पुलिस अधीक्षक ने थाना सदर कनीना का निरीक्षण किया,
-थाना प्रभारी सहित पुलिस कर्मचारियों को दिये आवश्यक निर्देश
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कनीना की आवाज। पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा ने आज थाना सदर कनीना का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान एसपी ने थाना परिसर में साफ-सफाई का अवलोकन किया। इस दौरान थाना प्रभारी सहित पुलिस कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान थाने से संबंधित रजिस्टरों का अवलोकन कर उनमें पाए गए कमियों का निराकरण एवम् प्रविष्टि करने का निर्देश दिया। साथ ही क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस-पब्लिक के बीच समन्वय बनाए रखने का भी निर्देश दिया, ताकि दोनों एक दूसरे का सहयोग करते रहें। एसपी ने थाना प्रभारी से थाने के विभिन्न मामलों की जानकारी ली और अपराध एवं अपराधियों के बारे में विस्तृत जानकारी ली गई। एसपी ने गश्त व वाहन चेकिंग करने का निर्देश दिया। इस दौरान उन्होंने थाने का रिकॉर्ड रूम, कंप्यूटर कक्ष, मेस आदि का निरीक्षण कर संबंधित को आवश्यक निर्देश दिए गए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने थाना के रिकॉर्ड रूम को चेक कर रखरखाव की स्थिति देखी। एसपी ने थाने की व्यवस्थाओं की जानकारी ली।
इसके उपरांत पुलिस कप्तान के द्वारा थाने के अभियोगों की जानकारी लेते हुए संबंधित अनुसंधान अधिकारियों से अभियोग के बारे में जानकारी ली गई। इस दौरान प्रभारी निरीक्षक मुकेश से उनके द्वारा थाने के रजिस्टर, थाने के अपराधियों एवं हिस्ट्रीशीटर की जानकारी ली गई। थाना परिसर में पेंडिंग मदों एवम् वाहनों के निस्तारण की स्थिति के बारे में प्रभारी निरीक्षक से जानकारी ली एवं निस्तारण की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। थाना परिसर की साफ-सफाई, बिजली, पानी की व्यवस्था का भी निरीक्षण किया। कर्मचारियों के मैस में भ्रमण पर साफ-सफाई की व्यवस्था जांची। निरीक्षण के दौरान थाना सदर कनीना प्रभारी, प्रवाचक पुलिस अधीक्षक एवं थाना सदर कनीना के पुलिस कर्मचारी मौजूद रहे।
फोटो साथ हैं।
हिंदी शिक्षक नरेश कुमार मंदोला को मातृ शोक
-70 वर्षीय मुन्नी देवी का हुआ आकस्मिक निधन
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माडल संस्कृति स्कूल धनौंदा में कार्यरत नरेश कुमार मंदोला निवासी हिंदी शिक्षक की माता मुन्नी देवी का शिवरात्रि को देहांत हो गया। वे 70 वर्ष की थी और वे अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गई है।
मिली जानकारी के अनुसार नरेश कुमार हिंदी शिक्षक के पिता का देहांत करीब 10 वर्ष पहले हो चुका है। मुन्नी देवी अपने पीछे तीन पुत्र सुरेश कुमार, अशोक कुमार और नरेश कुमार तथा एक पुत्री सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गई है। मंदोला में में शिवरात्रि के पावन दिन पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। भारी संख्या गणमान्य जन उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि नरेश कुमार हिंदी शिक्षक भोजावास एवं कनीना के राजकीय माडल स्कूलों में भी कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में धनौंदा में में कार्यरत है।
फोटो कैप्शन: मुन्नी देवी फाइल फोटो
रिटायरमेंट कर्मचारियों की किसी भी समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं देती सरकार- शांतनु चौहान
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कनीना की आवाज। जिला महेंद्रगढ़ में रेवाड़ी के हजारों अर्ध सैनिक बल, दिल्ली पुलिस केंद्रीय रिजर्व पुलिस इसके अलावा अन्य पुलिस फोर्स के सबसे ज्यादा सेवानिवृत्ति कर्मचारी जिला महेंद्रगढ़ तथा रेवाड़ी में हैं लेकिन यहां सीजीएचएस की सुविधा न होने के कारण इन इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। ये विचार कांग्रेस के युवा प्रदेश उपाध्यक्ष शांतनु चौहान ने यहां व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में इन कर्मचारियों ने विधायक तथा सांसद व मंत्रियों से अपनी समस्या को कई बार मौखिक व लिखित में देकर उनको अवगत कराया है लेकिन झूठे आश्वासन के सिवाय उनको किसी ने कुछ नहीं दिया और ना ही उनकी इस बात पर ध्यान नहीं दिया। इससे यह बात साबित हो जाती है की वर्तमान सरकार को सेवानिवृत्त कर्मचारियों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा रिटायरमेंट कर्मचारी तथा उनके परिजन जब भी बीमार होते हैं तो वह अपनी सुविधा का लाभ नहीं ले पाते क्योंकि यह सुविधा गुडग़ांव एवं दिल्ली में उपलब्ध होती है जिसके कारण यह सेवानिवृत्त कर्मचारी वहां तक पहुंचने में असफल होते हैं जिसके कारण यह लोग या तो झोलाछाप डाक्टरों के हाथों लूटने पर मजबूर होते हैं या फिर शहरों में बैठे मोटे आकाओं के हाथों कटने पर मजबूर होना पड़ता है। उन्होंने वर्तमान सरकार द्वारा गांव में सुविधा देने की बजाय उनको विभिन्न प्रकार से परेशान करने का कार्य किया है। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से महेंद्रगढ़ तथा रेवाड़ी में सीजीएचएस की सुविधा अविलंब उपलब्ध कराने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा है अगर एक महीने के अंदर यह सुविधा यहां नहीं दी गई तो कांग्रेस पार्टी सड़कों पर आने के लिए मजबूर हो जाएगी।
फोटो कैप्शन 04: युवा नेता शांतनु दौरा करते हुए।
फोटो युक्त पहचान पत्र के लिए स्पेशल कैंपेन 3 अगस्त को
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कनीना की आवाज। निर्वाचन आयोग हरियाणा द्वारा स्पेशल कैंपेन चलाकर सभी बीएलओ एक जुलाई 2024 के आधार मानते हुए फोटो पहचान पत्रों के रिविजन का कार्य करना होगा। जिसके तहत वोट बनाने ,कटवाने शिफ्ट करने आदि की कार्रवाई की जाएगी। सभी बीएलओ अपने-अपने बूथों पर 3 अगस्त तथा 4 अगस्त का हाजिर रहेंगे। विस्तृत जानकारी देते हुए बीएलओ सुनील कुमार ने बताया कि चुनाव आयोग के आदेश अनुसार तीन और चार अगस्त को सभी बीएलओ अपने-अपने बूथों पर हाजिर रहेंगे तथा एक विशेष ड्राइव चला कर नये वोट बनाए जा सकेगी, कोई कटवाना चाहे तो वोट को काटा जा सकता है। उन्होंने बताया इसी क्रम में 10 और 11 अगस्त को भी सभी बीएलओ अपने-अपने बूथों पर हाजिर रहेंगे।
मोटरसाइकिल पर अवैध रूप से शराब ले जाते एक गिरफ्तार
मोटरसाइकिल पर अवैध रूप से शराब ले जाते एक गिरफ्तार।
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कनीना की आवाज।थाना शहर कनीना की पुलिस टीम ने 12 बोतल अवैध शराब के साथ एक आरोपित को गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान हवा सिंह वासी भोजावास के रूप में हुई है। आरोपित मोटरसाइकिल पर अवैध शराब लेकर जा रहा था। थाना शहर कनीना की पुलिस टीम टी-प्वाइन्ट कोसली-कनीना पर मौजूद थी, टीम को सूचना मिली कि गांव कोटिया की तरफ से एक मोटर साइकिल पर अवैध शराब ले जाई जा रही है। जिस सूचना पर टीम कोसली टी प्वाइंट पहुंची, जहां पर नाका बन्दी शुरू की गई, तभी कोटिया की तरफ से एक मोटर साइकिल आती हुई दिखाई दी, जिसे इशारा करके रुकवाया गया। मोटर साइकिल चालक से नाम पता पुछा तो उसने अपना नाम हवा सिंह वासी गांव भोजावास बतलाया। मोटर साइकिल को चैक करने पर 1 पेटी (कुल 12 बोतल) अग्रेजी शराब बरामद हुई। जो बरामद शराब बारे आरोपित से लाइसेंस व परमिट मांगा तो वह कोई लाइसेंस व परमिट पेश नही कर सका। पुलिस ने अवैध शराब को जब्त कर लिया और आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज करके आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
फिर हुई 8 एमएम वर्षा
-विगत दिनों का गंदा जल भी सड़कों पर है भरा
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में एक बार फिर से 8 एमएम वर्षा हुई, बुधवार को 82 एमएम वर्षा हुई थी। पहले ही सड़कों एवं मार्गों पर वर्षा का गंदा जल भरा खड़ा है उस पर फिर से गंदा जल बढ़ गया है। अब तक अकेले सावन माह में 105 एमएम वर्षा हो चुकी है। कनीना में बाढ़ जैसे हालात बन गये हैं। जून एवं जुलाईमाह में अब तक 188 एमएम वर्षा हो चुकी है जिसमें से अकेले सावन में 105एमएम वर्षा हो चुकी है। बाजरा और कपास की खड़ी फसल में रौनक आ गई है।
कनीना क्षेत्र की भूमि रेतीली है जो जल्दी पानी को सोख लेती है। इसलिए चाहे अधिक वर्षा भी होगी तो किसानों के लिए लाभ होगा।
वर्षा से सड़कों पर पानी जमा हो जाने से समस्या जरूर पैदा हो गई है तथा प्रशासन असहज महसूस कर रहा है किंतु वर्षा होने का लाभ अधिक है।
विगत वर्ष जहां बादल जमकर बरसे थे, सावन में अच्छी वर्षा हुई थी किंतु इस वर्ष अभी तक अल्प वर्षा हुई है। विगत वर्ष की तुलना में कम वर्षा हुई है।
किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि वो अच्छी वर्षा का इंतजार कर रहे हैं। अगर अच्छी वर्षा हो जाए तो भूमिगत जल में बढ़ोतरी तो होगी ही साथ में बाजरे की भी अच्छी पैदावार होगी। वर्षा ने प्रशासन की पोल खोल के रख दी। हर गली में वर्षा का जल भरा हुआ है। जोहड़ लबालब भरे खड़े हैं।
फोटो कैप्शन 03: कनीना की गलियों में खड़ा वर्षा का जल
विभिन्न शिवालयों में मनाया गया शिवरात्रि का पर्व
- हजारों कांवड़ बाघेश्वरी धाम पर अर्पित की गई
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कनीना की आवाज। शिवरात्रि का पर्व क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर व्रत रखा गया और गंगाजल से शिवलिंग का जलाभिषेक किया गया। देशभर में विख्यात बाघेश्वर धाम पर दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा। कांवड़ चढ़ाई गई और शिवलिंग का अभिषेक करके मन्नत मांगी गई। इस बार भारी संख्या में कांवड़ अर्पित की गई। अन्य वर्षों के मुकाबले अधिक भक्त कांवड़ लेकर आये।
सुबह से ही चारों ओर बम-बम के जयकारे सुनाई पड़ रहे थे। विभिन्न शिवालयों में सुबह से शाम तक भीड़ रही। कनीना के 21 फुट प्रतिमा वाले शिवालय पर भारी भीड़ रही। धनौंदा के ब्रह्मचारी कृष्णानन्द आश्रम में शिवलिंग का जलाभिषेक किया गया। विभिन्न गांवों में भी जल चढ़ाकर मन्नत मांगने का सिलसिला जारी रहा।
देशभर में कांवड़ के लिए विख्यात बाघेश्वरी धाम पर आज कांवड़ चढ़ाने वालों की भीड़ रही वहीं शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए भी मारामारी चली। स्वयंभू शिवलिंग पर हजारों वर्षों से गंगाजल अर्पित करने व कांवड़ लकार अर्पित करने का सिलसिला चला आ रहा है। लाखों भक्तों ने शिवालय जाकर शिव भोले को जल अर्पित किया। महिलाओं की संख्या बहुत अधिक रही।
बाघेश्वरी धाम पर न केवल भक्तों ने कांवड़ अर्पित की अपितु खेलों का आनन्द भी लिया। इस मेले में बड़े-बड़े संत, महात्मा, नेता आदि ने गंगाजल अर्पित किया। यूं तो प्रत्येक सोमवार को यहां पर भारी भीड़ देखने को मिलती है। मेले का आयोजन सात दिनों से चला आ रहा था जो आज संपन्न हो गया है।
ट्रैक्टरों मेें जा रहे थे भक्त-
बाघेश्वरी धाम पर कांवड़ अर्पित करने के लिए भक्तजन ट्रैक्टरों, पीकअप आदि में सवार होकर जाते देखे गए। दिन एवं रात को वाहनों एवं भक्तों का तांता बाघोत की ओर जाते देखा गया। शिवरात्रि के दिन डाक कांवड़ की भरमार रही। उनको अलग रास्ते से शिवालय में जाने की व्यवस्था की हुई थी। एक ओर 350 किमी से व्यक्तिगत कांवड़ लेकर आने वाले भक्तों को सामान्य लाइन में खड़ा होना पड़ा वहीं डाक कांवड़ लाने वालों को विशेष लाइन में दर्शनों का मौका दिया गया।
गीत भजन एवं डांस के साथ कांवड़ की गई अर्पित-
शिवरात्रि के दिन बाघेश्वरी धाम पर कांवड़ चढ़ाने का सिलसिला अनवरत चलता रहा। इस दौरान कांवर लाने वाले भक्त अपनी कांवड़ को विधि विधान से पूजा करवाकर उन्हें बैंड बाजों पर थिरकते हुए शिवालय तक पहुंचे। और तो और महिलाएं भी नृत्य करते हुए आगे बढ़ती देखी गई। जिस प्रकार शादी दौरान नृत्य किया जाता है ठीक उसी प्रकार कांवर अर्पित करने का सिलसिला देखने को मिला। भारी संख्या में कांवर अर्पित की गई। कांवर अर्पित करने का सिलसिला विगत चार दिनों से चला आ रहा था। एक अनुमान के अनुसार दस हजार कांवड़ अर्पित की गई हैं। विभिन्न गांवों के शिवालयों में भी कांवड़ अर्पित की गई।
विभिन्न दलों ने सेवा की-
कांवर लाकर अर्पित करने वाले तथा शिवालय के दर्शन करने वाले भक्तों की सेवा के लिए विभिन्न दल सेवा कर रहे थे। शिवरात्रि के दिन भारी भीड़ देखने को मिली। तीन तीन घंटों में नंबर पड़ रहा था। पानी पिलाना तथा मंदिर में व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी सेवादल अहं भूमिका निभा रहे हैं। पुलिस बल दौरा करते हुए देखे गए। सबसे अधिक बैकुंठी कांवर अर्पित की गई वहीं दूसरे नंबर पर डाक कांवर अर्पित की गई।
फोटो कैप्शन 01: बाघोत स्वयंभू शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करते हुए भक्त।
कावडिय़ों के लिए लगाए गये शिविरों का हुआ समापन
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कनीना की आवाज। कांवडिय़ों के लिए विगत एक सप्ताह से लगाये गये सेवा शिविर संपन्न हो गये हैं। कनीना के बस स्टंैड के पास ही रेवाड़ी मार्ग, कोसली मार्ग, महेंद्रगढ़ एवं अटेली मार्ग शिविर लगाए हुए थे। ये शिविर एक सप्ताह तक चले आ रहे थे। इस शिविरों में कनीना व आस-पास के लोग आकर शिवभक्तों की सेवा करते रहे।
जहां कुछ लोग इन शिवभक्तों की सेवा करके खुश रहे तो कुछ दान पुण्य करके ही प्रसन्न रहे। इस शिविरों में कांवडिय़ों के लिए जहां चाय, पानी, नाश्ता एवं भोजन की संपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराई गई वहीं उनकी सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। देर रात तक ये सेवक भक्तों की सेवा के लिए तैयार देखे गए। जगह जगह भंडारे आयोजित किये गये।
जहां शिवभक्तों में शिव के प्रति आस्था के अनेकों तरीके हैं वहीं शिवभक्तों की सेवा करने वाले भी कई प्रकार से उन भक्तों की सेवा कर रहे थे। जहां कुछ भक्त कांवड़ लाकर ही अपना मन शुद्ध करने का प्रयास कर रहे थे वहीं कुछ लोग उनकी सेवा करके ही अपने को धन्य समझते थे।
कनीना व आस-पास गांवों में कांवडिय़ों के लिए जहां दूध, फल, सब्जी, नाश्ता, खाना, दवाएं एवं हर प्रकार की सुविधा प्रदान की जा रही थी वहीं उनके पैरों में मेहंदी का लेप लगाया जा रहा था। इन शिविरों में ठहरने वाले भक्तों के पैर के 350 किमी लंबी दूरी पैदल तय करने के कारण कट जाते हैं वहीं दर्द होने के कारण परेशानी का कारण बन जाते हैं। उनके पैरों के तलवों पर दिनरात कुछ भक्त मेहंदी का लेप कर रहे थे। बताया जाता है कि मेहंदी के लेप के कारण ही उन्हें आराम मिलता था और आगे बढऩे का हौसला भी मिलता था।
एक भक्त सुरेश ने बताया कि वो उनके शिविर में मेहंदी लगाकर भक्तों की सेवा करके ही अपने को धन्य समझता है। उनका कहना है कि नर सेवा ही नारायण सेवा होती है। हरिद्वार से कांवड़ नहीं लाए तो क्या हुआ वे कांवड़ लाने वालों की सेवा तो कर ही सकते थे।
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