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Tuesday, March 30, 2021

 पाथेड़ा में कड़बी व ईंधन मेेंं लगी आग
-फायर ब्रिगेड ने पाया काबू
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 कनीना। कनीना गांव का पाथेड़ा में ईंधन और कड़वी में आग लगने से भारी मात्रा में कड़वी जलकर राख हो गई किंतु फायर ब्रिगेड के मौके पर पहुंचने पर काफी मात्रा में कड़वी बचा ली गई। किंतु कड़वी को बचाकर गाड़ी आते समय खराब हो गई जिसके चलते फायर ब्रिगेड की गाड़ी को घटना स्थल पर जाने उएवं वापस आने में करीब 3 घंटे का समय लगा।
मिली जानकारी अनुसार बाबूलाल की कडबी, अजीत शर्मा की कड़बी, चंदा राम कड़बी राजकुमार कड़बी, बलबीर की कड़बी एक जगह लगाई गई थी जिसमें करीब 15 किला जमीन की कड़बी थी साथ में ईंधन भी पड़ा था। अचानक आग लग गई तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचित किया मौके पर रामसिंह, चंद्रवीर, सुखवीर सिंह दो फायर ब्रिगेड सहित पहुंचे और आग पर काबू पाया। फायर अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि आग पर काबू पाकर वापस आने में गाड़ी को 3 घंटों का समय लगा। इसमें बहुत ही कड़बी को बचा लिया गया और कुछ जलकर राख हो गई।





एक अप्रैल से सरसों की  होगी सरकारी खरीद
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 कनीना। कनीना अनाज मंडी में सरसों की एक अप्रैल से सरकारी तौर पर 4650 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदी जाएगी। हैफेड मैनेजर सतेंद्र यादव ने बताया कि सभी तैयारियां चल रही है और तैनाती लगाई जा रही है। जल्द ही सभी तैनात कर्मियों एवं अधिकारियों को सूचित कर दिया जाएगा और सरसों की सरकारी खरीद चलेगी। उधर कनीना मंडी के व्यापार मंडल के प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया कि इस बार खुली मंडियों में सरसों के भाव अधिक होने से सरकारी तौर पर सरसों बेचने वाले कम किसान होंगे। उन्होंने बताया कि बाजरे की 1975 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से सरकारी खरीद होगी। इस संबंध में पत्र पहले ही आ चुका है। इस बार सरसों की बंपर पैदावार हुई है जिसके चलते किसान प्रसन्न हैं। अभी गेहूं की कटाई शुरू हो गई है और जल्द ही बाजार में गेहूं आने लग जाएगा।




जिला शिक्षा अधिकारी ने किया आरओ का उद्घाटन
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कनीना। जिला शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त यादव ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी तलवाना में आरओ वाटर कूलर का उद्घाटन किया तथा एडवेंचर कैंप में गई दो छात्राओं को सम्मानित किया। विश्व सद्भावना कार्यक्रम का लोकार्पण किया।
 इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि हमें सदैव सत्कर्म करने चाहिए क्योंकि कर्म ही हमारा भविष्य तय करते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया की कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए अपनी पढ़ाई करें ताकि किसी भी समस्या से बचा जा सके उन्होंने नकल रहित परीक्षा का भी संकल्प दोहराया तथा विद्यालय में चल रहे निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता खंड शिक्षा अधिकारी सत्यवान ने की तथा विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी किसी भी राष्ट्र का भविष्य होते हैं। इसलिए उन्हें अच्छी शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए। विशिष्ट अतिथि के रूप में उप जिला शिक्षा अधिकारी शक्ति पाल आर्य उपस्थित थे। कार्यक्रम में विद्यालय की दो छात्राओं नेहा व प्रिया को मनाली में हुए एडवेंचर कैंप में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने के लिए सम्मानित किया गया।
   इसके अलावा अडानी समूह द्वारा विद्यार्थियों को दिए गए आइआइटी मुंबई के प्रमाण पत्र तथा कौशल दक्षता प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए विद्यालय के प्राचार्य जयप्रकाश यादव ने बताया कि विद्यालय में सद्भावना कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है जिसमें विश्व बंधुत्व की भावना को बढ़ाने तथा समाज में समरसता बढ़ाने पर जोर दिया जाता है। अतिथियों का आभार पूर्व सरपंच रामनिवास चौधरी ने किया। कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता नरेश कौशिक ने किया। इस अवसर पर रामनिवास बंसल पूर्व सरपंच तलवाना, गांव के  विक्टोरिया क्रास सूबेदार रामस्वरूप के वंशज नंबरदार प्रदुमन सिंह, एसएमसी प्रधान राजकुमार बीआरपी सोमवीर सिंह, वरिष्ठ प्रवक्ता विजयपाल यादव, सुमेर सिंह, संजय कुमार, जयपाल, राजेश तंवर, प्रवीण शास्त्री, योगेंद्र सिंह, नितिन यादव, मनीषा देवी, मनीषा शर्मा, अनीता निंबल, ज्योति चौधरी, पूनम रानी, मुख्य शिक्षक राधेश्याम, मनोज कुमार, विज्ञान अध्यापक मनोज यादव सहित समस्त स्टाफ के सदस्य उपस्थित थे। जिला शिक्षा अधिकारी ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत बन रहे कमरों का निरीक्षण किया तथा कनिष्ठ अभियंता को आदेश दिए कि वे समय-समय पर निर्माण कार्य की समीक्षा करें तथा प्रगति रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दें। प्रवक्ता नरेश कौशिक ने बताया कि 15 अप्रैल को प्रवेश उत्सव का आयोजन किया जाएगा जिसमें एक सघन अभियान चलाकर विद्यालयों के नामांकन किए जाएंगे। इसके लिए कमेटी गठित की गई है जो घर-घर जाकर सर्वे करेगी तथा अभिभावकों व विद्यार्थियों को सरकारी विद्यालयों में गुणवत्ता परक शिक्षा ग्रहण करके नाम कमाएंगे।
फोटो कैप्शन 10: खेड़ी स्कूल में विद्यार्थियों को सम्मानित करते डीइओ सुनील दत्त यादव। जागरण








कृष्णानंद महाराज ने ली कोरोना वैक्सीन
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कनीना।  धनौंदा के संत कृष्णानंद ने कनीना अस्पताल पहुंचकर कोरोना वैक्सीन ली। कनीना उप नागरिक केंद्र के डा जितेंद्र मोरवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि कनीना सीएससी में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के अलावा जिनको कोई विशेष गंभीर बीमारी होती है उनका टीकाकरण सोमवार से शक्रवार तक किया जाता है जिसके लिए केवल संबंधित व्यक्ति आकर अपना आधार कार्ड साथ लेकर आए और टीकाकरण कराये। एसएमओ डॉ धर्मेंद्र यादव ने बताया कि कोरोना महामारी ने देश में एक बार फिर पैर पसारने शुरू कर दिया है इसलिए सरकार की हिदायत अनुसार कार्य करने चाहिए और कोरोना वैक्सीन को अवश्य ही बिना भय के लेना चाहिए।
कितनी वैक्सीन दी गई-
मंगलवार को कोरोना की 263 वैक्सीन दी गई। जिसमें से कनीना में 52 भडफ़ 63,गाहड़ा ़़8
नांगल हरनाथ 38 हैं। इस मौके पर शीशराम एचआई, बिमला, कांता, राजबीर, शारदा,सुनीता,राकेश, दीप्ति, गंगा, संदीप ने अहं भूमिका निभाई।
फोटो कैप्शन 11: संत कृष्णानंद कोरोना वैक्सीन लेते हुए।




ट्यूबवेलों की बिजली सप्लाई होगी रात्रि के
-पकी हुई फसलों को बचाने के लिए उठाया गया कदम
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 कनीना के राम रतन जेई गोमली ने बताया कि कनीना के 132 केवी उपकेंद्र ने बताया कि पिछले दो-तीन दिनों से तेज हवा और आंधी चल रही है जिससे ट्यूबेल पर बिजली बाधित हो रही है क्योंकि फसल पक कर तैयार हो चुकी है। उसमें आग देने का खतरा बढ़ गया है। इसलिए सप्लाई रात्रि के समय चलाने का निर्णय लिया गया है। एसडीओ पावर की तरफ से पत्र भी जारी कर दिया गया है जिसमें कहा गया है कि रात्रि के सात बजे सुबह पांच बजे तक ट्यूबवेलों पर बिजली आपूर्ति रहेगी। वाटर सप्लाई चलाने का समय भी इसी में सम्मिलित किया गया है ताकि फसलों को भी बचाया जा सके।





अंधड़ ने पहुंचाया किसानों को नुकसान
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में सुबह से अंधड़ चल रही है जिसके चलते किसानों की काटकर डाली गई फसल भी उड़कर दूर चली गई है। किसान बेहद परेशान है। छोटे पौधे भी टूट गए हैं वही बड़े पौधों को भी नुकसान होने का अंदेशा बन गया है। विभिन्न कार्यालयों संस्थाओं में बिना मंगवाई रेत ही रेत आ गया है जिससे सफाई का काम भी बढ़ गया है। उधर तेज आंधी के चलते दिन के समय बिजली सप्लाई भी बाधित रहेगी।



आशुकाव्य-विधा हरियाणा और राजस्थान के अलावा कहीं अन्य नही  -राधेश्याम
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कनीना। तीन अप्रैल को गाव गोमला में एक आशुकवि प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। सांस्कृतिक विरासत मंच द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में हरियाणा राजस्थान व आसपास के आशुकवि भाग लेंगे। इस बारे आज मंच की कोर कमेटी के सदस्यों ने विचार विमर्श करके कार्यक्रम का प्रारूप तैयार किया गया।
 मंच के संयोजक और सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम गोमला ने बताया कि इस प्रतियोगिता में आशुकवि परमानन्द झगड़ोली , सन्तलाल आर्य मण्डलाना , बालमुकुन्द जाखौद, राधेश्याम पावटा ,बिहारीलाल भाबरू जयपुर , डा. संजय पाठक जैतपुर, सीताराम जयसिंह पुरा ,सतनाम पावटा,दुलीचन्द पाटण आदि आशुकवि हिस्सा लेंगे  और इसमें मुख्य अतिथि समाजसेवी अरुण यादव होंगे व विशिष्ट अतिथि दशरथ चौहान होंगे।  
उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता का आयोजन आशुकाव्य-विधा को जिन्दा रखने के प्रयोजन से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह विधा पूरे भारतभर में केवल हरियाणा और इस के साथ लगते राजस्थान के जयपुर झुन्झुनु व अलवर क्षेत्र में ही प्रचलित है।
उन्होंने इस विधा के बारे में बताते हुए कहा कि यह अति प्रतिभाशाली कवियों द्वारा जिन्दा रखी हुई एक ऐसी कला है जिसमें कवि मौके पर ही दिए गए विषय पर मात्र दस या पन्द्रह मिनट में  राग रागिनियों पर आधारित पारम्परिक संगीत के नियमानुसार कविता की रचना कर प्रस्तुति देता है।
राधेश्याम गोमला स्वयं भी एक कवि हैं।
उन्होंने इस बारे और विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यूं तो कवि हजारों हैं और अक्सर होने वाले कवि-सम्मेलनों में अपनी रचनाओं की प्रस्तुति करते रहते हैं, मगर उनकी वो रचनाएं कार्यक्रम से पूर्व लिखी हुई होती हैं। जिन्हें याद करके या पढ़कर सुनाया जाता है। मगर इस विधा में कवि को तत्काल मौके पर ही रचना तैयार करनी होती है। इसी प्रकार की इस आशुकाव्य प्रतियोगिता में पूर्व लिखित कोई भी रचना स्वीकार्य नहीं होगी। इस प्रतियोगिता में केवल वही कवि हिस्सा लेंगे जो मौके पर ही दिए गए विषय पर तत्काल रचना करेंगे और वह विषय वेद पुराण उपनिषद इतिहास आदि ग्रन्थों से ही होगा।
उन्होंने बताया कि खूब तलाशने पर ही मात्र दस ग्यारह कवि ही मिले जो इस विधा को जिन्दा रखे हुए हैं। जब इस विधा के विधाधर बमुश्किल मिल रहे हैं तो जाहिर है कि यह विधा जिन्दा रखना अति आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि यह प्रतियोगिता मैचों की तरह कराई जाएगी। जिसमें शामिल प्रतिभागियों के समक्ष कुछ प्रश्न रखे जाएंगे फिर विषय देकर निर्धारित पंद्रह मिनट में  संगीतयुक्त रचना करने की चुनौती दी जाएगी। अंकों के आधार पर निर्णय होगा। विजेता और उपविजेता का निर्णय निर्णायक मण्डल करेगा। पश्चात उन्हें नकद राशि, एक आशुकाव्य केसरी की एक ट्राफी व शाल भेंट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गोमला में माता के जोहड़ पर होने वाली यह प्रतियोगिता सालाना की जाएगी।
इस अवसर पर सांगी मेघ सिंह, महाशय बलवन्त, महाशय नन्दलाल ,लालाराम जैतपुर, छंगाराम,महाशय सन्दीप कुमार, हरदेवा मांढण, अशोक कुमार, रविन्द्र कुमार, बुद्धराम, रामप्रताप, लक्ष्मण सिंह, विकास कड़ायला व पंकज कुमार आदि मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 7: आशुकाव्य के लिए गोमला में बैठक लेते राधेश्याम।





नवोदय विद्यालय का कक्षा नौवी का परिणाम
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कनीना। नौंवी कक्षा में जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए परिणाम आ चुका है। संलग्र सूची में अपना रोल नंबर देख सकते हैं।





परीक्षा परिणाम सुधारने पर दिया बल
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कनीना। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में खंड शिक्षा अधिकारी सत्यवान ने विभिन्न विद्यालय मुख्यों  की एक बैठक आयोजित की जिसमें दसवीं और बारहवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम सुधारने के बारे में विस्तार से विचार-विमर्श किया। खंड शिक्षा अधिकारी सत्यवान ने कहा कि हर हाल में सुधार लाने का प्रयास करना चाहिए। विद्यालय के विद्यार्थियों को जी जान एक करके पढ़ाना चाहिए। विद्यालय इस बैठक में प्रमुख रूप से विद्यालय के प्राचार्य सत्यपाल ने आश्वासन दिया कि निश्चित रूप से सुधार करेंगे और दोनों कक्षाओं विशेष रूप से जो भिवानी बोर्ड द्वारा ब्लू प्रिंट तैयार किया है उस अनुसार तैयारी करवाएंगे। इस मौके पर विभिन्न अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई। इस अवसर पर आचार्य अभयराम यादव,ओम प्रकाश, जयप्रकाश,सुमेर सिंह, ओमरति, महेंद्र सिंह, बाबूलाल, रमन शास्त्री आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 8: शिक्षा में सुधार के लिए संबोधित करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी सत्यवान।





मार पिटाई का मामला दर्ज
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 कनीना। कनीना पुलिस में धनौंदा निवासी एवं सेना में कार्यरत अजीत सिंह ने उनके परिवार के जान की सुरक्षा की गुहार लगाई है।  कनीना पुलिस ने तीन लोगों के विरुद्ध जान से मारने की धमकी का मामला दर्ज कर लिया है। अजीत सिंह ने कनीना पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है कि 25 मार्च को छुट्टी आया हुआ था। उनके बड़े भाई सतनारायण की तरफ शोर शराबा सुनाई दिया। जब उन्होंने जाकर देखा तो हम के तो उनके भाई सतनारायण और उनके लड़के कपिल हुए सचिव उत्तर प्रदेश से आए मजदूरों से झगड़ा कर रहे थे। समझाने की बात की गई तो वे मार पिटाई पर उतारू हो गए। तत्पश्चात सैनिक पीछा छुड़ाकर अपने घर आया।  बाद में सैनिक के लड़के राहुल को इस बारे में पता चला कि सतनारायण कपिल व सचिन गाली गलौज कर रहे हैं। जब राहुल उन्हें समझा बुझा रहा था तो उन्होंने राहुल के सिर पर एक ने बांकड़ी(फसल कटाई यंत्र) तो दूसरे ने बेसबाल स्टिक से कमर पर चोट पहुंचाई। सैनिक ने सतनारायण सचिन और कपिल से जान माल को खतरा बताते हुए पुलिस में मामला दर्ज करवाया है। कनीना पुलिस ने सतनारायण, सचिन और कपिल के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता 323/34 और 506 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।



तीन व्यक्तियों के विरुद्ध मामला दर्ज
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 कनीना। गांव कोटिया के कंवर सिंह ने पुलिस में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है और कहा है कि  चोरी से उनके खेत की सरसों निकाल ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
 कंवर सिंह ने पुलिस ने बताया कि सुबह खेत गया तो खेत की सरसों निकाल रखी थी। उन्हें पता चला कि सरसों अनुज नामक व्यक्ति ने निकलवाई है ट्रैक्टर और हड़ंफा भी पकड़ लिये गये।  पिकअप अशोक कुमार कनीना की थी जिसे कनीना मंडी से मौके पर पकड़ लिया है। उन्होंने बताया कि जब वो खेत पर पहुंचा तो  ट्रैक्टर हड़प्पा वेद प्रकाश किसान के खेत से सरसों निकाल रही थी। थोड़ी देर बाद पता चला कि भगवान सिंह की  सरसों भी इसी प्रकार चोरी से निकाली है। मौके पर पुलिस पहुंची और गाड़ी ट्रैक्टर हड़प्पा कब्जे में ले लिया है।  कनीना पुलिस ने अनुज, महेश और अशोक के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।



जौ की खेती भूले किसान
-40 हेक्टेयर पर हुई बीजाई
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कनीना। कनीना क्षेत्र में जौ की खेती कम होती जा रही है।  महज 40 हेक्टेयर पर जौ उगाए गए हैं। जौ की रोटी, राबड़ी तथा धानी आदि बनाकर प्रयोग करते है। अब किसानों को पूजा या राबड़ी के लिए जौ खरीदकर लाने पड़ते हैं।
  कभी कनीना खंड में हजारों एकड़ में जौ की खेती की जाती थी। जौ न केवल पूजा आदि बल्कि हवन, नवरात्रि में,राबड़ी पेय बनाने के लिए ,जौ चने की रोटी खानी हो तो जौ याद आता है। होली पूजा में जौ भूने जाते हैं तो दूर दराज से ढूंढ ढूंढकर जाते हैं।
    किसान अजीत कुमार, सूबे सिंह एवं राजेंद्र सिंह ने बताया कि कम पानी में जौ की पैदावार तो बेहतर होती है किंतु इसकी तूड़ी पशु नहीं खाते वहीं इसके रेट गेहूं की तुलना में कम हैं जिसके कारण जौ नहीं उगाया जाता है।  अब सत्तू, धाणी, पूजा के लिए जौ तथा हवन आदि के लिए जौ बाजार से किसान खरीदते हैं।  गर्मियों में राबड़ी की मांग बढ़ती है तथा ठंडाई के रूप में राबड़ी को प्रति गिलास के हिसाब से बेचा भी जाता है।
कितनी उगाई गई है खेती-
कनीना के कृषि विस्तार अधिकारी डा देवराज यादव ने बताया कि वर्तमान में 30340 हेक्टेयर पर कनीना क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई है। उन्होंने बताया कि 19310 हेक्टेयर पर जहां सरसों, 10590 हेक्टेयर गेहूं, 40 हेक्टेयर पर जौ, 400 हेक्टेयर पर चारे की फसलें  तथा 6 हेक्टेयर पर चने की फसल उगाई गई है।





किसानों की नजर गेहूं की ओर
-मजदूर हुये गायब,लावणी बनी समस्या
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कनीना। सरसों की कटाई का काम करीब 80 फीसदी पूर्ण हो चुका है वहीं किसानों की नजर पककर तैयार गेहूं की फसल पर टिकी हुई है। गेहूं की फसल की कटाई का कार्य कुछ किसानों ने शुरू कर दिया गया है। मजदूर होली पर अपने प्रांतों में चले जाने के कारण किसानों की लावणी का कार्य ठप्प हो गया है।
  कनीना की बावनी भूमि पर जहां 19310 हेक्टेयर पर जहां सरसों, 10590 हेक्टेयर गेहूं, 40 हेक्टेयर पर जौ, 400 हेक्टेयर पर चारे की फसलें  तथा 6 हेक्टेयर पर चने की फसल उगाई गई है।
सरसों की कटाई के बाद गेहूं की लावणी शुरू हो गई है। किसान मजदूरों के आने की बाट जोह रहे हैं जो होली पर्व पर अपने प्रांतों में लौट गये हैं।
  किसान अजी कुमार, राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, कृष्ण कुमार, योगेश कुमार आदि ने बताया कि सरसों की पैदावार बेहतर हो रही है। वहीं मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश एवं राजस्थान से मजदूरों के लौटने का इंतजार है।
  किसानों ने बताया कि गेहूं की फसल से न केवल अन्न प्राप्त होता है अपितु पशुचारे के रूप में तूड़ी प्राप्त होती है। किसान पशु पालते हैं जिसके चलते गेहूं की फसल का अहं योगदान होता है। सरसों की पैदावार को जहां तक किसान बेचकर लाभ प्राप्त करते हैं वहीं तेल के रूप में भी प्रयोग करते हैं। अब किसानों के खेतों में सरसों हो या गेहूं फसल के सभी भाग उपयोगी हैं तथा उन्हें भी बेचकर आय प्राप्त की जाती है। गेहूं से अन्न एवं तूड़ी तो सरसों से धांसे, सरसों, पदाड़ी आदि सभी उपयोगी हैं।
फोटो कैप्शन 1: गेहूं की पकी हुई खेतों में खड़ी फसल।


शांति से मनाया प्रेम एवं भाईचारे का पर्व धुलेंडी
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 कनीना। कनीना में धुलेंडी का पर्व होली धूमधाम से संपन्न हुआ। होली के पर्व पर किसी अप्रिय घटना का समाचार नहीं मिला है। दिन भर लोग रंग गुलाल से होली खेलते नजर आए।
 उल्लेखनीय है कि युवा वर्ग में पहली बार देखने को मिला कि पानी की बचत कर रहे थे तथा प्राकृतिक रंग एवं गुलाल आदि से होली खेल रहे थे। कृष्ण कुमार, सुरेंद्र कुमार, सुनील कुमार ने बताया कि उन्होंने पहली बार हल्दी, टेसू के फूल, चुकंदर का रस, पत्तों के रस एवं मेहंदी आदि से होली खेली और पानी को बचत की पहली बार क्षेत्र में सूखी होली खेलने को मिली। वहीं यदाकदा कुछ लोग पानी बिखेरते भी नजर आए। वहीं दुुलेंडी के दिन तो दिन भर सड़कों, गलियों में होली खेलते लोग नजर आए। क्षेत्र में भडफ़ एवं जैनाबाद,सीहा, निमोठ, बवानिया आदि गांवों में मेले लगे वहीं  जैनाबाद आश्रम में लाल दास महाराज ने होली खेली और भक्तों पर रंग डाला। भक्तों ने भी महाराज पर रंग डाला। होली का पर्व धूमधाम से विभिन्न संस्थाओं में भी मनाया गया। होली खेलते महिलाएं, पुरुष एवं बच्चे देखे गए।
    कनीना के सामान्य बस स्टैंड पर तथा अनाज मंडी में सभी दुकानें बंद रही और वे होली खेलते देखे गए। विभिन्न संस्थानों एवं समाजसेवियों के अनुरोध पर इस बार कम पानी का प्रयोग हुआ। बच्चे एवं युवा ही अधिक संख्या में होली खेलते मिले।
  दुलेंडी पर अकसर लड़ाई झगड़ा होता रहा है किंतु इस बार शांतिपूर्वक पर्व संपन्न हो गया। पत्रकार, समाजसेवी, नेता एवं सामान्य जन बढ़ चढ़कर गुलाल लगा रहे थे।
फोटो कैप्शन 2 व 3: होली खेलते कनीना के लोग।




दिनभर मजाक में बीतता है प्रथम अप्रैल
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 कनीना। क्षेत्र में हंसी मजाक के रूप में फूल डे मनाया जाता है। अंग्रेजी काल के समय से ही चली आ रही परिपाटी को मनाने वाले लोग कम ही रहे हैं। जिस प्रकार हिंदु नव वर्ष कम लोग मनाते हैं वैसे ही मूर्ख दिवस कम लोग मनाते हैं। नव वर्ष मनाने वाले मूर्ख दिवस मनाए जाने का विरोध भी करते हैं।
 ग्रामीण क्षेत्रों में प्रथम अप्रैल फूल डे मनाने की अनोखी परंपरा है। सुबह से ही मूर्ख बनाने की कार्रवाई शुरू होती है और शाम तक चलती रहती है। विशेषकर ग्रामीण लोगों को तो इस दिन भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी तो फोन के मार्फत मूर्ख बनाया जाता है जो भारी तनाव का कारण बनता है।
  यूं तो मूर्ख बनाने के तरीके हजार होते हैं किंतु बच्चे से लेकर युवा वर्ग नोट से मूर्ख बनाने की कार्रवाई अक्सर करते देखे जा सकते हैं। एक सौ रुपये के नोट का एक सिरा धागे से बांध लेते हैं और भीड़ वाले रास्ते में डाल दिया जाता है। इस नोट को बड़े धागे से बांधकर दूर ले जाया जाता है। जब कोई सज्जन इस नोट को उठाने लगता है तो धागे की सहायता से इसे तेजी से खींच लिया जाता है। जब नोट उठाने वाले की नजर इन शरारतियों पर पड़ती है तो भारी मजाक होता है। ग्रामीण लोग अक्सर फूल डे के बारे में अंजान होते हैं और ऐसे में उनके साथ अच्छा खासा मजाक होता है। वैसे भी फसल कटाई का समय होता है और किसान अपनी फसल काटने में व्यस्त रहते हैं। फसल कटाई दौरान उनके साथ अच्छा मजाक होता है। एक किसान को कह दिया जाता है कि वह कृषि के यंत्र खेत में लेकर आओ। वह किसान बेचारा पुन: खेत से घर जाता है और बार-बार उसके साथ मजाक होता है। जब उन्हें अप्रैल फूल बनने का पता चलता है तो वे झुंझलाते हुए नजर आते हैं।
  जिन घरों में फोन लगे होते हैं उनको भी कई प्रकार की समस्याएं अप्रैल फूल से संबंधित झेलनी पड़ती हैं। कई बार तो ऐसे फोन आते हैं कि आपके परिचित की दुर्घटना होने के कारण उन्हें अमुक अस्पताल में भर्ती कराया गया है आप जल्दी से पहुंचो। जब फोन उठाने वाला भाग दौड़कर अस्पताल पहुंचता है तो उसे भारी झुंझलाहट होती है। मोबाइल पर भी अनेकों प्रकार की मजाक की जाती हैं किंतु ये मजाक अधिक समय तक नहीं चलती हैं। बाद में आम जन अप्रैल फूल के विषय में परिचित हो जाता है।
   अप्रैल फूल बनने से सरकारी कर्मी भी पीछे नहीं होते हैं। जहां अस्थाई कर्मी काम करते हैं उनका एक अप्रैल फूल संबंधित आदेश निकालकर रख दिया जाता है जिसमें लिखा होता है कि आपकी सेवाएं समाप्त की जाती हैं। कर्मी परेशान होते हैं किंतु जब उन्हें हकीकत का पता चलता है तो वे अपना सा मुंह लेकर रह जाते हैं। पूरा दिन ही छोटे बड़े मजाकों में व्यतीत है। कई अन्य तरीकों से भी मूर्ख बनाया जाता है किंतु जिनके साथ मजाक किया जाता है वे बुरा नहीं मानते क्योंकि कहा है-बुरा ना मानो अप्रैल फूल डे है।










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