भूमिका होती है इसलिए सभी माता बहन अपने बच्चों को संस्कार के साथ में शिक्षा के बल पर बच्चों के आगे बढ़ाए।
मास्टर ओमप्रकाश छापड़ा ने बताया कि हम सभी को अपने बच्चों को और समाज को जागरूक करे। डीएससी समाज के कार्यकर्ता पवन कुमार मोड़ी ने बताया हरियाणा सरकार ने डी एस सी के लिए आरक्षण लागू करने की घोषणा की है उसके लिए जल्द ही सर्व डीएससी समाज की बैठक ओर होनी है जिसमें एक संगठन/ कार्यकारिणी संस्था गठित की जाएगी। डीएससी संघ का उद्देश्य समाज के वंचित लोगों को जागरूक करके सरकार की लाभदायक नीतियां पहुंचाएंगे एवं डीएससी आरक्षण पर डीएससी समाज विशाल सम्मेलन पर रूपरेखा तैयार की जाएगी। उन्होंने बताया कि आगामी बैठक पत्राचार के माध्यम से सबको बता किया जाएगा। डीएससी समाज से निवेदन है कि आगामी बैठक में आप ज्यादा से ज्यादा संख्या में आए। इस बैठक में राजाराम बावरिया, मास्टर ओमप्रकाश छापड़ा, पवन कुमार, मोहन लाल धानक, राजेंद्र बावरिया, संतोष कुमार बावरिया, सूबेदार अमर सिंह, धर्मवीर सिंह, भागीरथ सिंह, राजेश धानोदा, गजानंद बावरिया, राजेश कुमार, विजय कुमार धानक, प्रथम बड़कोदा, देशराम बड़कोदा, राकेश इंदौरा, धर्मवीर बचनी, अतर सिंग, सुमेर बवाना, रामस्वरूप सज्जन सिंह, अभिमन्यु सरपंच छुछकवास, धर्मवीर चौकीदार, नवीन कुमार डेरोली, रवि प्रकाश इंदौरा, सुनील नारनौल, छत्रपाल निमभेड़ इत्यादि एवं अन्य गणमान्य नागरिक समाज मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 03: डीएससी समाज की बैठक का नजारा
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