मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार- 74
-शिक्षक रूपी गाली को बदलने का किया हर संभव प्रयास
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कनीना की आवाज। कनीना निवासी होशियार सिंह 40 वर्षों तक शिक्षा विभाग से जुड़े रहने के बाद अप्रैल 2024 का सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यूं तो उन्होंने एक साथ कई भूमिकाएं जैसे पत्रकार, साहित्यकार और शिक्षक की भूमिका निभाई। परंतु उन्होंने शिक्षक रूपी गाली को बदलने का हर संभव प्रयास किया और काफी हद तक सफलता मिली। इस संबंध में होशियार सिंह की ही जुबानी उनके विचार सुनिए--
मैंने करीब 40 सालों तक शिक्षण का कार्य किया, कितने विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने, पढऩे व लिखने में मदद की। हजारों विद्यार्थी ऊंचाइयों को छूने में सफल हुये हैं जिनको देखकर मन बाग बाग हो उठता है। कई हजार विद्यार्थियों को पढ़ाया। विज्ञान को सरलतम तरीके एवं विज्ञान के प्रयोग करके सिखाया। आज का समाज शिक्षक को बुरी नजर से देखता है और शिक्षक एक गाली सी बन गई है। किसी विभाग में जाइए अगर उन्हें यह पता लग जाए कि यह शिक्षक है तो हर प्रकार से उसे दबाने का प्रयास किया जाता है। वैसे तो शिक्षक, शिक्षक का ही विरोधी मिलता है। शिक्षक शिक्षक की ही टांग खींचता मिलता है, बाकी विभागों में इतना अधिक आपसी विरोध नहीं मिलता। समाज में कहीं निकलते हैं तो एक ही बात सुनने को मिलती है शिक्षक शराब पीते हैं, शिक्षक कुर्सी तोड़ते हैं, शिक्षक गालियां देते हैं, शिक्षक घर का धंधा करते हैं, शिक्षक पढ़ाने में रुचि नहीं रखते, शिक्षक दिन भर इधर-उधर की बातें करते हैं और न जाने कितने ही उस पर वार करते हैं? जब मैं पढ़ता था और जब ये बातें सुनता था तब से दिमाग में एक ही प्रश्न कौंधता था कि क्यों न एक दिन शिक्षक बनकर कुछ इस प्रकार का काम करके दिखाऊं ताकि लोग शिक्षक पर उंगलियां उठाने से पहले एक बार कतराए, वही हुआ 40 सालों तक पढ़ाया, कुर्सी पर बैठकर नहीं पढ़ाया, ऐसे में लोग जो कहते हैं कुर्सी तोड़ते हैं तो कहां तोड़ी? सिगरेट शराब आदि से कोसों दूर रहा, आज भी दूर हूं, चाहे कोई लाख प्रयास करें चाहे अब एक करोड़ रुपये एक घूंट शराब पीने के दे तो भी ऐसा नहीं करूंगा? वैसे भी कोई व्यसन शरीर में पाला नहीं, रही बात इधर-उधर की बातें, कभी स्कूल में इधर-उधर की बातें नहीं की। अपने ही विज्ञान कक्ष में मिलता था वहीं पर सब कुछ अपने कार्य करता था। चूंकि साहित्य लेखन भी शिक्षा का एक भाग है इसलिये इनसे जुड़ा रहा। अपनी पढ़ाई में लगा रहता था, पढ़ाने के साथ-साथ खुद भी पढ़ता रहा और आज भी पढ़ रहा हूं। कुछ लोग मुझसे कहते हें कि अब आप पढ़कर क्या करोगे,बच्चों को पढ़ाइए, यह ठीक है बच्चे भी तभी पढ़ेंगे जब मैं पढ़ूंगा। इसलिए मेरे साथ-साथ बच्चे भी पढ़ रहे हैं। रही बात जब कोई बुराई मेरे में नहीं है तो शिक्षक परकैसे उंगली उठाएंगे। हरियाणा सरकार से सम्मानित हुआ, राज्यपालों से सम्मानित हुआ, कितनी संस्थाओं द्वारा सम्मानित हुआ फिर भी शिक्षक पर यदि उंगली उठाते हैं तो बहुत बुरी बात है। यह सत्य है कि जब पत्रकारिता की और उन्हें यह पता लग गया कि शिक्षक भी है तो एक पक्ष मेरा बहुत कमजोर रहा। किसी अधिकारी की खींचाई करने में हिचकिचाहट होती थी कि मेरा एक पक्ष शिक्षक का है। यही कारण है कि शिक्षक को पीछे से गाली देते हो किंतु मुझे देखकर गाली नहीं दी। यह दुर्भाग्य है कि लोग हमेशा उल्टा बोलते हैं, जब मैं शिक्षक था तो लोग पत्रकार कहते थे। अब मैं शिक्षक हूं ही नहीं और पत्रकार हूं तो लोग शिक्षक ही बोलते हैं। तब थोड़ा थोड़ा फील होता है कि 40 सालों तक गाली सहन कर ली अब तो गाली मत दो।
कुछ तो ऐसे लोग ऐसे भी है शब्द प्रयोग करते हैं मास्टर जी। जब मैं रेवाड़ी के सतरीश पब्लिक कालेज से 1986-87 में बीएड करता था तब भी यही एक शिक्षक पढ़ाते थे जो प्राय कहा करते कि अब तो मास्टर कहलाना दुर्भाग्यपूर्ण बन गया है। क्योंकि समाज ढोलक पीटने वाले को भी मास्टर जी कहते हैं, बैंड बजाने वाले को भी मास्टर जी कहते हैं, कपड़े सिलने वाले को भी मास्टर जी कहते हैं, गधे चराने वाले को भी मास्टर जी कहते हैं और किसी बुराई में अव्वल रहने वाले को भी मास्टर कहते हैं। ऐसे में जब मास्टर बोलते हैं तो कई विचार दिमाग में उभर कर आते हैं। मुझे एक बार का वाक्या याद है- किसी दुकान पर मैं खड़ा हुआ था तभी एक व्यक्ति आया जिनके होठों पर निशान थे। देखने में मैले कुचैले कपड़े पहने हुए था। उसके आते ही दुकानदार ने कहा -आओ मास्टर जी। मैंने उसकी तरफ देखा और मैंने उत्सुकतावश पूछ ही लिया कि आप किस स्कूल में काम करते हैं? उसने पहले तो आनाकानी की, कहा-मैं कहीं शिक्षक नहीं, तो दुकानदार से पूछा- भाई -इसे मास्टर जी कह रहे हो और यह तो अपने आप को मास्टर नहीं बताते? उन्होंने कहा कि देखो तुम्हें दिखाई नहीं देता, इसके होठों पर निशान हैं, यह बैंड मास्टर है, बैंड बाजा बजा कर इसके होठों पर निशान पड़ गए हैं। मुझे बड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई कि कहां एक शिक्षक जिसे भगवान से ऊंचा मानते हैं और कहां एक बैंड बजाने वाला। दोनों पास खड़े हैं और दोनों को मास्टर जी कहा जा रहा है।
कुछ लोगों की एक टोंटिंग की आदत बन गई है कि दूसरे को टोंटिंग करके बोलना। और यह आदत समाज में बिगड़ती ही जा रही है। जब कोई इंसान कुछ ऊंचाई छूने को निकले तो उसे उल्टा सीधा, उसकी बुराइयां करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। इसलिए एक जगह प्रसंग सुनते आये हैं कि जब तुलसीदास ने रामचरितमानस 2 साल 6 महीने से अधिक समय में पूर्ण किया और उन्हें उपाधि मिली- संत शिरोमणि महाकवि तुलसीदास तो उन्होंने सोचा क्यों न एक ग्रंथ लेकर अपने गांव में एक बार मिलने के लिए जाया जाए। लोग उसका बड़ा आदर करेंगे। जब गांव के पास एक रामचरितमानस ग्रंथ सिर पर रखकर पहुंचा तो दूर से लोग देखकर चिल्लाये- अरे वाह तुलसियो आ गया तुलसियो आ गया। तुलसीदास को बड़ा दर्द हुआ कि एक और जहां उन्हें संत शिरोमणि महाकवि जैसी कितनी उपमाओं से नवाजा जाता है और ये लोग हैं जिनकी आदत आज तक नहीं बदली। तुलसिया, तुलसिया करते हैं? उन्होंने ग्रंथ वही पटक दिया और वापस चला गया और एक दोहा लिखा-
तुलसी कभी न जाइयो, अपन पुरानो गांव।
गुण औगण जाने नहीं, लेत पुरानो नाम।।
आज भी समाज शिक्षक को हेय दृष्टि से देखा है। इसलिए जब भी कोई मुझे आज के दिन जब मैं शिक्षक नहीं हूं शिक्षक की नजर से बोलता है, शिक्षक की नजर से देखता है तो मुझे थोड़ा फील होता है और मन में एक विचार आता है कि ये लोग नहीं सुधरेंगे क्योंकि इनकी आदत बन चुकी है। आज भी पुराने ढर्रे पर चले आ रहे हैं कि शिक्षक का जब तक शिक्षक रहा तो शिक्षक कहने से लोग हिचकिचाते रहे और अब पत्रकार हूं तो शिक्षक कहते हुए शर्माते नहीं। समाज में एक लिखा पड़ा व्यक्ति भविष्य में मेरे मर जाने के बाद भी यह नहीं कहेगा कि इन्होंने मेहनत नहीं कि? इन्होंने विद्यार्थियों को पढ़ाया नहीं? यह कहेगा कि बच्चों को खूब पढ़ाया परंतु यह भी कह सकते हैं कि खूब पीटा क्योंकि जब बच्चे को डर नहीं होगा तब तक विद्यार्थी, शिक्षक का कहना नहीं मानेंगे। न ही काम करेेंगे और काम नहीं करेंगे तो सफलता नहीं छू पाएंगे। यही कारण है कि विद्यार्थियों को पीटना भी पड़ता है, विद्यार्थियों को सुधारने के लिए ऐसा किया जाता है ताकि वो लिख पढ़कर मां-बाप का नाम रोशन करें, इसलिए थोड़ा बहुत पीटा जाता है। पीटने से शिक्षक का खून नहीं बढ़ता है, पीटने से शिक्षक का खून तो घटता है क्योंकि क्रोध में आता है। ऐसे में शिक्षक अगर पीटता है तो उसे प्रसाद समझकर जो विद्यार्थी आगे बढ़ गए वो कभी पीछे मुड़कर नहीं देखते, ऊंचाइयों को छू गए। और जिसने पीटाई को मार समझा, उन पर वक्त की वह मार पड़ी कि अधिकांश फीसड्डी होते-होते एक दिन या तो स्कूल छोड़ गए या फिर अपनी रेहड़ी लगाने को मजबूर हो गए। शिक्षक को सम्मान की दृष्टि से देखे तो भारत महान बन सकता है क्योंकि दुनिया का हर पढ़ा लिखा इंसान जरूर किसी शिक्षक से पढ़ा होगा। बगैर गुरु के ज्ञान नहीं मिलता, गुरु का अपमान, शिक्षक का अपमान करने वाला तीन जहां से मान सम्मान खोकर नरक के द्वार पर भटकता फिरता है। शिक्षक का अपनी गरिमा होती है उसकी गरिमा कायम रखने में मददगार बनिये।
चोरी का सामान खरीदने का आरोपित गिरफ्तार, नकदी बरामद
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कनीना की आवाज। थाना शहर कनीना की पुलिस टीम ने चोरी का सामान खरीदने वाले आरोपित कृष्ण उर्फ काले वासी देवसर चुंगी भिवानी को गिरफ्तार किया था और न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया था। आरोपित ने चोरी का सामान खरीदा था। रिमांड के दौरान पूछताछ में पुलिस ने आरोपित के पास से 3 हजार पांच सौ रुपए की नकदी बरामद की है। आरोपित को आज न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
मामले में पुलिस द्वारा पहले पांच आरोपितों मनोज वासी भिवानी, अजय उर्फ खान वासी भिवानी, राकेश वासी भिवानी, अनिल वासी भिवानी और जगमिंदर वासी भिवानी को गिरफ्तार किया था।
शिकायतकर्ता नरेश कुमार वासी वार्ड न. 1कनीना ने शिकायत दी कि उसके खेत कनीना से सीहोर रोड के बीच से उन्हानी की ओर जाने वाले रास्ते पर है। दिनांक 9 जुलाई की रात्रि को कपास की फसल में 40 पम्पो पर लगी 13 पीतल की नोजल में फसल में पानी की लाइन लगाकर वह अपने घर चला गया था। सुबह करीब 6 बजे जब वह अपने खेत पंहुचा तो पाइप टूटे हुए थे और कुछ पम्प व नोजल अज्ञात चोर अपने साथ ले गए। इनमे से 7 नोजल पड़ोसी के खेत में मिली। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसकी करीब 15 पम्प व 6 नोजल चोरी हो गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।
आठवें दिन भी शव इंतजार करता रहा दाह संस्कार का
-अंतिम संस्कार को लेकर हैं परिजन और पुलिस आमने सामने
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कनीना की आवाज। बीते शनिवार को 26 वर्षीय बाघोत निवासी मोहित के आत्महत्या करने के बाद परिजन और पुलिस प्रशासन में विवाद 8 दिनों तक नहीं सुलझा पाया है। न तो पुलिस परिजनों द्वारा दी गई शिकायत को दर्ज कर रही है और न ही परिजन शव को लेने के लिए तैयार हैं। 8 दिनों में जहां एक बार प्रशासन परिजनों के पास पहुंचा है और लंबी चर्चा के बाद बैरंग ही लौट आया। जहां परिजन अपनी बात पर अडिग है और उनका कहना है कि जब तक मोहित के कातिलों के विरुद्ध मामला दर्ज नहीं किया जाता तब तक वे शव को नहीं लेंगे, 12 दिनों तक प्रशासन का इंतजार करेंगे। उधर पुलिस का कहना है कि आत्महत्या में जिन लोगों का हाथ परिजन बता रहे हैं उसका कोई प्रमाण चाहिए और प्रमाण न होने पर वो मामला दर्ज नहीं कर रहे हैं। आखिर दोनों के बीच गुत्थी सुलझती नजर नहीं आ रही है। दोनों में से कोई भी झुकने का नाम नहीं ले रहा है। शव आठ दिनों से शवगृह कनीना में रखा हुआ ह। शायद प्रदेश का यह पहला मामला होगा जब शव को इतने लंबे समय से शवगृह में रखा हुआ है जिसमें पुलिस द्वारा मामला दर्ज न करने के कारण शव परिजन न ले रहे हो। जहां परिजन जिन लोगों पर आरोप लगा रहे हैं वे लोग भी अभी तक सामने नहीं आ रहे हैं। यही कारण है कि संशय बरकरार है कि आखिर कैसे समस्या को सुलझाया जाए। परिजन बार-बार एक ही बात कह रहे हैं कि 12 दिनों के बाद सुप्रीम कोर्ट की शरण ली जाएगी। तब तक वे किसी हाल में शव का का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। मामला आए दिन उलझता ही जा रहा है। जहां परिजन कभी कबार कनीना अस्पताल आते हैं और चले जाते हैं वहीं पुलिस प्रशासन के कर्मी दिन भर शवगृह के सामने बैठे दिखाई देते हैं। अभी शव को कितने दिनों तक अंतिम संस्कार के लिए और इंतजार करना पड़ेगा यह भविष्य के गर्भ में छुपा है।
कनीना की मतदाता सूची पर दावे व आपत्ति का एक दिन शेष
-रविवार को भी दर्ज किए जा सकेंगे दावे व आपत्ति
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कनीना की आवाज। नगरपालिका कनीना की फोटोयुक्त मतदाता सूची पर 23 दिसंबर तक दावा व आपत्ति की जा सकती है। नागरिकों को मौका देने के लिए रविवार को भी दावे व आपत्तियां दर्ज करने के लिए संबंधित कार्यालय खुले रहेंगे।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त डा. विवेक भारती ने बताया कि हरियाणा नगर पालिका निर्वाचन नियमावली 1978 के नियम 4 (3) के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित किए गए विभिन्न स्थानों पर दावे व आपत्ति कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस मतदाता सूची के संबंध में अगर कोई नागरिक अपने दावे पर आपत्तियां दर्ज करना चाहता है तो वह रिवाइजिंग अथारिटी के समक्ष 23 दिसंबर तक प्रस्तुत कर सकता है। इसके बाद किसी भी प्रकार के दावे व आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 27 दिसंबर तक रिवाइजिंग अथॉरिटी इन दावे व आपत्तियों का निपटान करेंगे।
आगामी 31 दिसंबर तक अगर कोई नागरिक रिवाइजिंग अथारिटी के फैसले से संतुष्ट नहीं है तो वह उपायुक्त के समक्ष अपील कर सकता है। 3 जनवरी को उपायुक्त कार्यालय में इन सभी अपीलों का निपटान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 6 जनवरी 2025 को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया जाएगा।
कनीना नगर पालिका के लोग यहां करें दावे व आपत्ति दर्ज-
पुनरीक्षण प्राधिकारी कनीना-एवं- उपमंडल अधिकारी (नागरिक) कनीना अमित कुमार ने बताया कि वार्ड नंबर 1 से 14 तक अगर किसी नागरिक को इस मतदाता सूची पर कोई दावा या आपत्ति करनी है तो वह नगर पालिका कनीना के नए कार्यालय में मतदाता सूचना एवं संग्रह केंद्र में दावे व आपत्ति कर सकता है।
कनीना नगर पालिका मतदाता सूचियों का यहां कर सकते हैं निरीक्षण-
एसडीएम ने बताया कि मतदाता सूची का निरीक्षण उपायुक्त कार्यालय, एसडीएम कार्यालय कनीना, नया भवन नगर पालिका कार्यालय कनीना व सभी स्थापित मतदाता सूचना एवं संग्रह केंद्रों में कर सकते हैं। निरीक्षण पूरी तरह से निशुल्क है।
राष्ट्रीय गणित दिवस -22 दिसंबर
प्रसिद्ध गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के रूप में मनाया जाता है गणित दिवस
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कनीना की आवाज। भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जन्मदिन को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस की घोषणा 2012 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की थी। हर वर्ष राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है। 2017 में आंध्र प्रदेश के चित्तूर एवं कुप्पम में रामानुजन मठ पार्क भी स्थापित किए गए हैं। आज के दिन विद्यार्थी गणित से कुछ दूर भागते हैं जबकि भारत के इस गणितज्ञ ने वह खोज की जो आज भी विदेशों तक शोध का आधार बने हुए हैं। इस संबंध में कुछ गणित के जानकारों से बात हुई --
**बेशक वर्तमान पीढ़ी गणित से कुछ दूर भागती हो किंतु गणित बहुत आसान विषय है। गणित को अगर सही ढंग से पढ़ा जाए तो निसंदेह हर विषय की समस्याओं को हल करने की चाबी के रूप में कार्य करेगा। जिस प्रकार रामानुजन ने 32 वर्ष के अल्प जीवन काल में 3900 समीकरण और सर्वसमिकाओं का संकलन किया है, पाई की अनंत श्रेणी शामिल की गई, अनेक सूत्र भी प्रदान किये चुनौती पूर्ण गणित की समस्याओं को हल करने के लिए नए विचार प्रस्तुत कर गणित को आसान से भी आसान विषय सिद्ध करके दिखाया। चाहे उनका 32 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था किंतु वह एक ऐसी शिक्षा और ज्ञान का सागर दे गए जिस पर सदियों तक शोध किया जाता रहेगा। आज भी विद्यार्थियों द्वारा उनसे शिक्षा लेकर आगे बढ़ाना चाहिए।
--- राजकुमार मुख्य अध्यापक एवं गणित के पूर्व शिक्षक
गणित से डरना बुरी बात है किंतु गणित के साथ खेलने से यह विषय एक सुंदर खेल का माध्यम बन जाता है। गणित से जो डरकर दूर भागता है उतना ही गणित में कमजोर हो जाता है लेकिन जो गणित के गहराई तक जाने का प्रयास करता है वह अंतत: गणित में पारंगत हासिल कर लेता है और उसकी पहचान प्रतिभावान के रूप में की जाती है। श्रीनिवास रामानुजन छोटी उम्र में गणित में पारंगत हो गये थे। उनकी गणित के प्रति रुचि ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचा दिया। उनके ज्ञान सागर की ओर ध्यान देकर आगे बढऩा चाहिए। तभी गणित आसान विषय बन सकता है।
--- मनोज कुमार गणित के जानकार
गणित बहुत बड़ा विषय है। गणित की छोटी-छोटी समस्याओं को हल करने में यदि ध्यान दिया जाए तो सही मायने में इंसान का ज्ञान निखर कर सामने आएगा। गणित से दूर भागना योद्धा के समान है जो युद्ध की विभीषिका देखकर डर के मारे भाग रहा हो लेकिन जिस प्रकार एक योद्धा युद्ध में पूरे हौसले के साथ उतरता है तो जीत उसके कदमों को चूमती है। इसी प्रकार गणित में जो भी इंसान डुबकी लगाएगा वह निश्चित रूप से गणित रूपी ज्ञान का मोती ज्ञान रूपी सागर की गहराइयों से निकाल कर लाएगा। गणित पढऩा अरुचिकर नहीं अपितु रुचिकर लगेगा और गणित अपने आप में एक अच्छा ज्ञान का सागर इंसान को दे पाएगा।
-- संतोष कुमारी गणित की जानकार
गणित को सरल तरीके एवं छोटी छोटी बातों से बड़ी बातों की ओर ले जाने पर विद्यार्थी आसानी से सीख सकते हैं। गणित में अगर एक बार रुचि जागृत हो जाए तो गणित सबसे सरल विषय बन सकता है।
--अरविंद कुमार, गणित के जानकार
फोटो कैप्शन: संतोष कुमारी, मनोज कुमार, राजकुमार, अरविंद कुमार
जमकर आ रहे हैं दावे और आपत्तियां
-प्रतिदिन 200 के पार आते हैं दावें एवं आपत्तियां
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कनीना की आवाज। कनीना नगर पालिका के भावी चुनावों के दृष्टिगत कनीना नगर पालिका कार्यालय में प्रतिदिन 300 तक दावे और आपत्तियां आ रहे हैं। दावे और आपत्तियां ज्यादातर उन वोटर के आ रहे हैं जो एक वार्ड से दूसरे वार्ड में अपने वोट शिफ्ट करवाना चाह रहे हैं। यहां उल्लेखनीय के अभी तक 13 वार्ड होते थे किंतु जब 14 वार्ड बनाए तो इधर-उधर वोट पटक दिये। एक ही परिवार के कुछ सदस्यों के वोट दो दो वार्डों में डाले हुए हैं। यही कारण है कि लोगों में रोष पनप रहा है और वे अपने निवास स्थान वाले वार्ड में आना चाह रहे हैं। जहां दावे और आपत्तियां 23 दिसंबर तक दिए जा सकते हैं, तत्पश्चात उनका समाधान किया जाएगा। ऐसे में लोग दावें और आपत्तियां लगातार सुबह से शाम तक दे रहे हैं। सबसे बड़ी बात हैं कि दावें और आपत्तियां में विशेष भागीदारी चुनाव लडऩे की इच्छुक निभारहे हैं। वे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भाग ले रहे हैं।
यही एक कारण है कि फोटो स्टेट की दुकानों पर भीड़ लगती है। जहां 14 वार्डों की सूचियां दिनभर बिक रही है वहीं चुनाव लडऩे वाले, वार्डों की सूचियां ले जा रहे हैं। वहीं फरवरी माह में चुनाव होने की पूरी संभावना बन गई है।
फोटो कैप्शन 02: दावें और आपत्तियां जमा करते हुए वोटर व अधिकारी
दूर तक नजर आने लगे हैं सरसों पर पीले फूल
-मौसम ले रहा है करवट
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में मौसम लगातार बदल रहा है। प्रतिदिन नये रूप में मौसम के नजारे नजर आते हैं। गत दिनों से मौसम साफ रहा, कोई धुंध और कोहरा कनीना क्षेत्र में नहीं पड़ा किंतु शनिवार सुबह हल्का कोहरा देखने को मिला। यहां तक की पूरे कनीना की सिंचित भूमि पर सरसों के फूल और गेहूं के खेत नजर आते हैं। सरसों में फूल आने से अब किसान प्रसन्नचित नजर आने लगे हैं वही फूलों का आना बसंत पंचमी का द्योतक है। इस बार बसंत पंचमी 02 फरवरी 2025 को पड़ रही है। कहने को तो बसंत पंचमी पर सबसे अधिक फूल खिलते हैं किंतु अभी से सरसों के भारी मात्रा में फूल आ गए जिससे नहीं लगता कि बसंत पंचमी तक ये फूल टिक पाएंगे। उधर गेहूं की फसल भी अब खेतों में खड़ी दिखाई देने लगी है जिसको लेकर किसान खुश है। किसानों का मानना है की मौसम अनुकूल चल रहा है, जहां ठंड भी पड़ रही है। ऐसे में आने वाले समय में यदि मौसम अनुकूल रहा तो अच्छी पैदावार होने की संभावना हैं।
कनीना क्षेत्र में इस बार जहां सरसों के अच्छे भाव मिलने के कारण विगत वर्ष से थोड़ा सा अधिक क्षेत्रफल पर सरसों उगाई है। करीब 20,000 हेक्टेयर पर सरसों की फसल उगाई गई है जबकि गेहूं के प्रति किसानों का रुझान कम है। इस बार गेहूं 10 हजार एकड़ के करीब है। ऐसे में किसानों का रुझान सरसों की ओर है। सरसों में इस समय खेतों में पीले फूलों से लगने लगे है, जहां मधुमक्खी पालन करने वाले लोग भी दूर दराज से आने लगे हैं। धुंध एवं कोहरा पडऩा भी किसान और कृषि वैज्ञानिक अच्छा मानते हैं ताकि खेत में नमी कायम रहे। यदि धुंध और कोहरा नहीं पड़ते तो सूखी ठंड फसल के लिए घातक साबित हो सकती है। कनीना व्यापार मंडल प्रकोष्ठ के उप प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया कि गेहूं का समर्थन मूल्य 2375 रुपये जबकि सरसों का 5950 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है।
एसडीओ
कृषि महेंद्रगढ़ डा अजय यादव का कहना है कि अभी तक मौसम अनुकूल चल रहा है जिसके चलते सरसों की अच्छी पैदावार होने के संकेत है।
किसान राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार, कृष्ण कुमार, महेंद्र सिंह, देवेंद्र, सुनील एवं सूबे सिंह आदि ने बताया कि खेतों में अच्छी फसल लहलाने लगी है और आने वाले समय में अच्छी पैदावार होने के संकेत मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि दिन में ताप अधिक रहता है तो रात को कड़ाके की ठंड पड़ती है।
फोटो कैप्शन 02: खेतों में पीले फूलों वाली सरसों की खड़ी फसल।
कनीना नगर पालिका चुनाव
-जल्द ही वार्डों का आरक्षण होने की उम्मीद, 21 फरवरी से पहले चुनाव प्रक्रिया पूर्ण करने का आदेश
-चुनाव लडऩे वाले सक्रिय, ईवीएम मशीनों से होगा चुनाव
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कनीना की आवाज। फरवरी माह में संभावित नगरपालिका कनीना के चुनावों के दृष्टिगत जहां चुनाव लडऩे वालों में सक्रिय हो गये हैं। वही वार्डों का आरक्षण भी जल्द ही होने की संभावना जताई जा रही है। यदि समाचार पत्रों की माने तो दो दिनों में वार्डों का आरक्षण होना सुनिश्चितता हुआ था किंतु पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के निधन के बाद सब कुछ आगे सरकता नजर आ रहा है। जहां वार्डों के आरक्षण के बाद ही चुनाव लडऩे वालों में तेजी आएगी क्योंकि प्रधान पद का चुनाव डायरेक्ट होगा इसलिए प्रधान पद के दावेदार अधिक हैं तथा पार्षद पद के लिए कम दावेदारी जताई जा रही है। वैसे भी पार्षद का चुनाव लडऩे वालों के दिमाग में एक ही बात है कि क्यों नहीं प्रधान पद का चुनाव लड़ा जाए? यही कारण है कि इस बार प्रधान पद के चुनाव के लिए सबसे अधिक प्रत्याशियों की होने की उम्मीद है। चुनाव ईवीएम मशीन से होंगे। यही कारण है कि चुनाव लडऩे वाले ज्यादा खुश नजर आ रहे। प्रथम पालिका प्रधान के रूप में चौधरी बलबीर सिंह तो निवर्तमान 10वे प्रधान सतीश जेलदार रह चुके हैं। अब 11वें प्रधान बनाए जाने के लिए चुनाव होंगे।
उधर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में डाली गई एक याचिका के अनुसार 21 फरवरी से पहले पहले चुनाव प्रक्रिया पूर्ण करने का चुनाव आयोग ने समय मांगा है। इससे पूर्व चुनाव प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी।
वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के पात्र नागरिक क्रिड डेस्क पर करें संपर्क-एडीसी
-तहसील कार्यालय, उप मंडल कार्यालय तथा एडीसी कार्यालय में स्थापित किए गए क्रिड डेस्क
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कनीना की आवाज। जिला में 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके वे बुजुर्ग जो वृद्धावस्था सम्मान भत्ता पेंशन बनवाना चाहते हैं वे अपनी आयु वेरीफिकेशन के लिए तहसील कार्यालय, उप मंडल कार्यालय तथा एडीसी कार्यालय में स्थापित किए गए क्रिड डेस्क पर संपर्क करें।
यह जानकारी देते हुए अतिरिक्त उपायुक्त एवं जिला नागरिक संसाधन सूचना अधिकारी डॉ आनंद कुमार शर्मा ने बताया कि क्रिड डेस्क पर वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के लिए सबसे पहले बुजुर्ग की आयु की वेरिफिकेशन की जाएगी। इसके अलावा पति-पत्नी की वार्षिक आमदनी 3 लाख रुपए से कम होनी चाहिए। ये वेरिफिकेशन भी क्रिड द्वारा की जाती है। वेरिफिकेशन के दौरान यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि पात्र नागरिक के बैंक अकाउंट एक्टिव हो।
एडीसी ने बताया कि हरियाणा सरकार ने सिस्टम में पारदर्शिता लाने तथा पात्र नागरिकों को समय पर लाभ देने के लिए वृद्धावस्था सम्मान भत्ता को प्रोएक्टिव मोड पर शुरू किया हुआ है।
एडीसी ने बताया कि इस नए सिस्टम से राज्य का जो भी नागरिक 60 वर्ष की आयु पर कर लेता है तो नागरिक संसाधन सूचना विभाग चंडीगढ़ से जिला में सूची भेजी जाती है। इसके बाद पात्र नागरिकों की वृद्धावस्था सम्मान भत्ता बनाने के लिए जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा आगे की कार्रवाई शुरू की जाती है।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा पेंशन बनाने से पहले क्रिड द्वारा यह सभी बातें वेरीफाई की जाती हैं तथा इसके बाद ही नागरिक इस योजना का पात्र होता है। सभी प्रकार की वेरिफिकेशन होने के बाद जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से संबंधित पात्र नागरिक की पेंशन बनाई जाती है।
बसपा नेता ने जताया चौ ओमप्रकाश चौटाल निधन पर शोक
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कनीना की आवाज। बसपा नेता अतरलाल एडवोकेट ने पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी औमप्रकाश चैटाला के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके निधन को प्रदेश व देश के लिए अपूर्णीय क्षति बताया है।
अतरलाल ने औमप्रकाश चैटाला को जननायक बताते हुए कहा कि वे किसान, कमेरा, मजदूर, दलित, शोषित वर्ग के लोगों के सच्चे हितैषी थे। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने पीडि़त तथा उपेक्षित वर्गों की भलाई के लिए अनेक योजनाएं बनाई तथा कार्य किए। वे कार्यकर्ताओं का सम्मान करते थे। हरियाणा के विकास में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
नव वर्ष पर भेजे बधाई संदेश
- मामूली से खर्चे पर प्रकाशित होंगे बधाई संदेश
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कनीना की आवाज। नव वर्ष 2025 को समाचार पत्र में बधाई संदेश मामूली से खर्चे पर प्रकाशित होंगे। प्रत्येक व्यक्ति को 1000-1000 रुपये देने होंगे साथ में अपना बधाई भेजना होगा। इसके लिए एक पासपोर्ट साइज फोटो तथा नये साल का संदेश देना होगा। यदि बधाई संदेश छपवाना है तो 28 दिसंबर से पहले पहले फोन पे के जरिए राशि 94 16348 400 पर एक हजार रुपये भेजें तथा इसी नंबर के व्हाट्सएप पर अपनी पासपोर्ट साइज फोटो और संदेश भेजें।
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