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Sunday, August 11, 2024


 

लाठी-डंडों से गाड़ी तोडऩे और हवाई फायर करने के मामले में एक ओर आरोपित गिरफ्तार
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कनीना की आवाज। लाठी-डंडों से गाड़ी तोडऩे और हवाई फायर करने के मामले में कार्रवाई करते हुए थाना सदर कनीना की पुलिस टीम ने एक ओर आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान संदीप वासी खैराना के रूप में हुई है। आरोपित से पूछताछ कर आज न्यायालय में पेश किया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस मामले में पुलिस द्वारा पांच आरोपितों को पहले गिरफ्तार किया गया था। शिकायतकर्ता ओमप्रकाश वासी गांव मोड़ी ने थाना सदर कनीना में शिकायत दर्ज कराई कि वह फौज से रिटायर्ड है। उसने बताया कि जब वह भोजावास से घर आया तो उसकी पत्नी ने बताया कि एक गाड़ी में चार पांच लड़के व दो मोटरसाइकिल पर चार-पांच लड़के आए और घर के सामने खड़ी उनकी गाड़ी को लड़कों ने लाठी डंडो से तोड़ दिया और घर के पास हवाई फायर किया। शिकायतकर्ता ने दो नामजद और अज्ञात के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू दी।







 ककराला में निकाली तिरंगा यात्रा
-महिला सरपंच की अगुवानी में हुआ कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। ग्राम पंचायत ककराला में सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार सरपंच नीलम देवी की अध्यक्षता में शहीदों के सम्मान में  देश भक्ति गीतों से ओतप्रोत व संगीतमय माहौल में पैदल तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। जिसमे सरपंच महोदया ने शहीदों की प्रतिमाओं को  तिरंगे रूपी गुब्बारों से सजवाया तथा शहीदों की प्रतिमाओं के सामने  फूल अर्पित किए व यह तिरंगा यात्रा गांव की मुख्य फिरनी से शुरू हुई और शहीद स्मारक तक चली। तिरंगा यात्रा का समापन विधि विधान से किया गया तथा सभी को लड्डू बांटकर खुशी जताई। इस अवसर पर शहीद परिवार से संतोष देवी, सुरेन्द्र फौजी , प्रताप साहब, रोहतास, संदीप ,सुरेंद्र, कुलदीप, संदीप, आनंद, हरिकिशन, कंवर सिंह नंबरदार, राजकुमार  नंबरदार, भूतपूर्व सरपंच दलीप सिंह, रामेश्वर प्रधान, सोमदत्त, सतबीर, मनोज, नटवर,रामेश्वर, जितेंद्र, धर्मबीर सिंह महामंत्री, ओपी यादव व समस्त ग्रामवासी, बच्चों व महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
फोटो कैप्शन 08: ककराला में तिरंगा यात्रा निकालते हुए।



 वित्त विभाग एलटीसी निकालने की अनुमति
-पेंशनभांगियों का बजट हो चुका है पास
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कनीना की आवाज। वित्त विभाग पेंशनभोगियों को सत्र 2024-27 का एलटीसी/अवकाश यात्रा रियायत निकालने की अनुमति दे। अभी तक बिल बनने शुरू नहीं हुए जबकि बजट पहले ही पास हो चुका है। जिला महेंद्रगढ़ में सैकड़ों पेंशनभोगी 2024-27 की एलटीसी पाने के लिए लालायित है और सेवानिवृत्त हुये महीनों बीत गए हैं।
सेवानिवृत्त कर्मी महिपाल सिंह, राजकुमार राव, होशियार सिंह पड़तल, नेम सिंह,  रामेश्वर दयाल पूर्व प्राचार्य आदि पेशनभोगियों ने वित्त विभाग हरियाणा से मांग की है कि जिनका बजट पास हो चुका है उन्हें एलटीसी निकालने की अनुमति प्रदान करें। अभी तक बिल बनने शुरू नहीं हुए हैं ऐसे में उनकी एलटीसी वित्त विभाग द्वारा पास की जानी है। अगर वित्त विभाग  बिल बनाने की अनुमति दे देता है और बिल पास हो जाते हैं तो  पेंशन अपनी एलटीसी का लाभ उठा सकते हैं। विगत एलटीसी सत्र 2020- 2023 तक था जो संपन्न हो चुका है और वर्ष 2024 में सेवानिवत्त कर्मी अब अपनी एलटीसी पाने के लिए लालायित देखे जा सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि हर चार वर्षों में सभी कर्मियों एवं पेंशनभोगियों को एलटीसी का लाभ दिया जाता है ताकि वे कहीं यात्रा कर सके। वर्ष 2024-2027 सत्र की एलटीसी निकलनी शुरू नहीं हुई है जिसका पेंशनभोगियों में रोष है।






खंड स्तरीय खेलों का आयोजन 22 व 24 अगस्त को
-निलेश ने दी जानकारी
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कनीना की आवाज। जिला महेंद्रगढ़ योगासन स्पोट्र्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों की रविवार को बैठक हुई। बैठक में तय हुआ कि खंड स्तरीय योगासन खेल प्रतियोगिता का आयोजन 22 व 24 अगस्त को किया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए महेंद्रगढ़ योगासन स्पोट्र्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डा. निलेश मुदगल ने बताया कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी योगासन खेल की जिला स्तरीय, राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं आयोजित होनी है।
  योगासन खेल संघ महेंद्रगढ़ ने यह निर्णय लिया कि केवल जिला स्तर पर योगासन की प्रतियोगिताएं आयोजित न करके खंड स्तर पर भी योगासन खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाए ताकि अधिकाधिक संख्या में खिलाड़ी भाग ले सकें एवं अपनी प्रतिभा दिखा सकें। चूंकि योगासन खेल अब एशियन खेलों में शामिल हो चुका है और योगर्षि स्वामी रामदेव की अगुवाई में अगले कुछ वर्षों में इसे ओलिंपिक खेलों में भी शामिल करने के भरसक प्रयास जारी हैं। जिससे कि आने वाले एक दशक में बच्चों को विश्व स्तर पर योगासन खेल में तराशने की आवश्यकता होने वाली है।
 योगासन खेल संघ की सचिव रीना कुमारी, तकनीकी सचिव अरुण ढिल्लों ने बताया कि योगासन खेल प्रतियोगिता विभिन्न आयु वर्ग 10 से 14 वर्ष ए 14 से 18 वर्षए 18 से 28 वर्ष तथा मास्टर्स प्रतियोगिता 28 से 35, 35 से 45 तथा 45 से 55 वर्ष आयु वर्ग के लड़के तथा लड़कियां की  आयोजित की जा रही है। उन्होंने बताया कि खंड स्तरीय प्रतियोगिता सभी खंडों हेतु आयोजित की जा रही है।
 जिसमें 22 अगस्त को खंड सतनाली एवं महेंद्रगढ़ के प्रतिभागियों हेतु  श्रीकृष्णा स्कूल महेंद्रगढ़, खंड कनीना के प्रतिभागियों हेतु एसडी स्कूल ककराला व खंड अटेली के प्रतिभागियों हेतु अटेली में विद्या देवी स्कूल, अटेली में योगासन खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसी क्रम में 24 अगस्त को खंड नारनौल के प्रतिभागियों हेतु हरियाणा पब्लिक स्कूल नारनौल, खंड निजामपुर एवं नांगल चौधरी के प्रतिभागियों हेतु सरस्वती स्कूल नांगल चौधरी में तथा खंड सिहमा के प्रतिभागियों हेतु श्रीकृष्णा स्कूल सिहमा में योगासन खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
 उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए गूगल फार्म के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण के साथ.साथ मौके पर भी पंजीकरण किया जा सकेगा। इसके लिए विद्यार्थी को अपने आयु प्रमाणीकरण हेतु आधार अथवा जन्म प्रमाण पत्र की प्रति साथ में अवश्य लानी होगी। खंड स्तर के विजेता खिलाड़ी एक सितंबर को नारनौल में आयोजित होने वाली जिला स्तरीय योगासन खेल प्रतियोगिता में भाग लेंगे। प्रतियोगिता में विजेता खिलाडिय़ों को उनके श्रेणी अनुसार मेडल तथा प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। सभी भागीदारी करने वाले खिलाडिय़ों को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
   एसोसिएशन उपाध्यक्ष डा. भंवर सिंह, उपाध्यक्ष रामधारी सिंह यादव, उपाध्यक्ष हितेश वर्मा ने बताया कि जमीनी स्तर से खिलाडिय़ों को लाने के लिए खंड स्तर पर भी योगासन खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा में व्यायामशाला तथा स्कूलों के माध्यम से योग का काफी प्रचार प्रसार हुआ है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि बड़ी संख्या में योगासन खेल में बच्चे भाग लेंगे जिसमें शिक्षा विभाग व आयुष विभाग का विशेष योगदान रहेगा।
 उन्होंने अधिक से अधिक संख्या में बच्चों, विद्यालयों, योग अकादमियों, योगशालाओं तथा मास्टर्स खिलाडिय़ों से भाग लेने का आह्वान किया।
फोटो कैप्शन: निलेश




घटती जा रही ग्वार की खेती
- विभिन्न उद्योगों में तथा प्रसाधन में आता है काम
-294 हेक्टेयर में उगाया गया है ग्वार
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कनीना की आवाज। वर्ष 2000 से पहले कपास की खेती कनीना क्षेत्र में नहीं होती थी और इसकी जगह ग्वार उगाया जाता था। अब ग्वार की बजाय कपास उगाया जाने लगा है। ग्वार की खेती कम होती जा रही है।  कनीना क्षेत्र में अच्छी पैदावार ग्वार की ली जाती थी किंतु वर्तमान में ग्वार की खेती घटती जा रही है।
 ग्वार का अर्थ है गऊ का आहार अर्थात गाय का बेहतरीन चारा माना जाता है किंतु अब यह बहुत कम क्षेत्रफल पर उगाया जाता है। इसको अधिक पानी की जरूरत नहीं होती। पशुओं के लिए  ग्वार की चूरी उपयोगी है इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक पाई जाती है। ग्वार का गोंद कपड़ा, खाद्य पदार्थ शृंगार का सामान बनाने, विस्फोट, तेल उद्योगों में किया जाता है।
अपनी उपयोगिता के कारण यह लोकप्रिय है। डा देवराज पूर्व कृषि अधिकारी बताते हैं कि ग्वार की गिरी में 35 फीसदी तक गम पाया जाता है। इसका उपयोग खाद्य प्रसंस्करण ,वस्त्र उद्योग सौंदर्य प्रसाधन, विस्फोटक उद्योग, कागज उद्योग में किया जाता है। बेकरी बनाने, आइसक्रीम ,पनीर के रखरखाव, चटनी बनाने में उपयोगी है। ग्वार पौष्टिक जा रहा है इसलिए विभिन्न पशुओं को खिलाने के काम आता है, इसके चूरी पशुओं को खिलाते हैं वहीं ग्वार की फलियां सब्जी के काम आती है। यह फलीदार दलहनी कम होने के कारण वायुमंडल की नाइट्रोजन को अवशोषित करता है। परंतु फसल में जड़ गलन रोग एवं बीएलबी रोग के कारण पैदावार घटती जा रही है। किसान इसे उगाने से घबराने लगे हैं। प्रति एकड़ 6 क्विंटल पैदा होना चाहिए किंतु होता है एक क्विंटल साथ में भाव अच्छे नहीं है जिसके चलते किसान रुझान घटा है।
किसानों से ग्वार के बारे में चर्चा की गई जिनके विचार इस प्रकार रहे-
30 वर्षों पहले इस क्षेत्र में ग्वार को प्रमुखता से किसान उगाता था तथा बाजार में बेहतर मांग होती थी किंतु धीरे धीरे पैदावार घटती चली गई। किसान ने परेशान होकर ग्वार का विकल्प कपास का चुना जो बेहतर भाव प्रदान करती है। ग्वार की खेती तब से घटती चली गई।
--राजेंद्र सिंह किसान
कनीना क्षेत्र में नहरी पानी कम मिलने से ग्वार की खेती करना कठिन हो गया है चूंकि भूमिगत जल से ग्वार की पैदावार घटती जा रही है। कई रोग लग जाते हैं जिससे ग्वार को पैदा करना कठिन कार्य बन गया है। इसकी जगह कपास अधिक उगाया जाने लगा है। ,
  --सूबे सिंह किसान
क्या कहते हैं एसडीओ कृषि-
एसडीओ कृषि डा अजय यादव बताते हैं कि वर्ष 2002 के बाद ही कपास उगाने में तेजी आई है। इससे पहले ग्वार उगाया जाता था जो इस जमीन में बेहतर पैदावार देता था। अब जल स्तर गिरता जा रहा है और भूमिगत जल ग्वार की फसल के लिए बेहतर नहीं है जिससे पैदावार कम हो रही है वहीं ग्वार के भाव भी बेहतर नहीं है। उधर कपास कैश क्राप है और भाव अच्छे हैं। इस क्षेत्र में बेहतर पैदावार मिलता है। यही कारण है कि कभी ग्वार प्रमुखता से उगाया जाता था वो अब घटता जा रहा है।
--डा अजय यादव, एसडीओ कृषि
फोटो कैप्शन 06: ग्वार की खेती।
साथ में किसान राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, डा. अजय यादव


एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला में अध्यापक-अभिभावक बैठक का आयोजन
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कनीना की आवाज।  एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला में अध्यापक-अभिभावक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में 878 अभिभावकों ने भाग लेकर छात्रों के प्रति अपनी जिम्मेदारी एवं अध्यापक-अभिभावक बैठक के महत्व को समझने का परिचय दिया।  सभी अभिभावकों ने अग्रिम सोच का परिचय देते हुए बच्चों के भविष्य के लिए विद्यालय प्रबंधन व सभी संबंधित अध्यापकों के साथ अध्ययन संबंधी समस्याओं के समाधान, शैक्षिक उपलब्धियों के साथ-साथ अन्य गतिविधियों व विषयों पर विमर्श किया। अभिभावकों ने अपने बच्चों की दिनचर्या उनके व्यवहार समय-सारिणी, रुचि आदि से संबंधित पहलुओं से प्रबंधन व संबंधित अध्यापकों से परिचित करवाया और अपने बच्चों की रिपोर्ट लेने में काफी रुचि दिखाई।
विद्यालय चैयरमैन जगदेव यादव ने अध्यापक-अभिभावक बैठक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बैठक जागरुक अभिभावकों के लिए अध्यापकों से समय विचार विमर्श करने व बच्चों के लिए सही मार्ग का चुनाव व सहयोग का आधार है। जिस प्रकार तीन -भुजाए एक साथ मिलकर त्रिभुज का आकार बनाती है उसी प्रकार अभिभावक के सहयोग से बच्चे बड़े से बड़े लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते है।  
उन्होंने यह भी बताया कि यह बैठक शैक्षिक जानकारी के साथ-साथ सम्पूर्ण व्यवहार, सामथ्र्यता से संबंधित बातों के आदान-प्रदान के लिए आयोजित की जाती है। अध्यापक एवं अभिभावकों  का विचार-विमर्श छात्र के जीवन को नई दिशा प्रदान करता है। बच्चे के शैक्षणिक विकास में विद्यालय के साथ-साथ अभिभावक की भी अहम् भूमिका होती है। उन्होंने सभी अभिभावकों का धन्यवाद कर बैठक का समापन किया।
फोटो कैप्शन 07:पीटीएम का नजारा।


अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस- 12 अगस्त
--युवाओं में कुछ कर गुजरने का जोश है
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कनीना की आवाज। 12 अगस्त को अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जा रहा है। देश में अधिक संख्या युवा वर्ग की है और उनकी आवाज को किसी प्रकार दबाया नहीं जा सकता। उनके विचार जरूर सुनने चाहिए। भारत के युवा विवेकानंद को अमोघ जोश के लिए जाना जाता है। उनके द्वारा दिए गए भाषण आज भी युवा वर्ग को प्रेरित करते हैं। स्वामी विवेकानंद का सिर्फ 39 वर्ष का जीवनकाल कई मायनों में आज के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। स्वामी विवेकानंद कहते थे कि हर युवा राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे सकता है। ऐसे में युवाओं को अपने सामथ्र्य का उचित प्रयोग करना चाहिए। ऐसे में युवाओं को आगे बढऩे के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से यह दिन मनाया जाता है
क्या कहना हैं युवा वर्गका--
युवाओं का जोश अपार होता है। जिस काम को करने की ठान ले। वे हर काम को करने में सक्षम हैं। यह सत्य है कि वह बेरोजगार अधिक है। उन्हें यदि सही मार्गदर्शन दिया जाए तो निश्चित रूप से देश के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं और उनकी भागीदारी को किसी प्रकार भुलाया नहीं जा सकता।
  --कुलदीप बोहरा, समाजसेवी कनीना
 युवा वर्ग एक अलग वर्ग है जिसको पूरे ही विश्व में जाना जाता है। युवा वर्ग की बुद्धि बहुत तेज होती है जो कुछ सोचते हैं उसको कर दिखाने में भी सक्षम होते हैं। राजनीति हो व्यापार हो तथा  किस क्षेत्र में हो उनका मुकाबला कोई नहीं कर सकते। ऐसे युवाओं को सही दिशा मिलनी चाहिए ताकि देश के विकास में भूमिका निभा सके।
      --रविंद्र कुमार,कनीना
 युवाओं पर भविष्य निर्भर करता है। यदि युवा का भविष्य उज्ज्वल होगा तो देश का विकास होगा और उज्ज्वल भविष्य बनेगा। युवा पीढ़ी की हर विचारधारा को ध्यान में रखकर देश को आगे बढऩा चाहिए। तभी देश का विकास संभव है। युवा क्षेत्र में जागरूक परंतु बेरोजगारी के चलते मायूस हैं। वे अपने धुन के पक्के होते हैं ।यदि उनको सही दिशा मिल जाए तो उन ऊंचाइयों को छुएगा जहां तक आम आदमी तक नहीं पहुंचा जा सकता।
  -   सुरेश कुमार, युवा कनीना
  युवा पीढ़ी एक अलग किस्म की पीढ़ी है। युवा दिल की धड़कन होता है। उनके हर कार्य बहुत सुंदर होते हैं। वे सही दिशा में चलेंगे यदि सही दिशा निर्देश मिलेंगे।  उनका हर कार्य होगा देश के विकास और उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगा। युवा वर्ग सदा हित की बात सोचता तथा देश के भविष्य की बात को ध्यान में रखता है। उनका हर कदम सही दिशा में पड़े तो भारत फिर से सोने की चिडिय़ा बनेगा।
---दिनेश कुमार समाजसेवी,कनीना
फोटो कैप्शन: दिनेश कुमार, रवि कुमार, सुरेश कुमार, , कुलदीप बोहरा।


विश्व हाथी दिवस 12 अगस्त
आज भी युवा वर्ग हाथी को देखकर होते हैं प्रसन्न  
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कनीना की आवाज। विश्व हाथी दिवस 12 अगस्त को मनाया जा रहा है किंतु बच्चे और कुछ युवा हाथी को देखकर आज भी प्रसन्नचित नजर आते हैं। वास्तव में हाथियों की संख्या घटने चले जाना और हरियाणा में आसपास हाथियों का अभ्यारण्य न होने पर युवा और बच्चे हाथी से अधिक परिचित नहीं हैं। हाथी को संस्कृति में कई जगह पवित्र पशु माना गया है। ऐरावत का पुराणों  में भी वर्णन आता है परंतु बच्चे विशेष कर हाथी को  कोई दिखाने के लिए गांव में आता है तो बहुत प्रसन्नचित होते हैं कि लंबे समय तक उसे निहारते रह जाते हैं। वैसे भी विशालकाय प्राणी होने के कारण उसको देखकर बच्चे और युवा वर्ग खुश होते हैं।
 युवा और बच्चों से संबंध में बात की गई युवा हर्ष कुमार ने बताया की हाथी के बारे में यूं तो लंबे समय से परिचित है क्योंकि हाथी बड़ा जानवर है। जहां कनीना में कभी हाथी खान का जिक्र काकाो यहां ठहराव करते थे। अपने के हाथीखाने को कभी देखा नहीं है। उनका कहना है कि पर्यावरण के लिए इन जीवों का होना बहुत जरूरी है। आज भी जंगल में एक बड़ा जानवर हाथी होता है। चिडिय़ाघर में भी उन्होंने हाथी देखा है।
अमीश कुमार बताते हैं कि हाथी के बारे में परिचित तो है परंतु किसी जंगल में जाकर उन्होंने कभी हाथी को नहीं देखा है। पुस्तकों में फिल्मों में तथा चिडिय़ाघर में जरूर हाथी को देखा है। जब वो बचपन की याद ताजा करते हुए  कहते हैं कि जब गांव में हाथी दिखने के लिए लोग आते थे तो हाथी देख कर खुश होते थे।
 हाथी के बारे में जब बच्चों से बात की तो उन्होंने बताया की हाथी देखकर वह खुश हो जाते हैं परंतु हाथी अब देखने को नहीं मिलते क्योंकि हाथियों का शिकार करना, हाथियों को मनोरंजन के लिए पालने पर जहां सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है जिसके चलते अब ग्रामीण क्षेत्रों में हाथी दिखने वाले भी नहीं आते। ऐसे में बहुत से बच्चों ने तो हाथी को प्रत्यक्ष नहीं देखा है अपितु फिल्मों मेंछोटे बच्चों तितली, जादू, टिन्नी, माही से हाथी की बात करने पर उत्सुक नजर आये। विश्व हाथी दिवस पर ऐसे जीवों को जरूर प्रत्यक्ष देखना चाहते हैं।
फोटो कैप्शन: अमीश एवं हर्ष


एक अगस्त से प्रतिदिन होती है हल्की वर्षा
-कनीना क्षेत्र में हुई 4 एमएम वर्षा
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कनीना की आवाज। एक अगस्त से कनीना क्षेत्र में प्रतिदिन वर्षा हो रही है।  अब तक अकेले सावन माह में 129 एमएम वर्षा हो चुकी है। जून एवं जुलाई माह में अब तक 226 एमएम वर्षा हो चुकी है जिसमें से अकेले सावन में 129 एमएम वर्षा हो चुकी है। बाजरा और कपास की खड़ी फसल में रौनक आ गई है।
 किसान रामफल, अजीत कुमार, राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, कृष्ण कुमार, योगेश कुमार आदि ने बताया कि सावन माह में अच्छी वर्षा हुई है। अेले सावन माह की वर्षा जून एवं जुलाई में हुई वर्षा से अधिक है। दिनभर मौसम नहीं खुलता। बादल छाये रहते हैं।
अब बेहतर फसल होने के आसार बन गए हैं। बाजरा और कपास की खड़ी फसल में रौनक आ गई है। रक्षा बंधन की ओर रुझान बढ़ा है। सावन माह सोमवार के दिन 19 अगस्त को संपन्न हो जाएगा।
 कृषि अधिकारियों का कहना है कि वर्षा से फसलों को लाभ होगा। बाजरा अब पकान की ओर जा रहा है। जिनको पानी की जरूरत है। पानी की पूर्ति होने से फसलों में आब आ गई है। किसान अपनी फसलों को देखकर खुश नजर आये।
 फोटो कैप्शन 05: वर्षा से खेतों मेें बाजरे की लहलहाती फसल निहारता किसान।


65 मरीज पहुंचे मुफ्त चिकित्सा शिविर में
--आंखों एवं हृदय रोग से संबंधित शिविर आयोजित
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कनीना की आवाज।  कनीना मंडी की लाला शिवलाल धर्मशाला में सेवा भारती हरियाणा प्रदेश शाखा कनीना द्वारा 77वां हृदय रोग एवं नेत्र रोग जांच, परामर्श शिविर आयोजित हुआ। शिविर में मेट्रो अस्पताल से हृदय रोग विशेषज्ञ डा. अश्विनी यादव ने अपनी सेवाएं प्रदान की। उनके साथ धनराज, शिवानी, राजकुमार, नरेंद्र  शिवकुमार टीम उपस्थित रहे।
शिविर में बीपी, ब्लड शुगर जांच सुविधा प्रदान की गई। गंगा देवी पांडे नेत्र चिकित्सालय महेंद्रगढ़ से नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. अक्षय भाटीवालने अपने सहयोगी गोपाल अग्रवाल, अमन, निशाद के साथ सेवा देने पहुंचे। वर्षा के चलते भी शिविर में 65 विभिन्न मरीजों ने अपनी अपनी जांच करवाई।योगेश कुमार अग्रवाल ने बताया कि शिविर में दवाइयां निशुल्क वितरित की गई।
 उन्होंने बताया कि सेवा भारती कनीना की ओर से हर महीने के दूसरे रविवार को यह शिविर आयोजित होता है। इसके अतिरिक्त सेवा भारती आर्य समाज मंदिर में प्रतिदिन शाम को 5 से 6:30 के बीच प्राथमिक चिकित्सा केंद्र एवं महिला सिलाई प्रशिक्षण केंद्र चलाता है।
 शिविर में सेवा भारती के संरक्षक शिवकुमार अग्रवाल, सुरेश शर्मा, श्याम सुंदर महाशय, प्रेम सिंगला, अमित, दिनेश, जगदीश आचार्य सहित विभिन्न जन उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 4: मरीजों की जांच करते हुए डाक्टर






 रामबास गांव की सरपंच ने ओपन जिम गांव को किया समर्पित,
-- ग्रामीणों में खुशी की लहर
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव रामबास में ग्राम पंचायत ने  हनुमान पार्क में ओपन जिम लगाकर लोगों को समर्पित किया है। ग्राम पंचायत रामबास द्वारा दी  जानकारी के अनुसार गांव की सरपंच सरोज देवी ने कहा कि हमारा मकसद गांव में चहुमुखी विकास करना और गांव के लोगों को स्वस्थ रखना है जिसको लेकर हमने अपने गांव में ओपन जिम का कार्यक्रम बनाकर लोगों को समर्पित कर दिया ताकि गांव की महिला और युवा सभी इस जिम में आकर कसरत कर सके और अपने शरीर को स्वस्थ रख सके। उन्होंने यह कहा कि आज खानपान की सही दिशा नहीं होने के कारण लोगों को सुबह-शाम टहलने के लिए तथा जिम करने के लिए ओपन जिम निर्मित करवाया है। उन्होंने कहा ग्रामीण व सरकार के सहयोग से गांव में आए दिन विकास के कार्य कराए जा रहे हैं और भविष्य में भी कराए जाएंगे ताकि हमारा गांव प्रदेश के नक्शे पर नंबर एक हो सके।  कनीना बार  एसोसिएशन के पूर्व में रहे प्रधान कुलदीप यादव, अधिवक्ता रामनिवास शर्मा,  हंसराज यादव के अलावा अन्य ग्रामीणों ने कहा कि ग्राम पंचायत द्वारा गांव में ओपन जिम लगाकर लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखा है इसलिए ग्राम पंचायत रामबास व हरियाणा सरकार बधाई की पात्र हैं।
 फोटो कैप्शन 01: ओपन जिम का लाभ उठाते ग्रामीण



 गांव की बेशकीमती जमीन पर ग्रामीणों का अवैध कब्जा, प्रशासन मौन
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव भडफ में लगभग 40 एकड़ जमीन पर गांव के लोगों द्वारा अवैध कब्जा किया हुआ है जिसमें करीब 15 एकड़ पर पक्की तामीर हो चुकी है, बाकी पर फसल उगाई जाती है।
 गांव के समाजसेवी ओमप्रकाश एवं हमीर सिंह ने शपथ पत्र देकर इस समस्या को लेकर गांव के मुखिया ,बीडीपीओ, एसडीएम ,जिला उपायुक्त तक मिलकर अपनी बात रखी लेकिन अभी तक उस पर कोई विशेष कार्रवाई नहीं हुई जिसके कारण ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति रोष पनप रहा है। इस मामले को लेकर  हमने एक शिकायत खुले दरबार में जिला उपायुक्त को देकर मामले से अवगत कराया था जिस पर जिला उपयुक्त ने संबंधित विभाग को आदेश कर इसकी पैमाइश कर अवैध कब्जा हटाने के आदेश दिए थे जिस पर संबंधित विभाग ने इस जमीन की पैमाइश भी की जिसमें 62 अवैध कब्जाधारियों को चिह्नित किया गया था। ग्रामीणों ने बताया कि गांव की गोचर भूमि पर गांव के ताकतवर  लोगों द्वारा पक्के मकान बनाकर चारदीवारी तथा पंचायत की जमीन पर फसल उगाकर अवैध कब्जे किए हुए हैं। वहीं गांव के भडफ़ बस स्टैंड पर भी लोगों ने अवैध कब्जा किया हुआ है जिसके कारण कभी भी दुर्घटना हो सकती है लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासन इसकी ओर ध्यान नहीं दे रहा है। लोगों ने यह भी बताया कपूरी से भडफ़ जाने वाले मार्ग पर भी लोगों ने अवैध कब्जा किया हुआ है।  
 हमीर सिंह वं ओमप्रकाश ने बताया कि हमारे घर जाने वाले रास्ते में अवैध कब्जाधारियों ने मकान तथा चबूतरे बनाकर रास्ते को रोक दिया जिसकी शिकायत सीएम विंडो तक की गई।  ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से मांग कर गांव को अवैध कब्जा मुक्त कराने की गुहार लगाई है।



पहचान पत्र के लिए चलाया विशेष अभियान
-बूथों पर बैठे सभी बीएलओ
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कनीना की आवाज। निर्वाचन आयोग हरियाणा द्वारा विशेष अभियान चलाकर सभी बूथों पर बीएलओ द्वारा जहां एक जुलाई 2024 को आधार मानते हुए फोटोयुक्त पहचान पत्र बनाये गये, नाम काटे गये तथा दुरुस्त किये गये। सभी बीएलओ अपने-अपने बूथों पर 3 व 4 अगस्त को भी हाजिर रहे और शनिवार और रविवार 11 अगस्त को भी हाजिर रहे।
विस्तृत जानकारी देते हुए बीएलओ सुनील कुमार ने बताया कि चुनाव आयोग के आदेश अनुसार अब तीन,चार, दस एवं 11 अगस्त को सभी बीएलओ अपने-अपने बूथों पर रहेंगे। इसी कड़ी में रविवार को भी बूथों पर बैठकर फार्म नंबर 6, सात एवं 8 भरे गये। मतदाताओं का रुझान देखने को मिला।  एक विशेष अभियान  चलाकर नये वोट बनाए गये, नाम काटे गये तथा नाम दुरुस्त किये गये। उन्होंने बताया इसी क्रम में 11 अगस्त को भी सभी बीएलओ अपने-अपने बूथों पर हाजिर रहेंगे। दिनभर वोटर बीएलओ के पास पहुंचे और अपने वोट बनवाये, कटवाये गये तथा दुरुस्त करवाये गये।
फोटो कैप्शन दो: बूथ 57 व 60 कनीना पर बैठे हुए बीएलओ।








यात्री बसों का खुले आसमान के नीचे करते हैं इंतजार, वर्षा का गंदा पानी भरा है गड्ढों में
- 4 महीने पहले बस स्टैंड को दिया था तोड़
-अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं, रोष
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कनीना की आवाज। कनीना का पुराना बस स्टैंड तोड़कर उसे आधुनिक रूप देने के लिए करीब 4 महीने पहले इसके भवन को तोड़ डाला था। तब से आज तक कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है। सभी रोडवेज बसे और निजी बसें खुले आसमान के नीचे खड़ी रहती है तथा विभिन्न यात्री गर्मी या बरसात में भीगने को मजबूर हैं। बस स्टैंड के अंदर गड्ढों में जगह जगह गंदा पानी खड़ा हो गया है।
विगत दिनों भीषण गर्मी में यात्री बेहद परेशान नजर आये वहीं अब वर्षा में भीगते हुए बस पकडऩे को मजबूर हो गये हैं। सबसे बड़ी बात है कि आसपास कोई पेड़ या टीनशेड नहीं है। प्रशासन टीन शेड बनवाने की बात कह रहा था किंतु अभी तक टीन शेड नहीं बन पाये हैं। यात्रियों  साथ छोटे बच्चे और बुजुर्ग लोगों को भी गर्मी की तपन सहन करने को मजबूर हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 1976 में तत्कालीन परिवहन मंत्री कर्नल राम सिंह ने इस कनीना के नए बस स्टैंड परिसर का उद्घाटन किया था। तत्पश्चात इसमें सुधार होता रहा और करीब 4 महीने पहले फिर से इसमें नया रूप देने के लिए सारे भवन को ही तोड़ डाला। वर्तमान में एक ईंट भी नजर नहीं आती। परिणाम यह है कि यात्री बेहद परेशान, इधर-उधर घूमते रहते हैं। सभी बसें यहीं आकर खुले मैदान में ठहरती हैं। सबसे बड़ी बात है कि चालक और परिचालक भी इधर-उधर दुकानों का सहारा लेने को मजबूर हो जाते हैं। नये बस स्टैंड बनने का इंतजार करते-करते लोगों में भारी रोष पनप रहा है। इस भवन का निर्माण कार्य शुरू करने की मांग की है, परंतु अभी नहीं लगता कि निर्माण कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कनीना से रेवाड़ी, दिल्ली, कोसली रोहतक, चरखी दादरी, भिवानी, हिसार ,महेंद्रगढ़ लोहारू, अटेली, बहरोड़, जयपुर, पलवल आदि स्थानों पर बसें जाती है और यह बस स्टैंड  चारों ओर से सड़क मार्गों से जुड़ा हुआ है। ऐसे में यहां के बस स्टैंड का होना बहुत जरूरी है।
 यात्री रमेश कुमार, महेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह, दिनेश कुमार, महेश कुमार, राम सिंह आदि ने बताया कि जब भी उन्हें बसों से सफर करना होता है तो कनीना से बसें पकडऩा एक बड़ी समस्या बन जाता है। लंबे समय तक बसों का वर्षा एवं धूप में इंतजार करना पड़ता है। तत्पश्चात बसें मिलने पर गंतव्य स्थान पर जाना पड़ता है। उनकी मांग है कि अविलंब बस स्टैंड का निर्माण कार्य किया जाए। इस संबंध में रोडवेज जनरल मैनेजर अनित कुमार ने विगत दिनों इसके स्थान पर अब टेंपरेरी टीन शेड बनाई जाने की बात कही थी ताकि गर्मी एवं बरसात में बचाव हो सके। उन्होंने यह भी कहा था कि नए बस स्टैंड का स्केच/ नक्शा बनाकर पीडब्ल्यूडी विभाग को दे दिया गया है। पीडब्ल्यूडी विभाग ने इसे निर्मित करना है और उन्हें विश्वास है कि जल्दी नक्शा पास होते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। किंतु अभी तक अस्थायी टीन शेड निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है।
क्या कहते हैं यात्री-
बस स्टैंड भी नहीं है और टीन शेड भी नहीं है ऐसे में दुकानों पर बसों का इंतजार करना मजबूरी हो जाता है। दुकानदार भी दुकानों पर बगैर सामान खरीदे बैठने तक नहीं देते हैं। यात्री कहां जाए।
--मनोज कुमार, यात्री
रोड़वेज बसों का कोई समय नहीं है। इंतजार करना मजबूरी है। इस मजबूरी में कहीं कोई जगह नहीं जहां खड़ा हो सके। वर्षा एवं धूप का डर सताता रहता है। यात्रियों के लिए बेसिक सुविधाएं तो प्रदान करें। न तो पानी और न टायलेट। इससे बुरी जगह कोई नहीं हो सकती।
--विनय कुमार, कनीनावासी।
फोटो कैैप्शन: यात्री विनय एवं मनोज





































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