दवाई लेकर सोया था, सुबह मृत पाया गया
-पुत्र ने पुलिस में किसी पर शक नहीं जताया
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कनीना। पेट्रोल पंप पर एक व्यक्ति दवा लेकर सोया था जो सुबह मृत पाया गया। पुलिस ने इत्तफाकिया मौत की कार्रवाई कर दी है। मृतक के पुत्र ने किसी पर कोई शक जाहिर नहीं किया है।
मृतक के पुत्र देवेंद्र द्वारा पुलिस में दी शिकायत में कहा गया है कि वह खेती का काम करता है तथा दो भाई देवेंद्र और दीपक हैं। उनकी मां का देहांत 2004 में हो गया था तथा उनके पिता हरिकिशन ने एक सांझे का पेट्रोल पंप दीपक किसान सेवा केंद्र तलवाना में खोला हुआ है। उनके पिता जी हृदय की बीमारी से पीडि़त थे। 2 मार्च को शाम करीब छह बजे जब देवेंद्र मिलने गया तो उनके पिता ने छाती में हल्का दर्द बताया जिस पर उनके पिताजी दवाई लेकर सो गए। बुधवार को सुबह करीब दस बजे खाना लेकर देवेंद्र पेट्रोल पंप पर पहुंचे तो पाया कि जिस कमरे में उनके पिताजी सोए थे अंदर से बंद था, कुंडी अंदर से लगी हुई थी। जैसे तैसे दरवाजा खोला तो उनके पिताजी का मृत पाया गया। उनके पिताजी के हृदय गति रुकने से या किसी अन्य कारण से मौत हुई है। उन्होंने किसी पर शंका जाहिर नहीं की है। पुलिस कार्रवाई में जुटी है।
आपके द्वारा आयुष्मान का हो चुका है आगाज -एक लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए जाने हैं
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कनीना। हरियाणा स्वास्थ्य सुरक्षा प्राधिकरण द्वारा आपके द्वार आयुष्मान नामक कार्यक्रम का श्रीगणेश किया जा चुका है। इसके तहत 96 हजार आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं तथा 1.08 कार्ड और बनाए जाने बाकी हैं।
विस्तृत जानकारी देते हुए कनीना उप-नागरिक अस्पताल के डा धर्मेंद्र यादव ने बताया कि 2011 की सर्वे के अनुसार दो लाख आठ हजार के करीब आयुष्मान लाभार्थी घोषित किए गए थे। ये लाभार्थी आयुष्मान भारत नाम से अपने कार्ड बनवा सकते हैं। सूची में सर्वे में जिस किसी का नाम आया हुआ है वह अपने नजदीकी कामन सर्विस सेंटर पर जा कर यह कार्ड 15 मार्च तक बनवा सकता है। उन्होंने बताया 2000 कार्ड प्रतिदिन बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 2011 में सर्वे किए गए लोगों के लिए कार्ड बनाए जाने हैं। नए कार्ड बनाए जाने के बारे में सरकार भविष्य में फैसला करेगी।
सप्ताह में 3 दिन दी जाएगी कोविड-19 वैक्सिन
- 60 साल से ऊपर के व्यक्तियों के लिए यह सुविधा शुरू
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कनीना। कनीना उप-नागरिक अस्पताल में हर सप्ताह सोमवार, मंगलवार और गुरुवार को 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को कोविड-19 वैक्सिन दी जाएगी। कनीना के सामुदायिक नागरिक कमरा नंबर 217 में यह वैक्सीन दी लाएगी।
विस्तृत जानकारी देते हुए एसएमओ धर्मेंद्र यादव ने बताया कि अभी 60 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति कभी भी आकर यह वैक्सीन लगवा सकते हैं जबकि 45 से 59 वर्ष तक के उन व्यक्तियों को यह वैक्सीन दी जाएगी जो विभिन्न 20 बीमारियों से पीडि़त हैं। इन बीमारियों की सूची अस्पताल में उपलब्ध है। उन्होंने इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। अस्पताल में सामुदायिक अस्पताल के
कमरा नंबर 216 में रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है या ई-पोर्टल पर स्वयं ही रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं जिसमें सेल्फ रजिस्ट्रेशन डाट कोविन डाट गोव डाट इन पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। उन्हें रजिस्ट्रेशन करने के पश्चात वैक्सीन लगवाने की डेट मिल जाएगी तथा वे अपनी इच्छा अनुसार कोई भी स्टेशन चुन सकते हैं जहां पर उन्हें की वैक्सीन दी जाएगी। जबकि अस्पताल में सपोर्ट आन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन किया जाएगा तथा वैक्सीन भी तुरंत दी जाएगी।
152-डी में डायवर्सन कट के लिए राव इंद्रजीत सिंह ने लिखा नितिन गडकरी को पत्र
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कनीना। बाघेश्वर धाम के धार्मिक स्थल को देखते हुए कई गांवों के सरपंचों ने राव इंद्रजीत सिंह केंद्रीय राज्य मंत्री से मिलकर बाघोत -सेहलंग के बीच 152-डी में डायवर्सन कट देने की मांग की थी। जिसके चलते राव इंद्रजीत सिंह ने नितिन गडकरी को पत्र भेजकर डायवर्सन कट लगाने का सहानुभूतिपूर्वक आदेश प्रेषित किया है।
विस्तृत जानकारी देते हुए भडफ़ के सरपंच महेंद्र कुमार तथा बाघोत के सरपंच विनोद कुमार ने बताया कि विगत दिनों ग्राम पंचायत रसूलपुर, भडफ़, बाघोत, चेलावास, ढाणा, गोमला, भालखी, नौताना आदि ने संयुक्त रूप से एक प्रतिवेदन राव इंद्रजीत सिंह से किया था जिसमें उन्होंने मांग की थी कि बाघोत और सेहलंग के बीच से गुजरने वाले 152-डी डायवर्सन कट दिया जाए। उन्होंने संयुक्त रूप से राव इंद्रजीत सिंह से कहा कि बाघेश्वर धाम में दक्षिण हरियाणा का प्राचीन शिव मंदिर है जहां साल में दो बार मेले लगते हैं एक शिवरात्रि को तथा दूसरा महाशिवरात्रि को। इस अवसर पर भारी संख्या में लोग हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान से आते हैं और जलाभिषेक करते हैं। उन्होंने मांग की थी कि श्रद्धालुओं को आने-जाने में दिक्कत न हो इसलिए सेहलंग एवं बाघोत गांवों के बीच से गुजरने वाले इस मार्ग पर डायवर्सन काट दिया जाए ताकि यहां से श्रद्धालु बाघोत तक पहुंच सके। उनकी बात स्वीकार करते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने नितिन गडकरी सड़क परिवहनराजमार्ग मंत्री परिवहन भवन को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने यह काट देने की सहानुभूति पूर्वक आदेश दिया है। उधर सरपंचों ने बताया कि अभी तक 152-डी पर यह कट बूचावास के पास है जो बाघोत से करीब 15 किलोमीटर दूर पड़ता है वहीं दूसरा कट चरखी दादरी में है जो बाघोत से 25 किलोमीटर दूर पड़ता है। मंत्री द्वारा भेजे गये पत्र की प्रति सरपंचों को प्राप्त हुई है।
श्रीराम समर्पण निधि एक समरसता से परिपूर्ण रही
-भारी जनून रामभक्तों में देखा गया।
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कनीना। भारत एक विविधता वाली संस्कृति का देश है। तरह-तरह की वेशभूषा खानपान जलवायु रहन सहन इस देश की भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में भिन्न भिन्न प्रकार के पाए जाते हैं। इस सांस्कृतिक भौगोलिक विविधता के बाद कई विषय इस देश को एक रस और समरस बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। देश में सदियों से जन जागरण और जनसंपर्क के विषय समय-समय पर चलते रहते हैं और समाज एकत्रीकरण में यह अभियान अहम भूमिका सदियों से निभाते रहे हैं। आजादी के बाद से विभिन्न राजनीतिक दल समाज में एकता भाईचारा और जाति पाती के बंधन को तोडऩे के लिए अलग-अलग समय में अलग-अलग प्रकार के जनसंपर्क अभियान चलाते रहे हैं। भिन्न-भिन्न सामाजिक धार्मिक संगठन भी अपने विचार अनुसार जनसंपर्क अभियान चलाते रहे हैं जिनमें कुछ अभियान सफलताओं की बुलंदियों तक पहुंचे तो कुछ अभियान टाय-टाय फिश होकर रह गए।
परंतु वर्तमान में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं का सहयोग लेते हुए श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण हेतु 15 जनवरी से 27 फरवरी तक जो निधि समर्पण अभियान चलाया गया वह अपने आप में एक अद्वितीय और समाज प्रत्येक वर्ग को साथ लेकर सिद्ध कर दिया कि किस प्रकार समरस वातावरण बनाया जा सकता है। उसमें एक अनूठा और अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करने वाला अभियान बन गया। जगह जगह से श्रीराम मंदिर के लिए निधि समर्पण का आग्रह करती टोलियां समाज को जाती पाती के बंधन से मुक्त होने का स्पष्ट संदेश दे रही थी। देश के प्रत्येक प्रांत जिले नगर बस्ती और ग्राम तक चलाए अभियान बुद्धिजीवियों के अनुमान के अनुसार दुनिया का सबसे बड़ा जनसंपर्क अभियान साबित होगा। अभियान के प्रारंभ से ही एक लक्ष्य निर्धारित करके राम भक्तों की टोलियां अपने घरों से निकल रही थी। एक अनुमान अनुसार आयोजकों ने 13 करोड़ परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा था परंतु जैसे-जैसे अभियान गति पकड़ता गया और कार्यकर्ता समर्पण भाव से इस कार्य में लगे यह लक्ष्य बौना साबित होने लगा। देश के सभी 7 लाख गांव तक पहुंचने का संकल्प राम भक्त टोलियों ने लिया हुआ था। यद्यपि अभियान के प्रारंभ में संकोच होने के कारण टोलिया इतनी सक्रियता से नहीं लगी थी परंतु जैसे-जैसे अभियान में लगे कार्यकर्ता समाज के पास गए और समाज का जो स्नेह प्यार और उत्साह उन्हें मिला उससे यह राम भक्त चौगुनी ऊर्जा के साथ इस पुनीत कार्य में जुट गए। किसान आंदोलन का प्रभाव हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में दिखाई देता था परंतु जिस प्रकार इस कार्य में लगे कार्यकर्ता घरों में मातृशक्ति के पास पहुंचे। इस आंदोलन का प्रभाव भी क्षीण दिखाई देने लगा। हरियाणा की ठेठ देहात जो इस आंदोलन से प्रभावित है वहां भी राम भक्त टोलियों का ग्रामीणों द्वारा सादर सत्कार करना स्पष्ट संदेश दे रहा था कि भारत का जनमानस भगवान राम में एक अटूट श्रद्धा रखता है। जाती पाती का बंधन राम के नाम पर स्वत टूट जाता है।
हरियाणा के प्रत्येक जिले में प्रत्येक घर में पहुंचने का कार्य राम भक्त टोलियों ने सहजता और आसानी के साथ किया। लगभग 50 लाख घरों तक संपर्क 31 जनवरी से 27 फरवरी तक किया गया। अभियान की समाप्ति के बाद आधिकारिक आंकड़े आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी परंतु एक बात अवश्य स्पष्ट हो गई की राम हिंदू मन की आस्था है और राम प्रत्येक परिवार की श्रद्धा है। जनमानस के अंतर्मन में राम विराजमान है।
निधि समर्पण कार्य में लगे महेंद्रगढ़ जिला के पालक कैलाश पाली ने बताया कि जिस प्रकार इस अभियान में आमजन का सहयोग मिला उसे देख कर यह लगा कि समाज समरस होने के लिए आतुर है और इसके लिए राम एक माध्यम है। यह मंदिर का अनुष्ठान सारे भारतीय समाज को आने वाले समय में एक सूत्र में पिरोने का कार्य करेगा। उन्होंने अपने जिले की जानकारी देते हुए बताया की जिले को आठ खंडों दो नगरों 41 मंडलों में बांटकर सभी 367 गांव तक पहुंचने का लक्ष्य लिया गया था और अभियान की समाप्ति तक सभी गांव में सभी घरों में राम भक्तों की टोली होने लक्ष्य को हासिल करते हुए संपर्क किया। उन्होंने बताया कि समाज इस समर्पण अभियान में अपने पूरे मनोभाव के साथ समर्पण करने के लिए आतुर था लोग राम भक्तों की टोलिओं का अपने घर पहुंचने का इंतजार करते हुए देखे गए। यहां तक की मिलने पर अपने घर आने का न्योता देते हुए और फोन के माध्यम से यह कहते हुए कि हमारा समर्पण नहीं हुआ है, हमारे घर कब आओगे, अपने आप में एक अनूठा उदाहरण पेश कर रहे थे। आमतौर पर इस प्रकार का जुनून समाज में देखा नहीं जाता, जिस प्रकार राम की शक्ति को समुद्र नहीं समझ पाया था और वह रास्ता नहीं दे रहा था परंतु जब राम ने अपना धनुष उठाया तो वह नतमस्तक हो गया, इसी प्रकार राम विरोधी जो अब तक यह नहीं समझ पाए थे कि समाज में राम के प्रति कितनी श्रद्धा है, इस अभियान के बाद उन्हें भी यह अनुमान हो गया की भारत के जन-जन में राम बसा है। राम का पुल बनाने में नर -वानरऔर गिलहरी जैसे जीव लगे उसी प्रकार इस अभियान में नर ,नारी ,बाल ,ब्रह्मचारी, किन्नर, संत सभी सब बातों को भूल कर जुट गए इस समर्पण अभियान के ज्यादातर कार्यक्रम भगवान बाल्मीकि, संत रविदास, शहीद स्मारक, गांव के मंदिर और स्थानीय देवी देवताओं को केंद्र बिंदु बनाकर प्रारंभ हुई। जिसके कारण इस अभियान की सफलता में चार चांद लग गये। हिंदू समाज में उपेक्षित समझे जाने वाली जातियों के घरों में जाकर समर्पण करवाना और उसी बस्ती के लोगों के माध्यम से हवन यज्ञ कर श्रीगणेश करवाना समरसता का एक अनूठा उदाहरण समाज के सामने पेश हुआ है।
समाज की बुराइयों को दूर करने का ले संकल्प-सत्यवान
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कनीना। धनौन्दा के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में सात दिवसीय एनएसएस शिविर का समापन खंड शिक्षा अधिकारी कनीना सत्यवान ने करते हुए कहा कि इस शिविर का मतलब साफ-सफाई करना ही नहीं बल्कि अपने जहनों में छुपी बुराईयों को दूर करना होता है।
उन्होंने कहा कि एनएसएस के इस शिविर में भाग लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं को मन लगा कर अपना कार्य करना चाहिए ताकि समाज में फैली बुराई को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि आज का छात्र ही कल का भविष्य होता है इस लिए हमें अपनी अच्छी सोच रखकर ही अपने निजी व समाज के कार्य करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को हमेशा समाज सेवा के लिए तत्पर रहना चाहिए अपना व्यक्तित्व का विकास करके समाज और राष्ट्र का निर्माण करना चाहिए और राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा आज का युवा समाज के लिए आदर्श स्थापित कर सकता हैं। उपस्थित छात्र और छात्राओं को स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रेरित किया कि जहां साफ और सफाई होती है वही देवता निवास करते हैं। इसी दौरान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अभियान को आगे बढ़ाते हुए कहा कि बेटियां आज समाज में सबसे आगे सर्वोपरि है बेटियां हर क्षेत्र में आज अपने देश का नाम रोशन कर रही है चाहे वो खेल का मैदान हो सह शिक्षा का क्षेत्र हो चाहे राष्ट्रीय सेवा योजना हो।
इस मौके पर एनएसएस प्रभारी अनूप सिंह ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सात दिवसीय शिविर स्वयं सेवक प्रांगण की सफाई करने के अलावा सामाजिक बुराइयों को मिटाने के लिए प्रभात फेरियां भी लगाई हैं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जिस किसी में समर्पण भाव पाया जाता है वो देशभक्त एवं महान व्यक्तित्व बनता है। उन्होंने ऐसे कितने ही महान व्यक्तियों के नाम गिनाते हुए प्रेरणास्रोत की संज्ञा दी। उन्होंने स्वयंसेवकों से अपेक्षा की कि वे भी महान व्यक्तियों की तर्ज पर काम करते हुए आगे बढ़ेंगे। इस मौके पर प्राचार्य कृष्ण सिंह,जयप्रकाश प्राचार्य खेड़ी ने भी संबोधित किया।
इस मौके पर नवीन कुमार तथा नेहा को श्रेष्ठ स्वयंसेवक के रूप में सम्मानित किया वहीं एनएसएस पर आयोजित परीक्षा मेें पांच श्रेष्ठ स्वयंसेवक चुने गये जिनमें नीतू, नेहा, करिश्मा, अंजूबाला, हंसु, नेहा प्रमुख हैं।
इस मौके पर प्राचार्य कृष्ण सिंह, प्राचार्य जयप्रकाश,राजकरण प्रवक्ता, राजेश कुमार यादव प्रवक्ता, मुख्याध्यापक महिपाल सिंह, संजय पीटीआई,जगदीश कुमार बाबू के अलावा स्कूल स्टाफ उपस्थित था।
फोटो कैप्शन 2: श्रेष्ठ स्वयंसेविका को पुरुस्कृत करते सत्यवान बीइओ
3: मंच पर समस्त अधिकारीगण।
अच्छी नर्सरी पौधारोपण में करती है सहायता-अजय
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कनीना। जैविक खेती में नाम कमाने वाले इसराना के अजय कुमार किसान का कहना है कि अच्छी नर्सरी पृथ्वी को हराभरा बनाने में मददगार साबित हो सकती है। इससे लोगों का रुझान नर्सरी की ओर बढ़ेगा। अजय कुमार ने जहां भडफ़ तथा इसराना में पेड़ पौधों एवं सब्जी के पौधों की नर्सरी लगा रखी है।
सर्दियों एवं गर्मियों में दो बार नर्सरी तैयार की जाती हैं तथा खेतों में उन्हें रोपकर सब्जी एवं फल प्राप्त किये जा रहे हैं। कनीना के कई गांवों में नर्सरी लगाई हुई हैं जिससे किसान अतिरिक्त आय प्राप्त करते हैं।
अजय कुमार का कहना है कि पेड़ पौधे लगाने का फरवरी एवं मार्च माह बेहतर होता है। यही नहीं सब्जी की पौध फरवरी में लगाई जा चुकी हैं जो अप्रैल में सब्जियां देने लग जाती हैं। उन्होंने कहा कि सर्दियों और गर्मियों में नर्सरी तैयार करना बहुत कठिन काम है। सावधानी अधिक बरतनी पड़ती हैं। छोटे-छोटे पौधों को सर्दी एवं गर्मी से बचाने के लिए अतिरिक्त प्रबंध करने पड़ते हैं तब जाकर कहीं पौध तैयार होती है और सब्जियां उगाने वाले किसानों तक पहुंचाई जाती हैं। किसान पौध तैयार करके बेचकर अपनी आजीविका कमा सकते हैं।
किसान अजय सिंह इसराना का कहना है कि यदि धरती को बचाना है तो विभिन्न पौधे लगाने की आदत डालनी होगी। जिसमें बेहतर नर्सरी का अहं योगदान होता है। अगर बेहतर फल एवं सब्जी की पौध मिल जाती है तो किसान एवं आम आदमी का मनोबल बढ़ जाता है वरना उसका मन टूट जाता है। उन्होंने बताया कि डा मनदीप यादव बागवानी विभाग में रहे हैं उन्होंने भरपूर सहयोग दिया तथा बागवानी विभाग ने उन्हें सब्सिडी के तौर पर भी प्रोत्साहन दिया है।
अजय कुमार ने भडफ़ तथा इसराना में करीब 5000 फल, छायादार एवं फूलदार पौधों की नर्सरी लगा रखी है। जहां प्रतिदिन सैकड़ों किसान एवं लोग पौधे लने के लिए आते हैं। वर्तमान में सब्जी की पौध भी फलदार पौधों की नर्सरी के साथ साथ उगाई जा रही हैं। उनका कहना है कि बेहतर दर्जे की नर्सरी किसानों को अतिरिक्त लाभ प्रदान कर सकती हैं।
क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक-
कृषि विस्तार अधिकारी डा देवराज, एडीओ देवेंद्र यादव का कहना है कि कनीना क्षेत्र में खट्टे फल वाले पौधे विभिन्न प्रकार की सब्जियां बेहतर पैदावार देती हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में नर्सरियों का बड़ा योगदान रहा है। अच्छी नर्सरी धरती को हरा भरा बनाने में कारगर साबित हो सकती है। अधिक से अधिक पौधे लगाने की उन्होंने प्रेरणा दी।
फोटो कैप्शन 1: अजय कुमार किसान भडफ़ स्थित नर्सरी में बेहतर पौधे दिखाते हुए।
सेवानिवृत्ति जीवन का अंग-सीताराम
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कनीना। सेवानिवृत्ति के बाद एक और जिंदगी शुरू होती है। कर्मी कोई भी हो एक निश्चित अवधि के बाद सेवानिवृत्त होकर जीवन की अहं शुरूआत करता है। ये विचार सीताराम विधायक अटेली ने करीरा के निवासी तथा दिल्ली में हैड कांस्टेबल के पद से 21 वर्ष नौ माह की सेवा पूरी करके आने पर रामकिशन के सेवानिवृत्ति समारोह में व्यक्त किये।
इस मौके पर सीताराम ने कहा कि हर इंसान को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। सदा हंसमुख रहना चाहिए और दूसरों के हित के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरों को बदलने की बजाय खुद को बदलने का प्रयास करो तभी महान बन सकते हैं। उन्होंने देशभक्ति के बारे में सुभाषचंद्र बोस को महान बताया जिन्होंने अकेले आजाद हिंद फौज बना डाली। इस मौके पर कई अन्य बातें भी बताई।
उन्होंने कहा कि यदि कर्मी एवं अधिकारी अपना अपना काम बेहतर एवं ईमानदारी से पूरा करे तो वो दिन दूर नहीं जब एक बार फिर से रामराज्य का सपना पूरा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि कर्मी कभी सेवानिवृत्त नहीं होते हैं अपितु सेवानिवृत्ति के बाद उनकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि ईमानदारी से सेवानिवृत्त होना ही सबसे बड़ा हर्ष का विषय होता है। उन्होंने सेवानिवृत्त हो रहे अधिकारी को बधाई दी।
इस मौके पर जिला अध्यक्ष बीजेपी शिव कुमार मेहता , बीजेपी के वरिष्ठ नेता सतवीर यादव , कनीना नगर पालिका चेयरमैन सतीश जेलदार , थान सिंह मंडल अध्यक्ष बीजेपी भोजावास, नगर पालिका पार्षद अरुणा कौशिक , धोलिया पार्षद, राजेंद्र भारद्वाज पोता, पंडित हनुमान शर्मा अगिहार, रोशनी देवी कनीना, शीला देवी धनौंदा, महिपाल सिंह,देवदत्त जांगड़ा, ओमप्रकाश ठेकेदार, डॉ रवि शर्मा, मोहित शर्मा इसराना,विनीत कुमार सेहलंग, प्रताप कनीना आदि कार्यक्रम में शामिल हुए।
ओवर ब्रिज बनाए जाने की बाट जोह रहा है अटेली नक्का
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कनीना। कनीना बस स्टैंड से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर अटेली रोड पर कनीना खास रेलवे स्टेशन का फाटक परेशानियों का सबब बन गया है। एक ओर जहां रेलवे ट्रैक से 24 घंटों में के करीब एक दर्जन माल एवं सामान्य गाडिय़ोंं के आवागमन से भी नक्का बंद रहता है जिसके चलते सड़क मार्ग पर दोनों और लंबी वाहनों की कतारें लग जाती है।
सुबह सवेरे विभिन्न शिक्षण संस्थानों तथा अन्य संस्थानों में जाने वाले कर्मचारी दोनों और खड़े देखे जा सकते हैं। यह फाटक उनके लिए कार्यालय में देरी का कारण बनता हैं। यहां पर यदि पुल(ओवर ब्रिज) का निर्माण कर दिया जाए तो आवागमन बाधित नहीं होगा वही लोगों को विशेषकर सरकारी कर्मचारियों को अपने कार्यालयों में पहुंचने में सुविधा मिलेगी वहीं एंबुलेंस में मरीज समय पर अस्पताल पहुंच सकेंगे। रेलवे फाटक जब बंद होता है तो दोनों और वाहन जमा हो जाते हैं। जब फाटक खुलता है कितनी तेज गति से वाहनों को दौड़ाया जाता है कि कोई भी वाहन क्षतिग्रस्त हो सकता है। ऐसे में भी लोगों की नजरें यहां बनने वाले पुल पर टिकी हुई है।
उल्लेखनीय है कि 8 जनवरी 2020 को राजकुमार कनीनवाल पूर्व मार्केट कमेटी चेयरमैन के मकान पर तत्कालीन मंत्री राव नरबीर सिंह तथा तत्कालीन डिप्टी स्पीकर संतोष यादव ने इस पुल के निर्माण की बात कही थी किंतु अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है जिसके चलते क्षेत्रवासियों में रोष है। उनकी मांग है कि अविलंब यहां पुल का निर्माण कार्य शुरू करवाया जाए।
कनीना बाईपास के लिए उठने लगी बार-बार मांग
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कनीना। कनीना में आए दिन जाम की समस्या आम बन गई है। कभी ओवरलोड वाहनों से मुख्य मार्ग जाम रहते तो कभी कनीना बस स्टैंड पर अतिक्रमण के कारण जाम की समस्या बनी रहती हैं। निजी वाहन भी जाम की समस्या को बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसे में
जाम की समस्या से निजात पाने के लिए कनीना में बाईपास बनाने के लिए बार-बार प्रशासन से मांग की जा रही है। उल्लेखनीय है कि कनीना बस स्टैंड, मंडी टी-प्वाइंट से अनाज मंडी मार्ग जाम के घर बन गए। जाम दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। कनीना बस स्टैंड के सामने रोड को पार करना खतरे से खाली नहीं है। कनीना-अटेली, कनीना-नारनौल, कनीना- महेंद्रगढ़ मार्गों पर ओवरलोड वाहनों से जाम बढ़ रहा है।
अब तो ओवरलोड वाहन गांव से होकर गुजर रहे इनके चलते अब गांव में भी गंभीर समस्या बन गए हैं। कनीना के कुछ समाजसेवी जिनमें हरिराम मित्तल, कंवर सेन वशिष्ठ तथा चंद अन्य प्रमुख जन विगत वर्ष मुख्यमंत्री तथा अन्य मंत्रियों से भी चंडीगढ़ मिले और कनीना में बाईपास बनाए जाने की मांग की जिस पर उन्होंने भी आश्वासन दिया था।
उधर अटेली रोड़ तथा रेवाड़ी रोड़ को काटने वाली नहर जो कनीना मंडी से होकर गुजरती है, को अंडरग्राउंड कर उपरोक्त दोनों सड़क मार्गों को जोडऩे वाली सड़क निर्माण की बात भी लंबे समय से चल रही है। अगर वैसा होता है तो कस्बा पर वाहनों का दबाव घट जाएगा। इस संबंध में कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार का कहना है कि जल्द ही मांग सिरे चढऩे वाली है।
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