Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Saturday, December 14, 2024


 

कुत्ते की तोड़ी टांग, मामला दर्ज
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
कनीना उप-मंडल के गांव भडफ़ में कुत्ते की टांग कार द्वारा तोडऩे का मामला कनीना पुलिस में दर्ज करवाया है। पुलिस में मामला दर्ज करवाते हुए होशियार सिंह ने कहा है कि उन्होंने एक कुत्ता पाल रखा है। वह पालतू कुत्ते के साथ मुख्य दरवाजे पर खड़ा था तभी नरेंद्र नामक व्यक्ति अपनी कार को तेज रफ्तार से लेकर आया, कुत्ते को टक्कर मार दी जिसके चलते कुत्ते की टांग टूट गई। जब उन्होंने नरेंद्र से पूछा कि कुत्ते की टांग क्यों तोड़ दी तां उन्होंने गाली गलौज शुरू कर दी और परिवार को जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने नरेंद्र कुमार के विरुद्ध दर्ज करवा दिया है।








 लहसुन बना अमीरों की चीज, 500 रुपये किलो
- सब्जी से गायब होने लगी है लहसुन
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
 सर्दियों में जहां लहसुन जमकर खाया जाता है क्योंकि लहसुन स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होता है। वहीं विभिन्न रोगों से भी बचाता है। इसकी तासीर गर्म बताई जाती है। लहसुन के बगैर सब्जी बनाना कल्पना मात्र बनकर रह गया है। विशेष कर ग्रामीण क्षेत्रों में चटनी बनाना और दाल भात बनाना बहुत कठिन काम हो जाता है। लहसुन विभिन्न सब्जियों में डाला जाता है किंतु आज यह 500 रुपये किलो तक पहुंच गया है। यदि यही हाल रहा तो नई लहसुन आने तक भाव और ऊंचाइयों को छू सकते हैं। जहां समय-समय पर सब्जियों के भाव बढ़ते रहे हैं। विगत समय में टमाटर 100 किलो तक पहुंच गए थे, वर्तमान में 50 रुपये किलो तक बिक रहे हैं वहीं प्याज जहां 100 रुपये के करीब बिकी है अब 40 रुपये किलो बिक रही है। इस बार जहां आलू के भाव भी 30 रुपये किलो से कम नहीं हो रहे हैं वहीं सबसे अधिक चर्चित लहसुन रहा है। जहां क्षेत्र में लहसुन होता है उसे  देसी लहसुन नाम से जानते हैं किंतु अब तो बहुत मोटी कलियों वाले लहसुन आ गये हैं जिन्हें आमतौर पर लोग चाइनीज लहसुन बता रहे हैं।
लहसुन विक्रेता योगेश कुमार, रोहित कुमार एवं इंद्रजीत शर्मा ने बताया कि लहसुन के भाव इस बार कम नहीं हो रहे हैं। जहां शुरुआती दौर से 100 रुपये किलो से अधिक बिक रहा है, इसके भाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यही कारण है हैं कि लहसुन खाना कठिन कार्य बन गया है। उधर महिलाओं का कहना है कि लहसुन के बगैर सब्जी बनाना बहुत कठिन हो गया है।  उधर आयुर्वेद के जानकारों का मानना है कि लहसुन खाने से जहां खून का थक्का नहीं बनता वहीं स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभप्रद है। ऐसे में लहसुन प्रयोग करना चाहिए। यह सत्य है की सब्जी में लहसुन अधिक नहीं डाला जाता। एक सब्जी में 50 ग्राम तक लहसुन तो डालना पड़ेगा जो 25 रुपये का आता है। गरीब तबके के लोग जो दाल भात खाते हैं उनके दाल भात से लहसुन गायब हो गया है।
फोटो कैप्शन: लहसुन




नगरपालिका चुनाव लडऩे वाले दिखाने लगे सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति
-अभी होना है वार्डों का आरक्षण
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
 जनवरी 2025 के अंतिम सप्ताह और फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में नगर पालिका कनीना के चुनाव होने की संभावना है। कनीना के 14 वार्ड में करीब 11000 वोटर अपना वोट डालेंगे। अभी तक 13 वर्ड होते थे और चुने हुए पार्षद, प्रधान का चुनाव करते आए हैं किंतु इस बार प्रधान पद का सीधा चुनाव होगा वहीं पार्षदों की कोई अधिक अहमियत नहीं होगी। अभी तक प्रधान और पार्षदों के वार्डों का आरक्षण होना है जिस पर नजरें टिकी हुई हैं तत्पश्चात चुनावी चर्चाएं तेज हो जाएंगी। युवा वर्ग बहुत पहले से ही आगे आ चुका है और आगे बढऩे की सोच रहा है। अभी तक चुनाव में के लिए पार्षद के लिए एक दर्जन से अधिक युवा चेहरे सामने आ गए हैं वहीं प्रधान पद के लिए भी आधा दर्जन लोग सामने आ गए हैं। अपनी उपस्थिति सोशल मीडिया के जरिये दे रहे हैं वहीं नए वर्ष के शुभारंभ, मकर संक्रांति आदि पर तो जमकर अपनी अपनी उपस्थिति दर्शाएंगे। युवा वर्ग इस बार बाजी मारने की फिराक में हैं। यहां उल्लेखनीय है कि युवा वर्ग देश का सबसे बड़ा भाग है। ऐसे में युवा वर्ग को आगे आना चाहिए। इस बार ऐसे चेहरे सामने आ रहे हैं जो पहली बार चुनाव लड़ेंगे। पत्रकार भी चुनावों में भाग्य अजमाएंगे। यही कारण है कि इस बार बुजुर्ग चुनाव लडऩे वाले कोई कोई गलती से ही मिल पाएगा वरना अधिकांश जवान और नए चेहरे होंगे। नगरपालिका करीना की डेढ़ वर्षों से चुनाव अटके पड़े हैं। एसडीम को प्रशासक नियुक्त किया हुआ है। यद्यपि विकास कार्य जारी हैं किंतु लोगों की एक इच्छा है कि प्रधान व पार्षद बनाये जाए क्योंकि सबसे महत्वपूर्ण पद प्रधान पद का होगा। इसलिए प्रधान पद के लिए अधिक दावेदारी हो रही है। पार्षद की अहमियत घटती जा रही है। कनीना के महेश बोहरा का कहना है कि उनके दादा एवं पिता सभी स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ते आए हैं और चुनाव जीते हैं। उनके पदचिह्नों पर एक बार वो भी स्वतंत्र रूप से पार्षद का चुनाव लड़ेंगे। मनोज कुमार सशक्त भूमिका में नजर आ रहे हैं और उनका कहना है कि वह प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ेंगे और इस बार जीत उनकी होगी। कनीना में प्रधान बनने के बाद अमूल चूल परिवर्तन एवं विकास कार्य करके दिखाएंगे। उधर पूर्व पार्षद अशोक ठेकेदार भी की जान से जुटे हुए हैं। मनीष पार्षद बहुत पहले से ही आगे आ चुके हैं और प्रधान पद के लिए सशक्त दावेदारों में से एक हैं। यही नहीं विभिन्न वार्डों से अलग-अलग नाम उभर कर आ रहे हैं। जहां कनीना में दो गुट रहे हैं। उन गुटों से भी जोड़कर संभावित प्रत्याशियों को देखा जा रहा है, वही स्वतंत्र रूप से चुनाव लडऩे वाले भी बहुत अधिक सामने आ रहे हैं। भगत सिंह भी चुनाव लड़ सकते हैं। आने वाले समय ही बताएगा कि क्या क्या नजारे देखने को मिलेंगे। पहले तो प्रधान पद का आरक्षण होगा तत्पश्चात आगे की कार्रवाई चलेगी।


 


मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार-70
-करीब दो वर्ष तक सेवा दी पड़तल में
-मिला-जुला प्रभाव मिला
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी होशियार सिंह विज्ञान शिक्षक ने करीब 2 वर्षों तक राजकीय पड़तल में सेवा दी हैञ। इस दौरान अनेक खट्टे मीठे अनुभव लिए। जहां पहले यहां मुख्य अध्यापक स्व. कंवर सिंह कनीना निवासी होते थे, तत्पश्चात कार्यभार राजकुमार गुढ़ा ने ग्रहण किया। इस समय अनेक खट्टे मीठे अनुभव मिले जिनकी के बारे में होशियार सिंह स्वयं अपने मुख से उजागर कर रहे हैं-
** मैं कनीना के राजकीय माडल स्कूल में 2017 तक रहा तो एक दो नीच शिक्षक चाहते थे कि किसी प्रकार इनका कहीं हो जाए। चूंकि मै समय समय पर बार-बार कनीना में सेवा देता रहा हूं और कुल 18 सालों की सेवा कनीना की हो चुकीथी। यही कारण है कि की 8 सितंबर 2019 को कनीना से तबादला पड़तल हो गया। यहां पर बहुत सज्जन मुख्य अध्यापक बतौर स्व. कंवर सिंह कार्यरत था। उनकी सज्जनता के कारण बेचारे को कुछ शिक्षक उन्हें भला बुरा कह देते थे और वो सब सहन कर लेते थे। इसलिए भी सहन करते थे 



क्योंकि वे सेवानिवृत्ति के करीब थे। वो अपने मुख से किसी को कुछ नहीं कहते थे। यहां पर जहां मैंने जमकर शिक्षण किया, बहुत अच्छा अनुभव प्राप्त किया। विद्यार्थियों को सुबह विभिन्न प्रकार की जानकारी प्रार्थना के माध्यम से देता रहता था।  जहां प्रतिदिन कोई न कोई विशेष दिन होता था और उसके बारे में विद्यार्थियों को बताया, जो भी प्रयोग संभव थे वो करवाये। जी-जान एक करके विद्यार्थियों को पढ़ाया, जिसके कारण यहां से एनएमएमएस में भी विद्यार्थियों का चयन हुआ। विद्यार्थियों की संख्या 60- 70 के बीच रहती है। परंतु एक अच्छा अनुभव मिला, विशेष कर यहां पर भडफ़ निवासी जोगेंद्र सिंह पीटीआई, साथ में सतेंद्र शास्त्री से मुलाकात हुई। यहां पर मुख्य शिक्षक सुरेंद्र सिंह कनीना भी कार्यरत थे जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यहां अनेक अन्य शिक्षक भी मिले जिनमें ब्रह्मानंद, सतीश कुमार, बालकुमार, राजेश कुमार तथा अन्य शिक्षक की हां कार्यरत यहां पर कार्यरत थे। कमरों का अभाव था इसलिए स्कूल में एक छोटी सी कोटडी में मैंने बैठना शुरू किया, वहीं से मैं अपन सभी कार्य पूर्ण करता था। किंतु यह कोटडी प्राथमिक स्कूल के तहत पड़ती थी और यहां मेरे बैठने पर भी एक  महिला शिक्षिका कार्यरत थी। जिसने एक दिन मेरे स्पष्ट रूप से कहा कि मेरी कोटड़ी को छोड़ दो। ऐसा उन्होंने एक बार नहींं कई बार कहा। क्योंकि मैं हमेशा अपने कार्यों में व्यस्त रहता था। उस जगह को इसलिए छोडऩा उचित समझा कि लेडी है और किसी के भड़काने से ऐसा कह रही है। न जाने भविष्य में क्या परिणाम आए, इसलिए तुरंत प्रभाव से कोटड़ी छोडऩी पड़ी और दूसरी जगह बैठना शुरू कर दिया। मेरे पास मिड डे मिल का चार्ज होने से मिड डे मिल के कमरे में बैठना शुरू कर दिया। क्योंकि मन बेचैन रहता था। एक ही इच्छा रहती थी कि जी जान से पढ़ाया जाए और वहां पर इस प्रकार की महिला शिक्षिका भी थी जो उन्हें नहीं चाहती किंतु बाद में पता चला उनके पीछे एक शिक्षक का बड़ा हाथ था। ऐसे शिक्षक हर स्कूल में मिल जाते हैं।
यहां से मैने स्टेट अवार्ड के लिए फाइल भेजी थी। चूंकि कंवर सिंह मुख्य अध्यापक सेवानिवृत्त हो रहे थे ऐसे में उनके हस्ताक्षर फाइल पर करवा लिए। तत्पश्चात तो सेवानिवत्त हो गए और उसके बाद राजकुमार गुढ़ा के पास कार्यभार आ गया। यद्यपि राजकुमार से मैं पहले सेवा में बतौर मास्टर पद पर आया था किंतु मेरी सेवा तदर्थ आधार पर होने से सीनियर राजकुमार राजकुमार थे वे फिर इसी विद्यालय में ईएसएचएम बने उसके बाद मेरी बदली धनौंदा हो गई थी। क्योंकि यहां ईएसएचएम राजकुमार से मेरी अच्छी ट्यूनिंग नहीं थी। यहां पर समय बिताया, कोई बेहतरीन समय नहीं बिता। राजकुमार की प्रवृत्ति कुछ अलग प्रकार की होने की वजह से भी मेरे और उननके बीच कोई अधिक मधुर संबंध नहीं रहे। यद्यपि वो हमारी रिश्तेदारी में भी पड़ते हैं। यह सत्य है कि मेरे सेवानिवृत्ति और उनके सेवानिवृत्ति में एक महीने का अंतर था। जहां मैं अप्रैल 2024 में सेवानिवृत्त हुआ हूं वही राजकुमार मई 2024 में सेवानिवत्त हुए हैं परंतु यहां यह बताना बेहतर होगा कि राजकुमार ने सेवानिवृत्ति के बाद मेरे साथ बेहतरीन व्यवहार किया। हरियाणा राज्य शिक्षक पुरस्कार मिलने पर स्कूल पड़तल में मुझे बुलाकर अपने खर्चे पर सम्मान भी किया। विश्व रिकार्ड की फाइल जानी थी उसमें भी राजकुमार ने मेरी मदद की। विशेषक उन प्राचार्यों से बेहतर रहे हैं जिन्होंने घटिया मानसिकता/नीचता का परिचय, मेरी सेवानिवृत्ति के समय एवं बाद में दिया। जब भी कोई काम पड़ा उसमें अहम भूमिका निभाई किंतु जब तक पड़तल में रहा तब तक मेरा और उनके बीच कोई ज्यादा बेहतर तालमेल नहीं चला। फिर भी समय बेहतरीन रहा। कुल मिलाकर खट्टे-मीठे अनुभव लिये और अनेक शिक्षकों से मुलाकात हुई। इस स्कूल मेरे लिए सबसे बेहतरीन स्कूलों में भी माना जाएगा क्योंकि यहां के विद्यार्थी बहुत सज्जन, गरीब तबके के अधिक है और उनको पढ़ाने में बहुत आनंद आया। यहां दूसरे शिक्षक साथियों ने मेरा बहुत सहयोग किया खासकर सत्येंद्र शास्त्री वर्तमान प्राध्यापक, सुरेंद्र सिंह मुख्य शिक्षक, जोगंद्र सिंह पीटीआई, राजेश कुमार रामबास आदि। मैं बता रहा था कि जब मेरी स्टेट अवार्ड की फाइल कंवर सिंह मुख्य अध्यापक के हस्ताक्षर होकर जिला मुख्यालय जाने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय कनीना के पास पहुंची तो फाइल पर राजकुमार ने एतराज जाता दिया और यह कहा कि इस समय मुख्य अध्यापक मैं हूं और इस पर हस्ताक्षर कंवर सिंह के हैं। यही कारण है कि खंड कार्यालय से मेरी फाइल वापस आ गई, उस वक्त बाबू ने बताया कि ऐसा हम नहीं राजकुमार का ऐतराज है। दोबारा बड़ी मिन्नत करके सत्येंद्र शास्त्री के जरिए राजकुमार के साइन उनके कुएं पर जाकर करवाए। तब तब जाकर फाइल जमा हो पाई किंतु उस वर्ष स्टेट अवार्ड नहीं मिल पाया। उसे साल कठिन परिश्रम किया विशेष कर अनेक वीडियोग्राफी अवार्ड के लिए भेजी जानी थी जिसमें मेरे पुत्र अमीश कुमार ने दिन रात एक किया। अपनी पढ़ाई के साथ-साथ उसने वीडियोग्राफी बनाने में महारत हासिल कर रखी है। इसलिए कुछ वीडियो उनसे बनवाई और वो बाद तक काम आती रही और आखिरकार अवार्ड 2022 में मुझे मिल पाया।
यहां परीक्षा परिणाम बहुत बेहतरीन रहे। एनएमएमएस के अच्छे परिणाम आए। विद्यार्थियों में भी उत्सुकता रही। शिक्षक भी बेहतर रहे।  इस प्रकार का मनमुटाव होना भी चाहिए ताकि खट्टे मीठे अनुभव बन सके। यहां से 6 सितंबर 2019 को धनौंदा तबादला हो गया और वहीं से सेवानिवृत्त भी हुआ।






हर जन की पसंद बनती जा रही है चाय की चुसकी
--सर्दियों में बढ़ जाती है मांग
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
  एक समय था जब केवल बुजुर्ग ही चाय पीते थे या किसी बीमार व्यक्ति को दी जाती थी किंतु अब तो दिन हो या रात हर वर्ग के लोग चाय की चुसकियां लगाते दिखाई देते हैं। चाय में जहां सूजन रोधी ,एंटी एक्सीडेंट ,वजन घटाने के प्रभाव और लाभ अन्य कुछ लाभ मिलते हैं किंतु इसमें कैफीन जैसे विषैले पदार्थ से शरीर को नुकसान भी पहुंचना है। आज के दिन हर चाय की दुकान पर भारी मांग है। मेहमान को चाय या ठंडा दिया जाता है। एक सामान्य चाय विक्रेता 300 से 500 तक चाय बेच लेता है। यह समय पर निर्भर करता है यदि ठंड का मौसम है तो चाय अधिक बिक पाती है और गर्मी का मौसम है तो चाय थोड़ा कम बिक पाती है। चाय भारत में जो पैदा होती है उसे प्रयोग में लाया जाता है परंतु भारत चीन के बाद चाय का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। चाय को हरित चाय, काली चाय तथा विभिन्न स्वाद की चाय के रूप में प्रयोग किया जाने लगा है।
चाय की मांग कभी नहीं घटती। हर मौसम में चाय बिकती है। यह सत्य है कि सर्दी के मौसम में कुछ चाय अधिक बिक जाती है परंतु चाय के प्रति बच्चा,युवा पीढ़ी और बूढ़ों में ललक देखने को मिलती है। चाय पीकर लोग जहां अपने को तंदुरुस्त पाते हैं वहीं चाय बेचकर जन खुश हैं। रोटी रोजी का साधन चाहिए। चाय पीने वाले कम नहीं हो रहे हैं, दिनों दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में चाय प्रमुख पेय पदार्थ बनता जा रहा है। कोल्ड ड्रिंक के बाद चाय एक ऐसा पदार्थ है जो सबसे अधिक प्रयोग किया जा रहा है। कभी राबड़ी प्रयोग की जाती थी और आज उसकी जगह चाय और ठंडा ने ले ली है। इस संबंध में लोगों से चर्चा की गई जिनके विचार निम्र हैं-
** चाय का काम करने में जहां रोटी रोजी भी मिल जाती है वहीं लोगों को संतुष्ट कर दिया जाता है। चाय भी प्रतिदिन 300 से 500 तक बिक जाती है। ठंड के मौसम में चाय की संख्या 800 तक चली जाती है, जब कोई नेता आते हैं उसे समय भी चाय की मांग बढ़ जाती है। चाय के प्रति हर वर्ग का व्यक्ति लालायित रहता है। चाय बगैर लोग नहीं रह सकते चाहे खाने बगैर रह सकते हैं।
-- श्याम सुंदर महाशय, चाय विक्रेता
मैं चाय पीता हूं क्योंकि मुझे अपनी रेहड़ी पर काम करना पड़ता है। ऐसे में समय भी बीत जाता है और चाय भी पीकर थोड़ी तंदुरुस्ती महसूस करता हूं। चाय का मैं कोई आदि नहीं हूं परंतु चाय पीने से रेहडी पर अपने फल बेचने में समय ढंग से बीत जाता है। चाय के लिए लोगों की भारी भीड़ जुड़ती है परंतु मैं चाय का आदि नहीं हूं।
-- शिव कुमार केलेवाला
चाय बनाकर बेचने में मुझे आनंद आता हैं। एक तो लोगों से परिचय होता है वहीं रोटी रोजी का आधार भी बन जाता हे। चाय पीने वाले कम नहीं होते अपितु बढ़ते ही चले जाते हैं। अकेले कनीना में कई हजार चाय प्रतिदिन बिक जाती हैं। चाय की दुकान कहीं भी खोली जाए पीने वाले खूब लोग मिलेंगे।
--हिमांशु चायवाला
दिन में दो चाय पीने से लाभ हो सकता है। एक तो सुबह खाना खाने के एक घंटे बाद और दूसरी शाम के 4 व 5 बजे। चाय में कैफीन उत्तेजक पदार्थ होता है जो मस्तिष्क को ऊर्जा देता है किंतु अधिक चाय नुकसानदायक होती हैं। इसकी बजाय अब तो ग्रीन टी, हर्बल टी, मसालेदार चाय एवं स्वयं निर्मित चाय आदि आ गई हैं जो बेहतर होती हैं। चाय में चीनी डालने की बजाय गुड़ या शहद आदि से बनाई जा सकती हैं जो लाभप्रद होते हैं।
 --डा जितेंद्र मोरवाल, उप नागरिक अस्पताल कनीना।
फोटो कैप्शन:श्यामसुंदर महाशय, शिव कुमार, हिमांशु चायवाला, डा. जितेंद्र मोरवाल


बिना गुरु के जीवन शुरू नहीं होता-आचार्य
--धनौंदा में यज्ञ का तीसरा दिन
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
कनीना उपमंडल के ग्राम धनौंदा में स्थित रविदास मंदिर में चल रहे अथर्ववेद पारायण यज्ञ के तीसरे दिन  वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने यज्ञ के मध्य उपदेश करते हुए कहा सद्ज्ञान ही गुरु है। जो सन्मार्ग दिखाएं वही सच्चा गुरु है। माता हमारी प्रथम गुरु है तो पिता हमारा दूसरा गुरु है। हमारे बुजुर्ग जो हमें अच्छाई का रास्ता दिखाते हैं और बुराइयों से बचाते हैं वह भी गुरु की श्रेणी में आते हैं किंतु जो अविद्या को मिटा करके विद्या का प्रकाश करें वह विद्वान सच्चा सर्वोपरि गुरु है। बिना गुरु के जीवन शुरू नहीं होता ।  हम सबको अपने गुरुओं का सदा आदर करना चाहिए। प्रश्रय आर्य ने कहा कोई लिंग अर्थात तिलक  कलावा वस्त्र आदि धर्म का कारण नहीं होते किंतु जिन सत्कर्मों को धारण करने से जीवन पवित्र होता है वे सब सत्कर्म  ही धर्म होते हैं। ब्रह्मचारी आनन्द शास्त्री व विश्व बंधु शास्त्री ने वेद पाठ किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी कैलाश गोयल व उनकी धर्मपत्नी आशा गोयल ने आज यज्ञ में यजमान की भूमिका निभाई यशपाल शर्मा  .कैलाश आर्य  प्रवीन शर्मा , विजय आर्य, सन्त लाल आर्य पूरन सिंह, भूपेन्द्र सिंह , बृहस्पति शास्त्री , मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 09: धनौंदा में चल रहे हवन यज्ञ का नजारा।



कनीना में आयोजित हुई लोक अदालत
-मौके पर रखे 315 मामले
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
कनीना न्यायालय में लोक अदालत का आयोजन   एसडीजेएम प्रवीण कुमार की अध्यक्षता में किया गया। लोक अदालत बैच में सुनवाई के दौरान कुल 315 मामले रखे गए। जिसमें से आपसी सहमति से 265 मामलों का मौके पर ही निपटारा किया गया। जिसमें  अनआई एक्ट के 8 मामले, ट्रैफिक के 34 मामले ,यूसीआर के 209 मामले, सिविल के 7 मामले और  एक एग्जीक्यूशन सहित कुल 265 वादो  का मौके पर ही निपटारा किया गया।  इस अवसर पर कनीना न्यायालय के एसडीजेएम प्रवीण कुमार ने कहा कि लोक अदालत में विवादों का निपटारा करने से लोगों के समय और धन की बचत होती है इसलिए लोक अदालत में ज्यादा से ज्यादा मामले मिल बैठकर निपटाना चाहिए। पूर्व प्रधान ओम प्रकाश रामबास ने कहा कि लोक अदालत में किसी भी पार्टी की ना हार होती है ना जीत होती है विवादों का आपसी सहमति से निपटारा किया जाता है इससे हमेशा के लिए रंजिश भी समाप्त होती है। इस अवसर पर बार प्रधान सुनील रामबास, पूर्व प्रधान ओपी रामबास, पूर्व प्रधान संदीप यादव, एडवोकेट मीनाक्षी यादव, एडवोकेट नरेश कनीना, एडवोकेट दिलीप सिंह, एडवोकेट प्रविंद्र सिंह, एडवोकेट नवीन कौशिक, दिनेश कुमार, नाजीर पवन कुमार, रीडर सुरेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 10: कनीना में लोक अदालत का नजारा।



स्वयंसेवकों को समझाया संस्कारों का महत्व
-भोजावास में आयोजित एनएसएस शिविर
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग के निर्देशन में पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भोजावास में प्राचार्य रेनू मेहरा के मार्गदर्शन में एक दिवसीय एनएसएस कैंप का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वच्छता अभियान चलाते हुए विद्यालय परिसर में 100 से अधिक स्वयंसेवकों ने विद्यालय परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया व विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। । कार्यक्रम  में  ओम मुनि महाराज मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने स्वयंसेवकों को  संबोधित करते हुए संस्कारों का महत्व समझाया व नैतिक मूल्यों को जीवन में अपनाने पर जोर दिया। चेयरमैन भाग सिंह ने बच्चों में समाज सेवा व राष्ट्रभक्ति के भाव जगाए। सुरेंद्र सिंह प्रवक्ता अर्थशास्त्र ने एनएसएस योजना के बारे में विस्तार से बताया।कार्यक्रम अधिकारी राजेश बालवान सभी अतिथियों का आभार जताया। वह सभी स्वयंसेवकों से आह्वान किया को एक सच्चे देशभक्त बने। इस अवसर पर अभय सिंह बुधराम प्रवक्ता गण व दयानंद मास्टर ने भी स्वयंसेवकों को संबोधित किया।
फोटो कैप्शन 02: एनएसएस स्वयंसेवकों को संस्कारों की जानकारी देते हुए।






कोर्ट के आदेश अनुसार गुढ़ा में प्रशासन ने हटवाया अतिक्रमण
-50 सालों से चला आ रहा था अतिक्रमण
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
कनीना कोर्ट के निर्देशानुसार कनीना प्रशासन ने कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच कनीना उपमंडल के गांव गुढ़ा में लंबे अर्से से चला आ रहा अतिक्रमण जिसमें अवैध मकानों पर पीला पंजा चलाया।
 सरपंच गुढ़ा बिरेंद्र दीक्षित एडवोकेट के अनुसार गुढ़ा में सरकार के द्वारा हरिजन बस्ती में जो रास्ता बनाया गया था उस क्षेत्र में पिछले करीब 50 सालों से लोगों ने अवैध मकान बना रखें थे ।उस क्षेत्र में अब पक्की सड़क का निर्माण होना है। पंचायत एक साल पहले इनको 7 वीसीएल का नोटिस दिया था। विगत 5 नवंबर को एसडीएम कनीना कोर्ट ने फैसला सुनाया था जिसके तहत अतिक्रमण हटाकर मलकियत ग्राम पंचायत को देने की बात कही गई थी। आखिर में प्रशासन ने कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच पीला पंजा अवैध निर्माण पर चलाया। इस मौके पर बीडीपीओ नवदीप सिंह सहित पुलिस बल उपस्थित रहा।
फोटो कैप्शन 05: गुढ़ा में हटाया गया अतिक्रमण





















नव वर्ष पर भेजे बधाई संदेश
- मामूली से खर्चे पर प्रकाशित होंगे बधाई संदेश
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
नव वर्ष 2025 को समाचार पत्र में बधाई संदेश मामूली से खर्चे पर प्रकाशित होंगे। प्रत्येक व्यक्ति को 1000-1000 रुपये देने होंगे साथ में अपना बधाई भेजना होगा। इसके लिए एक पासपोर्ट साइज फोटो तथा नये साल का संदेश देना होगा। यदि बधाई संदेश छपवाना है तो 28 दिसंबर से पहले पहले फोन पे के जरिए राशि 94 16348 400 पर एक हजार रुपये भेजें तथा इसी नंबर के व्हाट्सएप पर अपनी पासपोर्ट साइज फोटो और संदेश भेजें।


No comments: