अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर हुआ आइडियल वीमेन अचीवमेंट अवार्ड 2021 का आयोजन
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कनीना। बीएमडी क्लब द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर कान्हाजी स्कूल में आइडियल वीमेन अचीवमेंट अवार्ड 2021 कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लाइफवीवा इंटरनेशनल के एमडी जयवीर कुमार थे।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आदर्श महिलाओं को एक मंच प्रदान करना था ताकि भविष्य में उन्हें समाज सेवा के साथ-साथ किसी भी क्षेत्र में आगे बढऩे के लिए प्रेरणा मिल सके। इस कार्यक्रम के तहत कोरोना काल के समय भी राशन वितरित करना ,नि:शुल्क मास्क वितरित करना जैसे सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाली आदर्श महिलाओं का चयन किया गया। जिला महेंद्रगढ़ की पहली महिला एफपीओ बवानियां बनारसी देवी, पिकल्स एवं काफिला एक युवा सोच की संस्थापक रमन सिंह धनौंदा का भी सम्मान किया गया।
बीएमडी क्लब के अध्यक्ष लक्की सिगड़ा ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि लोगों को जगाने के लिए ,महिलाओं का जागृत होना जरूरी है। एक बार जब वो अपना कदम उठा लेती है, परिवार आगे बढ़ता है, गांव आगे बढ़ता है और राष्ट्र विकास की ओर उन्मुख होता है। भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये सबसे पहले समाज में उनके अधिकारों और मूल्यों को मारने वाले उन सभी राक्षसी सोच को मारना जरूरी है जिनमें दहेज प्रथा,अशिक्षा,यौन हिंसा, असमानता, भ्रूण हत्या, महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि ने भी महिला सशक्तिकरण की अपील करते हुए कहा की इस देश में आधी आबादी महिलाओं की है। इसलिए देश को पूरी तरह से शक्तिशाली बनाने के लिए महिला सशक्तिकरण बहुत जरूरी है। समाज में सभी क्षेत्रों में पुरुष और महिला दोनों को लिये बराबरी में लाना होगा । देश, समाज और परिवार के उज्ज्वल भविष्य के लिये महिला सशक्तिकरण बेहद जरूरी है।
मुख्य अतिथि जयवीर कुमार ने कहा कि महिला सशक्तिकरण का अर्थ हैं महिलाएं परिवार और समाज के सभी बंधनों से मुक्त होकर अपने निर्णयों की निर्माता खुद हो। उसमें यह योग्यता हो जिससे वो अपने जीवन से जुड़े सभी निर्णय स्वयं ले सकती हैं । महिला सशक्तिकरण में वास्तव में वो ताकत है कि जो समाज और देश में बहुत कुछ बदल सकें। वो समाज में किसी समस्या को पुरुषों से बेहतर ढंग से निपट सकती है।महिला सशक्तिकरण के उच्च लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इसे हर एक परिवार में बचपन से प्रचारित व प्रसारित करना चाहिए। महिलाओं के उत्थान के लिए एक स्वस्थ परिवार की जरूरत है जो राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है।
काउंसलर डिम्पल यादव उर्फ पिंकी,काफिला एक युवा सोच की संस्थापक रमन सिंह एवं एफपीओ बवानियां पिकल्स की मार्गदर्शिका बनारसी देवी जी ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखे।
समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर काउंसलर डिंपल यादव उफऱ् पिंकी ,रचना शर्मा ,रोनिका यादव ,प्रियंका प्रजापति ,स्वीटी यादव,मंजू यादव,ज्योति यादव ,मनीषा निशा एवं दीपिका को आइडियल वीमेन अचीवमेंट अवार्ड 2021 से सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि नवीन यादव ,ओपी पूनिया,एकता यादव एवं रीना देवी, सचिव इंद्रजीत शर्मा,रोनिका यादव,नरवीर सिंह,कर्मपाल यादव,अमित कुमार,नेहा अल्का,मनुश्री राव,कविता,शीतल,अन्नू,गीता,मनीषा,हर्षिता ,बबली,रितू ,दिव्या,पूनम सहित क्लब के अन्य पदाधिकारीगण भी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 5: विभिन्न क्षेत्रों में नाम कमाने वाली महिलाओं को सम्मानित करते लक्की सिगड़ा एवं अन्य।
8 मार्च महिला दिवस पर विशेष.......
किसी भी प्रकार से महिला पुरुषों से कम नहीं -हर क्षेत्र में नाम कमा रही हैं महिलाएं
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कनीना। लड़कियां हो या महिलाएं हर क्षेत्र में नाम कमा रही हैं तथा पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। लड़कियां एवं महिलाएं न केवल शिक्षा के क्षेत्र में अपितु घर के कामकाज या फिर खेती के क्षेत्र में भी अग्रणी हैं। कनीना क्षेत्र के अनेक महिलाओं एवं लड़कियों से महिला दिवस पर बात की गई तो उन्होंने भारत में महिलाएं अग्रणी होने की बात कही।
कमला देवी कनीना ने अपने परिवार को बखूबी से चलाया है किंतु रसोई घर के जूते बनाने की एक कला हासिल की है। उन्होंने इस प्रकार के
जूते बनाए जो रसोई घर में काम आ सकते हैं। कपड़े की कतरन तथा फटे कपड़ों से वे जूते,कालीन, मैट आदि बनाती है। रसोईघर के जूतों में उनकी पहचान हुई। दूरदराज के लोग भी उन जूतों को देखने के लिए आते रहे हैं। बैठने के लिए मैट, कालीन आदि भी पुराने कपड़ों से बनाई गई वही पुराने कपड़ों से उन्होंने ऐसे जूते बनाए जो रसोई घर में भी पहने जा सकते हैं। जो सर्दी गर्मी दोनों समय में कारगर साबित होते हैं। उनका अनुसरण अब अनेक महिलाएं कर रही हैं। उनका कहना है कि महिलाएं हाथ के काम में विशेष महारत हासिल करती हैं तथा रोटी रोजी कमा सकती हैं।
कांता मोड़ी गांव की की ऐसी महिला हैं जिन्होंने खेती के काम में नाम कमाया है। कभी प्याज तो कभी मटर, कभी सब्जियां तो कभी फल उगा कर न केवल परिवार की आय बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है वही वर्षा जल संरक्षण में भी इनका अहं योगदान है। खेती में कार्य में सुबह से शाम तक लगी रहती है तथा उन्नत प्रकार की फल सब्जियां आदि पैदा कर रही हैं। दूर-दराज तक इनका नाम है। इनका कहना है कि महिलाएं किसी प्रकार से
पुरुषों से कम नहीं हैं चाहे खेती का ही काम क्यों न हो।
लक्ष्मी देवी ट्यूबवेल पर रहती है। खेती के कार्य, परिवार को चलाना, हर प्रकार के कार्य में अग्रणी है किंतु इन्होंने बायोगैस, केंचुआ पालन में नाम कमाया है। क्योंकि वे ट्यूबवेल पर रहती है, गैस सिलेंडर लाना ले जाना भी कठिन है इसलिए अपने ट्यूबवेल पर गोबर गैस प्लांट लगवाया हुआ है। खुद ही गोबर गैस प्लांट की देखरेख करती हैं। केंचुआ पालन, देसी फल एवं सब्जियां उगाने में नाम कमाया है। उनका कहना है कि वे
किसी प्रकार भी पुरुषों से कम नहीं है। दिन रात मेहनत कर पशुओं को पालकर दूध भी पैदा करती है।
मोनी देवी कनीना मंडी से एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने कोरोना काल में अपनी अहम भूमिका निभाई थी, जब उन्होंने एक हजार मास्क बनाकर मुफ्त में बांटे हैं। सिलाई कढ़ाई का काम करने में माहिर मोनी देवी अपने परिवार का पालन पोषण करती है वहीं अपना गुजर-बसर भी अच्छी प्रकार कर लेती है। कोरोना काल से अब तक जन सेवा में जुटी हुई है। उनका कहना है कि महिलाएं हाथ के काम हो या कोई अन्य काम हो, बढ़-चढ़कर भाग लेती हैं तथा पूरा करती है।
शर्मिला यादव कनीना से हैं जो सहायक प्रोफेसर पद तक पहुंची है। अभी उनकी पीएचडी पूरी हो रही है। वह एक सामान्य दुकानदार की पुत्री है जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमाया है। वर्तमान में रोहतक विश्वविद्यालय में शिक्षण कार्य करवा रही है। उनका कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में तो लड़कियों ने सदा ही नाम कमाया है। लड़कियां शिक्षा के साथ-साथ घर का काम भी अच्छी प्रकार कर लेती हैं।
सुनीता देवी रामबास के निवासी है जिन्होंने अपने घर को किचन गार्डन में बदल दिया है। सब्जी पर बाहर के खर्चे से अपने घर को बचाती है। घर के अंदर जगह अधिक होने से उनके किचन गार्डन मेंहर मौसम में हर प्रकार की हरी पत्तेदार सब्जियां तथा विभिन्न प्रकार की सब्जियां उपलब्ध होती है। समय-समय पर भी किचन गार्डन की देखरेख करती है, साथ में अपने परिवार का पालन पोषण भी बखूबी से करती है। वे अपने किचन गार्डन के रूप में नाम कमा रही है। उनका कहना है कि महिलाएं किसी भी काम में किसी से पीछे नहीं रह सकती। उनकी हिम्मत और हौसले सदा आसमान छूते हैं।
फोटो कैप्शन: कमला देवी, कांता, लक्ष्मी देवी, मोनी देवी, शर्मिला, सुनीता देवी।
संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ मेले को लेकर आयोजित हुई बैठक
-विभिन्न स्पर्धाओं की राशि बढ़ाई
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कनीना। संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ आश्रम परिसर में कनीना कस्बे वासियों की एक बैठक 25 मार्च को आयोजित होने वाले मेले के दृष्टिगत आयोजित की गई। जहां मेले के दृष्टिगत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।
बैठक में विभिन्न स्पर्धाओं की राशि बढ़ाई गई। बैठक की अध्यक्षता रतनलाल शर्मा पूर्व मुख्याध्यापक ने की।
इस अवसर पर जानकारी देते हुए रतनलाल शर्मा ने बताया कि 25 मार्च को आयोजित कनीना के प्रसिद्ध मेले में ऊंट तथा घोड़ों की दौड़ की राशि 51 हजार, 41 हजार और 25 हजार रुपये क्रमश: प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय को दी जाएगी। घोड़ा दौड़ में प्रथम 15 हजार रुपये, द्वितीय 11 हजार रुपये तथा 7100 रुपये तृतीय स्थान पाने वाले को दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि रस्साकशी में क्रमश: 7100 तथा 5100 रुपये प्रथम और द्वितीय को दिए जाएंगे। घाडिय़ों की चाल में 21 हजार, 15 हजार और 7100 रुपए क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय को दिए जाएंगे। ग्रुप में ऊंट एवं घोडिय़ों की दौड़ में प्रथम स्थान पाने वाले को 5100 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा वही नेशनल कबड्डी में प्रथम 21 हजार तथा दूसरे स्थान पर 15 हजार रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा। वालीबाल स्मेसिंग में 25 हजार रुपये तथा 15 हजार रुपये क्रमश: प्रथम और द्वितीय को दिए जाएंगे। वहीं लांग कबड्डी में 31 हजार और 21 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
इस मौके पर 31 रुपये तक की ईनामी कुश्तियां आयोजित होंगी। बैठक में भगत रामनिवास, ठेकेदार अशोक कुमार उप प्रधान नगर पालिका, राजेंद्र पार्षद, मास्टर दिलीप पार्षद, राजेंद्र भेलिया, दिनेश, महिपाल, इंद्रजीत ,अनिल सहित बाबा मोलडऩाथ सत्संग मंडल के पदाधिकारी तथा ग्रामवासी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन दो: बाबा मोलडऩाथ मेले को लेकर आयोजित बैठक का नजारा।
खेत में खड़ी मोटरसाइकिल चोरी, पुलिस ने किया मामला दर्ज
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कनीना। अजीत कुमार ताजपुर थाना अटेली ने कनीना पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है कि वह जिओ कंपनी के टावरों पर बतौर तकनीशियन कार्य करता है। उन्होंने अपनी मोटरसाइकिल सुरेंद्र उन्हाणी के खेत पर बने मकान पर खड़ी की थी तथा हिसार चला गया था। जब अगले दिन आकर देखा कि उसकी मोटरसाइकिल गायब मिली। तलाश करने पर नहीं मिली। उनकी मोटरसाइकिल अज्ञात व्यक्ति ने चोरी कर ली है। कनीना पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मोटरसाइकिल चोरी का मामला दर्ज कर लिया है।
बाघोत गांव में डीजे बजाने पर होगा 51 हजार रुपये का जुर्माना
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कनीना। बाघेश्वरधाम बाघोत में एक सर्वसमाज की पंचायत डीजे को बन्द करवाने के लिए संपन्न हुई। पंचायत में अध्यक्ष फूलसिंह कप्तान तथा विनोद सरपंच को ने की।
इस मौके पर सर्वसमति से डीजे पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगया गया व एक फूलसिंह कप्तान प्रधान की अगुवाई में एक हर समाज के लोगों की एक कमेटी बनाई। अगर कोई गांव में डीजे बजायेगा तो 51 हजार रुपये का जुर्माना किया जाएगा। किसी के घर में भोज का कार्यक्रम आयोजित होगा तो कोई भी व्यक्ति उनके घर भोज पर नही जाएगा। यही नहीं शिवभोले के साल में 2 मेले लगते है और डाक कावड़ लाने वाले भगत डीजे बजाते नहीं आएंगे, उस पर भी पूर्ण रूप से पाबन्दी लगाई है। गांव की सीमा पर डीजे बन्द कर करना होगा। गौ शाला के लिए व गांव में अनेक प्रकार की बुराइयों को खत्म करने के लिए एक सर्व समाज के लोगो की एक कमेटी बनाई गई इसमे विशेष रूप से गांव के गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर महाबीर सिंह पहलवान,तेजराम साहब, बेगराज पहलवान, महिपाल नम्बरदार, सतवीर कोच, कृष्ण कुमार वेदप्रकाश वकील, रामसिंह नम्बरदार, रूपचंद सूबेदार, राजेन्द्र पहलवान, अजीत सूबेदार, मुन्शी सूबेदार, ओमप्रकाश सूबेदार, भीमसिंह कप्तान, साधु चेयरमैन, महेन्द्र कप्तान ,लखीराम डीपी, सतवीर हवलदार, राजपाल, शंकर प्रधान आदि गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 3: बाघोत गांव में विभिन्न बुराइयां खत्म करने के लिए आयोजित बेठक।
राम का मंदिर अयोध्या में ही नहीं बल्कि घर-घर में बनना चाहिए-कृष्णानंद
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कनीना। राम के नाम में जो ताकत होती है उसका सहारा लेके मानव हर दु:ख से बच सकता है। ये विचार संत कृष्णानंद महाराज ने धनौंदा स्थित धाम पर राम कथा के पावन पर्व पर व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि अब कलियुग की शुरुवात हो चुक्की है इसमें अगर हम पवित्र मन से श्रीराम के नाम का सुमरिन करते हुए उनके बताए मार्ग पर आगेबढ़ता रहना चाहिए जिससे जीवन में आने वाले दु:ख कम हो जाएंगे और हमें जीवन जीने की अपार शक्ति मिलेगी। उन्होंने बताया कि रामचरितमानस में भगवान राम के समपूर्ण जीवन के बारे में जो लिखा है उसे हमें अपने जीवन में उतारना चाहिए और श्रीराम के पावन चरित्र को धारण करते हुए शास्त्रों के अनुसार कार्य करते हुए समाज की रक्षा और समाज की सेवा करनी चाहिए। श्रीराम ने इस संसार में जन्म लेकर बुराइयों का अन्त किस प्रकार किया है इस बात को ध्यान में रखना चाहिए और राम की भांति बुराइयों के खिलाफ लड़ते हुए समाज में फैली बुराइयों को दूर करने के लिए पुरजोर कोशिश करनी चाहिए। अपने जीवन में श्रीराम के नाम को धारण करते हुए आए दिन एक शुभ कर्म करने की प्रतिज्ञा करते हुए समाज में शुभ कर्म करते रहना चाहिए जिससे एक सभ्य समाज का उत्थान होता है।
उन्होंने कहा कि जिस पर श्रीराम का भव मंदिर अयोध्या नगरी में बन रहा है यह बड़ी ही सौभाग्य की बात है किंतु राम मंदिर तो घर घर होने चाहिए। इस मौके पर अनेक जन मौजूद थे।
कीमती बन गए हैं धांसे एवं पदाड़ी
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कनीना। सरसों की फसल काटने के तुरंत बाद किसान अपने खेत के धांसों को उखाड़ रहे हैं। ईंधन का विकल्प होने के कारण मांग बढ़ गई है। वहीं पदाड़ी भी बिकती है।
खेतों से किसान जब सरसों फसल की कटाई करते हैं तो कटाई के तुरंत बाद ही खेत से धांसों को उखाड़ लेते हैं। किसानों का कहन है कि एक जमाना था जब धांसों की मांग न के बराबर होती थी। अब महंगाई के युग में ईंधन का विकल्प धांसे बन गए हैं। किसान सरसों की कटाई के तुरंत बाद ही धांसों को उखाड़ लेते हैं।
धांसों की मांग इस कद्र बढ़ी है कि जिन किसी के पास धांसे नहीं है वे दूसरे किसानों के खेतों से धांसे उखाड़ रहे हैं। गृहणि शकुंत, राधा, आशा ने बताया कि धांसे तेजी से जलते हैं और कहने को धांसे हैं किंतु वे ईंधन के रूप में बेहतर काम नहीं करते। मजबूरी के चलते उन्हें ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है।
रबी फसल बतौर दक्षिण हरियाणा में उगाई जाने वाली सरसों फसल पैदावार लेने के बाद सरसों के दानों को ढकने वाली बेकार मानी जाने वाली पदाड़ी अब बहुत उपयोगी पदार्थ बन गयी है। यह पदाड़ी अपनी चार अवस्थाओं से होकर गुजर रही है। पहली अवस्था में तो किसान इस पदाड़ी को खेतों में पटक देते थे और यहां तक कि उसे खेत में जलाकर राख कर देते थे। कोई उस पदाड़ी का ग्राहक नहीं होता था। कुछ पशु खा जाते थे या फिर कभी कभार उपले बनाने में काम में लिया जाता था। दूसरी अवस्था में इसकी कीमत आंकी जाने लगी। कुछ लोग इस पदाड़ी को मुफ्त में उठाकर घरों में काम में लेने लगे विशेषकर गरीब तबके के लोग पशुचारे के रूप में काम में लेते थे। तत्पश्चात इस पदाड़ी की थोड़ी बहुत कीमत दी जाने का दौर आया। दूर दराज से लोग अपने गन्ने से गुड़ बनाने या ईंट भ_ा मालिक इसे ईंट पकाने में काम में लेने लगे। वर्तमान युग में पदाड़ी को भारी दामों पर बेचा जाता हैं। कुछ लोग तो पदाड़ी का धंधा ही करने लग गए हैं।
किसानों के लिए पदाड़ी तो अब कीमती पदार्थ बनता जा रहा है। भाड़भूजे मूंगफली व पदार्थों की सिकाई करने में काम में ले रहे हैं। उधर गुड बनाने वाले कुछ लोग दूर दराज से आते हैं और पदाड़ी को खरीदकर ले जाने लगे हैं। हालात यह बन गई है कि लोग पदाड़ी के बदले फसल की कटाई का काम भी करने लगे हैं। किसानों को इसका और भी कुछ मोल मिलने के आसार हैं।
सरसों के अलावा धांसे एवं पदाड़ी की मांग भी दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। किसान धांसों के बदले सरसों की कटाई करवाने के अलावा पदाड़ी को महंगे दामों पर बेच रहे हैं। खेत से धांसे पहले काटे जा रहे हैं और बाद में सरसों की पैदावार ले रहे हैं।
विगत वर्षों से गुड़ बनाने वालों को रुझान पदाड़ी की ओर बढ़ गया है और ऐसे में पदाड़ी काफी आय का सौदा बनती जा रही है। सरसों के धांसों की मांग भी दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। वर्तमान में नौबत यह बन गई है कि किसान अपनी सरसों फसल की कटाई धांसों के बदले करवाने लगे हैं। पदाड़ी के बदले कभी सरसों को थ्रेसर मशीन से निकलवाने का काम करते थे किंतु अब पदाड़ी को बेचने का काम करने लगे हैं और पदाड़ी कीमती बनती जा रही है। किसान राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, अजीत कुमार, कृष्ण कुमार ने बताया कि गेहूं के मुकाबले सरसों की मांग अधिक होने के कारण किसानों का रुझान ही सरसों उगाने की ओर बढ़ता जा रहा है।
फोटो कैप्शन 1: खेत में इक_े किए धांसे।
अनाज मंडी में अभी नहीं आएगी सरसों
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संवाद सहयोगी, कनीना। यद्यपि किसान जोर शोर से सरसों की लावणी में लगे हुए हैं तथा पैदावार भी ले रहे हैं किंतु अभी सरसों खुली अनाज मंडियों में नहीं पहुंचेगी क्योंकि तेल मिलों पर सरसों की अच्छी मांग चल रही है। सरसों का समर्थन मूल्य 4650 रुपये है वही खुली मंडियों में इसकी बोली 4700 रुपये तक पहुंच रही है किंतु मांग के चलते तेल मिलों में 5000 रुपये तक खरीदी जा रही है।
कनीना व्यापार मंडल प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष रविंद्र बंसल ने बताया कि तेल मिलों पर सरसों की मांग अधिक होने के चलते खुली मंडियों में सरसों नहीं आएगी। जब सरकारी तौर पर सरसों की खरीद होगी उस समय सरसों आ सकती है। बहरहाल अभी कनीना अनाज मंडी में सरसों की आवक न होने की संभावना जताई है।
स्कूलों में शिक्षकों ने भी किया योग
कनीना। शिक्षा विभाग और सरकार के आदेश अनुसार और शिक्षक तथा विद्यार्थी अब योग करेंगे। 6 मार्च से इसकी शुरुआत हो चुकी है। विभिन्न विद्यालयों में जहां शिक्षकों के साथ-साथ विद्यार्थियों ने भी योग किया हैं। यहां तक की सभी विद्यालयों में कार्यरत पीटीआई तथा डीपीई ने पहले ही ट्रेनिंग ले ली है जो सभी स्कूलों में योग करवाएंगे।
प्राचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा कृष्ण कुमार, मुख्याध्यापक महिपाल सिंह सहित विभिन्न शिक्षकों ने विद्यार्थियों के साथ मिलकर योग किया। जहां योग के लाभ भी पीटीआई संजय कुमार ने बताये वही सभी शिक्षकों ने योग करके नई पहल की।
उल्लेखनीय के लोकडाउन के बाद स्कूल खुल गए हैं जहां योग करने का सिलसिला शुरू हो गया है।
फोटो कैप्शन: 8 योग करते स्कूली शिक्षक।
जर्जर हुये नहर के पुल ,परेशानी
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कनीना। कनीना क्षेत्र में तीन नहरी पुल जर्जर हो चले हैं जहां से वाहन गुजरने खतरे से खाली नहीं है। बाघोत, धनौंदा एवं उन्हाणी तीन ऐसे गांव है जहां से गुजरने वाली नहरों के पुल एवं पुल की सड़क जर्जर हो चुकी हैं। दुर्घटनाएं भी घट चुकी हैं।
कनीना से करीब 3 किलोमीटर दूर उन्हाणी गांव के पास से नहर गुजरती है। इस नहर पर बना हुआ पुलिया इतना जर्जर हो चला है कि स्पीड ब्रेकर का कार्य करता है। दोनों तरफ लंबी कतारें वाहनों की लग जाती हैं। वाहन धीमी गति से चलाए जाते हैं।
इसी प्रकार धनौंदा के पास से गुजरने वाली बड़ी नहर के ऊपर पुलिया भी सड़क मार्ग के साथ-साथ जर्जर हो चला है। यहां करीब आधा किलोमीटर पुल पर सड़क तक नहीं बनाई गई है जिसके चलते बारिश में भारी पानी जमा हो जाता आवागमन में परेशानी होती है।
उधर बाघोत के पास से गुजरने वाली नहर के पुल पर दीवार नहीं है जिसके चलते वाहनों से दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं। नहर में जहां विगत दिनों की एक कार गिर गई थी। इस नहर पर जहां पुलिये की दीवार नहीं है वहीं बड़ा मोड़ है। रात के समय प्रकाश व्यवस्था का अभाव है जिसके कारण मोड़ व पुल का पता नहीं चल पाता और वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
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