मेरा शिक्षा का सफल पुस्तक से साभार.....
कुछ प्राचार्यों एवं मुखियाओं से नहीं रहे अच्छे संबंध
-सभी के बड़े-बड़े समाचार लिखने का गौरव है हासिल
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कनीना की आवाज। एक शायर ने कहा है कि--
फानूस बनकर जिसकी हिफाजत हवा करे,
वो शमा क्या बुझे जिसे रौशन खुदा करे। सचमुच मुझपर लागू होती है।
कनीना के डा. होशियार सिंह यादव ने बतौर शिक्षक निजी एवं सरकारी स्कूलों में करीब 40 वर्षों तक कार्य किया। इस अवधि दौरान करीब 30 प्राचार्यों ,मुख्य अध्यापकों, इंचार्ज तथा अन्य स्कूल के मुखियाओं के साथ काम करने का अवसर मिला। जहां बहुत कम प्राचार्यों से अच्छे संबंध नहीं रहे है जिनके साथ अच्छे संबंध रहे वो आज तक कायम हैं। आश्चर्यजनक बात तो सेवानिवृत्ति के दिन देखने को मिली जब प्राचार्य मौके पर हाजिर नहीं हुआ। अधिकतर शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने जानबूझकर छुट्टी ले ली। जिसके पीछे यही माना जाता है कि कहीं प्राचार्य के साथ मधुर संबंध नहीं रहे। उनके लिए जी जान एक किया, स्कूल में शिक्षण बहुत बेहतरीन ढंग से किया जिसे आज भी विद्यार्थी याद करते हैं। जब कभी स्कूल में जाना होता है सभी की नजरें टिक जाती हैं परंतु मैं किसी दूसरे की कमी न कहकर मेरी अपनी कमी कह सकता हूं जिसके कारण प्राचार्य से मधुर संबंध नहीं बना पाया किंतु आज के दिन शिक्षकों से प्राचार्य के विषय में बात की जाए तो पता चलता है कि मेररी कमी नहीं रही अपितु.........आप स्वयं अनुमान लगा सकते हैं। शायद मेरे में ऐसे गुण नहीं होंगे जिसके कारण प्राचार्य मेरी सेवानिवृत्ति में हाजिर नहीं रहे। प्राचार्य चाहे हाजिर नहीं रहा लेकिन विद्यार्थियों ने रोते-रोते विदा किया जिसका हवाला अगले एपिसोड में विद्यार्थियों की सारी जानकारी देने का प्रयास किया जाएगा। इससे पहले जिक्र किया जाए कि किन के साथ बहुत मधुर संबंध रहे उनमें सबसे पहले केएल आनंद जो वर्तमान में पंजाब में एक विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर हैं, करीब तीन वर्षों पहले मुलाकात हुई थी या फिर उनसे मुलाकात 1987 में हुई थी। उनसे बहुत अच्छे संबंध रहने के कारण अंतिम समय तक उनके साथ काम किया। यद्यपि उस वक्त स्थायी शिक्षक नहीं रहा परंतु उन्होंने स्वयं चलाकर कहा था कि आप कोर्ट केस डाल दे आप नियमित हो जाएंगे लेकिन उनकी सादगी को देखकर कोई कोई कोर्ट केस नहीं किया। उनसे बहुत अच्छे संबंध रहे। केए मैथ्यू जिसे कनीना के आफिस सुपरिंटेंडेंट धर्मपाल ने मुलाकात करवाई थी, बहुत अच्छे संबंध रहे किंतु अफसोस आज वो इस दुनिया में नहीं है। वो फिर नवोदय विद्यालय समिति दिल्ली में निदेशक पद पर रहे हैं। सुलोचना भल्ला से भी बेहतर संबंध रहे। अंतिम समय तक उनके तहत काम किया किंतु उनकी बदली हो गई। तत्पश्चात
डा. राजेंद्र सिंह जो अल्प समय के लिए कनीना स्कूल में प्राचार्य रहे तथा लंबे समय तक खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी रहे, डाक्टर रामानंद यादव जो कुछ समय के लिए कनीना प्राचार्य रहे लेकिन लंबे समय तक खंड शिक्षा अधिकारी रहे, दोनों से ही बहुत अच्छे संबंध रहे। उन्होंने मेरी हर जगह मदद की। वास्तव में उनको ताउम्र नहीं भुला सकते। आज दोनों ही ये अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं और आज भी शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमा रहे हैं। जहां डाक्टर राजेंद्र सिंह यादव पहले यदुवंशी शिक्षा निकेतन के निदेशक रहे फिर यूरो स्कूल के निदेशक रहे और कई संस्थाओं के निदेशक बतौर काम कर चुके हैं। आज भी समय-समय पर उनसे मुलाकात होती रहती है। वे सम्मानीय हैं और रहेंगे।
इसी कड़ी में बवानिया गांव के प्राचार्य और मेरे समगोत्र में/ गोती भाई कहा जाए तो बुरा नहीं होगा, लालचंद पूर्व प्राचार्य। चाहे उनसे कुछ समय के लिए अच्छे संबंध नहीं रहे किंतु बाद में बहुत अच्छा सहयोग मिला। इसी प्रकार कृष्ण सिंह डागर से भी चाहे कभी मनमुटाव हुआ हो किंतु उनका अंतिम समय तक सहयोग अच्छा रहा। पड़तल कंवर सिंह मुख्य अध्यापक रहे जिनसे बेहतर तालमेल रहा किंतु आज वो इस दुनिया में नहीं हैं। जगदीश प्राचार्य जो पूर्व सीपीएस संतोष यादव के रिलेटिव हैं, उनसे बहुत अच्छे संबंध/तालमेल रहा तथा आज भी वह फोन के जरिए एक दूसरे को याद कर लेते हैं।
सबसे अधिक बुरे संबंध जगमाल सिंह धनौंदा मुख्याध्यापक से रहे। आज वह इस दुनिया में नहीं है परंतु सबसे अधिक कटू संबंध रहे कि हाथापाई की नौबत भी आई। उनके विरुद्ध इतने अधिक पत्र उच्च अधिकारियों को लिखे जो शायद कभी नहीं लिख पाऊंगा। कई अधिकारी इन शिकायतों के जाल में फंसे और धनौंदा स्कूल का रिकार्ड तब से आज तक स्कूल में नहीं है। आखिरी दम तक उनसे लड़ते रहे बार-बार उसके तबादले जेहटाना तक हुए। उन्हें भी कभी नहीं भुला पाऊंगा इसी दौरान अशोक कुमार लिसान निवासी विज्ञान अध्यापक से मुलाकात हुई। दोनों ने मिलकर वो काम किया जो शायद सीआईडी भी नहीं कर पाये। परंतु अशोक कुमार आज इस दुनिया में नहीं हैं।
आरपी कौशिक जो कनीना के प्राचार्य बहुत अच्छे और मधुर संबंध रहे, मिलनसार और सहयोगी साबित हुए।उन्हें स्टेट अवार्ड भी मिला था। हर समय एक दूसरे के सहयोगी बने रहे। हम दोनों विज्ञान अध्यापक थे बाद में वो प्राचार्य पद पर पहुंचे। आज भी मन खुश हो जाता है उनको याद करते हैं तो।
जेडी तनेजा जिसे कोई बुरे संबंध भी नहीं रहे तो अच्छे भी नहीं। प्यारेलाल से अच्छे से संबंध/तालमेल रहा जो आज दक्षिण भारत में सपत्नी रहते हैं। श्रीचंद से बुरे भी नहीं तो अच्छे भी संबंध नहीं रहे, कौशल कुमार से भी कोई कोई अच्छे संबंध नहीं रहे। अनिल कुमार से ठीकठाक संबंध रहे। धर्मपाल से कोई बहुत अच्छे संबंध नहीं रहे। रमन कुमार बहुत बुरे संबंध रहे है। उधर
झुक में धर्मपाल से भी ठीक-ठाक संबंध रहे।
बुरा नहीं जग में कोई, वक्त का सारा खेल है।
सोच समझ ले मूर्ख अब, चार दिनों का मेल है।।
हरदयान सिंह और मदन लाल शर्मा से कोई अच्छे संबंध नहीं रहे। यहां तक की मदनलाल शर्मा
से काफी नोक झोक हुई थी। बनवारी लाल स्वभाव में अच्छे थे किंतु बिचौलियों ने उनसे और मेरे बीच दरार डलवा दी। जिसके चलते बड़़े स्तर पर शिकायत हुई, मेरे विरुद्ध कार्रवाई भी की गई। इसके अतिरिक्त दर्जनों अन्य प्राचार्यों के साथ काम किया किंतु उनसे न तो बुरे और न ही मधुर संबंध रहे। कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि किसी को दोष क्यों दे, शायद मेरे में कोई कमी रही हो जिसके कारण वो विरोधी बने। पर मैं यह दावे से कह सकता हूं कि जितने भी प्राचार्य/ मुखिया संपर्क में आये सभी के बहुत समाचार लिखे ,उनके लिए की जी जान एक किया परंतु कुछेक ने मेरे साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया।
इनमें से कुछ मुखिया चाहे कभी अच्छे व्यवहार करते थे किंतु कुछ बिचौलियों की वजह से उल्टी सीधी बातें मेरे विरुद्ध कह कर मेरे विरुद्ध कर दिया गया। चाहे पत्रकारिता 1989 से कर रहा हूं तथा लेखन कार्य 1985 से कर रहा हूं। लोगों और प्राचार्यों के लिए सदा सहायक साबित हुआ परंतु उन्होंने मुझे अपना नहीं समझा। सिहोर निवासी कृष्ण कुमार प्राचार्य के समय मुझे स्टेट अवार्ड मिला, नेशनल अवार्ड के लिए भी नामांकन किया परंतु केवल कुछ कमियां रहने के कारण विशेष कर एसीआर समय पर नहीं मिल पाने के कारण नेशनल अवार्ड से बाहर रहना पड़ा, नेशनल अवार्ड के लिए महज एक ही अवसर मिल पाया वरना वो भी मेरी झोली में होता। इस अवधि में जहां शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्यपाल से पुरस्कार मिला, पत्रकारिता के क्षेत्र में भी राज्यपाल द्वारा सम्मान मिला, लेखन कार्य के लिए भी राज्यपाल से सम्मान मिला। सम्मानों में कोई कमी नहीं आई। यह भी सत्य है की बड़े-बड़े सम्मान मिले किंतु जिला स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में कभी कोई सम्मान नहीं मिला।
विद्यार्थियों का किसी भी स्कूल में जाए बहुत अच्छा सम्मान मिला और विद्यार्थियों को जमकर जी जान से पढ़ाया, जिसके कारण आज विद्यार्थी बड़े-बड़े पदों पर विराजमान है और जहां कहीं यहां मिल जाते हैं पुरानी यादों में खो जाते हैं।
हर लब को हमने सीना है, हर जहर हमें पीना है।
लाख विरोधी यूं बन जाए, फिर भी हंसकर जीना है।।
एसडी ककराला में खंड स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं का दूसरा दिन
---आयोजित हुई विभिन्न प्रतियोगिता
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कनीना की आवाज। खंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताओं का आज दूसरा दिन रहा। इस मौके पर विभिन्न खेल स्पर्धाएं आयोजित की गई जिनके परिणाम इस प्रकार रहे-
खो- खो प्रतियोगिता में अंडर 11 आयु वर्ग में सदासुख सिनियर सैकेडेरी स्कूल प्रथम , 14 आयु वर्ग में यूरो स्कूल कनीना प्रथम रहा , कबड्डी प्रतियोगिता में अंडर-11 आयु वर्ग में एसआरटीआर सुरजनवास स्कूल प्रथम, 14 आयु वर्ग में इंडस वैली सीनियर सैकेडेरी स्कूल दौंगडा अहीर प्रथम, अंडर 17 आयु वर्ग में जीएसएसएस स्कूल पाथेडा प्रथम रहा । फुटबाल प्रतियोगिता में अंडर 14 आयु वर्ग में एसडी स्कूल ककराला प्रथम , 17 आयु वर्ग में एसडी स्कूल ककराला प्रथम, 19 में आयु वर्ग में ब्रिलियेन्ट स्कूल धनौदा प्रथम, वालीवाल प्रतियोगिता में अंडर 14 आयु वर्ग में आरएचएम पोता प्रथम , अंडर 17 आयु वर्ग में आरएचएम पोता प्रथम व 19 आयु वर्ग में यूरो स्कूल कनीना प्रथम रहा।
दौड़ प्रतियोगिता में अंडर 11 आयु वर्ग में 100मी. में बीआर स्कूल सेहलग का छात्र आर्यन प्रथम ,अंडर 11 आयु वर्ग में 200 मी. लड़कों की दौड में देवयानी स्कूल बेवल का छात्र पराग प्रथम ,अंडर 11 आयु वर्ग में 400मी. लड़कों की दौड़ में एसएमएस स्कूल कनीना का छात्र मंयक प्रथम, अंडर 14 आयुवर्ग में 100मी. लड़कों की दौड़ में यूरो स्कूल कनीना का छात्र हितेश प्रथम, अंडर 14 आयुवर्ग में 200मी. लड़कों की दौड़ में एसडी स्कूल ककराला का छात्र आर्यन प्रथम, अंडर 17 आयु वर्ग में 200मी. लड़कों की दौड़ में जीएसएसएस बुचावास का छात्र सौरभ प्रथम, अंडर 17 आयुवर्ग में 100मी0 लड़कों की दौड़ में आरपीएसकनीना का छात्र अमन प्रथम, अंडर 17 आयु वर्ग में 1500मी. लड़कों की दौड़ में जीएचएस भडफ़ का छात्र सचिन प्रथम, अंडर 19 आयुवर्ग में 800मी0 लड़को की दौड में जीएसएसएस धनौदा का छात्र दीपेन्द्र प्रथम ,अंडर 19 आयु वर्ग में 1500मी. लड़कों की दौड़ में पैराडाइज स्कूल मुंडिया खेड़ा का छात्र हैप्पी प्रथम, अंडर 17 आयु वर्ग में 800मी. लड़कों की दौड़ में जीएलपीएस स्कूल कनीना का छात्र हर्ष प्रथम, अंडर 19 आयु वर्ग में 5000 मी. लड़कों की दौड़ में एसडी स्कूल ककराला का छात्र हिमांशु प्रथम, अंडर 17 आयु वर्ग में 3000मी. लड़कों की दौड़ में जीएसएसएस बाघोत का छात्र नीरज प्रथम, अंडर 19 आयुवर्ग में 100मी. लड़कों की दौड़ में एसडी स्कूल ककराला का छात्र हिमाशु प्रथम, अंडर 14 आयुवर्ग में 600मी. लड़कों की दौड़ में एसडी स्कूल ककराला का छात्र यश धनखड प्रथम रहे। भाला फेंक प्रतियोगिता में अंडर 17 आयु वर्ग में एसडी स्कूल ककराला का हेमंत प्रथम, अंडर 19 आयुवर्ग में माडर्न स्कूल भोजावास का छात्र विवेक प्रथम, अंडर-17 आयु वर्ग में शार्ट पुट में जीएमएसएसएसएस स्कूल कनीना हर्षित प्रथम, अंडर 19 आयु वर्ग में शार्ट पुट में जीएसएसएस स्कूल बूचावास विकास प्रथम रहा। अंडर 19 आयुवर्ग में लोंग जम्प में आरएचएम स्कूल पोता का विकास प्रथम, अंडर 17 आयुवर्ग में लोंग जम्प में सदासुख स्कूल कनीना का योगेश प्रथम रहा, हाई जम्प प्रतियोगिता में अंडर-14 व अंडर-17 आयुवर्ग में आरपीएस स्कूल कनीना का छात्र हिंमाशु व पिंस प्रथम रहे। डिस्कस प्रतियोगिता में अंडर-17 व अंडर-19 में जीएमएसएसएस कनीना का छात्र हर्षित व जीएसएसएस बुचावास का विकास प्रथम रहा।
फोटो कैप्शन 13: कबड्डी की अव्वल रही टीम के साथ शिक्षक।
भारतीय किसान संघ की महेंद्रगढ़ जिले की नई कार्यकारिणी का गठन-
-राजकुमार यादव जिला अध्यक्ष बने, किसानों की समस्याओं पर की चर्चा
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कनीना की आवाज। बवानिया गांव में भारतीय किसान संघ के मार्गदर्शन में महेंद्रगढ़ जिले की कार्यकारिणी का सर्वसम्मति से गठन किया गया। जिसमें प्रदेश बीज प्रमुख एवं निर्वाचन अधिकारी संजय जाखड़ द्वारा जिला अध्यक्ष व जिला मंत्री सहित जिला कार्यकारिणी का निर्वाचन किया गया। प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डा. देवेंद्र यादव पूर्व जिला कृषि अधिकारी ने नवनियुक्त अध्यक्ष का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया। इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकारिणी सदस्य डा देवेंद्र यादव पूर्व कृषि अधिकारी सहित युवा प्रमुख, प्रांत जैविक प्रमुख और विभाग प्रचारक एवं जिले के सभी कार्यकर्ता मौजूद रहे। जिला कार्यकारिणी में जिला अध्यक्ष राजकुमार यादव दौंगड़ा अहीर,बनारसी देवी महिला जिला प्रमुख बवानिया, उपाध्यक्ष पवन कुमार भोजावास, किशन लाल सलीमपुर,मंत्री विनोद कुमार खासपुर, सहमंत्री विजेंद्र सिंह इसराना, कोषाध्यक्ष जगराम यादव सुंदरह, गौसेवा प्रमुख राधेश्याम गोमली,पूर्णचंद सिलारपुर इसके अलावा कार्यकारिणी सदस्य चिरंजीलाल, बाबूलाल राता कला, लख्मीचंद मुंडिया खेड़ा, अख्मी राम अटेली गांव, देशराज खैराना,संजय कुमार डिगरोता को कार्यभार सौंपा गया। जिला अध्यक्ष राजकुमार यादव व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डा. देवेंद्र यादव पूर्व कृषि अधिकारी ने कहा कि संगठन की ओर से जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है वह उसका पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करेंगे। किसानों के हितों के लिए निरंतर बेहतर कार्य करने के प्रयास किए जाएंगे। बैठक में किसानों की समस्याओं पर मंथन करते हुए उनके समाधान के लिए प्रयास करने का निर्णय लिया गया।
फोटो कैप्शन 11: भारत किसान संघ की कार्यकारिणी सहित पदाधिकारी।
एसडीएम कनीना ने किया कार्यभार ग्रहण
-मिलने पहुंचे विभिन्न लोग
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कनीना की आवाज। कनीना के एसडीएम रणवीर सिंह का तबादला रेवाड़ी होने के पश्चात नए एसडीम अमित कुमार ने कनीना एसडीएम का कार्यभार ग्रहण कर लिया है। अमित कुमार एसडीएम लोहारू से तबादला होकर आये हैं। कार्यभार ग्रहण करने के बाद कनीना क्षेत्र से अनेक जन उनसे मिलने पहुंचे। उन्हें गुलदस्ता भेंट किया और उनका स्वागत किया गया। नए एसडीम ने उन्हें आश्वासन दिया कि किसी भी प्रकार की समस्या हो तो उन्हें अवगत कराया जाए ताकि समय पर समाधान करवाया जा सके।
इस मौके पर रमेश महलावत , वाइस चेयरमैन पंचायत समिति कनीना साथ में राव भंवर सिंह सुंदरह ,जिला सचिव महेंद्रगढ़, भारतीय यादव महासभा एवं इंसाफ मंच हरियाणा ने स्वागत किया ओर उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
फोटो कैप्शन 01: वाइस प्रेसिडेंट एसडीएम कनीना अमित कुमार को गुलदस्ता भेंट करते हुए।
बाजरे की फसल तेज हवाओं से गिरी, नुकसान की संभावना बढ़ी
--तेज हवाओं एवं वर्षा का कुप्रभाव
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कनीना की आवाज। मंगलवार की शाम के समय 31 एमएम वर्षा हुई तथा तेज आंधी चली। तेज हवाओं के बाद वर्षा होने के कारण किसानों के खेतों से बाजरे की फसल गिर गई है। किसान चिंता में डूब गए हैं इस बार देरी से बाजरे की फसल उगाई गई थी और उन्हें विश्वास था कि अक्टूबर केे चुनावों से पहले खेतों की लावणी का कार्य पूरा कर लिया जाएगा परंतु मंगलवार की तेज वर्षा और हवाओं ने किसानों की आशाओं पर पानी फेर दिया है। इस संबंध में किसानों से चर्चा की गई जिसमें बनवारी लाल, राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, अजीत कुमार ,महेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह आदि ने बताया कि उनके खेतों में मंगलवार की हवा और वर्षा के कारण बाजरे की फसल जमीन पर लेट गई है। अब उसमें नुकसान होने का अंदेशा बन गया है। सरकार की ओर से ऐसी फसल को कोई आर्थिक सहायता नहीं मिलती, जहां चुनाव का मजा किरकिरा कर दिया है वहीं किसान चिंता में डूब गए हैं।
इस संबंध में कृषि विकास केंद्र महेंद्रगढ़ के वरिष्ठ संयोजक डा. रमेश कुमार से बात हुई। डा. रमेश कुमार ने बताया कि जो फसल खेतों में वर्षा और हवाओं से गिर गई है वह खड़ी नहीं हो सकती उसमें न तो भुट्टा आएगा और न ही दाने पड़ेंगे। निश्चित रूप से वह नुकसान होगा। ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे यह फसल खड़ी हो जाए।
फोटो कैप्शन 09 एवं 10: तेज हवाओं से गिरी बाजरे की फसल साथ में डा. रमेश कुमार
बैंगन सब्जी में कीट का प्रकोप
-किसान एवं सब्जी उगाने वाले परेशान
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कनीना की आवाज। यूं तो बारिश के मौसम में विशेषकर सावन माह में हरी पत्तेदार सब्जियां लगभग नष्ट हो जाती है जिनपर कीटों का प्रकोप होता है किंतु अब सावन माह के बाद बैंगन के पौधों में भारी मात्रा में कीड़ा लग गया है। बैंगन उगाकर सब्जी पैदा करने वाले लोग परेशान हैं।
किसान महिपाल सिंह, महावीर सिंह, निरंजन कुमार आदि ने बताया कि इस समय बैंगन की सब्जी में हर वर्ष की भांति कीड़ों का प्रभाव है जिसमें बैंगन का ऊपरी भाग मुरझा जाता है और बैंगन की सब्जी में कीड़े लग जाते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां भी कीटों के प्रकोप से प्रभावित है। पैदावार खत्म होने को है। क्या कहते हैं सब्जी उगाने वाले किसान--
बैंगन सब्जी में वर्षा के वक्त बैंगन पौधे के पत्ते एवं टहनियां मुरझा जाती है तथा फलों में छेद हो जाते हैं जिसके कारण पैदावार नष्ट हो जाती है। किसान परेशान मिलते हैं। इस वर्ष की नहीं अपितु हर वर्ष की यह समस्या है।
---निरंजन किसान,कनीना
बैंगन की सब्जी यूं तो पूरे वर्ष चलती है किंतु जब वर्षा होती है तो तने एवं फलों में छेद करने वाला कीड़ा लग गया है जो सारी पैदावार को नष्ट कर देता है। सब्जी की पैदावार ले पाना कठिन हो गया है। आय का स्रोत भी खत्म हो जाता है।
----सुंदर किसान, सब्जी उत्पादक
बैंगन सब्जी में फ्रूट एवं सूट बोरर कीड़ा लगा हुआ है। अधिकांश बैंगन के पौधे के ऊपरी भाग अगले दिन मुरझाये हुए नजर आते हैं जिनमें कीड़ा लग जाता है। इन पौधों के तने एवं फलों में बोरर कीट अंदर घुस जाता है। बैंगन सब्जी में भी खराब हो जाती है। उन्होंने कहा कि पौधों पर नीम की दवा का छिड़काव करें तो ज्यादा बेहतर होगा क्योंकि नीम की दवा सेहत के लिए लाभप्रद है तथा प्रकृति तथा खेत पर कोई कुप्रभाव नहीं पड़ेगा। या फिर सपाइनोशेड 45 एससी की 75 ग्राम मात्रा 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ 15-15 दिनों पर छिड़काव करें। जिन फलों में तथा तनें में कीड़ा है उसे काटकर भूमि में दबा दे।
---डीएचओ डा प्रेम कुमार नारनौल
फोटो कैप्शन : डा प्रेम कुमार डीएचओ, साथ में निरंजन एवं सुंदर किसान
फोटो कैप्शन 07 व 08: बैंगन फसल में कीड़े का प्रकोप
यूजी एवं पीजी कक्षाओं प्रवेश के लिए फिर से खोला गया पोर्टल
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कनीना की आवाज। यूजी एवं पीजी कक्षाओं प्रवेश के लिए फिर से पोर्टल खोले जाने की मांग को लेकर के हरियाणा शिक्षा विभाग ने फिर से प्रवेश पाने वाले प्रथम, द्वितीय,तृतीया वर्ष के स्नातक स्तर के प्रवेश तथा स्नातकोत्तर के प्रवेश के लिए पोर्टल 30 अगस्त तक फिर से खोल दिया गया है। विस्तृत जानकारी देते हुए प्रोफेसर हरिओम शर्मा ने बताया कि फिर से पोर्टल 21 अगस्त से खुल चुका है जो 30 अगस्त तक खुला रहेगा। आनलाइन पोर्टल पर आवेदन कर सकता है।
कनीना में हुई भारी वर्षा
- जाम हुआ रेलवे अं
डर पास मार्ग
-मंगलवार शाम को हुई 31 एमएम वर्षा
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कनीना की आवाज। कनीना में भारी वर्षा से एक मात्र नारनौल-अटेली को जाने वाला अंडरपास मार्ग वर्षा के पानी से भर गया जिससे आने जाने वालों काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। दुपहिया वाहन तो बीच में ही बंद हो गए। बता दे की कनीना, अटेली ,नारनौल मार्ग पर फ्लाई ओवर का कार्य चलने के कारण यातायात के लिए ककराला अंडरपास के बड़े और तंग मार्ग से जाने को मजबूर होना पड़ रहा है। राहगीरों के लिए एक मात्र मार्ग होने वर्षा के समय में काफी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है।
कनीना के सभी मार्गों पर गंदा जल भर गया। विभिन्न जोहड़ लबालब भर गये। कुछ दुकानों में गंदा पानी घुस गया।
कनीना क्षेत्र सावन माह में 200 एमएम वर्षा हो चुकी है। बाजरा और कपास की खड़ी फसल में रौनक आ गई है।
किसान रामफल, अजीत कुमार, राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, कृष्ण कुमार, योगेश कुमार आदि ने बताया कि सावन माह में अच्छी वर्षा हुई है। अकेले सावन माह की वर्षा जून एवं जुलाई में हुई वर्षा से अधिक है। जून एवं जुलाई एवं अगस्त माह में अब तक 327 एमएम वर्षा हो चुकी है। बाजरा और कपास की खड़ी फसल में रौनक आ गई है।
किसान रामफल, अजीत कुमार, राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, कृष्ण कुमार, योगेश कुमार आदि ने बताया कि सावन माह में अच्छी वर्षा हुई है। अकेले सावन माह की वर्षा जून एवं जुलाई में हुई वर्षा से अधिक है। दिनभर मौसम नहीं खुलता। बादल छाये रहते हैं।
एसडीओ कृषि डा अजय कुमार का कहना है कि वर्षा से फसलों को लाभ होगा। बाजरा अब पकान की ओर जा रहा है। जिनको पानी की जरूरत है। पानी की पूर्ति होने से फसलों में आब आ गई है। उन्होंने कहा कि अधिक वर्षा फसलों के लिए तभी घातक साबित होगी जब खेतों में पानी खड़ा रहेगा। ऐसे में किसानों को अपने खेतों की निगरानी रखनी चाहिए। अधिक वर्षा का जल बाजरा एवं कपास दोनों के लिए घातक साबित हो सकता है।
उधर वर्षा के कारण कनीना की गलियां जलमग्र हो गई। जोहड़ लबालब गंदे जल से भर गये हैं। आवागमन प्रभावित हो गया है वहीं निचले स्थानों पर भी जल जमा हो गया है।
कनीना किसान रामफल, अजीत कुमार, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, योगेश कुमार, महेश कुमार आदि ने बताया कि सावन माह उनके लिए बेहतरीन वर्षा लेकर आया है। जून-जुलाई में जो वर्षा हुई उससे कहीं ज्यादा सावन माह में हुई है। दिनभर मौसम सुहाना रहता है। वर्षा फसलों के लिए अच्छी साबित होगी वहीं आगामी फसल के लिए भी अच्छी साबित होगी। जहां रबी फसल उगाने में महज दो माह बाकी हैं।
उधर वर्षा के चलते विभिन्न स्थानों पर, निचले स्थान पर जल भराव हो गया है, जोहड़ लबालब भर गए हैं। कनीना के दो जोहड़ होलीवाला और कालरवाली पूर्ण रूप से भरे हुए हैं जिनका पानी दूर दराज तक फैल रहा है। गंदे नगर पालिका समय-समय पर निकाल कर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचा रही है। वर्षा के चलते जहां किसानों की चेहरे पर रौनक आ गई है।
पूर्व एडीओ डा देवेंद्र कुमार ने बताया कि वर्षा से फसलों को लाभ होगा। उन्होंने बताया उन्होंने बताया कि बाजरा 47500 एकड़, कपास 20312 एकड़, धान 96 एकड़, ज्वार 1690 एकड़, ढेंचा 500 एकड़, अरहर दो एकड़, ग्वार, 735 एकड़ पर उगाया गया है। वर्षा का पानी फसलों के लिए अमृत साबित होगा। उन्होंने बताया कि जिन खेतों में पानी जमा होता है उनमें फसल नुकसान की संभावना है। कपास की फसल में सड्डन विल्ट का रोग आ सकता है।
डा विकास ने बताया कि क्षेत्र की भूमि बालू प्रधान है जो जल्दी पानी को सोख लेती है। इसलिए चाहे अधिक वर्षा भी होगी तो किसानों के लिए लाभ होगा। बाजरा बड़ा हो गया है जिनको पानी की जरूरत थी। पानी की पूर्ति होने से फसलों में आब आ गई है। किसान अपनी फसलों को देखकर खुश नजर आये।
फोटो कैप्शन 05 व 06: कनीना में हुई वर्षा के बाद हालात।
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