पत्रकार की पुलिस द्वारा की गई पिटाई की न्यायिक जांच की मांग
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कनीना। यूपी के थाना नानपारा की राढऩ टाला की पुलिस चौकी क्षेत्र में पुलिस द्वारा पत्रकार को खंभे से बांधकर पीटने के मामले में कनीना प्रेस क्लब ने आरएस वाटिका में एक बैठक कर रोष जताया है। बैठक में उपमंडल कनीना के सभी साथियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया तथा बैठक की अध्यक्षता क्लब प्रधान दीपचन्द यादव ने की।
इस अवसर पर प्रधान ने कहा कि कलम के सिपाही अपने कर्तव्य का पालन कर देश में हो रहे अत्याचार को खत्म करने में अहं भूमिका निभाती है और उसके बिना देश अधूरा है। उन्होंने यूपी के थाना नानपारा के बहराईच क्षेत्र की राढऩटाला पुलिस चौकी इंचार्ज द्वारा कवरेज करने गए एक चैनल पत्रकार रामेश्वर सिसोदिया को खंभे से बांधकर उसके साथ की गई मारपीट को लेकर आज कड़ी आपत्ति जताई है तथा इस मामले को लेकर कनीना प्रेस क्लब ने एक बैठक कर प्रधानमंत्री व देश के गृहमंत्री के नाम एक ज्ञापन नायब तहसीलदार सत्यपाल सिंह व एसडीएम के सुपरिंटेेंडेंट सुरेश कुमार के माध्यम से भारत के प्रधान मंत्री व गृह मंत्री के नाम सौंपा। मामले की न्यायिक जांच करने की तथा दोषी पुलिस कर्मी को बिना देरी किए निलंबित करने की गुहार लगाई है। इस अवसर पर पत्रकार दीपचन्द यादव, पत्रकार मनीष कुमार, मनोज रोहिल्ला, इन्द्रजीत शर्मा, कर्मबीर सिंह, जसवंत सिंह ठाकुर के अलावा अन्य पत्रकार साथी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 8: पत्रकार नायब तहसीलदार को ज्ञापन देते हुए।
9वी और 11वीं की डेटशीट जारी
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कनीना। विद्यालय शिक्षा निदेशालय की ओर से हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले कक्षा 9वी और 11वीं के विद्यार्थियों के लिए डेटशीट जारी कर दी गई। परीक्षा 26 मार्च से शुरू होंगे और 16 अप्रैल तक जारी रहेगी। विस्तृत जानकारी देते हुए वरिष्ठ प्राचार्य
अभयराम यादव ने बताया कि 26 मार्च को कक्षा नौवीं का सामाजिक विज्ञान, 27 मार्च हिंदी, 31 मार्च अंग्रेजी, 2 अप्रैल गणित, 5 अप्रैल विज्ञान, 7 अप्रैल रिटेल/आईटी/पीसीए/फिजिकल/
होम साइंस आदि की परीक्षा होगी।
उन्होंने बताया कि 11वीं कक्षा के लिए 26 मार्च अंग्रेजी कोर, 27 मार्च होम साइंस, 30 मार्च रसायन शास्त्र /लोक प्रशासन/ अकाउंटेंसी, 31 मार्च हिंदी कोर, 1 अप्रैल फाइन आर्ट्स, 2 अप्रैल गणित, 3 अप्रैल इतिहास तथा
तथा बायोलाजी, 5 अप्रैल भौतिक शास्त्र तथा अर्थशास्त्र, 6 अप्रैल राजनीतिक विज्ञान ,7 अप्रैल ज्योग्राफी, 8 अप्रैल संगीत हिंदुस्तानी, 9 अप्रैल कृषि/मनोविज्ञान 12 अप्रैल पंजाबी/संस्कृत/उर्दू आदि 13 अप्रैल समाजशास्त्र, कंप्यूटर साइंस आदि 15 अप्रैल रिटेल/पीसीए, स्टेनोग्राफी आदि की परीक्षा होगी जबकि 16 अप्रैल को मिल्ट्री साइंस की परीक्षा होगी।
दिव्यांग विद्यार्थियों के चिकित्सीय प्रमाणपत्र बनेंगे 24 को
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कनीना। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के आदेशानुसार समावेशी शिक्षा के अंतर्गत खंड कनीना के कक्षा 1 से 12 में अध्ययनरत दिव्यांग विद्यार्थियों के चिकित्सीय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सरकारी अस्पताल नारनौल में शिविर का आयोजन किया जाएगा और जिन बच्चों को विशेष उपकरणों, सहायक उपकरणों की आवश्यकता है उन को चिह्नित किया जाएगा।
यह जानकारी कनीना खंड के विशेष शिक्षक अमृत सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि कनीना खंड में तीन विशेष शिक्षक विनोद कुमार व सरिता यादव है। अमृत सिंह ने बताया कि जो विद्यार्थी कक्षा एक से बारह में अध्ययनरत है और अगर किसी प्रकार की कोई दिव्यांगता से ग्रस्त हैं और मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं है उनके लिए चिकित्सीय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए शिविर नारनौल में आयोजित किया जाएगा तथा जिन बच्चों को सहायक उपकरण की आवश्यकता है उन बच्चों को भी चिह्नित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कनीना खंड के दिव्यांग बच्चों के लिए चिकित्सा प्रमाण पत्र बनाने के लिए शिविर 24 मार्च 2021 को सरकारी अस्पताल नारनौल में आयोजित किया जाएगा।
जन्मदिवस पर लगाया एक पौधा
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कनीना। प्रत्येक बच्चे के जन्मदिन पर स्कूल में एक पौधा लगाया जाएगा। यह जानकारी देते हुए प्राचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा के कृष्ण कुमार ने बताया धरती को हरा भरा बनाने के लिए विद्यार्थियों ने यह निर्णय लिया है कि कक्षा नौवीं एवं दसवीं किसी भी विद्यार्थी का जन्मदिन होगा तो वह एक पौधा विद्यालय परिसर में लगाएगा। यदि विद्यालय यदि विद्यार्थी पौधा देने में असमर्थ होगा तो उसे पौधा भी उपलब्ध करवा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कक्षा दसवीं के पंकज कुमार ने अपने जन्मदिन पर बुधवार को विद्यालय प्रांगण में एक पौधा पापड़ी का लगाया और उन्होंने निश्चय किया कि वह इसकी सेवा करेंगे। इसे दूसरे विद्यार्थियों को भी सबक मिलेगी। प्राचार्य ने बताया कि यह उचित निर्णय है कि एक ही पौधा अपने जन्मदिन पर विद्यार्थी लगाएंगे इससे धरती हरी भरी हो जाएगी तथा भविष्य में विद्यार्थी
अपने इस पौधे को देखकर प्रसन्न भी होंगे। इस मौके पर विद्यार्थी राहुल, अमित, शुभम, साहिल पीटीआई संजय सिंह भी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 7: जन्म दिन दसवीं कक्षा का पंकज पौधा लगाते हुए।
कड़ी मेहनत से बनते हैं देसी फ्रिज
-गर्मियों में होते हें लोकप्रिय
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कनीना। गर्मियों से पेयजल के रूप में काम में लिए जाने वाले मिट्टी के घड़ों की मांग बढ़ जाती है। कड़ी मेहनत से माटी के घड़े बन पाते हैं। बुजुर्ग बड़े चाव से घड़ों का पानी पीते हैं। बेशक बिजली के फ्रिज का क्रेज बढ़ा है किंतु देसी फ्रीज अपनी छाप छोड़कर ही रहता है।
एक जाति विशेष के लोगों की रोटी रोजी का साधन आज भी घड़े ही है। अेब तो कम लोग ही घड़े बनाने का काम करते हैं वरना उन्हें घड़े खरीदकर लाने पड़ रहे हैं।
भीषण गर्मी में सड़के के किनारे वाटर हट्स देखने को मिलती हैं जहां ठंडा पानी पीने के लिए राहगीर रुकते हैं। इन घड़ों का पानी पीकर वे शकुन महसूस करते हैं। बुजुर्ग तो आज भी फ्रिज को विभिन्न रोगों का कारण मानते हुए घड़ों के पानी को ही पसंद करते हैं।
कड़ी मेहनत का परिणाम है घड़े-
एक घड़े बनाने वाले कनीना के मनोहरलाल, अशोक कुमार, जगदीश कुमार, राम सिंह प्रजापत, महिपाल , श्रीराम आदि का कहना है कि पहले उनके गांव की मिट्टी बेहतर होती थी किंतु अब नारनौल के आस पास की मिट्टी खरीदकर लानी पड़ती है। एक ट्राली माटी सात हजार रुपये की आती है। पकाई में तीन दिन लगते हैं वहीं एक घड़ा बनाने में चार घंटों का समय लगता है। घड़े टूटने, खराब होने की समस्या आम है। एक घड़ा 90 से 100 रुपये का बिकता है।
कैसे रखता है पानी ठंडा-
घड़ा, मटका, मूण, घट, झाल आदि घड़ों के ही रूप हैं जिन्हें ग्रामीण लोग पसंद करते हैं।
कैसे रखते हैं ठंडा पानी-घड़ों में पानी लंबे समय तक ठंडा रहता है जिसे पीने से शरीर को किसी प्रकार की कोई हानि नहीं होती हैं। ये घड़े बारीक-बारीक छिद्रों से युक्त होते हैं। पानी इन छिद्रों से सदा रिसता रहता है। वैज्ञानिक तथ्य के अनुसार जब पानी का वाष्पीकरण होता है तो ठंड महसूस होती है और घड़ों में पानी ठंडा हो जाता है। यह पानी पीने के लिए हानिकारक नहीं होता है क्योंकि यह प्राकृतिक पदार्थ मिट्टी में रखा जाता है जिस मिट्टी में यूजीनोल जैसे पदार्थ होते हैं।
फोटो कैप्शन 03: कच्चे घड़े बनाने की तैयारी
करता मनोहरलाल।
मशीनों से लावणी करवाना बना मजबूरी
-बहुत कम किसान पसंद करते हैं मशीन
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कनीना। कनीना एवं आस पास सरसों फसल कटाई का पर्व पूरे यौवन पर है। इस बार दूसरे प्रांतों से मजदूर कम आने से मजबूरन मशीनों द्वारा लावणी का कार्य करवा रहे है। दूसरे प्रांतों के मजदूर होली मना कर इस क्षेत्र में आएंगे। अभी तक जो मजदूर कार्यरत थे वे भी होली का त्योहार मनाने के लिए वापस आपने प्रांतों में जा रहे हैं।
कनीना क्षेत्र के किसान सुरेश कुमार, कृष्ण कुमार, सूबे सिंह, अजीत कुमार आदि ने बताया कि 6 मजदूर प्रति दिन एक किला जमीन की सरसों की कटाई 2500 रुपये में कर रहे हैं किंतु मजदूर कम आने से और लावणी का कार्य तेजी से आने से किसान मशीनों द्वारा कटाई का कार्य करवाने लगे हैं। वैसे भी बार-बार मौसम बदल रहा है जिसके चलते किसान लावणी का कार्य जल्द से जल्द पूरा करवाना चाहते हैं।
बहुत कम किसान पसंद करते हैं मशीन को-
कंबाइन हार्वेस्टर मशीन 2400 प्रति एकड़ के हिसाब से सरसों की कटाई का कार्य करती है। पंजाब से आए हुए बलविंदर ने बताया कि वे करीब 2 माह तक यह कार्य यहां करेंगे। पहले सरसों की लावणी करेंगे तत्पश्चात गेहूं की लावणी करेंगे। किसान मशीनों से लावणी कम करवाते हैं क्योंकि मशीनें चारा नष्ट कर देती है। किसानों के लिए चारा तथा सरसों का ईंधन तूड़ी बहुत काम के होते हैं। यही कारण है कि वे मशीन पसंद नहीं करते हैं।
गेहूं लवाणी के वक्त आएंगे किसान-
गेहूं की लावणी में दूसरे प्रांतों के मजदूर मदद कर सकते हैं। किसानों ने बताया कि वर्तमान में जो मजदूर कार्यरत है वे भी होली का पर्व मनाने के लिए वापस अपने प्रांतों में जा रहे हैं। इस समय राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश आदि प्रांतों से भारी संख्या में मजदूर आते हैं परंतु विगत वर्ष जहां कोरोना के चलते मजदूर कम आए तो इस बार त्योहार के चलते कम आए हैं।
फोटो कैप्शन 04: मशीनों से कटाई करते हुए।
खाटू श्याम के दर्शन के कोरोना रिपोर्ट साथ लाने की शर्त अनुचित
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कनीना। खाटू श्याम लगने वाला मेला पूरे विश्व के प्रसिद्ध मेले में जहां इस बार अधिकतम 72 घंटे की कोरोना रिपोर्ट लाने की शर्त लगाना अनुचित बताया गया है। इससे खाटू श्याम भक्तों पर को आहत हुई है। भक्तों का कहना है कि दूर से चलकर भक्त मुश्किल से जाते हैं। रास्ते में भी चलते चलते दस दिन लग जाते हैं। ऐसे में कोरोना रिपोर्ट की शर्त लगाना अनुचित है और भक्त अपने ईष्ट के दर्शन नहीं कर पाएंगे।
क्षेत्र के भक्तों रमेश कुमार, दिनेश कुमार, भोलाराम, कृष्ण कुमार, नेमीचंद, धर्मपाल, महिपाल आदि ने बताया कि वे हर वर्ष खाटू श्याम के दर्शन करके आते हैं किंतु किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आई। इस बार राजस्थान सरकार ने कोरोना रिपोर्ट लाने की शर्त लगाई है वह भक्तों की भावना को ठेस पहुंचा रही है। वे मुश्किल से अपने ईष्ट से मिलने के लिए जाते हैं। उनके लिए यह शर्त लगाना अनुचित है। मास्क का का कड़ाई से पालन करना चाहिए। जिनके पास मास्क नहीं वे तुरंत कहीं से खरीद सकते हैं। यहां तक की खाटू में सरकार द्वारा मास्क प्रदान करने की व्यवस्था भी की जानी चाहिए। उन्होंने राजस्थान सरकार से कोरोना रिपोर्ट लाने वो भी अधिकतम 72 घंटे की, हटा देनी चाहिए।
आरसीएम के दो विद्यार्थियों का चयन सैनिक स्कूल में
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कनीना। रामचन्द्र पब्लिक स्कूल कनीना में अभी हाल में ही आए सैनिक स्कूल परीक्षा परिणाम में बेहतरीन प्रदर्शन किया। विद्यालय के 2 विद्यार्थी इस परीक्षा में सफल हुए।
चेयरमैन रोशनलाल ने बताया कि साहिल पुत्र पंकज यादव व धैर्य पुत्र वेदप्रकाश का चयन हुआ है। संस्था के प्राचार्य राकेश कौशिक के मार्ग ने कहा कि यदि इच्छा शक्ति दृढ़ हो तो कुछ भी आश्चर्यजनक काम किया जा सकता है। उन्होंने सभी अध्यापकों व सफल हुए बच्चों को बधाई दी तथा इसी तरह आगे भी प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया । इस अवसर पर अनिता , रितु , रवि प्रकाश ,संदीप कुमार ,राहुल व आशा उपस्थित रहे ।
प्रसिद्ध है जैतपुर का श्याम मंदिर
-श्याम बाबा के मेले में 25 मार्च को अपार भीड़ उमड़ेगी
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कनीना। जो भक्त करीब 200 किमी दूर राजस्थान में खाटू श्याम धाम पर नहीं जा सकते हैं उनके लिए जैतपुर का धाम विख्यात है। हुडिय़ा-जैतपुर यहां से 22 किमी दूर राजस्थान में स्थित है जहां पदयात्री निशान लेकर जा रहे हैं। प्रति वर्ष यहां पर कई हजार निशान अर्पित किए जाते हैं और खाटू श्याम भक्त पैदल चलकर जाते हैं। कनीना, अटेली, नारनौल तथा महेंद्रगढ़ के अलावा आस पास के भक्त जो एक ही दिन में अपना निशान खाटू को अर्पित करना चाहते हैं और अधिक दूर चलने में असमर्थ हैं उनके लिए यह खाटू श्याम मंदिर जाना जाता है।
जैतपुर में 25 मार्च को खाटू श्याम मेला लगने जा रहा है जिसमें अपार भीड़ जुटेगी। कलकत्ता तथा अलवर के शृंगारकर्ता प्रतिदिन ताजा फूलों से बाबा का शृंगार करते हैं। करीब 300 वर्ष पुराने इस श्याम मंदिर का वर्तमान में जीर्णोंद्धार करवाया गया है।
भक्त अपने घर से खाटू श्याम का निशान लेकर पदयात्रा करता हुआ कनीना से भोजावास तथा राताकलां से जैतपुर पहुंचता है। अपने निशान को बाबा पर अर्पित करके संतुष्ट हो जाता है। भक्तों ने बताया कि इस धाम तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। फाल्गुन एकादशी को यहां विशाल मेला लगता है जिसमें भक्त यहां आकर मन्नत मांगते हैं। माना जाता है कि उनकी मन्नतें पूर्ण हो जाती हैं।
कनीना व आस पास के भक्त जैतपुर जाएंगे। 22 किमी के इस सफर में वे मोहनपुर, भोजावास, रातां से होकर प्रतापुर एवं जैतपुर पहुंचते हैं। इस पदयात्रा में उनके साथ जल एवं खाने पीने का सामान वाहन में साथ साथ चलता है। डीजे पर थिरकते पैर एवं रंग गुलाल में भीगे भक्त खुशी खुशी जैतपुर के लिए रवाना हो रहे हैं। भारी संख्या में भक्त आपने साथ अमर ज्योति लेकर जा रहे हैं। यह ज्योति भी जैतपुर धाम पर अर्पित की जा रही है।
फोटो कैप्शन 1: खाटू श्याम जैतपुर का एक दृश्य।
परमार की पुण्यतिथि परमार्थ दिवस के रूप में मनाई जाएगी
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कनीना। समाजसेवी ठाकुर अतरलाल की धर्मपत्नी पुष्पा देवी की पुण्यतिथि आगामी 28 मार्च रविवार को परमार्थ दिवस के रूप में मनाई जाएगी। इस दिन महाराणा प्रताप कालेज कैंपस धनौन्दा में पुष्पा देवी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा तथा उनके जीवन पर आधारित एवं वरिष्ठ साहित्यकार रोहित यादव द्वारा संपादित स्मृति ग्रंथ साक्षात देवी पुष्पा परमार का विमोचन किया जाएगा।
जानकारी देते हुए ठाकुर अतरलाल ने बताया कि पुष्पा देवी ने ग्रामीण क्षेत्र में अनेक शिक्षण संस्थाओं का निर्माण करके इलाके में शिक्षा को बढ़ावा दिया। उन्होंने अनेक धर्मार्थ कार्यों, गौशालाओं, धर्मशालाओं, मंदिरों तथा सामाजिक कार्यों में दान देकर नर सेवा नारायण सेवा तथा गौ सेवा के अनेक पावन कार्य किए है वह एक मिशाल है। क्षेत्र के लोगों के बीच में मैडम के नाम से प्रसिद्ध पुष्पा देवी ने नारी सशक्तिकरण पर विशेष बल दिया तथा विद्यार्थियों में हमेशा विपरीत परिस्थितियों में भी कड़ी मेहनत और लगन से कामयाबी हासिल करने का गुण भरा। पुष्पा देवी के कार्यों एवं विचारों को आगे बढ़ाने के लिए परमार्थ दिवस समारोह का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में प्रात: 8 बजे हवन होगा, प्रात: 10 बजे श्रीमती पुष्पा देवी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण होगा तथा उनके जीवन पर आधारित स्मृति ग्रंथ का विमोचन किया जाएगा तथा भजन कार्यक्रम एवं भोजन का आयोजन किया जाएगा।
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