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Thursday, March 11, 2021

 प्रदेश के कर्मचारियों को कैशलेस स्कीम जल्द ही लागू होने की उम्मीद
-12 मार्च को आएगा प्रदेश का बजट जिसमें कुछ सुविधाएं कर्मचारियों को मिलने की उम्मीद
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कनीना। 12 मार्च को पेश होने वाले प्रदेश के बजट से हर वर्ग को कुछ न कुछ उम्मीद है। ऐसे में प्रदेश के कर्मचारियों को भी बजट से कुछ उम्मीदें हैं। इसमें कर्मचारियों को कैशलेस की सुविधा अविलंब प्रदान करने, मेडिकल भत्ता एवं बच्चों की शिक्षा केंद्र के अनुसार बढ़ाए जाने, रुकी हुई डीए की किस्तों का भुगतान करने जैसी उम्मीदें जगी हुई है। यद्यपि पुरानी पेंशन लागू करने के लिए प्रदेश में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन भी किए किंतु यह योजना अभी तक लागू नहीं की गई है। 2006 में पेंशन बंद कर दी गई थी। कर्मचारी बेहद परेशान चल रहे हैं। जहां पंजाब के समान वेतनमान की लंबे समय से मांग है वह पूरी नहीं हो पाई है, वहीं कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, प्रायोगिक भत्ता देने, विज्ञान के पद को तकनीकी पद घोषित करने जैसी अनेकों मांग अधर में लटकी हुई है।
बजट स्टार और सेशन दोनों साथ चलने से कर्मचारियों को कुछ ज्यादा उम्मीदें हैं।
कैशलेस सीधा कर्मचारियों को अभी तक नहीं मिल पाई है। वित्त विभाग द्वारा कोई पत्र जारी नहीं हुआ है। वित्त वर्ष 31 मार्च तक होता है। ऐसे में अध्यापक नेता निर्मल शास्त्री की मांग है कि 1 अप्रैल से पूर्ण रूप से कैशलेस की सीधा कर्मचारियों को मिलनी चाहिए। तब तक की सभी कार्रवाई पूर्ण की जानी चाहिए। इस बात की उम्मीद उन्हें इस बजट से भी लगी हुई है।
डीए की तीन किस्तें रुकी हुई है। महंगाई दिनोंदिन बढ़ रही है। ऐसे में कर्मचारियों को डीए की किस्तों का भुगतान जारी करने की उम्मीद है।
अध्यापक नेता सुनील यादव का कहना है कि अब समय आ गया है, कर्मचारियों को पिछली डीए की किस्तों का भुगतान किया जाए और बजट सत्र में इस प्रकार की घोषणा कर देनी चाहिए ताकि कर्मचारी खुश हो सके। सरकार को इनकम टैक्स भी देते आ रहे हैं तथा हर प्रकार की कोरोना सहायता भी कर्मचारियों ने की है। ऐसे में उनकी मांग है कि डीए की रुकी हुई किस्तों का लाभ दिया जाए।
सीईए नामक भत्ता बच्चों की पढ़ाई के लिए कर्मियों को दिया जाता है। यह भी इस बजट में बढ़ाए जाने की उम्मीद लगाए कर्मचारी बैठे हुए हैं। पूर्व अध्यापक नेता कंवर सेन वशिष्ठ का कहना है कि महंगाई के जमाने में केंद्र सरकार के अनुरूप हरियाणा के कर्मचारियों को सीईए दिया जाए तो उन्हें ज्यादा प्रसन्नता होगी और उन्हें बजट से बजट से यह उम्मीद भी लगी हुई है।
चिकित्सा भत्ता बढ़ाये जाने की उम्मीद में कर्मी बैठे हैं। अध्यापक नेता धर्मपाल शर्मा का कहना है कि केंद्र के अनुरूप हरियाणा के कर्मचारियों को मेडिकल भत्ता नहीं मिलता जिसके चलते उन्हें दर्द महसूस होता है। ऐसे में उन्होंने सरकार से उनकी उम्मीद है कि उन्हें केंद्र के अनुसार मेडिकल भत्ता दिया जाए।
फोटो कैप्शन: निर्मल शास्त्री, कंवर सैन वशिष्ठ, सुनील कुमार और धर्मपाल शर्मा।




बूंद बूंद है कीमती...................
वर्षा जल तथा प्रतिदिन घरों से निकलने वाला जल इकट्ठा कर उगा रहे हैं सब्जी तथा फसलों में लिया जा रहा है उपयोग
-पूरी ही ढाणी लगी है जल संरक्षण में
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 कनीना। उपमंडल के गांव मोड़ी के खेतों में स्थित एक ढाणी के लोगों ने मिसाल कायम करते हुए सिद्ध कर दिया है कि पानी की एक-एक बूंद कीमती है। बरसात का पानी, प्रतिदिन घरों से निकलने वाला पानी नालियों से एक गहरे गड्ढे(कुंड) में जमा हो जाता है जिसका उपयोग फसल, फल, सब्जी उगाने तथा विभिन्न खेती के कार्यों में लेने लगे हैं। 3 एचपी की सोलर मोटर लगाकर इस पानी को खींचकर बेहतर सब्जी उत्पादन शुरू कर दिया है।
24 सदस्यों की इस ढाणी में छह घर शामिल है और प्रतिदिन करीब 2000 लीटर पानी इस कुंड में जमा हो जाता है। जब बरसात होती तो सभी घरों का पानी नालियों से होता हुआ भी इसी कुंड में जमा हो जाता है। पहले वाटर रिचार्ज में काम ले रहे थे। अब तक वे हाथों से कुंड के पानी को रस्सी एवं बाल्टी से खींचकर प्रयोग कर रहे थे किंतु समय की करवट ने सोलर सिस्टम लगवा लिया है ताकि किसी भी समय दिन में अपने इस जल को मोटर से खींचकर सिंचाई के काम में ले रहे हैं। वर्तमान में उन्होंने किन्नू, टमाटर, मिर्च, बैंगन आदि की भी सब्जी एवं फल पैदा कर रखे हैं।
वर्षा जल संरक्षण था उद्देश्य-
 ढाणी के सबसे बड़े व्यक्ति हैं पूर्व सरपंच गजराज सिंह बताते हैं कि करीब 10 वर्ष पहले कृषि विभाग के एक अधिकारी की सलाह से उन्होंने सभी ढाणी के विभिन्न घरों की छतों के पानी को इकट्ठा करके नालियों द्वारा एक कुंड तक पहुंचाया जाने लगा जो ढ़ाणी के घरों के पास बना है। इस जल को वाटर रिचार्ज के काम में लाया जा रहा था। कुंड में ही बोर करवाया हुआ था ताकि वर्षा का, सभी घरों का जल इस कुंड में आए और उस कुंड में बोर के जरिये भूमि में पानी चला जाए लेकिन धीरे-धीरे यह बोर काम करना बंद कर गया और पानी कुंड में जमा होने लग गया। कुंड में जमा होने लग गया। ढाणी के सभी लोगों ने वास्तव में एक मिसाल कायम की जब ढाणी के एक विज्ञान के ज्ञाता सतीश कुमार ने उन को सलाह दी कि सभी घरों से प्रतिदिन पशुओं को नहलाने, बर्तन आदि से जो पानी निकलता है उसको भी नालियों द्वारा इसी कुंड में क्यों न जमा किया जाए ताकि विभिन्न कार्यों में उपयोग हो सके। फिर क्या था सभी ने पानी को नालियों द्वारा एक कुंड में जमा करना शुरू कर दिया।
यह कुंड करीब 6 मीटर गहरा है जिसमें प्रतिदिन करीब 2000 लीटर पानी जमा होने लगा जिसका सदुपयोग करने के लिए उन्हें रस्सी और बाल्टी से खिंचने की बजाय सोलर सिस्टम लगवा दिया। अब सोलर मोटर से यह पानी कुंड से खींचा जाता है।
क्या है सोलर मोटर-
पूर्व सरपंच एवं ढाणी के सदस्य गजराज सिंह बताते हैं कि सोलर सिस्टम के बारे में उन्हें जानकारी मिली तो आनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाकर डीआरडीए की ओर से 3 हार्स पावर की मोटर वाला, 3 केवी का सोलर पंप लगवा दिया है। जिस पर करीब 42 हजार रुपये का खर्चा आया है। दिन के समय मोटर चला कर इस कुंड के पानी को खींचा जाता है। जब से यह पानी सब्जी, फल और अन्न उत्पादन में काम में लेना शुरू किया तब से प्रतिवर्ष अच्छी पैदावार सब्जी फल एवं अनाज की होने लगी है। बिना मोटर के भी इसी जल से सब्जी उगाई जाती रही है।
बिजली पर नहीं रहना पड़ता निर्भर-
उन्होंने बताया कि अब बिजली पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। दिन के किसी भी समय मोटर को चलाकर कुंड के पानी को खींचकर सब्जी उत्पादन में प्रयोग कर रहे हैं। एक और जहां बिजली की बचत हो रही है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कम आने पर भी यह उनका पंप काम करता रहता है।
पूरी ढाणी प्रसन्न है। इस प्रकार एक बूंद पानी भी खराब होने से बच रहा है। 1990 में जो वर्षा जल संरक्षण विधि अपनाई और अब समस्त गांव का पानी इकट्ठा कर काम में लेने की विधि अपनाई जा रही है। यह ढाणी या गांव दूसरे लोगों के लिए एक उदाहरण बन गई है।
क्या-क्या करना होता है-
 ढाणी के लोग जब बारिश का समय आता है तो सभी अपनी अपनी छतों को साफ करते हैं तथा  नालियों को साफ रखते हैं ताकि वर्षा का एक-एक बूंद जल इन नालियों से होता हुआ कुंड में जमा हो जाए। अब तो इस कुंड को घरों से जोड़ दिया है। नालियों से सभी घरों का गंदा जल भी इसने जमा हो जाता है। जिसे सोलर पंप द्वारा खींचकर उपयोग में लाया जा रहा है। वास्तव में इस प्रकार की सकारात्मक सोच ने इस ढाणी के लोगों ने पूरे ही क्षेत्र में नाम कमा लिया है।
कौन-कौन है निभा रहे अग्रणी भूमिका-
 यूं तो इस ढाणी के सभी छोटे बड़े जन जल संरक्षण में भूमिका निभा रहे हैं किंतु सतीश कुमार, गजराज सिंह, कांता तथा अजय कुमार अहं भूमिका निभा रहे हैं जो इस प्रकार की सोच रखते हैं। जिससे जल को बर्बाद होने से बचाया जा रहा है।
कई बार मिल चुका है पुरस्कार-
 गजराज सिंह को सरकार द्वारा सकारात्मक सोच के चलते कई बार फल, सब्जी उत्पादन, वर्षा जल संरक्षण आदि पर सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें अग्रणी किसान माना जाता है।
फोटो कैप्शन 11: 3 केवी की सोलर प्लेट
12 एवं 13: कुंड का नजारा जहां चकली लगी हुई है, रस्सी से पानी खींचा जाता था किंतु अब साथ में चलती मोटर, साथ में अजय कुमार 3 एचपी की मोटर के संग  
14: उगाई गई फसल और सब्जियां।





भाषण प्रतियोगिता में कलाम हाउस ने बाजी मारी
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कनीना। रामचन्द्र पब्लिक स्कूल कनीना में स्वच्छता एवं अनुशासन पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता में चारों सदनों के कनिष्ठ वर्ग व वरिष्ठ के बच्चों ने भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया।
इस प्रतियोगिता में एक निश्चित समय सीमा निर्धारित की गई थी।  कार्यक्रम की संचालिका रितु यादव ने बताया कि कनिष्ठ वर्ग से तानिया कक्षा 3 अब्दुल कलाम हाउस प्रथम , अनवी कक्षा-5 कल्पना चावला हाउस द्वितीय तथा जतिन कक्षा-5 सुभाष चन्द्र बोस हाउस से तृतीय स्थान प्राप्त किया । वहीं वरिष्ठ वर्ग से साहिल कक्षा 6 चन्द्रशेखर हाउस प्रथम, खुशी कक्षा-8 चन्द्रशेखर हाउस  द्वितीय व कीर्ति शर्मा कक्षा-9 अब्दुल कलाम हाउस व राखी कक्षा-8 कल्पना चावला हाउस संयुक्त रूप से तृतीय स्थान पर रहे। आरआरसीएम ग्रुप के चेयरमैन रोशनलाल यादव व प्राचार्य राकेश कौशिक  ने विजेता विद्यार्थियों को बधाई दी तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।


 करीरा की राजावाली बणी में 13 मार्च को लगेगा विशाल मेला
-खेलकूद का होगा आयोजन
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कनीना। करीरा की राजावाली बणी(जंगल)में 13 मार्च को हनुमान मेला लगेगा। इस मौके पर खेलकूद प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। कनीना कस्बा से मात्र दो किमी दूर करीरा की राजावाली बणी में  पुराना हनुमान मंदिर स्थित है।
  विस्तृत जानकारी देते हुये महिपाल सिंह, जय सिंह प्रधान, सुरेश पेंटर ने बताया कि मेले में बढ़ों की दौड़, रस्साकसी, 31 हजार रपये की कबड्डी, कुश्ती, दौड़, हाई जंप, लोंग जंप प्रमुख हैं।
    गांव की पंचवटी वाटिका से थोड़ा राजावाली बणी है। किसी जमाने में यह इतनी सघन होती थी कि इससे निकलना भी कठिन होता था। ग्रामीण इस बणी के अंदर की कहानी नहीं जानते थे किंतु एक दिन एक भैंसें के पैरों के निशानों का पीछा करते हुए लोग अंदर पहुंचे तो दंग रह गए। अंदर एक पुराना हनुमान मंदिर और पास में साफ पानी का जोहड़ था। शायद कोई ऋषि यहां तप करते थे। जोहड़ के पास इंदोख के विशाल पेड़ आज भी अपनी प्राचीनता का आभास कराते हैं। इस मंदिर के पास का वातावरण रमणिक एवं सौम्य है।
  इस पुराने छोटे हनुमान मंदिर के पास ही विशाल हनुमान मंदिर का निर्माण करवा डाला और यहां मेले भरने की प्रथा प्रारंभ की गई। फाल्गुन अमावस्या के दिन हनुमान मंदिर पर विशाल मेला एवं खेलकूद आयोजित होते हैं। मंदिर के पास ही आंवला और अमरूद जैसे वृक्षों का बाग लगा दिया गया है। इस पुराने हनुमान मंदिर में हनुमानजी की एक छोटी सी मूर्ति स्थापित है जो वर्षों पहले इसी जगह लोगों को मिली थी। करीरा गांव के पुराने हनुमान मंदिर के कारण ही इसकी पहचान बनती जा रही है।
फोटो कैप्शन 8: पुराना हनुमान मंदिर।
      9: नया हनुमान मंदिर।




महाशिवरात्रि की रही धूम,
--कई जगह भंडारे आयोजित किए  
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कनीना। कनीना एवं आस पास क्षेत्रों में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया। शिवालयों में दिनभर पूजा अर्चना का सिलसिला चलता रहा। सबसे अधिक भीड़ प्राचीन शिवालय बाघोत स्थित बाघेश्वरी धाम पर रही। कई जगह भंडारे आयोजित किए गए।
  महाशिवरात्रि के पर्व पर मंदिरों में भारी भीड़ रही। कनीना के 21 फुट ऊंचे शिव प्रतिमा वाले शिवालय पर दिनभर तांता लगा और भक्तजन गाजर, बेर, फूल एवं फलों से अर्चना करते देखे गए। महिलाओं की संख्या बहुत अधिक थी। उन्होंने आज व्रत किया और शिवलिंग का जलाभिषेक किया। पुराने शिवभक्त भरपूर सिंह, उनकी पत्नी शकुंतला देवी तथा बच्चे सुबह से शिवालय में पूजा अर्चना करते देखे गए।
 उधर विश्व में प्रसिद्ध कनीना से 15 किमी दूर स्थित बाघेश्वरी धाम पर अपार जनसमूह उमड़ पड़ा। मेला लगा और खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। मेला आयोजित हुआ जिसमें भारी भीड़ जंटी। भक्तों ने स्वयंभू शिवलिंग का अभिषेक किया।
 बाघोत स्थित स्वयंभू शिलिंग के दर्शन हजारों वर्ष पूर्व राजा कल्याण सिंह रैबारी ने यहां स्थित जंगल में सर्वप्रथम किए थे तत्पश्चात यहां अपार जनसमूह प्रतिवर्ष उमड़ता है। बाघेश्वरी धाम नि:संतानों के लिए आस्था का केंद्र बन चुका है। राजा दलीप ने यहीं पर तप एवं व्रत करके संतान प्राप्त की थी। यहीं कारण है कि इस मेले में एक प्राचीन पीपल के पेड़ पर अपनी आस्था एवं मन्नत के परिणित संतान प्राप्ति हेतु कच्चा धागा बांधते हैं और जब उनकी मन्नत पूर्ण होती है तो उस कच्चे धागे को अपने कमलों से हटाने का रिवाज चला आ रहा है। कई कारणों एवं आस्थाओं के चलते बाघेश्वर धाम पर भारी भीड़ रहती है। वैसे भी प्रत्येक सोमवार को यहां भक्तों का तांता लगता है।
  विभिन्न गांवों में शिवालयों में भारी भीड़ रही। विभिन्न गांवों में भंडारा आयोजित किया गया जहां भक्तों की भीड़ रही।
 कनीना 9: कनीना के शिवालय में जल अर्पित करते भक्तजन।
  कनीना-8: बाघेश्वरीधाम पर स्वयंभू शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करते हुए
   7: बाघोत में जुटी भीड़
   6: पीपल के पेड़ पर कच्चा धागा बांधते नि:संतान दंपत्ति।
  5: प्राचीन बाघोत शिवालय  





महाशिवरात्रि पर बेर एवं गाजर की रही मांग  
-दोगुने भाव पर बिके फल एवं सब्जियां
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 कनीना। गुरुवार को महाशिवरात्रि पर बेर, गाजर एवं फलों की मांग रही। गाजर जो 10 रुपये किलो मिलती थी आज 30 रुपये किलो तक बिकी। बेरों की मांग कम होती थी उसमें आज इजाफा हो गया। झाड़ी के बेर 50 रुपये तो बागों वाले बेर 80 रुपये किलो बिके। केले भी 70 रुपये दर्जन बिके। पपीता 25 रुपये किलो बिकता था वह 50 रुपये किलो बिका।  मजबूरी में ये फल एवं सब्जियां खरीदनी पड़ी।
  गाजर के अच्छे भाव मिलने से किसानों ने खेतों से गाजर को उखाड़ा और उन्हें बाजार में बेचकर आय कमाई। उधर करीरा के महाबीर सिंह ने बेहतर बेर की पैदावार की है। उनके बेर की अच्छी मांग रही। ये वस्तुएं शिव भोले को अर्पित की जाती हैं। दूध, बेलपत्र, धतूरा, भाग के पौधों की भी मांग रही।
हनुमान जयंती को लेकर समस्त बिजली कर्मियों की बैठक संपन्न
संवाद सहयोगी,कनीना।  बिजली बोर्ड कनीना के प्रांगण में हनुमान जयंती के भंडारे को लेकर समस्त बिजली कर्मचारियों ने एक बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता राम रतन शर्मा जेई कनीना ने की।
   बैठक में 27 अप्रैल को हनुमान हनुमान जयंती पर भंडारे के निमित्त आयोजन संबंध में सभी बिजली कर्मचारियों ने अपने विचार रखे तथा सभी कर्मचारियों ने सहमति जताई। इस बैठक में सत्यवीर यादव, रमेश चंद्र, हवा सिंह, सुरेश कुमार, छोटेलाल, राम किशन,  लखेंद्र, राजबीर, धर्मेंद्र, राजेश, मोहनलाल, मुकेश कुमार, कुलदीप यादव, विकास, यसपाल, पवन, नवाब, शिशुपाल, साहबुद्दिन, जसवंत आदि सभी कर्मचारी उपस्थित थे।





कृषि विभाग का फसल कटाई प्रयोग जोर-शोर से जारी
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में कृषि विभाग द्वारा फसल कटाई प्रयोग जोर-शोर से जारी है जिसके तहत प्रत्येक गांव में रेंडमली चयन किये 4 किसानों की 5 गुणा 5 मीटर की सरसों एवं गेहूं की फसल का चुनाव करके फसल कटाई, थ्रेसिंग, पैदावार लेकर, तुलाई की जाती है। जिससे प्रत्येक गांव की औसत पैदावार का अनुमान लग जाता है। इस काम में समस्त कृषि विभाग के कर्मी और अधिकारी लगे हुए हैं।
विस्तृत जानकारी देते ही कृषि विस्तार अधिकारी देवराज यादव तथा देवेंद्र यादव एडीओ ने बताया कि पहले खेतों का चुनाव किया जाता है। यह चुनाव रेंडमली चंडीगढ़ से किया जाता है। जिस किसान का नाम आता है सर्वप्रथम उस किसान से मिला जाता है तथा उन्हें पूरी जानकारी दी जाती है कि उनके खेत में निश्चित क्षेत्रफल में गेहूं एवं सरसों काट कर उसकी तुलाई की जाएगी। तत्पश्चात 5 बाई 5 मीटर में सरसों तथा गेहूं की कटाई करके सुखा कर, थ्रेसिंग की जाती है। पैदावार लेकर सूखाकर तुलाई की जाती है।
   तत्पश्चात प्रत्येक गांव का औसत उत्पादन का पता लग जाता है। अभी सरसों पर यह प्रयोग चल रहा है। तत्पश्चात गेहूं पर यह प्रयोग चलेगा और पूरे ही देश में औसत पैदावार की जानकारी मिल जाएगी।
फोटो कैप्शन 1: क्राप कटिंग प्रयोग करते कृषि विभाग के कर्मी।





अनाज मंडी कनीना में 16 मार्च आयोजित होगा श्याम बाबा का विशाल जागरण
-लगेगा नि:शुल्क दांतों का चिकित्सा शिविर
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कनीना। 16 मार्च को अनाज मंडी कनीना में श्याम मित्र मंडल कनीना मंडी के सौजन्य से श्याम जागरण आयोजित किया जाएगा जिसमें मुकेश बांगड़ा जयपुर, ट्विंकल शर्मा दिल्ली, विकास जांगड़ा नारनौल व लक्की सांवरिया कनीना के द्वारा बाबा का गुणगान किया जाएगा।
 पूरी जानकारी देते हुए श्याम मित्र मंडल के प्रधान अनिल गर्ग ने बताया कि श्याम प्रभु के सुमिरन मात्र से ही सभी दुख दूर हो जाते है। श्याम मित्र मंडल कनीना के प्रधान अनिल गर्ग ने बताया कि हर वर्ष बाबा का भव्य जागरण अनाज मंडी कनीना में आयोजित होता है। उन्होंने बताया कि 16 मार्च को सुबह तक दुबई व दिल्ली सरकार से सम्मानित संस्था साईं मोबिडेन्ट डेंटल सेन्टर के द्वारा अनाज मंडी कनीना में दांतों का एक नि:शुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित किया जाएगा जिसमें नि:शुल्क दांतों का इलाज किया जाएगा।




 हाइवे पर बाघोत और सेहलंग के बीच डायवर्सन कट छोडऩे बारे एसडीएम कनीना को दिया ज्ञापन
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कनीना। 152-डी हाइवे पर बाघोत और सेहलंग के बीच डायवर्सन कट छोडऩे बारे क्षेत्र के लोगों ने एसडीएम कनीना को एक ज्ञापन दिया। अधिकारी ने ज्ञापन लेकर आगामी कार्रवाई की बात कही।
  क्षेत्र के सरपंचों के हस्ताक्षर करवाकर महावीर पहलवान बाघोत समाजसेवी की ओर से एसडीएम कनीना दिनेश लुहाच को सौंपा गया और एसडीएम ने पूरा आश्वासन दिया कि केन्द्रीय मन्त्री नितिन गडग़ड़ी सड़क परिवहन मन्त्री को ज्ञापन पहुंचा दिया जाएगा।
ज्ञापन में कहा कि बाघेश्वर धाम दक्षिण हरियाणा का प्राचीन शिव मंदिर है जहां साल में दो बार मेले लगते हैं एक शिवरात्रि को तथा दूसरा महाशिवरात्रि को। इस अवसर पर भारी संख्या में लोग हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान से आते हैं और जलाभिषेक करते हैं। उन्होंने मांग की थी कि श्रद्धालुओं को आने-जाने में दिक्कत न हो इसलिए सेहलंग एवं बाघोत गांवों के बीच से गुजरने वाले इस मार्ग पर डायवर्सन काट दिया जाए ताकि यहां से श्रद्धालु बाघोत तक पहुंच सके। अभी तक 152-डी पर यह कट बूचावास के पास है जो बाघोत से करीब 15 किलोमीटर दूर पड़ता है वहीं दूसरा कट चरखी दादरी में है जो बाघोत से 25 किलोमीटर दूर पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व विभिन्न सरपंचों ने एक ज्ञापन राव इंद्रजीत सिंह केंद्रीय मंत्री को भी गत दिनों सौंपा था। उनकी बात स्वीकार करते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने नितिन गडकरी सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने यह कट देने की सहानुभूति पूर्वक आदेश दिया है।
इस मौके रामरतन शर्मा जेई गोमली, वेद प्रकाश वकील, रामसिंह नम्बरदार, सूबेदार अजीत , सूबेदार भूलेराम, हंसराज अत्री, राजेन्द्र सेठ, राजिया आदि इलाके के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 2: एसडीएम कनीना दिनेश लुहाच को ज्ञापन देते महाबीर पहलवान एवं अन्य।





टीबी जागरूकता शिविर आयोजित
-चयनित विद्यार्थियों को किया पुरस्कृत
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कनीना। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत खंड कनीना में टीबी की जागरूकता के लिए पेंटिंग और क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य लाल सिंह ने की। स्वास्थ्य विभाग से वरिष्ठ टीबी सुपरवाइजर अमित यादव ने स्टाफ सदस्यों तथा विद्यार्थियों को टीबी की बीमारी के बारे में विस्तार से बताया।
   उन्होंने कहा कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है। इसके लक्षण खांसी होना, बार बार बुखार आना, पसीने आना, थकावट रहना, सांस फूलना आदि हैं। इसके बचाव के लिए 2 सप्ताह से अधिक खांसी होने पर अपनी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर बलगम की जांच कराएं और टीबी होने पर डाट्स प्रणाली अपनाकर पूरा कोर्स लेकर बीमारी से मुक्ति पाएं। इस कार्यक्रम के तहत स्कूल के विद्यार्थियों में पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान विकास कुमार,द्वितीय स्थान छवि शर्मा, तीसरा स्थान नितेश ने प्राप्त किया। विभिन्न स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान किए गए। इस अवसर पर वरिष्ठ  सुपरवाइजर अमित यादव, युद्धवीर सिंह, प्राचार्य लाल सिंह, शिवकुमार, रमन शास्त्री, अमृत सिंह विशेष शिक्षक, सोमनाथ ड्राइंग टीचर, मदन लाल शास्त्री उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 3: राजकीय स्कूल कनीना में टीबी उन्मूलन पर आयोजित प्रतियोगिता का निरीक्षण करते हुए उप नागरिक अस्पताल कर्मी।



कनीना में हिंदी माध्यम से शिक्षा पाना हुआ महंगा
-उच्च तथा वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में शुरू की जाये सह-शिक्षा
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कनीना। कनीना में लड़कों के  एकमात्र सरकारी स्कूल का माडल स्कूल बनने पर कम फीस पर शिक्षा पाने वाले बच्चों को परेशानी होगी। माडल स्कूल में सभी कार्रवाई पूर्ण कर माडल संस्कृति का दर्जा दिया जा चुका है तथा प्राचार्य भी आ चुक हैं।
   सरकार द्वारा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (बाल) कनीना को माडल स्कूल का दर्जा दिया गया है जिसमें पढऩे वाले बच्चों से पांच सौ रुपये प्रतिमाह फीस लेकर अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा दी जाएगी जिससे गरीब परिवार के बच्चों को फीस जमा करने में परेशानी होगी तथा हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने वाले लड़कों के लिए परेशानी होगी। इस समय कनीना के सरकारी (बाल) स्कूल में लगभग चार सौ बच्चे शिक्षा ले रहे है जिनको अब इस नए सत्र से फीस देनी होगी।
 यहां यह उल्लेखनीय है कि कनीना में मध्यप्रदेश, राजस्थान तथा दूसरे प्रांतों के मजदूर, मिस्त्री लोगों के बहुत परिवार आये हुए है। जिनके बच्चे इसी सरकारी स्कूल में कम फीस में शिक्षा प्राप्त करते है लेकिन अब माडल स्कूल बनने से अब उनके लड़कों के लिए कनीना में सरकारी स्कूल में पढऩा महंगा हो गया है तथा उनका हिंदी माध्यम से शिक्षा प्राप्त करना मुश्किल हो गया। गरीब परिवारों के बच्चे फीस की वजह से व शिक्षा के माध्यम की वजह पढ़ाई से वंचित न हो पाए इसलिए  सरकार से लोगों ने मांग की है कि कनीना में पहले से ही मौजूद लड़कियों के उच्च विद्यालय को वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का दर्जा देकर सह शिक्षा के लिए मंजूरी देनी चाहिए या राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी के स्कूल में सह शिक्षा को मंजूरी देनी चाहिये ताकि जल्दी शुरू होने वाले सत्र में लड़कों को किसी प्रकार की कोई मुसीबत ना हो। हसला के पूर्व ब्लाकाध्यक्ष सुनील कुमार यादव, अध्यापक नेता धर्मपाल तथा निर्मल शास्त्री ने मांग की है कि उपरोक्त स्कूलों में सह शिक्षा का प्रबंध किया जाए।


नये एसडीएम  ने विभिन्न अधिकारियों को दिये दिशा निर्देश


















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कनीना। काफी लम्बे समय से रिक्त पड़े कनीना एसडीएम के पद पर एसडीएम दिनेश ने कार्यभार संभालते हुए लोगों से मुलाकात की। वही उन्होंने कर्मचारियों व अन्य अधिकारियों की बैठक लेकर उनको जनता के प्रति समर्पित रहने व उनके कार्य को प्राथमिकता देने के दिशा निर्देश दिए।
 एसडीएम ने अपने पद का चार्ज संभालते हुए काफी समय से 153 दुकानों को तोडऩे के मामले को भी देखा व मौके पर जाकर दुकानदारों से बात कर उनकी समस्या को जाना। इस मौके पर कनीना उपमंडल के अन्तर्गत आने वाले सभी कार्यालयों में कार्य सुचारु रूप से चलेगा तथा जिस भी कार्यालय में मक्कार कर्मचारी होगा उसको किसी भी सूरत में बक्सा नही जाएगा। इस अवसर पर क्षेत्र के समाजसेवियों व तहसीलदार व नायब तहसीलदार ने उपमंडल अधिकारी को फूलों का गुलदस्ता देकर उनका भव स्वागत किया गया।
फोटो कैप्शन 4: नये एसडीएम दिनेश कार्यभार संभालते हुए।
           5: एसडीएम कनीना तोड़ी जाने वाली दुकानों की जानकारी लेते हुए।




महिला बाल विकास ने संगोष्ठी का किया आयोजन
--बेहतर व्यंजन बनाने वाली महिलाओं को किया पुरस्कृत
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कनीना। उपमंडल के गांव उन्हाणी में महिला एवं बालविकास विभाग की सीनियर सुपरवाइजर मनीषा यादव द्वारा महिला संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें विभिन्न कार्यक्रम संपन्न हुए। विभाग की विभिन्न वर्कर व हेल्परों व महिलाओं ने भाग लिया तथा विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को बनाकर लाया गया जिसमें सबसे अच्छा भोजन ज्योति, मध्यम अन्नू तथा तीसरा स्थान अनीता वर्मा को मिला।
वही प्रथम आने वाली ज्योतित को 251 रुपये तथा द्वितीय आने वाली को 150 रुपये तथा तीसरे स्थान पर आने वाली महिला को भी उचित नगद ईमान देकर उनका सम्मान किया गया। वही आज इस सेंटर में हेल्थ विभाग द्वारा एएनम बिमला यादव व एएनम कांता यादव द्वारा गांव उन्हाणी में रूटीन टीकाकरण किया। जिसमें बच्चों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों की जांच कर बच्चों को ताकत की खुराक पिलाई गई।

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