Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Friday, December 27, 2024


 
आरक्षण ने बिगाड़ा चुनाव लडऩे वालों का समीकरण
-अब फिर से रातों-रात बनाये जा रहे हैं नई समीकरण
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना नगर पालिका के बहुत चर्चित चुनावों के आरक्षण ने सभी के चुनाव लडऩे वालों के समीकरण डगमगा दिये हैं। जहां वार्ड एक से एक दर्जन के करीब चुनाव लडऩे वाले तैयार खड़े थे किंतु आरक्षण के कारण महिला वर्ग बीसी-बी में चला गया। इसी प्रकार प्रधान पद के अनेकों दावेदार थे किंतु आरक्षण के कारण वो भी महिला के खाते में चला गया। इस प्रकार कनीना नगर पालिका में करीब सात महिलाएं विजयी होगी तो सात पुरुष विजयी हो सकते हैं? 14 वार्ड है तथा एक प्रधान पद का पद है। इस प्रकार जहां प्रधान पद का सीधा मुकाबला है वही 14 वार्डो से 14 प्रत्याशी विजयी होने हैं, इनमें से जहां 7 पद महिलाओं के लिए आरक्षित हो गए हैं और शेष पदों पर पुरुष चुनाव लड़ेंगे और 7 तब पुरुष विजय होने की संभावना है। इस बार कनीना पालिका में महिलाओं का कब्जा होने की संभावना बन गई है। यही कारण है कि चुनाव लडऩे वालों के समीकरण डगमगा गए हैं और अब नये समीकरण बिठाने पड़ रहे हैं। अब आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा कि कौन कहां से चुनाव जीतता है। जो अब तक पुरुष चुनाव लडऩे की तैयारी में थे अब उनके परिवार से महिलाएं चुनाव लड़ेंगी, पूर्व प्रधानों की बात की जाए तो उनमें भी महिला प्रत्याशी चुनाव लड़ सकती हैं। कनीना नगर पालिका में जहां अब तक दो बार महिलाएं प्रधान रह चुकी और अब तीसरी बार प्रधान बनेगी। वर्षों से चुनाव लडऩे वाले कुछ तो इस बार चुनाव से बाहर हो जाएंगे, अगर हार गए तो फिर शायद ही वो चुनाव लड़ पाए क्योंकि उम्र के तगाजे के चलते फिर चुनाव लडऩे की संभावना घट जाएगी। कुछ के लिए यह अंतिम अवसर हो सकता था कि अपना भाग्य आजमा ले किंतु वह भी अब नसीब नहीं नजर आ रहा। अब तो हालत यह है कि जहां कुछ लोगों की पत्नियां प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ेगी जबकि पति पार्षद पद के चुनाव लड़ेंगे ताकि पति-पत्नी दोनों ही अगर जीत जाते हैं तो कनीना पालिका में अपना दबदबा कायम कर सकेंगे। ये चुनाव करीब 7 वर्षों के बाद होने जा रहे हैं इसलिए लोगों में उत्सुकता अधिक है। यह भी सत्य है की महिलाओं को पद तो दे दिया जाता है, जीत भी जाती है लेकिन उनके पति अधिकांश काम करते आ रहे हैं। एक ओर जहां हाई कोर्ट का सख्त आदेश है उसकी अवहेलना सरेआम देखी जा सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी यही हालत है जहां महिला सरपंच है उसको कोई जानता तक नहीं तथा उनके पति या परिवार के लोगों को प्रधान समझ बैठते हैं या सरपंच समझ बैठते हैं। यही हालत अब नगर पालिका की भविष्य में हो सकती है।


बाघोत युवक द्वारा आत्महत्या करने का मामला
-15 दिनों से नहीं हो पाया है अंतिम संस्कार
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
 14 दिसंबर को उप-मंडल के गांव बाघोत में 26 वर्षीय युवक मोहित ने आत्महत्या कर ली थी। अभी तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है और न ही पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। मृतक के पिता कैलाश पुजारी जहां शुक्रवार को महेंद्रगढ़ में आयोजित मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की रैली में उनसे मिलकर अपना दुखड़ा सुनाना चाहते थे किंतु रैली रद्द हो गई और वे मायूस नजर आये। उल्लेखनीय की शव का पोस्टमार्टम पुलिस ने करवा दिया था किंतु उस वक्त परिजनों ने पूर्व मंत्री सहित आठ लोगों पर मामला दर्ज करने की शिकायत दी थी। पुलिस ने पहले उस संबंध में प्रमाण मांगे जिसके कारण एफआईआर दर्ज नहीं हुई। वहीं कैलाश पुजारी तथा उनके परिवार वालों ने शव को लेने से इनकार कर दिया था। तत्पश्चात से शव कनीना के शवगृह में रखा हुआ है और 15 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है।
 उधर कैलाश पुजारी का कहना है कि आठ लोगों ने अत्याचार किए थे जिसके चलते उसके पुत्र ने आत्महत्या कर ली थी।  उनके घर पर तीन बार एसडीएम, डीएसपी, तहसीलदार कानूनगो आदि आए हैं किंतु वे अडिग हैं, पहले मामला दर्ज करने की बात कह रहे हैं।  कैलाश पुजारी का कहना है कि जब तक एफआईआर दर्ज नहीं होगी तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। वे अब न्यायालय की शरण लेंगे।





शुक्रवार दिन बिजली और पानी नहीं हुये सप्लाई,शाम सवा 6 बलजे हुई बिजली सप्लाई
-बिजली पर आधारित काम करने वाले दुकानदार रहे परेशान
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना में जहां गुरुवार की रात को ही बूंदाबांदी होने लग गई और बिजली सप्लाई रात से ही बंद कर दी गई। शुक्रवार दिनभर कोई बिजली सप्लाई नहीं हो पाई।   दिनभर लोग इधर-उधर अपने मोबाइल चार्ज करने के बहाने ढूंढते लाइट देखते फिरते रहे। न बिजली आई और न ही पानी की सप्लाई हो पाई। परंतु वर्षा की कोई कमी नहीं रही शाम 6 बजे तक 48 एमएम वर्षा हो चुकी थी। वर्षा ने सारी गलियों को धो डाला, साफ कर दिया परंतु लोगों को पानी के लिए भी तरसना पड़ा और बिजली के लिए भी दिन भर परेशान रहे। बहुत से लोग तो बिजली के आदि हो गए हैं। महेंद्र सिंह ने बताया कि कई घरों में बिजली अभाव के कारण दही को नहीं मथा जा सका क्योंकि लोग बिजली की मथनी से दूध मथते हैं। बहुत से लोग तो आज स्नान भी नहीं कर सके क्योंकि ठंडे पानी से स्नान करना भी कठिन है और गर्म पानी अक्सर लोग बिजली, गीजर आदि से ही करते आ रहे हैं। यही कारण है कि न तो लोग स्नान कर पाए और नहीं दही को मथ पाए।  विशेष कर बिजली पर आधारित काम करने वाले दुकानदारों का तो काम ही ठप हो गया। वो दिन भर कुछ नुकसान करके आए। दुकानदार रवि कुमार, सुरेश कुमार आदि ने बताया कि बिजली न आने से उनका उनका धंधा चौपट हो जाता है, ऊपर से चाय पानी आदि पीना पड़ता है। एक दुकानदार प्रतिदिन 100 से 200 रुपये खर्च करके आता है परंतु बिजली अभाव के कारण उनका एक पैसे का भी काम नहीं चल पाया। कनीना के 132 उपकेंद्र से बिजली आपूर्ति गुरुवार रात के 12 बजे बाद सु गुल है और शुक्रवार शाम 6 बजे तक भी सप्लाई नहीं हुई। ऐसी हालत बनी हुई है कि लोग बिजली आने पर ही अपने घरों की मोटर चला पाएंगे जिससे पानी की आपूर्ति हो पाएगी। कुछ घरों में तो डीप बोर किया हुआ है वो भी बिजली बगैर परेशान नजर आए। बिजली विभाग वर्षा के कारण सप्लाई में बाधक बता रहा है। उनका कहना है कि वर्षा से बिजली फाल्ट हो जाती है।




किसानों के लिए रोल माडल बना खायरा का प्रगतिशील किसान योगेंद्र
-नवीनतम तकनीक अपनाकर बटन मशरूम, ओयस्टर मशरूम तथा रिशी मशरूम से बढ़ी आय
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
जिला महेंद्रगढ़ के गांव खायरा के प्रगतिशील किसान योगेंद्र ने  नवीनतम तकनीक अपनाकर बटन मशरूम की खेती के क्षेत्र में अपनी सफलता की कहानी लिखी है।
अपने दृढ़ संकल्प से उन्होंने 2022 में मशरूम की खेती शुरू की और अब तक उन्होंने अपने उद्यम से गांव के कई परिवारों को रोजगार दिया है।
छोटे स्तर से शुरुआत करके धीरे-धीरे बड़े स्तर पर पहुंचते हुए आज योगेंद्र ने एक सफल मशरूम किसान के रूप में अपनी पहचान बनाई है और इसके साथ ही उन्होंने एक बड़ा मशरूम फार्म भी बनाया है।
बागवानी विभाग से संपर्क करके अधिकारियों के सुझाव पर उन्होंने यह उद्यम शुरू किया और उसके बाद धीरे-धीरे इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है।
हाल ही में हरियाणा कृषि विद्यालय हिसार की ओर से किसान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में योगेंद्र को सम्मानित किया।
जिला उद्यान अधिकारी डॉ प्रेम कुमार ने बताया कि किसान योगेंद्र पहले पारंपरिक खेती करते थे। उसके बाद कुछ क्षेत्र में सब्जी की कास्त बिना तकनीक के शुरू की जिससे आय कम होती थी। इसके बाद उन्होंने बागवानी विभाग में संपर्क कर विभिन्न संस्थाओं से प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद उनका धीरे-धीरे बागवानी फसलों की ओर रुझान बढ़ा वह नवीनतम तकनीक अपनाकर बटन मशरूम की खेती करना शुरू किया। धीरे-धीरे आय बढऩे की वजह से उसका रुझान बटन मशरूम की खेती में और बढ़ गया।
उन्होंने मशरूम की खेती करने के लिए उच्च तकनीक अपनाकर मशरूम प्रोजेक्ट भी बागवानी विभाग से अनुदान पर लगाया। वर्तमान में उन्होंने बटन मशरूम के साथ-साथ ओयस्टर मशरूम तथा रिशी मशरूम भी लगा रखी है।
जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि मशरूम की खेती से संबंधित अनुदान के लिए विभाग की वेबसाइट एचओआरटी डाट जीओवी डाट इन पर स्कीम का चुनाव कर जरूरी दस्तावेज अपलोड करके सभी विभागीय स्कीमों का लाभ पहले आओ पहले पाओ के आधार पर उठा सकते हैं।
फोटो कैप्शन 06: किसान मशरूम की खेती लेते हुए।




मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार-80
शिक्षक ने मारी भैंस को टक्कर बिखरा घी, मांगे पैसे
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक अप्रैल 2024 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनका जीवन कठिन संघर्षों से भरा रहा है। उनकी कहानी होशियार सिंह की ही जुबानी सुनिये--
जहां छोटी उम्र से ही पशुपालन में भाग लेना पड़ा वहीं दूध की डेरी चलाने, दुकान चलाने, घरेलू कार्य करने तथा शिक्षा विभाग में पढ़ाने, पत्रकारिता, लेखन, ट्यूशन और न जाने कितने कार्य समय- समय पर करने पड़े हैं। जब नौवीं- दसवीं कक्षा में 1982-83 में पढ़ रहे थे तो पिता के साथ गाय एवं भैंसों को जंगल में चराने का कार्य भी करना पड़ा है। गाय और भैंसों को चराने के साथ-साथ पढ़ाई का कार्य भी जारी रखा। दोपहर में जहां पशु विश्राम करते उस समय मैं अपनी पढ़ाई जारी रखता। रास्ते में भी कठिन प्रश्नों को दोहराता रहता, मन ही मन में याद भी करता रहता। जहां श्रीकृष्ण गोपाल कहलाएं वहीं हमारा परिवार डेरीवाला कहलाया। इस प्रकार हम भी गायों के पीछे-पीछे घूमते रहे, भैंस भी पाली और दूध भी न केवल जमकर पीया अपितु डेरी तक बहुत अधिक मात्रा में दूध पहुंचाया। किसी जमाने में कनीना की एकमात्र डेरी जयनारायण की डेरी नाम से प्रसिद्ध होती थी। जो भी बीता समय अच्छा बीता। हुआ यूं कि जब में और मेरा भाई भरपूर सिंह नौवीं-10वीं कक्षा में थे तो मैं और मेरा भाई भरपूर सिंह दोनों एक दिन भैंस एवं गायों को खेतों में तथा पीपलवाली बनी में चराकर वापस घर की ओर आ रहे थे और तभी गाहड़ा निवासी होशियार सिंह एसएस अध्यापक जो हमें पढ़ाते थे, अपनी घी की पीपी साइकिल के पीछे कैरियर में लगाकर और गाहड़ गांव की ओर जा रहे थे। हम जब वर्तमान जीआर स्कूल के  आसपास पहुंचे तो होशियार सिंह गाहड़ा ने भैंस को ही टक्कर जड़ दी। यद्यपि उनका कहना था कि भैंस ने मेरे टक्कर जड़ी है। परंतु हमें लगा कि उन्होंने सीधी भैंस को ही टक्कर मारी है। कोई बात नहीं साइकिल गिरने से उनका 2 किलो घी बिखर गया फिर तो क्या था हमारे लिए एक और समस्या पैदा हो गई। जब स्कूल में पढऩे जाते हैं तो होशियार सिंह हमें कहते कि तुम्हारी भैंस ने मेरा 2 किलो घी गिरा दिया, उसके पैसे दो। उन्होंने ऐसा समय समय पर कहा किंतु हमने कोई पैसे नहीं दिये। परंतु वह वाक्य हमें याद आता है। जब उन्होंने ऐसा कहा। वास्तव में मेरे भाई भरपूर सिंह बहुत ही मजाकिया प्रकृति के भी रहे हैं। एक बार जब होशियार सिंह गाहड़ा नौवीं-दसवीं कक्षा में स्कूल में पढ़ा रहे थे तो वे इतिहास में ग्यासुद्दीन बलबन  पढ़ा रहे थे और उन्होंने बलबन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बलबन का मुंह, अपना मुंह टेढ़ा-मेढ़ा करके बताया कि इस प्रकार का मुंह था। मेरे भाई भरपूर सिंह जो मेरे साथ पढ़ते थे, उन्होंने कहा गुरु जी बलबन का कैसा मुंह था एक बार फिर से वो मुंह करके दिखाना। बस फिर क्या था सारी क्लास खिल खिलाकर हंस पड़ी और होशियार सिंह गाहड़ा निवासी के चेहरे पर भी हंसी छा गई। उस वक्त दो रामकुमार खोला होते थे और दोनों जैनाबाद से बताए जाते हैं। एक छोटा खोल जिसकी हाइट छोटी थी उसे सज्जन इंसान मानते थ। और बड़ा खोल अकड़ में रहता था। हम उनसे पढ़े नहीं किंतु विद्यार्थी आज तक बताते हैं कि बड़ा खोला पढ़ाने में अच्छे नहीं थे परंतु अकड़ उनकी बड़ी थी। एक बार जब मैं अर्ध अवकाशके  समय खेल रहा था तो उससे/बड़े खोला से छू गया, वह रास्ते से जा रहे थे और मैं दौड़ते वक्त उनसे छू गया। बस फिर क्या था उन्होंने बहुत अधिक पिटाई की। ऐसे शिक्षक भी होते हैं, इसका मुझे लंबे समय तक खेद हुआ। विद्यार्थी अगर छू भी जाए तो ऐसी पिटाई नहीं करनी चाहिए और आज के दिन तो सरकार ने पिटाई तो बंद कर ही रखी है उल्टे शिक्षक को विद्यार्थी पीट दे तो बदले में उसे पीटने की बजाय थाने में मामला दर्ज करवाओ और शिक्षक विद्यार्थी को पीट दे तो पुलिस शिक्षक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लेती है। किसी को गधा भी नहीं कह सकते, वरना उल्टा टांग देंगे। वह वक्त वह हमारी पढ़ाई बहुत याद आती है। फोन तो होते ही नहीं थे, रेडियो 1994 में खरीदा था जो फिलिप्स कंपनी का था। दिल्ली परीक्षा देने गया तब खरीद कर लाया था उससे पहले टीवी आ गया था जिनका मनोरंजन कर भी डाकघर में जमा करवाना पड़ता था। इस प्रकार धीरे-धीरे आधुनिक यंत्रों की ओर रुझान बढ़ता है चला गया।



नव वर्ष पर भेजे बधाई संदेश,संदेश भेजने का है आज अंतिम दिन      
- मामूली से खर्चे पर प्रकाशित होंगे बधाई संदेश
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
नव वर्ष 2025 को समाचार पत्र में बधाई संदेश मामूली से खर्चे पर प्रकाशित होंगे। प्रत्येक व्यक्ति को 1000-1000 रुपये देने होंगे साथ में अपना बधाई भेजना होगा। इसके लिए एक पासपोर्ट साइज फोटो तथा नये साल का संदेश देना होगा। यदि बधाई संदेश छपवाना है तो 28 दिसंबर से पहले पहले फोन पे के जरिए राशि 9416348400 पर एक हजार रुपये भेजें तथा इसी नंबर के व्हाट्सएप पर अपनी पासपोर्ट साइज फोटो और संदेश भेजें।


जिनके वोट बन चुके हैं ,सभी को वोट डालने का दिया जाए अधिकार
-वोट तो बन गए किंतु नगर पालिका में नहीं है उनका नाम
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना नगर पालिका के चुनाव फरवरी-2025 में पूर्ण होने की संभावना है जिसको लेकर कार्रवाई जा रही है।
परंतु कुछ ऐसे भी वोटर हैं जिनके वोटर कार्ड तो बन गए हैं किंतु कनीना की 14 वार्डों में कहीं भी उनका नाम देखने को नहीं मिल रहा है। ऐसे मतदाताओं ने  जिला प्रशासन तथा चुनाव आयोग से मांग की है कि सभी जिनके वोट बन चुके हैं उन्हें वोट डालने का अधिकार दिया जाए।
गीतांजलि कनीना ने बताया कि उनका वोट लोकसभा चुनाव के बाद बना था किंतु विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में लोकसभा की लिस्ट को ही माना गया था जिसके चलते वोट होते हुए भी विधानसभा का वोट नहीं डाल पाये। अब जब भविष्य में कनीना पालिका के चुनाव होने वाले हैं उनका वोट किसी भी वार्ड में जरूर शामिल होना चाहिए। ऐसे कई वोटर हैं जिनके वोट तो बन चुके हैं लेकिन उनको किसी भी वार्ड में नहीं डाला गया है। ऐसे वोटर अपने वोट जुड़वाने के लिए इधर-उधर घूम रहे हैं। उधर समयपाल सिंह सचिव कनीना नगरपालिका ने बताया कि वार्ड सात में 1328 तब सीरिज में वोट बने हुए हैं कितुं 1306 के बाद कंप्यूटर लाक है।


संतो के लिए हर समय उपलब्ध है आवास और खाना
-वर्षों से राजेंद्र सिंह पहुंचाते आये हैं खाना
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना के संत मोलडऩाथ आश्रम ट्रस्ट के प्रधान दिनेश कुमार ने बताया कि कनीना में यूं तो कई धार्मिक स्थान है परंतु कनीना के संत मोलडऩाथ आश्रम पर साधु संतों के लिए हर समय खाना भी उपलब्ध करवाया जाता है और आवास भी। उन्होंने बताया कि गत दिनों कुछ संतों को कहीं जगह नहीं मिली, जहां भी वो जाते उनको भगा दिया गया। आखिरकार वे संत मोलडऩाथ आश्रम पर पहुंचे जिनके लिए खाना उपलब्ध करवाया गया और आवास का व्यापक प्रबंध करवाया। उन्होंने बताया कि कनीना संत मोलडऩाथ आश्रम पर बहुत लंबे समय से एक परंपरा चली आ रही है कि छीके में खाना भी रख दिया जाता है ताकि कोई संत देर रात भी आए तो खाना खा सकता है। वैसे तो संत रामनिवास यहां पर सेवा भाव निभा रहे हैं। कनीना का संत आश्रम मोलडऩाथ आश्रम दूर दराज तक विख्यात है यहां समय-समय पर भंडारे भी लगते हैं, भजन आयोजित होते हैं तथा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम भी आयोजित होते आ रहे हैं। इस आश्रम में  कभी संत मोलडऩाथ रहते थे। आज उस जगह एक के बाद एक अनेकों संतों ने यहां आकर निवास  ठहराव किया। आश्रम आज के दिन दूर-दराज तक विख्यात है। यहां पर आयोजित होने वाले खेलकूद प्रतियोगिताएं जो फरवरी-मार्च माह में आयोजित होती है, प्रदेश भर से खिलाड़ी भाग लेने आते हैं।
फोटो कैप्शन 05: कनीना का संत मोलडऩाथ आश्रम।



पुलिस ने 34 किलोग्राम 482 ग्राम गांजा बरामद कर जब्त किया
--खेतों से बरामद किया गांजा
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
अवैध मादक व नशीले पदार्थों की बिक्री के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत कनीना सदर थाना की पुलिस टीम ने तलवाना गांव के क्षेत्र से भारी मात्रा में नशीला पदार्थ गांजा बरामद किया है। पुलिस ने कनीना के तलवाना गांव के क्षेत्र में खेतों से करीब 34 किलोग्राम 482 ग्राम गांजा बरामद किया है।
पुलिस अधीक्षक पूजा वशिष्ठ के निर्देशानुसार नशीले पदार्थों की तस्करी पर रोकथाम के लिए चलाए गए अभियान के तहत कनीना सदर थाना की पुलिस टीम ने भारी मात्रा में गांजा बरामद किया है। इस मामले में अज्ञात के खिलाफ थाना सदर कनीना में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि थाना सदर कनीना की पुलिस टीम गस्त के दौरान गांव पङतल में मौजूद थी, टीम को गुप्त सूचना मिली कि गांव खेङी में दादरी रोड़ पर गांव से आगे निकलकर तलवाना क्षेत्र में सङक किनारे खेतों में दो प्लास्टिक कट्टों में एक खेत में कुछ संदिग्ध वस्तु पड़ी हुई है। सूचना पर टीम बतलाए हुए स्थान पर पहुंची तो दो प्लास्टिक कट्टों में पारदर्शी टेप से पैक करके लगभग 1-1 किलो के पैकेटों में नशीला पदार्थ गांजा जैसा पङा हुआ था, जो पैकेट को खोलकर देखा तो उसमें गांजा था। आसपास पता करने पर मालूम हुआ कि कोई नामपता नामालूम व्यक्ति यह नशीला पदार्थ यहां डालकर चला गया, जो अंधेरा होने के कारण कोई भी उसे नहीं देख पाया। उसके बाद उन दोनों कट्टों जिनमें गांजा पैकेट रखे हुए थे का वजन किया तो प्लास्टिक कट्टों व पैंकिंग मैटेरियल सहित दोनों कट्टों का अलग-अलग वजन 17.240 किलोग्राम व दूसरे कट्टे का वजन 17.242 किलोग्राम हुआ। जो कुल मिलाकर दोनों कट्टों का वजन 34.482 किलोग्राम हुआ। पुलिस ने गांजा को जब्त कर लिया और अज्ञात के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।





दोस्तों को फोन करने का दिन-28 दिसंबर
-मैत्रीभाव बढ़ाने के लिए की जाती है काल
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
  28 दिसंबर को नेशनल काल ए फ्रेंड दिवस है। काम की भागदौड़, अपने परिवार की जरूरतों और खुद के लिए थोड़ा समय सुनिश्चित करने के तनाव के बीच, हमारी जिंदगी बहुत व्यस्त हो सकती है। राष्ट्रीय काल ए फेंड के तहत सभी को कुछ मिनट निकालने, फोन उठाने और उस दोस्त को काल करने की याद दिलाता है जिससे आप फिर से संपर्क करना चाहते हैं।  
 हमारी प्रतिदिन की जिंदगी में, तकनीक अक्सर विपरीत प्रभाव डालती है। ई-मेल चेक करना, टेक्स्ट का जवाब देना, नोटिफिकेशन का जवाब देना और तकनीक से जुड़े दूसरे काम जीवन को निरस कर देते हैं। अक्सर अवकाश शुरू हो जाते हैं और ऐसे में 28 दिसंबर को फोन करके, आवाज से आवाज के माध्यम से, किसी अच्छे मित्र से संपर्क करने का प्रयास करना ही इस दिन का उद्देश्य है। काल ए फेंड के विषय में कुछ लोगों से चर्चा की गई। क्या कहते हैं लोग-
**मनुष्य सामाजिक प्राणी हैं, और हम दूसरों के साथ प्रेमपूर्ण, सहायक संबंध विकसित करके सबसे अच्छा काम करते हैं। अकेले रहना कठिन हो सकता है। दोस्तों के साथ आपकी बातचीत आपके आत्म-सम्मान, आत्मविश्वास और समग्र कल्याण की भावना में एक प्रमुख भूमिका निभाती है।
  ---हेमराज समाजसेवी
एक समय था जब लिखित शब्द का इस्तेमाल ज़्यादातर उपन्यास, समाचार पत्र और विश्वकोश जैसे मुद्रित प्रकाशनों के लिए किया जाता था। लोग एक-दूसरे को पत्र लिखते थे, लेकिन उन पत्रों को उनके इच्छित प्राप्तकर्ता तक पहुंचने में सप्ताह या महीने लग जाते थे। लेकिन इंटरनेट ने हमारे संचार के तरीके में पूरी तरह से क्रांति ला दी है, और युवा पीढ़ी के लोग फोन काल का जवाब देने की तुलना में टेक्स्ट का जवाब देने की दोगुनी संभावना रखते हैं। ऐसे में फोन करते हैं।
---हनुमान सिंह, समाजसेवी
दोस्तों को यह समझने की आदत होती है कि आप व्यस्त हैं। कुछ दोस्त आपको परेशान नहीं करना चाहते, आपका ध्यान भटकाना नहीं चाहते या आपको आपके महत्वपूर्ण काम से दूर नहीं करना चाहते। हमारे आधुनिक युग में सोशल मीडिया के माध्यम से टेक्स्ट, ई-मेल या संदेश भेजते हैं, जिसका जवाब हमारे दोस्त अपने खाली समय में दे सकते हैं। लेकिन नेशनल काल ए फेंड दिवस पर, हमारे पास उन लोगों को काल करने का सही कारण है जिनकी सबसे अधिक परवाह करते हैं।
   --सत्येंद्र आर्य
फोटो कैप्शन 04: सत्येंद्र आर्य, हनुमान सिंह, हेमराज


अंडरपास में भरा पानी, लोगों ने अंडरपास के हौद को किया साफ
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
क्षेत्र में लगातार हो रही झमाझम बारिश ने एक बार फिर सावन के दिनों की याद दिला दी है। अंडरपास समस्या बन गये हैं। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दो दिन की भारी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जता रहे हैं। वर्षा के कारण जगह जगह जलभराव हो गया है। जबकि कनीना मंडी में तो बिजली के तार भी टूट गये जिसके कारण दिनभर बिजली एवं जलापूर्ति नहीं हो पाई।
 कनीना से अटेली ,नारनौल जाने वाले रास्ते पर ककराला अंडरपास पर जलभराव ज्यादा होने से वाहनों की लंबी कतार भी  लग गई। दो पहिया वाहन तो बीच में ही बंद हो गए। ऐसे में निजी स्कूल के वाहन चालकों ने अंडरपास के हौद को साफ किया ताकि पानी का स्तर कम हो सकें । और वाहन चालक सुचारू रूप से अपने गंतव्य को जा सकें। शुक्रवार को पूरा दिन रुक रुक कर वर्षा होती रही।
फोटो कैप्शन 03: अंडरपास के हौद को साफ करते लोग।



दो लोगों पर मारपीट का मामला दर्ज
--पड़तल गांव की है घटना
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
कनीना उप-मंडल के गांव पड़तल निवासी रविंद्र कुमार ने दो लोगों पर मारपीट करने का मामला दर्ज करवाया है।
 उन्होंने बताया कि वह पड़तल का स्थायी निवासी है और किसी काम से कनीना जाते समय ब्राह्मतणों की ढाणी में बीएचएमएस कार्यालय में रुक गया। ज्यों ही अंदर बैठा था तभी बाइक पर सवार होकर दो व्यक्ति लाठी एवं राड़ लेकर आए और पीटना शुरू कर दिया दिन में से एक जसमीत उर्फ झब्बू था जबकि दूसरे को वह नहीं जानता। शिकायतकर्ता कहना है कि वे हाथ पैर की हड्डियां तोड़कर भाग गए ,काफी चोटें आई। शोर सुनकर पड़ोसी भाग कर आए जब तक मारने वाले भाग चुके थे। नवीन कौशिक संस्था के मालिक ने 112 पर काल किया और जानकारी दी। घटना के समय नवीन कौशिक खाना बना रहा था। अपनी गाड़ी से वह सरकारी अस्पताल कनीना लेकर गए जहां इलाज चला। कनीना पुलिस ने दोनों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।















कनीना क्षेत्र में हुई 48 एमएम वर्षा
-मानसून जैसा हो गया है माहौल, किसान खुश
********************************************
****************************************************************
********************************************************
कनीना की आवाज।
 क्षेत्र में लंबे समय से सर्दियों में वर्षा का इंतजार करते किसनों की अब आस पूरी हो गई है। गुरुवार की रात को वर्षा होनी शुरू हुई थी जो शुक्रवार दिनभर रुक रुककर चलती रही। जहां बिजली और पानी आपूर्ति बंद रही वहीं लोग इनके लिए तरसते रहे वहीं वर्षा का पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हुआ। समाचार लिखे जाने तक 48 एमएम वर्षा हो चुकी थी और वर्षा का दौर जारी था। किस बहुत खुश हैं क्योंकि इस समय सरसों और गेहूं की फसल खेतों में खड़ी हुई है। कनीना क्षेत्र में जहां 19500 हेक्टेयर पर सरसों तो 9700 हेक्टेयर पर गेहूं की फसल खड़ी हुई है। दोनों फसलों को पानी की बहुत अधिक जरूरी थी।
 किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, मनोज कुमार, दिनेश कुमार तथा अजीत कुमार आदि ने बताया कि इस समय किसान फसल में पानी की जरूरत समझ रहे थे। लंबे समय से वर्षा होने का इंतजार कर रहे थे। न तो अभी तक अच्छी वर्षा हुई थी और न ही कोहरा पड़ा था। महज एक दिन कोहरा और एक एमएम वर्षा पहले हो चुकी है। अब जमकर बादल बरसे जिसको लेकर किसानों ने खुशी जताई। उनका कहना है की फसलों में अब पानी की आपूर्ति हो पाएगी। इस समय खेतों में सरसों और गेहूं की फसल लहलहा रही है।
 क्या कहते हैं कृषि अधिकारी-
 एसडीओ कृषि विभाग महेंद्रगढ़ डा. अजय यादव ने बताया कि इस समय गेहूं और सरसों फसल खेतों में लहलहा रही है और इस समय पानी की पर्याप्त मात्रा में जरूरत होती है ताकि फसलों की वृद्धि और विकास हो सके। ऐसे में वर्षा का होना किसानों के लिए लाभप्रद है। चाहे कितनी भी वर्षा हो लाभप्रद होगी। अभी फसलों में अधिक वर्षा का भी कोई नुकसान नहीं होगा। उनका कहना है कि क्षेत्र की मिट्टी पानी को जल्दी चूस लेती है इसलिए फसलों को लाभ होगा। उल्लेखनीय की फसलों पर अभी तक धूल जमी हुई थी, क्षेत्र में जमकर धूलकण और प्रदूषण बढ़ रहा है जिसके चलते फसलों के पत्तों पर भारी मात्रा में धूल कण जमें हुए थे। वर्षा से वे भी धुल गए हैं और फैसले अब सजी संवरी नजर आ रही है। अब उन्हें विश्वास है कि बेहतर पैदावार होगी। किसानों का कहना है की फसलों में अब ट्यूबवेलों द्वारा पानी देने की जरूरत नहीं रहेगी।
 फोटो कैप्शन 01:मटर की फसल पर वर्षा होती हुई तथा
02: वर्षा से सड़कों का नजारा
साथ में डा.अजय यादव एसडीओ




No comments: