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Friday, March 5, 2021

 पर्यावरण एवं बेटी बचाना सभी की प्राथमिकता हो-महिपाल सिंह
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कनीना। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ तथा पर्यावरण बचाओ, ये सभी की प्राथमिकताएं होनी चाहिए। ये विचार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा में कार्यरत पीटीआई संजय कुमार की पुत्री दीपिका जन्म दिन पांच पौधे लगाने के उपरांत मुख्याध्यापक महिपाल सिंह ने व्यक्त किए। उन्होंने भविष्य में प्रत्येक छात्रा के जन्म दिन पर स्कूल कैंपस में कम से कम एक एक पौधा लगाया जाए तो कैंपस हरा भरा हो सकता है। इससे पर्यावरण एवं बेटी को बचाने का संदेश जन जन तक पहुंचेगा। इस मौके पर कदम, पीपल, शहतूत, पपड़ी के पौधे लगाये गये।
  महिपाल सिंह ने कहा कि आगामी पांच वर्षों में स्कूल कैंपस में खेल के मैदान के चारों ओर तथा विद्यार्थियों के घर आंगन के आस पास दो हजार पौधे न केवल लगाएंगे अपितु उनकी देखरेख भी करेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाली न केवल मन को प्रसन्नता देती है अपितु पर्यावरण में जहर को समाप्त करके जीवनदायिनी आक्सीजन प्रदान करती है। इस प्रकार की हरियाली की हर संभव जगह पर जरूरत समझी जा रही है।
  समस्त स्टाफ ने दीपिका के जन्म दिन पर उन्हें बधाई दी। संजय कुमार पीटीआई ने बताया कि वे धनौंदा के अलावा बाघोत, लावन, पलवल, महेंद्रगढ़, कनीना आदि स्कूलों में सेवा कर चुके हैं। जहां जहां भी वे रहे वहीं अपनी पुत्री के जन्मदिन पर पांच पौधे लगाये हैं। जब तक वो सेवा करते रहेंगे वहां पौधारोपण करते रहेंगे। इससे पुत्री और पेड़ पौधे बचाने की प्रेरणा मिलती रहेगी। इस अवसर पर प्रीति, सूबे सिंह, प्रदीप कुमार सहित स्टाफ मौजूद था।
फोटो कैप्शन 7: दीपिका के जन्म दिन पर पौधारोपण करते मुख्याध्यापक महिपाल सिंह।



नौ मार्च को बाबा राधेदास की प्रतिमा होगी स्थापित
-2019 में ब्रह्मलीन हुये थे राधेदास
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 कनीना। कनीना के सिरस वाला आश्रम के प्रसिद्ध संत बाबा राधे दास की प्रतिमा का नौ मार्च को विधि विधान से स्थापित किया जाएगा। शुक्रवार से संत की उपासना शुरू हो चुकी है जो नौ मार्च तक चलेगी। आठ मार्च को कलश यात्रा, संत प्रतिमा की झांकी निकाली जाएगी तथा रात्रि को भजन सत्संग आयोजित कर नौ मार्च को स्थापित किया जाएगा।
संत राधेदास की उपासना पांच पंडित अरविंद जोशी, पंडित वेदव्यास, विनोद शास्त्री, पंडित रामावतार शास्त्री, , रमेश कुमार कर रहे हैं। संत राधेदास को उनके गुरू बाबा रामेश्वर दास की समाधि के पास ही समाधि दी गई थी। ब्रह्मलीन के समय उनकी उम्र करीब 74 वर्ष थी।
 विस्तृत जानकारी देते हुए उनके शिष्य राजेशदास ने बताया कि संत बनने से पहले वे शिक्षण कार्य से जुड़े हुए थे। बाबा रामेश्वर दास, कनीना के परम संत बाबा मोलडऩाथ के समकालीन थे। बाबा रामेश्वर दास ने ढोसी तीर्थ पर घोर तप किया था और कनीना के सिरस वाला जोहड़ आश्रम पर उन्हें मिट्टी दी गई थी। तत्पश्चात बाबा राधेदास ने गद्दी संभाली थी। बाबा राधेदास भर्तृंहरि अलवर में तप किया था और बाबा रामेश्वरदास की गद्दी पर बैठे थे।  कनीना में भी उन्होंने तप किया था। वहीं बाबा राधे दास ने भर्तृहरि में लंबे समय तक तप किया था और कनीना की पावन भूमि पर लौटे थे।  इससे पहले संत राधेदास ने कई स्थानों पर शिक्षण कार्य किया और अस्सी के दशक में उपमंडल के गांव भडफ़ में शिक्षण कार्य करते रहे थे और स्कूल का निर्माण करवाया था। तत्पश्चात वे नौकरी छोड़कर कनीना के सिरस वाला जोहड़ पर लंबे समय तक तप करते रहे।  उन्होंने 17 वर्षों से उन्होंने कोई अन्न नहीं खाया था और अन्न के स्थान पर फल एवं सब्जियां ही प्रयोग करते थे। तबियत बिगडऩे से वे सिरसवाला जोहड़ पर अपने गुरु की समाधि के पास पंचतत्व में विलीन हो गए थे।  राधेदास के ब्रह्मलीन होने पर बाबा राजेशदास को गद्दी पर बैठा दिया गया।


युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
-मृतक की मां ने लगाया ससुराल पक्ष पर  आरोप, दो के विरुद्ध मामला दर्ज
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 कनीना। कनीना मंडी में एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली जिसके मृतक की मां ने मृतक के ससुराल पक्ष पर फांसी लगाने के लिए बाध्य करने का आरोप लगाया। कनीना पुलिस ने मृतक के साला एवं मृतक की पत्नी पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कनीना थाने में जो रुकमणी नामक महिला ने शिकायत दर्ज करवाई है कि उनके पुत्र सुरेंद्र ने फांसी लगाने की सूचना उन्हें फोन पर मिली। चूंकि वह अपने पुत्र जयप्रकाश के पास तीन-चार दिनों से दवाई लेने गई हुई थी। सुरेंद्र घर पर अकेला था सुरेंद्र व उसकी पत्नी के बीच मनमुटाव चल रहा था। करीब डेढ़-दो माह पूर्व सुरेंद्र का आपरेशन हुआ था जिसके 1 दिन बाद ही उसकी पत्नी उसे अकेला छोड़कर अपने लड़की को साथ लेकर अपने मायके चली गई थी। चार-पांच दिन पहले सुरेंद्र के साला संजय व सुरेंद्र की पत्नी ने पुलिस चौकी में आकर सुरेंद्र के खिलाफ एक दरखास्त दी थी जिसमें मेरा नाम भी लिखवाया था। जिसके चलते सुरेंद्र बहुत परेशान हो गया। सुरेंद्र
सुरेंद्र अपने ससुराल पक्ष से परेशान था क्योंकि ससुराल पक्ष कई प्रकार की धमकियां दे रहे थे जिसके चलते उन्होंने मजबूरन यह कदम उठाया है। उन्होंने सुरेंद्र के ससुराल पक्ष पर कार्रवाई करने की मांग की। जिस पर कनीना पुलिस ने मृतक के साला संजय तथा मृतक की पत्नी पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


गेहूं की फसल में दिया जा रहा है पानी
-सरसों की लावणी शुरू, भारी संख्या में आ चुके हैं मजदूर
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में सरसों की फसल अब पक चुकी है। कुछ किसानों के यहां लावणी का काम शुरू हो चुका है। वहीं गेहूं की फसल अभी पकने जा रही है। इसे पानी की जरूरत है। बार-बार फसल को पानी दिया जा रही है। वैसे भी गर्मी पडऩे से गेहूं की फसल को जल्दी और बार-बार पानी की जरूरत पड़ रही है।
 किसान राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, अजीत सिंह, कृष्ण सिंह, राम सिंह, रविंद्र कुमार आदि ने बताया कि कनीना क्षेत्र में होली पर्व के बाद सरसों की कटाई होने की संभावना है। किसान सरसों की फसल की लावणी के लिए लगभग तैयार है। दो चार दिनों में ही लावणी शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि गेहूं की फसल अभी तक पकी नहीं है। दिन के समय तापमान अधिक होने से फसल की वृद्धि अच्छी नहीं हो पाई  है जिससे तूड़ी कम हो पाएगी किंतु दिन की गर्मी और ताप बढऩे से फसल को बार-बार पानी दिया जा रहा है। अभी फसल पकने में समय लगेगा और अभी तो और भी सिंचाई की जरूरत पड़ेगी।
  उधर कनीना मंडी के व्यापार मंडल के उप प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया कि 10 मार्च तक सरसों की आवक खुली मंडियों में शुरू हो सकती है। वर्तमान में अनाज मंडी में सरसों के भाव अच्छे मिल रहे हैं जिसके चलते किसान भी चाहते हैं कि जल्दी से फसल पैदावार ली जाए। जहां सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपये रखा है सरसों का 4650 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है। किसानों ने जहां 19310 हेक्टेयर पर सरसों उगाई है वहीं 10590 हेक्टेयर पर गेहूं उगाया गया है।
फोटो कैप्शन 5 : सरसों की फसल की लावणी को तैयार मजदूर।

समाज में महिला सशक्तिकरण का उत्कृष्ट उदाहरण हैं पिंकी यादव
कोरोना काल में भी और कोरोना काल के बाद भी पिंकी जुटी है जन सेवा में
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कनीना। किसी भी राष्ट्र की उन्नति और प्रगति इस बात पर निर्भर करती है कि उस राष्ट्र के युवा समाज को किस आचरण ओर विचारों से  सींच रहे हैं। वैसा ही राष्ट्र फलीभूत होता चला जाता है। आज की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में जहां समाज के लोग सामाजिक कार्यों के लिए समय नहीं निकाल पाते वही दूसरी ओर सेवा भाव की सोच के साथ पिंकी यादव ने समाज सेवा के साथ-साथ देश के सामने वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान लाकडाउन की स्थिति में भी हजारों कपड़े के मास्क सीलकर नि:शुल्क वितरण कर समाजसेवा एवं महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया है। पिंकी यादव गांव सीगड़ा की रहने वाली हैं जिनमें पति लक्की सिगड़ा ने भी समाज क्षेत्र में नाम कमा रखा है।
वैश्विक महामारी कोरोना काल में जब लाकडाउन चला उस दौरान भी डिम्पल यादव उर्फ पिंकी ने घर का काम करने के साथ-साथ कपड़े के मास्क तैयार करने में जुट गई थी। इनका सहयोग भले ही छोटा रहा हों लेकिन समाज को दिशा देने वाला था। गरीबों को उनकी झोपडिय़ों में जाकर लाकडाउन के वक्त खाना खिलाया तथा कपड़े एवं बर्तन तक मदद की।  लोगों को जब बाजार से मास्क उपलब्ध नहीं हो रहे थे और कहीं मिल भी रहे थे तो कीमत बहुत ज्यादा थी, जिसे आम आदमी खरीदने में असमर्थ थे इसलिए उन्होंने निश्चय किया कि वह लोगों को नि:शुल्क मास्क वितरित कर लोगों की सहायता करेंगी।  इनके द्वारा लगभग एक हजार मास्क वितरित किए गए। सबसे बड़ी बात थी कि वो स्वयं मास्क तैयार करती थी। रात को मास्क तैयार करती और दिन में उन्हें बांटकर लोगों के दुख में शरीक होती, उनकी हर संभव सहायता करती।
महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी महिलाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण के प्रति जागरूक कर 25 से ज्यादा नि:शुल्क सिलाई केंद्र चलवाकर जरूरतमंद महिलाओं की आजीविका के लिए भी कार्य कर रही हैं। जहां बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर भी आज की युवा पीढ़ी को जागरूक कर रही हैं ,इस मुहिम से समाज में बेटियों के प्रति सम्मान भी बढ़ता नजर आ रहा हैं। सेमिनारों के दौरान बेटियों को गुड टच-बैड टच के प्रति भी जागरूक कर रही हैं। अपने समय की अच्छी काउंसलर होने के कारण महिलाओं में जागरूकता, उनकी समस्या हल करने में अग्रणी भूमिका निभाती है।
साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी लोगों को पर्यावरण के प्रति रुचि पैदा करने का प्रयास किया हैं। एक बेटी एक पौधा मुहिम को भी लगातार आगे बढ़ा रही हैं। पिंकी यादव का कहना है कि समाज को स्वच्छ रखने  के लिए पर्यावरण का स्वच्छ होना बहुत जरूरी हैं।
इनके सामाजिक कार्यों एवं समाज सेवा की समर्पणता से बहुत सी महिलाएं भी बहुत प्रभावित हैं। बतौर काउंसलर भी पिंकी यादव ने बहुत से युवाओं की काउंसलिंग कर करियर बनाने में सहायता प्रदान की हैं।
जहां जनसेवा में जुटी है पिंकी वहीं वह अपने घर परिवार को चला रही है। घर में पोचा, झाडू आदि लगाने के अतिरिक्त अपनी एक नन्ही सी परी को भी पाल रही है। एक ओर स्वयं वो महिला है वहीं उनकी एक पुत्री भी है। जिससे सिद्ध होता है कि वो महिला सशक्तिकरण के प्रति कितनी गंभीर है। उन्होंने बताया कि महिला की जिम्मेदारियां पहले ही बहुत अधिक होती है किंतु कुछ महिलाएं समाज में आगेे आकर अतिरिक्त सेवा समाज को दे रही हैं।

फोटो कैप्शन: पिंकी यादव
  2: मास्क बनाते हुये पिंकी यादव फाइल फोटो
3. पौधारोपण करवाती पिंकी यादव।











विभिन्न तिथियों में मार्च में दस दिन दी जाएगी वैक्सीन
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 कनीना। मार्च महीने में कोविड-19 की वैक्सीन देने का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है जिसमें कनीना उप नागरिक अस्पताल के साथ साथ सेहलंग सीएचसी, मुंडिया खेड़ा तथा भोजावास पीएचसी आदि स्थानों पर भी कोविड-19 की वैक्सीन देने का कार्यक्रम चलेगा। कनीना में मार्च में दस दिन वैक्सीन दी जाएगी
विस्तृत जानकारी देते हुए कनीना उप नागरिक अस्पताल के एसएमओ डा धर्मेंद्र यादव ने बताया कि कनीना में 9 मार्च, 12 मार्च, 15 मार्च, 16 मार्च, 18 मार्च, 22 मार्च और 25 मार्च,26 मार्च व 30 मार्च को कोविड-19 वैक्सीन दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सेहलंग सीएचसी के तहत 8 मार्च, 12 मार्च, 18 मार्च और 25 मार्च को कोविड-19 की वैक्सीन दी जाएगी जबकि
पीएचसी मुंडियाखेड़ा में 8 मार्च,15 मार्च और 22 मार्च को वैक्सीन दी जाएगी तथा भोजावास में भी 8 मार्च,15 मार्च और 22 मार्च को वैक्सीन दी जाएगी। पूरे ही जिले का मार्च माह का सत्र घोषित हो चुका है। कनीना में बुजुर्गों की सुविधा के दृष्टिगत अब ग्राउंड फ्लोर पर कमरा नंबर पांच में वैक्सीन दी जाएगी। यह वैक्सीन सभी वरिष्ठ नागरिकों को तथा 45 से 59 साल तक के विशेष रोगों से पीडि़तों को दी जाएगी। रेजिस्ट्रेशन अस्पताल में तथा स्वयं भी आनलाइन करवा सकते हैं।

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