7 जनवरी 2025 तक एफआईआर दर्ज करने का करेंगे इंतजार
-तत्पश्चात पहुंचेंगे उच्च न्यायालय, अवकाश होने के कारण 7 जनवरी को जाएंगे कोर्ट
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कनीना की आवाज। कनीना उप मंडल के गांव बाघोत में 14 दिसंबर को 26 वर्षीय युवक मोहित ने आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा दिया था किंतु परिजनों ने 8 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाने की शिकायत दी, किंतु पुलिस ने प्रमाण मांगे। उधर परिजनों ने कहा कि पहले मामला दर्ज किया जाए तभी वह शव का अंतिम संस्कार करेंगे। लेकिन पुलिस प्रशासन ने पहले प्रमाण मांगे। परिणाम यह निकला दोनों के बीच लगातार खींचतान चल रही है। दोनों में से कोई झुकाने वाला नहीं है। ना तो पुलिस एफआईआर दर्ज कर रही है न ही परिजन शव का अंतिम संस्कार कर रहे हैं।
फोन पर कैलाश पुजारी ने बताया कि वे हाई कोर्ट में जाना चाहते थे किंतु पता लगा कि 7 जनवरी तक हाई कोर्ट के अवकाश है, जिसके चलते हुए 7 जनवरी को ही अब हाई कोर्ट जाएंगे। तब तक पुलिस प्रशासन का इंतजार करेंगे, यदि पुलिस प्रशासन 7 जनवरी तक 8 लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर लेता है तो शव का अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा वरना शव को नहीं लेंगे। उल्लेखनीय है कि बाघोत गांव में जहां कैलाश पुजारी के घर भारी संख्या में लोगों का आवागमन चला और 12 दिनों तक मातमी माहौल में बैठे रहे। इसी दौरान पुलिस प्रशासन भी परिजनों को शव लेने के लिए मनाता रहा किंतु कैलाश पुजारी अपनी बात पर अडिग रहे और कहा कि पहले मामला दर्ज किया जाए तभी शव को लेंगे। बहरहाल आज 12 दिन पूरे हो चुके हैं किंतु अभी तक शव का अेतिम संस्कार नहीं हुआ है। कनीना के शवग्रह में शव रखा है और परिजन शव को लेने से अभी भी इंकार कर रहे हैं।
नव वर्ष पर भेजे बधाई संदेश
- मामूली से खर्चे पर प्रकाशित होंगे बधाई संदेश
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कनीना की आवाज। नव वर्ष 2025 को समाचार पत्र में बधाई संदेश मामूली से खर्चे पर प्रकाशित होंगे। प्रत्येक व्यक्ति को 1000-1000 रुपये देने होंगे साथ में अपना बधाई भेजना होगा। इसके लिए एक पासपोर्ट साइज फोटो तथा नये साल का संदेश देना होगा। यदि बधाई संदेश छपवाना है तो 28 दिसंबर से पहले पहले फोन पे के जरिए राशि 9416348400 पर एक हजार रुपये भेजें तथा इसी नंबर के व्हाट्सएप पर अपनी पासपोर्ट साइज फोटो और संदेश भेजें।
अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर किया याद
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कनीना की आवाज। बुधवार को वार्ड नंबर-7 में जनशक्ति विकास संगठन के द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100 वीं जयंती मनाई गई।
जनशक्ति विकास संगठन के अध्यक्ष दीपक कुमार वशिष्ठ ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे। 25 दिसंबर का ये दिन भारतीय राजनीति और भारतीय जनमानस के लिए एक तरह से सुशासन का अटल दिवस है। वे देश के लोगों को प्रेरित करते रहे हैं।अटल बिहारी वाजपेयी दशकों तक भाजपा का बड़ा चेहरा थे और पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने बतौर क्करू कार्यकाल पूरा किया। अटल बिहारी वाजपेई चार राज्यों की छह संसदीय सीटों का प्रतिनिधित्व करने वाले एकमात्र राजनेता थे।उन्होंने 1977 से 1979 तक प्रधानमंत्री मोराजी देसाई के मंत्रिमंडल में भारत के विदेश मंत्री के रूप में भी काम किया। विदेश मंत्री बनने के बाद वाजपेई पहले ऐसे नेता थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासंघ को हिंदी भाषा में संबोधित किया। इनके नेतृत्व में दूसरा परमाणु परीक्षण भी राजस्थान के पोखरण में हुआ था। आज की युवा पीढ़ी उनको एक महान राजनेता के रूप में याद करती है। अटल बिहारी वाजपेई एक ऐसे नेता रहे हैं जो संसद संसद के अंदर विपक्षी नेताओं के साथ खूब बहस बाजी होने के बाद भी संसद के बाहर आकर मजाकिया अंदाज में उनसे मिलते थे। भविष्य की आने वाली पीढिय़ां भी उनके जीवन से बहुत कुछ सीखेंगी। अटल बिहारी वाजपेई आज के युवा पीढि़ के एक आदर्श है। वे हमेशा देश के युवाओं के दिल पर राज करते रहेंगे। इस मौके पर जनशक्ति विकास संगठन के सदस्य सुरेश कुमार वशिष्ठ, पूर्व महिला जिला उपाध्यक्ष कमलेश, अमित कुमार, विशाल दीक्षित और वीरेंद्र चौहान मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04: अटल बिहारी को याद करते हुए लोग।
रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा का 5वां त्रिवार्षिक राज्य सम्मेलन संपन्न
-सरकार ने जल्द ही रिटायर कर्मचारियों की मांगें नहीं मानी तो होगा बड़ा आंदोलन -मास्टर वजीर सिंह
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कनीना की आवाज।रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा का 5वां त्रिवार्षिक राज्य सम्मेलन सर्व कर्मचारी संघ कार्यालय रोहतक में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान धर्मवीर फोगाट की देखरेख में संपन्न हुआ। जिसमें मास्टर वजीर सिंह को प्रधान, रत्न कुमार जिंदल को महासचिव, मनोहर लाल जाखड को कोषाध्यक्ष व बलवान सिंह को वरिष्ठ उप प्रधान चुना गया। समस्त आम सभा ने राज्य कार्यकारिणी गठित करने का अधिकार चारों पदाधिकारीयों को दिया गया। निवर्तमान उपमहासचिव धर्मपाल शर्मा ने बताया कि जिला महेन्द्रगङ से 9 प्रतिनिधियों ने सम्मेलन मे भाग लिया। जिला प्रधान घनश्याम शर्मा के नेतृत्व मे बिमला यादव पूर्व वरिष्ठ उपप्रधान हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ, धर्मपाल शर्मा निवर्तमान उपमहासचिव, रोशनलाल जिला सचिव, सुवालाल नारनौल खण्ड प्रधान, कर्णसिंह, होशियार सिंह, भूपसिंह जिला कोषाध्यक्ष ॠषिराज यादव ने राज्य सम्मेलन मे भाग लिया।प्रधान वजीर सिंह व महासचिव रत्न कुमार जिंदल ने सामुहिक रूप से जानकारी दी कि रिटायर कर्मचारी अपनी विभिन्न व लंबित मांगों को लेकर पिछले लंबे समय से संघर्षरत्त है, लेकिन सरकार उनकी मांगों की लगातार अनदेखी कर रही है। जिसके चलते उनमें रोष बना हुआ है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही सरकार ने रिटायर्ड कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं किया तो आने वाले समय में आन्दोलन करने पर मजबूर होंगे। अपनी मांगों बारे बताते हुए उन्होंने कहा कि कोमूट की गई राशि को न्यायालय द्वारा 10 वर्ष के बाद काटने पर रोक लगाने की नीति सभी कर्मचारियों पर लागू की जाए, पैशनर्स को 65 वर्ष की आयु पर 10 व 75 वर्ष की आयु होने पर 20 प्रतिशत की बेसिक वेतन वृद्धि दी जाए, मेडिकल भत्ता 3 हजार रुपये मासिक व बिना शर्त के पैशनर्स को कैशलैस मेडिकल सुविधा, सरकारी हस्पतालों में रिक्त पदों पर पूर्ण नियमित भर्ती करके इलाज करना सुनिश्चित किया जाए, वरिष्ठ नागरिको को एसी, वोल्वो समेत सभी बसों ,रेलवे व हवाई यात्रा में किराए में रियायती सुविधा लागू की जाए,.पैंशनर्ज व पारिवारिक पेंशनर्स को पुरानी पैंशन लागू की जाए व आय कर से मुक्त किया जाए, पैंशनर्स के परिवार को एलटीसी की सुविधा उपलब्ध की जाए, करोना काल का 18 माह का बकाया एरियर दिया जाए, न्यायालय के फैसले अनुसार 6 माह से ज्यादा सरकारी सेवा करने पर सेवानिवृत्त होने वाले सभी कर्मचारियों को एक वेतन वृद्धि दी जाए व कर्मचारी हित के सभी फैसलों को जनरलाइज किया जाए, रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु के बाद सामाजिक सुरक्षा के लिए दी जाने वाली बुढ़ापा पेंशन उनकी पत्नियों को दी जानी जारी रखी जाए।
फोटो कैप्शन: शपथ लेते पदाधिकारी
कनीना कृषि कार्यालय वापस कनीना लाने की मांग ने पकड़ा जोर
-चेलावास आने-जाने में हो रही है परेशानी
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कनीना की आवाज। कनीना में वर्षों से कृषि विभाग का कार्यालय स्थित था जो लगातार विभिन्न भवनों में कार्य कर रहा था। लेकिन जब से कनीना की नई अनाज मंडी चेलावास में शुरू हुई है तब से यह कार्यालय चेलावास में चला गया है। ऐसे में किसानों को आवागमन में परेशानी होती है। अब तो किसानों में रोष पनपने लगा है और वापस इसे कनीना लाना चाह रहे हैं। जल्दी किसान उच्च अधिकारियों को पत्र लिखेंगे तथा आरती सिंह राव से मिलेंगे ताकि यह कार्यालय चेलावास बणी से वापस कनीना में लाया जाए। इस संबंध में कुछ किसानों से चर्चा की गई जिनके विचार निम्न है -
**कनीना में सभी गांवों के किसान आसानी से आ जा सकते हैं किंतु चेलावास तक पहुंचना बहुत कठिन है। कृषि कार्यालय को चेलावास स्थित कनीना अनाज मंडी में स्थानांतरित कर दिया। ऐसे में आने-जाने की परेशानी उठानी पड़ रही है। इसे कनीना वापस स्थानांतरित किया जाए।
-- सूबे सिंह किसान
कनीना चारों ओर से विभिन्न गांवों के सड़क मार्गों से जुड़ा हुआ है और विभिन्न गांवों के बीच में स्थित है। इसलिए चेलावास की बजाय जो वर्षों से कार्यालय कनीना में स्थित था उसे चेलावास स्थानांतरित कर देना किसानों के साथ अन्याय है। कनीना तक विभिन्न किसानों का पहुंचना आसान होता है। ऐसे में कार्यालय को अविलंब कनीना स्थानांतरित किया जाए।
-- देवेंद्र बलिया, किसान
कनीना के किसान चेलावास तक पहुंचने में बड़ी दिक्कत महसूस कर रहे हैं। अपने वाहनों के द्वारा ही वहां तक पहुंचा जा सकता है। कृषि कार्यालय से कई काम किसानों को पड़ते हैं। यदि इस कार्यालय को वापस कनीना नहीं लाया जाएगा तो किसानों का रोष पनपता ही चला जाएगा। इसे अभिलंब कनीना स्थानांतरित किया जाए ताकि किसानों को सुविधा हो सके।
-- भारत सिंह, किसान
किसानों को कृषि संबंधित जानकारी और बेहतर दर्जे के बीज प्राप्त करने के लिए अब कनीना की बजाय चेलावास जाना पड़ रहा है। कनीना में यदि कृषि कार्यालय हो तो आसानी से किसान पहुंच जाए। किसानों को समय और पैसे बर्बाद करके वहां जाना पड़ता है। कनीना की अनाज मंडी में किसान बड़ी मुश्किल से अनाज बेचने के लिए जाते हैं। ऐसे वहां पर कृषि कार्यालय स्थानांतरित करना उचित नहीं है। इसे वापस कनीना भिजवाया जाए।
-- किसान रामानंद
इस संबंध में एसडीओ कृषि डा. अजय से चर्चा हुई। उनका कहना है कि सरकार की हिदायतों अनुसार कृषि कार्यालय जो कनीना के विभिन्न किराये के भावना में चल रहा था उसे कनीना की अनाज मंडी में स्थानांतरित कर दिया है क्योंकि हरियाणा सरकार की सभी नई अनाज मंडियों में यही व्यवस्था की गई है। जहां भी अनाज मंडी होगी वहीं कृषि कार्यालय होगा। ऐसे में सरकार के नियम का पालन करना हम सभी का कर्तव्य है। सरकार किराये के भवनों में किराया वहन नहीं कर सकती।
-- एसडीओ महेंद्रगढ़, डा. अजय यादव
फोटो कैप्शन: रामानंद, देवेंद्र बलिया, भरत सिंह, सूबे सिंह
मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार-78
-जब पत्रकारिता की ईमानदारी 20 रुपये में परखने आया
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कनीना की आवाज। होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक अप्रैल 2024 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्होंने जहां करीब 40 सालों से शिक्षण कार्य किया वहीं उन्होंने पत्रकारिता भी लंबे समय से की है और पत्रकारिता भी साफ छवि, ईमानदारी से की है और आज भी है। आज तक किसी में कोई लांछन लगाने की हिम्मत नहीं है। जब प्रारंभ में पत्रकार बने तब एक स्कूल संचालक 20 रुपये में ईमानदारी की परखने आया और उसे अपना सा मुंह लेकर जाना पड़ा। आज वह इंसान इस दुनिया में है। यह कहानी क्या थी होशियार सिंह की जुबानी सुनिए-
जब मैं नया-नया पत्रकारिता में आया था। बात 1988-89 की है। जब छोटे-छोटे समाचारपत्रों में लिखना शुरू किया तत्पश्चात दैनिक ट्रिब्यून और बाद में दैनिक जागरण में लिखना शुरू किया। इनसे पहले राष्ट्रीय सहारा, पब्लिक एशिया, राजनीति मंच, नील कमल, हिंदुस्तान एवं न जाने कितने समाचारपत्रों में काम किया। साथ में पत्रिकाओं में भी लेखन कार्य चला। बात 1993 की है जब दैनिक जागरण समाचार पत्र में समाचार लिखना शुरू किया। पहले समाचार हाथ से लिखकर तब भेजे जाते थे, बाद में तो अनेकों सुविधाएं एक के बाद एक आई। इसी दौरान समाचार प्रकाशित करवाने के लिए एक स्कूल संचालक घर पर पहुंचे। छोटे से घर में जब मैं रह रहा था तो वह सीधा घर पहुंचा। वैसे भी अपने आप को बुद्धिमान समझता था। आज भी इस दुनिया में है। उन्होंने मुझे खबर बताई, मैंने समाचार हाथों से लिखना शुरू कर दिया और जब तक उसको चाय पानी पिलाया। समाचार पूरा हो गया। मैंने कहा अब यह समाचार भेज रहा हूं। जब समाचार लिख रहा था तो इसी दौरान उन्होंने अपनी जेब से 20 रुपये का नोट निकाल कर मेरे पैरों के पास डाल दिया। जब मेरी नजर पड़ी तो मैंने कहा यह 20 रुपये आपके गिरे हैं? आप इन्हें उठा लो। स्कूल संचालक ने कहा कि नहीं मेरे नहीं है ये आपके ही गिरे हैं? क्योंकि उस समय मुझे सूझ गई की 20 रुपये डालकर यह इंसान मेरी ईमानदारी को जांचना चाहता है। मैंने कहा-श्रीमान जी मेरे पास अभी पर्स नहीं है, पर्स भी दूर रखा होता है, रही बात 20 रुपये के नोट की, इस प्रकार का नोट मैं नहीं रखता, इसलिए यह नोट मेरा नहीं है। उन्होंने जिद्द की कि यह आपका ही है। मैंने कहा तो ठीक है यह समाचार कहीं और कहीं से प्रकाशित करवा ले क्योंकि यह नोट आपका हैं और आप जानबूझकर 20 रुपये डालकर यह सिद्ध करना चाहते हैं कि मैं 20 रुपये में खबर लिखवाई। आइंदा मेरे पास न आना। यह 20रुपये का नोट उठाओ और जाओ। उन्होंने 20 रुपये का नोट ले लिया परंतु यह कह कर ले लिए, चाहे किसी का हो, जब आप कह रहे हो तो मैं रख लेता हूं। परंतु निवेदन है समाचार लिख दो। उनका मैं समाचार तो प्रकाशित किया किंतु उसके जाने के बाद मैंने सोचा कि सचमुच इस इंसान ने 20 रुपये डालकर मेरी ईमानदारी की परख करनी चाही थी।
यही नहीं एक बार एक अनजाने व्यक्ति का फोन आया और पूछा की एक समाचार छपवाना है, छप जाएगा? मैंने पूछा- समाचार बताओ। उसने समाचार बताया। मैंने जवाब दिया कि बिल्कुल छाप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कितने रुपए लगेंगे? मैंने गुस्से में कहा कि अगर पैसे देकर छपवाना है तो तुमने गलत जगह फोन कर दिया। कृपया वहां जाइए जो पैसों में खबर छापते हैं? मेरे पास ऐसा काम नहीं है और आइंदा मेरे पास फोन भी नहीं करना। उन्होंने निवेदन किया कि मेरी एक बात सुनो। तब मैंने उसकी बात सुनी। उन्होंने बताया कि कुछ पत्रकार पैसे लेते हैं? मैंने तुरंत रोकते हुए कहा -ये बातें मेरे से न कहिए। पत्रकार कोई पैसे नहीं ले सकता, विज्ञापन के पैसे तो लगते ही हैं, समाचार का कोई पैसा नहीं लगता। इसलिए आप कृपया मेरे को फोन न किया करें।
यही नहीं बात 1995 की जब मैं दैनिक ट्रिब्यून में लिखता था। उस समय डा. राजेंद्र सिंह यदुवंशी शिक्षक निकेतन के निदेशक होते थे। उन्होंने मुझे बुलाया और बड़ा सम्मान देते हुए चाय आदि पिलाते हुए एक विज्ञापन दिया। विज्ञापन दैनिक ट्रिब्यून में छपना था, विज्ञापन छप गया। विज्ञापन छपने के बाद मुझे ध्यान नहीं है कि कितने रुपए थे बचे थे, शायद 10 रुपये से कम बच गए थे। मैं उनके पास निवेदन करके रुपये वापस करने गया कि आपसे जो पैसे लिए थे उसमें से कुछ रुपये बच गए हैं, ये अपने वापस ले लो। उन्होंने आश्चर्य से मेरी तरफ देखा और कहा कि कोई बात नहीं ये पैसा आप रख लो। मैं निवेदन किया कि मैं नहीं नहीं रख सकता। यद्यपि उन्होंने मेरी ईमानदारी की चर्चा डा. अजीत शर्मा से बताई। और वह मेरे इस भाव से बहुत अधिक प्रभावित हुए। अनेक को ऐसे और भी उदाहरण है जिनमें अपनी ईमानदारी का परिचय दिया। यह सत्य है कि पत्रकारिता में कुछ नहीं मिला, खर्चा बहुत अधिक आया क्योंकि पहले शिक्षक था इसलिए पैसे अपनी जेब से खर्च कर लेता था। विज्ञापन आदि कम मिलते थे इस कारण से खर्च अधिक होते हैं। जेब से ही वहन करने पड़ते थे और वर्तमान में तो पत्रकारों की बाढ़ आ गई जिसके कारण एक जाति विशेष का प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है और अब तो पैसे तो दूर फ्री में भी काम नहीं लेना चाहते। फ्री में भी कम एक जाति विशेष के लोगों से ही लेते हैं। बड़ा खेद होता है कि पत्रकारिता का कितना विकृत रूप बन गया है लेकिन यह सत्य है आने वाले समय में आनलाइन समाचार पत्र होंगे क्योंकि समाचार पत्रों की मांग धीरे-धीरे घटती जा रही है और कुछ समाचार पत्रों ने तो अभी से ही आनलाइन संस्करण शुरू कर दिये हैं। भविष्य में निश्चित रूप से आनलाइन संस्करण चला करेंगे। कोरोना कल में तो सभी समाचार पत्र आनलाइन ही चलते थे शिक्षण भी आनलाइन होता था। आने वाला समय भी बिल्कुल ऐसा ही होगा।
इत्तफाक ---
*** तो किसी के लेकर नहीं देने वाले और कमीशन खाने वाले, दूसरों का सिर फोडऩे वाले को ही वोट मिलेंगे?
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कनीना की आवाज। आज रास्ते मेंअजीब घटना घटी। एक बुजुर्ग ने कहा-रुक रुक। मास्टर सुना है तू भी चुनाव लड़ेगा।
मैने हां कह दी।
उसने कहा -तो ऐसे वोट थोड़ी मिलते हैं। सुना है तो पैसे नहीं खर्च करेगा।
मैने उत्तर दिया-ठीक कर रहे हो। मैं अनावश्यक पैसे खर्च नहीं करूंगा। दारू आदि नहीं पिलाऊंगा। ***तो ऐसे तो वोट नहीं मिलेंगे, उसका जवाब था।
मैंने कहा तो पैसे खर्च करने वाली पार्टी को भेज दूं। उसको जीता दोगे, खूब पैसे खर्च करेगा।
बुजुर्ग ने कहा -ना ऐसे तो नहीं।
मैंने पूछा तो फिर किसी के पैसे लेकर न देने वाले, कमीशन खाने वाले, दूसरों का सिर फोडऩे वाले को भेज दूं। उसको तो वोट मिलेंगे?
हां ऐसा तो लड़ झगड़ के वोट ले जाएगा।
बड़ी हंसी आई कि तुम क्या कहना चाहते हो? बुजुर्ग ने कहा- तुम्हारा काम नहीं देखा है?
तो मैंने कहा मैंने कई हजार विद्यार्थियों को पढ़ाया, कई हजार लोगों के समाचार छापे तो भी काम नहीं दिखाई दिया। और इसका मतलब है कि नये चेहरे कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे? और न चुनाव जीत पाएंगे तो फिर ऐसे करो कि पुराने वाले सभी को ही एक बार फिर से मौका दे दो। प्रधान सतीश जेलदार को बना दो और पार्षद जो भी थे उन्हें बना दो।
उसने कहा-ले भाई,तू ना माना तो चुनाव लड़ ले मैं तो वोट दे दूंगा।
मैंने कहा ठीक हैं अपने वोट दे दो मुझे ,फिर कोई चिंता नहीं, जीत मेरी हो जाएगी। और सुनो-मुझे हार जीत से मतलब नहीं है। मैं तो यह देखना चाहता हूं कि वोट किसको देते हैं? कौन अपना है और कौन पराया है।
केंद्र व राज्य सरकार ने अटल की सुशासन की परिकल्पना को चरितार्थ किया - डा. अरविंद कुमार शर्मा
-सरकार ने लोगों को दफ्तर, दस्तावेज व दरख्वास्त से निजात दिलाई
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कनीना की आवाज। प्रदेश के सहकारिता मंत्री डा. अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार ने अटल जी की सुशासन की परिकल्पना को सही मायने में चरितार्थ करने का काम किया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चल रही हरियाणा सरकार पंडित दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय के सिद्धांत पर चलते हुए प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। सरकार और प्रशासन दोनों मिलकर जनता को सुशासन देते हैं। यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
सहकारिता मंत्री आज सुशासन दिवस पर लघु सचिवालय में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। वहीं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुग्राम में आयोजित प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम से वर्चुअल माध्यम से प्रदेशवासियों को सुशासन का संदेश दिया।
इस मौके पर सहकारिता मंत्री ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को पुरस्कृत किया।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के चित्र पर पुष्प अर्पित करने के बाद जिला स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ अरविंद कुमार शर्मा ने सुशासन दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन विशेष महत्व रखता है क्योंकि आज भारत की दो महान विभूतियों, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयीए तथा महामना मदन मोहन मालवीय का जन्मदिन है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने बड़े विभागों में कर्मचारियों की आनलाइन ट्रांसफर नीति लागू कर देश के सामने सुशासन व्यवस्था का एक बड़ा उदाहरण प्रस्तुत किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अधिकतर सेवाओं व योजनाओं को आनलाइन करके लोगों को दफ्तर, दस्तावेज व दरख्वास्त से निजात दिलाई है और प्रदेश में सुशासन स्थापित हुआ है। आज कोई भी तबका विकास में पीछे नहीं छूट रहा। उन्होंने कहा कि सुशासन के लिए सेवा की नीयत होनी चाहिए जिसमें भ्रष्टाचार की कोई जगह ना हो। केंद्र व राज्य सरकार नेक नियत के साथ कार्य कर रही है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठोस निर्णय लेकर पूरी दुनिया में अपनी राजनीतिक ताकत का लोहा मनवाया है। केंद्र व प्रदेश सरकार की अच्छी नीतियों की बदौलत जनता ने लगातार तीसरी बार देश व प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को सेवा का मौका दिया है।
उन्होंने कहा कि सुशासन की दिशा में हरियाणा सरकार ने सरकारी योजनाओं में पीपीपी का उपयोग किया जा रहा है। आज घर बैठे अटल सेवा केंद्र या गांवों की नागरिक सेवा केंद्र से लोग पीपीपी के माध्यम से सरकारी सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में सरकार विकसित भारत के चार स्तम्भ युवा, किसान, महिलाओं व गरीबों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। किसानों के कल्याण के लिए लगातार नई योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से आत्मनिर्भर व सशक्त बनाया जा रहा है। हरियाणा सरकार द्वारा किसानों की 24 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य ;एमएसपीद्ध पर खरीदने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछड़े वर्गों के लिए क्रीमीलेयर की वार्षिक आय सीमा 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये की है।
श्री शर्मा ने कहा कि सरकार ने चिरायु.आयुष्मान योजना के तहत हर परिवार को 10 लाख रुपये की मुफ्त इलाज सुविधा प्रदान की है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 70 वर्ष से अधिक आयु के हर व्यक्ति चाहे वह किसी भी आय वर्ग का हो 5 लाख रुपये की मुफ्त इलाज सुविधा प्रदान करने की घोषणा की है। इसे हरियाणा में भी लागू करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का संत कबीर, संत रविदास और बाबा साहेब अंबेडकर जैसे सामाजिक- सांस्कृतिक प्रतीकों के विचारों को प्रचारित करने के लिए प्रमुख शहरों में समरसता विरासत केंद्र स्थापित करने का भी संकल्प है।
इस मौके पर उपायुक्त डा. विवेक भारती, पुलिस अधीक्षक पूजा वशिष्ठ, अतिरिक्त उपायुक्त डॉ आनंद कुमार शर्माए पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्माए पूर्व मंत्री डा. अभय सिंह यादव, अटेली के पूर्व विधायक सीताराम यादव, जिला प्रमुख डा. राकेश कुमार, बीजेपी के जिला प्रधान दयाराम यादव, नगर परिषद की चेयरपर्सन कमलेश सैनी, बीजेपी के पूर्व जिला प्रधान राकेश शर्मा तथा पूर्व चेयरमैन जेपी सैनी के अलावा अन्य गणमान्य नागरिक की मौजूद थे।
इन अधिकारी व कर्मचारियों को किया गया पुरस्कृत -
सुशासन दिवस के अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को पुरस्कृत किया गया। पंचायत में विकास कार्यों के बेहतरीन क्रियान्वन के लिए प्रथम स्थान पर रहे मुख्य कार्यकारी अधिकार तथा विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को संयुक्त रूप से 31000 रुपये शील्ड तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इनमें डीपीओ मनोज कुमार, बीडीपीओ नवदीप सिंह, एबीपीओ विकास यादव, सहायक कृष्ण कुमार तथा जेई जितेंद्र शामिल है।
इसी प्रकार समाज कल्याण व बच्चों के अधिकार और संरक्षण के लिए दूसरे स्थान पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को संयुक्त रूप से 21000 रुपये शील्ड तथा प्रशस्ति पत्र दिया गया। इनमें डीसीपीओ संदीप कुमार, पीओ गैर संस्थागत सुषमा यादव, लेखाकार प्रेमलता, आउटरीच वर्कर मनोज व सेवादार सचिन कुमार शामिल है।
इसी प्रकार समाज कल्याण और अल्पसंख्यक सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्य करने पर तीसरा पुरस्कार पाने वाले जिला रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव बलवान सिंह और लेखाकार ओमप्रकाश को संयुक्त रूप से 11000 रुपये शील्ड तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
अटल व मालवीय ने व्यवस्था परिवर्तन का कार्य किया था - ओम प्रकाश यादव
सुशासन दिवस पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री एवं नारनौल के विधायक ओम प्रकाश यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई तथा स्वतंत्रता सेनानी मदन मोहन मालवीय ने देश में परिवर्तन लाने का कार्य किया था।
उन्होंने कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकार हर व्यक्ति को न्याय तथा सुविधा उपलब्ध करवाने का कार्य कर रही है। सरकारी नीतियों का आम नागरिकों को घर बैठे लाभ मिले इसकी नींव पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने रखी थी।
प्रदेश के 50 लाख से ज्यादा लोग सहकारिता के साथ जुड़े - डा. अरविंद कुमार शर्मा
हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि आने वाले समय में सहकारिता के क्षेत्र में हरियाणा नई ऊंचाइयों को छूएगा। प्रदेश के हर गांव में समिति पंजीकृत करवाई जाएंगी। श्री शर्मा आज सुशासन दिवस पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर पर सहकारिता विभाग की ओर से जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग सहकारिता के साथ जुड़कर अपनी आजीविका शुरू करें। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में 33000 सोसाइटी पंजीकृत हैं। वहीं प्रदेश के 50 लाख से ज्यादा लोग सहकारिता के साथ जुड़े हुए हैं। आने वाले समय में गांव में और अधिक समिति खोली जाएगी तथा पैक्स भी खोले जाएंगे।
दोपहर तक छाया रहा कोहरा
-वाहन चले लाइट जलाकर
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में बुधवार को पहली बार सघन कोहरा छाया रहा जो दोपहर तक चलता रहा। दोपहर पश्चात धूप निकली। सुबह सवेरे वाहन धीमी गति से और हेडलाइट जलाकर सड़कों पर रेंगते नजर आए वही दोपहर पहुंचते पहुंचते कोहरा छट गया और वाहन त्वरित गति से चलने लगे। दिन भर ठंड का एहसास हुआ, लोग ऊनी कपड़ों में लिपटे हुए आग का सहारा लेते हुए नजर आए। इस समय सरसों एवं गेहूं की फसल खेतों में खड़ी हुई है जिनके लिए कोहरा लाभप्रद माना जाता है। कोहरा नमी की पूर्ति कर देता है। किसान सूबे सिंह, कृष्ण कुमार, राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार आदि ने बताया कि कोहरे के चलते जहां अधिक ठंड नहीं पड़ती वही फसलों को कोहरा लाभप्रद है लंबे समय तक लगातार कोर पढऩे से और मौसम होता ने। लगातार लंबे समय तक कोहरा पड़े तथा मौसम न खुलने से फसल को नुकसान हो सकता है किंतु बुधवार से तो कोहरा पडऩा शुरू हुआ है। कोहरे के कारण जहां लोग सड़कों पर कम नजर आए। लोग सुबह सवेरे घूमने फिरने जाते हैं किंतु कोहरे को लेकर इक्का दुक्का ही घूमते नजर आए।
फोटो कैप्शन 03: कनीना क्षेत्र में पड़ता हुआ कोहरा
1.78 लाख का साइबर फ्राड होते होते बचा
-उपभोक्ता की जागरूकता से बच पाया फ्राड
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कनीना की आवाज। कनीना मंडी निवासी योगेश अग्रवाल के साथ साइबर फ्राड तो हो गया किंतु जागरूकता के चलते अविलंब पकड़ लिया। 1.78 लाख रुपये वापस आ गये। उन्होंने अपनी दास्तान सुनाते हुए बताया-
16 दिसंबर को मेरे साथ साइबर फ्राड हो गया किंतु व्हाट्सअप संदेश के चलते फ्राड होते होते बचा। हमारा एलआईसी का ग्रुप बना हुआ है जिसमें एक लिंक आया लिक अपडेट के नाम से उस वक्त आया जब रामनगर, उत्तराखंड में एलआईसी की मीटिंग चल रही थी। एलआईसी के ग्रुप में एक लिंक आया जो अपडेट लिंक के नाम से था। जब योगेश नेे लिंक का कोई अपडेट समझ के उस लिंक को क्लिक कर दिया। क्लिक करते ही मोबाइल में एक हिडन ऐप डाउनलोड हो गया। शक होने पर उन्होंने सारे मोबाइल में उस ऐप को देखा किंतु कहीं नजर नहीं आया। मोबाइल में कोई भी ऐप नहीं मिली लेकिन मोबाइल हैक हो चुका था। उस समय मेरे जो भी ओटीपी और एसएमएस आ रहे थे हैकर ने सारे अपने फोन पर डायवर्ट कर लिए थे जिसके कारण उसने योगेश मोबाइल में अमेजन ऐप खोलके और योगेश के क्रेडिट कार्ड से 178000 रुपये की ट्रांजैक्शन कर ली। ट्रांजैक्शन में एक आईफोन और एक सैमसंग का एस-24 फोन का आर्डर लगा दिया। जब मेरे पास एसएमएस और मैसेज आने बंद हो गए लेकिन खुशकिस्मती से मेरे व्हाट्सएप पर अमेजान का संदेश आया जिसमें 97980 रुपये कट गये। जब योगेश को शक हुआ कि कुछ गड़बड़ हुई है तो उन्होंने अपने बेटे हर्षित से बात की कि आपने कोई ट्रांजैक्शन की है तो उसने मना कर दिया। ट्रांजैक्शन का स्क्रीनशाट व्हाट्सएप किया तो उसने देख कर बताया कि यह तो कोई ना कोई फ्राड हो गया है। उसने जब चेक किया क्रेडिट कार्ड तो उसमें एक ट्रांजैक्शन पहले भी हो चुकी थी जो 77980 की थी। योगेश ने तुरंत अपने क्रेडिट कार्ड और जो भी बैंक अकाउंट थे वह सब फ्रीज करवाए। उसके बाद 1930 पर काल की। यह करने के बाद फिर उन्होंने अपना अमेजान अकाउंट चेक किया क्योंकि अमेजान अकाउंट से मैसेज आया हुआ था तो उसे पता चला कि फ्राड करने वाले ने हमारे क्रेडिट कार्ड से दो मोबाइल का आर्डर लगा रखे हैं। ये आर्डर तुरंत कैंसिल करवाना चाहा तो तो एक आर्डर तो कैंसिल हो गया लेकिन दूसरा आर्डर की शिपिंग हो चुकी थी इसलिए आर्डर कैंसिल नहीं हो रहा था। योगेश ने अमेजान के कस्टमर केयर बात की तो उन्होंने एक बार तो मना कर दिया आर्डर कैंसिल करने के लिए, यह कहकर कि शिपिंग हो चुकी है, अब हम कुछ नहीं कर सकते। उनको थोड़ा सा धमकाने पर कि आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी आप लोग इस मसले में सम्मिलित हैं, तो उसने कस्टमर केयर अधिकारी ने अपने सीनियर से बात कराई। सीनियर ने सारे मैटर को समझने के अमेजान के सीनियर अधिकारी से बात की। अधिकारी ने कोरियर कंपनी वाले को लाइन पर लिया और कोरियर कंपनी वाले ने अपने डिलीवरी ब्वाय को लाइन पर लिया। अगर आधा घंटा लेट हो जाते तो फोन की डिलीवरी हो चुकी होती और हमारा पैसा रिफंड नहीं हो पाता। कोरियर वाले ने अपने डिलीवरी ब्वाय को फोन वापस लेकर बुलाया और उसके बाद अमेजान के सीनियर अधिकारी ने आर्डर को कैंसिल करके हमारे दोनों पेमेंट रिफंड कर दी। इस तरह एक साइबर फ्राड से बचे लेकिन हमने जो 1930 पर शिकायत दर्ज कराई थी उनकी तरफ से अभी तक कोई किसी प्रकार का रिस्पांस नहीं आया है। जब सरकार ने एक यह हेल्पलाइन बनाई है, साइबर फ्राड को रोकने के लिए, अगर वो लोग कोई कार्रवाई नहीं करते तो ऐसी कस्टमर केयर बनाने का क्या फायदा है? उनका बिल्कुल भी सहयोग नहीं रहा।
योगेश कुमार ने कहा कि मैं तो कहना चाहूंगा कि जो मेरा यह अनुभव रहा है इसमें मैंने चार-पांच चीज महसूस की हैं। वह मैं बताना चाह रहा हूं कि आनलाइन का आजकल बहुत ज्यादा लोगों में क्रेेज आ गया है उससे बचने से ही साइबर फ्राड से बचा जा सकता है। लोगों को आनलाइन खरीददारी पर पुनर्विचार करना चाहिए, इसकी अधिकता से बचना चाहिए। साथ में अपने बचों को भी मोबाइल का उपयोग कम करने पर देना चाहिए। बच्चे भी मोबाइल में गेम डाउनलोड कर लेते हैं और वह पेइंग होते हैं उसमें वह लोग उसमें ओटो डेबिट लगा देते हैं और उनके अकाउंट से बार-बार पैसा कटता रहता है। ऐसा ही वाक्य अभी हमारे एक साथी के साथ हुआ उनको आखिर में अपना बैंक अकाउंट ही बंद करवाना पड़ा क्योंकि पैसा आप बार-बार कट रहा था। उन्होंने अमेजान फ्लिपकार्ट ,पेटीएम और गूगल पे, फोनपे और आनलाइन प्लेटफार्म आदि का उपयोग कम से कम करना चाहिए। इन सभी प्लेटफार्म पर के साथ जो भी अपना मोबाइल नंबर, क्रेडिट कार्ड लिंक करें उसे अकाउंट में पैसा कम से कम रखें। अकाउंट जिसमें आपका बैलेंस ज्यादा रहता हो उस अकाउंट को इन प्लेटफार्म के साथ अटैच ना करें क्योंकि कभी भी किसी भी व्यक्ति के साथ कोई बड़ा फ्राड हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति का एक ही अकाउंट है और उसने अपना गूगल पे या फोन पर या और किसी प्लेटफार्म के साथ अपना अकाउंट अटैच करवा रखा है और उस अकाउंट में ज्यादा बैलेंस रहता है तो सलाह है कि अपना एक दूसरा अकाउंट बैंक में खुलवा ले उसमें बैलेंस कम रखें। मोबाइल एप हैं उनको लाक करके रखें फिंगरप्रिंट से ही आन हो ऐसा उसमें सिस्टम रखें।
मोबाइल बैंकिंग है उसमें जाकर लिमिट फिक्स कर दें कि 20000 रुपये एक दिन में ही खर्च हो सके।
फोटो कैप्शन: योगेश अग्रवाल
बढऩे लगी है चुनावों की चर्चा
- दुकानों पर और हुक्कों पर चलती है दिनभर चर्चाएं
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कनीना की आवाज। कनीना नगरपालिका के फरवरी-2025 तक चुनाव संपन्न हो जाएंगे। इसके लिए चुनावी चर्चाएं छिडऩे लगी हैं। अभी तक जहां बीसी-बी के तीन वार्डों का आरक्षण तथा प्रधान पद का आरक्षण होना बाकी है। तत्पश्चात गतिविधियां और भी बढ़ जाएंगी और उनके जल्द ही आरक्षण होने की संभावना जताई जा रही हैं। जहां चाय की दुकान हो या आम जीवन से संबंधित वस्तुओं की दुकानें, कहीं भी देखे, खेत खलियान में भी आपस में चुनावी चर्चा करते देखे जा सकते हैं। चुनाव के लिए जहां भाजपा और कांग्रेस भी के चुनाव चिन्ह पर भी चुनाव लड़ा जा सकता है इस बात से इनका नहीं किया जा सकता वही स्वतंत्र चुनाव लडऩे वालों की कोई कमी नहीं है। कनीना क्षेत्र से पार्षदों के लिए भी अब भीड़ बढऩे लगी है। जहां कनीना के वार्ड एक से कम से कम छह चेहरे वार्ड मेंबर के लिए सामने आ गए हैं। इसी प्रकार कनीना के महेश बोहरा वार्ड पार्षद के चुनाव लड़ेंगे, प्रधान पद के लिए तो एक दर्जन से अधिक दावेदार अभी तक सामने आ चुके हैं। जहां चुनावों के दृष्टिगत अब तो आम इंसान पर चुनावी रंग चढऩे लगा है। कनीना नगर पालिका के चुनाव सदा ही रोचक रहे हैं। जहां कनीना नगर पालिका को 2000 में एक बार भंग करके पंचायत का भी दर्जा दे दिया था, उस समय चौधरी ओम प्रकाश चौटाला का राज होता था किंतु कनीना वासियों ने उसका विरोध करके फिर से कनीना नगरपालिका को बहाल करवा लिया था। कनीना पालिका में 1953 से अब तक दो महिला प्रधान रह चुकी हैं। अभी भी पांच पालिका प्रधान जीवित हैं और वो चुनाव में स्वयं या उनके परिवार से चुनाव लड़ सकते हैं।
खेड़ी में मनाई अटल बिहारी वाजपेई की पुण्यतिथि
-अटल के योगदान को हर भारतीय रखेगा याद-रामनिवास
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव खेड़ी तलवाना में भाजपा कार्यकर्ताओं ने आज बुधवार को कार्यक्रम आयोजित कर भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की पुण्यतिथि मनाई। इस मौके प्रधानमंत्री मन की बात कार्यक्रम महेंद्रगढ़ जिला संयोजक एवं भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा जिला महासचिव चौधरी रामनिवास खेड़ी ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए उनको कोटि-कोटि नमन किया और उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर चौधरी रामनिवास खेड़ी ने कहा कि वाजपेई युग पुरुष थे।उन्होंने देश के सम्मान और समृद्धि में बड़ा योगदान दिया। भारत को परमाणु संपन्न राष्ट्र बनाने में उनकी भूमिका कभी भुलाई नहीं जा सकती। वह एक प्रखर वक्ता आहर कोमल हृदय के कवि थे। उनकी कविताएं और संबोधन आज ही प्रासंगिक है। कार्यक्रम में उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया गया
इस मौके पर। इस अवसर पर पूर्व इंस्पेक्टर योगराज सिंह, भाजपा कनीना मंडल उपाध्यक्ष करण सिंह तंवर, भाजपा किसान मोर्चा जिला महेंद्रगढ़ सोशल मीडिया प्रभारी शिवकुमार शर्मा, कुलदीप सिंह ,सूबे सिंह, सुभाष, मामन चन्द, अशोक कुमार, संदीप, नरसिंह आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 02: खेड़ी में वाजपेयी को याद करते हुए।
देश के 50 साहित्यकारों, शिक्षाविदों, कलाकारों एवं समाजसेवियों को किया सम्मानित
-हरियाणा से होशियार सिंह भी हुए सम्मानित
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कनीना की आवाज। मध्य भारत साहित्य समिति सभागार इंदौर में आयोजित सम्मान समारोह के लिए लंदन से विशेष रूप से पधारी राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच के लंदन शाखा की अध्यक्ष माधवी तारे, कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय रायपुर के पूर्व कुलपति मानसिंह परमार, मध्य भारत साहित्य समिति के प्रचार मंत्री एवं वरिष्ठ साहित्यकार हरेराम वाजपेई, प्रसिद्ध बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डा. प्रशांत अग्रवाल के मुख्य आतिथ्य में स्मृति चिन्ह, शाल, श्रीफल, पुष्प माला, सम्मान निधि, सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर हरियाणा से डा. होशियार सिंह महेंद्रगढ़ भी हुए सम्मानित किये गये।
राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच के संस्थापक पवन मकवाना ने जानकारी में बताया की महामंडलेश्वर श्रीदादूजी महाराज को यह सम्मान उनके धर्म, अध्यात्म, समाज सेवा में निरंतर किए जा रहे कार्यों हेतु प्रदान किया गया। सम्मान समारोह में देशभर से पधारे अन्य 50 साहित्यकारों, शिक्षाविदों, कलाकारों एवं समाजसेवियों को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच के संस्थापक डा. पवन मकवाना ने दिव्यांगजनों के सहायतार्थ 1 लाख रुपये का चेक भी संस्था दिव्योत्थान को प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन कवि साहित्यकार शरद जोशी ने किया, अतिथियों का स्वागत व आभार दिव्योत्थान एजुकेशन एंड सोशल वेफयर सोसायटी की अध्यक्ष डा. दीपमाला गुप्ता ने प्रकट किया।
फोटो कैप्शन 01: सम्मान समारोह में सम्मान देते हुए।
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