कनीना का बाबा मोलडऩाथ मेला शुरू
-आयोजित हुई खेल प्रतियोगितएं
-कबड्डी में झमोला प्रथम तथा अहरी की टीम दूसरे स्थान पर रही
-वालीबाल में प्रथम मोलडऩाथ क्लब तथा दूसरे स्थान पर कुुरुक्षेत्र की टीम रही।
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कनीना। कनीना का प्रसिद्ध बाबा मोलडऩाथ मेला बुधवार से शुरू हो गया है। लगातार तीन दिन कार्यक्रम चलेंगे। जहां 25 मार्च को शक्कर मेला चलेगा वहीं 26 मार्च को साधु संतों का सम्मान देकर विदा किया जाएगा। 25 मार्च को ऊंट,घोड़ी दौड़ आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। मोलडऩाथ आश्रम के आसपास बुधवार से ही दुकानें सजी हुई है। बालीबाल और कबड्डी खेल प्रतियोगिता आयोजित आयोजित हुर्द जिसमें
दूर-दराज से खेलों को देखने के लिए लोग आए। इस मेले को शक्कर मेला नाम से जाना जाता है।
पूरे कस्बा से शक्कर का प्रसाद चढ़ाया जाता है। बाबा मोलडऩाथ लंबे समय तक यहां तप किया। पूरा कनीना कस्बा ही नहीं मांदी, रोड़वाल तथा ढाणी बाठोठा तक के लोग भारी संख्या में पहुंचते हैं। क्षेत्र में भारी मान्यता बाबा मोलडऩाथ की है। इस मौके पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताएं बुधवार देर शाम तक चलती रही। विस्तृत जानकारी देते हुए सुमेर सिंह चेयरमैन ने बताया कि लांग कबड्डी में झमोला प्रथम तथा अहरी की टीम दूसरे स्थान पर रही। नेशनल कबड्डी में भैंसवाल टीम बी प्रथम तो कथूरा की टीम दूसरे स्थान पर रही। रामप्रताप पूर्व शिक्षक ने बताया कि वालीबाल में प्रथम मोलडऩाथ क्लब तथा दूसरे स्थान पर कुुरुक्षेत्र की टीम रही।
फोटो कैप्शन 15: मेले का नजारा 16: वालीबाल का नजारा 17 और 18: कबड्डी का नजारा
सीआईए ने बाघोत के प्रवीण को पिस्टल समेत गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा
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कनीना। सीआइए नारनौल मुखबिर की सूचना पर एक व्यक्ति को पिस्टल व तीन जिंदा कारतूस गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है।
मिली जानकारी के जिला पुलिस कप्तान के आदेश अनुसार अनुसार सीआईए टीम नारनौल के इंचार्ज एसआई अनिल कुमार व उनकी टीम ने मुखबिरी की सूचना पर छापामारी कर खंड के गांव बाघोत निवासी प्रवीण कुमार को पिस्तौल व तीन जिंदा राउंड के साथ गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। सीआईए इंचार्ज ने बताया कि हमने जिला पुलिस कप्तान के आदेश अनुसार यह कार्रवाई की है जिसमें बाघोत निवासी प्रवीण कुमार को रंगे हाथों उनके गांव के बस अड्डे से गिरफ्तार कर लिया है। वही यह भी बताया जाता है कि इस पर इससे पहले भी शहर में लूटपाट की घटनाओं का मामला दर्ज है जिसमें कार्रवाई की जाएगी वही सीआईए टीम द्वारा विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है। सीआईए इंचार्ज अनिल ने बताया कि जिले में किसी भी तरह की अपराधिक घटनाओं में कार्य करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा।
फिर तुम्हारी याद आई कोरोना ........
-एक साल पूरा हो गया नहीं भूले उन दिनों को
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कनीना। कोरोना की मार विगत एक साल से झेलते आए हैं। एक साल पहले कोरोना रोना ने दस्तक दी थी। जब चहुं ओर सन्नाटा छाया हुआ था। लोग घरों में बंद हो गए थे। विद्यार्थी घरों में बैठकर कैरम बोर्ड पर समय बिता रहे थे। जगह-जगह कैंप लगाकर मजदूरों को खाना दिया जा रहा था, मास्क वितरित किए जा रहे थे। गांव में सैनिटाइजर छिड़का जा रहा था। हालात किसी जंग से कम नहीं थे। उन दोनों को लोग कभी नहीं भुला पाएंगे। दूसरे राज्यों से आए हुए मजदूरों पर बुरी बीती, जब खाने के लाले पड़ गए थे। उनके पास कमाई के साधन घट गए थे। जगह-जगह उनको राशन वितरित करके जन सेवा की थी। कनीना पालिका प्रधान की ओर से भी उनको लंबे समय तक खाना देखकर नाम कमाया था। कोरोना से बचने के लिए मजदूरों के लिए सेंटर स्थापित किए गए थे जहां उनको खाना-दवा मिलती थी। सुबह शाम हाजिरी ली जाती थी। पुलिस का पहरा नजर आता था। सभी मास्क से ढके मिलते थे। मजदूर बेचारे खाने के लिए पैदल ही कई कई किलोमीटर जा रहे थे किंतु समय बदला, कुछ राहत दी। कोरोना के चलते जहां मजदूर वापस चले गए, एक बार फिर से लावणी के लिए लौटे हैं। एक वर्ष पूरा हो गया।एक बार फिर से कोरोना ने दस्तक दे दी है। बहुत से लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। अगर रोग फिर बढ़ गया तो फिर से बड़ी समस्या बन सकती है। ऐसे में कोरोना ने फर से दस्तक दी है। गृहमंत्री ने तो हरियाणा में जहां मेला उत्सव पर रोक लगा दी है किंतु लोग हैं कि मानते ही नहीं। जहां परीक्षा का तरीका बदल गया है विद्यार्थी आनलाइन पढ़ाई और परीक्षा दे रहे हैं।
दुकानदार बिना मास्क के फल सब्जी बेच रहे हैं। हालात फिर से डगमगा सकते हैं किंतु उन दिनों को कैसे भुला सकते हैं। उन दिनों को याद करके दिनेश कुमार, सुरेश कुमार, महेंद्र कुमार आदि ने कहा कि वह बहुत बुरा वक्त था। रोनी सूरत लिए इधर-उधर घूमते थे, दुकानदार दुकान में कैद हो गए थे। खाने के लिए राशन नहीं था। बहुत दुखदाई दिन बीते थे। वास्तव में ऐसा बुरा वक्त फिर न आए, लोग प्रभु से प्रार्थना करते रहते हैं।
कोरोना के कारण सबसे अधिक मार बाहर के लोगों पर पड़ी जो दुखी होकर अपने पैरों में छाले लेकर सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घरों को जा रहे थे। पैदल हीर जा रहे थे। वास्तव में बड़ा दर्दीला दृश्य था। कहीं भी मजदूर मिलते हाथों में दरांती एवं बांकड़ी लिये काम की तलाश करते नजर आये। वे बस एक गुहार करते कि खाना कई दिनों से नहीं खाया है,खाना मिल जाए? यहां से कमा कर जाना तो दूर बेचारे जो कुछ कमाया था उसको भी खो कर गए हैं। यद्यपि सरकार ने बेहतर कार्य किया उनको उनके गांव तक छुड़वा दिया परंतु उन दिनों को कभी नहीं भूल पाएंगे। कोरोना से आम जनता हर इंसान दुखी रहा।
फोटो कैप्शन 1: खाना राशन बांटते हुए लोग मजदूरों को 2: सेंट्रो पर रोके जाने का दृश्य 3: मास्क वितरित करते 4: कैरम बोर्ड पर बच्चे अपना समय बिताते 5: मजदूर पैदल जाते हुए और उनकी सुध लेते हुए अधिकारी 6 यू खिलाया गया उस दौरान खाना 7: सैनिटाइजर छिड़कते हुए।
होली पर जल बचत की ली शपथ
-हजारों लीटर पानी करते हैं बर्बाद
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कनीना। रंगों के त्योहार होली के प्रति लोग जल बचाने, रंगों की बजाय गुलाल एवं तिलक लगाकर होली खेलने के पक्ष में हैं। वे इस प्यार एवं भाईचारे के पर्व को दुश्मनी भुलाकर खेलना पसंद करते हैं। इस बार सभी पानी बचाने के पक्ष में हैं। इस होली के पर्व पर महेश बोहरा,कुलदीप कुमार भी अनावश्यक रूप से पानी को बहाने से रोकने तथा पानी को बचाने के पक्ष में हैं। धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और रंगों की बजाय गुलाल या चंदन के तिलक से होली खेलने के पक्ष में हैं। प्यार एवं भाईचारे से इस पर्व को मनाने के लिए वे कटिबद्ध हैं।
इस मौके पर डा मुंशीराम मोहनपुर ने कहा कि रासायनिक रंगों का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए घातक साबित होता है वहीं इसका प्रयोग अधिक पानी को खराब करने का एक तरीका है। उन्होंने कहा कि कम से कम पानी प्रयोग करना चाहिए। एक एक व्यक्ति 50-60 लीटर पानी बर्बाद कर देता है।
सत्यवीर सिंह पड़तल ने इस मौके पर कहा कि होली एक पवित्र एवं हंसी खुशी से मनाने की शिक्षा देता है। ऐसे में हमें प्यार से एक दूसरे को चंदन आदि का टीका लगाकर या फूलों की होली खेलकर मनाना चाहिए। भूमिगत जल को बचाने के लिए जल बर्बाद न करके होली खेली जाएगी।
इस मौके पर विनीता राव प्राध्यापिक ने कहा कि पानी बचाना इस पर्व का प्रमुख कत्र्तव्य होगा। पेयजल की कमी होती जा रही है। ऐसे में होली मनाने के लिए हमें प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करने पर बल देना चाहिए।
भीम सिंह समाजसेवी कनीना का कहना है कि दिनोंदिन पानी कम होता जा रहा है वहीं इंसान पानी का दुरुपयोग कर रहा है। एक ओर जहां खुशी का अवसर है तो क्यों न पानी की बचत करते हुए या तो कम से कम गुलाल लगाकर या फिर चंदन आदि का टीका लगाकर खुशी का इजहार किया जाए। उन्होंने कहा कि पूरे ही विश्व में जल की मांग बढ़ रही है तो जल को बचाना भी हमारा दायित्व बनता है।
क्या कहते हैं राजेश कुमार-
होली पर पानी बर्बादी के बारे में रोजश कुमार समाजसेवी का कहना है कि अगर होली खेलने वाला प्रत्येक व्यक्ति दस लीटर पानी बचाये तो देश की सवा करोड़ जनसंख्या करोड़ों लीटर पानी बचा सकती है जो एक दिन की प्यास करोड़ों लोगों की बूझा सकता है। उन्होंने जल बचत की मांग की है।
फोटो कैप्शन: विनीता राव, राजेश कुमार, भीम सिंह, डा मुंशीराम, सत्यवीर सिंह पड़तल।
जनता के दुख दर्द से सरकार का कोई लेना देना नहीं है- अर्जुन चौटाला
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कनीना। वर्तमान सरकार में जन समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दे रही है। संयुक्त सरकार केवल सत्ता हथियाने के लिए लोगों से झूठे वादे करती थी जो आज आम आदमी के सामने हैं। ये विचार इनेलो के वरिष्ठ नेता अर्जुन चौटाला ने कनीना के गांव उन्हाणी महलावत बीज भंडार पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में केवल लोग अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगे हुए हैं जिन्होंने जनता के दुख दर्द से कोई लेना देना नहीं है। वे चुनाव के समय जनता के सामने तरह तरह के लोग लुभावने वायदे कर सत्ता की कुर्सी पर काबिज हो गए लेकिन आज उन वादों को भूल चुके हैं। उन्होंने किसान आंदोलन के बात कहा कि जिस देश का किसान ही अपने हक की लड़ाई के लिए पिछले 4 माह से परेशान है उसमें किसी और की सुख शांति की खबर कैसे हो सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश व केंद्र सरकार कहती है कि हम किसान के सच्चे हितैषी हैं लेकिन सच्चाई से कोसों दूर हैं। उन्होंने डिप्टी सीएम पर बोलते हुए कहा कि जो लोग चुनाव के समय एक ही बात कहते थे कि तुम मुझे सत्ता तक पहुंचा दो भाजपा को सत्ता से दूर कर दूंगा जिस के विश्वास पर प्रदेश की जनता ने जेजेपी को अपना विश्वास मत दिया लेकिन जेजेपी भाजपा के पाले में जाकर बैठ गई। उन्होंने कहा कि जेजेपी को प्रदेश के किसी भी व्यक्ति से कोई लेना देना नहीं है। बीजेपी तथा जेजेपी मिलकर किसानों का अहित कर रही हैं। प्रदेश की संयुक्त सरकार से नता का मोहभंग हो गया है औरअब चुनाव का इंतजार करने लगे हैं। ,इस मौके पर युवा नेता चौधरी सतपाल सिंह बीडीसी के पूर्व मेंबर सत्यवीर सिंह, चौधरी रमेश कुमार, चौधरी सुरेश फौजी, युवा नेता हरकेश धनखड़, विजेंद्र मेहलावत, कपिल के अलावा अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 12: अर्जुन चौटाला उन्हाणी में।
परीक्षा के दृष्टिगत स्कूलों का समय बदला
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कनीना। हरियाणा प्रदेश के स्कूलों में कक्षा पहली से आठवीं तथा 9वीं व 11वीं की सत्र 2020-21 की वार्षिक परीक्षा 26 मार्च 2021 से प्रारंभ हो रही है जिसके लेकर स्कूलों का समय प्रात: 9:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक का रहेगा। विस्तृत जानकारी देते हुए वरिष्ठ प्राचार्य अभय यादव ने बताया कि केवल वही विद्यार्थी विद्यालय में आएगा इसकी परीक्षा होगी ।यदि कोई यदि 9वी और 11वीं कक्षा का विद्यार्थी कोरोना पाजिटिव पाया जाता है तो नेगेटिव रिपोर्ट आने तक विद्यालय अपने स्तर पर परीक्षा लेगा। जिन विद्यार्थियों में कोरोना के लक्षण जाने की संभावना है उन्हें अलग से कमरा दिया जाएगा।
24 दिव्यांगों ने बनाई विकलांगता सर्टिफिकेट
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कनीना। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद पंचकूला के तत्वाधान में समग्र शिक्षा अभियान के तहत कनीना खंड के पहली से बारहवीं तक दिव्यांग बच्चों के चिकित्सीय जांच प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कैंप नारनौल में आयोजित किया गया।
प्राचार्य सतपाल व विशेष शिक्षक अमृत सिंह, विनोद कुमार, सरिता यादव ने बताया कि कनीना खंड से आज 60 दिव्यांग बच्चों ने हिस्सा लिया जिसमें से लगभग 24 बच्चों को मेडिकल सर्टिफिकेट प्रमाण पत्र प्रदान किया गया तथा एलिम्को की तरफ से दिव्यांग बच्चों को सहायक सामग्री दी गई। एलिम्को की तरफ से दृष्टिहीन बच्चों के लिए सीडी प्लेयर वह स्मार्ट मोबाइल के लिए उन बच्चों को चिह्नित किया गया।
सरसों की आवक शुरू किंतु खुले बाजार में भाव अधिक
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कनीना। कनीना अनाज मंडी सरसों की आवक शुरू हो गई है किंतु का खुली मंडियों में भाव सरकारी भाव से अधिक होने के कारण सीधे किसानों से सरसों व्यापारी तथा तेल मिल मालिक खरीद रहे हैं।
कनीना मंडी के व्यापार मंडल प्रकोष्ठ प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया कि खुली मंडी के भाव 5300 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि सरकारी भाव 4650 रुपये प्रति क्विंटल है।
एक और जहां 1 अप्रैल से खरीद होने जा रही है वहीं इस बार कनीना मंडी सरसों आने की संभावना नगण्य मानी जा रही है। इस बार खुले बाजार में भाव अच्छे मिल रहे हैं। यही कारण है किसान सरसों तेल मिलो और व्यापारियों को बेच रहे हैं। ये व्यापारी और तेल मिल मालिक किसानों के घर से सरसों खरीद कर ला रहे हैं।
जिले के 79 प्राथमिक स्कूल तथा 33 मिडिल स्कूल किये जा रहे हैं मर्ज
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कनीना। जिला महेंद्रगढ़ के 79 प्राथमिक स्कूल तथा 33 मिडल स्कूल जिला पास के स्कूलों में मर्ज किये जा रहे हैं। विद्यार्थियों की कम संख्या होने के कारण यह कदम उठाया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी नारनौल ने प्राथमिक तथा मिडिल स्कूलों को मर्ज करने आदेश जारी कर दिये हैं।
कनीना क्षेत्र से जीजीपीएस ढाणी इसराना को जीजीपीएस रामबास तथा जीपीएस गाहड़ा को को जीजीपीएस सीहोर में मिलाने का प्रस्ताव है।
वही जीपीएस गोमला को जीपीएस गोमली में, जीपीएस मुडायन को जीपीएस झीगावन में, जीपीएस सीगड़ी राजपूत को जीपीएस सिगड़ी हरिजन में मिलाने का प्रस्ताव है। वही जीपीएस नौताना को जीजीपीएस नौताना में, जीपीएस नांगल को जीपीएस मोहनपुर में,जीपीएस भालखी को जीजीपीएस दौंगड़ा अहीर, जीजीपीएस ढाणी ककराला को जीपीएस ककराला,
जीपीएस छितरौली को जीपीएस झाड़ली में, जीपीएस मानपुरा को जीपीएस ढाणा में, जीजीपीएस ढाणी कपूरी को जीपीएस कपूरी में, जीपीएस आनावास को जीजीपीएस झगडोली में, जीजीपीएस ढाणी भडफ़ को जीपीएस भडफ़ में मिलाने का प्रस्ताव है।
वही इसी प्रकार कुछ मिडिल स्कूलों को दूसरे स्कूलों में मर्ज करने की योजना है जिसमें कनीना उप मंडल से जीएमएस खेड़ा को जीएसएसएस बवानिया, जीएमएस सुरजनवास को बवानिया में जीएमएस गाहड़ा को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सीहोर में, जीएमएस गाहड़ा को जीएसएसएस सिहोर में मर्ज किया जा रहा है।
फोटो कैप्शन के-एक से पांच: प्राथमिक एवं मिडिल स्कूल जो समीपी स्कूलो ंमें मर्ज किये जा रहे हैं।
श्याम भक्तों के लिए शिविर संपन्न हुये
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कनीना। दूर दराज से जैतपुरा तथा खाट धाम पर खाटूश्याम के दर्शन करने जाने वाले भक्तों के लिए विभिन्न गांवों में लगाये गये शिविर संपन्न हो गये हैं। इन शिविरों में सोशल डिस्टेंस एवं कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुये भक्तों की सेवा की गई। दुलीचंद अमरजीत आदि ने बताया कि मेला 25 मार्च को संपन्न होता है। इसी दिन संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ मेला संपन्न होगा। ऐसे में जो भक्त निशान लेकर पदयात्रा करते हैं उनके लिए जगह जगह कैंप लगाये गये थे। जहां दवाइयां, पैरों की मसाज तथा खाना आदि मुफ्त दिया जाता रहा है।
उधर भक्तजन कृष्ण कुमार, विजयपाल, अश्विनी कुमार, महिपाल सिंह, नेमीचंद ने बताया कि वे खाटूश्याम पर निशान चढ़ाकर आये हैं। रास्ते में बेहतर सेवा भक्तों की होती है। मेले में अपार भक्त पहुंचते हैं जिनको किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होने दी जाती है। विगत वर्ष भी जहां कोरोना के वक्त मेला चला था वहीं इस वर्ष भी कोरोना की मार भक्तों ने झेली हैं। किंतु भक्तों का हौसला कम नहीं हुआ।
फोटो कैप्शन 1: शिविर में भक्त की मशीन से मसाज करते सेवक।
कोविड-19 के दृष्टिगत सभी स्कूली बच्चों का होगा सैंपल, जांच
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कनीना। सिविल सर्जन नारनौल में जिला शिक्षा अधिकारी सहित विभिन्न अधिकारियों का आदेश दिया है कि जिला महेंद्रगढ़ के सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों का कोविड सैंपल करवाएं ताकि बढ़ते हुए कोविड-19 के केसों पर नियंत्रण पाया जा सके। उल्लेखनीय की विगत दिनों से फिर से कोरोना के केस बढऩे लगे हैं जिसके चलते सरकार ऐतिहात के सभी कदम उठा रही है।
50 पैसे प्रति प्योद के हिसाब से तैयार करवाए उत्तम दर्जे की प्योद- अंकुश
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कनीना। सुंदराह एकीकृत बागवानी विकास केंद्र पर उच्च तकनीक से प्योद तैयार की जा रही है जिस पर 50 पैसे प्रति प्योद किसान को खर्च करना पड़ता है। विस्तृत जानकारी देते हुए बागवानी विभाग के सुपरवाइजर अंकुश ने बताया कि यदि किसान अपने पास से बीज लाकर दे तो उनकी प्योद 50 पैसे प्रति प्योद के हिसाब से तो तैयार करके दी जाएगी। यदि आईएचडी स्कीम के तहत किसान बीज एवं प्योद बुकिंग करवाना चाहें तो उन्हें 50 फीसदी अनुदान बीज एवं प्योद पर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बागवानी विकास केंद्र पर बीमारी रहित तथा बेहतर दर्जे की प्योद तैयार की जाती हैं। इस मौके पर एचडीओ राहुल कुमार भी उपस्थित थे।
फिर तेरी कहानी याद याद आई.......
-कनीनावासियों का लंबा संघर्ष याद आया
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कनीना। कनीना क्षेत्र में एक बार फिर से पूर्व सीपीएस अनीता यादव की बड़ी याद आई। यद्यपि अनीता यादव वर्तमान में विधायक नहीं है किंतु 2013 में जब कनीना उप- तहसील होता था उस वक्त से उनके भरसक प्रयासों से कनीना को उप-मंडल का दर्जा मिला। तत्काल में अनीता यादव सीपीएस और अटेली से विधायक होती थी। बात उन दिनों की है जब अनीता यादव ने एक पत्रकार वार्ता में कहा कि कनीना को उपमंडल का दर्जा देने की बात कही थी।
उस समय बात अटपटी सी लगी थी कि कहां उप तहसील और कहां उपमंडल। आखिरकार उनके पास प्रयासों से कनीना को वर्ष 2013 में उपमंडल का दर्जा दिया गया और न केवल उपमंडल का दर्जा दिया गया अपितु पहली बार उन्होंने सुभिा ढाका एसडीएम कनीना के संग कनीना में 15 अगस्त का ध्वजारोहण किया था। आज उनकी बहुत याद आई जब न्यायिक परिसर का शिलान्यास कर दिया गया।
लंबा संघर्ष किया-
कनीना को उपमंडल का दर्जा 2013 में दिया और 15 अगस्त 2013 का झंडा तत्कालीन एसडीएम सुभिता ढाका एवं तत्कालीन विधायक अनीता यादव ने फहराया था। अभी भी 1955 में बने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय परिसर में ही उपमंडल एवं न्यायिक परिसर भवन चल रहे हैं।
लंबे संघर्ष की दास्तान में 2013-14 में कनीना न्यायिक परिसर तथा उपमंडल कार्यालय पीपल वाली बनी(जंगल) में बनाए जाने की कार्रवाई पूर्ण कर दी गई थी किंतु अपरिहार्य कारणों से वहां पर उपमंडल कार्यालय नहीं बने और कभी उन्हाणी में तो कभी कनीना में कार्यालय बनाए जाने को लेकर के कवायद चली। उपमंडल कार्यालय का कनीना में बनाए जाने का वर्ष 2019 में चंडीगढ़ से ही मुख्यमंत्री ने शिलान्यास भी किया गया किंतु हकीकत में भवन निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। वर्तमान में जिस जगह तहसील कार्यालय है वहीं अब न्यायिक परिसर बनेगा।
वर्ष 2013 के बाद खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में उपमंडल कार्यालय अस्थायी रूप से स्थापित करवा दिया गया जो आज तक वहीं चल रहा है। वर्ष 2017 में न्यायिक परिसर उन्हाणी गांव में बनाए जाने की चर्चा चलते ही 67 दिन एसडीएम कार्यालय समक्ष धरना प्रदर्शन चला। 21 फरवरी 2017 एवं 27 फरवरी 2017 को तत्पश्चात अगस्त 2018 को महापंचायत आयोजित करवाई गई ताकि सभी कार्यालय कनीना में ही बनवाए जाए। एसडीएम से बार बार मिले, 21 फरवरी 2017 से लगातार धरना जारी रहा, जुलूस चला, कनीना बंद रखा गया,उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों लोग मिले, जिला उपायुक्त से तत्कालीन समय में लोग मिले, अनशन जारी रहा यहां तक कि कनीना में ही सभी कार्यालय बनाए जाने को लेकर के वर्ष 2017 में 13 पार्षदों में से 12 ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया। 6 जुलाई 2015 को मनोहर लाल खट्टर ने कनीना कालेज में एक जनसभा आयोजित करते हुए फायर ब्रिगेड, सब्जी मंडी, उप मंडल कार्यालय परिसर, स्टेडियम सभी कनीना में बनाए जाने की घोषणा की थी तब से लोग चैन से नहीं बैठे हैं। आखिरकार अब दोनों भवन कनीना में बनाये जाने को अंतिम रूप दे दिया गया है। न्यायिक परिसर का शिलान्यास हो चुका है।
किसानों का रुझान सब्जी की नर्सरी की ओर
-कम लागत से कमा रहे हैं हजारों रुपये
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कनीना। कम लागत से खेतों में सब्जी के पौधों की नर्सरी तैयार करने की ओर किसानों का रुझान बढ़ रहा है। नर्सरी से ही कनीना खंड के दर्जनों किसान रोटी रोजी कमा रहे हैं। वे दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।
भोजावास गांव का किसान सत्यवीर सिंह अपने ट्यूबवेल पर रह रहे हैं। उन्होंने करीब एक एकड़ में टमाटर, मिर्च, प्याज, बैंगन आदि की नर्सरी तैयार की है तथा उनके पास प्योद लेने वालों कैी कमी नहीं है। सत्यवीर सिंह ने बताया कि वे वर्षों से प्योद लगाकर उन्हें किसानों तक पहुंचा रहे हैं। आजकल किसानों का रुझान ही नहीं अपितु गृहणियों का ध्यान भी किचन गार्डन की ओर बढ़ा है जिसके चलते सब्जी वाले पौधों की अधिक मांग है। उनका मानना है कि करीब एक लाख रुपये का खर्चा बीज, टपका सिंचाई तथा दवा आदि पर खर्च करने के बाद तीन लाख रुपये आय का टारगेट है।
किसान सत्यवीर सिंह ने बताया कि नवंबर में लगाई गई नर्सरी अप्रैल माह तक चलती है जबकि जून माह में लगाई हुई नर्सरी जुलाई-अगस्त तक चलती है। प्योद लगाकर वे न केवल प्रसन्न हैं अपितु दूसरे किसानों को भी शिक्षा दे रहे हैं। उनके पदचिह्नों पर दूसरे किसान भी चलने लगे हैं। उधर मोड़ी का किसान गजराज सिंह भी भारी मात्रा में सब्जी देने वाले पौधों की नर्सरी तैयार करते हैं किंतु वे अपने आस पास एवं परिवार को प्रदान कर देते हैं। गजराज सिंह ने बताया कि प्योद तैयार करने में सबसे बड़ी समस्या सर्दी व गर्मी से छोटे पौधों को बचाने की होती है।
कौन कौन कर रहे हैं नर्सरी का काम-
यूं तो बहुत से किसान नर्सरी उगाकर अपनी एवं कुछ लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहे हैं किंतु किसान सत्यवीर भोजावास, गजराज सिंह मोड़ी, अजय इसराणा,महावीर सिंह, अजीत कुमार, सूबे सिंह कनीना, अजय, विकास मोड़ी आदि सब्जी की किसान अपनी पैदावार का लाभ उठाते हुए अतिरिक्त आय कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सर्दियों एवं गर्मियों में नर्सरी तैयार करना बहुत कठिन काम है। सावधानी अधिक बरतनी पड़ती हैं। छोटे-छोटे पौधों को सर्दी एवं गर्मी से बचाने के लिए अतिरिक्त प्रबंध करने पड़ते हैं।
किसान प्याज तथा मूली,गाजर के बीज भी नर्सरी में तैयार करने लग गये हैं। ताकि उनको बीजों पर अतिरिक्त खर्चा न करना पड़े। धीरे धीरे आम आदमी भी नर्सरी से सब्जी की प्योद लाने का रुझान बढ़ा है। कनीना क्षेत्र में अगर सब्जी मंडी होती तो आय में अधिक इजाफा होता।
क्या कहते हैं कृषि एवं बागवानी अधिकारी--
कृषि अधिकारी डा देवराज, जिला बागवानी अधिकारी डा मंदीप यादव रेवाड़ी का कहना है कि सब्जी की नर्सरी से कम जमीन पर भी अधिक आय प्राप्त हो सकती है। महज देखरेख अधिक होती वरना आय बेहतर होती है। किचन गार्डन की ओर रुझान ने भी सब्जी की नर्सरी की मांग बढ़ा दी है।
फोटो कैप्शन 2 व 3: प्याज एवं गाजर के बीज नर्सरी में दिखाते हुए सत्यवीर सिंह।
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