एपिसोड-17
सुनो सुनो स्टेट अवार्ड की मेरी दास्तान.....
मेरी मेरा शिक्षा के सफर पुस्तक से साभार
- स्टेट अवार्ड का शिवाय नुकसान कोई लाभ नहीं हुआ
- नेशनल अवार्ड से रह गया थोड़ा वंचित
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कनीना की आवाज। यूं तो शिक्षक स्टेट अवार्ड/राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए लालायित रहते हैं परंतु हकीकत है कि मेरे लिए/डा होशियार सिंह यादव लेखक के लिए स्टेट अवार्ड नुकसान के अलावा कोई लाभ नहीं दे पाया। स्टेट अवार्ड मिला भी ,भागदौड़ भी हुई नुकसान भी उठाया परंतु कुछ प्राचार्यों निकृष्ट सोच की बदौलत एक पैसा भी नसीब नहीं हुआ। यहां पर उन प्राचार्यों के नाम नहीं दे रहा हूं परंतु मेरी पुस्तक में संपूर्ण हवाला दिया गया है। पैसा जिंदगी में कोई लाभ नहीं देता परंतु इंसान की उपलब्धि पर दो शब्द कहने में भी कंजूसी करें तो ऐसे प्राचार्यों को राक्षस की संज्ञा दी जाये तो बेहतर होगा। एक प्राचार्य ने तो मंच से मेरा नाम लेना अपनी शान के विरुद्ध समझा। दो शब्द कि इस व्यक्ति को स्टेट अवार्ड मिला है, यह कहने में शर्म आती रही। स्टेट अवार्ड जिसको मिलता है उनके गुणगान में बड़ा कार्यक्रम आयोजित होता है लेकिन आश्चर्यजनक मेरी सेवानिवृत्ति के समय भी प्राचार्य तक उपलब्ध नहीं हुआ जबकि स्टेट अवार्ड मिलने पर मंच से एक शब्द भी कहना उचित नहीं समझा, मुंह मीठा करवाना तो दूर। यह सत्य है कि सीहोर से प्राचार्य कृष्ण कुमार की मेहनत के बल पर मुझे स्टेट मिला वरना किसी हाल में यह स्टेट अवार्ड नहीं मिल पाता। कृष्ण कुमार ने एक ही बात कह रखी थी कि तुम्हें कुछ भी करना पड़े परंतु स्टेट अवार्ड लेकर आना तुम्हारे लिए बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उनके जबरदस्त हौसला अफजाई एवं दुआओं के कारण मैं अपने मुकाम में सफल हुआ। परंतु दुर्भाग्य रहा कि उनकी जब स्टेट अवार्ड लाया उस दिन कृष्ण सिंह प्राचार्य की बदली हो चुकी थी। वरना मुझे स्टेट अवार्ड के सभी लाभ भी मिलते। सबसे बड़ी विडंबना है कि 2016 से ऐसे कितने ही शिक्षक है जिनकी उम्र 55 वर्ष पार हो गई थी और स्टेट अवार्ड के इंक्रीमेंट का लाभ हलिया और आज भी ले रहे हैं। ऐसी कौन सी नौबत आ गई थी कि मेरे मामले में ही प्राचार्यों, एसओ तथा अन्य अधिकारियों ने टांग अड़ा दी। पहले तो स्टेट अवार्ड मिलना मुश्किल, उस पर लोगों का मुंह मीठा करवाने में खर्चा 4 रुपये तो स्टेट अवार्ड का 1 रुपये मिला। ऐसे में 3 रुपये का नुकसान अर्थात 3 लाख का नेट नुकसान हुआ है। जो भी हुआ लाभ और हानि कोई मायने नहीं रखता परंतु इंसान की काबिलियत पर कम से कम दो शब्द कहने से वो घाव पर मरहम का काम करते । यह भी सत्य है कि शिक्षा विभाग में स्टेट अवार्ड मिलने पर बहुत से शिक्षकों को ही दर्द होता है। हमारे एक साथी कवि रामावतार शर्मा गुढ़ा कह रहे थे की नारी की दुश्मन नारी होती है परंतु मेरा कहना है कि शिक्षक का अगर कोई सबसे बड़ा दुश्मन है तो वह शिक्षक ही होता है। यही कारण है कि शिक्षा विभाग में कोई उन्नति नहीं कर सकता, अन्य विभाग में चाहे ग्रुप-डी में लग जाये वो एक शिक्षक से बेहतर साबित होगा। यह भी सत्य है कि जी हुजूरी मैंने कभी सीखी नहीं। कुछ राक्षस प्रवृत्ति के दोस्तों के कारण कालेज तक शिक्षण करने वाला विज्ञान शिक्षक से सेवा निवृत्त होने को मजबूर होना पड़ा। पदोन्नति का शिक्षा विभाग में राजस्थान की भांति कोई नियम नहीं है। वो राक्षस अधिक अमन चैन से नहीं रह पा रहे हैं, एक न एक दिन उनके शव को सड़क से खुरचकर उतरना पड़ेगा, यह मेरा नहीं एक पवित्र आत्मा का अभिशाप है।
सही मायने में 40 सालों की विभिन्न प्रकार की सेवाओं में एक बात नोट की गई कि बहुत से प्राचार्य तो प्राचार्य नहीं राक्षस कहलाने लायक हैं और बहुत से प्राचार्य देवता तुल्य प्राचार्य हैं। इसका मतलब यह नहीं कि मेरे प्रति जिनका व्यवहार अच्छा रहा हो तो देवतुल्य होंगे अपितु स्कूल के हर शिक्षक के प्रति उनका व्यवहार बेहतर हो वे प्राचार्य बेहतर है। कई ऐसे प्राचार्यों से भेंट हुई, साथ काम भी किया जिनका हवाला विगत पोस्ट में किया गया था। क्योंकि 2003 में जहां मुझे स्थायी सेवा मिली। स्टेट अवार्ड के लिए 15 सालों का स्थायी सेवा का अनुभव होना जरूरी है। ऐसे में 2019 के बाद स्टेट अवार्ड के लिए प्रयास करने शुरू किये। एक दो साल अनुभव लिया और फिर 2022 में स्टेट अवार्ड मिल गया। तत्पश्चात में 1 साल का समय मुझे नेशनल अवार्ड के लिए मिला उसमें भी आवेदन किया, लेकिन समय पर एसीआर न मिलने, बाबुओं की हउ़ताल चलने के कारण एसीआर न मिलने से जो अंक मिलने थे उनसे वंचित रह गया। 2024 में फिर प्रयास किया किंतु नेशनल अवार्ड के लिए शर्त लगा दी कि जिनकी उम्र 55 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। सबसे बड़ी विडंबना देखिए की 2016 में शिक्षा विभाग एक नियम पारित कर दिया जिसके तहत जिनकी उम्र 55 साल या इससे अधिक है और स्टेट अवार्ड मिलता है उन्हें अग्रिम वेतन वृद्धियां/ एडवांस वेतन वृद्धियां नहीं दी जाएगी। 2016 से पहले दो अतिरिक्त/एडिशनल वेतन वृद्धियां दी जाती थी वह लाभ भी स्टेट अवार्ड शिक्षकों का सरकार ने खींच लिया। उस पर इस संबंध में 2020 में एक पत्र जारी किया जिसमें दो अतिरिक्त की बजाय एडवांस इंक्रीमेंट देने की बात कही गई और 2 साल की सेवा वृद्धि मिलती थी वह भी समाप्त कर दी गई। कहने का अर्थ है कि अब केवल स्टेट अवार्ड के लिए दो एडवांस इंक्रीमेंट मिलेंगे अगर उम्र 55 सालों से कम हो। जब इतना प्रयास किया जाता है, जब इतनी शिक्षक में योग्यताएं होती है और राज्यपाल द्वारा यह सम्मान दिया जाता है तो उनको 2 साल की सेवा वृद्धि और दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि छीनकर उनके साथ घोर अन्याय किया जा रहा है। आज भी शिक्षा विभाग में बहुत से शिक्षक हैं और कुछ सेवानिवृत्त हो गए हैं जिनकी उम्र 55 साल से अधिक थी और तब अवार्ड मिला था और वो आज भी दो वेतन वृद्धियों का लाभ ले रहे हैं। इस संबंध में शिक्षा विभाग ,उच्च अधिकारियों को आरटीआई की लगाई हुई है जवाब आएगा। प्रधानमंत्री, सीएम विंडो, राज्यपाल सभी को लिखा हुआ है। यदि फिर भी कोई लाभ नहीं मिलता तो आखिरकार न्यायालय की शरण लेना मेरी मजबूरी होगी।
5 सितंबर को धनौदा गांव में बाबा दयाल के प्रांगण में होगा विशाल मेले का आयोजन
-होंगे विभिन्न कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। कनीना के उपमंडल के गांव धनौंदा स्थित श्रीबाबा दयाल के प्रांगण में आगामी 5 सितंबर को विशाल मेले का आयोजन किया जाएगा। जानकारी देते हुए मेला कमेटी के प्रधान ठाकुर रतन सिंह तंवर ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 5 सितंबर को गांव धनौंदा में स्थित हिंदू मुसलमानों की सामूहिक मजार बाबा दयाल के प्रांगण में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विशाल मेले का आयोजन किया जाएगा। इसमें विभिन्न प्रकार के खेल प्रतियोगिताओं के साथ साथ सांग तथा प्रतियोगिता का भी आयोजन कराया जाएगा जिसमें सांगी बाबू दान सिंह की टीम द्वारा किया जाएगा। वहीं मेले में कंपटीशन कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा जिस हरियाणा के जाने-माने लोग गायक कलाकार सुरेंद्र शर्मा, हरीश शर्मा, गीता चौधरी और बेबी सपना डांसर द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया मेले में सांग कार्यक्रम 4 तथा 5 सितंबर को रात्रि में किया जाएगा, वही कंपटीशन कार्यक्रम 4 सितंबर को 11 बजे दिन में आयोजित किया जाएगा। ठाकुर रतन सिंह वह मेला कमेटी की टीम ने यह भी बताया मेले में 21 से लेकर 21000 रुपये तक की कुश्ती कराई जाएगी। मेले में विशिष्ट अतिथि गांव की सरपंच बिनू देवी तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता मार्केट कमेटी कनीना के पूर्व में रहे अध्यक्ष वरिष्ठ समाज सेवी ठाकुर रतन सिंह करेंगे। मेले में जो कुश्ती कराई जाएगी उनमें बराबर छूटने वालों को इनाम नहीं दिया जाएगा। मेला कमेटी के प्रधान ने यह भी बताया इस मेले में हिंदू और मुसलमान एक साथ पूजा अर्चना करते हैं, जिससे आपसी भाईचारा हमेशा कायम रहता है। वही बाबा दयाल के पुजारी शिवकुमार स्वामी ने बताया बाबा के प्रांगण में शक्कर तथा गुड़ के अलावा अन्य प्रकार के प्रसाद वितरण किए जाते हैं और यहां जो भी व्यक्ति अपनी मन्नत मांगता है उसकी मन्नत बाबा दयाल अवश्य पूरी करते हैं।
जनसंपर्क अभियान में नहीं छोड़ रहे कोई कसर
-टिकट मिली भी नहीं और लटक रहे हैं बैनर एवं पोस्टर, हटाने वाला कोई नहीं
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कनीना की आवाज। अटेली विधानसभा में जनसंपर्क अभियान ने तेजी पकड़ ली है। यद्यपि अभी तक निश्चित नहीं हो पाया है कि टिकट किसे मिलेगी। एक सौ के करीब विभिन्न दलों के नेता टिकट की चाहत में हैं। चाहे टिक के लिए उन्होंने दिल्ली में विगत उदो स्पताहों से डेरा डाला हुआ है किंतु उनकी प्रचार गाडिय़ां जमकर गांवों में प्रचार कर रही हैं। ऐसा लग रहा है कि चुनाव एक दो रोज में होने वाले हैं।
यहां तक की सड़क के किनारे पेड़ों, खंभों गांवों में खंभों तथा सड़क किनारे के अलावा घरों पर भारी संख्या में पोस्टर एवं बैनर लगाए हुए हैं। जनसंपर्क अभियान पूरे यौवन पर है। यहां तक अटेली विधानसभा क्षेत्र में एक अनार सौ बीमार वाली कहावत लागू होती है। जहां पुराने प्रत्याशी भी टिकट की दावेदारी जता रहे है। सैकड़ों अन्य प्रत्याशी भी टिकट की दावेदारी जता रहे हैं। खुल्लम खुल्ला प्रचार कर रहे हैं और वोट मांग रहे हैं। यहां तक कि एक ही पार्टी की टिकट के लिए एक तीन-तीन दर्जन के करीब संभावित प्रत्याशी वोट मांग रहे हैं। अब तो आलम यह है कि घर-घर जाकर के वोट मांगना, फोन के जरिए वोट मांगना, वाट्सएप एवं फेसबुक द्वारा भी वोट मांगने की गतिविधियां बढ़ गई हैं। जिनके पास पूरे घर परिवार के वोट भी उनकी ओर नहीं है ऐसा नेता भी अपने पोस्टर और बैनर लगवा कर टिकट की दावेदारी जता रहा है। पहला अवसर है जब क्षेत्रीय प्रत्याशी को वोट तथा टिकट देने की बात कही जा रही है और बाहरी प्रत्याशियों का विरोध किया जा रहा है। विगत दिनों कुछ टिकट की दौड़ वाले नेताओं ने बाहरी प्रत्याशियों को टिकट न दिए जाने की अपील की गई थी। चाय की दुकान तथा अन्य स्थान पर देखें तो बस चुनावी चर्चा छिड़ गई है।
इस बार बेशक वोट किसी भी नेता तथा पार्टी को दिए जाए किंतु इतना जनसंपर्क, टिकट के लिए मारामारी कभी नहीं देखने को मिली थी। एक तरफ जहां शिक्षकों एवं कर्मियों, किसानों एवं आम जन में रोष देखने को मिल रहा है ऐसे मौके पर चुनाव होने जा रहे हैं।
अटेली विधानसभा क्षेत्र से कस्बा कनीना का संबंध 2009 के चुनावों से हुआ है। इससे पहले कनीना तथा इसके आसपास के करीब 30 गांव जाटूसना विधानसभा क्षेत्र में पड़ते थे। वर्ष 2009 में कनीना एवं इसके आस पास के गांव जाटूसाना से हटाकर विभिन्न गांवों को महेंद्रगढ़ एवं अटेली क्षेत्रों में मिला दिया है वही कनीना कस्बे को अटेली विधानसभा क्षेत्र के तहत गुजर बसर करना पड़ रहा है। अटेली विधानसभा से अब तक कस्बा कनीना ने तीन विधायक देखें हैं। 2009 में जहां अनीता यादव विजयी हुई थी वहीं 2014 के चुनाव में संतोष यादव विजर्यी हुई है और अब 2019 में कनीना वासियों ने अटेली से सीताराम को विधायक बतौर देखा है।
कनीना और अटेली दो कस्बे अटेली विधानसभा के कस्बे हैं और अटेली विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी की हार जीत दोनों कस्बों पर निर्भर करती है। यही कारण है कि विभिन्न नेता कनीना और अटेली में वोट के लिए भारी संख्या में पहुंच रहे हैं और वोट देने की अपील कर रहे हैं। विभिन्न दलों के नेता घर-घर जाकर पहली बार टिक मिलने से पूर्व ही वोट मांग रहे हैं।
राष्ट्रीय खेल दिवस पर हाकी के जादूगर को किया नमन
-अगिहार स्कूल में मनाया गया राष्ट्रीय खेल दिवस
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अगिहार में गुरुवार को हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को उनके जन्मदिवस पर याद करते हुए राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों तथा स्टाफ सदस्यों ने हाकी के जादूगर को पुष्प अर्पित किए। विद्यालय में अंग्रेजी के प्रवक्ता मदन मोहन कौशिक ने मेजर ध्यानचंद के जीवन पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए उनके जीवन के अनेक प्रसंग विद्यार्थियों को बताएं तथा हाकी के स्वर्णिम युग को याद किया जब देश ने लगातार दिन ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीते। इस अवसर पर विद्यालय में धर्मेंद्र डीपी के मार्गदर्शन में खेल प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया कबड्डी तथा दौड़ में विद्यालय के विद्यार्थियों जतिन,हर्ष, शिवा, मोहित, प्रवीण, मानवी, संजना हैप्पी,साहिल तथा हिमांशु ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया इस अवसर पर विद्यालय के प्रवक्ता अजय बंसल, राजेंद्र कटारिया निशा,धर्मेंद्र डीपी प्रमोद कुमार, रतनलाल, सुरेंद्र सिंह,वंदना पूनम कुमारी तथा शशि कुमारी सहित विद्यालय के समस्त स्टाफ एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 04: अगिहार में खेल दिवस पर ध्यानचंद को नमन करते हुए बालिकाएं।
जागो वोटर, जागो
मतदान करने से होता है अच्छे प्रत्याशी का चुनाव-बस्तीराम
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कनीना की आवाज। विधानसभा चुनाव एक अक्टूबर को होंगे। चुनाव आयोग भी इस संबंध में यह कार्रवाई में जुटा हुआ है। समय समय पर नये वोटर कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिनकी उम्र 18 वर्ष हो गई है उन्होंने अपने वोटर कार्ड बनवा लिये है। अभी भी वोट बनवा सकते हैं।
किसी कारणवश अगर वोट कट गया है तो अभी भी बनवा सकते हैं। वोट जरूर बनवाना है, वोट बनवाने के लिए घर बैठे भी आनलाइन वोट बनवा सकते हैं। परंतु वोट बनवा लेने कैे बाद वोट डालने जरूर जाना है। इससे अपने मनपसंद प्रत्याशी का चुनाव करना होता है। एक-एक वोट की कीमत समझनी चाहिए। वोट डालकर हम परोक्ष रूप से अपनी सरकार को चलाते हैं। यदि वोट नहीं डालेंगे तो अपनी मनपसंद का नेता न मिलने से विकास कार्यों की दिक्कत हो सकती है। चुना गया प्रत्याशी हमारी भावनाओं पर खरा उतरे इन आशाओं के साथ वोट डालने अपने पास के बूथ पर जाना चाहिए।
अपनी मनपसंद के प्रत्याशी को बिना किसी लोभ लालच के वोट देना चाहिए। वोट डालकर प्रत्याशी का चुनाव किया जाता है। चुनाव आयोग द्वारा घर के आसपास नजदीक पोलिंग बूथ बनाता है, बनाए गये बूथ पर जाकर निर्धारित समय और तिथि पर ही वोट डालने जाना चाहिए। वोट डालने का हक बड़ी कुर्बानियां देकर प्राप्त हुआ था, उन कुर्बानियों को ध्यान में रखे।
फोटो कैप्शन: बस्तीराम बीएलओ
अभी भी बनवा सकते हैं अपना वोट लेकिन वोट ट्रांसफर या काटे नहीं जाएंगे
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कनीना की आवाज। अभी भी जिन मतदाताओं के वोट जिनकी उम्र 18 वर्ष हो गई और वोट गलती से नहीं बन पाया या कटा हुआ है वह अभी भी फार्म नंबर 6 भरकर दे सकते हैं। विस्तृत जानकारी देते बीएलओ सुनील कुमार ने बताया कि चुनाव आयोग के आदेश अनुसार अभी भी सीधे या बीएलओ के जरिए फार्म नंबर 6 भरकर दे सकते हैं ताकि उनका कोई गलती से कटा हुआ वोट है तो फिर बन सकता है।
रविवार से प्रतिदिन होती है वर्षा
--पकती हुई फसल को होगा लाभ-डा. देवराज
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कनीना की आवाज। क्षेत्र में रविवार से प्रतिदिन कुछ न कुछ वर्षा हो जाती है। इन चार दिनों में कुल 12 एमएम वर्षा हुई। सावन बीत जाने के बाद भी वर्षा हो रही है। इस वर्ष 320 एमएम से भी अधिक वर्षा हो चुकी है।
वर्तमान में बाजरे की बेहतरीन फसल खड़ी हुई। अधिक वर्षा होती है तो फसल को नुकसान हो सकता है क्योंकि अब फसल पकान की ओर जा रही है। किंतु अभी तक वर्षा लाभप्रद साबित हो रही है। बहरहाल किसानों की नजरें पकती हुई फसल पर टिकी है। यदि अधिक वर्षा होती है तो भावी रबी फसल को भी लाभ होगा।
इस वर्ष जहां सावन माह में 200 एमएम से अधिक वर्षा हुई है। सावन माह वर्षा के मामले में बेहतर बीता है। किसान अब अपनी फसल को निहार रहे हैं और दृष्टि जमी हुई ताकि निकट भविष्य फसल तैयार हो जाएगी। किसानों का कहना है कि करीब 20 दिनों बाद फसल पक जाएगी और सितंबर माह के अंत तक कटाई हो चुकी होगी।
मिली जानकारी अनुसार कनीना क्षेत्र में बाजरा 47500 एकड़ कपास 20312 एकड़, धान 96 एकड़, ज्वार 1690 एकड़, ढेंचा 500 एकड़, अरहर दो एकड़ ग्वार, 735 एकड़ पर उगाया गया है। वर्षा का पानी फसलों के लिए अमृत साबित होगा। उन्होंने बताया कि जिन खेतों में पानी जमा होता है उनमें फसल नुकसान की संभावना है।
बाजरे का एमएसपी 2625 रुपये प्रति क्विंटल का रखा गया है। विगत वर्षों से सरकारी तौर पर बाजरा खरीदा जा रहा है जिसके चलते भी किसान उत्साहित है और रुझान बाजरे की ओर है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष बाजरा फसल की बिजाई भी देरी से हो पाई है। विगत वर्ष की तुलना में करीब दो सप्ताह देरी से हो पाई है। यही कारण है कि किसान इस वर्ष कुछ परेशान नजर आ रहे हैं।
क्या कहते हैं कृषि विशेषज्ञ-
पूर्व कृषि विशेषज्ञ डा. देवराज का कहना है कि वर्षा का फसलों पर लाभ होगा। अभी तक प्रतिदिन धूप खिलती है तथा वर्षा होती है जिससे फसल को नुकसान नहीं होगा। उनका कहना है कि जब दाने पडऩे लगे तो फसल को पानी की अधिक जरूरत होती है। आगामी 20 दिनों में फसल कटाई हो जाएगी।
फोटो कैप्शन 02: कनीना क्षेत्र में वर्षा के समय बाजरे की लहलहाती फसल
जिला स्तरीय हाकी प्रतियोगिता का आयोजन
-एसडी ककराला की टीम बनी विजेता
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कनीना की आवाज। हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन पर जिला स्तरीय हाकी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सबसे पहले मेजर ध्यानचंद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए गए। जिसमें रमेश कुमार एईओ कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी नारनौल , एसडी गु्रप के फाउडर जगदेव यादव , विद्यालय प्राचार्य औमप्रकाश, सीईओ आर एस यादव , प्रदीप कुमार वालीवाल कोच, सोनपाल कबड्डी कोच, राजकुमार फुटबाल कोच आरपीएस, नीरज हाकी कोच आरपीएस व समरपाल उपस्थित रहे। रमेश कुमार एईओ हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जीवनी पर प्रकाश डाला। एसडी ग्रुप के संस्थापक जगदेव यादव ने बताया कि हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का जन्म आज ही के दिन झांसी उत्तर प्रदेश में हुआ था उनके लिए एक बात प्रसिद्ध थी कि उनकी स्टीक के साथ गेंद लगने के बाद गेंद गोल पोस्ट में ही मिलती थी उनके अंदर देशभक्ति की भावना कूट -कूट भरी हुई थी। खेल कि शुरुआत रमेश कुमार एईओ नारनौल के द्वारा की गई।
जिसमें अंडर 19 आयुवर्ग लड़कों में आरपीएस महेन्द्रगढ प्रथम रही व अंडर 19 आयुवर्ग लड़कियों में एसडी ककराला की टीम प्रथम रही, अंडर 17 आयुवर्ग लड़कों में आरपीएस महेन्द्रगढ की टीम प्रथम रही व अंडर 17 आयु वर्ग लड़कियों में एसडी ककराला की टीम प्रथम रही। अंडर 14 आयु वर्ग लड़कों में एस डी ककराला की टीम प्रथम रही, अंडर 14 आयु वर्ग लड़कियों में एसडी ककराला की टीम प्रथम रही।
फोटो कैप्शन 02: अव्वल रहे खिलाडिय़ों के साथ स्टाफ।
कनीना उपमंडल के गांव ढाणा में पांच दिवसीय क्रिकेट प्रतियोगिता
-अव्वल को किया पुरस्कृत
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव ढाणा में पांच दिवसीय क्रिकेट प्रतियोगिता आयोजित की गई। गोगा नवमी के अवसर पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। इस बार भी मेला बड़ी धूमधाम से आयोजित करवाया गया।
इस मौके पर पांच दिवसीय क्रिकेट प्रतियोगिता में आयोजित की गई जिसका समापन बुधवार को हुआ 5 दिन चलने वाली प्रतियोगिता में आसपास के क्षेत्र से लगभग 40 टीमों ने भाग लिया प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला पुरुखोत्तमपुर और बूचोली के बीच खेला गया।
जिसमें पुरुखोत्तमपुर की टीम ने बूचोली की टीम को मात देकर सीरीज पर अपना कब्जा जमाया वहीं तीसरे स्थान पर मेजबान ढाणा की टीम रही।
बाबा प्रेमदास महाराज ने पुरखोत्तमपुर की टीम को 15000 रुपये नगद ईनाम देकर सम्मानित किया। बूचोली की टीम को 11000 रुपये देकर सम्मानित किया गया। वहीं मेजबान ढ़ाणा को 5100 रुपये देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर राम सिंह, अभय सिंह ,चंदगी साहब ,वेद प्रकाश, पिंकू, पवन हवलदार, ऋषिराज संदीप, बलराम, नवीन, सचिन समुद्रजीत सहित मेला आयोजक कमेटी एवं ग्रामवासी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: अव्वल टीम को पुरस्कृत करते हुए मेला कमेटी के सदस्य।
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