लोग दर -दर की ठोकरें खा रहे हैं
-कैसे होगी फैमिली आईडी की कमियां दूर
-आए दिन चक्कर लगा रहे लोग कार्यालयों के
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कनीना की आवाज। हरियाणा सरकार हर जगह फैमिली आईडी को अहमियत दे रही है लेकिन इसमें बहुत अधिक कमियां होती है जिनको दूर करवाने के लिए कर्मी एवं आम जन कार्यालयों के चक्कर लगाते रहते हैं पर उनको ठीक नहीं किया जाता। कर्मचारियों को पहले तो मालूम नहीं कि कमियां कैसे दूर होंगी, अगर पता भी लग जाए तो एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में चक्कर लगाते रहते हैं। कुछ ऐसे लोग भी मिले जिन्हें अपनी फैमिली आईडी की इनकम ठीक करवानी थी जिसके लिए एक साल तक इधर-उधर घूमते रहे, कभी सीएससी सेंटर कभी अधिकारियों के पास, आखिर चक्कर लगाकर नारनौल जाना पड़ा और बड़ी मशक्कत के बाद उसका काम हुआ। कितने ही लोग हैं जो अपनी फैमिली आईडी को ठीक करवाने के लिए यूं ही चक्कर लगा रहे हैं, कोई ठीक करता नही, किसी की नहीं सुनी जाती। आश्चर्यजनक बात है कि जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए उनकी फैमिली आईडी को ठीक नहीं किया जाता। सीएससी सेंटर से ठीक करवाते हैं तो भी ठीक नहीं होती, आखिर जब उनका वेतन घट गया तो फैमिली आईडी से आय कम क्यों नहीं की जाती। एक दर्जन सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने बताया की उनकी फैमिली आईडी में इनकम अधिक है, अब वह सेवानिवृत्त हो चुके हैं, कई महीने हो गए हैं किंतु उनकी फैमिली आईडी से आय को दुरुस्त नहीं किया जा रहा। इधर-उधर चक्कर काटते काटते तंग आ चुके हैं। आखिर आगे सीएम विंडो और उच्च अधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखेंगे। उन्हें फिर भी विश्वास नहीं है कि उनकी फैमिली आईडी की आय को दुरुस्त दिया जाएगा। उनका मानना है कि अब तो फैमिली आईडी से भगवान ही बचाए।
अधिकारियों को फाइल रोकने में आता है आनंद
-कर्मचारियों व आम लोगों को कष्ट देने में मिलता है सम्मान
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कनीना की आवाज। कर्मचारी ही नहीं आम नागरिकों को विभिन्न कार्यालय में फाइलों को लेकर चप्पल एवं जूते घिसते जिन परेशानियों से जूझते हुए देखा जा सकता है उससे स्पष्ट है कि अधिकारियों को कर्मचारी और आम आदमी की फाइल कई-कई दिनों तक रोके रखने में आनंद आता है और शायद काम समय पर पूरा न करके उनको खुशी का इजहार होता है। यह बात स्वत: ही प्रमाणित है कि जितना बड़ा कार्यालय वहां लंबे-लंबे समय तक बहुत अधिक फायलें टेबल पर पड़ी मिलती हैं। अधिकारी कई-कई महीनों तक इन फाइलों को नहीं छूते। कुछ अर्से पहले माध्यम आफलाइन हुआ करता था जब टेबल पर पड़ी फाइलों को दीमक खा जाती थी ऐसा उदाहरण कनीना के एक कर्मी का आता है जिसकी सर्विस बुक एसीपी लगने के लिए गई थी परंतु अधिकारियों और कर्मचारियों ने उसे खोलकर भी नहीं देखा तो दीमक ने ही खा लिया। अब तो सभी कार्य आनलाइन हो गए हैं जिसमें अधिकारी को भी कोई विशेष कार्य करना नहीं पड़ता, अब तो कंप्यूटर संचालक अधिकारी के पास बैठते हैं, एक पल में सारे कार्य सुलझा सकते हैं, परंतु ऐसा लगता है कि अधिकारियों को कार्य करने में या फिर बाबुओं को शायद कोई धन दौलत चाहिए, वरना तो किसी का काम रोकना नहीं चाहिए। अगर रोकते हैं तो कहावत है- देरी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है और भ्रष्टाचार बढ़ता ही चला जाता है। अब तक का सबसे ईमानदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है, कितने ही ईमानदार मुख्यमंत्री हरियाणा में हये हैं और वर्तमान में है परंतु कहते हैं कि दीपक तले अंधेरा, उनके पास चंडीगढ़ या पंचकूला में शिक्षा विभाग और अन्य विभागों कार्यालय है जिन में अगर एक बार झांका जाए तो हजारों-हजार फाइलें कर्मचारियों की रुकी पड़ी हैं। ये क्यों रोकी गई है उनके पास कोई आधार नहीं है। फाइल वापस करनी हो तो एक छोटी सी बात पर भी वापस कर दी जाती है। उनको कोई डर नहीं है, लगता है कलियुग आ गया है और कल्कि को अवतार लेना ही पड़ेगा। एक वक्त था जब किसी अधिकारी और कर्मचारियों की खबर अखबार में प्रकाशित हो जाती थी तब है अपना मुंह छुपाए फिरता था परंतु आश्चर्यजनक है कि वर्तमान समय में जिसकी खबरें या कार्यालय की खबरें छपती है तो वो कहते हैं कहते सुने गए हैं कि हमारा तो नाम हो रहा है। कुछ भी कुछ भी कहे जब ऊपर से कोई डंडा नहीं है तो काम पूरा नहीं होगा। कहावत है कि लातों के भूत बातों से नहीं मानते। इसका साफ अर्थ है उच्च अधिकारी, मंत्री, नेता, पैसे वालों के तो काम पूरे हो जाए बाकी गरीब और शरीफ लोग भाड़ में जाए? अगर यही हाल हुआ तो जिस देश में भगवान श्रीकृष्ण बांसुरी बजाते हुए आए थे और महाभारत का युद्ध हुआ था, कल्कि अवतार आएंगे और हरियाणा में आकर फिर से कोई युद्ध छेड़ेंगे, दुश्मनों का विनाश करेंगे, लोगों को तंग करने वाले अधिकारियों की खैर खबर लेंगे। यह सत्य है कि जो कर्मी या अधिकारी किसी को सताता है या फाइलें रोकता है उसका कभी भला नहीं होता, बच्चे बर्बाद मिलेंगे, आफत आती रहती हैं, अनिष्ट होते रहते हैं और असामयिक मौत एवं रोगों का शिकार हो जाते हैं और जो कर्मी एवं अधिकारी ईमानदार एवं परहितैषी, काम न रोकने वाले होते हैं वो सदा समाज में खुश एवं खुशहाल मिलते हैं। जिस भी कर्मचारी से पूछा जाए वह परेशान नजर आता है जिसके पीछे कारण पूछा जाए तो उनके काम रुकना है। काम रुकते नहीं जानबूझकर रोके जाते हैं। यह मेरा मानना है, अनुभव है और यह निष्कर्ष निकलता है कि काम जानबूझकर रोके जाते हैं ताकि कुछ जेब खर्ची मिल जाए। वोट देने वाले एक बार इन मंत्रियों को और नेताओं को तब ही वोट दे, उनको कहकर वोट दे कि जब वे काम रोकने वाले अधिकारियों की घर खबर लेंगे। वरना यूं ही भ्रष्टाचार बढ़ता चला जाएगा और जो सज्जन इंसान है वो यूं ही पिसते चले जाएंगे। अमीरों और पहुंच वाले लोगों के काम न तो पहले रुके थे और न हीं भविष्य में रुकने वाले क्योंकि दाम बनाए काम।
आज के दिन सीएम विंडो और प्रधानमंत्री के पास न जाने कितनी शिकायत पहुंच रही है किंतु निपटारा नहीं होता। उनकी शिकायतें महज एक कागज समझा जा रहा है। आरटीआई ऐसा माध्यम मिला था जिससे कुछ जानकारी हासिल की जा सकती थी परंतु आरटीआई के जवाब ही नहीं दिए जाते आरटीआई के विषय उव्व अधिकारियों तक पहुंचाने के लिए लोग दर दर की ठोकरें खाते रहते हैं।
कनीना में आयोजित हुआ खंड स्तरीय कला उत्सव
--रागिनी प्रतियोगिता में कनीना उच्च विद्यालय की टीम रही प्रथम।
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कनीना की आवाज। खंड स्तरीय कला उत्सव प्रतियोगिता का आयोजन राजकीय माडल संस्कृति स्कूल कनीना में किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए खंड शिक्षा अधिकारी विश्वेश्वर कौशिक ने कहा कि ग्रामीण अंचल में अनेक प्रतिभाएं छिपी हैं तथा कला उत्सव जैसे कार्यक्रम उन प्रतिभाओं को उभरने के लिए संजीवनी का काम करती है। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी रुचि से भाग ले तथा अपनी संस्था खंड व जिले का नाम रोशन करें। इस अवसर पर खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी दिलबाग सिंह ने प्रथम व द्वितीय तथा तृतीय स्थान पर आने वाली टीमों को शुभकामनाएं दी तथा कहा कि इस कार्यक्रम में बेहतरीन प्रस्तुतियां इस बात की परिचायक है कि हमारे क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष माडल संस्कृति स्कूल के प्राचार्य सुनील खुडानिया ने भी संबोधित किया। प्रतिस्पर्धा में 9 से 12 कक्षा वर्ग में समूह गान में प्रथम स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुंदरह को, दूसरा स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दौंगड़ा अहीर को तथा तीसरा स्थान माडल संस्कृति स्कूल कनीना को मिला।
वहीं 5 से 8 कक्षा वर्ग में समूह गान में प्रथम स्थान मुंडिया खेड़ा, दूसरा स्थान सुंदराह तथा तीसरा स्थान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी को मिला। 9 से 12 कक्षा वर्ग में एकल नृत्य में पहला स्थान राजकीय माडल संस्कृति स्कूल कनीना को दूसरा स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रामबास को तथा तीसरा स्थान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी को मिला। 5 से 8 कक्षा वर्ग में एकल नृत्य में प्रथम स्थान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी को दूसरा स्थान राजकीय माडल संस्कृति स्कूल कनीना को तथा तीसरा स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दौंगड़ा अहीर को मिला। सांत्वना पुरस्कार राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना को मिला। रागिनी प्रतियोगिता में 5 से 8 कक्षा वर्ग में प्रथम स्थान राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना को तथा दूसरा स्थान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी को मिला। 5 से 8 कक्षा वर्ग में लघु नाटिका में प्रथम स्थान राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना को तथा दूसरा स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मुंडिया खेड़ा को मिला। प्रतियोगिता में खंड के विभिन्न विद्यालयों की 58 टीमों ने भाग लिया। निर्णायक मंडल में खेड़ी स्कूल के दीपक शर्मा, सुंदरह से चेतन शर्मा, भडफ़ स्कूल के कार्यकारी मुख्याध्यापक सत्यप्रकाश, सुनीता देवी ने किया वहीं मंच संचालक नरेश यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम में दौंगड़ा अहीर के प्राचार्य अमर सिंह, रामबास के प्राचार्य ओमपाल सिंह, जिला के लीगल एडवाइजर विशाल राव, राजकीय कन्या उच्च विद्यालय के मुख्य अध्यापक नरेश कौशिक, खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सहायक ओम प्रकाश, पंकज यादव, गुलशन यादव, लेखाकार प्रियंका शर्मा, मनोज यादव आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 08 व 09: कनीना में आयोजित खंड स्तरीय कार्यक्रमों एवं अव्वल रहे विद्यार्थियों की हैं।
जन्माष्टमी के अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हुआ आयोजन
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कनीना की आवाज। एसडी विद्यालय ककराला में जन्माष्टमी के पावन अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव ने स्टाफ सदस्यों के साथ भगवान श्री कृष्ण जी फोटो के सामने द्वीप प्रज्ज्वलित कर पूजा अर्चना की। इसके बाद कार्यक्रम शुभारम्भ हुआ जिसमें नन्हे एसडियन्स ने स्वयं को भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं के साथ-साथ अलग-अलग रूपों में प्रस्तुत कर उनकी शिक्षाओं को उजागर किया। विद्यार्थियों ने सुदामा, बलराम, नन्द बाबा, माता यशोदा एवं माता देवकी के पात्रों को भी प्रदर्शित किया। विद्यार्थी एक दूसरे को रोल के अनुसार ही सम्बोधित कर आन्नद की अनुभूति कर रहे थे। विद्यार्थियों द्वारा भगवान श्री कृष्ण एवं राधा रानी से जूड़े गीतों पर नृत्य कर अपनी भावनाओं को प्रदर्शित किया। विद्यालय चेययरमैन जगदेव यादव ने जन्माष्टमी के अवसर पर सभी प्रतिभागियों के साथ व अन्य विद्यार्थियों एवं स्टाफ सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं दी तथा भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर प्रकाश डाला कि भगवान श्रीकृष्ण एक बच्चे, सारथी, योद्धा, शिष्य, चरवाहा, गोपियों का प्रिय आदि भूमिकाओं में सम्पूर्ण मानव जाति को सन्देश देते रहे। वे जीत और हार, सुख-दुख स्थितियों में समान अनुभव करते हैं। उन्होंने कर्म की प्रधानता के महत्व को बताया तथा हमेशा प्रसन्न रहने का सन्देश दिया। चेयरमैन महोदय द्वारा यह भी बताया गया कि पांच हजार वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण द्वारा गीता उपदेश के माध्यम से जो सन्देश दिया वो परम सत्य है। उन्हें अपनाकर हम दुख-कलेश से मुक्त होकर सफल-सुखद जीवन जी सकते हैं। मनुष्य का संघर्ष जितना बाहरी होता है उतना ही आन्तरिक भी चलता रहता है इसलिए विचार एवं कर्म का संतुलन ही सफलता का मूल मन्त्र है। मानव को स्वयं पर विश्वास की ताकत होनी चाहिए। कर्म सबसे ऊपर आता है इसलिए भय छोड़कर कर्मयोगी बनना चाहिए। । इस अवसर पर प्राचार्य ओमप्रकाश, उप-प्राचार्य पूर्ण सिंह, सीईओ आरएस यादव, एचओडी सुनील कुमार, ईश्वर सिंह, जोगेन्द्र, स्नेह लता, इन्दु गेरा व समस्त स्टाफ सदस्य उपस्थित रहा।
फोटो कैप्शन 07: जन्माष्टमी मनाते हुए स्कूल स्टाफ
गोगा पर्व को लेकर ट्रेनों में चल रही है भारी भीड़
-पूरे अगस्त इसी प्रकार चलेगी भीड़
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कनीना की आवाज। 27 अगस्त जाहरवीर गोगा देव के पूजन के लिए राजस्थान में भारी भीड़ पहुंच रही है। कनीना खास होकर जाने वाली सभी ट्रेनों में जमकर भीड़ होती है। हर वर्ष यह भीड़ देखने को मिलती है किंतु रेलवे विभाग अलग से कोई ट्रेनों की सुविधा उपलब्ध नहीं करवाता है, यही कारण है कि कनीना से जो भी ट्रेन होकर गुजरती है उनमें जमकर भीड़ देखने को मिलती है। इन ट्रेनों में गोगा भक्तों के अलावा बैठने एवे खड़े होने तक की जगह भी नहीं मिलती है। यात्री नरेंद्र, जमुना, कैलाश से बात की तो उन्होंने बताया कि यदा कदा महेंद्रगढ़ या रेवाड़ी जाना होता है तो भाद्रपद माह में गोगा भक्तों की भीड़ को देखते हुए ट्रेनों में सफर करना मुश्किल हो जाता है।
मिली जानकारी अनुसार जाहरवीर गोगा चौहान वंश के थे और राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के गोगामेड़ी में उनकी पूजा होती है। सभी धर्म के लोग गोगा महाराज के नाम से पूजा करने के लिए वहां पर जाते हैं। गोगा गुरु गोरखनाथ के शिष्य थे, जिनका जन्म चुरू जिले के ददरवा गांव में हुआ था। उन्हें जाहर वीर गोगा नाम से जाना जाता है। लोग मन्नत मांगने वहां जाते हैं और वहां जाने वाले सभी पीले वस्त्र पहन कर जाते हैं यही कारण है कि गोगाजी जाने वाले सभी यात्रियों को दूर से पहचाना जा सकता है। जहां कनीना में पहले उनके लिए रेलवे स्टेशन पर भंडारा आयोजित होता था किंतु इस बार कोई भंडारा नहीं लगाया गया है। यूं तो पूरे ही देश में जन्माष्टमी के अगले दिन गोगा पर्व मनाया जाता है परंतु गोगामेड़ी मेेले की अलग ही पहचान होती है। गोगामेड़ी में गोगा जी की समाधि बनी हुई है जहां लोग जाकर धोक लगते हैं। यह एकमात्र ऐसा मेला है जहां पर जाने वाले कुछ भक्त तो सरीसृपों जैसे सांप एवं गोह आदि लेकर जाते हैं। यह माना जाता है कि सांप का विश्व भी वहां जाने से जहरीले जीव का विष भी उतर जाता है। यही कारण है कि इस मेले में कुछ भक्त सरीसृपों को लेकर जाते हैं। क्योंकि गोगा की उत्पत्ति बाछल देवी के गर्भ में गूगल नामक फल के प्रसाद खाने के बाद ही हुई थी। इसलिए नाम गोगा रखा था जो चौहान वंश के संबंध रखते थे। जाने वाले यूपी के भक्त चंदनदास, कपिला, सोमदेव से बात हुई तो उन्होंने बताया कि वे हर वर्ष गोगामेड़ी जाते हैं और वापसी इसी माह में हो जाएगी।
फोटो कैप्शन 03: गोगामेड़ी मेले में ट्रेन से जाते हुए भक्त।
आरकेवाई स्कूल में जन्माष्टमी उत्सव की रही धूम
--नटखट नंद गोपाल बन गए नन्हें बच्चे
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कनीना की आवाज। कोसली रोड़ स्थित आर. के.वाई विद्यालय के परिसर में जन्माष्मी महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था चेयरपर्सन निधिबाला यादव, डिप्टी डायरेक्टर अतर सिंह एवं प्राचार्या सतेन्द्रा यादव के कर कमलों द्वारा सरस्वती मां की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित करके शुभ दिन आयो- रे.. आयो.. स्वागत गीत के साथ हुआ। बच्चों ने लघु नाटिका के माध्यम से श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का जीवंत चित्रण प्रस्तुत किया । दही हांडी को फोड़ते हुए श्रीकृष्ण भगवान का दही और माखन के प्रति प्रेम को दर्शाया। वो कृष्णा है. ... गीतों पर नृत्य की प्रस्तुति से रंग जमाते हुए दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और खूब तालियां बटोरी। भक्ति से परिपूर्ण गीत हरे कृष्णा, हरे गोविन्दा, हरे मुरारी -- नृत्य की प्रस्तुति पर दर्शक आनंद मग्न होकर झूमने लगे। छात्र शुभम ने अपनी कविता के माध्यम से कृष्ण सुदामा मिलन का अति सुंदर बखान किया। ।
इसके अलावा प्लेग्रुप के बच्चे सुंदर-सुंदर कृष्ण एवं राधा की पोशाक में नजर आए। प्राइमरी और माध्यमिक स्तर के बच्चों ने मटकी सजाओ बाँसुरी बनाओ, और झूला बनाओ आदि गतिविधियों में भी बच्चों ने भाग लिया।
इसके अलावा उच्च माध्यमिक स्तर बच्चों ने क्रिकेट और कबड्डी, वालीबाल खेलकर मनोरंजन किया। इसे सफल बनाने में कोच पंकज, हेमू, मंजु का और समस्त स्टाफ का विशेष योगदान रहा। विद्यालय डायरेक्टर अतर सिंह और प्राचार्या सतेन्द्रा यादव ने बच्चों की उत्कृष्ट प्रतिभा की सराहना करते हुए उन्हें जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं दी और श्रीकृष्ण की मित्रता व आदर्शों को जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया।
फोटो कैप्शन 04: इससे संबंधित है।
यूरो स्कूल में कृष्ण जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया
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कनीना की आवाज। यूरो स्कूल में कृष्ण जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। यूरो स्कूल एक बेहतर शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कर्तव्यबद्ध है। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आज स्कूल प्रागंण में श्री कृष्ण जन्मोत्व को बड़े उत्साह व हर्षोल्लास से मनाया गया। इस उपलक्ष्य पर कक्षा मोन्टेसरी से दूसरी कक्षा तक के विद्यार्थियों के बीच फैंसी ड्रैस प्रतियोगिता व कक्षा तीसरी से कक्षा आठवीं तक विद्यार्थियों के बीच मटकी सजाओं प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें सभी विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। छोटे-छोटे बच्चे श्रीकृष्ण की ही भांति पीले वस्त्र धारण कर सिर पर मुकुट पहन और हाथों में बांसुरी लेकर ऐसे लग रहे थे कि मानो इस पृथ्वी पर फिर से भगवान श्री कृष्ण का आगमन हो गया है। छोटे-छोटे बच्चों की ऐसी सुंदर छवि देखकर सभी मंत्रमुग्ध हो गए। कक्षा तीसरी से आठवीं तक के विद्यार्थियों ने छोटी-छोटी मटकियों को अपनी कला कौशल के द्वारा बहुत ही सुंदर सजाया। छोटी-छोटी मटकियों के इतने सुंदर तरीके से सजा हुआ देख सभी मंत्रमुग्ध हो गए। इस प्रतियोगिता में आसिमा, रिया व रिया सदन प्रथम, यश, दिक्षा व जीविका सदन द्वितीय तानिया, विहान व आरूसी तृतीय सदन स्थान तथा निखिल, वंशीका व आरूसी चतुर्थ स्थान पर रहे। इस शुभावसर पर प्राचार्य सुनील यादव व उप प्राचार्य संजू यादव ने सबसे पहले विद्यार्थियों और समस्त शिक्षक समाज को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं दी और विजेताओं को पुरस्कृत करते हुए कहा कि हमारा ध्येय बच्चों को एक उच्च शिक्षा ही नही बल्कि बच्चों में अच्छे संस्कारों के साथ-साथ अपनी संस्कृति के प्रति सजग बनाना है। ये पर्व हमारी संस्कृति व सभ्यता से ही परिचय नही करवाते बल्कि हमे अपनी एकता और भाईचारे की भी पहचान करवाते हैं। बच्चों को अच्छी शिक्षा, हमारे रीति-रिवाज व संस्कृति का ज्ञान अर्जित करना बहुत आवश्यक है। इसलिए हमें अपने बच्चों को हमारी संस्कृति, रीति रिवाज से अवगत कराते रहना चाहिए ताकि आगे चलकर हम एक आदर्श समाज का गठन कर सकें। इस अवसर पर का-र्डिनेटर रितु तंवर, सुमन यादव, तन्नु गुप्ता व समस्त अध्यापक वर्ग उपस्थित था।
फोटो कैप्शन 05: यूरो में जन्माष्टमी मनाते हुए।
वोटर बोले---
वोटर चाहते हैं कि बेहतर नेता का चुनाव हो तथा क्षेत्र का करे विकास
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र के नेता चाहते हैं कि एक बेहतर नेता एवं बेहतर सरकार का चुनाव हो। जो हर वोटर के सुख दुख में तथा क्षेत्र के विकास में कारगर साबित हो। वोटर का क्या कहना है--
हरियाणा विधानसभा के चुनाव एक अक्टूबर को होने जा रहे हैं। बेहतर सरकार बनाने और साफ छवि के नेता चुनाव करना किसान भी चाहते हैं। एक शिक्षित किसान होने के नाते सूबे सिंह का कहना है कि वह एक ऐसी सरकार चाहते हैं जो हर व्यक्ति का ख्याल रखें। विकास कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़े। हर जन के सुख दुख में शामिल हो तथा बेरोजगारी की समस्या को हल कर सके। उन्होंने कहा कि दक्षिण हरियाणा एक ऐसा क्षेत्र है जहां सदा ही बेरोजगारी और पिछड़ापन मिलता है क्षेत्रों में किसानों की समस्याएं मुंह बाए खड़ी रहती है, वही बेरोजगारी की समस्या आड़े आ रही है। ऐसे में इन दोनों की समस्याओं का हल कर सके वह नेता उनका मनपसंद का नेता होगा। उन्होंने कहा कि दक्षिण हरियाणा में जहां अस्पतालों की समस्या मिलती है, अस्पताल एक मूलभूत आवश्यकता है। पानी, बिजली के अस्पताल आदि की सुविधा प्रदान कर सके वह नेता उनका प्रिय नेता होगा।
सूबे सिंह, शिक्षित किसान कनीना
अजीत कुमार का कहना है कि एक अक्टूबर को चुनाव हो रहे हैं, उसमें वे चाहते हैं कि उनकी मनपसंद का कोई नेता चुना जाए जो हर किसी की समस्या का समाधान कर सके। उनका कहना है कि युवा वर्ग बेरोजगारी की मार झेल रहा है, बेरोजगारी की समस्या को हल करने वाला दक्षिण हरियाणा के किसानों का तथा लोगों का हित करने वाला नेता उनका प्रिय नेता होगा। उन्होंने कहा कि विज्ञान की शिक्षा को बढ़ावा देने वाला ,अस्पतालों की सुविधा उपलब्ध करवाने तथा उद्योग धंधे स्थापित करके बेरोजगारी की समस्या का समाधान कर सके वह नेता उनका प्रिय नेता होगा। उनका कहना है कि लंबे अरसे से दक्षिण हरियाणा पिछड़ा हुआ है। पानी की समस्या है इसलिए किसानों के लिए पानी तथा पीने के लिए पानी उपलब्ध करवाए वह उनका पसंदीदा नेता होगा।
अजीत कुमार कनीना
5 साल में चुनाव आते हैं। विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। विधानसभा के चुनाव में वे चाहते हैं कि बढ़-चढ़कर मतदान करें लेकिन वे चाहते हैं कि ऐसे नेता का चुनाव हो जो साफ छवि का हो। जन हितैषी हो, किसानों और बेरोजगारों की समस्या का समाधान कर सके। उनका कहना है कि हर बार नेता आते हैं और कुछ झांसे देकर चले जाते हैं फिर लौट कर नहीं आते। ऐसे ना ऐसे नेता का चुनाव चाहते हैं जो इंसानों के बीच में खड़ा मिले, हर सुख दुख में सहायक हो वो नेता चुना जाए। उनका कहना है कि दक्षिण हरियाणा में उद्योग धंधों का अभाव है। उद्योग धंधे जो स्थापित करवाने में मदद करें, शिक्षा, अस्पताल मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने में सक्षम हो, ऐसा नेता उनका पसंदीदा नेता होगा।
सुरेश कुमार, व्यवसायी, कनीना
फोटो कैप्शन: सूबे सिंह, अजीत कुमार, सुरेश कुमार वोटर
फसल कटाई और चुनाव चलेंगे साथ-साथ
संवाद सहयोगी, जागरण. कनीना। इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव और फसल कटाई कार्य साथ-साथ चलेगा। किसान त्वरित कार्रवाई में जुटे हुए हैं और फसल कटाई कार्य 15 सितंबर के बाद पूरे यौवन पर शुरू होगा।
उल्लेखनीय की हरियाणा में विधानसभा चुनाव जहां एक अक्टूबर को होने जा रहे हैं वहीं फसल कटाई करके किसान अनाज मंडियों में इसी अवधि दौरान बाजरे की सरकारी तौर पर 2625 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचने मजबूर होंगे। ऐसे में इस बार जहां किसान सकते में है वही नेता भी परेशान नजर आ रहे हैं। अभी टिकटों का बंटवारा होना है, टिकटों के बंटवारे के बाद जब किसानों के पास वोट मांगने के लिए नेता पहुंचेंगे तो किसान अपने खेतों में अधिक मिलेंगे या अपनी फसल पैदावार बेचने के लिए अनाज मंडी में मिलेंगे। यहां तक कि किसानों के वोट पाने के लिए नेता खेतों में जाने को मजबूर होंगे।
किसानों नरेंद्र कुमार,अजीत कुमार, कृष्ण सिंह राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह आदि ने बताया जहां फसल कटाई सितंबर शुरू हो जाएगी वह 20 दिनों में पूर्ण हो जाएगी। तत्पश्चात किसान त्वरित गति से अपनी बाजरे की सरकारी बिक्री के काम में लग जाएंगे जहां उनके पास कोई फुर्सत नहीं होगी। जहां बाजरे की कटाई के तुरंत बाद किसान रबी फसल की बिजाई की तैयारियों में लग जाएंगे। ऐसे में किसानों के पास जहां फुर्सत नहीं होगी वहीं नेताओं के पास भी अब फुर्सत का समय नहीं है, उन्हें भी वोट मांगने हैं और ऐसे में वोट मांगने के लिए उन्हें घर-घर तथा खेतों में भी जाना पड़ेगा। जहां नेता इस बार व्यस्त होंगे वही किसान भी अति व्यस्त होंगे।
जागो वोटर, जागो
मतदान सभी का अधिकार है,मतदान जरूर करें-निर्मल
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कनीना की आवाज। हरियाणा में विधानसभा चुनाव एक अक्टूबर को होंगे। मतदान अधिक करवाने के लिए विभिन्न जन जी जान से जुटे हुए हैं। एक ओर जहां नये वोटर जुड़ते जा रहे हैं जिनकी उम्र 18 वर्ष हो गई है। वोटर से अध्यापक निर्मल कुमार अपील कर रहे हैं कि अधिक से अधिक वोट डाले।
निर्मल कुमार गांव-गांव गली गली जाकर मतदान के लाभ बता रहे हैं। मतदाताओं को जागरूक करते हुए कहते हैं कि वोट जरूर डालना है। अपनी पसंद का नेता चुनने के लिए वोट डालने बूथों पर जाए वरना वोट नहीं डालोगे तो आपकी पसंद का नेता नहीं चुना जाएगा। कुछ लोग वोट तो बनवा लेते हैं किंतु डालने नहीं जाते। एक-एक वोट की कीमत अमूल्य होती है। ऐसे में वोट जरूर डाले।
वोट डालते वक्त ध्यान रखना है कि लोभ, भय या लालच के वशीभूत होकर वोट नहीं दे। साफ सुथरी छवि एवं अपनी मनपसंद का नेता चुने। यदि वह प्रत्याशी चुनाव जीत जाता है तो मन को खुशी होती है।
चुनाव आयोग द्वारा घर के आसपास नजदीक पोलिंग बूथ बनता है, बनाए गये बूथ पर जाकर निर्धारित समय और तिथि पर ही वोट डालने चाहिए।
फोटो कैप्शन: निर्मल कुमार
अटेली विधानसभा से आम आदमी का प्रबल प्रत्याशी-एडवोकेट सत्यनारायण
-विकास की लगवा दी जाएगी झड़ी
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कनीना की आवाज। अगर इस बार एक मौका आम आदमी पार्टी अटेली विधानसभा से सत्यनारायण यादव एडवोकेट को जीता देते हैं तो इस इलाके में इंडस्ट्रियल हब होगा ,एजुकेशन का हब होगा ,जिसमें आईआईटी/आईआईएम और मेडिकल कालेज और हर गांव में स्टेडियम और स्पोर्ट्स क्लब होंगे। अटेली हल्का मे इंडस्ट्रियल हब बनायेंगे ताकि युवा को रोजगार मिल सके।
भारत कि सबसे बड़ी स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी यहां होगी। इसके अलावा सतनारायण यादव एडवोकेट अपनी जेब से विधानसभा अटेली की हर लड़की की शादी में 5100 का कन्यादान करेंगे व हर लड़के की शादी में या लड़के के जन्मदिन पर 1100 रुपये का शगुन देने खुद जाएंगे। हर गांव की खिलाड़ी टीम को एक एक लाख रुपये अपनी जेब से देंगे।
आम आदमी पार्टी कि सरकार बनने पर सब को हर महा 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी,
मुफ्त इलाज होगा , बेहतरीन शिक्षा मिलेगी,
सभी युवाओं को रोजगार देंगे । हर
महिला को मुफ्त बस यात्रा व हर महिला को हर महीना एक हजार रुपये मिलेगा। ऐसे में भावी चुनावों में एडवोकेट सतनारायण को वोट देने की अपील की है।
फोटो कैप्शन: एडवोकेट सतनारायण यादव
मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार
- एपिसोड नंबर 16, आत्मकथा का अंश
-ज्योतिषाचार्य अंगना राम की भविष्यवाणी उतर रही है खरी
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कनीना की आवाज। कनीना के डा. होशियार सिंह यादव बतौर शिक्षक 40 वर्षों तक सरकारी, निजी तथा ट्यूशन आदि सेवा करके 30 अप्रैल 2024 को धनौंदा से सेवानिवृत्त हो गया। बचपन की ज्योतिष आचार्य की लिखित बात बताना चाह रहा हूं जो शत प्रतिशत सही उतर रही है। कनीना के एक जमाने बहुत प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य अंगनाराम जोशी हुए हैं जिनकी वर्तमान पीढ़ी में अरविंद जोशी आदि चल रहे हैं और उनके परिवार से संबंध रखते हैं। जब मेरा जन्म हुआ उस समय पूर्ण रूप से कच्चे मकान होते थे। बारिश में धड़ाम धड़ाम गिर जाते थे। लोग तालियां बजाते थे। जैसे तैसे परिवार के सदस्य बच जाते थे। कनीना में जब जन्म हुआ उस समय मेरे पिता जयनारायण जिनकी आज भी दुकान जैनिया की दुकान नाम से जानी जाती है, दूर दराज तक विख्यात हैं, के पास पर्याप्त धन दौलत व खाने पीने के लिए दूध एवं घी के अतिरिक्त पर्याप्त सामग्री नहीं होती थी, अधिक गरीब हालत थी परंतु अंगनाराम ज्योतिषाचार्य के पास गए और जन्मपत्री बनवाई। ज्योतिषाचार्य ने लिख दिया था कि यह बच्चा अपने परिवार के लिए भारी पड़ेगा और इसके पत्नी सांवली होगी, काला दान करवाना जरूरी है। ऐसी बातें लिखी हुई हैं। मेरे पिता जयनारायण ज्योतिषाचार्य को बहुत मानते थे, परंतु माता-पिता के पास अधिक धन दौलत न होने से काला दान भी नहीं करवाया जा सका, परिणाम निकला की पैदा होते ही काला नाग मां को डस गया जिसके कारण मां का एक हाथ आंशिक रूप से काम करना बंद कर गया। कनीना अस्पताल में उस वक्त उन्हें जैसे तैसे बचा तो लिया परंतु एक हाथ बाद में पूर्ण रूप से काम करना बंद कर गया। मां ताउम्र कष्ट झेलकर वर्ष 2017 में स्वर्गवासी हो गई। बहन संतरा आज भी बताती है कि जब छोटा था तो बहुत स्मार्ट था, छुपाकर रखते थे कि कहीं किसी की नजर न लग जाये। काले नाग के कारण मेरा सुंदर रंग और मां के दूध पीने से सांवला होता चला गया चूंकि मां को काले नाग ने डस लिया था, दूध में प्रभाव रहा, डाक्टर भी यह बात बताते हैं। जैसे तैसे कुछ बड़ा हुआ संघर्षों की मानो कतार ही लग गई। परिवार और खुद के लिए कष्ट और संघर्ष काम आये। कष्ट और संघर्ष आज तक खत्म नहीं हुये हैं। कितने ही इंसानी रूप में कुकरात रूप में वाहू-वाहू करते रहे हैं और कर रहे हैं। खैर नौकरी मिलने के बाद 21 नवंबर 2000 में अलवर से शादी की गई तो काला दान और सभी कोशिश की गई कि कष्ट दूर हो जाए परंतु परिवार के लिए सदा ही भारी पड़े। जैसा की ज्योतिषाचार्य ने लिख दिया था और पत्नी भी 8 वर्षों के बाद अप्रैल 2008 में कैंसर से पीडि़त हो गई और 17 नवंबर 2010 में रात के वक्त देव उठावनी एकादशी को चल बसी। बचपन श्रीकृष्ण की भांति जंगलों में बीता। जंगल में गाय एवं भैंस चराने के लिए ले जाते थे। अपने पिता की मदद करता था। वृक्षों पर चढऩा, तैरना, लाठी चलाने की कुछ गुण पिता से सीख लिए क्योंकि पिता बहुत अच्छे कवि तथा अलगोजा के वादक थे। अपने जमाने में लाठी के बहुत बड़े खिलाड़ी थे और मेरे ताऊ अर्जुन सिंह का तो दूर दराज तक विशेषकर अबोहर,पंजाब क्षेत्र में दबदबा था। दोनों भाइयों की ताकत का अंदाजा लगा पाना मुश्किल था। यही कारण है कि उनके गुण होशियार सिंह में आ गए। परिवार में 1995 तक कोई किसी प्रकार की नौकरी में नहीं लगा, केवल होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक बतौर लगे। नौकरी मिली वो बेहद संघर्षों के बाद मिली,कितने पत्र व्यवहार किये, न्यायालय जाना पड़ा, जिनका हवाला आगामी एपिसोड में दिया जाएगा। परंतु यह कहना उचित होगा की स्कूल में पढऩे घर पर माता-पिता का सबसे अधिक सहयोग करने, पशुओं को चराने, गायों की सेवा करने और वृक्षों पर चढ़कर सांगर और कीकर के फल बिरछा तोडऩे का गहन अनुभव हासिल किया। आज तक उस वक्त को नहीं भुलाया जा सकता। घर पर दुकानदारी का काम भी किया, डेयरी का काम भी किया। जब भी समय लगता पुस्तक पढ़ते रहे, यह सत्य है कि कनीना में पहले कोई विज्ञान अध्यापक है तो वो सुरेंद्र सिंह है जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं वही दूसरा विज्ञान अध्यापक का अगर कोई नाम है तो डा. होशियार सिंह का है जिन्होंने विज्ञान की पढ़ाई की। उस जमाने में विज्ञान की पढ़ाई करना बहुत बहुत कठिन था। एमएससी के लिए पूरे हरियाणा में कुरुक्षेत्र एवं रोहतक महज 15-15 सीटे ही होती थी। आज के दिन तो गली चौराहे पर एमएससी कर सकते हैं। 80 के दशक में विज्ञान पढऩे वाले बहुत कम मिलते थे परंतु कनीना के सज्जन सिंह बोहरा नेता के कहने पर विज्ञान की पढ़ाई की। लोग यह भी कहते रहे की विज्ञान का विषय और वह बिना ट्यूशन, बगैर गहन अध्ययन के सफलता मिलनी बहुत कठिन है लेकिन यह सत्य है की मां सरस्वती का सदा ही आशीर्वाद बना हुआ रहा और आज के दिन भी बना हुआ है। सुबह शाम मां सरस्वती मेरे होठों पर वास करती है। परिणाम यह निकला की अच्छी पढ़ाई की, चाहे खाने को पर्याप्त रोटी नहीं मिली हो परंतु यह कहने का गर्व है माता-पिता ने जमकर दूध और घी पिलाया जिसका परिणाम है आज तक हाथ पैर अच्छी प्रकार कार्यरत है। वर्ष 2024 तक 14 कावड़ एवं 14 श्याम बाबा के ध्वज अर्पित करने के उपरांत भी लगातार साइकिल चलाने का अभ्यास है, जिसके चलते आज भी बेहतरीन स्वास्थ है। यदि कोई आज भी यह कहे की कंटीली जांटी या कीकर पर चढ़कर दिखाओ तो अविलंब चढ़कर दिखा सकता हूं। होशियार सिंह बचपन से ही पढऩे का शौकीन रहे हैं यही कहां है कि पढऩे में नाम कमाया। प्रारंभिक शिक्षा कनीना से प्राप्त करके कालेज में महेंद्रगढ़ पढऩे के लिए भेजा, तत्पश्चात नारनौल पहुंचे। एकमात्र विद्यार्थी रहा जिसको कनीना से नारनौल तक का बस पास मिला था क्योंकि उस वक्त 40 किलोमीटर दूर के बस पास नहीं बनते थे, परंतु विद्यार्थी समझकर 45 किलोमीटर के करीब नारनौल का बस पास बनाया गया और पढ़ाई पूर्ण की। बीएड में उस जमाने में प्रवेश पाना बहुत कठिन था किंतु 80 के दशक में एसपी कालेज रेवाड़ी से बीएड की कालेज में प्रथम रहकर पढ़ाई की। सदा ही कक्षा में अव्वल में गिनती रही। एक बार प्राचार्य होशियार सिंह मलिक आए उस समय सातवीं कक्षा प्रथम रहा। प्राचार्य ने बहुत शाबाशी दी। कक्षा में हर वक्त नाम कमाया, कालेज की शिक्षा में भी हमेशा हर वर्ष सम्मानित किया गया। कुल मिलाकर शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल रहकर नाम कमाया परंतु सत्य है कि परिवार के लिए भारी पड़ा। आज तक इस बात का मलाल है कि मां बाप का लेशमात्र भी ऋण चूकता नहीं कर पाया किंतु माता एवं पिता दोनों का ही प्रिय रहा।
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