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Saturday, March 27, 2021

 आरटीआई का जवाब देने से पहले सावधान********
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 किसी प्रकार की व्यक्तिगत सूचना नहीं दी जा सकती- सुप्रीम कोर्ट
-शिक्षा विभाग ने जनवरी 21 को जारी कर दिये हैं निर्देश
 



कनीना। जो लोग आरटीआई मांगकर लोगों का धन ऐंठने या बेवजह तंग करते आ रहे हैं उन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया हुआ है जिसको हरियाणा शिक्षा विभाग ने 21 जनवरी 2021 को सभी विभागों को जारी
किया है। ऐसे में स्पष्ट किया गया है कि व्यक्तिगत सूचना किसी हाल में नहीं दी जाए। सुप्रीम कोर्ट की अपील नंबर 100 44/2010 के निर्णय में के विषय में लिए गए फैसले का हवाला दिया गया है जिसमें पैरा नंबर 59 में लिखा है कि किसी प्रकार की व्यक्तिगत सूचना व्यक्तिगत रिकार्ड आरटीआई बतौर मांगे जाने पर नहीं दिये जा सकते जिसमें किसी व्यक्ति का नाम, पता, भौतिक जानकारी, मानसिक जानकारी, मनोवैज्ञानिक जानकारी, कितने अंक प्राप्त किए, प्राप्त किया ग्रेड, आंसर शीट, परीक्षा परिणाम के अतिरिक्त व्यवसायिक रिकार्ड जिसमें किसी प्रकार की योग्यताएं/क्वालिफिकेशन, परफार्मेंस, मूल्यांकन रिपोर्ट,किसी के विरुद्ध की गई कार्रवाई, मेडिकल रिकॉर्ड आदि अनेकों बातें दी गई है जिसमें किसी के परिवार के बारे में, इनकम टैक्स आदि के बारे में जानकारी नहीं दी जा सकती। इसे सख्ती से पालन करने के आदेश दिए गए हैं। इस प्रकार जो किसी की सूचना लेकर उनको ठगने का कार्य करते आए हैं उन पर प्रतिबंध लग गया है तथा किसी प्रकार का की सूचना नहीं दी जा सकती वरना उन पर कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में विभिन्न विश्वविद्यालयों, विभिन्न विभागों के मुख्य मुखिया, डाइट, शिक्षा विभाग के विभिन्न कार्यालयों आदि में यह सूचना दे दी गई है। अब जिन लोगों को व्यक्तिगत सूचना लेकर तंग किया जाता था अब उन्हें तंग नहीं किया जा सकेगा। यहां तक कि इस प्रकार की सूचना देना कानून के दायरे में होगा।  संलग्न है शिक्षा विभाग द्वारा दिए गए निर्देश

कनीना मंडी में सजी है गुजराती होली
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 कनीना। कनीना मंडी में विगत पांच वर्षों से सुंदर होलिका का निर्माण किया जाता आ रहा है। कनीना मंडी के लोग सुंदर एवं रंगीन होली का निर्माण उपलों से करवाते आ रहे हैं। साथ में रंगोली एवं होली का भव्य गेट तैयार करवाते हैं। सचिन प्रवक्ता तथा कनीना मंडी के विक्की पंसार का कहना है कि होली के निमाण के लिए मैकेनिक बुलाया जाता है जो विधि विधान से होली का निर्माण करता है। गुजराती होली का नजारा देखा जा सकता है।
फोटो कैप्शन: गुजराती होली का नजारा।।


जवाहर नवोदय विद्यालय में नौवीं कक्षा प्रवेश परिणाम घोषित
-29 विद्यार्थियों का हुआ चयन
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कनीना। जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में सत्र 2021-22के लिए कक्षा कक्षा 9वीं में प्रवेश हेतु 24 फरवरी 2021 को चयन परीक्षा आयोजित की गई थी जिसका परीक्षा परिणाम जारी हो गया है। प्राचार्य सुरेश कुमार ने बताया कि 29 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ है जिनका चयन हुआ है उनकी सूची नियम है। विद्यार्थी तुरंत जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में कार्यालय में संपर्क कर आवश्यक कार्रवाई पूर्ण करवा प्रवेश ले सकते हैं। इन विद्यार्थियों के रोल नंबर हैं- 070 900 99, 07090 209, 07090 117, 07090 098, 07090 080, 07090 182, 07090 257, 07090 196, 07090 137,
07090 106, 07090 356, 07090 104, 07090 353, 07090 177, 07090 272, 07090 166, 07090 093, 07090 238, 070 90057, 07090 191, 07090 340, 07090 124,
07090 103, 07090 341 प्रमुख हैं। सही जानकारी के लिए विद्यालय से संपर्क करें गलती के लिए यह ब्लाग जिम्मेवार नहीं होगा।



लंबा इतिहास समेटे हुए होलीवाला जोहड़
- लगेगा होली पर मेला
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 कनीना। कनीना -रेवाड़ी मुख्य मार्ग के नजदीक होलीवाला जोहड़  इतिहास समेटे हुए है। कनीना बसासत के समय से यहां होली दहन पर्व मनाया जाता है। इसीलिए इस जोहड़ को होलीवाला जोहड़ पड़ा है। जहां करीब 800 सालों से यहां होलिका दहन यहीं होता आ रहा है। वही छोटा मेला भी लगता है। बाबू वेदप्रकाश कनीना हर वर्ष मेले के दौरान भंडारा लगाते आ रहे हैं।
क्या कहती कनीना की पुस्तक--
कनीना का इतिहास समेटे हुए कनीना के एचएस यादव की 2006 में प्रकाशित पुस्तक में भी स्पष्ट लिखा है कि पूर्वजों के समय से इसी जगह होलिका दहन होता आ रहा है। चंद वर्षों से कनीना में अन्य स्थानों पर भी होलिका दहन होता आ रहा है।
पुस्तक में वर्णित है कि कान्ह सिंह के गोत्र के नाम पर कनीना का नाम पड़ा। चूंकि दादा कान्ह सिंह का गोत्र कनीन था जिसके चलते कनीन से कनीना तथा आज भी कनीना के वासियों का गोत्र कनीनवाल है। इसी होलीवाले जोहड़ पर होलिका दहन के दिन भारी संख्या में सुबह से शाम भक्त पहुंचते हैं तथा पूजा अर्चना करते हैं।
दो जोहड़ होते थे--
कभी यहां दो जोहड़ होते थे जिनमें से एक का नाम पीलिया तथा दूसरे का नाम होलीवाला था। दोनों के बीच से एक रास्ता भी होता था जो अब लुप्त हो गया और एक जोहड़ बन गया है।
क्या कहते हैं व्योवृद्ध डा मेहरचंद--
कनीना के निवासी महेरचंद 84 वर्ष बताते हैं कि कभी वो भी दोनों जोहड़ों के बीच से रास्ते में घूमते फिरते थे। पीलिया जोहड़ का पानी साफ होता था जबकि होलिका दहन वाला जोहड़ गंदे पानी का भरा रहता था। समय बदला और दोनों के बीच रास्ता समाप्त हो गया। अब केवल एक ही जोहड़ बचा है।
फोटो कैप्शन 9: होली का वाला जोहड़।
        10: होलिका दहन स्थल की फाइल फोटो।




बच्चों ने दिया इको-फ्रेंडली होली खेलने का संदेश
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कनीना। होली के पर्व को इको फ्रेंडली मनाते हुए कान्हाप्ले स्कूल कनीना में पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस दौरान बच्चों के कार्यक्रम ने सबका मन मोह लिया।  
    बच्चों ने होली के गीतों पर डांस किया। नन्हे-मुन्नों ने विभिन्न प्रकार के रंगों से पेंटिंग बना कर सभी को आकर्षित किया। इस दौरान किसी ने सूखे पेंसिल रंगों से पेंटिंग बनाई किया तो किसी ने होली पर पानी का प्रयोग ना करने का संदेश दिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण का सन्देश देना था। स्कूल की एमडी काउंसलर पिंकी यादव ने बच्चों के साथ आए हुए अभिभावकों को पवन पर्व होली की शुभकामनाएं देते हुए संबोधित कर कहा कि होली के पावन पर्व पर छोटे बच्चों को विशेष तौर पर केमिकल भरे रंगों से दूर रखें। बच्चों की आंखों में रंग जाने से आंखों की रोशनी तक चली जाती है। रंगों और खुशियों के पावन त्योहार होली पर जल की बर्बादी प्रत्यक्ष देखने को मिलती है। दो दिन के त्योहार के हुल्लड़ में बेवजह पानी की बर्बादी अच्छी आदत नहीं है। विगत वर्षों के जल संकट से सबक लेना चाहिए। जल संचय जीवन के लिए बहुत जरूरी है। जल ही जीवन है की तर्ज पर पानी का दुरुपयोग किए बिना ही होली खेलें। सूखी होली खेलने से हम भीषण जल संकट से बच सकेंगे। इसी प्रकार जल संचय करके ही हम अपनी विकास दर निरंतर रख सकते हैं। इसलिए सूखी होली खेलना ही सार्थक साबित होगी।
 संस्था के समन्वयक नरवीर सिंह ने कहा कि होली का पर्व आपसी स्नेह और भाईचारे का प्रतीक है। जरूरी नहीं कि पानी का दरुपयोग कर ही इस त्योहार का मजा लिया जाए। बदले हालातों में जब हर तरफ घटता जलस्तर भविष्य के लिए चिता का विषय बन चुका है। ऐसे में साझा होली और सूखा गुलाल की परंपरा को अपनाना समाज के लिए हितकर है अन्यथा यही हाल रहा तो पानी के लिए हम सभी तरसेंगे।  इस अवसर पर कर्मपाल यादव ,रचना शर्मा,रोनिका यादव ,स्वीटी यादव ,प्रियंका प्रजापति,सुरेंद्र शर्मा,सुमन ,नक्ष,हरप्रीत ,करण,खुशी,रजत ,कार्तिक,वंश ,प्रियांशी,शृष्टि ,नव्या ,भावेश ,जानवी,राकेशकुमार, निक्की, संदीप, विकास , कुलदीप,जुगलकिशोर,अरविन्द यादव,हितेन्द्र,जयसिंह सहित स्कूली बच्चे एवं अभिभावकगण उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 8: पेंटिंग करते हुए नन्हे मुन्ने बच्चे।




पुष्पा देवी की प्रतिमा का उद्घाटन 28 को
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कनीना। 28 मार्च को धनौन्दा स्थित महाराणा प्रताप कालेज कैंपस में लोकप्रिय शिक्षाविद्, अनेक शिक्षण संस्थानों की संस्थापक एवं प्रमुख समाजसेवी ठाकुर अतरलाल एडवोकेट की धर्मपत्नी  पुष्पा देवी की पुण्यतिथि को परमार्थ दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
            कार्यक्रम की जानकारी देते हुए आयोजन समिति के अध्यक्ष डा. सुरेन्द्र सिंह ने बताया की प्रात: 9 बजे हवन का आयोजन किया जाएगा तथा 10 बजे पुष्पा देवी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। इसके उपरांत उनके जीवन पर आधारित स्मृति ग्रंथ साक्षात् देवी - पुष्पा परमार का विमोचन किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया की इस अवसर पर प्रसिद्ध लोकगायक व भजनोपदेशक वैद्य नंदराम महाशय एवं वरिष्ठ साहित्यकार रोहित यादव को परमार्थ श्री अवार्ड से भी सम्मानित किया जाएगा।




करीरा में 150 वरिष्ठ नागरिकों ने कोरोना वैक्सीन दी
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 कनीना। कनीना उपमंडल के गांव करीरा के उप स्वास्थ्य केंद्र पर 150 वरिष्ठ नागरिकों को कोरोना वैक्सीन दी गई।  इस मौके पर शीशराम एचआई की देखरेख में राकेश, शारदा, सुनीता ने कोरोना वैक्सीन दी।



महिला ने घर में लगाई फांसी
-मंद बुद्धि की बताई जा रही है, पुलिस कार्रवाई में जुटी
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 कनीना। कनीना उपमंडल के गांव नौताना में एक महिला ने फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली। वह मानसिक रूप से मंदबुद्धि की बताई जा रही है। कनीना पुलिस ने आगामी कार्रवाई कर दी है तथा शव का पोस्टमार्टम करवा उनके परिजनों को सौंप दिया है।
मिली जानकारी अनुसार प्रमिला ने अपने ही घर में फांसी का फंदा लगा लिया। इस संबंध में परिजनों ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस मौके पर पहुंची महिला मंदबुद्धि की बताई जा रही है।





अर्ध रात्रि गाड़ी जलकर राख, महेंद्रगढ़ से फायर ब्रिगेड को बुलाया गया
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 कनीना। कनीना- छितरोली मार्ग पर शुक्रवार की रात बाघोत से आ रही एक ब्रेजा गाड़ी में अचानक आग लग गई। तुरंत चालक ने फायर ब्रिगेड महेंद्रगढ़ को सूचित किया। महेंद्रगढ़ से फायर ब्रिगेड चलकर आई तब तक गाड़ी जलकर राख हो चुकी थी। चालक ने पुलिस को सूचित कर दिया है।
कोटिया निवासी जयप्रकाश ने बताया करीब अर्धरात्रि बाघोत की ओर से गांव कोटिया की ओर आ रहा था। अभी सीएसडी कैंटीन से थोड़ा दूर था कि गाड़ी में विशेष आवाज आने लगी। ज्यों ही वह नीचे उतर कर चेक करने लगा तुरंत आग लग गई। उन्होंने फायर ब्रिगेड को सूचित किया। फायर आफिसर राकेश कुमार ने बताया कि करीब मध्यरात्रि उनकी सूचना पहुंची और तुरंत फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची लेकिन जब तक गाड़ी जलकर राख हो गई थी।
 फोटो कैप्शन 5:आग लगने से जली हुई गाड़ी।


जीआर स्कूल में विश्व रंगमच दिवस मनाया
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कनीना। विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर जीआर इंटरनेशनल स्कूल कनीना एवं लावण्या फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन पर आधारित आज के पटेल नाटक का मंचन किया। मुख्य अतिथि के रूप में जीआर इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन विजयपाल यादव व विशिष्ट अतिथि के रूप में  प्राचार्य वशिष्ठ कौशिक थे।
 लावण्या फाउंडेशन के कलाकारों ने डॉ प्रदीप कुमार द्वारा  लिखित नाटक में सरदार पटेल के विचारों व देश की आजादी में उनके योगदान को प्रदर्शित किया।
मुख्य अतिथि ने कहा कि रंगमंच एक ऐसी विधा है जिसके माध्यम से समाज में होने वाले हर सकारात्मक व नकारात्मक बदलाव को  बड़े ही सूक्ष्म अंदाज में की जाती है। रंगकर्मी अपने अभिनय से समाज की कुरीतियों को दर्शकों के सम्मुख प्रस्तुत कर सामाजिक ताने-बाने पर कटाक्ष करते हुए समाज की संरचना को सुंदर आकार देने का जो प्रयास करता है यही रंगमंच की एक विशेष उपलब्धि है।
संस्था के पदाधिकारी विवेक यादव ने बताया कि  नाटक में देश को आजादी दिलाने वाले महापुरुषों के बलिदान के महत्व को दिखाया गया।
नाटक में निर्देशक की भूमिका में डा अंकुर खेर सरदार पटेल की भूमिका में गजानंद मौलाना आजाद, मयंक सैनी जिन्ना, ललित वर्मा पंडित नेहरू ,हिमांशु गुप्ता सुनामी, पंकज मेहंदीरत्ता कृपलानी, कशिश बत्रा निजाम, धीरज शर्मा व चाय वाले के भूमिका में करण सैनी ने अभिनय किया।
इस अवसर पर लावण्या फाउंडेशन अनिल दोचानिया, झम्मन सिंह सैनी व स्कूल स्टाफ उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 6: जीआर स्कूल में रंगकर्मी मंचन करते हुए।



जान से मारने की धमकी का मामला दर्ज
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 कनीना। बाघोत निवासी वेदप्रकाश एडवोकेट में कनीना पुलिस में जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कराया है। उन्होंने कहा है कि  कनीना कोर्ट में वकालत के लिए जाना होता है तथा जय सिंह नामक व्यक्ति केा वकील बतौर कार्यरत हूं।  22 मार्च को जय सिंह से मिलने के लिए घर जा रहा था तो रास्ते में प्रवीन मिला जिसने गाली गलौज किया और जान से मारने की धमकी दी। कनीना पुलिस ने वेदप्रकाश के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कर लिया है।






शुद्ध पानी को सहेजेगा जोहड़
-28 लाख की लागत से हो रहा है पुराने जोहड़ का पुनरुद्धार
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 कनीना। कस्बा कनीना के संत मोलडऩाथ जोहड़ का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। 28 लाख लागत आएगी। मोलडऩाथ आश्रम के पास के करीब एक दर्जन धार्मिक स्थलों को सीधे जोहड़ से जोड़ा जाएगा। जिस प्राकृतिक जोहड़ के पास बैठकर तप करते थे उसको एक बार फिर से पानी से भरा जाएगा। इस बार पक्की चारदीवारी भी बनाई जा चुकी है। इस जोहड़ की ऐतिहासिकता को देखते हुए साफ पानी से भरने के लिए दैनिक जागरण ने दो साल पूर्व एक मुहिम शुरू की थी जिसके तहत पालिका प्रधान तक यह बात पहुंचाई गई थी और आखिरकार पालिका प्रधान ने दैनिक जागरण के उस कथन पर खरा उतरते हुए अब इसकी चारदीवारी बनाकर साफ पानी से भरने का निर्णय लिया है।
 जाल के पेड़ों से आच्छादित यह जंगल में जोहड़ होता था। संत मोलडऩाथ इस जोहड़ के किनारे बैठकर तप करते थे। यह जोहड़ साफ पानी से भरा होता था। जीव जंतु यहां विचरित करते थे। 60 साल पहले यहां मोर और गीदड़, कबूतर, चिडिय़ा और नाना प्रकार के जीव जंतु बाबा के आसपास घूमते रहते थे। परंतु कनीना बस स्टैंड स्थापना के बाद इस जोहड़ को मलिन कर दिया था और अब इसका पुनरुद्धार किया जा रहा है। जोहड़ और बाबा की आस्था को ध्यान में रखते हुए इसका पुनरुद्धार किया जा रहा है ताकि आने वाले समय में लोग जोहड़ के दर्शन कर सके और बाबा की यादों में खो जाए।
वर्तमान में इस जाहड़ की खुदाई करके चारदीवारी बनाई जा चुकी है। यहां पास में ही खाटू श्याम मंदिर 2019 में निर्मित हुआ था जिसके लिए खाटू तालाब की आवश्यकता होती है। ऐसे में यह जोहड़ खाटू श्याम मंदिर के तालाब का काम भी करेगा।
सांस रोकने की क्षमता थी बाबा में-
बाबा मोलडऩाथ विक्रमी संवत 2006 में ब्रह्मलीन हो गये थे किंतु संत  को पानी में समाधि लगाने की क्षमता थी। समाधि लगाकर लंबे समय ठहरने की होड़ सिरसवाला जोहड़ में लगी थी। जहां बाबा रामेश्वरदास जोहड़ से जल्दी बाहर आ गये थे और बाबा मोलडऩाथ अधिक देर रहे थे जिसके चलते उन्हें निमोनिया हो गया था। बाद में वे ब्रह्मलीन हुये।
क्या क्या हैं योजनाएं-
यह जोहड़ साफ पानी से भरने की योजना है जो पानी को सहेजेगा। इसके पेंदे में एक बोर करवाया जाएगा ताकि जल का रिचार्ज होता रहे। करीब 28 लागत से नगरपालिका इस जोहड़ को एक तरफ से खाटू श्याम तो दूसरी ओर से शिवालय,सीताराम मंदिर, हनुमान मंदिर, शिर्डी के मंदिर, शनिदेव मंदिर, माता मंदिर, मोलडऩाथ आश्रम, राधाकृष्ण मंदिरों को जोहड़ के किनारे उतरने का प्रबंध किया जाएगा। आपस में एक पुल से जोड़ा जा रहा है ताकि कोई भी श्रद्धालु आये वो तालाब के दर्शन कर सके। नहर से जोहड़ को जोडऩे के प्रयास किये जाएंगे। यह पानी को सहेजेगा, रिचार्ज भी करेगा तथा पानी को विभिन्न कामों में लिया जाएगा। लाखों लीटर पानी स्टोर होगा।
क्या कहते हैं पालिका प्रधान-
पालिका प्रधान सतीश जेेलदार ने बताया कि यह पौराणिक जोहड़ विभिन्न धार्मिक स्थानों की सुंदरता बढ़ाएगा, शुद्ध जल को सहेजेगा तथा रिचार्ज भी करेगा। खाटू मंदिर के तालाब की भूमिका भी निभाएगा तथा मोलडऩाथ का पुराने जोहड़ के रूप में भी जाना जाएगा। करीब 28 लाख रुपये के करीब खर्चा आएगा।
फोटो कैप्शन 5: बाबा मोलडऩाथ जोहड़ जो साफ पानी को सहेजेगा।



 500 संत पहुंचे
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कनीना। यहां के प्रसिद्ध संत बाबा मोलडऩाथ का शनिवार को विशाल भंडारा आयोजित किया एवं संतों को दान दक्षिणा देकर विदा किया। करीब 500 संतों ने भंडारे में भाग लिया। तीन दिनों से चला आ रहा मेला अब संपन्न हो गया। मेले से पूर्व रात को जागरण तो मेले के दिन ऊंट दौड़ एवं शक्कर का प्रसाद बांटा जाता है वहीं अंतिम दिन दूर दराज से आए संतों को भंडारे का प्रसाद खिलाकर दान दक्षिणा के साथ विदा किया जाता है।
  कनीना के संत बाबा मोलडऩाथ मेले के समापन के अगले दिन प्रतिवर्ष विशाल भंडारा आयोजित किया जाता है। इस बार भी संतों एवं भक्तों के लिए विशाल भंडारा किया गया जिसमें दूर दराज से आए साधु संतों को भोजन कराकर सम्मान के साथ विदा किया। सुबह सवेरे से ही साधु संतों को भोजन कराने तथा उन्हें विदा करने का कार्यक्रम चलता रहा जो दोपहर पश्चात संपन्न हुआ। बाबा मेले के साथ ही यह परंपरा जुड़ी हुई है। मेले के पहले दिन रात्रि को जागरण, दूसरे दिन खेल तथा तीसरे दिन भंडारा आयोजित किया गया। भंडारे में देशी घी का हलवा, खीर सहित कई पकवान बनाए गए और सबसे पहले साधु संतों को भोजन कराकर प्रत्येक को 200 रुपये से 1100 रुपये तक देकर विदा किया।
 इस मौके पर दलीप गिरी, आकाशगिरी, दयालनाथ, मोनी बाबा, खड़ेश्वरीनाथ, दिनेश कुमार, राजेंद्र, मुकेश, राहुल चौधरी, शिवकुमार, अनिल कुमार, रमेश कुमार, नरेंद्र आदि ने साधु संतों को भोजना कराया और उन्हें विदा किया।
फोटो कैप्शन 01: साधु संतों को भंडारे में भोजन कराते भक्त
 



कनीना में है भैंस वाली गली -----
-संकीर्ण गली में बांधी जाती है कई भैंस
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कनीना। यूं तो कनीना की गलियां लगभग पक्की है परंतु जब कोई गली संकीर्ण हो तथा भैंस गली के बीच बंधी हो तो फिर आने जाने वालों के लिए दिक्कत देती हैं। वाली नाम से प्रसिद्ध हो और उसमें कहीं ईंट कहीं पत्थर कहीं बाबा मोलडऩाथ आश्रम के पास एक गली दस फीट चौड़ी हैं किंतु बस स्टैंड जाने का प्रमुख मार्ग है। इस गली में दोनों तरफ साधन खड़े रहते हैं तथा भैंस बंधी होती हैं जो आने जाने वालों को गंदगी देती रहती हैं।
ये गली में बंधी भैंस मल मूत्र से आने जाने वालों के चेहरे तथा कपड़ों को खराब करती रहती है। यदि कोई इनके मालिक को कहे तो समझो सामत आ जाती है। ऐसे में कोई बोलने वाला नजर नहीं आता। दिनभर ये भैंस से गोबर और मल मूत्र से गली को गंदा कर रही हैं। आवागमन में बड़ी दिक्कत आती है किंतु बस स्टैंड जाने के लिए इस गली का प्रयोग करना मजबूरी है।
लोग बेहद परेशान है किंतु कुछ कह नहीं सकते। नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार का कहना है कि इस प्रकार के लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि गली में भैंस बांधना ठीक नहीं और उस पर वो गंदगी करें तो और भी दिक्कत आती है।
फोटो कैप्शन 16: गली में बंधी भैंस।



पेंटिंग में जिला स्तर पर नाम कमाने वाली शिखा पुरुस्कृत
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कनीना। आरआरसीएम पब्लिक स्कूल कनीना में आज प्रगतिशील जिला स्तरीय गीता महोत्सव 2020  में पेंटिंग प्रतियोगिता में जिला सस्तर पर सांत्वना पुरस्कार प्राप्त करने पर विद्यालय की छात्रा शिखा को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर संस्था के चेयरमैन रोशन लाल यादव ने बताया कि गीता महोत्सव का आयोजन एक महत्वपूर्ण एवं गौरवशाली आयोजन है प् इस प्रतियोगिता के द्वारा विद्यार्थियों में गीता जी के ज्ञान के प्रति समझ व रूचि उत्पन्न होती है तथा इस प्रकार की प्रतियोगिताओं  से विद्यार्थियों में नैतिक मूल्योंएमानवीय मूल्यों व सद्गुणों का विकास भी होता है जिससे समाज व राष्ट्र के लिए उत्तम नागरिकों का निर्माण करने में मदद मिलती है।
इस अवसर पर संस्था के निदेशक संजय यादव,प्राचार्य नरेंद्र गौतम ने भी अपने विचार प्रकट किए।












बच्चों को बचाइये मोबाइल से- मनोवैज्ञानिक
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कनीना। मोबाइल या स्मार्टफोन से अपने बच्चों को जरूर बचाये क्योंकि ये तनाव,अवसाद,अनिद्रा,क्रोध व सामाजिक अलगाव आदि का कारण बनते हैं। ये विचार डाइट महेंद्रगढ़ के मनोवैज्ञानिक सूर्यकांत ने यहां व्यक्त किये।
 उन्होंने कहा कि एक समय था जब बच्चे अपने बचपन में पारंपरिक खेल खेलते थे,जिनसे बच्चों का न केवल शारीरिक अपितु मानसिक व सामाजिक विकास भी होता था। लेकिन आज उन पारम्परिक खेलों का स्थान मोबाइल पर हिंसक गेम्स ने ले लिया है। हिंसक गेम खेलने वाले बच्चों में नकारात्मक अभिव्यक्ति बढ़ रही है। माता-पिता की बात न मानना,छोटे भाई-बहन को पीटना,बात-बात पर गुस्सा करना आदि अनेक व्यवहारिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सम्पूर्ण समाज को इस विषय पर सजग व सचेत होने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन का उपयोग आवश्यक है। जीवन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से किया गया था। किंतु मोबाइल उपयोग कर्ता पर हावी हो गया है जिससे माइग्रेन या सिरदर्द, अनिद्रा विकार और अवसाद, तनाव और सामाजिक अलगाव,आवेगी और आक्रामक व्यवहार,पारिवारिक सम्बन्धो में दरार, ध्यान केंद्रित करने की अक्षमता,आंखों की रोशनी का कमजोर होना, रीढ़ की हड्डी में दर्द होना,निष्क्रिय जीवन शैली, आर्थिक व व्यवसायिक समस्याएं, क्रोधी,झगड़ालू व चिड़चिड़े स्वभाव आदि प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि मोबाइल का उपयोग करने के लिए एक निश्चित समय तय करें, जरूरी होने पर ही मोबाइल फोन का उपयोग करें, अनावश्यक रूप से मोबाइल पर समय ना बिताएं,
 मोबाइल पर गेम खेलने की बजाय पारम्परिक व आउटडोर गेम्स खेलें, समय का सही इस्तेमाल करें, रोचक कार्यों को प्राथमिकता दें,वर्चुअल दुनिया से बाहर निकले मोबाइल एडिक्शन से छुटकारा पाने के लिए किसी प्रशिक्षित परामर्श मनोवैज्ञानिक या परामर्शदाता से सम्पर्क करें।
फोटो कैप्शन: सूर्यकांत।

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