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Saturday, March 13, 2021

 
क्षेत्र में हुई 8 एमएम बारिश
-तेज हवाओं से गेहूं की फसल गिरी
-5 से 10 प्रतिशत नुकसान की संभावना
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 कनीना। शुक्रवार की शाम को आठ एमएम बारिश हुई। बीच-बीच में हल्के ओला भी गिरे। बारिश तथा बारिश तेज हवा के चलते जहां गेहूं की फसल गिर गई है जिसमें नुकसान की संभावना बढ़ी है। सरसों की कटाई में भी बाधा पड़ी है तथा सूखी सरसों की फलियां चटकने से नुकसान की संभावना बनी है। एक सप्ताह में दो बार बूंदाबांदी हो चुकी है। मंगलवार को भी एक एमएम बारिश हुई थी
किसान राजवीर सिंह, अजीत कुमार, राजेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार, महिपाल सिंह करीरा आदि ने बताया कि शुक्रवार की रात को तेज हवा और बारिश के चलते गेहूं की फसल गिर गई है जिसमें नुकसान होने की पूरी संभावना है
उन्होंने बताया कि सरसों पर खड़ी है जिस पर पानी गिरने से फलिया चटक जाती है और कुछ नुकसान होता है परंतु नुकसान अधिक नहीं है।
कनीना क्षेत्र में जहां 10590 हेक्टेयर पर गेहूं उगाया हुआ है वही 19310 हेक्टेयर पर सरसों उगायी है। किसान सरसों की लावणी में लग रहे थे रहे हैं और उनकी कटाई का काम प्रभावित हो गया है वहीं गेहूं अभी पकान की ओर है जिसमें बारिश एवं तेज हवा से नुकसान हुआ है।
किसानों के लिए रबी फसल प्रमुख फसल मानी जाती है जिससे व घर के सभी काम पूर्ण करते हैं। खरीफ फसल तो चारे के लिए अधिक उगाई जाती है।
क्या कहते हैं कृषि अधिकारी- कृषि विस्तार अधिकारी कनीना डा देवराज का कहना है कि जब फसल गिर जाती है तो 5 से 10 फीसदी नुकसान होने की संभावना होती है। उन्होंने बताया कि लेबर भी बढ़ जाती है तथा पकान भी सही ढंग से नहीं हो पाता। इसलिए उन्होंने कहा कि फसल में नुकसान स्वाभाविक है।
फोटो कैप्शन 2: बारिश एवं हवा से गिरी फसल दिखाता किसान।





पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता आयोजित
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कनीना। आरआरसीएम स्कूल कनीना में प्राथमिक विभाग के विद्यार्थियों के लिए पोस्टर बनाओ  प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें कक्षा पहली  से छात्र दीपांशु प्रथम, आर्यन द्वितीयऔर यवनी व विराट ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।  वही कक्षा दूसरी से सूरज प्रथम, हिन्द द्वितीय और दिव्या ने तीसरा स्थान प्राप्त किया ।
प्रतियोगिता के समापन अवसर पर संस्था के चेयरमैन रोशन लाल यादव ने अपने संबोधन में कहा कि प्राथमिक स्तर से ही विद्यार्थियों को रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाना चाहिए  जिससे विद्यार्थियों में सीखने के प्रति जिज्ञासा बढ़ती है तथा उनकी तर्क व स्मरण शक्ति का भी संतुलित विकास होता है। यही कारण है कि इस प्रकार की  प्रतियोगिताओं का आयोजन विद्यालय द्वारा समय.समय पर किया जाता रहा है जिससे विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति अभिप्रेरणा व जिज्ञासा बनी रहे। संस्था के निदेशक संजय यादव प्राचार्य नरेंद्र गौतम ने भी संबोधित किया।


 

घर पर बिजली गिरने से लाखों रुपये का हुआ नुकसान
-गर्भवती महिला हुई बेहोश, ले जाया गया अस्पताल
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कनीना। शुक्रवार की शाम इलाके में हुई हल्की बूंदाबांदी के साथ आसमानी बिजली गिरने से खंड के गांव बाघोत के एक घर में बिजली के विभिन्न उपकरण व अन्य सामान जलकर राख हो गया वह घर में दीवार वह छत में दरार आ गई। लाखो रुपये की क्षति बताई जा रही है।
    घर के मालिक राम किशन ने जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार की शाम करीब छह बजे आसमानी बिजली उसके घर पर गिरी जिससे बिजली के विभिन्न उपकरण जलकर राख हो गए तथा घर में दरार आ गई। उन्होंने बताया कि बिजली घात इतना भयंकर था उसकी पुत्रवधू जो 8 महीने की गर्भवती है, चोटें आई और वह बेहोश हो गई। जिसे सेहलंग के अस्पताल में दिखाया गया। उन्होंने बताया कि सारी बिजली फिटिंग जल गई है वहीं 30 हजार रुपये के मोबाइल, दो इंवर्टर भी नष्ट हो गये हैं।  वहीं रामकिशन ने जिला उपायुक्त को शिकायत भेजकर आसमानी बिजली से हुए नुकसान की भरपाई करने की मांग की है ताकि वह और उसका परिवार गुजर बसर कर सके। वहीं क्षेत्र के लोगों ने जिला उपायुक्त से मांग कर राम की के घर में हुए नुकसान की भरपाई करने की गुहार लगाई है।
फोटो कैप्शन 11: घर में आई दरार   
              12: घर में रह रहा परिवार बिजली गिरने की जानकारी देते हुए।




अजय चौटाला का जन्म दिन मनाया
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कनीना। जेजेपी सुप्रीमो अजय सिंह चौटाला का जन्मदिन कनीना में जेजेपी कार्यालय में केक काटकर प्रेरणा दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर बोलते हुए जेजेपी की वरिष्ठ महिला नेता पूर्व में सीपीएस रही अनीता यादव ने कहा कि अजय सिंह चौटाला का 60वां जन्मदिन है जिसको प्रेरणा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने अपने 60 साल के जीवन में लोगों का जो भला क्या है वह किसी से छुपा नहीं है। आज उन्हीं के सुपुत्र प्रदेश के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश के लोगों की भलाई कर जो कार्य किए हैं उनकी प्रेरणा प्रदेश में विख्यात है।
 इस अवसर पर अनीता यादव ने लोगों को कहा कि सरकार लोगों के हित में कार्य कर रही है। अमीर गरीब सबको समान रूप से साथ लेकर चलने का कार्य वर्तमान सरकार कर रही है। अनीता यादव ने कहा कि बीजेपी जेजेपी क्या एक जोड़ा है जोड़े में अगर एक टायर भी कमजोर हो जाता है तो वह गाड़ी नहीं चल सकती है। इसलिए बीजेपी को जेजेपी के साथ ही चलना पड़ेगा। वहीं उन्होंने कांग्रेस पर बरसते हुए कहा कि कांग्रेसी एक धोखेबाज पार्टी है उसमें केवल धोखा देना ही अपना एक मुख्य कार्य माना जाता है। इसलिए लोग कांग्रेस की झूठी बातों में ना आएं और बीजेपी की सरकार पर विश्वास करें। यह सबको साथ लेकर चलेंगी। इस अवसर पर के साथ बीजेपी बीजेपी के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।



सेमल एवं सेहजना के फूलों से बना रहे हैं सब्जी
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कनीना। कनीना क्षेत्र में सेहजना एवं सेमल तो बड़े एवं भारी फूलों से लद गए हैं।  सेहजना और सेमल के फूलों से तो सब्जी बनाकर खाई जा रही है। इसके फूलों की सब्जी स्वास्थ्य के लिए बेहतर बताई जा रही है।
   कनीना के सरकारी स्कूल में सेहजना और सेमल के पौधे पर बड़े बड़े फूल लगे हुए हैं। इन फूलो को सब्जी बनाने के काम में लाया जाता है वहीं सुआ सेमल साहित्यिक शब्द प्रसिद्ध है। इस सेमल के फल लगने पर तथा गिरने पर जो रुई प्राप्त होती है उससे देहात के लोग तोशक/तकिया भरते हैं। भीम सिंह का कहना है कि नहरी पानी के कारण आम के पेड़ फल देते हैं।
 सब्जी के लिए प्रसिद्ध है सेमल एवं सेहजना-
गृहणि कमला, भीम सिंह, राकेश, लीलाराम आदि ने बताया कि सेमल के फूलों की मार्केट में बेहतर मांग है। इसके फूलों को साफ करके, पुंकेशर एवं स्त्रिकेशर को निकालकर, मोटी हरी पंखुडिय़ों को काटकर बेहतर सब्जी बनाई जाती है। राजस्थान, उत्तरप्रदेश एवं बिहार के लोग तो इसके फूलों को दूर दराज से ढूंढकर लाते हैं। बताया जाता है कि इसके फूलों की सब्जी शरीर के विभिन्न रोगों के लिए लाभकारी होती है। गृहणि कमला देवी ने बताया कि वे भी इसकी सब्जी बनाकर प्रयोग कर चुकी हैं। गठिया एवं जोड़ों के दर्द के लिए भी बेहतर मानी जाती है। सेहजना के फूलों एवं फलों की सब्जी जोड़ों के दर्द में ग्रामीण काम लेते हैं।   क्षेत्र में आम के पौधों पर भी भारी मात्रा में फूल आये हुये हैं।





सड़क सुरक्षा प्रतियोगिता में कुसमंता ने मारी बाजी
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कनीना। राजकीय कन्या महाविद्यालय उन्हाणी में शनिवार को सड़क सुरक्षा अभियान के तहत प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम संयोजक डा. सुधीर ने बताया कि इस प्रतियोगिता के आयोजन का उद्देश्य  है छात्राओं को यातायात के नियमों से अवगत कराना है ताकि वे भविष्य में किसी भी प्रकार की दुर्घटना का शिकार न हो।
इस प्रतियोगिता में  कुसमन्ता  प्रथम  स्थान , स्मृति द्वितीय स्थान तथा  टीना तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्राचार्य डा. विक्रम यादव ने  यातायात के नियमों  पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीवन का कोई मोल नहीं होता ,जीवन अनमोल है। सिर्फ समझदारी से ही दुर्घटनाओं को डाला जा सकता है । उन्होंने छात्राओं से यातायात के नियमों के पालन की भी अपील की। डा. सीमा, कविता व नीतू ने निर्णायक की भूमिका निभाई। इस अवसर पर डॉ. कांता,  सोमेश, धनेश ,पूनम , कंवर सिंह, मोनू यादव उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 8: उन्हाणी कालेज में सड़क सुरक्षा को लेकर आयोजित प्रश्नोत्तरी।





करीरा की राजावाली बणी में लगा विशाल मेला
-खेलकूद आयोजित
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कनीना। करीरा की राजावाली बणी(जंगल)में शनिवार को हनुमान मेला लगेगा। इस मौके पर खेलकूद प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। कनीना कस्बा से मात्र दो किमी दूर करीरा की राजावाली बणी में  पुराना हनुमान मंदिर स्थित है जहां वर्षों से मेला लगता आ रहा है।
  विस्तृत जानकारी देते हुये महिपाल सिंह, जय सिंह प्रधान, सुरेश पेंटर ने बताया कि मेले में बूढ़ों की दौड़, रस्साकसी, कबड्डी, कुश्ती, दौड़, हाई जंप, लोंग जंप आदि आयोजित हुये। भंडारा भी लगा।
क्या है बणी की कहानी-
गांव करीरा की पंचवटी वाटिका से थोड़ा राजावाली बणी(जंगल) है। किसी जमाने में यह इतनी सघन होती थी कि इससे निकलना भी कठिन होता था। ग्रामीण इस बणी के अंदर की कहानी नहीं जानते थे किंतु एक दिन एक भैंसें के पैरों के निशानों का पीछा करते हुए लोग अंदर पहुंचे तो दंग रह गए। अंदर एक पुराना हनुमान मंदिर और पास में साफ पानी का जोहड़ था। शायद कोई ऋषि यहां तप करते थे। जोहड़ के पास इंदोख के विशाल पेड़ आज भी अपनी प्राचीनता का आभास कराते हैं। इस मंदिर के पास का वातावरण रमणिक एवं सौम्य है।
  इस पुराने छोटे हनुमान मंदिर के पास ही विशाल हनुमान मंदिर का निर्माण करवा डाला और यहां मेले भरने की प्रथा प्रारंभ की गई। फाल्गुन अमावस्या के दिन हनुमान मंदिर पर विशाल मेला एवं खेलकूद आयोजित होते हैं। मंदिर के पास ही आंवला और अमरूद जैसे वृक्षों का बाग लगा दिया गया है। इस पुराने हनुमान मंदिर में हनुमानजी की एक छोटी सी मूर्ति स्थापित है जो वर्षों पहले इसी जगह लोगों को मिली थी। करीरा गांव के पुराने हनुमान मंदिर के कारण ही इसकी पहचान बनती जा रही है।
फोटो कैप्शन 9: करीरा मेले में आयोजित भंडारा
             10: मेले में आयोजित भजन।




मोड़ी बनी मिसाल
-वर्षा जल संरक्षण कर उगा रहे हैं सब्जियां
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 कनीना। उप-मंडल के गांव मोड़ी के खेतों में स्थित एक ढाणी के लोगों ने मिसाल कायम करते हुए सिद्ध कर दिया है कि पानी की एक-एक बूंद कीमती है। बरसात का पानी, प्रतिदिन घरों से निकलने वाला पानी नालियों से एक गहरे गड्ढे(कुंड) में जमा कर फसल, फल, सब्जी उगाने के काम में ले रहे हैं। 30 वर्ष पूर्व यह परियोजना शुरू की थी। कुंड का पानी खिंचने के लिए अब सोलर मोटर लगाई है।
24 सदस्यों की इस ढाणी में छह घर शामिल है और प्रतिदिन करीब 2000 लीटर पानी इस कुंड में जमा हो जाता है। जब बरसात होती तो सभी घरों का पानी पाइपों एवं नालियों से होता हुआ कुंड में जमा हो जाता है। दस वर्ष पहले वाटर रिचार्ज में काम ले रहे थे। कुंड के पानी को रस्सी एवं बाल्टी की बजाय वर्तमान में सोलर मोटर से खींचा जाता है। वर्तमान में उन्होंने किन्नू, टमाटर, मिर्च, बैंगन आदि की भी सब्जी एवं फल पैदा कर रखे हैं।
वर्षा जल संरक्षण था उद्देश्य-
 ढाणी के निवासी एवं पूर्व सरपंच गजराज सिंह बताते हैं कि करीब 10 वर्ष पहले कृषि विभाग के एक अधिकारी की सलाह से उन्होंने सभी ढाणी के विभिन्न घरों की छतों के पानी को इक_ा करके नालियों द्वारा एक कुंड तक पहुंचाया जाने लगा जो ढ़ाणी के घरों के पास बना है। इस जल को वाटर रिचार्ज के काम में लाया जा रहा था। कुंड में ही बोर करवाया हुआ था ताकि वर्षा का सभी घरों का जल इस कुंड में आए और उस कुंड में बोर के जरिये भूमि में पानी चला जाए लेकिन धीरे-धीरे यह बोर काम करना बंद कर गया और पानी कुंड में जमा होने लग गया। कुंड में जमा होने लग गया। ढाणी के सभी लोगों ने एक मिसाल कायम की जब ढाणी के सतीश कुमार ने उन को सलाह दी कि सभी घरों से प्रतिदिन पशुओं को नहलाने, बर्तन धोने आदि से जो पानी निकलता है उसको भी नालियों द्वारा इसी कुंड में जमा किया जाए ताकि विभिन्न कार्यों में उपयोग हो सके। फिर क्या था सभी ने पानी को नालियों द्वारा एक कुंड में जमा करना शुरू कर दिया। यह कुंड करीब 6 मीटर गहरा है जिसमें जमा पानी को सोलर मोटर से पानी खिंचकर सिंचाई, सब्जी एवं फल उगाने में काम में ले रहे हैं। 3 हार्स पावर की मोटर पर करीब 42 हजार रुपये का खर्चा आया है। दिन के किसी भी समय मोटर को चलाकर कुंड के पानी को खींचकर सब्जी उत्पादन में प्रयोग कर रहे हैं। इससे बिजली की बचत हो रही है। इस प्रकार एक बूंद पानी भी खराब होने से बच रहा है। 1990 में जो वर्षा जल संरक्षण विधि अपनाई और अब समस्त ढाणी का पानी इक_ा कर काम में लेने की विधि अपनाई जा रही है। यह ढाणी या गांव दूसरे लोगों के लिए एक उदाहरण है।
 जब बारिश का समय आता है तो सभी अपनी अपनी छतों को साफ करते हैं तथा नालियों को साफ रखते हैं ताकि वर्षा का जल इन नालियों से होता हुआ कुंड में जमा हो जाए। कुंड को घरों से जुड़ा होने के कारण घरों से निकलने वाला जल भी इसने जमा हो जाता है।  गजराज सिंह को सरकार द्वारा सकारात्मक सोच के चलते कई बार फल, सब्जी उत्पादन, वर्षा जल संरक्षण आदि पर सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें अग्रणी किसान माना जाता है।
क्या कहते हैं अधिकारी-
कृषि अधिकारी डा देवराज तथा जिला बागवानी अधिकारी रेवाड़ी डा मंदीप यादव का कहना है कि मोड़ी गांव की यह ढ़ाणी जल संरक्षण, वर्षा जल संरक्षण, जल रिचार्ज करने में अहं भूमिका निभा रहा है। इससे फल एवं सब्जियां बेहतर हो पाएंगी वहीं भूमिगत जल को बढ़ावा देंगे। उनसे अन्य किसानों को शिक्षा लेनी चाहिए।




बहुत जल्द बहुरेंगे कनीना मंडी के दिन
-सरसों की आवक होगी इसी सप्ताह, सरकारी खरीद होती है एक अप्रैल से
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कनीना। अनाज खरीद के वक्त नंबर एक पर रहने वाली कनीना की अनाज मंडी अब सुनसान पड़ी है। रबी मदद करने वाले आढ़तियों को अब 5-7 दिन इंतजार करना पड़ेगा। रबी एवं खरीफ फसल पैदावार के बाद ही रौनक बढ़ती है। इसी सप्ताह के बाद सरसों की आवक होने से मंडी में रौनक बढ़ जाएगी।  उधर किसान जोर शोर से फसल कटाई में लग रहे हैं।
  किसी वक्त कनीना की अनाज मंडी व्यापारिक प्रतिष्ठानों में से एक होती थी और महेंद्रगढ़ के पास तक इसका विस्तार होता था किंतु समय के साथ साथ अब व्यापारिक प्रतिष्ठान की चमक धीमी पड़ती चली गई है। आज कनीना के सामान्य बस स्टैंड की ओर सघन क्षेत्र बनता जा रहा है और बहुत से व्यापारिक प्रतिष्ठान एवं कार्यालय कनीना मंडी से बस स्टैंड की ओर जा रहे हैं। यही नहीं अपितु चेलावास में अनाज मंडी, सब्जी मंडी एवं फायर ब्रिगेड त्वरित गति से बन रहे हैं।
 हालांकि कनीना मंडी में अभी सरकारी खरीद नहीं होने वाली किंतु खुली मंडी में सरसों आने की पूरी उम्मीद हैं। इस बार खुली अनाज मंडी में सरसों के भाव पांच हजार रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जबकि जहां सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपये रखा है सरसों का 4650 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है। क्षेत्र में जहां 19310 हेक्टेयर पर सरसों उगई है वहीं 10590 हेक्टेयर पर गेहूं उगाया गया है।
  कनीना मंडी से आढ़ती रविंद्र बंसल, ओमप्रकाश लिसानिया, शिव कुमार अग्रवाल ने बताया कि जब बाजरे या सरसों की आवक होती तो चहल पहल बढ़ जाती है वहीं गेहूं की खरीद के वक्त भी चहल पहल बढ़ जाती है। शेष समय में मंडी के व्यापारी ग्राहक कम और धूल अधिक फांकते हैं। सितंबर माह के अंत में बाजरे की आवक शुरू होती है तो अप्रैल में सरसों की आवक होती है। 1935 में कनीना मंडी स्थापित हुई थी।  
फोटो कैप्शन 1: कनीना की सूनी पड़ी अनाज मंडी।








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