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Saturday, March 6, 2021











 स्कूलों में शिक्षकों ने भी किया योग
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कनीना। शिक्षा विभाग और सरकार के आदेश अनुसार और शिक्षक तथा विद्यार्थी अब योग करेंगे। 6 मार्च से इसकी शुरुआत हो चुकी है। विभिन्न विद्यालयों में जहां शिक्षकों के साथ-साथ विद्यार्थियों ने भी योग किया हैं। यहां तक की सभी विद्यालयों में कार्यरत पीटीआई तथा डीपीई ने पहले ही ट्रेनिंग ले ली है जो सभी स्कूलों में योग करवाएंगे।
 प्राचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा कृष्ण कुमार, मुख्याध्यापक महिपाल सिंह सहित विभिन्न शिक्षकों ने विद्यार्थियों के साथ मिलकर योग किया। जहां योग के लाभ भी पीटीआई संजय कुमार ने बताये वही सभी शिक्षकों ने योग करके नई पहल की।
 उल्लेखनीय के लोकडाउन के बाद स्कूल खुल गए हैं जहां योग करने का सिलसिला शुरू हो गया है।
 फोटो कैप्शन: 8 योग करते स्कूली शिक्षक।





नहर के पुल हुये जर्जर,परेशानी
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में तीन नहरी पुल जर्जर हो चले हैं जहां से वाहन गुजरने खतरे से खाली नहीं है। बाघोत, धनौंदा एवं उन्हाणी तीन ऐसे गांव है जहां से गुजरने वाली नहरों के पुल एवं पुल की सड़क जर्जर हो चुकी हैं। दुर्घटनाएं भी घट चुकी हैं।
 कनीना से करीब 3 किलोमीटर दूर उन्हाणी गांव के पास से नहर गुजरती है। इस नहर पर बना हुआ पुलिया इतना जर्जर हो चला है कि स्पीड ब्रेकर का कार्य करता है। दोनों तरफ लंबी कतारें वाहनों की लग जाती हैं। वाहन धीमी गति से चलाए जाते हैं।
इसी प्रकार धनौंदा के पास से गुजरने वाली बड़ी नहर के ऊपर पुलिया भी सड़क मार्ग के साथ-साथ जर्जर हो चला है। यहां करीब आधा किलोमीटर पुल पर सड़क तक नहीं बनाई गई है जिसके चलते बारिश में भारी पानी जमा हो जाता आवागमन में परेशानी होती है।
उधर बाघोत के पास से गुजरने वाली नहर के पुल पर दीवार नहीं है जिसके चलते वाहनों से दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं। नहर में जहां विगत दिनों की एक कार गिर गई थी। इस नहर पर जहां पुलिये की दीवार नहीं है वहीं बड़ा मोड़ है। रात के समय प्रकाश व्यवस्था का अभाव है जिसके कारण मोड़ व पुल का पता नहीं चल पाता और वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।




 सात दिवसीय एडवेंचर कैंप के लिए रवाना हुये 45 विद्यार्थी
-मलाह में शिविर में भाग लेंगे
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कनीना। जिला शिक्षा अधिकारी नारनौल के निर्देशन में समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत एक सात दिवसीय एडवेंचर कैंप में भाग लेने के लिए विद्यार्थियों का दल डीओसी रमेश सोनी के नेतृत्व में अखंड कनीना से रवाना हुआ कैंप के प्रतिभागियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी तलवाना के प्राचार्य जयप्रकाश यादव ने कहा कि इस प्रकार के एडवेंचर कैंप विद्यार्थियों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।  वे नेतृत्व की भावना का विकास कर अपने जीवन में विकास के नई बुलंदियों को छूते हैं।
 उन्होंने बताया कि इस कैंप में 45 विद्यार्थी जिला स्तर पर चयनित होकर भाग लेने के लिए जा रहे हैं तथा इस कैंप के 25 विद्यार्थी दिव्यांग है तथा 20 विद्यार्थी सामान्य श्रेणी के हैं। मोरनी हिल्स के पास मलाह में आयोजित होने जा रहे इस सात दिवसीय कैंप में खेड़ी तलवाना से ज्योति चौधरी सहित विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे। रवानगी अवसर पर प्रवक्ता राजेश कुमार, राजेश बाबू सहित अनेक विद्यालयों के शिक्षक व प्रतिभागी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 6: मलाह कैंप के लिए विद्यार्थियों को रवाना करते प्राचार्य जयप्रकाश।





कनीना उप नागरिक अस्पताल में बन रहे हैं आयुष्मान भारत के कार्ड
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कनीना। कनीना के उप नागरिक अस्पताल में कमरा  नंबर एक में आयुष्मान भारत कार्ड बनाने का काम जारी है। हरियाणा स्वास्थ्य सुरक्षा प्राधिकरण द्वारा आपके द्वार आयुष्मान नामक कार्यक्रम का श्रीगणेश किया हुआ है। इसके तहत 96 हजार आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं तथा 1.08 कार्ड और बनाए जाने बाकी हैं। कनीना में ही करीब 250 परिवार हैं।
 विस्तृत जानकारी देते हुए कनीना उप-नागरिक अस्पताल के डा धर्मेंद्र यादव ने बताया कि 2011 की सर्वे के अनुसार दो लाख आठ हजार के करीब आयुष्मान लाभार्थी घोषित किए गए थे। ये लाभार्थी आयुष्मान भारत नाम से अपने कार्ड बनवा सकते हैं।  कनीना के उप नागरिक अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर कमरा नंबर एक में ये कार्ड बनाये जा रहे हैं। सूची में सर्वे में जिस किसी का नाम आया हुआ है वह अपने नजदीकी कामन सर्विस सेंटर पर जा कर यह कार्ड 15 मार्च तक बनवा सकता है। उन्होंने बताया 2000 कार्ड प्रतिदिन बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 2011 में सर्वे किए गए लोगों के लिए कार्ड बनाए जाने हैं।
फोटो कैप्शन 8: आयुष्मान भारत के कार्ड बनाते हुए कनीना उप नागरिक अस्पताल के कर्मी



उच्च न्यायालय में 8 मार्च की सुनवाई को लेकर आयोजित हुई बैठक
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 कनीना। कनीना के नेताजी मेमोरियल क्लब में पंचायत समिति की दुकानों में बैठे हुए 153 दुकानदार एवं खोखा संचालकों की आपातकालीन बैठक संपन्न हुई जिसमें 8 मार्च को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में होने वाली सुनवाई के बाबत विचार विमर्श हुआ। इस मौके पर सतीश गुप्ता तथा महेश बोहरा ने दुकानदारों को संबोधित किया।
इस बैठक में अपनी दुकानें बचाने के लिए न्यायालय में जोर शोर से पैरवी करने पर विचार विमर्श किया गया। उल्लेखनीय है कि 8 मार्च को सुनवाई होनी थी किंतु विगत दिनो सुनवाई 16 जुलाई को कर दी गई थी किंतु सरकार द्वारा जल्दी सुनवाई करवाए जाने के चलते 5 मार्च को सुनवाई की गई जिस पर वकीलों ने दलील दी कि अभी सुनवाई के लिए तैयार नहीं है जिसके चलते 8 मार्च 2021 को फिर से सुनवाई होने जा रही है। इस मौके पर सभी दुकानदारों ने अपने अपने विचार रखें तथा आगामी रणनीति तय की गई।
न्यायिक परिसर बनाए जाने को लेकर के 153 दुकानें और खो-खो को नोटिस दिए जाने के बाद से जहां दुकानदार 20 दिनों तक अनिश्चितकालीन धरना क्रमिक भूख हड़ताल भी कर चुके हैं और अब वे न्यायालय में अपनी पैरवी जोर-शोर से वकीलों के मार्फत करवाने जा रहे हैं।
इस मौके पर रवि कुमार, सुरेश कुमार, डा अजीत कुमार, सतीश गुप्ता, प्रभात, रूप शर्मा विभिन्न दुकानदार मौके पर मौजूद थे।
2015 से दुकानें तोड़े जाने की चर्चा-
वर्ष 2015 से कनीना बस स्टैंड के सामने से गुजरने वाले महेंद्रगढ़-रेवाड़ी मार्ग की दुकानें तोड़े जाने को लेकर चर्चा में रही हैं। वर्ष 2015 में पीडब्ल्यूडी की जगह में बनाई गई 71 दुकानें तोड़े जाने को लेकर दुकानदारों का संघर्ष चला और मामला न्यायालय तक पहुंचा है वहीं वर्ष 2019 में पंचायत समिति की 153 खोखो/दुकानों को खाली करने का मामला सामने आया जो वर्ष 2021 में पुन: खाली करने के बाद सुर्खियों में आया और आंदोलन में बदल गया। यह भी मसला न्यायालय में चल रहा है।
कनीना के सामान्य बस स्टैंड द्वार पर पुलिस चौकी तक बनी 71 दुकानों के भाग्य का फैसला बनी हुई हैं जो नगरपालिका कनीना ने वर्षों पहले निर्मित करवाया था तथा जिनका किराया भी नगरपालिका ने लिया। इन दुकानों को तोड़े जाने की वर्ष 2015 में पूरी तैयारियां हो गई थी। दुकानदारों के सामने कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा था। बार बार उच्चाधिकारियों से मिलकर भी राहत नजर नहीं आ रही थी जो आखिरकार न्यायालय में मसला पहुंचा जिसके चलते कुछ राहत मिली है। यह जगह पीडब्ल्यूडी अपनी मानती है तथा इन दुकानों को तोडऩा चाहती है। अभी मामला न्यायालय में ही चल रहा है।
  उधर कनीना पंचायत समिति के 153 खोखे एवं दुकानें वर्ष 2019 में सुर्खियों में आई जब कनीना न्यायिक परिसर के लिए 54 कनाल 6 मरला जमीन पंचायत समिति ने सरकार को दे दी। और इन खोखा एवं दुकानधारकों को मार्च 2019 में नोटिस जारी कर खाली करने के आदेश दिये। दुकानदार न्यायालय तक पहुंचे किंतु उस वक्त अचानक मामला और गर्मा गया जब जनवरी 2021 में पंचायत समिति ने पुन: नोटिस देकर खोखे एवं दुकानें खाली करने का आदेश दिया। इन खोखो एवं दुकानों में दो दर्जन के करीब दुकानें पंचायत समिति ने स्वयं बनाकर दी थी। इनका किराया पंचायत समिति लेती थी। जहां दुकानें खाली करने का आदेश सुनकर दुकानदारों ने 20 दिन धरना एवं प्रदर्शन के अलावा क्रमिक भूख हड़ताल की जो 28 फरवरी को समाप्त कर दिया। यह मसला भी न्यायालय में चला हुआ है।
इस प्रकार 224 दुकानों एवं खोखों का भाग्य न्यायालय पर निर्भर करता है।
फोटो कैप्शन 7: दुकानें बचाने के लिए दुकानदार बैठक करते हुये।




   किराएदारों की सूचि जारी हो
-किराएदारों की शिनाख्त करने की मांग उठी
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कनीना। कनीना में करीब एक हजार व्यक्ति दूसरे राज्यों से आए हुए हैं किंतु किराए पर मकान देने वाले जनों को किराया लोभ में उन किराएदारों से निवास एवं पता आदि का कोई प्रमाण नहीं है वहीं न तो पालिका में उनका कोई रिकार्ड है तो थाने में भी उनकी कोई पहचान जमा नहीं है। गंदगी करने, मुफ्त बिजली एवं पानी को प्रयोग करने में उनका हाथ अग्रणी हैं। स्थानीय प्रशासन इस मसले को लेकर गंभीर नहीं है। कुछ किराएदार तो कुछ समय के लिए आते हैं और चलते बनते हैं। तीन साल पहले मोहन सिंह नेता एवं उनके सहयोगियों ने जिला उपायुक्त नारनौल, एसपी नारनौल एवं एसडीएम कनीना से  किराएदारों की जांच करने की मांग की थी जिस पर किरायेदारों की पूरी जानकारी रखे जाने की बात कही गई थी।
   मोहन सिंह का कहना है कि कनीना में हजारों किरायेदार अन्य राज्यों से रह रहे हैं किंतु किसी भी किरायेदार ने उनकी पुलिस वेरीफिकेशन नहीं करवाई है। महज किराए के लोभ में उन्हें खंडहरनुमा मकान दिए हुए हैं। बहुत से ये लोग राशनकार्ड भी बनवा चुके हैं और कुछ के तो वोट भी बन चुके हैं। गंदगी फैलाने में अहं योगदान इन्हीं का है।
  कनीना में राजस्थान, उत्तरप्रदेश, नेपाल, बिहार, झारखंड एवं अन्य राज्यों से एक हजार के करीब किरायेदार कनीना रह रहे हैं। ये गुजर बसर करने के लिए या तो खेत की कटाई, रखवाली करना, साइकिल, रेहड़ी आदि पर छोटे सामान बेचने तथा गर्मियों में बर्फ बेचने का काम कर रहे हैं। कुछ परिवार तो वर्षों से रह रहा है। कनीना के लोग जिनके पुराने मकानों में न तो समुचित बिजली, पानी और मलमूत्र की सुविधा नहीं है उनमें गुजर बसर कर रहे हैं। कुछ तो मुंह से गंदगी करने में आगे हैं तो कुछ आम रास्तों को गंदा करने में अग्रणी हैं। गांवों में छोटे छोटे सामान बेचने के लिए जाते हैं तो सामान के साथ पालीथिन, गत्ता, कागज आदि बिखेरकर गंदगी करने में आगे हैं। बहुत से मजदूर एवं चिनाई का काम करने वाले कारीगर हैं। आज तक किसी भी किरायेदार ने कनीना पालिका में इनके बारे में जानने की आवश्यकता नहीं समझी तो कनीना थाने के मार्फत भी इनकी कोई जानकारी किसी भी किरायेदार ने हासिल नहीं की।
  मोहन सिंह ने बताया कि किराएदार जिनके घरों में रह रहे हैं उनके सहयोग से बहुतों ने तो राशनकार्ड बनवा लिए हैं। अब बहुत से वोट भी बनवा चुके हैं। जबकि शर्त है कि अपना स्वयं का घर एवं राशनकार्ड हो और कनीना का स्थायी निवासी हो उन्हीं के वोट बन सकते हैं। आखिरकार इतने बड़े काम को भी बखूबी से अंजाम दे दिया है।
  उल्लेखनीय यह है कि इनकी भाषा को सुन सुनकर क्षेत्रीय लोग पहले उनके मुंह की ओर देखते थे किंतु अब नकल भी करने लगे हैं। ये लोग सबसे अधिक बीड़ी सिगरेट, पान, कत्था एवं सुपारी आदि खाते हैं और यहां वहां थूकते रहते हैं। जब मलमूत्र त्यागने की कोई सुविधा इन घरों में नहीं है तो ये देर सवेर या अंधेरे का लाभ उठाकर गलियों को गंदा करते जाते हैं। सस्ते मजदूर, सस्ते कारीगर, एवं फसल कटाई वाले मिलने व मनमाफिक किराया मिलने से लोग शांत हैं। कस्बा कनीना के समाजसेवियों ने मांग की है कि सभी किराएदारों के आंकड़े मांगे जाए तथा किराए पर देने वाले मकान मालिकों को सख्त हिदायत देकर उनके घरों में रहने वाले लोगों का पता आदि जमा करवाना जरूरी किया जाए ताकि विभिन्न घटनाओं में उन पर नजर रखी जा सके।
सुबह मिलते हैं शिवालय के पास-
इन दिनों इन मजदूरों की भारी मांग होती है और वे कनीना के बस स्टैंड के समीप शिवालय के पास आकर खड़े हो जाते हैं। ताकि इनको विभिन्न कार्यों के लिए ले जा सके।
क्या कहते हैं पालिका प्रधान-नगरपालिका प्रधान सतीश जेलदार ने इस संबंध में बताया कि उन्होंने पुलिस को दो वर्ष पूर्व भी सूचित किया था कि जिस किसी के घर में किरायेदार आये,घर का मालिक पुलिस से उनका वेरीफिकेशन करवाये। किंतु वेरीफिकेशन नहीं कराया जा रहा है। एक बार फिर से सख्ती बरती जाएगी।




300 दुकानों वाले शापिंग कांप्लेक्स का प्रस्ताव भेजा सरकार को
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 कनीना। कनीना में 300 दुकानें सुसज्जित कर शापिंग कांप्लेक्स बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया है। जल्द ही सरकार से पास होकर आने की उम्मीद है। ये विचार नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने पालिका कार्यालय में कहे।
उन्होंने कहा कि बहुत से लोग बेरोजगार हैं, दुकानों की तलाश में हैं। ऐसे में वे चाहते हैं कि दुकानें बनाकर उपलब्ध करवाई जाए ताकि बेरोजगार दुकानों से अपनी रोटी रोजी कमा सके। जहां विगत दिनों भी दुकान ने तोड़े जाने की और न्यायिक परिसर बनाने की चर्चा चली तब भी उनका यही मत रहा है कि किसी भी दुकानदार की दुकान प्रभावित होती है तो वे दुकान उपलब्ध करवाने का भरसक प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि जिला उपायुक्त तक पुराने नगर पालिका भवन के पास जमीन का निरीक्षण कर चुके हैं जहां पर शापिंग कांप्लेक्स बनाया जा सकता है। करीब 7 एकड़ जमीन है जो कालेज को अधिक दी जा चुकी है उसे वापस लिए जाने का भी प्रस्ताव भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा यदि मामला सिरे चढ़ गया तो जल्द ही यहां भव्य शापिंग कांप्लेक्स बनाया जाएगा जिसमें बेरोजगारों को दुकाने उपलब्ध करवाई जा सकेंगी।
उल्लेखनीय है कि करीब 224 दुकानें एवं खोखे हटाए जाने का मसला न्यायालय में चल रहा है जिनमें से 71 पीडब्ल्यूडी की जगह पर तो 153 पंचायत समिति की दुकान एवं खोखे हैं। अगर उन दुकानदारों के पक्ष में फैसला न आए तो वे बेरोजगार हो जाएंगे। ऐसे समय में अगर शांपिग कांप्लेक्स हो तो वहां दुकानें दी जा सकती हैं।





मेहनत के बल पर डेयरी एवं जैविक खाद में नीतू यादव ने कमाया नाम
-पूरा परिवार जी रहा है बेहतर जिंदगी
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कनीना। वर्ष 2020 कोरोना महामारी में बीता है किंतु कुछ महिलाओं ने कोरोना के वक्त भी अपना जज्बा और हिम्मत दिखाई है वहीं वर्तमान समय में भी दूसरों के लिए उदाहरण बनी हुई है। ऐसा ही उदाहरण कनीना से 6 किलोमीटर दूर गुढ़ा की नीतू यादव है।
कनीना उप मंडल के गांव गुढ़ा निवासी नीतू यादव(38)ने अपनी मेहनत के मुकाम पर डेयरी के क्षेत्र में  राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविद से एक लाख रुपये का पुरस्कार मिल चुके है अपितु आधा दर्जन अन्य पुरस्कार पाकर सिद्ध कर दिया है कि ग्रामीण पृष्ठभूमि में भी प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। अगस्त 2019 में भी उनके पशुओं ने विभिन्न स्थान हासिल किए और उन्हें सम्मानित किया गया।
   कनीना खंड के गांव गुढ़ा निवासी नीतू सिंह यादव कोरोना काल में भी गायों का दूध दोहकर जनसेवा में जुटी रही वहीं वर्तमान में भी गायों के बल पर पूरे परिवार को बेहतर जिंदगी जीने की हालात में पहुंचा चुकी हैं। उन्हें गन्नौर (सोनीपत) में फरवरी-2019 में एग्री लीडरशिप सम्मिट में किसान रतन पुरस्कार से राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविद ने सम्मानित भी किया था। नीतू यादव गुढ़ा में डेयरी फार्म चलाती है। वे न केवल अपने पैरों पर खड़ी हुई है अपितु करीब एक दर्जन लोगों को भी उन्होंने रोजगार दिया हुआ है। भारी मात्रा में दुग्ध उत्पादन करती है और डेयरी का काम बेहतर तरीके से चला रही है वहीं जैविक खाद भी बना रही है।
   गांव गुढ़ा की नीतू यादव व उनका परिवार न केवल गायों की सेवा करके अपना एवं गायों का भरण पोषण तो कर ही रहा है साथ में एक दर्जन व्यक्तियों को रोजगार भी दिया है। अपना रोजगार छह गायों से शुरू किया किंतु आज 300 गाएं हैं। वे दूसरों के लिए उदाहरण बन गई हैं और बहुत से जन उनके पदचिह्नों पर चल रहे हैं। उन्हें 2018 का सर्वश्रेष्ठ महिला डेयरी पुरस्कार मिला था। उन्हें यह पुरस्कार इंडियन डेयरी एसोसिएशन(उत्तरी क्षेत्र) द्वारा उन्हें श्रेष्ठ डेयरी महिला बतौर कोच्चि में दिया था।  
 मेघनवास जिला महेंद्रगढ़ से निकास तथा गुढ़ा गांव में रह रही नीतू यादव एवं उनके परिवार जिसमें राव भगवान सिंह, संतरा देवी,जयपाल एवं बबली बीते 2008 में छह गायों से गुढ़ा में डेयरी का काम शुरू किया। उस वक्त पंजाब से एक गाय भी मंगवाई गई थी। आज उनके पास 300 गाएं हैं। प्रतिदिन कई डेयरियों में 2600 लीटर प्रतिदिन दूध भेज रहे हैं। वर्तमान में ड्रा डे चलने से दूध कम है वरना 5000 लीटर तक दूध मिलता है।
   जैविक खाद के क्षेत्र में योगदान-
नीतू यादव ने बताया कि प्रतिदिन एक पशु से करीब 90 किलोग्राम गोबर प्राप्त होता है और यह गोबर वह खेत में इक_ा करती है। इसी गोबर की सहायता से अपने खेतों में फसल पैदावार करती है जिसकी मांग अधिक है व खेतों में किसी प्रकार का अन्य खाद्य नहीं डालती बल्कि अपने पशुओं से प्राप्त गोबर को कंपोस्ट खाद में बदलकर या गोबर को खाद के रूप में डालकर प्रयोग करती है।
     कैसी आई डेयरी क्षेत्र में-
 नीतू यादव का रुझान दूध की ओर एक दिन अचानक गया। हुआ यूं कि एक बार देर रात मेहमानों के लिए उन्हें दूध की जरूरत हो गई और दूध घर पर उपलब्ध नहीं था। दूध न मिलने से उन्हें बड़ा दर्द हुआ और एक दिन अपनी सासू मां से कहा कि वे डेयरी करेंगी जिससे अपने लिये तो क्या दूसरों को भी दूध पिलाएंगी। अपने परिवार से मिलजुल कर उन्होंने गाय खरीदने की बात कही। तत्पश्चात 6 गायों से पूरे परिवार ने मिलकर यह कार्य शुरू किया। गायों की संख्या दिनों दिन बढ़ती चली गई आज के दिन 40 गाय दूध दे रही है। उन्नत नस्ल की विदेशी गाय होने के कारण भारी मात्रा में दूध देती है और वह अकेले एक लाख रुपये का लाभ प्रति माह प्राप्त कर लेती है जबकि 17 लोगों को रोजगार दिया हुआ है। अकेले गोबर के खाद से लाखों रुपये प्रति वर्ष कमा लेती है। गोबर से जैविक खाद और गोबर कंपोस्ट खाद दोनों बनाती है। पशुओं के लिए हरा चारा इसी खाद से तैयार करती है अपितु बचा हुआ अधिक खाद बेच देती हैं।
फोटो कैप्शन 2: राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविद एक लाख रुपये का चैक देते हुये।
साथ में नीतू यादव




बेटी बचाना सभी की प्राथमिकता हो
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कनीना। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ तथा पर्यावरण बचाओ, ये सभी की प्राथमिकताएं होनी चाहिए। ये विचार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा में कार्यरत पीटीआई संजय कुमार की पुत्री दीपिका जन्म दिन पांच पौधे लगाने के उपरांत मुख्याध्यापक महिपाल सिंह ने व्यक्त किए। उन्होंने भविष्य में प्रत्येक छात्रा के जन्म दिन पर स्कूल कैंपस में कम से कम एक एक पौधा लगाया जाए तो कैंपस हरा भरा हो सकता है। इससे पर्यावरण एवं बेटी को बचाने का संदेश जन जन तक पहुंचेगा। इस मौके पर कदम, पीपल, शहतूत, पपड़ी के पौधे लगाये गये।
  महिपाल सिंह ने कहा कि आगामी पांच वर्षों में स्कूल कैंपस में खेल के मैदान के चारों ओर तथा विद्यार्थियों के घर आंगन के आस पास दो हजार पौधे न केवल लगाएंगे अपितु उनकी देखरेख भी करेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाली न केवल मन को प्रसन्नता देती है अपितु पर्यावरण में जहर को समाप्त करके जीवनदायिनी आक्सीजन प्रदान करती है। इस प्रकार की हरियाली की हर संभव जगह पर जरूरत समझी जा रही है।
  समस्त स्टाफ ने दीपिका के जन्म दिन पर उन्हें बधाई दी। संजय कुमार पीटीआई ने बताया कि वे धनौंदा के अलावा बाघोत, लावन, पलवल, महेंद्रगढ़, कनीना आदि स्कूलों में सेवा कर चुके हैं। जहां जहां भी वे रहे वहीं अपनी पुत्री के जन्मदिन पर पांच पौधे लगाये हैं। जब तक वो सेवा करते रहेंगे वहां पौधारोपण करते रहेंगे। इससे पुत्री और पेड़ पौधे बचाने की प्रेरणा मिलती रहेगी। इस अवसर पर प्रीति, सूबे सिंह, प्रदीप कुमार सहित स्टाफ मौजूद था।
फोटो कैप्शन 7: दीपिका के जन्म दिन पर पौधारोपण करते मुख्याध्यापक महिपाल सिंह।


बाबा राधेदास की प्रतिमा होगी स्थापित

नौ मार्च को 

 -2019 में ब्रह्मलीन हुये थे राधेदास
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कनीना। कनीना के सिरस वाला आश्रम के प्रसिद्ध संत बाबा राधे दास की प्रतिमा का नौ मार्च को विधि विधान से स्थापित किया जाएगा। शुक्रवार से संत की उपासना शुरू हो चुकी है जो नौ मार्च तक चलेगी। आठ मार्च को कलश यात्रा, संत प्रतिमा की झांकी निकाली जाएगी तथा रात्रि को भजन सत्संग आयोजित कर नौ मार्च को स्थापित किया जाएगा।
संत राधेदास की उपासना पांच पंडित अरविंद जोशी, पंडित वेदव्यास, विनोद शास्त्री, पंडित रामावतार शास्त्री, , रमेश कुमार कर रहे हैं। संत राधेदास को उनके गुरू बाबा रामेश्वर दास की समाधि के पास ही समाधि दी गई थी। ब्रह्मलीन के समय उनकी उम्र करीब 74 वर्ष थी।
 विस्तृत जानकारी देते हुए उनके शिष्य राजेशदास ने बताया कि संत बनने से पहले वे शिक्षण कार्य से जुड़े हुए थे। बाबा रामेश्वर दास, कनीना के परम संत बाबा मोलडऩाथ के समकालीन थे। बाबा रामेश्वर दास ने ढोसी तीर्थ पर घोर तप किया था और कनीना के सिरस वाला जोहड़ आश्रम पर उन्हें मिट्टी दी गई थी। तत्पश्चात बाबा राधेदास ने गद्दी संभाली थी। बाबा राधेदास भर्तृंहरि अलवर में तप किया था और बाबा रामेश्वरदास की गद्दी पर बैठे थे।  कनीना में भी उन्होंने तप किया था। वहीं बाबा राधे दास ने भर्तृहरि में लंबे समय तक तप किया था और कनीना की पावन भूमि पर लौटे थे।  इससे पहले संत राधेदास ने कई स्थानों पर शिक्षण कार्य किया और अस्सी के दशक में उपमंडल के गांव भडफ़ में शिक्षण कार्य करते रहे थे और स्कूल का निर्माण करवाया था। तत्पश्चात वे नौकरी छोड़कर कनीना के सिरस वाला जोहड़ पर लंबे समय तक तप करते रहे।  उन्होंने 17 वर्षों से उन्होंने कोई अन्न नहीं खाया था और अन्न के स्थान पर फल एवं सब्जियां ही प्रयोग करते थे। तबियत बिगडऩे से वे सिरसवाला जोहड़ पर अपने गुरु की समाधि के पास पंचतत्व में विलीन हो गए थे।  राधेदास के ब्रह्मलीन होने पर बाबा राजेशदास को गद्दी पर बैठा दिया गया।

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