गैस सिलेंडर महंगा होने से धांसों की बढ़ी मांग
-पदाड़ी भी खरीदकर कर रहे हैं व्यापार
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कनीना। सरसों की फसल काटने के तुरंत बाद किसान अपने खेत के धांसों को उखाड़ रहे हैं। ईंधन का विकल्प होने के कारण मांग बढ़ गई है। वहीं पदाड़ी भी बिकती है। गैस सिलेंडर के भाव बढ़ जाने से धांसों की मांग बढ़ती ही जा रही है। वहीं सरसों की पदाड़ी का कारोबार चलने लगा है। आधा दर्जन लोग कनीना क्षेत्र में कर रहे हैं पदाड़ी का काम।
खेतों से किसान जब सरसों फसल की कटाई करते हैं तो कटाई के तुरंत बाद ही खेत से धांसों को उखाड़ लेते हैं। किसानों का कहन है कि एक जमाना था जब धांसों की मांग न के बराबर होती थी। अब महंगाई के युग में ईंधन का विकल्प धांसे बन गए हैं। किसान सरसों की कटाई के तुरंत बाद ही धांसों को उखाड़ लेते हैं।
क्या कहना है गृहणियों का-
धांसों की मांग इस कद्र बढ़ी है कि जिन किसी के पास धांसे नहीं है वे दूसरे किसानों के खेतों से धांसे उखाड़ रहे हैं। गृहणि शकुंत, राधा, आशा ने बताया कि धांसे तेजी से जलते हैं और कहने को धांसे हैं किंतु वे ईंधन के रूप में बेहतर काम नहीं करते। मजबूरी के चलते उन्हें ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। उनका कहना है कि गैस सिलेंडर खरीदने की बजाय धांसों से काम चला सकते हैं। गैस का ये विकल्प होते हैं।
रबी फसल बतौर दक्षिण हरियाणा में उगाई जाने वाली सरसों फसल पैदावार लेने के बाद सरसों के दानों को ढकने वाली बेकार मानी जाने वाली पदाड़ी अब बहुत उपयोगी पदार्थ बन गयी है। यह पदाड़ी अपनी चार अवस्थाओं से होकर गुजर रही है। पहली अवस्था में तो किसान इस पदाड़ी को खेतों में पटक देते थे और यहां तक कि उसे खेत में जलाकर राख कर देते थे। कोई उस पदाड़ी का ग्राहक नहीं होता था। कुछ पशु खा जाते थे या फिर कभी कभार उपले बनाने में काम में लिया जाता था। दूसरी अवस्था में इसकी कीमत आंकी जाने लगी। कुछ लोग इस पदाड़ी को मुफ्त में उठाकर घरों में काम में लेने लगे विशेषकर गरीब तबके के लोग पशुचारे के रूप में काम में लेते थे। तत्पश्चात इस पदाड़ी की थोड़ी बहुत कीमत दी जाने का दौर आया। दूर दराज से लोग अपने गन्ने से गुड़ बनाने या ईंट भ_ा मालिक इसे ईंट पकाने में काम में लेने लगे। वर्तमान युग में पदाड़ी को भारी दामों पर बेचा जाता हैं। कुछ लोग तो पदाड़ी का धंधा ही करने लग गए हैं।
किसानों के लिए पदाड़ी तो अब कीमती पदार्थ बनता जा रहा है। भाड़भूजे मूंगफली व पदार्थों की सिकाई करने में काम में ले रहे हैं। उधर गुड बनाने वाले कुछ लोग दूर दराज से आते हैं और पदाड़ी को खरीदकर ले जाने लगे हैं। हालात यह बन गई है कि लोग पदाड़ी के बदले फसल की कटाई का काम भी करने लगे हैं। किसानों को इसका और भी कुछ मोल मिलने के आसार हैं।
सरसों के अलावा धांसे एवं पदाड़ी की मांग भी दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। किसान धांसों के बदले सरसों की कटाई करवाने के अलावा पदाड़ी को महंगे दामों पर बेच रहे हैं। खेत से धांसे पहले काटे जा रहे हैं और बाद में सरसों की पैदावार ले रहे हैं।
क्या करते हैं पदाड़ी का-
विगत वर्षों से गुड़ बनाने वालों को रुझान पदाड़ी की ओर बढ़ गया है और ऐसे में पदाड़ी काफी आय का सौदा बनती जा रही है। सरसों के धांसों की मांग भी दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। वर्तमान में नौबत यह बन गई है कि किसान अपनी सरसों फसल की कटाई धांसों के बदले करवाने लगे हैं। पदाड़ी के बदले कभी सरसों को थ्रेसर मशीन से निकलवाने का काम करते थे किंतु अब पदाड़ी को बेचने का काम करने लगे हैं और पदाड़ी कीमती बनती जा रही है। किसान राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, अजीत कुमार, कृष्ण कुमार ने बताया कि गेहूं के मुकाबले सरसों की मांग अधिक होने के कारण किसानों का रुझान ही सरसों उगाने की ओर बढ़ता जा रहा है।
फोटो कैप्शन 1: खेत में इक_े किए धांसे।
गाय को डंडों से पीटा, मामला दर्ज
-चारी करने का लगाया आरोप
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव सीहोर की सुनीता ने शिकायत दर्ज करवाई है कि उनके प्लाट से बंधी हुई गाय व बछड़े को
पड़ोसी खोल ले गया। उन्हें डंडे से मारा। जब सुनीता प्लाट पर गई तो उसे भी डंडों से पीटने आया। पुलिस को बुलाकर गाय को छुड़वाई। सुनीता ने आरोप लगाया कि बहुत सा सामान चोरी कर ले गए। शाम के समय फिर से वह पड़ोसी पीटने के लिए आया। कनीना पुलिस ने दो व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
बढऩे लगे हैं मच्छर, मलेरिया का कोई केस नहीं
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,कनीना। कनीना क्षेत्र में ज्यों ज्यों सरसों की लावणी हो रही है तथा गर्मी बढऩे लगी है त्यों त्यों मच्छर बढ़ते जा रहे हैं। घरों में मक्खी एवं मच्छर बढऩे से परेशानी होने लगी है। पंखों को साफ करके चलने योग्य बनाया जा रहा है। यद्यपि कनीना उप नागरिक अस्पताल के तहत मलेरिया को कोई केस विगत वर्षों से नहीं है जिसके पीछे जागरूकता बढ़ाना एक कारण माना जाता है। कनीना के सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू इस क्षेत्र में अहं भूमिका निभाते हैं। और घर घर जाकर मलेरिया, मच्छरों के बारे में जागरूक करते हैं। यही कारण है कि मलेरिया के केस नहीं हैं। लोगों का कहना है कि मच्छर एवं मक्खी अभी से ही जीना हराम कर रहे हैं। भविष्य में इनकी संख्या अधिक हो जाएगी। कनीना उप नागरिक अस्पताल से मलेरिया इंस्पेक्टर
क्या रही है मलेरिया की स्थिति-
मलेरिया अधिकारी कार्यभारी शीशराम ने बताया कि मलेरिया समाप्त करने का टारगेट 2025 रखा हुआ है जिसको लेकर के मलेरिया से संबंधित जागरूकता उत्पन्न की जा रही है। उन्होंने बताया कि कनीना क्षेत्र में 2015 में 7 केस मलेरिया के थे, 2016 में 2 केस जबकि 2017 में एक केस मलेरिया का था। 2017 के बाद आज तक कोई भी केस मलेरिया का नहीं आ रहा है।
जागरूकता ने बचाया है मलेरिया से-
हेल्थ इंस्पेक्टर शीशराम ने बताया कि मलेरिया को खत्म करने में सबसे बड़ी जागरूकता आई है। लोग भी जागरूक हो गए हैं वहीं जागरूक किया भी जा रहा है। जगह जगह जहां पानी जमा होता है, वहां के लोगों को तथा आम ग्रामीण सभी को घर-घर जाकर सूचित किया जा रहा है और मलेरिया से बचने की सावधानियां बताई जा रही है। वहीं मच्छरों से बचने के भी कुछ तरीके और ओडोमास, मच्छरदानी तथा अन्य साधन प्रयोग लोग स्वयं अपना रहे हैं जसके चलते मलेरिया के केस नहीं आ रहे हैं। धीरे-धीरे मलेरिया समाप्त होता जा रहा है। आने वाले समय में मलेरिया खत्म हो सकता है और टारगेट पूरा हो सकता है।
महिला दिवस पर आयोजित हुई गोष्ठी
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कनीना। राजकीय कन्या महाविद्यालय उन्हाणी में राष्ट्रीय सेवा योजना तथा महिला प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में महिला दिवस मनाया गया । इस अवसर पर सामूहिक संगोष्ठी तथा अनेक साहित्यात्मक गतिविधियों का आयोजन किया गया । इन गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लेती हुई छात्राओं ने भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्राचार्य डा विक्रम ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य है -महिलाओं के सम्मान एवं अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक करना । कोविड-19 के कहर में महिलाओं ने कोरोना योद्धाओं की अग्रिम पंक्ति में ठहरकर मानवीय सेवाएं देते हुए अपनी नेतृत्व क्षमता का विश्व में लोहा मनवाया है,जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस बार महिला दिवस की थीम को महिलाओं के नेतृत्व को समर्पित किया है। डा कांता ने महिलाओं के अधिकारों व कानूनों की जानकारी देते हुए कहा कि जब महिलाओं में अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति समझ में विकसित होगी तभी वे अपनी शक्ति समझकर जागृति आने पर महिलाओं के प्रति होने वाले अत्याचारों से निजात पा सकती हैं। डा अंकिता ने कहा कि स्त्री पुरुषों के विचारों में समानता, फिर भी समाज में असामानता क्यों शिक्षा के माध्यम से ही वे लोगों की विचारधारा को परिवर्तित कर समाज में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं । डा सीमा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवता निवास करते हैं। उन्होंने सुदृढ़ राष्ट्र के निर्माण में महिलाओं की भागीदारी के साथ ही सम्मान भी आवश्यक है विषय पर विस्तृत प्रकाश डाला। नीतू ने कहा कि आधुनिक युग में अनेक भारतीय महिलाएं राजनीति तथा प्रशासनिक पदों पर पदस्थ हैं, अत: शिक्षित एवं संपन्न महिलाओं का यह सामाजिक दायित्व भी है कि वे अशिक्षित व पिछड़ी हुई महिलाओं के लिए जो भी कर सकते हैं, करें क्योंकि महिलाओं की समस्याएं महिलाएं ही भली-भांति समझ सकती हैं । कविता ने प्राचीन व अर्वाचीन भारतीय विदुषी महिलाओं के विषय में प्रकाश डालते हुए छात्राओं का ज्ञानवर्धन किया। इस अवसर पर डा सुधीर ,धनेश, हरपाल ,सोमेश ,राजेश , मोनू व कंवर सिंह भी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 14: उन्हाणी कन्या कालेज में महिलाओं पर आयोजित गोष्ठी। जागरण
दुकानें तोड़े जाने के मसले को लेकर उच्च न्यायालय में होगी 23 मार्च को सुनवाई
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कनीना। कनीना की पंचायत समिति की दुकानों और खोखो में बैठे दुकानदारों की अगली सुनवाई पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में 23 मार्च को होगी। सोमवार आठ मार्च को यह सुनवाई होनी थी जिसे 23 मार्च तक टाल दिया गया है।
विस्तृत जानकारी देते हुए डा अजीत कुमार, पवन कुमार, महेश बोहरा आदि ने बताया कि पंचायत समिति की दुकानों में बैठे हुए दुकानदारों का मसला वर्ष 2019 से चला आ रहा है। वर्ष 2019 में पंचायत समिति की ओर से उन्हें दुकानें एवं खोखे खाली करने का आदेश नोटिस दिया गया था। तत्पश्चात से लगातार अपनी दुकानों को बचाने के लिए प्रयासरत हैं।
इसी क्रम में वर्ष 2021 में जनवरी माह में पंचायत समिति ने दूसरा नोटिस थमा देने के बाद से दुकानदारों की धड़कन बढ़ गई और तब से व लगातार विभिन्न गतिविधियों में लगे हुए हैं। 20 दिनों तक अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन एवं क्रमिक अनशन कर चुके हैं जो 28 मार्च को संपन्न कर दिया गया था। उनका मसला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चल रहा है। तत्पश्चात से वे अवमानना नोटिस भी जारी करवा चुके हैं।
विगत दिनों जब दुकानदार क्रमिक अनशन पर थे तो उन्हें पता लगा कि उनकी अब अगली सुनवाई जुलाई माह में होनी है। तत्पश्चात उन्होंने अनिश्चितकालीन धरना एवं क्रमिक अनशन समाप्त कर दिए था किंतु बाद में उन्हें पता चला कि अर्ली हियरिंग के तहत सुनवाई 5 मार्च की होनी है। 5 मार्च से उनकी सुनवाई 8 मार्च पर को रखी गई थी। सोमवार 8 मार्च को फिर से अगली सुनवाई 23 मार्च की रखी गई है।
उल्लेखनीय है कि कनीना में न्यायिक परिसर और उपमंडल कार्यालय निर्माण के लिए पंचायत समिति ने 54 कनाल और 6 महिला के करीब जमीन सरकार को दी थी जिसके तहत 153 दुकानें/खोखे भी आते हैं। दुकानें तोड़े जाने की संभावना को लेकर ये दुकानदार लगातार अपनी गतिविधियों में जुटे हुए हैं। इनका दिन रात का चैन छीन गया है। इनकी एक ही मांग है कि किसी प्रकार उनकी दुकानें बख्श दी जाए।
अब यह न्यायालय को निर्णय करना है कि इन की दुकानों के मसले में क्या फैसला लेता है। फिलहाल दुकानदार आश्वस्त है कि उन्हें उनकी दुकानें बची रह जाएंगी।
राधे दास की प्रतिमा मंगलवार को की जाएगी प्राण प्रतिष्ठित
-2 साल पहले समा गए थे संत
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कनीना। विगत 5 दिनों से विधि विधान से बाबा राधे दास के समाधि स्थल पर पूजा अर्चना करने के उपरांत सोमवार को जहां कलश यात्रा निकाली वहीं उनकी प्रतिमा की पूरे कस्बे में झांकियां निकाली। मंगलवार को उनकी मूर्ति को प्राण प्रतिष्ठित किया जाएगा तथा भंडारा भी आयोजित किया जाएगा। विस्तृत जानकारी देते हुए मोहन कुमार पार्षद तथा राजेश दास ने बताया कि बाबा राधे दास परम संत हुए हैं जो रामेश्वर दास के शिष्य हुए हैं। 2 साल पहले राधेदास समा गए थे। तत्पश्चात उनकी मूर्ति का स्थापना मूर्ति स्थापना की जा रही है जिस जगह उनको समाधि दी गई थी उसी जगह उनकी मूर्ति स्थापित की जा रही है। इस अवसर पर भंडारा भी आयोजित होगा।
मिली जानकारी अनुसार 300 महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। इन महिलाओं ने कनीना के सिरस वाला नाक जोहड़ से अपनी यात्रा शुरू की जो विभिन्न मार्गों से होते हुए अंतत: सिरस वाला जोहड़ पर पहुंची जहां कलश यात्रा संपन्न हुई। इसी कड़ी में बाबा राधे दास की प्रतिमा को पूरे कस्बा में घुमाया गया तथा विधि विधान से प्रसाद वितरित करते हैं, नृत्य करते हुए सिरस वाला जोहड़ पर पहुंचे। मंगलवार मूर्ति को स्थापित किया जाएगा।
शिरीष पेड़ के नाम से प्रसिद्ध है बाबा का जोहड़-
बाबा राधेदास सिरसवाला जोहड़ नाम से प्रसिद्ध है। यहां कभी सिरस/शिरीष/सिरसा का बड़ा पेड़ होता था। इसी वजह से पेड़ का नाम भी सिरस वाला जोहड़ रखा गया हैं। यहां संत रामेश्वर दास एवं राधे दास ने तप किया और समा गए हैं। अब राजेश दास उनके उनके शिष्य तप कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन 12: राधेदास की प्रतिमा की झांकिया कनीना से निकालते हुए।
महिला दिवस पर प्रतिभावान छात्राओं को किया सम्मानित
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कनीना। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी में अंतर राष्ट्रीय महिला दिवस आयोजित किया गया। अध्यक्षता विद्यालय प्राचार्य सत्यदेव ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में केनरा बैंक से प्रबंधक आशा कुमारी उपस्थित रही।
इस मौके पर आशा कुमारी मुख्य अतिथि ने बच्चो को मोटिवेट करते हुए कहा कि अपने लक्ष्य के प्रति सदैव रहे। इस अवसर पर उन्होंने अनुसूचित जाति की प्रतिभावान छात्राओं को केनरा बैंक की ओर से पुरस्कृत किया और भरोसा दिलाया कि आगे भी वे इसी प्रकार मदद करती रहेंगी, और विधार्थी से लेकर मैनेजर तक के सफर के अनुभव को बच्चों को शेयर किया और बताया की मेहनत का कोई शार्ट कट एवं विकल्प नही है लक्ष्य बनाकर मेहनत करे सफलता अवश्य मिलेंगी।
प्राचार्य सत्यदेव ने बच्चों को प्रेरित करते हुए बताया कि कि शिक्षा के द्वारा ही आप अपने अधिकारों के प्रति सजग हो सकते हो और शिक्षा से ही आप अपना लक्ष्य निर्धारित करते हैं ऊंचाइयों की ओर जा सकते हो। उन्होंने इसके लिए प्रथम शिक्षिका श्रीमती सावित्री बाई फुले का उदाहरण बच्चों को बताया। इस मौके पर सरला यादव,जीव विज्ञान प्रवक्ता शशि कला, प्रवक्ता अजय पाराशर ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर आशा कुमारी को भी सम्मानित किया।
फोटो कैप्शन 13: आशा कुमारी मैनेजर को स्मृति चिह्न भेंट करते स्कूल प्राचार्य एवं स्टाफ।
42 वरिष्ठ नागरिकों ने कोरोना वैक्सीन ली
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कनीना। कनीना उप-नागरिक अस्पताल में जहां कोरोना वैक्सीन दी जा रही है वहीं आयुष्मान भारत योजना के तहत वर्ष 2011 की सूची के अनुसार कार्ड भी बनाए जा रहे हैं। दोनों कार्यक्रम भूतल पर चल रहे हैं। जहां 60 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को कोरोना
वैक्सीन देने का कार्यक्रम सोमवार से शुरू हो गया है। मार्च माह में 10 दिनों तक अलग अलग तिथियों को यह कार्यक्रम चलेगा।
विस्तृत जानकारी देते हुए ऐसे एसएमओ डा धर्मेंद्र यादव ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह योजना चल रही है। 10 दिन अलग-अलग तिथियों को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त 45 से 59 वर्ष तक के उन लोगों को भी वैकसीन दी जा रही है जो किसी रोग से पीडि़त हैं। ऐसे 20 रोग सरकार ने निर्धारित किए गए हैं जिनकी सूची अस्पताल में उपलब्ध है। उन्होंने बताया आयुष्मान कार्ड भी साथ-साथ बन रहे हैं। जिस किसी का नाम वर्ष 2011 की सूची में है वह आयुष्मान कार्ड कनीना उप नागरिक अस्पताल में आकर बनवा सकते हैं।
फोटो कैप्शन 10: वरिष्ठ नागरिक वैक्सीन लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन करते हुए।
सफलता दिलाने के लिए अभिभावक छात्रों को उनकी रुचि अनुसार पढ़ाई करवाएं- हाकिम
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,कनीना। अभिभावक विद्यार्थियों को इंजीनियर अथवा डाक्टर बनाने के लिए उन पर दबाव न बनाएं बल्कि उनकी इच्छा पर निर्भर रहने दें। बच्चों को उसी लाइन में जाने दे जहां वे जाना चाहता है। ऐसा करने से उसकी प्रतिभा में निखार आएगा और सफलता भी मिलेगी। ये विचार एसडीवमा विद्यालय खेडी तलवाना में आयोजित अभ्युदय समारोह में मुख्यातिथि फुटबाल ओलंपियन एवं स्क्वार्डन लीडर एसएसए हाकिम ने व्यक्त किए। इस समारोह की अध्यक्षता दड़ौली आश्रम के महंत स्वामी शरणानंद महाराज ने की।
विशेष अतिथि बलवान सिंह द्रोणाचार्य अवार्डी ने कहा कि विद्यार्थी जीवन श्रेष्ठ होता है। इस दौरान बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेल , सांस्कृतिक , रचनात्मक व तकनीक पर आधाररित शिक्षा ग्रहण करते है। नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों के लिए बहुत सुविधाएं की गई है। पढ़ाई के साथ-साथ विदयार्थियों को स्किल डेवल्पमेंट की शिक्षा भी मिलेगी। जिससे विद्यार्थियों का बहुमुखी विकास होगा। पढ़ाई के बाद वे सरकारी के अलावा निजी क्षेत्र में योगदान दे सकेंगे। जगदेव यादव ने विद्यालय के शैक्षणिक एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में रहे शानदार परिणामों के बारे में उपस्थित सदस्यों को अवगत करवाते हुए बताया कि सत्र 2019-20 में सीबीएसई बोर्ड परीक्षा परिणाम 100 प्रतिशत । बारहवीं कक्षा में प्रिया ने 96.4 प्रतिशत अंकों सहित प्रथम स्थान प्राप्त किया। बारहवीं कक्षा के 110 विद्यार्थियों ने मेधावी सूची में अपना नाम दर्ज करवाया। दसवीं कक्षा में दीपिका ने 98 प्रतिशत अंक प्राप्त करके अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया। एन टी एस ई में दीपिका ने सफलता प्राप्त की। जेईई में 43 विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की जिसमें टापर रही छात्रा प्रिया ने 95.7 प्रतिशत प्राप्त किए व नीट में 27 विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त कि जिसने टॉपर रहे प्रदीप ने 720 में से 651 अंक प्राप्त कर पीजीआई रोहतक में एमबीबीएस के लिए चुना गया। वर्ष 2019-20 में मिल्ट्री में 7 राई स्पोर्ट पीईएसएटी में 12 , सैनिक स्कूल प्रतियोगिता परीक्षा में 19 विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की। विकास पर बल देता है। समारोह में योगेश शास्त्री नांवा , प्रमोद शास्त्री जाटवास, डॉ कर्मबीर सिंह, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष पवन तंवर ने भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विद्यालय संचालन बड़ा संघर्ष कर विद्यार्थियों को अच्छी तामील दिलाने का प्रयास करता है। उनकी ड्यूटी व जिम्मेवारी 24 घंटे बनी रहती है। समापन अवसर पर मुख्यतिथि की ओर से कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले विद्यार्थियों व क्षेत्र के गणमान्य लोगों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर फुटबॉल के एनआईएस कोच जसमेर सिंह , जगमोहन सिंह, सीईओ आरएस यादव, औमप्रकाश यादव , हवलदार मोती कुमार लाटा,
ठाकुर रोहतान सिंह रामस्वरुप सिंह, मेजर जीतसिंह कप्तान तेजपाल सिंह , शक्ति सिंह मुकेश, ईश्वर सिंह , मोहन , कुलदीप सिंह, प्रहलाद सिंह, नम्बरदार रामबीर , रिपुदमन, सुरेन्द्र सोनी, पूर्ण सिंह, रमेश सिंह , विजय सिंह, निवर्तमान सरपंच सूबेसिह, रामनिवास तलवाना, दिनेश सहित गणमान्य लोग उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 11: एसडी स्कूल खेड़ी तलवाना के शुभारंभ पर विभिन्न स्पर्धाओं में सम्मानित करते हुए मुख्य अतिथि।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित हुये विभिन्न कार्यक्रम
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कनीना। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विभिन्न संस्थाओं में कार्यक्रम आयोजित किये गये। महिलाओं को सम्मानित भी किया गया।
एसडीएम स्कूल, छितरोली द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस धूमधाम से मनाया गया। महिला अभिभावकों एवं विद्यार्थियों ने इस को सफल बनाने में अहम योगदान रहा। इस मौके पर विभिन्न स्पर्धाएं आयोजित की गई।
विद्यालय की प्राचार्य रेखा दांगी ने समारोह को संबोधित करते हुए विभिन्न महिला स्पर्धाओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों के लिए ठंडे पानी की व्यवस्था हेतु संस्था द्वारा वाटर कूलर लगाया गया, जिसका शुभारंभ गांव की वयोवृद्ध एवं सम्मानित महिलाएं भगवती देवी देवी द्वारा किया गया। इस मौके पर खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित की गई। थ्रो बाल में मीनाक्षी ने प्रथम एवं सोनिया ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। वन लैग रेस में सरस्वती ने प्रथम, सपना ने द्वितीय एवं पूजा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। बैलून स्पर्धा में प्रमिला, कविता एवं मोना ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। मेडिशियन बाल प्रतियोगिता ने कविता ने प्रथम, प्रमिला ने द्वितीय एवं ममता ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। म्यूजिकल चेयर में सरिता प्रथम, कविता द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रही। प्रतियोगिता सरिता, कविता, सरस्वती क्रमश प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर विराजमान रही।
इस मौके पर आईटीएम ग्रुप के फाउंडर पवन कुमार ने भी अभिभावकों को बच्चों के आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया।
उधरआरआरसीएम पब्लिक स्कूल, कनीना में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस आयोजिन किया गया जिसमें विभिन्न विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से बालिकाओं ने भाषण, नृत्य, संगीत आदि गतिविधियों का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम कि अध्यक्षता संस्था के चेयरमैन रोशन लाल यादव ने की तथा उन्होंने अपने संबोधन में नारी सशक्तिकरण पर बताया कि वेदों एवं पुराणों में भी यह सूत्र वाक्य आता है कि जहां नारी का सम्मान होता है वहां देवता निवास करते है। महिलाओं कि भूमिका घर से लेकर सभी क्षेत्रों में देखने को मिलती है चाहे वह क्षेत्र पढ़ाई का हो, खेल का हो या फिर राजनीति का हो हर क्षेत्र में महिलाऐं आगे बढ़ रही हैं। कार्यकम को अंत में विद्यालय के प्राचार्य नरेंद्र गौतम ने भी संबोधित किया।
फोटो कैप्शन 8: एसडीएम स्कूल में आयोजित खेल प्रतियोगिता का नजारा।
पशु पालक नियमित रूप से पशुओं को मिनरल मिक्सचर खनिज मिश्रण खिलाए- देवेंद्र यादव
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कनीना। कनीना के पशु चिकित्सालय में खनिज मिश्रण को लेकर एक संगोष्ठी आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता हरियाणा पशु विज्ञान केंद्र रिवासा के डा देवेंद्र यादव ने की तथा इस मौके पर डाक्टर ज्योति सुंठवाल भी उपस्थित थी।
इस मौके पर डा देवेंद्र यादव ने कहा कि खनिज मिश्रण पशुओं के लिए बहुत जरूरी है। उनके वृद्धि एवं विकास के साथ-साथ पशुओं में दूध को बढ़ावा देता है। उन्होंने विस्तार से खनिज मिश्रण की जानकारी दी और बताया कि नियमित खनिज मिश्रण पशुओं को बीमारियों से बचाता है तथा पशुओं की प्रजनन से संबंधित अनेक समस्याओं का निवारण भी करता है। उन्होंने बताया कि पशुओं के हीट में न आना, गर्भ रुकने की समस्या दूर हो सकती है। नियमित खनिज मिश्रण खिलाया जाए तो जोझोटी 3 साल में गर्भवती होती है उसकी यह अवधि 1 से डेढ़ साल कम की जा सकती है। उन्होंने कहा कि खनिज मिश्रण लाला लाजपत राय पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार द्वारा वितरित किया जाता है। इस मौके पर हिसार से आया हुआ खनिज मिश्रण भी किसानों को उपलब्ध करवाया। इस मौके पर विस्तार से जानकारी देते डा पवन कांगड़ा ने बताया कि हिसार के लाला लाजपत राय पशु ज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से सस्ते दामों पर किसानों को खनिज मिश्रण दिया गया जिसकी मांग अधिक होने के कारण निकट भविष्य में पुन: खनिज मिश्रण मंगवाया जाएगा ताकि सभी उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाया जा सके।
फोटो कैप्शन 9: खनिज मिश्रण के बारे में जानकारी देते डा देवेंद्र यादव।
बनारसी देवी है महेंद्रगढ़ जिला की प्रथम एफपीओ
-बवानिया में एक दर्जन महिलाओं सहित बना रखा है बवानिया पिकल प्रसंस्करण केंद्र
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कनीना। जिला महेंद्रगढ़ में के बवानिया गांव की बनारसी देवी जिले की प्रथम तथा प्रदेश की दूसरी महिला एफपीओ(फार्मर्स प्रोडेक्षन आर्गेनाइजेशन)े है। जिन्होंने सहयोगियों सहित सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिए न केवल उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होना
सिखाया है अपितु सभी अपना रोजगार घर पर रहकर कर रही हैं। अभी तक कोई फैक्ट्री नहीं है तथा हाथों से ही काम हो रहा है किंतु भविष्य में उनका कार्य मशीनों से संभव हो सकेगा। इसके लिए अपना सुझाव भेजा हुआ है। 2018 में एक क्विंटल कच्ची सामग्री से अपना अचार बनाने का काम शुरू किया था जो अब दस क्विंटल तक पहुंच गया है। कच्ची सामग्री खरीदकर घर पर बैठकर ही अचार बनाया जाता है।
जब कभी कहीं कृषि मेले लगते हैं तो उनके हाथ से निर्मित अचार की मांग होती है। बागवानी विभाग उनकी पूरी मदद कर रहा है तथा विभिन्न बागवानी अधिकारी समय समय पर उन्हें सलाह देते रहते हैं। बनारसी देवी बताती है कि जल्दी ही फैक्ट्री बवानिया में लग जाएगी तत्पश्चात मशीनों के जरिए सारा काम संभव हो पाएगा। तब उनके सदस्य बढ़कर 250 के पार पहुंचने की संभावना है। अभी तो सभी कार्य हाथों से चल रहे हैं तथा प्रतिमाह 20 से 30 हजार रुपये कमा लेती हैं जो सभी 12 महिलाओं में बट जाते हैं। कच्ची सामग्री किसानों के खेतों से खरीदी जाती है जिनमें गाजर, नींबू, मिर्च, कैरी, टींट, बाड़ करेला, कचरी आदि प्रमुख हैं। इनके जरिए सभी महिलाएं मिलकर अचार तैयार करती है जिसकी अच्छी खासी मांग है। जब जब कृषि मेले लगते हैं सैकड़ों
डब्बे आचार के बिक जाते हैं। जहां करेला, कचरी और टींट का अचार शुगर वाले व्यक्तियों के लिए लाभप्रद बताया जाते हैं।
शुरुआत में वर्ष 2018 में एसपीओ की स्थापना की गई जो 1 क्विंटल कच्ची सामग्री लेकर आचार बनाना शुरू से वर्तमान में 10 क्विंटल तक कच्ची सामग्री से अचार बनाया जा रहा है जिससे लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति हो पा रही है। उन्होंने अपना प्रोजेक्ट नाबार्ड को भेजा हुआ है तथा
जल्द ही फैक्ट्री लग जाएगी और फिर मशीनों से कार्य चलेगा। उन्होंने बताया कि उन्होंने करनाल से ट्रेनिंग ली है तथा सभी महिलाएं ट्रेनिंग ले चुकी हैं। उन्होंने अपना सेल्फ हेल्प ग्रुप प्रगतिशील टैगोर नाम से बना रखा है जिनके 12 सदस्य हैं। बनारसी की पुत्रवधू भागवंती गुजरात जाकर रेशम की डोरी से विभिन्न पदार्थ बनाने की जानकारी लेकर आई है। ट्रेनिंग लेने के तत्पश्चात उन्होंने तलोट, खासपुर तथा नारनौल के आसपास अनेक कैंप लगाकर महिलाओं को प्रशिक्षित भी किया हैं। उन्होंने समय-समय पर मशरूम पैदा किया है जिससे मशरूम के लड्डू तथा अचार बनाने का कार्य 4 सालों से चल रहा है। उनके ग्रुप के दो सदस्य अरुण कुमार व जयप्रकाश ट्रेनिंग लेकर आये हैं तथा उन्होंने सभी को ट्रेनिंग दी है। बनारसी देवी देसी गाय पालती हैं तथा छोटी-बड़ी सात गायें पाल रखी हैं। सभी महिलाएं मिलकर एकजुट का परिचय देकर अपने पैरों पर खड़ी हुई हैं।
कहां-कहां लगे हैं मेले-
बनारसी देवी ने बताया कि चंडीगढ़, गोवा करनाल तथा कई अन्य स्थानों पर कृषि मेलों में उनके स्टाल लग चुके हैं। उनके हाथ से निर्मित अचार की बेहतर मांग होती है। दूर दराज से फोन आते रहते हैं किंतु वहां तक अचार सप्लाई कर पाना कठिन काम होता है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक तथा बागवानी विभाग के अधिकारी समय-समय पर आते हैं उन्हें जानकारी देेते रहते हैं। उनके अनुरूप ही भावी कदम उठाया जाता है। उनका महिला एफपीओ केंद्र जिले में प्रथम तथा हरियाणा में दूसरे नंबर पर है।
क्या कहते बागवानी अधिकारी-
जिला बागवानी अधिकारी रेवाड़ी मंदीप यादव का कहना है कि महिलाओं के नाम से जिला महेंद्रगढ़ में इस प्रकार का यह पहला एफपीओ जबकि पुरुषों के नाम पर तो और भी ग्रुप बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के ग्रुप महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करते।उन्होंने खुशी जताई जिस प्रकार के काम में महिलाएं जुटी हुई है तथा अपने पैरों पर खड़ी हुई है दूसरे के लिए उदाहरण है।
क्या कहती है बनारसी देवी-
जिले की प्रथम महिला एफपीओ का कहना है कि उनका उद्देश्य महिलाओं को आत्म निर्भर बनाना है। उन्हें झार पर ही रोजगार मिल जाता है तथा वे घर परिवार का पालन पोषण कर सकती हैं।
फोटो कैप्शन 2: अचार बनाते हुये महिलाएं।
3: मिलकर महिलाएं अचार बनाते हुए
4: कृषि मेले में स्टाल लगाते हुए
5: कच्ची सामग्री इकट्ठा करते हुए
बनारसी देवी















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