नय एसडीएम दिनेश ने कनीना का संभाला कार्यभार
-कनीना का है अतिरिक्त कार्यभार
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कनीना। काफी लम्बे समय से रिक्त पड़े कनीना एसडीएम के पद पर एसडीएम दिनेश लुहाच ने कार्यभार संभालते हुए लोगों से मुलाकात की। वही उन्होंने कर्मचारियों व अन्य अधिकारियों की बैठक लेकर उनको जनता के प्रति समर्पित रहने व उनके कार्य को प्राथमिकता देने के दिशा निर्देश दिए।
एसडीएम ने अपने पद का चार्ज संभालते हुए काफी समय से 153 दुकानों को तोडऩे के मामले को भी देखा व मौके पर जाकर दुकानदारों से बात कर उनकी समस्या को जाना। इस मौके पर कनीना उपमंडल के अन्तर्गत आने वाले सभी कार्यालयों में कार्य सुचारु रूप से चलेगा तथा जिस भी कार्यालय में मक्कार कर्मचारी होगा उसको किसी भी सूरत में बक्सा नही जाएगा। इस अवसर पर क्षेत्र के समाजसेवियों व तहसीलदार व नायब तहसीलदार ने उपमंडल अधिकारी को फूलों का गुलदस्ता देकर उनका भव स्वागत किया गया।
फोटो कैप्शन 9: नये एसडीएम दिनेश लुहाच कार्यभार संभालते हुए।
10: एसडीएम कनीना तोड़ी जाने वाली दुकानों की जानकारी लेते हुए।
महिला बाल विकास ने संगोष्ठी का किया आयोजन
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कनीना। उपमंडल के गांव उन्हाणी में महिला एवं बालविकास विभाग की सीनियर सुपरवाइजर मनीषा यादव द्वारा महिला संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें विभिन्न कार्यक्रम संपन्न हुए। विभाग की विभिन्न वर्कर व हेल्परों व महिलाओं ने भाग लिया तथा विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को बनाकर लाया गया जिसमें सबसे अच्छा भोजन ज्योति, मध्यम अन्नू तथा तीसरा स्थान अनिता वर्मा को मिला।
वही प्रथम आने वाली ज्योतित को 251 रुपये तथा द्वितीय आने वाली को 150 रुपये तथा तीसरे स्थान पर आने वाली महिला को भी उचित नगद ईमान देकर उनका सम्मान किया गया। वही आज इस सैंन्टर में हैल्थ विभाग द्वारा एएनम बिमला यादव व एएनम कांता यादव द्वारा गांव उन्हाणी में रूटीन टीकाकरण किया। जिसमें बच्चों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों की जांच कर बच्चों को ताकत की खुराक पिलाई गई।
11 मार्च महाशिवरात्रि मेला
बाघोत मेले में जुटती है भीड़, स्वयंभू शिवलिंग की होती है पूजा
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कनीना। उपमंडल कनीना के गांव बाघोत में 11 मार्च को महाशिवरात्रि मेला लगने जा रहा है। वर्ष में यहां दो बार मेला लगता है। सावन माह में शिवरात्रि के दिन सबसे अधिक कांवड़ चढ़ती हैं। महाशिवरात्रि पर विशेषकर मेला लगता है। मंदिर एवं स्वयंभू शिवलिंग का पौराणिक महत्व एवं इतिहास समेटे हुए है। भारी भीड़ यहां दर्शनार्थ के लिए आते हैं। बाघोत पहुंचने के लिए कनीना-चरखी दादरी मार्ग पर 15 किमी दूरी पर स्थित बाघोत गांव में मुख्य सड़क मार्ग के पास ही शिवालय स्थित है।
इतिहास-
बाघोत का मंदिर हजारों वर्ष पुराना है। इस शिवालय के पास खड़े कदंब के पेड़, तालाब एवं स्वयंभू शिवलिंग ऋषि मुनियों की तप स्थली होने की याद दिलाते हैं। मंदिर निर्माण से पहले भगवान् श्रीराम के पूर्वजों ने भी यहां तप किया था। महाशिवरात्रि को कांवड़ एक दर्जन के करीब चढ़ाई जाती हैं जबकि शिवरात्रि पर हजारों कांवड़ चढ़ाई जाती हैं। तत्कालीन समय में राजा दलीप को शिव ने बाघ के रूप में दर्शन दिए थे जिसके चलते गांव का मंदिर बाघेश्वर धाम कहलाया। शिवालय का निर्माण कणाणा के राजा कल्याण सिंह रैबारी ने करवाया था।
भोले के दृष्टांत के बाद पुन: प्राप्ति की याद को ताजा करते थे। ये तस्वीर शिवालय का पूरा हाल वर्णित करती थी। शिवालय एवं समीप मंदिर-बाघेश्वर धाम का मुख पूर्व दिशा की ओर है और सामने एक विशाल तड़ाग है। इस शिवालय में शिवलिंग स्वयं-भू है जो प्राचीन इतिहास की याद दिलाता है।
शिवरात्रि के दिन फाल्गुन माह की कृष्ण त्रयोदशी के अलावा दूसरी बार सावन माह की कृष्ण त्रयोदशी को बड़ा मेला लगता है। पुलिस का व्यापक प्रबंध होता है वहीं दवा मुफ्त उपलब्ध होती हैं एवं भंडारे लगते हैं। अपार भीड़ विशेषकर महिलाएं व्रत धारण करके यहां जल अर्पित करने आते हैं। हरिद्वार से विभिन्न रास्तों पर भी बाघोत के इस धाम का नाम वर्णित है। इस वक्त महंत रोशनपुरी ही पूजा अर्चना का दायित्व निभा रहे हैं।
अनिल कुमार कमांडो-
शिवभक्त अनिल कुमार कमांडो का कहना हैं कि बाघेश्वर धाम पर हजारों वर्षों से भक्तजन स्वयंभू शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं और उनकी आस्था अपार है। यहां का शिवलिंग स्वयंभू होने के कारण भी इसके प्रति लोगों में आस्था अधिक हैं। कांवर चढ़ाने वाले भक्तजन तो दिल में गहन आस्था लेकर ही यहां आते हैं। भगवान् श्रीराम के पुरखों से लेकर आज तक इस स्वयं-भू शिवलिंग के प्रति आस्था बढ़ती ही जा रही है।
उनका कहना है कि इस बाघेश्वरी धाम पर भक्तजन गंगाजल अर्पित करते हैं। यहां का स्वयंभू शिवलिंग गंगाजल अर्पित करने के लिए मशहूर है। भक्तजन पदयात्रा करके यहां आते हैं और शिवालय पर गंगाजल अर्पित करते हैं।
भक्त सुमेर सिंह-
भक्त सुमेर सिंह का कहना है कि शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए केवल गंगा जल ही प्रयोग किया जाता है इसके अतिरिक्त बेलपत्र, नारियल, नाशपाती, केला, फल फूल एवं पेठा आदि अर्पित किया जाता है। बाघेश्वर धाम के प्रति आस्था दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। बच्चे हो या बुजुर्ग या फिर महिलाएं सभी मन में आस्था लेकर यहां चले आते हैं। भक्त सुमेर सिंह ने कांवर चढ़ाने में भी अपना नाम कमा रखा हैं। उनका कहना है कि वे प्रतिवर्ष बाघोत जाकर पूजा अर्चना एवं शिवलिंग का जलाभिषेक करके जाते हैं। यहां व्यापक प्रबंध किए जाते हैं। वर्तमान में मेले में डीजे बजाने पर भी प्रतिबंध लगाया हुआ है।
फोटो कैप्शन 01 : बाघेश्वरीधाम का बाघोत।
02: स्वयंभू शिवलिंग
हनुमान जयंती को लेकर बिजली बोर्ड कर्मियों की बैठक संपन्न
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कनीना। बिजली बोर्ड कनीना के प्रांगण में स्थित हनुमान मंदिर में हनुमान जयंती पर भंडारा आयोजन करने को लेकर कर्मचारियों ने एक बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता राम रतन शर्मा जेई कनीना ने की।
बैठक में हनुमान हनुमान जयंती पर भंडारे के निमित्त आयोजन संबंध में सभी बिजली कर्मचारियों ने अपने विचार रखे तथा सभी कर्मचारियों ने सहमति जताई। इस बैठक में सत्यवीर यादव, रमेश चंद्र, हवा सिंह, सुरेश कुमार, छोटेलाल, राम किशन, साबुद्दीन, लखेंद्र, राजबीर, धर्मेंद्र, राजेश, मोहनलाल, मुकेश कुमार, कुलदीप यादव, विकास, यसपाल, पवन, नवाब, शिशुपाल, साहबुद्दिन, जसवंत आदि सभी कर्मचारी उपस्थित थे। जिन्होंने 27 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाये जाने पर सहमति जताई।
मोटरसाइकिल और ट्रक की टक्कर में एक की मौत
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव खेड़ी के पास एक ट्रक तथा मोटरसाइकिल की मंगलवार शाम को टक्कर में मोटरसाइकिल चालक को गहरी चोट आई। उन्हें कनीना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लाया गया जहां उनकी मौत हो गई। कनीना पुलिस ने ट्रक चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
ट्रक चालक ट्रक को छोड़कर मौके से फरार हो गया। मृतक के परिजन आनंद की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है।
आनंद ने पुलिस में बताया कि वह धनौंदा का रहने वाला है। वह तथा उनके चाचा प्रीतम अपनी मोटरसाइकिल पर सवार होकर अगिहार से धनौंदा आ जा रहे थे। हम दोनों के पास अलग-अलग मोटरसाइकिल थी। मेरा चाचा प्रीतम अपनी मोटरसाइकिल पर मेरे आगे आगे चल रहा था। जब भोलागिरी आश्रम खेड़ी के पास पहुंचे तो पीछे से ट्रक चालक ने ट्रक को तेज गति से
चला आ रहा था और ट्रक चालक ने ट्रृक को मेरे चाचा की मोटरसाइकिल के आगे निकाल साइड दबा दी जिससे उनके मेरे चाचा की मोटरसाइकिल ट्रक से जा टकराई। प्रीतम सड़क पर गिर गया सिर पर गहरी चोट आई। ट्रक चालक कुछ देर मौके पर रुका फिर ट्रक को छोड़कर फरार हो गया। एंबुलेंस की सहायता से उन्हें कनीना के उप नागरिक अस्पताल भर्ती कराया गया जहां प्रीतम को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। कनीना पुलिस ने
ट्रक चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
दो भगोड़े घोषित ******************************************************
कनीना। महेंद्रगढ़ न्यायालय ने कनीना क्षेत्र के दो जनों के न्यायालय में हाजिर न होने के कारण भगोड़े घोषित कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार लीलू और मिंटू न्यायालय महेंद्रगढ़ में बार बार बुलाये जाने पर हाजिर नहीं हो रहे थे जिसके चलते भगोड़ा घोषित कर दिया है। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
मंगलवार की रात हुई एक एमएम बारिश
-मौसम में आया बदलाव
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कनीना। कनीना क्षेत्र में अचानक मंगलवार देर शाम को मौसम बदल गया। आकाश में काले बादल छा गए तथा एक एमएम बूंदाबांदी हुई जिसके चलते किसानों के माथे पर चिंता की रेखा स्पष्ट नजर आई।
इस वक्त करीब 31000 हेक्टेयर भूमि पर सरसों, गेहूं, चारा तथा अन्य फसलें उगाई गई है। किसान जोर-शोर से सरसों की लावणी में लग रहे हैं। इन हालातों में बारिश होना उनके लिए नुकसानदायक साबित होगी। उधर गेहूं की फसल अभी लहलहा रही है जिसके लिए बारिश लाभप्रद साबित होगी। ऐसे में किसान परेशान रहे। वैसे भी दूसरे प्रांतों से मजदूर बुलाए गए हैं जो दिहाड़ी पर फसल कटाई और लावणी का काम करते हैं। यदि लगातार फसल कटाई और लावणी में बाधा आती है तो किसान परेशान हो उठना स्वाभाविक हैं।
किसान सूबे सिंह, कृष्ण सिंह, सुमेर सिंह आदि ने बताया कि इस वक्त बूंदाबांदी सरसों की फसल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। कनीना क्षेत्र में सबसे अधिक 19300 हेक्टेयर पर सरसों उगाई गई है जो पक कर तैयार खड़ी है, जिसके लावणी चल रही है। अभी तक किसानों ने पैदावार लेनी शुरू कर दी है।
गाजर एवं बेर की रहेगी मांग
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कनीना। महाशिवरात्रि पर बेर, गाजर एवं फलों की मांग रहेगी। विभिन्न गांवो ंमें शिवालयों पर ये अर्पित किये जाते हैं। गाजर जो दस रुपये किलो मिलती थी आज 20 रुपये किलो बेची जा रही है। बेरों की मांग कम होती थी उसमें आज इजाफा हो गया।
महाशिवरात्रि के दिन गाजर एवं बेरों की अधिक मांग अधिक रहती है जिसके चलते दोनों ही चीजों के भावों में बढ़ोतरी कर दी गई। गाजर 20 रुपये प्रति किलो के भाव से बिकी। उधर करीरा के महाबीर सिंह ने बेहतर बेर की पैदावार की है। उनके बेर की अच्छी मांग रहती हैं। ये वस्तुएं शिव भोले को अर्पित की जाती हैं।
किसान अजीत सिंह, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, कृष्ण सिंह आदि ने बताया कि किसी वक्त इस क्षेत्र में किसान काले रंग की भारी मात्रा में गाजर उगाई जाती थी जिसे न केवल पशुओं के लिए अपितु खाने के काम में लेते थे किंतु अब किसान स्वयं गाजर खरीदकर लाते हैं। यही कारण है कि गाजर के भाव बढ़ रहे हैं।
प्रत्येक गांव में है शिवालय-
शिव के प्रति आस्था अधिक होने के कारण लगभग प्रत्येक गांव में शिवालय स्थापित हैं। भारी संख्या में महिलाएं व्रत रखती हैं तथा पूजा अर्चना करती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अमर कथा सुनाई जाती है जो शिवभोले ने अमरनाथ गुफा में पार्वती को सुनाई थी। कथा को कबूतरों ने सुना था जो अमर हो गये थे। यही कारण है कि अमरनाथ गुफा में भक्त कबूतरों को देखने के लिए जाते हैं।
शिव के प्रति आस्था ने बनवाया शिवालय
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कनीना। कभी-कभी आस्था भी इंसान को बड़े से बड़ा काम करने के लिए प्रेरित कर देती है। यदि हालात प्रतिकूल भी हो तो भी इंसान उस बड़े काम को करने के लिए लालायित हो जाता है। ऐसा ही उदाहरण जिला महेंद्रगढ़ के कनीना के शिवभक्त भरपूर सिंह निर्बाण ने कर दिखलाया है। शिव के प्रति आस्था जागृत हुई फिर कावड़ लाने का सिलसिला शुरू किया तत्पश्चात उन्होंने कनीना में ही विशाल शिवालय का निर्माण करवाया।
कनीना के मोदीका मोहल्ले का रहने वाला भरपूर सिंह पेशे से एक छोटा सा दुकानदार है किंतु उनकी आस्था विशाल है। अच्छी आमदनी न होते हुए भी उन्होंने शिव के प्रति विश्वास नहीं छोड़ी। अपने एक साथी तथा कनीना में सर्वाधिक कावड़ लाने का रिकार्ड कायम करने वाले सुमेर सिंह चेयरमैन से वे इतने प्रभावित हुए कि नीलकंठ एवं हरिद्वार से कावड़ लाने का सिलसिला शुरू कर दिया। वे लगातार 13 वर्षों तक कावड़ लाते रहे। अपनी दुकान का काम छोड़कर भी वे कावड़ लाते और महज पांच दिनों में ही कावड़ लाकर कनीना के गांव बाघोत स्थित बाघेश्वरी धाम पर चढ़ा देते। वे शिव के प्रति इतने आशक्त हो गए कि उन्होंने अपने खून पसीने की पूंजी से कनीना में विशालकाय शिवालय बनवाने का निर्णय लिया।
कनीना के बाबा मोलडऩाथ मंदिर के पास ही भरपूर सिंह ने 21 फुट ऊंची प्रतिमा वाले शिवालय का निर्माण शुरू करवा दिया। पूरे एक वर्ष तक काम चलने और लाखों रुपये खर्च करके उनका शिवालय पूर्ण हो गया। आखिरकार शिवरात्रि के दिन वर्ष 2001 में यह शिवालय आमजन के लिए खोल दिया गया। आस पास के लोग इस विशालकाय शिवभोले को देखते ही रह जाते हैं। यहां उल्लेखनीय है कि भरपूर सिंह के इस शिवालय पर जो भी खर्चा आता है वह स्वयं वहन करता है। चढ़ावे के रूप में जो अन्न आता है उसे वह बोरों में भरकर या तो गौशाला को दान कर देता है या फिर गायों को चरा देता है।
इस शिवालय पर प्रतिदिन सुबह सवेरे सबसे पहले भरपूर सिंह की पत्नी शकुंतला देवी ही पूजा अर्चना करने आती है। उनका पुत्र रोहित कुमार व बच्ची शर्मिला भी अक्सर शिवालय पर आकर पूजा करते हैं। भरपूर सिंह भी सबसे पहले अपनी दुकान पर जाने की बजाय शिवालय पर आकर पूजा करता है। धीरे-धीरे शकुंतला देवी ने अपने मोहल्ले की औरतों को अपनी धारा में लेना शुरू कर दिया है और शिव के प्रति आस्था जागृत कर दी है। मोहल्ले की कई औरतें भी अब तो शिवालय पर आने लगी हैं और शिवभक्ति में लीन देखी जा सकती हैं।
जब-जब महाशिवरात्रि आती है तो यहां छोटा मेला लगता है। कनीना क्षेत्र में पहले इतना विशाल मंदिर नहीं था ऐसे में शिवरात्रि तथा सोमवार को पूजा अर्चना करने वाले भक्तजन इसी शिवालय में आते हैं। शिव के प्रति आस्था बढऩे का सिलसिला जारी है।
फोटो कैप्शन 3: कनीना का 21 फुट ऊंची प्रतिमा वाला शिवालय जहां महाशिवरात्रि पर भीड़ लगती है।
साथ में भरपूर सिंह भक्त।
फसल कटाई प्रयोग जोर-शोर से जारी
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कनीना। कनीना क्षेत्र में कृषि विभाग द्वारा फसल कटाई प्रयोग जोर-शोर से जारी है जिसके तहत प्रत्येक गांव में रेंडमली चयन किये 4 किसानों की 5 गुणा 5 मीटर की सरसों एवं गेहूं की फसल का चुनाव करके फसल कटाई,थ्रेसिंग, पैदावार लेकर, तुलाई की जाती है। जिसे प्रत्येक गांव की औसत पैदावार का अनुमान लग जाता है। इस काम में समस्त कृषि विभाग के कर्मी और अधिकारी लगे हुए हैं।
विस्तृत जानकारी देते ही कृषि विस्तार अधिकारी देवराज यादव तथा देवेंद्र यादव एडीओ ने बताया कि पहले खेतों का चुनाव किया जाता है। यह चुनाव रेंडमली चंडीगढ़ से किया जाता है जिससे उस किसान से मिला जाता है तथा उन्हें पूरी जानकारी दी जाती है कि उनके खेत में निश्चित क्षेत्रफल में गेहूं एवं सरसों काट कर उसकी तुलाई की जाएगी। तत्पश्चात 5 बाई 5 मीटर में सरसों तथा गेहूं की कटाई करके सुखा कर, थ्रेसिंग की जाती है। पैदावार लेकर सूखाकर तुलाई की जाती है।
तत्पश्चात प्रत्येक गांव का औसत उत्पादन का पता लग जाता है।
अभी सरसों पर यह प्रयोग चल रहा है। तत्पश्चात गेहूं पर यह प्रयोग चलेगा और पूरे ही देश में औसत पैदावार की जानकारी मिल जाएगी।
फोटो कैप्शन 8: क्राप कटिंग करते कृषि विभाग के कर्मी।
अनाज मंडी कनीना में आयोजित होगा श्याम बाबा का विशाल जागरण
-लगेगा नि:शुल्क दांतों का चिकित्सा शिविर
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कनीना। 16 मार्च को अनाज मंडी कनीना में श्याम मित्र मंडल कनीना मंडी के सौजन्य से एक भव्य जागरण आयोजित किया जाएगा जिसमें मुकेश बांगड़ा जयपुर, ट्विंकल शर्मा दिल्ली, विकास जांगड़ा नारनौल व लक्की सांवरिया कनीना के द्वारा बाबा का गुणगान किया जाएगा। जानकारी देते हुए श्याम मित्र मंडल के प्रधान अनिल गर्ग ने बताया कि श्याम प्रभु के सिमरन मात्र से ही सभी दुख दूर हो जाते है। श्याम मित्र मंडल कनीना के द्वारा हर वर्ष बाबा का भव्य जागरण अनाज मंडी कनीना में आयोजित होता है। विस्तृत जानकारी देते हुए श्याम मित्र मंडल के अध्यक्ष अनिल गर्ग ने बताया कि 16 मार्च को सुबह तक दुबई व दिल्ली सरकार से सम्मानित संस्था साईं मोबिडेन्ट डेंटल सेन्टर के द्वारा अनाज मंडी कनीना में दांतों का एक नि:शुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित किया जाएगा जिसमें नि:शुल्क दांतों का इलाज किया जाएगा।
हाइवे पर बाघोत और सेहलंग के बीच डाईवर्सन कट छोडऩे बारे एसडीएम कनीना को दिया ज्ञापन
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कनीना। 152-डी हाइवे पर बाघोत और सेहलंग के बीच डाईवर्सन कट छोडऩे बारे क्षेत्र के लोगों ने एसडीएम कनीना को एक ज्ञापन दिया। अधिकारी ने ज्ञापन लेकर आगामी कार्रवाई की बात कही।
क्षेत्र के सरपंचों के हस्ताक्षर करवाकर महावीर पहलवान बाघोत समाजसेवी की ओर से एसडीएम कनीना दिनेश कुमार सौंपा गया और एसडीएम ने पूरा आश्वासन दिया कि केन्द्रीय मन्त्री नितिन गडग़ड़ी सड़क परिवहन मन्त्री को ज्ञापन पहुंचा दिया जाएगा।
ज्ञापन में कहा कि बाघेश्वर धाम में दक्षिण हरियाणा का प्राचीन शिव मंदिर है जहां साल में दो बार मेले लगते हैं एक शिवरात्रि को तथा दूसरा महाशिवरात्रि को। इस अवसर पर भारी संख्या में लोग हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान से आते हैं और जलाभिषेक करते हैं। उन्होंने मांग की थी कि श्रद्धालुओं को आने-जाने में दिक्कत न हो इसलिए सेहलंग एवं बाघोत गांवों के बीच से गुजरने वाले इस मार्ग पर डायवर्सन काट दिया जाए ताकि यहां से श्रद्धालु बाघोत तक पहुंच सके। अभी तक 152-डी पर यह कट बूचावास के पास है जो बाघोत से करीब 15 किलोमीटर दूर पड़ता है वहीं दूसरा कट चरखी दादरी में है जो बाघोत से 25 किलोमीटर दूर पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व विभिन्न सरपंचों ने एक ज्ञापन राव इंद्रजीत सिंह केंद्रीय मंत्री को भी गत दिनों सौंपा था। उनकी बात स्वीकार करते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने नितिन गडकरी सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने यह कट देने की सहानुभूति पूर्वक आदेश दिया है।
इस मौके रामरतन शर्मा जेई गोमली, वेद प्रकाश वकील, रामसिंह नम्बरदार, अजीत सूबेदार, भूलेराम सूबेदार, हंसराज अत्री, राजेन्द्र सेठ, राजिया आदि इलाके के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 9: एसडीएम कनीना दिनेश को ज्ञापन देते महाबीर पहलवान एवं अन्य।
टीबी जागरूकता शिविर आयोजित
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कनीना। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत खंड कनीना में टीबी की जागरूकता के लिए पेंटिंग और क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य लाल सिंह ने की। स्वास्थ्य विभाग से वरिष्ठ टीबी सुपरवाइजर अमित यादव ने स्टाफ सदस्यों तथा विद्यार्थियों को टीवी की बीमारी के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है। इसके लक्षण खांसी होना, बार बार बुखार आना, पसीने आना, थकावट रहना, सांस फूलना आदि हैं। इसके बचाव के लिए 2 सप्ताह से अधिक खांसी होने पर अपनी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर बलगम की जांच कराएं और टीबी होने पर डाट्स प्रणाली अपनाकर पूरा कोर्स लेकर बीमारी से मुक्ति पाएं। इस कार्यक्रम के तहत स्कूल के विद्यार्थियों में पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान विकास कुमार,द्वितीय स्थान छवि शर्मा, तीसरा स्थान नितेश ने प्राप्त किया। विभिन्न स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान किए गए। इस अवसर पर वरिष्ठ इति सुपरवाइजर अमित यादव, युद्धवीर सिंह, प्राचार्य लाल सिंह, शिवकुमार, रमन शास्त्री, अमृत सिंह विशेष शिक्षक, सोमनाथ ड्राइंग टीचर, मदन लाल शास्त्री उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 7: राजकीय स्कूल कनीना में टीबी उन्मूलन पर आयोजित प्रतियोगिता का निरीक्षण करते हुए उप नागरिक अस्पताल कर्मी।
कनीना में हिंदी माध्यम से शिक्षा पाना हुआ महंगा
-उच्च तथा वरिष्ठ माध्य
मिक स्कूलों में शुरू की जाये सह-शिक्षा
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कनीना। कनीना में लड़कों के एकमात्र सरकारी स्कूल का माडल स्कूल बनने पर कम फीस पर शिक्षा पाने वाले बच्चों को परेशानी होगी।माडल स्कूल में सभी कार्रवाई पूर्ण कर माडल संस्कृति का दर्जा दिया जा चुका है तथा प्राचार्य भी आ चुक हैं।
सरकार द्वारा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (बाल) कनीना को मॉडल स्कूल का दर्जा दिया गया है जिसमें पढऩे वाले बच्चों से पांच सौ रुपये प्रतिमाह फीस लेकर अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा दी जाएगी जिससे गरीब परिवार के बच्चों को फीस जमा करने में परेशानी होगी तथा हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने वाले लड़कों के लिए परेशानी होगी। इस समय कनीना के सरकारी (बाल) स्कूल में लगभग चार सौ बच्चे शिक्षा ले रहे है जिनको अब इस नए सत्र से फीस देनी होगी।
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि कनीना में मध्यप्रदेश, राजस्थान तथा दूसरे प्रांतों के मजदूर, मिस्त्री लोगों के बहुत परिवार आये हुए है। जिनके बच्चे इसी सरकारी स्कूल में कम फीस में शिक्षा प्राप्त करते है लेकिन अब माडल स्कूल बनने से अब उनके लड़कों के लिए कनीना में सरकारी स्कूल में पढऩा महंगा हो गया है तथा उनका हिंदी माध्यम से शिक्षा प्राप्त करना मुश्किल हो गया। गरीब परिवारों के बच्चे फीस की वजह से व शिक्षा के माध्यम की वजह पढ़ाई से वंचित न हो पाए इसलिए सरकार से लोगों ने मांग की है कि कनीना में पहले से ही मौजूद लड़कियों के उच्च विद्यालय को वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का दर्जा देकर सह शिक्षा के लिए मंजूरी देनी चाहिए या राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी के स्कूल में सह शिक्षा को मंजूरी देनी चाहिये ताकि जल्दी शुरू होने वाले सत्र में लड़कों को किसी प्रकार की कोई मुसीबत ना हो। हसला के पूर्व ब्लाकाध्यक्ष सुनील कुमार यादव, अध्यापक नेता धर्मपाल तथा निर्मल शास्त्री ने मांग की है कि उपरोक्त स्कूलों में सह शिक्षा का प्रबंध किया जाए।
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