छिडऩे लगा है पोस्टर और बैनर युद्ध
-कनीना पालिका चुनावों की जमकर हो रही है तैयारी
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कनीना की आवाज। कनीना नगर पालिका के करीब 7 वर्षों के बाद होने वाले चुनावों के दृष्टिगत युवा पीढ़ी लंगर लंगोट कसने लगी है। बैनर, पोस्टर युद्ध छेड़ दिया है वही सोशल मीडिया पर भी अपना चेहरा दिखाने लग गए हैं।
नगरपालिका के 14 वार्डों में 14 पार्षदों का चुनाव होना है जबकि प्रधान पद का सीधा चुनाव होगा क्योंकि प्रधान पद का सीधा चुनाव होगा। इसलिए लोग प्रधान पद की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं। वैसे भी पार्षदों की अहमियत कम कर दी है जिसके चलते भी लोग प्रधान पद के अधिक दावेदार नजर आ रहे हैं। पत्रकार, वकील, समाजसेवी तथा किसी पार्टी के पदाधिकारियों पर भी चुनावी रंग चढऩे लगा है। रात को भी बैठक की जा रही है, तैयारी की जा रही है, नई व्यूह रचना रची जा रही है। अब तो जहां कोई चुनाव लड़ता नजर आता है उसके इर्द-गिर्द भीड़ लगने लगी है। वैसे भी बहुत अधिक लोग तो ऐसे हैं जो इन चुनावों में दर्शक बनकर कार्य करेंगे। चुनाव लडऩे वाले और चुनाव लड़वाने के लिए लालायित लोग भी कम नहीं हैं। भावी पार्षदों की संख्या भी बढ़ती ही जा रही है क्योंकि विगत कनीना पालिका के इतिहास में कोई सशक्त प्रधान नहीं रहा है। तीन योजनाओं में सतीश जेलदार एक मात्र ऐसे प्रधान रहे हैं जो शराफत से कार्य कर चुके हैं वहीं से पूर्व में भी दो महिला प्रधान भी शांतभाव से अपना कार्यकाल पूरा कर चुकी है। अब युवा पीढ़ी में क्रांति ही आ गई है कि कनीना के विकास में एक नया आयाम कायम करने के लिए प्रधान पद के दावेदार बनते ही जा रहे हैं। पहले तो सभी की नजरें पार्षदों के आरक्षण और प्रधान पद के आरक्षण पर टिकी है, उसके बाद ही बहुत से चुनाव लडऩे की इच्छुक लोग आगे आएंगे। तब तक लोग मौन हैं। आने वाले समय में बहुत अधिक दावेदार अपने-अपने पत्ते खोलेंगे, विशेषकर नए वर्ष के आगमन पर अनेकों नये चेहरे अपने पोस्टरों एवं बैनरों के साथ दिखाई देंगे।
कड़ी सच्चाई, चुनाव की
- शायद मेरे परिवार ने ही नहीं दिए वोट
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कनीना की आवाज। कनीना नगर पालिका के चुनाव में एक व्यक्ति कनीना चुनाव लड़ रहा था और उसके कुल 7 वोट आए। चुनाव से पहले लोग उनसे वादा करके गए थे कि मैं 10 वोट दिलवाऊंगा तो मैं 5 वोट दिलवाऊंगा। परिणाम यह निकला कि उसे कुल ही सात वोट प्राप्त हुये। तभी एक फोन उनके पास आया और पूछा कि आपका क्या रहा?
चुनाव लडऩे वाले का उत्तर था मैं हार गया। फोन करने वाले ने कहा कि हार जीत तो हमारे हाथ में नहीं किंतु हमारे आठ वोट थे सारे आपके पक्ष में दिलवा दिए हैं।
हंसते हुए चुनाव लडऩे वाले ने कहा- ठीक कह रहे हो मुझे मिले 7 वोट और आपने आठ मेरे को दिलवा दिए और मेरे परिवार वाले भी शायद मेरे पक्ष में वोट नहीं देकर गए। इस पर फोन करने वाला शांत हो गया और अपना सा मुंह लेकर बैठ गया।
यह हकीकत है। अभी से मेरे पास भी फोन पर फोन आते हैं कि मैं आप चुनाव लड़े तो 10 वोट दिलवाऊंगा 5 वोट दिलवाऊंगा या 25 वोट दिलवाऊंगा। मैं सभी के नोट कर रहा हूं और चुनाव परिणाम आने पर पता किया जाएगा कि मेरे परिवार के अतिरिक्त किसने कितने वोट दिए। मेरे एक साथी बताते हैं कि लोग खून आसानी से दे सकते हैं परंतु वोट आसानी से नहीं देते। इसका मतलब यह नहीं हम चुनाव ही न लड़े। हम पूर्ण जोश के साथ चुनाव लड़ेंगे, रिजल्ट कुछ भी आए पर शानदार जीत होगी। अगर हर भी हुई तो शानदार हार होगी।
मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार-73 अपना कालेजी जीवन शराफत से बिताया
-शिक्षक सदा मुझसे रहे प्रभावित
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कनीना की आवाज। कनीना निवासी होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक बतौर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्होंने स्कूली एवं काजेली पढ़ाई सब बड़ी ही शराफत से पूर्ण की है। गरीब और परिवार की परिस्थितियों को देखते हुए जीवन जिया है परंतु सभी शिक्षकों प्राध्यापकों और प्रोफेसर आदि की नजरों में सज्जन रहा हूं। होशियार सिंह की जुबानी उनकी कहानी सुनिये-
जब स्कूल में जाना शुरू किया तो तन ढकने के लिए पर्याप्त वस्त्र भी नहीं थे परंतु पढऩे के लिए बहुत खुशी होती थी और यही कारण है कि मेरे परिवार की हालात बहुत बेहतर न होने के कारण स्कूल ड्रेस भी नहीं होती थी। उस समय के गणित प्राध्यापक एवं पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी बीके सचदेवा, पूर्व अंग्रेजी शिक्षक केएल गेरा ने मदद की, प्रोत्साहित किया, पढऩे के लिए उत्साहित किया, परिणाम यह निकला की स्कूली शिक्षा बहुत बेहतर ढंग से पूर्ण की। जब कक्षा सातवीं में पूरी कक्षा में प्रथम रहा तो प्राचार्य होशियार सिंह मलिक के सामने मुझे अंग्रेजी शिक्षक केएल गेरा ने खड़ा किया और बताया कि यह विद्यार्थी पढऩे में बहुत अग्रणी है परंतु गरीब है। प्राचार्य होशियार सिंह मलिक ने पूरा सहयोग करने की बात कही। यह सत्य है कि बाद में प्राचार्य होशियार सिंह मलिक यहां से बदली हो गई और मैंने दसवीं तक पास करने के बाद कालेज शिक्षा महेंद्रगढ़ में प्रवेश लिया। यद्यपि उस वक्त राजकीय हायर सेकेंडरी कूल होता था जो वर्तमान में राजकीय कन्या उच्च विद्यालय है। यहां विज्ञान शिक्षा नहीं होने से कालेज जाना पड़ा। विशेषकर हमारे परिवार के सज्जन सिंह बोहरा के कहने से भी कालेज जाना पड़ा। कालेज में गणित शिक्षा पाने की चाहत थी किंतु मेरा बड़ा भाई भरपूर सिंह ने गणित विषय ले लिया तो मैने जीव विज्ञान पर विचार किया। स्कूली शिक्षा दौरान सभी अध्यापकों की नजर में मैं सबसे शराफत विद्यार्थियों की श्रेणी में शामिल रहा। जब कालेज में शिक्षा शुरू की तो प्राध्यापकों/ प्रोफेसर की नजरों में भी शराफत कायम की। विशेषकर डहीना के ओमप्रकाश डहीनवाल प्रोफेसर भौतिक शास्त्र पढ़ाते थे और मुझे बहुत अधिक चाहते थे। वो पूरी कक्षा में मुझे टू जीरो सेवन नाम से पुकारते थे क्योंकि मेरे रोल नंबर 207 थे। जब कक्षा में आते तो टू जीरो सेवन कहां है पहले पुकारते थे? वह कई बार मुझे विज्ञान कक्षा में बुलाकर एक ही बात कहते कि तुम इतने शरीफ क्यों हो, तुम तो लड़कियों की भांति शांत रहते हो, कुछ एक्टिव रहना सीखो क्योंकि मैं चाहता हूं तुम पढ़ लिखकर महान बनो। जब तक मैं महेंद्रगढ़ कालेज में पढ़ा ओम प्रकाश डहिनवाल मुझे बहुत चाहते थे, तत्पश्चात उनके परिवार से हरीश कुमार विद्यार्थी मेरे पास नवोदय विद्यालय करीरा में पढा। उसे समय हिंदी के प्रसिद्ध प्रोफेसर एचएस यादव से मैं बहुत अधिक प्रभावित रहा, वह भी मुझे बहुत चाहते थे। यह सत्य है कि उनके उनका एक पुत्र मनहर यादव मेरे पास नवोदय विद्यालय में पढ़ा है। नवोदय में भी उनसे बहुत अच्छा संपर्क रहा। ऐसी महान हस्ती मुझे बहुत अधिक प्रभावित करती रही और भी प्राध्यापक मुझे चाहते थे। हर बार कालेज के वार्षिक उत्सव में मुझे किसी न किसी विषय में सम्मान मिलता था। मेरा प्रमुख विषय जीव विज्ञान था, विशेषकर पौधों से सदा ही प्रभावित रहा। यही कारण है कि वर्तमान समय भी पौधों से विशेष लगाव है। मेरे तीन-चार छोटे-छोटे प्लाट हैं जिनम पेड़ पौधों की भरमार है। यह सभी जानते हैं। तत्पश्चात बीएससी नारनौल कालेज से की और नारनौल कालेज तो मेरे लिए सदा याद रहेगा क्योंकि उस समय मेरे पास भूगर्भ शास्त्र विषय नहीं था परंतु भूगर्भ शास्त्र के प्रोफेसर एनके गोयला जो विदेशों तक जाते रहे थे, वो मुझे बहुत चाहते थे और उनका कहना था क्या अच्छा होता कि तुम भूगर्भ शास्त्र विषय में पढ़ते। खैर कोई बात नहीं रसायन शास्त्र के प्रोफेसर तो मुझसे एक बार इतने अधिक प्रभावित हुए की भरी कक्षा में उन्होंने कहा कि इस विद्यार्थी ने प्रकाश संश्लेषण की समुचित समीकरण जो मुझे भी याद नहीं है वह लिख डाली है। क्या यह फिर से लिखकर दिखा सकता है, वरना मैं यह समझूंगा इन्होंने नकल की है। बस फिर क्या था चंद मिनट में दोबारा से लिखकर दिखा दी। वो बहुत अधिक प्रभावित हुए और उस साल रसायन शास्त्र में मुझे वार्षिक उत्सव में पुरस्कार मिला। यह भी सत्य है महेंद्रगढ़ से 12वीं कक्षा पास करते समय केवल दो विद्यार्थी ही पास हुए थे जिनमें एक छात्रा मोनिका और दूसरा मैं था। दोनों फिर नारनौल कालेज पढ़े बाद में पता नहीं वह मोनिका कहां और किस पद तक पहुंची है, आज तक मुझे नहीं मालूम नहीं है। अंतिम मुलाकात वार्षिक उत्सव में हुई थी जब मेरी इनाम उनको गलती से चली गई और उनकी इनाम मेरे पास चली गई थी। यहां पर अनेक विद्यार्थी मिले जो आज तक बहुत से मिलते रहते हैं और प्रभावित करते रहते हैं। नारनौल कालेज से 1985-86 में शिक्षा पूरी कर ली थी, बात की उच्च शिक्षा प्राप्त की किंतु यहां तक का मेरा सफर बहुत अच्छा बीता था। यह भी सत्य है कि मैं अपनी ईनाम लाने से भी कतराता था, मंच पर जाने से भी हिचकिचाता था। इसलिए मैं अपने बड़े भाई भरपूर को कहता कि इस बार इनाम तुम लेकर आओगे। भरपूर मेरी जगह इनाम लेकर आते थे, यह भाइयों में प्रेम का बहुत ही रोचक विषय है।
चाहे कुछ भी हो जीव विज्ञान मेरा प्रमुख विषय रहा है और सदा लगाव रहा है। यही कारण है कि बाद में पुस्तकों की भी रचना की गई उसमें पेड़ पौधों की पुस्तक भी हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत हो चुकी है।
कालेज में जब तक पढ़े तंब तक महज एक पोषाक एवं शादी चप्पल होती थी। आज की युवा पीढ़ी सोच भी नहीं पाएगी कि महज एक ड्रेस में ही पूरी कलेजी शिक्षा पाई। आधुनिक पीढि़ विश्वास नहीं करेगी कि जब कक्षा 6 में पढऩे के लिए गया तो एक कच्छा और फटी पुरानी शर्ट तन पर थी। किंतु केएल गेरा शिक्षक बहुत अधिक प्रभावित हुए और उन्होंने कहा कि पढऩे में बहुत अच्छा है इसलिए इसकी हर प्रकार से मदद की जाएगी। जीवन का संघर्ष यहां से झेलना शुरू किया। जब बीएससी अंतिम वर्ष चल रहा था तो एक छात्रा कालेज छोड़कर जा रही थी, वह मेरे पास आई और उसने पूछा तुम बहुत शांतभाव से रहते हो बताओ कालेज छोडऩे से पहले तुम मेरे से क्या चाहते हो, मैं जरूर तुम्हें देकर जाऊंगी। मैं बहुत मुस्कुराहट से कहा- कुछ नहीं। आज तक वह चेहरा मेरे सामने आता है, यह भी मुझे नहीं मालूम वह कहां से और क्या नाम था? परंतु जिस ढंग से वह कपड़े पहनती थी उससे लगता था कि किसी अमीर परिवार से संबंध था।
नहीं हुई कोई गिरफ्तारी, अविलंब गिरफ्तारी की मांग
-बिजली निगम कर्मियों एवं अधिकारियों के साथ मारपीट का मामला
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कनीना की आवाज। 16 दिसंबर को बिजली चोरी चेकिंग करते वक्त बिजली निगम के कर्मियों एवं अधिकारियों पर मोड़ी गांव में ताबड़तोड़ हमले में 7 लोग घायल हो गये थे। हमला करने वालों की गिरफ्तारी की मांग लगातार चल रही है।
गिरफ्तारी की मांग को लेकर कनीना उप मंडल कार्यालय के सामने एचएसइबी वर्कर्स यूनियन की बुधवार एक गेट मीटिंग का आयोजन हवा सिंह सब यूनिट प्रदान किया अध्यक्षता में किया गया। जिसमें मुख्य रूप से महावीर सिंह पहलवान केंद्रीय नेता एवं मनोज कुमार यूनिट सचिव महेंद्रगढ़ आदि उपस्थित रहे। गेट मीटिंग में 16 दिसंबर को बिजली चोरी की चेकिंग के दौरान निगम के अधिकारियों और कर्मियों के साथ मारपीट के संदर्भ विस्तार से चर्चा की गई कि एफआईआर दर्ज होने के बावजूद भी आज तक किसी भी दोषी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि अगर दो दिनों के अंदर सभी दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो सभी कर्मचारी काम छोड़कर धरने पर बैठ जाएंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। अगर कोई शांति भंग होती है तो उसकी सारी जिम्मेदार निगम मैनेजमेंट एवं पुलिस प्रशासन की होगी।
बस में बैग से पर्स चोरी करने का आरोपित गिरफ्तार, सामान बरामद
--न्यायिक हिरासत में भेजा
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कनीना की आवाज। बस में रखे बैग से पर्स चोरी करने के मामले में कार्रवाई करते हुए थाना सदर कनीना की पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। जिसकी पहचान सोनू वासी सिसई, हांसी के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपित को कनीना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। आरोपित ने कनीना क्षेत्र में बस में बैग से पर्स चोरी करने की वारदात को अंजाम दिया था। पूछताछ में पुलिस ने आरोपित से सामान बरामद कर लिया है। आरोपित को न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
शिकायतकर्ता ज्योति वासी दौंगङा जाट ने थाना सदर कनीना में चोरी की शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि वह दिनांक 12 दिसंबर को शादी में जा रही थी। जब वह कनीना बस स्टैंड पहुंची तो बस में एक युवक बैठा था, जिसने बैग बस में रखने में मदद की। जब वह बैग के पास सीट पर बैठ रही थी तो वह युवक बोला इस सीट पर मेरा साथी आएगा। शिकायतकर्ता अपना बैग उठा कर दूसरी सीट पर बैठ गई। इसके बाद एक ओर युवक आया और उसका बैग उठा कर साइड वाली सीट के पास रख दिया व बोला जगह कम है, बैग नहीं आएगा। बस कनीना से चलकर मोहनपुर बस स्टैंड पहुंची तो 3 युवक वहां उतर गए। इसके बाद शिकायतकर्ता अपने बैग के पास जाकर बैठ गई। जब वह दौंगड़ा जाट उसके घर पहुंची वहां जाकर अपना बैग देखा तो उसमें से मेरा पर्स गायब था, जिसमें चैन, पायल, हार, झुमकी, अंगुठी आदि थे और 2 हजार नगद रुपये थे। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।
तीन दिनों से पेयजल की सप्लाई प्रभावित, शुक्रवार को 12 बजे बाद सप्लाई होगा जल
-गंदे पानी की सप्लाई होने के कारण चल रहा है काम
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कनीना की आवाज। संपूर्ण कनीना कस्बा में जहां तीन दिनों से पेयजल सप्लाई का काम प्रभावित हो रहा है। जहां गुरुवार को कुछ जगह पर जल सप्लाई हो पाई वहीं बुधवार को कोई पानी की सप्लाई नहीं हो पाई है। शुक्रवार को 12 बजे बाद पेयजल सप्लाई सुचारु होने की संभावना जताई जा रही है।
इस संबंध में कनिष्ठ अभियंता हरीश कुमार से बात तो की गई। उन्होंने बताया कि गंदे पानी की सप्लाई के चलते कनीना कस्बे में पेयजल की सप्लाई बाधित रही है। क्योंकि लोगों की शिकायत थी कि गंदा पानी सप्लाई हो रहा है ,इसलिए वह समस्या दूर करने के लिए लगे हुए थे। शुक्रवार 12 बजे बाद सभी पेयजल सप्लाई सुचारू रूप से चल पाएंगी।
बाघोत में युवक आत्महत्या का मामला
-छठे दिन परिजनों से कोई नहीं पहुंचा अस्पताल
-प्रशासन पहुंचा परिजनों के पास
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव बाघोत के 26 वर्षीय युवक मोहित द्वारा आत्महत्या का बहु चर्चित मामला अब सुलझाने का नाम नहीं ले रहा है। जहां आत्महत्या के बाद शव का कनीना उप-नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम करवा दिया था। इसके बाद मृतक के परिजन और ग्रामीण अस्पताल जाकर धरने पर बैठे। तत्पश्चात परिजनों में से दो-तीन लोग अस्पताल आते रहे किंतु आज छठे दिन परिजनों में कोई भी अस्पताल नहीं पहुंचा। पुलिस के कर्मी शवगृह के सामने बैठे रहते हैं।
गुरुवार को कनीना प्रशासन की ओर से एसडीम अमित कुमार, नायब तहसीलदार दलबीर दुग्गल, डीएसपी दिनेश कुमार, सदर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मुकेश कुमार मृतक के पिता कैलाश पुजारी के पास पहुंचे। उन्हें समझाने बूझाने का प्रयास किया किंतु कैलाश पुजारी ने उनको दो टूक कह दिया कि पहले मामला दर्ज करो बाद में शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। कैलाश पुजारी ने बताया कि प्रशासन से दो टूक बात कही है कि पहले 8 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया जाए तत्पश्चात शव को लेंगे। कैलाश पुजारी ने बताया कि प्रशासन से कहा कि मेरे लड़के ने पूर्व शिक्षा मंत्री, उसके बेटे और छह अन्य लोगों के अत्याचार के कारण आत्महत्या कर ली है। मैं प्रशासन की देहली पर पहुंचा किंतु कोई मदद नहीं की। उन्होंने प्रशासन के समक्ष भी पूर्व शिक्षा मंत्री पर और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने चार लाख बच्चों की स्कालरशिप का 1300 करोड़ रुपये का घोटाला कर रखा है। हाई कोर्ट ने आदेश कर रखे हैं और चंडीगढ़ थाने में मामला पहुंचा हुआ है। यही नहीं उन्होंने कहा कि शाहबाद मारकंडा में मुख्यमंत्री के नाम पर एक करोड़ 80 लाख रुपये ले रखे हैं जिसकी एफआईआर दर्ज हो चुकी है। फिर भी इसके अतिरिक्त हम पर अत्याचार किए जा रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से स्पष्ट कहा कि हिंदू रीति रिवाज के अनुसार वह 12 दिनों तक प्रशासन का इंतजार करेंगे ताकि इन लोगों पर मामला दर्ज कर लिया जाए वरना सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। प्रशासन एफआईआर दर्ज कर लेता है तो सहर्ष अपने बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा।
इस संबंध में डीएसपी दिनेश कुमार कनीना से बात हुई। उन्होंने कहा बताया कि प्रशासन की ओर से मृतक के परिजनों को समझने के लिए गए थे किंतु कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिला। जो आरोप लगा रहे उनके सबूत नहीं दिए जा रहे हैं। यह सत्य है कि अंतिम संस्कार सामाजिक पहलू है, हम कुछ नहीं कर सकते, परिजनों के इस बाबत सोचनी चाहिए। पुलिस ने जो कार्रवाई की जानी थी वह की हुई है। हम भी यही चाहते हिंदू धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाए किंतु परिजन नहीं मान रहे हैं।
काकोरी के शहीदों को किया नमन
-अगिहार में चला कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अगिहार में काकोरी के शहीदों के सम्मान में उनका बलिदान दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय की प्राचार्या पूनम यादव ने की विद्यालय में अंग्रेजी के प्रवक्ता मदन मोहन कौशिक सहित विद्यालय के सभी स्टाफ सदस्यों ने पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खान, ठाकुर रोशन सिंह तथा राजेंद्र लाहिड़ी सहित काकोरी के सभी शहीदों को नमन किया तथा उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए उन्होंने इन अमर क्रांतिकारियों के जीवन तथा कार्यों का वर्णन करते हुए बताया की काकोरी कांड आजादी के संघर्ष की एक महत्वपूर्ण घटना थी जिससे अंग्रेज सरकार की जड़े हिल गई थी। उन्होंने पंडित राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाकउल्ला की गजलें तथा देश भक्ति के अनेक प्रसंग विद्यार्थियों को बताएं इस अवसर पर विद्यालय के प्रवक्ता राजेंद्र कटारिया, अजय बंसल,धर्मेंद्र डीपी, मुख्य शिक्षक रतनलाल, चंद्रशेखर,प्रमोद कुमार,शशि कुमारी तथा पूनम कुमारी सहित विद्यालय के समस्त स्टाफ एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 03: अगिहार में काकोरी कांड को याद करते हुए।
मत्स्य पालन कर सकता है किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत -वेदपाल
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कनीना की आवाज। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में वरदान सिद्ध होगी। सरकार इस योजना के तहत 40 से 60 प्रतिशत अनुदान दे रही है। ये विचार जिला मत्स्य अधिकारी वेदपाल के हैं।
उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत अपनी निजी जमीन में तालाब बनाने पर या पंचायती बंजर भूमि, उबड़ खाबड़ भूमि को पट्टे पर लेकर मछली पालन व्यवसाय से जुड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि पंचायती तालाबों को पट्टे पर लेकर भी मछली पालन किया जा सकता है। इससे पंचायत की आय में वृद्धि होगी, साथ ही एक व्यक्ति/ परिवार को रोजगार मिलेगा। मछलियां पानी में छोटे-छोटे कीड़े एवं जलीय जीवों को खाकर पानी को साफ कर देती है। मच्छरों के अंडे एवं लार्वा को मछलियां खा जाती है जिससे डेंगू एवं मलेरिया जैसी बीमारियों से निजात मिल जाता है। पट्टेदार तालाबों को साफ भी रखेगा जिससे पशुओं को साफ पानी पीने को मिलेगा।
उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग तालाब खुदाई, पंचायत तालाब को छटवाने, खाद खुराक, कोल्ड स्टोरेज लगाने, मोटरसाइकिल पर मछली बेचने के लिए, थ्री-व्हीलर या फोर व्हीलर खरीदने, रेहड़ी लगाकर मछली बेचने, मछली पकडऩे के लिए जाल खरीदने, फीड मिल लगाने, पंचायती एवं निजी तालाबों पर सोलर सिस्टम लगाने पर भी अनुदान देती है। सामान्य वर्ग के पुरुषों के लिए 40 प्रतिशत,महिला या अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के लिए 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। जिला मत्स्य अधिकारी वेदपाल ने बताया कि मछली पालन से जुडऩे वाले युवकों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है। पांच दिवसीय प्रशिक्षण पर 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से स्टाइपेंड तथा 200 रुपये आने-जाने का किराया भी दिया जाता है।
फोटो कैप्शन: वेदपाल जिला मत्स्य अधिकारी
विश्व मानव एकजुटता दिवस- 20 दिसंबर
कनीना क्षेत्र में धर्म को भुलाकर एक दूसरे के धार्मिक स्थानों पर जाते हैं सभी धर्मों के लोग
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में करीब एक दर्जन भर विभिन्न हिंदू एवं मुस्लिम धार्मिक संस्थान है जहां एकजुटता के साथ एकता परिचय देते हुए सभी धर्म के लोग एक दूसरे के धार्मिक स्थानों पर जाकर पूजा अर्चना करते हैं। जहां हिंदू धर्म के लोग विभिन्न पीरों एवं मजारों पर जा रहे हैं वहीं मुस्लिम लोग भी हिंदू मंदिरों में जाकर मन्नत मांगते हैं। कहने को तो कनीना उप-मंडल के गांव भोजावास,पड़तल, ढाणा तथा समीपी गांव बोहका आदि में जिंदा देव नाम से धार्मिक स्थान बने हुए हैं वहीं कनीना के थाना परिसर में बाबा पीर, कोसली सड़क मार्ग पर बाबा पीर स्थल बने हुए हैं। वहीं धनौंदा में बाबा दयाल, खरकड़ा बस में भी बाबा दयाल तो गुढ़ा गांव में बाबा छज्जू पीर, मोड़ी गांव में मजार तथा और भी कई जगह संस्थान है जहां हिंदू-मुस्लिम मिलकर जाते हैं। वहीं कनीना के शिव भोले मंदिर, बाघेश्वर धाम बाघोत में जहां हिंदू धर्म के लोग ही नहीं मुस्लिम धर्म को मानने वाले भी समय-समय पर जाते रहते हैं।
विभिन्न अवसरों पर यहां मेले लगते हैं और एकजुटता का परिचय दिया जाता है। जहां कनीना थाना परिसर में सप्ताह में कम से कम दो बार भारी संख्या में लोग पीर पर जाते हैं। सबसे बड़ी बात देखने को मिली कि कनीना-कोसली सड़क मार्ग पर एक पीर को ही हिंदू धर्म के मानने वाले लोग चला रहे हैं।
मोड़ी गांव के खेतों में जहां मजार बनी हुई है जहां हिंदू और मुस्लिम सभी धर्म के लोग वहां पहुंचने हैं और मन्नत मांगते हैं। बाबा जिंदा के नाम से तो कनीना उपमंडल के कई गांवों में मेला लगते हैं। जहां भोजावास,पड़तल, ढाणा तथा समीपी गांव बोहका में जहां एक ही साथ मेले लगते हैं वहीं विभिन्न धर्मों के मेानने वाले लोग वहां पहुंचते हैं। कनीना को उपमंडल के गांव गुढ़ा में छज्जू पीर स्थान है धार्मिक स्थान है जहां सभी धर्म के लोग पहुंचते हैं ,चद्दर भी चढ़ाते हैं मन्नत भी मांगते हैं जो एकता और एकजुटता का उल्लेखनीय उदाहरण है। बास में बाबा दयाल का धार्मिक स्थान है जहां हिंदू मुस्लिम एकमत होकर पहुंचते हैं और प्रसाद अर्पित करते हैं। कनीना के बाघोत स्थित बागेश्वर धाम पर तो जहां वर्ष में दो बार मेेले लगते हैं अपार श्रद्धा देखने को मिलती है वही हिंदू और मुस्लिम सभी धर्म के लोग यहां पहुंचते हैं।मोड़ी के अजय कुमार कांता, पूर्व सरपंच गजराज सिंह आदि में बताया की भोजावास,पड़तल, ढाणा तथा समीपी गांव बोहका गांवों में बाबा जिंदा देव के स्थलों पर विभिन्न धर्मो के विशेषकर हिंदू मुस्लिम धर्म के लोग पहुंचते हैं जहां समय-समय पर लोग प्रसाद अर्पित करने जाते हैं और दर्शन के लिए जाते हैं। वहीं वर्ष में एक बार बड़ा मेला भी सभी स्थलों पर लगता है। छज्जू पीर गुढ़ा का प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है जहां चद्दर अर्पित की जाती है विभिन्न धर्मो के लोग यहां पहुंचते हैं। यहां लगने वाले मेलों में पहुंचकर लोग प्रसाद बांटते हैं और मन्नत मांगते हैं।
उन्होंने बताया कि मैं और मेरे परिवार की बाबा शिव भोले के प्रति अगाध आस्था और विश्वास हैं। 1996 में बाबा भोले बाघोत को अर्पित करने हरिद्वार से कावड़ लेकर आया था और सभी धर्मों में अटूट विश्वास करता हूं। प्रतिदिन पैसेंजर ट्रेन से दिल्ली जाता हूं और भजन कीर्तन मंडली में शामिल होकर जाता हूं और भजनों में सभी धर्म के भजनों को गाया जाता है। श्याम और ओम के भजन गाकर मुझे प्रसन्नता होती है। जहां भी जाए वहां एकता का परिचायक होता है।
धनौंदा के जसवंत सिंह का कहना है कि उनके यहां खरकड़ावास एवं धनौदा में बाबा दयाल का स्थान है। जहां सभी धर्म के लोग आते हैं। वर्ष में एक बार मेला लगता है। इस मेले में अपार भीड़ जुटती है और लोग एकजुटता का परिचय देते हैं। न केवल हमारा संविधान भी अनेकता में एकता को बढ़ावा देता है वही ऐसा ही दृश्य कनीना क्षेत्र के विभिन्न धार्मिक स्थानों पर देखने को मिलता है। कनीना के शिव भोले मंदिर में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है।
फोटो कैप्शन 02: भोजावास का बाबा जिंदा देव
नगर पालिका चुनाव कनीना
-सक्रिय हो गए हैं चुनाव लडऩे वाले
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कनीना की आवाज। नगर पालिका चुनावों के दृष्टिगत 14 वार्डों की सूचियों का प्राथमिक प्रकाशन होते ही चुनाव लडऩे वाले सक्रिय हो गए हैं। सूचियों को गहराई से जांच रहे हैं, अपने नजदीकी वोटरों को एक जगह लाने का प्रयास करने लग गए हैं ताकि चुनाव में जीत हासिल हो सके। वही मतदाता सूचियोंं की प्रतियां निकलवा रहे हैं, जहां फोटो स्टेट करने वालों के पास दिनभर फोटोकापी करवाने वालों का तांता लगा रहा क्योंकि अभी तक प्राथमिक प्रकाशन आनलाइन उपलब्ध है। आनलाइन 14 वार्डों की फोटोकापी निकलवा रहे हैं और यह भी आकलन कर रहे हैं कि किस वार्ड में उनके अधिक वोटर है ताकि वहां से चुनाव लड़ा जा सके क्योंकि इस बार प्रधान पद के लिए कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि प्रधान पद का सीधा मुकाबला होगा। पार्षदों की अहमियत बिल्कुल कम कर दी गई है क्योंकि किसी प्रस्ताव को पारित करने में ही उनकी मदद ली जाएगी अन्यथा प्रधान पद अब तक जो चुनाव होते आए थे, पार्षदों पर निर्भर होते थे। यदि पार्षद प्रधान को चुनना चाहे उनकी अपनी मर्जी होती थी परंतु आप प्रधान पद का सीधा चुनाव होगा। कनीना में 7 सालों के बाद चुनाव होने हैं इसलिए भी चुनाव लडऩे वालों में उत्साह देखने को मिल रहा है। युवा वर्ग बहुत आगे आगे आ रहा है और धीरे-धीरे आप चुनाव लडऩे वाले अपने चेहरे पोस्टरों के मार्फत दिखने लग गए हैं।
14 वार्डों में 10400 के करीब वोटर हैं। अब तक विगत चुनाव दौरान जहां 13 वार्ड होते थे। प्रधान पद का चुनाव पार्षदों के द्वारा होता था। इस बार बहुत अधिक बदलाव हो रहे हैं, करीब डेढ़ साल से पालिका प्रशासक एसडीएम कार्यरत है। अब प्रधान पद के लिए चुनाव होने जा रहे हैं उनमें पालिका में बुजुर्ग लोग कम उत्सुक नजर आ रहे हैं जबकि युवा वर्ग अधिक उत्सुक नजर आ रहा है। यहां तक की समाजसेवी, अधिवक्ता, पत्रकार नेता किसी पार्टी के पदाधिकारी भी चुनाव लडऩे की लाइन में है।
विगत तीन योजनाओं पर नजर डालें तो दो बार महिला प्रधान रही है, एक बार निवर्तमान में प्रधान रहे हैं। अब क्योंकि इस बार प्रधान पद का सीधा चुनाव होना है। इसलिए प्रधान पद के लिए अधिक दावेदारी जताई जा रही है। प्रधान पद के लिए एक दर्जन से भी अधिक लोग सामने आ गए हैं। फिर भी सभी के दिलों दिमाग में वार्डों का आरक्षण का मुद्दा छाया हुआ है। यदि प्रधान पद वार्डों का आरक्षण का काम पूर्ण हो जाए तब स्पष्ट रूप से चुनाव लडऩे वाले सामने आ पाएंगे।
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