व्यंजन प्रतियोगिता में पहले स्थान पर भव्या कनीना रही प्रथम
--100 दिन मिशन शक्ति व पोषण जागृति माह के तहत आयोजित कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। महिला एवं बाल विकास परियोजना के तहत जागरूकता के 100 दिन मिशन शक्ति व पोषण जागृति माह के अंतर्गत आस्था आइटीआई में महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी कमला सोनी की अध्यक्षता में स्वच्छ बालक बालिका स्पर्धा व्यंजन प्रतियोगिता, एक पेड़ मां के नाम व बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आदि कार्यक्रम आयोजित किये गये। व्यंजन प्रतियोगिता में पहले स्थान पर भव्या कनीना, दक्ष भालखी दूसरे स्थान पर व हेमंत्त तीसरे स्थान पर रहे। बालक बालिका स्पर्धा में उन बच्चों को शामिल किया गया जो सर्कल स्तर पर शारीरिक रूप से स्वस्थ, जिन की लम्बाई व वजन सामान्य हो। ऐसे ही व्यंजन प्रतियोगिता में भी सर्कल स्तर पर चुनी गयी महिलाओं को शामिल किया गया जिसमें खंड स्तर पर पहले स्थान पर प्रेमलता दोंगड़ा अहीर, राजेश गोमली दूसरे स्थान पर व अनिता कनीना तीसरे स्थान पर रही। उक्त कार्यक्रम में सुपरवाइजर एडीडी, सीडीपीओ पूजा खींची, सुमन देवी, कुसुम, मंजू, जग्गो, ज्योति, सहायक एकता, सेवादार अजीत भी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 08: सीडीपीओ कार्यालय कनीना की ओर से आयोजित कार्यक्रम
बड़े मंदिर में आयोजित हुए जन्माष्टमी पर कई कार्यक्रम
--सुबह सवा तीन बजे तक चांद के दर्शन नहीं हुये
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कनीना की आवाज। कनीना के बड़े मंदिर में जन्माष्टमी के दिन कई कार्यक्रम आयोजित हुए। सुबह से भजन कीर्तन के बाद रात्रि 12 बजे बाद प्रसाद का वितरण किया गया। कृष्ण जन्माष्टमी बड़ी ही धूमधाम से मनाई किंतु चांद के दर्शन नसीब नहीं हुये क्योंकि बारिशमय मौसम रहा इसलिए रात के 12:30 बजे बाद चंद्रमा के दर्शन नहीं हुए। लोग छतों पर बैठे रहे। सुबह 3:15 के आसपास चांद दिखाई दिया तब तक बहुत से लोग चांद का दीदार करने के लिए बैठे रहे। कुछेक ने तो सुबह उठकर ही चांद के दर्शन किए। ऐसे में जन्माष्टमी का व्रत खोलने के लिए चांद देखना जरूरी होता है और चांद के दर्शन कर पाने में उन्हें परेशानी हुई।
फोटो कैप्शन 9: बड़े मंदिर में कार्यक्रम।
जिला स्तरीय दो दिवसीय फुटबाल प्रतियोगिता खेड़ी में शुरू
-शुभारंभ जिला शिक्षा अधिकारी नारनौल ने किया
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कनीना की आवाज। पीएमश्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी तलवाना के खेल परिसर में जिला स्तरीय में जिला स्तरीय अंडर-14 ,17 व 19 लड़के एवं लड़कियों की 2 दिवसीय फुटबाल प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया। पहले दिन विभिन्न वर्ग में लड़कों की प्रतियोगिता रखी गई। जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी संतोष चौहान जी मुख्य अतिथि व खंड शिक्षा अधिकारी डा. विश्वेश्वर कौशिक विशिष्ट अतिथि रहे।
प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए संतोष चौहान जिला शिक्षा अधिकारी नारनौल ने विद्यार्थियों के जीवन में खेलों के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया की विद्यार्थी के जीवन में खेल अनुशासन ,संघर्ष का महत्व बढ़ाते है।
विश्वेश्वर कौशिक ने बताया कि जो विद्यार्थी अपने जीवन में खेल को शामिल करता है वो हार जीत से आगे बढ़कर जीवन जीता है और आगे बढ़ता रहता है। इस अवसर पर नेशनल कोच श्री जसमेर सिंह ने खेल को खेल भावना से खेलने के प्रति खिलाडिय़ों का आह्वान किया।
पीएमश्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी परिवार कि तरफ से प्राचार्य जय पाल , स्रूष्ट व समस्त स्टाफ सदस्यों के साथ सभी विद्यार्थी उपस्थित रहें।
फोटो कैप्शन 06: जिला शिक्षा अधिकारी खेलों का शुभारंभ करते हुए
एसडी ककराला में जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता का हुआ शुभारम्भ
--शुभारम्भ विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव के द्वारा किया गया
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कनीना की आवाज। जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगता का शुभारम्भ विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव के द्वारा किया गया। खेल शुभारम्भ के समय विद्यालय प्राचार्य औमप्रकाश, राजेन्द्र सिंह, कुलदीप डीपीई, मनोज डीपीई , जयभगवान व उनकी टीम उपस्थित रही। विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव ने बताया कि 27 व 28 अगस्त 2024 कुश्ती व भारतोलन की खेल प्रतियोगिता है। उन्हंोने खिलाडिय़ों को बताया कि खेल को खेल की भावना से खेलना चाहिए व खेल मैदान में होने वाली गलतियों से सबक लेना चाहिए। कुश्ती प्रतियोगिता लड़कों में अंडर-14 आयु वर्ग में 38 किलोग्राम भारवर्ग में सलेश युदवंशी स्कूल नारनौल से प्रथम, 35 किलोग्राम भारवर्ग में चेतन आरआर ग्रीन मैक्स वल्र्ड स्कूल खेड़ी से प्रथम, 41 व 44 किलोग्राम भारवर्ग में दिपांशु व केशव पीआरएस सतनाली प्रथम, 48 किलोग्राम भारवर्ग में पंकज जीएसएसएस बायल से प्रथम, 52 किलोग्राम भारवर्ग में जतिन आरआरसीएम कनीना से प्रथम, 57 किलोग्राम भारवर्ग में दिलेर सिंह एसडी स्कूल बूढवाल से प्रथम, 62 किलोग्राम भारवर्ग में रोहित एसवीएम स्कूल बाघोत से प्रथम, 68 किलोग्राम भारवर्ग में सौरव आरआर ग्रीन मैक्स वल्र्ड स्कूल खेड़ी से प्रथम व 75 किलोग्राम भारवर्ग में शुभम इंड्स वैली स्कूल दौगड़ा अहीर से प्रथम रहा।
फोटो कैप्शन 07: जिला स्तरीय खेलों का शुभारंभ करते हुए।
दिव्यांग बच्चों के कैंप में 40 विद्यार्थियों ने लिया भाग
--नारनौल में आयोजित हुआ कैंप
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कनीना की आवाज। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के तहत और समावेशी शिक्षा के अंतर्गत कनीना खंड में अध्ययनरत कक्षा पहली से 12वीं के दिव्यांग बच्चों का चिकित्सा शिविर का आयोजन सरकारी अस्पताल नारनौल में किया गया। जिसमें खंड कनीना के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले 40 बच्चों ने भाग लिया उन सभी बच्चों के आनलाइन मेडिकल सर्टिफिकेट बनाए गए कनीना माडल स्कूल के प्राचार्य सुनील खुडानिया व विशेष शिक्षक अमृत सिंह ने बताया कि मौके पर ही बच्चों के आनलाइन मेडिकल सर्टिफिकेट बनाए गए। तथा जिन बच्चों को विशेष शिक्षक सामग्री की आवश्यकता थी उन बच्चों को विशेष शिक्षण सामग्री के लिए चयनित किया गया। शिविर में एपीसी विक्रम , राजेश महावर ,राजेश नायक, प्रीतम ,सरिता, अशोक नायक ,जोगेंद्र, राकेश, बृजेश ,सतीश, विशेष अध्यापक मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 05: दिव्यांग सर्टिफिकेट्स बनाने के लिए नारनौल में आयोजित कैंप
आरकेवाई स्कूल में दो दिवसीय जिला स्तरीय निशानेबाजी खेल प्रतियोगिता का आयोजन
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कनीना की आवाज। कोसली रोड, कनीना में स्थित आरकेवाई इंटरनेशनल स्कूल प्रांगण में शिक्षा विभाग एवं एसजीएफआई द्वारा आयोजित दो दिवसीय निशानेबाजी प्रतियोगिता की शुरुआत हुई। प्रतियोगिता का शुभारंभ विद्यालय संचालक सुरेश कुमार ने अपने कर कमलों से दीप प्रज्वलित कर विद्या की देवी मां शारदा को पुष्प अर्पित किए ।तत्पश्चात डिप्टी डायरेक्टर अतर सिंह और प्राचार्या सतेन्द्रा यादव ने सरस्वती की वंदना कर प्रतिभागियों के सफल होने की कामना की और इस अवसर पर विद्यालय में पहुंचे सभी कोच,अभिभावकों का अभिवादन किया।
प्रतियोगिता में विभिन्न अकादमियों और स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने हिस्सेदारी ली। यह प्रतियोगिता गत शाम 5 बजे तक चलती रही। इसमें अंडर-14,अंडर -17,अंडर-19आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर सभी का-र्डिनेटर, समस्त कोच,समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
फोटो कैप्शन 04: संबंधित खेलों से है
अतीत से
निर्दलियों की संख्या बढऩे का प्रभाव पड़ता है हार जीत पर
-1996 में थे 48 निर्दलीय
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कनीना की आवाज। अटेली विधानसभा क्षेत्र से निर्दलियों की संख्या बढ़ते ही जाने से उनका प्रभाव हार एवं जीत पर प्रभाव पडऩे की प्रबल संभावना बन जाती है। इस योजना में भी निदलियों की संख्या अधिक रहने के आसार हैं क्योंकि एक सौ के करीब नेता टिकट की दावेदारी में हैं। जिन्हें टिकट नहीं मिलती वे निर्दलिये बतौर अपना भाग्य अजमाने की सोच लेते हैं। वर्ष 1996 में अटेली से 48 प्रत्याशी मैदान में थे जिनमें से 41 आजाद होते थे। इस बार 2019 में 15 प्रत्याशी थे जिनमें से सात निर्दलीय रहे हैं।
टिकट न मिल पाने के कारण कुछ तो निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या बढ़ जाती है। इन आजाद प्रत्याशियों के चलते ही हार जीत के आंकड़े फिट करने वालों के समीकरण ही डगमगाने की प्रबल संभावना बन जाती है। कुछ तो ऐसे निर्दलीय प्रत्याशी होते हैं जो पार्टी प्रत्याशियों से अधिक प्रचार करते हैं। कुछ निर्दलिये तो जब वोट कम मिलते नजर आते हैं तो किसी के पक्ष में वोट डलवा देते हैं। अटेली विस से आजाद प्रत्याशी बतौर चुनाव लडऩे वालों पर नजर डाले तो पता चलता है कि हर बार उनकी संख्या पर्याप्त रही है। यहां तक कि 1982 में आजाद प्रत्याशी निहाल सिंह तथा वर्ष 2005 में आजाद प्रत्याशी नरेश यादव विजयी रहे हैं।
क्रम संख्या चुनाव वर्ष कुल प्रत्याशी आजाद
1 1967 3 2
2 1968 3 1
3 1972 4 2
4 1977 7 4
5 1982 10 7
6 1987 9 6
7 1991 21 15
8 1996 48 41
9 2000 17 9
10 2005 15 11
11 2009 19 9
12 2014 18 9
13 2019 15 7
अब भी कनीना अटेली विस के तहत आता है और यहां से पार्टी एवं गैर पार्टी के प्रत्याशियों का जमावड़ा बढ़ा है। हर वर्ष बाहरी प्रत्याशियों की चर्चा चलती रही है किंतु इस बार अधिकांश प्रत्याशी अटेली विधानसभा क्षेत्र के गांवों से संबंध रखते हैं। कनीना का कोई प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ पाता है।
उल्लेखनीय है कि कनीना कभी स्वयं विधानसभा क्षेत्र पेप्सू के वक्त होता था फिर पंजाब विधानसभा के तहत और फिर जाटूसाना तो फिर अटेली के तहत रहकर बाहरी प्रत्याशियों को भी झेला है। यदि आजाद प्रत्याशी स्वयं नहीं जीत पाएंगे तो किसी प्रत्याशी की हार जीत में अंतर डालने में उनका हाथ अधिक रहता है।
जागो वोटर जागो
सभी अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें-विजयपाल प्रवक्ता
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कनीना की आवाज। सभी मतदाताओं को वोट जरूर डालना चाहिए। वोट डालने का अधिकार चुनाव आयोग ने दिया हुआ है। हम वोट से अपनी मनपसंद प्रत्याशी का चुनाव कर सकते हैं। वोट डालना हम सभी का कत्र्तव्य बन जाता है। मैं हर योजना में वोट जरूर डालने जाता हूं, मैं वोट की कीमत को समझता हूं। देश के विकास के लिए भी मेरा वोट अहं भूमिका निभाता है। मेरे वोट से बेहतर नेता का चुनाव होता है। अगर वोट नहीं बनवाया है तो वोट जरूर बनवा ले। चुनाव आयोग भी समय-समय पर वोट बनाने का कार्य करता है। वोट बनवाकर वोट डालना भी चाहिए ताकि सरकार में आपकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके। वोट डालते समय किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए अभी तो अपने मनपसंद के नेता का चुनाव करना चाहिए। मनपसंद का नेता चुनाव करने में वोटिंग महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसे में अच्छे कार्य करवाने के लिए बेहतर नेता का चुनाव करने के लिए मतदान के दिन अपने बूथ पर जाकर वोट डाले।
फोटो कैप्शन: विजयपाल प्रवक्ता
जागो वोटर, जागो
मतदान करने में न बरते कंजूसी-मोहर सिंह
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कनीना की आवाज। विधानसभा चुनाव एक अक्टूबर को होने वाले हैं। अपना वोट चेक कर ले बना हुआ है या नहीं। जिनकी उम्र 18 वर्ष हो गई है उन्होंने अपने वोटर कार्ड बनवा सकता है।
वोट जरूर बनवाना है, वोट बनवाने के लिए घर बैठे भी आनलाइन वोट बनवा सकते हैं। परंतु वोट बनवा लेने से ही काम पूरा नहीं होता वह डालना भी जरूरी होता है और अपने मनपसंद प्रत्याशी का चुनाव करना होता है। एक-एक वोट की कीमत होती है। हम परोक्ष रूप से अपनी सरकार को चलाते हैं। यदि वोट नहीं डालेंगे तो अपनी मनपसंद का नेता नहीं चुना जा सकता। वोट डालने के लिए भी जरूर जाए, जिनके वोट नहीं बन पाए हैं वह अभी भी वोट बनवा सकते हैं।
अपनी मनपसंद के प्रत्याशी को बिना किसी लोभ लालच के वोट देना चाहिए, जो हमारी मांगों को सत्ता में रहते हुए पूरा कर सके। चुनाव आयोग द्वारा घर के आसपास नजदीक पोलिंग बूथ बनता है, बनाए गये बूथ पर जाकर निर्धारित समय और तिथि पर ही वोट डालने चाहिए। वोट डालते समय अपनी पसंद को ध्यान में रखना चाहिए और उसे वोट देना चाहिए।
फोटो कैप्शन: राव मोहर सिंह समाजसेवी
हमारा नेता कैसा हो, वोटर के मन की बात..
-साफ छवि का नेता चुनने के लिए कटिबद्ध है वोटर
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कनीना की आवाज। एक अक्टूबर को हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं जिनको देखकर जहां विभिन्न दलों के प्रत्याशियों ने अपने अपने कार्यालय खोलने शुरू कर दिए हैं वहीं उनकी टीम के विभिन्न सदस्य गांव गांव जाकर वोट मांगने की अपील कर रहे हैं। नेताओं की टिकट अभी तक फाइनल नहीं हुई हैं और सभी नेता दिल्ली में डेरा जमाए पड़े हैं। भाजपा, कांग्रेस , आम आदमी तथा अन्य दलों के कम से कम एक सौ नेता टिकट की दौड़ में हैं। उधर वोटर भी चुनावी चर्चाओं में जुटे रहते हैं और वे भी एक सशक्त एवं ईमानदार छवि के प्रत्याशी को चुनने की फिराक में हैं ताकि वह समाज का भला कर सके और विकास कार्यों में अग्रणी भूमिका निभा सकें। यही कारण है कि अब गांव में भी चर्चाओं का दौर पूरे यौवन पर है। इन चुनावों को लेकर विभिन्न वोटरों की से चर्चा की गई तो उन्होंने अपने अपने विचार व्यक्त किए और लगभग सभी ने बेरोजगारी समाप्त करने वाला, ईमानदार, साफ छवि का, उनके हर सुख दुख में साथ निभाने वाला प्रत्याशी चुनने की बात कही।
बिजेंद्र शर्मा का कहना है कि हर 5 साल पर चुनाव होते हैं और वे किसी एक नेता का चुनाव करते हैं। उनकी हार्दिक इच्छा है की बेरोजगारी को समाप्त करने के लिए कोई कारगर कदम उठाने वाला साफ छवि का, ईमानदार छवि का नेता की चुना जाए। उनका कहना है कि सबसे बड़ी समस्या बुजुर्गों की है। बुजुर्गों के लिए जहां बेहतर सम्मान दिलाने वाला, उनको मेडिकल सुविधा प्रदान करने वाला तथा उनका मान सम्मान दिलवाने वाला नेता का चुनाव करेंगे। वे चाहते हैं कि किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में कृषि के लिए नहरी पानी उपलब्ध करवा सके वह नेता उनका पसंदीदा नेता होगा।
रमेश कुमार समाजसेवी का कहना है कि शिक्षकों की समस्याओं को त्वरित गति से उठाने वाला नेता उनका लोकप्रिय नेता होगा। इसके अतिरिक्त दक्षिण हरियाणा में जहां उद्योग धंधों का अभाव है ऐसे में उद्योग धंधे स्थापित करके बेरोजगारी विशेषकर युवा वर्ग को रोजगार दिलवाने में कारगर साबित होगा वह नेता उनका पसंदीदा नेता होगा। उनका कहना है कि चिकित्सा सुविधा, स्कूली शिक्षा, बच्चों के लिए जो उपलब्ध करवा सके वह नेता कारगर नेता होगा। जहां पेयजल की समस्या हो वह दूर करें, हर सुख दुख में शामिल हो वह नेता वे चुनेंगे।
सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सभी शहरी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने में जो नेता आगे आएगा उन्हें ही चुनेंगे। उनकी इच्छा है कि ग्रामीण क्षेत्रों को में लोगों को शहरी क्षेत्रों से कुछ कम नहीं आंकना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में किसान अधिक रहते हैं। ऐसे में किसानों के लिए हर समस्या का समाधान करने वाला नेता उनका पसंदीदा नेता होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल, चिकित्सा, स्कूली शिक्षा आदि पर विशेष जोर देने वाला नेता हो तथा बेरोजगारी की समस्या हल निकालने में सक्षम हो ऐसा नेता उनका पसंदीदा नेता होगा। वे चाहते हैं कि एक अक्टूबर के चुनाव में एक बेहतर और साफ छवि का नेता चुना जाए।
सुशील कुमार समाजसेवी का कहना है कि चुनाव में कभी धोखा नहीं खाना चाहिए। जब भी किसी नेता का चुनाव किया जाए तो यह स्पष्ट कर लेना चाहिए कि वह जन भावनाओं पर खरा उतरेगा। गरीबी, बेरोजगारी को दूर करने में सहायक सिद्ध होगा वहीं वोटर के सुख दुख का साथी बनेगा, उनके लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने के लिए कटिबद्ध होगा वह नेता उनका प्रिय नेता होगा तथा उन्हीं का चुनाव वे करेंगे। वे चाहते हैं कि दक्षिण हरियाणा में बेरोजगारी, उद्योग धंधे की समस्या है। ये समस्याएं हल करें वह नेता असली नेता होगा। उनके अनुसार एक अक्टूबर को ऐसे ही नेता का चुनाव करेंगे और दूसरों को भी प्रेरणा देते हैं कि साफ छवि का नेता का ही चुनाव करें।
फोटो कैप्शन: बिजेंद्र शर्मा, सुशील कुमार, सुरेंद्र शर्मा, सुशील कुमार
पेड़ पौधों की विधि विधान से की गई पूजा
-परंपरागत पकवान खीर एवं लापसी का लगा भोग
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कनीना की आवाज। मंगलवार को कनीना क्षेत्र में गोगा पर्व मनाया गया। जाटी एवं गोगा पौधों की पूजा करके पकवान बनाए गए। खीर एवं लापसी का भोग लगाया वहीं दिनभर पूजा चली। कई जगह गोगा के नाम पर मेले लगे वहीं भंडारे आयोजित हुए। दीवारों पर गोगा देव की तस्वीर बनाकर उनकी पूजा की गई। कनीना में विशाल मेला शिरीषवाला जोहड़ पर लगा।
गोगा पर्व जाहर वीर गोगा देव की याद में भाद्रपद कृष्ण नवमी को मनाया जाता है। जाटी व गोगा दोनों पौधों की पूजा करके जल में प्रवाहित किया गया। कनीना में शिरीषवाला जोहड़ पर मेले में गोगा एवं जाटी पौधा ले जाने का रिवाज है जहां जल में प्रवाहित किया गया।
गोगा जिसे जाहर वीर गोगा कहा जाता है। गोगा एक पौधे को कहते हैं जो शाक है जिसे अपामार्ग, लटजीरा, चिरचिटा आदि नामों से जाना जाता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे अचिरांथिस अस्पेरा कहते हैं। इसमें इतने अधिक औषधीय गुण है कि इसे गोगा देव के रूप में पूजा जाता है। यही कारण है कि गोगा देव के साथ साथ गोगा पौधे की भी पूजा की जाती है जो कई बीमारियों में सहायक है वहीं घर के आस पास मिल जाता है।
गोगाजी राजस्थान के लोक देवता हैं। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले का एक शहर गोगामेड़ी है। जहां भाद्रपद शुक्लपक्ष की नवमी को गोगा का मेला भरता है।
गोगा जी गुरु गोरक्षनाथ के शिष्य थे। उनका जन्म चुरू जिले के ददरेवा गांव में हुआ था। ददरेवा में सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोग मत्था टेकने के लिए दूर-दूर से आते हैं। गोगाजी का जन्म राजस्थान के ददरेवा (चुरू) चौहान वंश के राजपूत शासक जेवरसिंहकी पत्नी बाछल के गर्भ से गुरु गोरक्षनाथ के वरदान से भादो सुदी नवमी को हुआ था। चौहान वंश में राजा पृथ्वीराज चौहान के बाद गोगा वीर और ख्याति प्राप्त राजा थे।
गोगादेव की जन्मभूमि पर आज भी उनके घोड़े का अस्तबल है। उनके जन्म स्थान पर गुरु गोरक्षनाथ का आश्रम भी है और वहीं है गोगादेव की घोड़े पर सवार मूर्ति है। ग्रामीण क्षेत्रों में गोगाजी के प्रतीक के रूप में पत्थर या लकड़ी पर सर्प मूर्ति उत्कीर्ण की जाती है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष तथा कृष्ण पक्ष की नवमी को गोगा की स्मृति में मेला लगता है। विभिन्न गांवों में भी अब तो गोगादेव के मंदिर बने हुए हैं जहां दिनभर पूजा चली।
हनुमानगढ़ जिले के नोहर उपखंड में स्थित गोगाजी के पावन धाम गोगामेड़ी स्थित है। प्रतिवर्ष लाखों लोग गोगा जी के मंदिर में मत्था टेक तथा छडिय़ों की विशेष पूजा करते हैं।
राजस्थान के महापुरुष गोगाजी का जन्म गुरू गोरखनाथ के वरदान से हुआ था।
कैसे की गई पूजा--
प्रत्येक घर में पूजा का स्थान निर्धारित होता है जो अक्सर रसोई में होता है। दीवार पर हल्दी व चंदन से गोगा पीर व जाटी पौधे की तस्वीर बनाई जाती हैं। तवे की कालिख से तस्वीरों को रंग भरा जाता है। गोगा व जाटी पौधों की टहनी तस्वीर के पास रख दी जाती हैं और विधि विधान से पूजा की जाती है। शाम होने के बाद उन्हें जोहड़ में बहा दिया जाता है। जाटी दक्षिण हरियाणा का प्रमुख पेड़ है जो फसलों के लिए लाभप्रद होता है। सुख दुख में सदा यह काम आता है। राजस्थान में खेजड़ी नाम से पूजा जाता है।
फोटो कैप्शन 2: दीवार पर कालिख से बनाया गया गोगा वीर देव।
एवं 3: गोगा एवं जाटी जिनकी पूजा हुई।
फिर से हुई कनीना क्षेत्र में 9 एमएम वर्षा
--बाजरे की फसल पकान की ओर
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कनीना की आवाज। क्षेत्र में सोमवार एवं मंगलवार को दिनभर रुक रुककर बूंदाबांदी होती रही। रविवार को भी बूंदाबांदी हुई थी। कुल 9 एमएम वर्षा हुई। सावन बीत जाने के बाद वर्षा हो रही है। इस वर्ष 320 एमएम से भी अधिक वर्षा हो चुकी है।
वर्तमान में बाजरे की बेहतरीन फसल खड़ी हुई। अधिक वर्षा होती है तो फसल को नुकसान हो सकता है क्योंकि अब फसल पकान की ओर जा रही है। ऐसे में निकट भविष्य में फिर से कुछ वर्षा की फसल को जरूरत होगी। बहरहाल किसानों की नजरें पकती हुई फसल पर टिकी है। यदि अधिक वर्षा होती है तो भावी रबी फसल को भी लाभ होगा।
इस वर्ष जहां सावन माह में 200 एमएम से अधिक वर्षा हुई है। सावन माह वर्षा के मामले में बेहतर बीता है। किसान अब अपनी फसल को निहार रहे हैं और दृष्टि जमी हुई ताकि निकट भविष्य फसल तैयार हो जाएगी। किसानों का कहना है कि करीब 20 दिनों बाद फसल पक जाएगी और सितंबर माह के अंत तक कटाई हो चुकी होगी।
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