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Saturday, August 31, 2024


 
जिला स्तर पर आरकेवाई विद्यालय के छात्र जतिन का शतरंज में चयन
--स्कूल स्टाफ ने किया पुरस्कृत
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कनीना की आवाज।
  हरियाणा स्कूल खेल 2024-25 में एसजीएफआई द्वारा आयोजित शतरंज टूर्नामेंट में आरकेवाई विद्यालय के छात्र जतिन ने भाग लिया और उत्कृष्ट प्रदर्शन कर विद्यालय को गौरवान्वित किया और राज्य  स्तर पर खेलने के लिए चयनित हुआ। जतिन ने अपने मानसिक कौशल और दक्षता से सभी का मन मोह लिया।
विद्यालय संचालक सुरेश कुमार ने अनुशासन और कठोर परिश्रम को सफलता का राज बताया। डिप्टी डायरेक्टर अतर सिंह ने प्रतिभागी के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। विद्यालय प्राचार्या सतेन्द्रा यादव ने बताया कि छात्र जतिन ने मेहनत और समर्पण से लक्ष्य को हासिल किया। खेल विद्यार्थियों के मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बच्चे के साथ-साथ अभिभावक को भी बधाई दी और बच्चे को प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
फोटो कैप्शन 05: छात्र जतिन को सम्मानित करते हुए स्कूल स्टाफ।






कनीना पावर हाउस से पवन रोहिल्ला कनिष्ट अभियंता हुए सेवानिवृत्त
-पवन रोहिल्ला 31 सालों से अधिक दी है सेवाएं
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कनीना की आवाज।
 कनीना के पावर हाउस से पवन रोहिल्ला कनिष्ठ अभियंता सेवानिवृत्त हो गए हैं। उन्होंने 31 साल से भी अधिक सेवा इस विभाग को दी है।
 मिली जानकारी अनुसार 1993 में बतौर एएलएम जैनाबाद ढहीना सेवा में आए थे। तत्पश्चात बूड़ोली में भी उन्होंने सेवाएं दी और पदोन्नति पाई। कनीना में जेई बतौर आज सेवानिवृत्त हो गए हैं। इस अवसर पर भारी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित रहे और उन्हें बधाई दी। इस मौके पर समस्त पावर हाउस स्टाफ हाजिर रहा। फूल मालाओं, पगड़ी आदि देकर विदा किया।
 फोटो कैप्शन 06: पवन रोहिल्ला जेई को विदाई देते हुए पावर हाउस कर्मी एवं अधिकारी





एपिसोड 18
-मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार
एक यक्ष प्रश्र बनकर रह गया राज्य शिक्षक प्राप्त शिक्षकों को दो वेतनवृद्धियां देना
- अग्रिम या अतिरिक्त वेतनवृद्धियां दी जाए?
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कनीना की आवाज।
 राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करना बेशक कुछ लोगों की नजर में बहुत आसान हो परंतु पाना बहुत कठिन है। राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करना तलवार की धार पर चलने के समान है। विगत 2016 से पहले राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त होने पर शिक्षकों को दो अग्रिम वेतनवृद्धियां, 2 साल का सेवा विस्तार, 21 हजार रुपये नकद, गोल्ड मेडल, शाल एवं प्रशस्ति पत्र दिये जाते रहे हैं परंतु 2016 में पे एंड पेंशन रूल में अग्रिम वेतनवृद्धि के चैप्टर को ही बंद कर दिया और उसकी जगह अतिरिक्त वेतनवृद्धि शब्द जोड़ दिया गया जिसमें भी एक और सब-प्वाइंट जोड़ दिया गया जिसमें कहा गया है कि जिनकी उम्र 55 साल हो जाए और उन्हें स्टेट अवार्ड मिलता है तो दो अग्रिम वेतन वृद्धियां भी नहीं दी जाएगी। ऐसे में अब जिनकी उम्र 55 साल हो गई है और उन्हें राज्य शिक्षक पुरस्कार मिलता है तो वह अवार्ड महज एक कागज का टुकड़ा साबित होता है। जिसका कोई लाभ नहीं होता क्योंकि आज के दिन इंसान की प्रमुख जरूरतों में से एक पैसा है और जब पैसे का कोई लाभ होता ही नहीं, दो सेवा विस्तार मिलता ही नहीं तो आखिर इस अवार्ड की अहमियत क्या रह गई है? बुजुर्ग कहते आए हैं कि उस सोने के बाला का क्या लाभ जो कान को ही फाड़ दे अर्थात जिससे कोई लाभ ही नहीं है तो उसके लिए इतनी भाग दौड़ क्यों? जब कभी सरकार स्टेट अवार्ड के लिए आवेदन मांगती है तो उसमें ऐसा कोई हवाला नहीं दिया जाता, अगर ऐसा हवाला लिख दिया जाए तो हो सकता है कुछ शिक्षक जिनकी उम्र 55 साल हो गई है, वह प्रयास न करें ताकि अन्य किसी शिक्षक को भी मौका मिल सके। ऐसा 2023 तक नेशनल अवार्ड में भी नहीं होता था चूंकि खुद डा होशियार सिंह ने इसके लिए आवेदन किया था परंतु बदकिस्मती न साथ नहीं छोड़ा, बाबुओं की हड़ताल के कारण एसीआर नहीं मिलने से कुछ अंक कम रह गये।  परंतु 2024 में नेशनल अवार्ड में स्पष्ट लिख दिया गया है कि जिनकी उम्र 55 वर्ष हो गई है वह इस अवार्ड के लिए आवेदन न करें। इससे बेहतर नेशनल अवार्ड है जो नियम स्पष्ट कर देता है। चाहे जो भी हो 2016 में जब पे एंड पेंशन रूल बना दिया गया फिर 2020 में जाकर एक पत्र जारी कर दिया गया जिसमें कहा गया है कि दो अतिरिक्त वेतन वृद्धियों की जगह दो अग्रिम वेतनवृद्धियां मिलेगी, साथ में 2 साल का सेवा विस्तार भी बंद कर दिया गया, शाल, मेडल प्रशस्ति पत्र और 21000 रुपये की बजाय एक लाख रुपये का पुरस्कार रख दिया गया। शायद कु लोग यह समझते होंगे कि एक लाख रुपये मिलना बहुत बड़ी उपलब्धि है किंतु सही मायने में अवार्ड लिया जाए तो एक लाख रुपये से कहीं अधिक शिक्षक के दान पुण्य एवं चून चटाई में खर्च हो जाते हैं।
  फिर एक बात और उभर आई कि जिन प्राचार्य के तहत शिक्षकों को यह अवार्ड मिल गया तो बहुत से प्राचार्यों ने दो वेतनवृद्धियां तुरंत दे दी परंतु कुछ प्राचार्यों ने अपनी शान समझते हुए एतराज लगना शुरू कर दिया और पे एंड पेंशन का हवाला देने लग गये। परंतु ऐसे प्राचार्य और एसओ बहुत कम हैं। प्रदेश हरियाणा में 2016 से अब तक कितने ही शिक्षकों को स्टेट अवार्ड मिल चुका है और वह खुशी-खुशी दो अग्रिम या एडिशनल  वेतनवृद्धियां भी ले चुके हैं। अगर अतिरिक्त वेतन वृद्धियां मिलनी थी तो भी ले चुके हैं। बहुत से प्राचार्यें ने दो वेतनवृद्धियां तुरंत दे दी चाहे वो एडिशन हो या एडवांस। जानकारी अनुसार 2021 से 2023 के बीच भी एक दर्जन से अधिक शिक्षक जिनकी उम्र 55 साल से अधिक हो गई थी और स्टेट अवार्ड लेकर दो वेतनवृद्धियां भी ले रहे हैं और कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैं परंतु कुछ प्राचार्यों ने बहादुरी समझते हुए दो अतिरिक्त वेतनवृद्धियां अभी तक शिक्षकों को नहीं दी और अपनी शान समझते हुए यह कहते हैं कि देख लो हमने इन शिक्षकों की दो अग्रिम वेतनवृद्धियां रोक कर दिखा दी। बड़े दुख की बात होती है की एक ही राज्य में दो प्रकार के नियम लागू हो रहे हैं। एक और जहां शिक्षक अवार्ड लेकर के उम्र भी पार कर गए और अग्रिम वेतनवृद्धियां भी ले रहे हैं वहीं कुछ शिक्षक पाने के लिए दर-दर भटक दर-दर की ठोकर खा रहे हैं।
यह मामला जब आरटीआई से लेना चाहे तो शिक्षा विभाग मौन हो जाता है और उसे थर्ड पार्टी सूचना बताकर उन शिक्षकों के नाम देने से गुरेज करता है। स्वयं डा. होशियार सिंह ने भी इस संबंध में कई बार आरटीआई लगाई लेकिन जवाब नहीं दिया गया और जवाब मिला तो थर्ड पार्टी इनफारमेशन लिखकर आ गया और तो क्या जब प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को भी इस संबंध में पत्र इस संबंध में पत्र लिखा तब उन्होंने भी शिक्षा विभाग को पत्र प्रेषित कर दिया और वहां से पत्र संबंधित प्राचार्यों एवं जिला शिक्षा अधिकारियों  को भेज दिया गया। प्राचार्यों ने फिर से अपनी वही कलुषित टिप्पणी लिखने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
स्टेट अवार्डी शिक्षकों,जिनकी उम्र 55 साल से अधिक हो गई है उन्हें किसी प्रकार का कोई लाभ नहीं मिलने पर बहुत से शिक्षक तालियां पीटते देखे गए और यह कहते सुने गए कि बहुत अच्छा हुआ, ऐसा ही होना चाहिए था। साथ प्राचार्य यह कहते हुए नहीं थकते कि हमने उनकी दो अग्रिम वेतनवृद्धियां रोक दी है। परंतु जो शिक्षक नियमविरुद्ध यह लाभ ले रहे हैं उनके बारे में पूछा जाए तो फिर उपरोक्त मौन हो जाते हैं। प्रदेश हरियाणा का दस्तूर है की बराबर खाना मिलता है एक खा जाता है दूसरे को खाना छूने भी नहीं देते। चाहे कुछ भी हो न्यायालय तक भी मामला पहुंचा हुआ है और इस संबंध में राज्यपाल और राष्ट्रपति को भी पत्र भेजा हुआ है, जवाब कुछ भी आए या न आए एक बार ऐसे प्राचार्यों को जिन्होंने दो अग्रिम वेतन वृद्धियां रोक दी है न्यायालय तक जरूर घसीटकर ले जाया जाएगा। जिनमें डा. होशियार सिंह भी शामिल हो गए हैं।





नेताओं के जमकर काम आ रहा है सोशल मीडिया
-दिनभर होता है इस प्लेटफार्म पर प्रचार
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कनीना की आवाज।
 एक और जहां चुनाव प्रचार का विज्ञापन देने में पैसे खर्च होते हैं वही विज्ञापन के पैसे भी  चुनाव लडऩे वालों के खाते में जुड़ते हैं किंतु सोशल मीडिया पर प्रचार करना सरल बन गया है। एक अक्टूबर को हरियाणा में विधानसभा का मतदान होना है जिसको लेकर के तैयारियां चल रही हैं। चाहे अभी तक प्रमुख दलों ने टिकटों की घोषणा नहीं की हैं परंतु प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। एक सौ के करीब नेता टिकटों के लिए मारामारी कर रहे हैं और अपनी शक्ति का प्रदर्शन सोशल मीडिया पर कर रहे हैं।  ऐसे में सबसे सरल माध्यम सोशल मीडिया हाथ लगा हुआ है। सभी अपने-अपना प्रचार अपने-अपने गांव के दौरे, सभी प्रकार की चुनाव से संबंधित जानकारी सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं ताकि कोई खर्चा न आए और  अभी तक सोशल मीडिया पर ऐतराज नहीं हो रहा है। इसे कहते हैं हल्दी लगी ना फिटकरी रंग आया चोखा। लोग एवं नेता जमकर अपनी भड़ास निकल रहे हैं। किसी का विरोध करना हो या किसी का पक्ष लेना हो तो सोशल मीडिया काम आता हैं। छोटे-छोटे नेता भी अपने चुनाव लडऩे वाले नेताओं का प्रचार सोशल मीडिया के जरिए कर रहे हैं। सोशल मीडिया में जहां फेसबुक, व्हाट्सएप इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि जमकर प्रयोग किया जा रहा है। जहां पहले कुछ गिने चुने यूट्यूबर  मिलते थे किंतु अब तो सभी के हाथ मोबाइल लगा हुआ है जिससे वह अपनी सभी प्रकार की जानकारी वीडियो बनाकर डाल रहे हैं। इस प्रकार हर प्रकार से सोशल मीडिया नेताओं के काम आ रहा है। नेता भी अब खुश है क्योंकि उन्हें अब प्रिंट  मीडिया का सहारा कम लेना पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर नेता इस कदर हावी होते जा रहे हैं कि सुबह से शाम तक चुनावी घटनाएं, चर्चाएं चलती रहती हैं। ऐसा लगता है आने वाले समय में सोशल मीडिया बहुत हावी हो जाएगा।
एक वक्त था जब नेताओं की सभा में भारी भीड़ जुटती थी बिल्ले, बैनर, पार्टी की झंडियां, पंपलेट प्रचार करने का सशक्त माध्यम होता था, सोशल मीडिया प्लेटफार्म उपलब्ध नहीं था। उस वक्त अगर कोई जानकारी मिलती थी छतों पर लगे पार्टी की झंडियां प्रमुख होती थी। छतों पर लगाए गए पार्टियों के झंडे साबित करते थे कि घर में किस पार्टी के वोट है परंतु अब परिवारों के वोट बंटते जा रहे हैं। एक ही परिवार में अलग अलग नेताओं को वोट देने वाले सदस्य मिल सकते हैं। ऐसे में उनके काम सोशल मीडिया आ रहा है। सोशल मीडिया पर प्रचार होता है। आज के दिन चाहे ग्वाला हो या दोधिया हो या फिर कोई रखवाला हो सभी के पास मोबाइल होते हैं। सुबह से शाम यह दिन शाम के बिताए गए क्षणों को की गणना की जाए तो सबसे अधिक समय मोबाइल पर दिया जाता है। काम की बातें भी मोबाइल पर कम होती है अनावश्यक  बातें अधिक आने लग गई हैं। अब तो देश में क्या घटना घट रही है उसकी जानकारी भी सोशल मीडिया से ली जाती है। क्योंकि चुनाव आयोग का हंटर चलने से पंपलेट एवं इश्तहार आदि करीब करीब बंद हो गए हैं, बिल्ले एवं झंडियां आदि भी कम होते जा रहे हैं। बस सिर चढ़कर बोल रहा है तो सोशल मीडिया है, सोशल मीडिया से ही नेता अपना संपूर्ण भाषण, लोगों तक प्रसारित कर रहे हैं, अपने मन की आवाज एवं भड़ास निकाल रहे हैं। जो कुछ कहना चाहे वह पल में सभी लोगों तक पहुंचाने के काम सोशल मीडिया आ रहा है। लोग मोबाइल से चिपके देखे जा सकते हैं। कभी मोबाइल फोन कर बातें करने का जरिया था परंतु स्मार्ट फोन आने के बाद इंसान की जिंदगी बदल दी। वहीं अब तो नेताओं के दिन भी बदलने लगे हैं। कभी प्रिंट मीडिया की बड़ी मांग होती थी क्योंकि जो कुछ प्रसारित करना होता था वह प्रिंट मीडिया के जरिये होता था। आजकल प्रिंट मीडिया को भी सोशल मीडिया ने पीछे धकेल दिया है। फिर रही सही पीछे धकेलना में यूट्यूब काम आ रहा हैं। भैंस चराने वाला भी व्यक्ति अपने मोबाइल से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डाल देता है तो नेता अपने विचार सोशल मीडिया पर डालने में क्यों पीछे  रहेंगे। यदि सोशल मीडिया पर भी प्रतिबंध लग जाए तब नेताओं को पता लगेगा  कैसे वोट प्राप्त करते हैं। बहरहाल अभी तक न तो कोई चुनाव आयोग का हंटर चला है और न ही इस सोशल मीडिया पर कोई प्रतिबंध है। नेता अपने बयान खुद नहीं देते तो दूसरे लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित करवा देते हैं।

जल संरक्षण पर आयोजित हुए कई कार्यक्रम
-अव्वल रहने वालों को किया पुरस्कृत
संवाद सहयोगी,जागरण.कनीना। राजकीय उच्च विद्यालय रसूलपुर में मुख्य अध्यापक हीरालाल की अध्यक्षता में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ,जल एवं स्वच्छता  सहायक संगठन कनीना द्वारा जल जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विभाग की ओर से खंड संसाधन संयोजक मोहित कुमार ने बच्चों को जल संरक्षण के महत्व के बारे में विस्तार से बताया, वही जल संरक्षण के तौर तरीके भी बच्चे को समझाएं।
उन्होंने बताया कि हर घर नल से जल मुहिम के तहत हर घर नल से जल प्रदान किया जा रहा है,
जिसमें सभी बच्चे जल संरक्षण में पेयजल की गुणवत्ता बरकरार रखने में भूमिका निभा सकते हैं। जल स्वच्छता से जल जनित बीमारियां जैसे डायरिया, टायफाइड से बचा जा सकता है।
जल जीवन मिशन और जल संरक्षण आधारित प्रेरणात्मक विडियो दिखाई गई।
इस अवसर विभिन्न प्रतियोगिता आयोजित करवाई गई जिनमें निबंध प्रतियोगिता में मुस्कान ने प्रथम स्थान, भूमि ने दूसरा स्थान, खुशी बालवान ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। स्लोगन लेखन में अंजलि ने पहला स्थान ,साक्षी ने दूसरा स्थान ,गौरव ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। पेंटिंग प्रतियोगिता में सुजाता ने पहला स्थान, मन्नू ने दूसरा स्थान, और सन्नी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। रंगोली प्रतियोगिता में गोरी ने पहला स्थान ,पायल ने दूसरा स्थान, राधिका ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। जिन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर कृष्ण लाल मनमोहन सिंह, रवीना यादव, अशोक कुमार, विनोद कुमार ,अनिल कुमार, पूनम कुमारी, धर्मवीर सिंह, दिनेश कुमार, सर्वेश देवी, अजीत सिंह उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 04: जल संरक्षण कार्यक्रम में अव्वल रहे बच्चों को पुरस्कृत करते हुए।





जागो वोटर जागो
चरित्रवान व राष्ट्रभक्त उम्मीदवार के चयन के लिए करे अपने मत का प्रयोग-मा.राजेश।
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कनीना की आवाज।
 करो वोट की चोट, दिखाओ ताकत को-यह गीत गली गली में सुनाई पड़ रहा है, पर क्या हमें पता है कि यह गीत हमें जामवंत की तरह हनुमानजी को उनकी ताकत का एहसास कराने जैसा देशभक्तों द्वारा किया जा रहा प्रयास है। यह हम भूल गए हैं कि प्रजातंत्र प्रणाली एक सर्वोत्कृष्ट शासन प्रणाली है, जिसमें प्रजा द्वारा चुना गया प्रतिनिधि मंडल शासन तंत्र को संचालित करता है। यह प्रतिनिधि मंडल मतदाताओं का ही प्रतिबिम्ब होता है। चुनाव चाहे किसी देश में हो या राज्य में, दुनिया की निगाहें मतदाताओं के निर्णय पर टिकी रहती हैं, इसीलिए परीक्षा भी मतदाताओं की ही होती है। समृद्धिशाली प्रजातंत्र के लिए मतदाताओं को वोट डालते समय विवेक का परिचय देना चाहिए। पूर्वाग्रहों से ऊपर उठकर प्रत्याशियों के गुण दोष का आकलन करते हुए चरित्रवान, राष्ट्रभक्त उम्मीदवारों का ही चयन करना चाहिए।
 आज प्रजातंत्र के कर्णधारों को चुनने का जो अधिकार मिला है वह अंग्रेजों ने या अंग्रेजियत के गुलामों ने हमें उपहार में नहीं दिया है, इसके लिए आजादी के दीवाने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने स्वतंत्रता की वेदी पर अपने आप को अर्पित किया है। सरदार भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, राम प्रसाद जैसे अनेकों महानायकों के बलिदान से हमें आजादी मिली है। अपने बेशकीमती वोट का उपयोग करने से पहले इन बलिदानियों के बलिदान का स्मरण करें और सोचें कि कहीं हम भिन्न भिन्न प्रलोभनों में आकर या पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर, किसी राजनीतिक दल के खूंटे से बंधकर जाति, धर्म और सम्प्रदाय के बंधनों में जकड़ कर अपने देश को पतन के गर्त में तो नहीं धकेल रहे हैं।
फोटो कैप्शन: राजेश कुमार शिक्षक।






एसडीम स्कूल में एनडीए और सीडीएस सेमिनार का हुआ आयोजन
--मुख्य अतिथि रहे कर्नल देवानंद लोहामरोड़
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कनीना की आवाज।
छिथरोली स्थित एसडीएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल  छिथरोली में एक विशेष प्रेरणादायक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि भूतपूर्व सैनिक सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल देवानंद लोहामरोड़ थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सरपंच बलवान आर्य छिथरोली ने की । कर्नल लोहामरोड़ ने छात्रों को भारतीय सेना में कैरियर बनाने के लिए प्रेरित किया। कर्नल ने छात्रों को नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) और कम्बाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) परीक्षा की तैयारी के महत्व को समझाया और इसके लिए तैयार रहने के तरीके बताए। कर्नल ने अपने संबोधन में बताया कि सेना में कैरियर न केवल एक सम्मानजनक पेशा है, बल्कि यह देश की सेवा करने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने छात्रों को बताया कि एनडीए और सीडीएस जैसी परीक्षाएं कठिन होती हैं, लेकिन सही दिशा, समर्पण और मेहनत से इनमें सफलता पाई जा सकती है।
उन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स साझा किए, जैसे कि नियमित अध्ययन, शारीरिक फिटनेस, और मानसिक तैयारी। कर्नल ने बताया किएनडीए और सीडीएस की परीक्षा में केवल शैक्षणिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि नेतृत्व और सामरिक सोच की भी परीक्षा होती है। इसलिए, छात्रों को इन परीक्षाओं के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। कर्नल ने छात्रों के सवालों का जवाब दिया और उन्हें प्रेरित किया कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। उन्होंने कहा कि सेना में कैरियर बनाने से न केवल व्यक्तिगत गर्व होता है, बल्कि यह देश की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस प्रेरणादायक सेमिनार में  छात्रों को सेना में कैरियर बनाने की दिशा में अपनी कोशिशें और समर्पण बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस तरह के कार्यक्रमों से छात्रों को अपने भविष्य के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक नई दिशा मिलती है और वे अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित होते हैं।
संस्था के डायरेक्टर अजमेर सिंह दांगी ने बताया कि समय-समय पर ऐसे आयोजन करना ही संस्था का मुख्य दायित्व है ताकि बच्चे सेना में जाकर देश की सेवा का हिस्सा बन सके । ऐसा ही अगला सेमिनार जनवरी माह के अंत में कराया जाएगा। इस मौके पर नरेंद्र शास्त्री ,डा. हंसराज गुर्जर ,कैप्टन सुखबीर सिंह एवं समस्त स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 03: कर्नल देवानंद लोहामरोड़ एनडीए तथा सीडीएस की तैयारी की जानकारी देते हुए।





सेवानिवृत्ति की कायम की मिसाल
-पूरा समय स्कूल में शिक्षण कार्य कर,एक गिलास पानी पीकर हो गए सेवानिवृत्त
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कनीना की आवाज।
 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बूचावास से 20 साल की सेवा पूर्ण करके अंग्रेजी प्रवक्ता रामनिवास सेवानिवृत हो गए। परंतु उन्होंने एक सेवानिवृत्ति की मिसाल कायम कर दी है। उन्होंने न तो घर पर और न स्कूल में कोई कार्यक्रम आयोजित किया। प्राचार्य बृजेश चंद्र शर्मा से स्पष्ट का कि वो सिर्फ एक गिलास पानी पीकर स्कूल समय उपरांत अपने घर चले जाएंगे और वैसा ही किया। स्कूल समय पूर्ण होने तक कक्षा में पढ़ाया फिर एक गिलास पानी पीकर बिना किसी पगड़ी, बिना किसी फूल मालाओं के अपने घर पर पाथेड़ा चले गए। उन्होंने मालड़ा और बूचावास दो स्कूलों में ही अपनी 20 सालों की सेवा दी है और सेवाकाल पूर्ण हो गया है।
 उल्लेखनीय है कि वे चार भाई है और एकल परिवार चल रहा है। यही नहीं उनके परिवार में जहां उनका एक भाई शिक्षक है, दो जमींदार है साथ में रामनिवास के दो पुत्र हैं जिनमें से एक प्राध्यापक और एक पुलिस में है। वहीं उनकी एक पुत्रवधू शिक्षिका और एक पुत्रवधू पुलिस में कार्यरत है। उनके  सेवानिवृत्ति पर बधाई देने वालों में राजेश शर्मा, शर्मिला यादव, निर्मला यादव, रेनू यादव,  सूबे सिंह चौहान, रोहतास सिंह, सुरेंद्र सिंह, अशोक कुमार शर्मा, निर्मला देवी, उर्मिला, कृष्ण कुमार मुख्य शिक्षक, सोनू यादव, निर्मल कुमार शास्त्री, जोगेंद्र सिंह, विजय सिंह प्रवक्ता, अनिल कुमार, विनोद कुमार, जितेंद्र कुमार, प्रमिला स्टेट अवार्डी, राखी, सोनी, सुशीला आदि ने उन्हें बधाई दी है।
फोटो कैप्शन: प्राध्यापक रामनिवास





32 वर्षों की सेवा करके राजेश शास्त्री सेवानिवृत्त
-विदाई के क्षणों ने किया भाव विभोर
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कनीना की आवाज।
 लूखी निवासी राजेश शास्त्री ने करीब 32 सालों की सेवा करके राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा से सेवानिवृत्त हो गये हैं।  उन्होंने बतौर शास्त्री निवाज नगर से सेवा शुरू किया था और धनौंदा में बतौर प्राध्यापक 1 साल की अवधि पूरी करके अब सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
  मिली जानकारी अनुसार राजेश शास्त्री ने 24 जनवरी 1992 को संस्कृत अध्यापक के पद पर  राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय निवाज नगर में कार्य ग्रहण किया जहां से 14 जून 1997 को  राजकीय उच्च विद्यालय धनौंदा में तबादला हुआ। उसके पश्चात 10 दिसंबर 2005 को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना महेंद्रगढ़ में कार्यग्रहण किया वहां से 6 सितंबर 2017 को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गुढ़ा में तबादला हुआ। फिर  5 सितंबर 2019 को के माध्यमिक विद्यालय कोटिया में सेवा दी। 1 सितंबर 2022 को राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में सेवा देने के बाद पश्चात संस्कृत प्रवक्ता के रूप में 1 दिसंबर 2023 को संस्कृत प्रवक्ता के पद पर राजकीय माडल संस्कृति स्कूल धनौंदा में कार्य ग्रहण किया। 31 अगस्त 2024 को सेवानिवृत्ति हो गए हैं।
  उन्हें विद्यार्थियों ने भावभीनी विदाई दी। उनके सेवानिवृत्ति कार्यक्रम में प्राचार्य सतीश कुमार, सत्येंद्र शास्त्री प्रवक्ता, वरिष्ठ नेता एवं संस्कृति अहीरवाल के जनक सत्यव्रत शास्त्री , डा. धीरज एमडी, डा. देवराज पूर्व कृषि वैज्ञानिक, डा. होशियार सिंह यादव,मदनलाल शास्त्री, पूर्व हसला नेता एवं पूर्व प्रवक्ता सत्येंद्र आर्य, मुकेश कुमार मीणा, विजय कुमार महक प्रवक्ता, वरिष्ठ प्रवक्ता राजेश कुमार ककराला, प्रवक्ता राजेश कुमार उन्हाणी, नरेश कुमार हिंदी शिक्षक मंदोला, संतोष कुमारी, श्रुति आर्या एबीआरसी, पूनम मोरवाल, प्रीति डीपीई, रणवीर सिंह, सूबे सिंह, मनीराम, जगदीश बाबू सहित समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
फोटो कैप्शन 02: राजेश शास्त्री को सेवानिवृत्ति पर विदाई देते विजय महक प्रवक्ता, विनोद कुमार, श्रुति आर्या एबीआरसी एवं अन्य।










पीएमश्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में शास्त्रीय नृत्य कार्यशाला का आयोजन
--एक माह तक चलेगा कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। 
पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में एक माह का शास्त्रीय नृत्य कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला में विद्यार्थियों को भरतनाट्यम के मूल सिद्धांतों और तकनीकों से अवगत कराया जा रहा है।
विख्यात भरतनाट्यम गुरु डा. नीरजा शर्मा निदेशक और संस्थापक - राष्ट्रीय भारतीय शास्त्रीय नृत्य संस्थान, दिल्ली के मार्गदर्शन में विद्यार्थी नृत्य के मूल तत्वों नमस्कार क्रिया, असंयुक्त हस्त मुद्रा, तट अडव, नाट्य अडव और मूल पद चरण सीख रहे हैं।
विद्यालय के प्राचार्य राजीव कुमार सक्सेना ने कहा कि नवोदय विद्यालय सिर्फ शैक्षणिक विकास पर ही ध्यान नहीं देता, बल्कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को भी प्रोत्साहित करता है। इस तरह की कार्यशालाएं विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
कार्यक्रम की संयोजिका संगीता मिश्रा संगीत शिक्षिका हैं।
फोटो कैप्शन 01: नवोदय विद्यालय में नृत्य करते विद्यार्थी।



















 राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने वाले कर्मियों की अब खैर नहीं
--निर्वाचन आयोग ने किया पत्र जारी
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कनीना की आवाज।  मुख्य निर्वाचन अधिकारी हरियाणा ने एक पत्र सभी विभागों को जारी करते हुए राजनीति गतिविधियों में भाग लेने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की बात कही है। पत्र में साफ कहा गया है कि किसी राजनीतिक दल में भाग लेने, मतदाताओं को वोट किसी पार्टी के पक्ष में वोट डालने या राजनीति रूप से एक पक्ष होना पाया जाने पर, किसी राजनीति पार्टी में भागीदारी एवं सहयोग करने वाले सरकारी कर्मचारियों को जन प्रतिनिधित्व एक्ट 1951 की धारा 129 एवं 134-ए के तहत तथा हरियाणा सिविल सर्विस रूल 2016 की धारा 9 के तहत कार्रवाई करने की बात कही है।




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