परमार की पुण्यतिथि परमार्थ दिवस के रूप में मनाई जाएगी
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कनीना। प्रमुख शिक्षाविद्, अनेक शिक्षण संस्थाओं की संस्थापक एवं प्रमुख समाजसेवी ठाकुर अतरलाल की धर्मपत्नी श्रीमती पुष्पा देवी की पुण्यतिथि आगामी 28 मार्च रविवार को परमार्थ दिवस के रूप में मनाई जाएगी। इस दिन महाराणा प्रताप कालेज कैंपस धनौन्दा में पुष्पा देवी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा तथा उनके जीवन पर आधारित एवं वरिष्ठ साहित्यकार रोहित यादव द्वारा संपादित स्मृति ग्रंथ साक्षात् देवी - पुष्पा परमार का विमोचन किया जाएगा।
जानकारी देते हुए आयोजन समिति के अध्यक्ष डा. सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि पुष्पा देवी ने ग्रामीण क्षेत्र में अनेक शिक्षण संस्थाओं का निर्माण करके इलाके में शिक्षा को बढ़ावा दिया। उन्होंने अनेक धर्मार्थ कार्यों, गौशालाओं, धर्मशालाओं, मंदिरों तथा सामाजिक कार्यों में दान देकर नर सेवा - नारायण सेवा तथा गौ सेवा के अनेक पावन कार्य किए है वह एक मिशाल है। क्षेत्र के लोगों के बीच में मैडम के नाम से प्रसिद्ध पुष्पा देवी ने नारी सशक्तिकरण पर विशेष बल दिया तथा विद्यार्थियों में हमेशा विपरीत परिस्थितियों में भी कड़ी मेहनत और लगन से कामयाबी हासिल करने का गुण भरा। पुष्पा देवी के कार्यों एवं विचारों को आगे बढ़ाने के लिए परमार्थ दिवस समारोह का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में प्रात: 8 बजे हवन होगा, प्रात: 10 बजे श्रीमती पुष्पा देवी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण होगा तथा उनके जीवन पर आधारित स्मृति ग्रंथ का विमोचन किया जाएगा तथा भजन कार्यक्रम एवं भोजन का आयोजन किया जाएगा।
हरियाणा सरकार में गरीब को और गरीब तथा अमीर को और अमीर करने का कार्य किया- चोटाला
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कनीना। हरियाणा सरकार में गरीब को और गरीब तथा अमीर को और अमीर करने का कार्य किया जाता है क्योंकि यह संयुक्त सरकार भूपति, पूंजीपति तथा उद्योगपतियों की सरकार है इसमें कमजोर व गरीब की सुनने वाला कोई नही है। ये विचार इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री चौ औमप्रकाश चोटाला ने खंड के गांव झीगावन में सेवानिवृत्त मुख्याध्यापक भरत सिंह ढिल्लो के भाई की बेटी संगीता की शादी में आशीर्वाद देने तथा धनौंदा में एक कुआं पूजन में शामिल होने के उपरांत व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि देश की करोड़ो जनता का पेट भरने वाला देश का अन्नदाता को सड़क पर बैठे कई माह बीत चुके है जिसकी सुनने वाला कोई नही है। इससे यह बात साफ हो जाती है कि वर्तमान सरकार में और अंग्रेजों के शासन कोई फर्क नही है क्योंकि अंग्रेजों के शासन में भी इसी प्रकार से होता था। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के मुख्यमंत्री बजट में सरकारी कर्मचारियों को कुछ नहीं दिया। इस सरकार में लोगों को नौकरियों से निकाला जाता है किसी को नौकरी दी नहीं जाती। इस अवसर पर इनके साथ महिला सेल कि जिला अध्यक्ष सुदेश ढिल्लो के अलावा अन्य नेता एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।
विभिन्न बैंक शाखा में रही हड़ताल
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कनीना। कनीना क्षेत्र के विभिन्न बैंक शाखाओं में सोमवार को हड़ताल रही। मंगलवार को भी हड़ताल रहेगी जिसके चलते उपभोक्ता बेहद परेशान नजर आए। पैसों का लेनदेन करने के लिए वक्ताओं को सोमवार का दिन उचित होता है किंतु जब बैंक जाकर देखा तो हड़ताल मिली। हड़ताल के कारण सभी कार्य लगभग ठप रहे किंतु निजी बैंक शाखाओं में कार्य प्रतिदिन की तरह चलता रहा।
अटेली विधानसभा में घूमेगी बसपा झंडा यात्रा
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कनीना। गांव सुन्दरह में बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर बसपा नेता ठाकुर अतरलाल के नेतृत्व में प्रजा भलाई यात्रा शुरू की गई। पूर्व सैनिक भाग सिंह ने बसपा का झंडा दिखाकर प्रजा भलाई यात्रा को रवाना किया। अतरलाल ने बताया कि यह यात्रा पूरे अटेली हलके में जाएगी।
इससे पूर्व बसपा संस्थापक कांशीराम को श्रद्धासुमन भेंट करते हुए अतरलाल ने कहा कि उनका सारा जीवन बहुजन समाज के लोगों के उत्थान में बीता। उन्होंने कांशीराम को सामाजिक क्रांति का मसीहा बताते हुए लोगों से उनकी शिक्षाओं पर चलने का आह्वान किया। इस अवसर पर भाग सिंह तंवर ने प्रजा भलाई यात्रा शुरू करने के लिए समाजसेवी ठाकुर अतरलाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे किसान, मजदूर, युवाओं, महिलाओं तथा दबे-कुचले लोगों की समस्याओं का समाधान होगा। उन्होंने स्टाम्प ड्यूटी तथा बस किराया वृद्धि करने के लिए राज्य सरकार की अलोचना करते हुए इसे वापिस लेने की मांग की। इस अवसर पर हरद्वारीलाल, मांगेराम, अमरचंद, अतर सिंह, डालूराम, धर्मबीर, राजबीर, भोलू, लक्ष्मण सिंह, रामप्रताप ने भी कांशीराम को श्रद्धांजलि अर्पित की। बसपा नेता अतरलाल के नेतृत्व में प्रजा भलाई यात्रा को बसपा का झंडा दिखाकर रवाना करते हुए पूर्व सैनिक भाग सिंह तंवर।
फोटो कैप्शन 9: अतरलाल झंडा यात्रा निकालते
मजदूर कम आने से मशीनों से करवा रहे हैं लावणी
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कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां सरसों फसल कटाई का पर्व पूरे यौवन पर है। इस बार दूसरे प्रांतों से मजदूर कम आने तथा क्षेत्र के किसानों के आलस्य होने से अब मशीनों द्वारा लावणी का कार्य करवाया जा रहा है। इस बार होली का पर्व लेट होने से दूसरे प्रांतों के मजदूर होली मना कर इस क्षेत्र में आएंगे। अभी तक जो मजदूर कार्यरत थे वे भी होली का त्योहार मनाने के लिए वापस आपने प्रांतों में जा रहे हैं।
कनीना क्षेत्र के किसान सुरेश कुमार, कृष्ण कुमार, सूबे सिंह, अजीत कुमार आदि ने बताया कि 6 मजदूर प्रति दिन एक किला जमीन की सरसों की कटाई 2500 रुपये में कर रहे हैं किंतु मजदूर कम आने से और लावणी का कार्य तेजी से आने से किसान मशीनों द्वारा कटाई का कार्य करवाने लगे हैं। वैसे भी बार-बार मौसम बदल रहा है फिर से 17 मार्च को बूंदाबांदी होने की संभावना मौसम विभाग ने की है जिसके चलते
किसान चिंतित है और लावणी का कार्य जल्द से जल्द पूरा करवाना चाहते हैं। कंबाइन हार्वेस्टर मशीन 2400 प्रति एकड़ के हिसाब से सरसों की कटाई का कार्य करती है। पंजाब से आए हुए बलविंदर ने बताया कि वे करीब 2 माह तक यह कार्य यहां करेंगे। पहले सरसों की लावणी करेंगे तत्पश्चात गेहूं की लावणी करेंगे। हरियाणा में मशीनों से लावणी कम करवाते हैं क्योंकि मशीनें चारा नष्ट कर देती है परंतु दूसरे प्रांतों के मजदूर काम आए हैं उन 28 और 29 मार्च को होली का पर्व मनाने के बाद मजदूर क्षेत्र में आएंगे जब तक सरसों की लावणी का कार्य हो चुका होगा।
गेहूं की लावणी में ये किसान मदद कर सकते हैं। किसानों ने बताया कि वर्तमान में जो मजदूर कार्यरत है वे भी होली का पर्व मनाने के लिए वापस अपने प्रांतों में जा रहे हैं। इस समय राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश आदि प्रांतों से भारी संख्या में मजदूर आते हैं परंतु विगत वर्ष जहां कोरोना के चलते मजदूर कम आए तो इस बार त्योहार के चलते कम आए हैं। बहुत से किसान तो अभी मजदूरों के आने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन मजदूर अभी आते नजर नहीं आ रहे हैं।
फोटो कैप्शन 05: मशीनों से कटाई करते हुए।
560 वरिष्ठ नागरिकों ने कोरोना वैक्सीन ली
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कनीना। कनीना उप-नागरिक अस्पताल में जहां कोरोना वैक्सीन दी जा रही है वहीं आयुष्मान भारत योजना के तहत वर्ष 2011 की सूची के अनुसार कार्ड भी बनाए जा रहे हैं। दोनों कार्यक्रम भूतल पर चल रहे हैं। जहां 60 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को कोरोना
वैक्सीन देने का कार्यक्रम सोमवार से शुरू हो गया है। सोमवार को कनीना में 141, ककराला में 58 सुंदराह 151 तथा भोजवास में 207 वरिष्ठ नागरिकों को वैक्सीन दी गई। मार्च माह में 16 मार्च, 18 मार्च, 22 मार्च और 25 मार्च, 26 मार्च एवं 30 मार्च को कोविड-19 वैक्सीन दी जाएगी। मंगलवार को भी कनीना में वैक्सीन दी जाएगी।
विस्तृत जानकारी देते हुए ऐसे एसएमओ डा धर्मेंद्र यादव ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह योजना चल रही है। अलग-अलग तिथियों को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त 45 से 59 वर्ष तक के उन लोगों को भी वैकसीन दी जा रही है जो किसी रोग से पीडि़त हैं। ऐसे 20 रोग सरकार ने निर्धारित किए गए हैं जिनकी सूची अस्पताल में उपलब्ध है। उन्होंने बताया आयुष्मान कार्ड भी साथ-साथ बन रहे हैं। जिस किसी का नाम वर्ष 2011 की सूची में है वह आयुष्मान कार्ड कनीना उप नागरिक अस्पताल में आकर बनवा सकते हैं।
फोटो कैप्शन 6: कनीना में वैक्सीन लेते वरिष्ठ नागरिक।
एसडी स्कूल के 26 विद्यार्थी सैनिक स्कूल में चयनित
-आरआरसीएम के 15 विद्यार्थियों का हुआ चयन
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कनीना। एसडी विद्यालय, ककराला के 26 विद्यार्थियों ने सैनिक स्कूल परीक्षा में सफलता प्राप्त की।
विद्यालय प्राचार्य ओमप्रकाश ने बताया कि सैनिक स्कूल परीक्षा का आयोजन 07 फरवरी 2021 को हुआ था जिसमें एसडी विद्यालय के विद्यार्थी अदिति कनीना, जसवीर, माही, तुषार, जतिन, शीनु,देवांशी, हैप्पी , यश , हर्ष , कार्तिक भविष्य , पार्थ , दीपाशुं , प्रिंस , लक्ष्य , हर्षित , तरुण , नितिन , तनुज , सौरव , संजीव, मयंक , यश , अभयजीत व यक्ष ने सफलता प्राप्त की है। इस परीशा में सफल हुए है। विद्यालय निदेशक जगदेव यादव ने पूरे विद्यालय परिवार को बधाई दी व बताया कि सफल विद्यार्थियों को शार्ट लिस्ट किया जायेगा, चिकित्सक जांच व साक्षात्कार के बाद इनका चयन होता है।
इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य, प्रबन्धन समिति के वरिष्ठ सदस्य राजेन्द्र यादव, सीईओ आर एस यादव, वरिष्ठ विभाग के मुखिया पूर्ण सिंह, कनिष्ठ विभाग के मुखिया नरेन्द्र यादव, राजेश, ईश्वर, विनोद एवं समस्त स्टाफ उपस्थित था।
आरआरसीएम के 15 विद्यार्थियों का हुआ चयन-
आरआरसीएम कनीना के 15 विद्यार्थियों ने सैनिक स्कूल की परीक्षा पास की है।
संस्था के चेयरमैन रोशन लाल यादव ने विद्यार्थियों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। विद्यार्थियों व शिक्षकों के कठोर परिश्रम से ही इस प्रकार की विशेष उपलब्धियां प्राप्त होती है। संस्था के निदेशक संजय यादव,प्राचार्य नरेंद्र गौतम ने सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी हैं।
फोटो कैप्शन 7: एसडी स्कूल के सैनिक स्कूल में चयनित विद्यार्थी।
25 मार्च को लग रहा है शक्कर मेला
-कनीना का प्रमुख पूजनीय
देव है बाबा मोलडऩाथ
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कनीना। 25 मार्च फाल्गुन एकादशी को कनीना के संत मोलडऩाथ मेला लग रहा है। सिहोर के कच्चे मार्ग पर ऊंट एवं घुड़दौड़ बालीबाल, रस्साकशी, कबड्डी होगी वहीं स्कूल के मैदान में ईनामी दंगल होगा। 24 मार्च की रात को जागरण, 25 मार्च को शक्कर मेला एवं ऊंटों की दौड़ आयोजित होंगी।
बस स्टैंड के पास संत मोलडऩाथ आश्रम में संत की प्रतिमा देखने से ही बनती है। यह प्रतिमा कनीना मंडी के निवासी भीम सिंह एवं उनके परिजनों ने फरवरी 2007 में स्थापित करवाई थी। इससे पूर्व तो बाबा की कोई प्रतिमा भी नहीं थी। बाबा के जीवन एवं चमत्कारों पर एचएस यादव की पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है तथा प्रतिवर्ष बाबा के कलेंडर प्रकाशित किए जाते हैं।
कनीना का बाबा मोलडऩाथ कनीना के प्रसिद्ध देव हैं जिनकी हर वर्ष पूजा अर्चना चलती है। संत मोलडऩाथ ने कनीना ही नहीं अपितु नारनौल के मांदी, मानसरोवर,भोजावास, कांवी, बाठोठा, राजस्थान के अलावा कई अन्य स्थानों पर तप किया था।
होलिका दहन से चार दिन पूर्व लगने वाले इस मेले की तैयारियां चल रही हैं। यह एक धाम के रूप में विख्यात है। इस धाम के पास 21 फुट ऊंची शिव प्रतिमा, खाटू श्याम मंदिर,राधाकृष्ण मंदिर, सीताराम मंदिर, माता स्थल, डूंगरमल आश्रम, खागड़ आश्रम, प्राचीन हनुमान मंदिर, 11 फुट ऊंची हनुमान प्रतिमा, माता स्थल, माता मंदिर, शनिदेव मंदिर, मोलडऩाथ जोहड़, शहीद प्रतिमाएं, बस स्टैंड आदि मिलकर शोभा बढ़ा रहे हैं।
बाबा की पुस्तक-
कनीना के लेखक एचएस यादव ने वर्ष 2002 में सबसे पहले विभिन्न स्थानों का दौरा करके बाबा की जानकारी हासिल कर पुस्तक प्रकाशित करवाई। तब तक बाबा की न तो प्रतिमा होती थी और न उनकी फोटो तक उपलब्ध थी। क्षेत्र के लोगों को भी बाबा के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं थी। पुस्तक प्रकाशन के बाद बाबा प्रतिमा एवं स्थल को चार चांद लग गये। उनका चालीसा, पंचाग आदि हर वर्ष लेखक ने प्रकाशित करवाये। लियाकत अलि ने बाबा की आरतियों की सीडी निकाली। लंबे समय से होशियार सिंह कनीना बाबा मोलडऩाथ के भक्त के रूप में अपनी भूमिका निभाते हुये बाबा पर शोध कार्य में जुटे हुये हैं। बाबा पर अब तक उन्होंने आईएसबीएन की पुस्तक तक निकाली हैं तथा बाबा के दर्शन पाकर प्रसन्न हो जाते हैं। आज सभ पत्र एवं पत्रिकाएं बाबा की जीवनी लिख देते हैं किंतु 2002 से पहले ऐसा नहीं था। सारी जीवनी एवं संपूर्ण जानकारी होशियार सिंह यादव ने प्रदान की जिसका विभिन्न साथी खुलकर प्रयोग कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन 3: मोलडऩाथ आश्रम के पास बनी साधु संतों की समाधियां एवं मंदिर
4: बाबा मोलडऩाथ आश्रम में बाबा की प्रतिमा
5: बाबा आश्रम का मुख् द्वार।।
गर्मी के दस्तक देते ही लुभाने लगे हैं देशी फ्रिज
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कनीना। गर्मियों से पेयजल के रूप में काम में लिए जाने वाले मिट्टी के घड़ों की मांग दिनोंदिन कम होती जा रही है जिसके कारण मिट्टी के घड़े बनाने वाले मायूस हैं। वैज्ञानिक युग में देसी फ्रिज का स्थान बिजली से चलने वाले फ्रिज ने ले लिया है। इन घड़ों का जल आज भी बुजुर्ग बड़े चाव से पीते हैं। बेशक बिजली से चलने वाले फ्रिज ने घड़ों का स्थान ले ही लिया है किंतु आज भी कुछ उत्सवों पर इन देसी फ्रिज का वजूद देखने को मिल रहा है।
देसी फ्रिज आज के वैज्ञानिक युग में उतने लोकप्रिय नहीं हैं जितने पहले के जमाने में होते थे। घड़े बनाने वालों की मुसीबतें बढ़ जाने से उनकी रोटी रोजी के लाले मंडराने लगे हैं। अब तो गिने चुने घड़े बनाने वाले लोग ही घड़ों का निर्माण करते हैं वरना उन्हें घड़े खरीदकर लाने पड़ रहे हैं। आने वाले समय में गरीबों के फ्रिज लुप्त प्राय हो जाएंगे।
भीषण गर्मी में सड़के के किनारे वाटर हट्स देखने को मिलती हैं जहां ठंडा पानी पीने के लिए राहगीर रुकते हैं। इन घड़ों का पानी पीकर वे शकुन महसूस करते हैं। बुजुर्ग तो आज भी फ्रिज को विभिन्न रोगों का कारण मानते हुए घड़ों के पानी को ही पसंद करते हैं।
एक वक्त था जब घड़े बनाने वालों की संख्या प्रत्येक गांव में काफी होती थी किंतु अब गिने चुने ही रह गए हैं। एक घड़ों का व्यापार करने वाले राम सिंह प्रजापत का कहना है कि पहले उनके गांव की मिट्टी बेहतर होती थी किंतु ईंट भ_ा लग जाने से उनको वो मिट्टी नहीं मिलती है और वे मजबूरन कहीं दूसरे स्थानों से बने बनाए घड़े लेकर आते हैं। उन्होंने बताया कि नारनौल के आस पास की मिट्टी आज भी घड़े बनाने के लिए बेहतर है किंतु उस मिट्टी को लाना महंगा पड़ता है। बेशक घड़ों की कद्र कम हो गई हो किंतु आज भी घड़ों को भुलाया नहीं जा सकता है। लोग दूर दराज से घड़े खरीदकर अपने घरों में ला रहे हैं। घड़ा, मटका, मूण, घट, झाल आदि घड़ों के ही रूप हैं जिन्हें ग्रामीण लोग पसंद करते हैं।
कैसे रखते हैं ठंडा पानी-घड़ों में पानी लंबे समय तक ठंडा रहता है जिसे पीने से शरीर को किसी प्रकार की कोई हानि नहीं होती हैं। ये घड़े बारीक-बारीक छिद्रों से युक्त होते हैं। पानी इन छिद्रों से सदा रिसता रहता है। वैज्ञानिक तथ्य के अनुसार जब पानी का वाष्पीकरण होता है तो ठंड महसूस होती है और घड़ों में पानी ठंडा हो जाता है। यह पानी पीने के लिए हानिकारक नहीं होता है क्योंकि यह प्राकृतिक पदार्थ मिट्टी में रखा जाता है जिस मिट्टी में यूजीनोल जैसे पदार्थ होते हैं।
फोटो कैप्शन 01: कच्चे घड़े बनाने की तैयारी
02:पके हुये घड़ों का एक दृश्य।
मार पिटाई का मामला दर्ज
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कनीना। चेलावास के अनूप कुमार ने उनके तथा उनकी पत्नी के साथ चेलावास के दो लोगों के खिलाफ मार पिटाई करने का मामला कनीना थाने में दर्ज करवाया है। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अनूप कुमार ने पुलिस में दी शिकायत में कहा है कि वह तथा उनकी पत्नी बबीता खेत में चारा लेने के लिए गये थे। जब चारा काट रहे थे तो विजय तथा विमला पति पत्नी ने आकर मुझे मारने लग गये। जब मेरी पत्नी बबीता ने मुझे छुड़वाने का प्रयास किया तो उन्होंने बाकड़ी से वार कर दिया, लातें जड़ दी जिसके चलते बबीता को सिर, पैर एवं हाथ पर चोटें आई। इस दौरान बबीता के कान व गले के आभूषण गुम हो गए। कनीना पुलिस ने विजय कुमार और बिमला के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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