पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल का दौरा कर जायजा लिया
-आरोपितों को जल्द गिरफ्तार करने के दिए निर्देश
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कनीना की आवाज। कनीना के भोजावास क्षेत्र में जान से मारने की नियत से फायर करने की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपितों की पुलिस टीमों द्वारा तलाश की जा रही है। पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा के दिशा-निर्देशों में टीमें संदिग्ध स्थानों पर छापामारी कर रही हैं। पुलिस अधीक्षक ने आज घटनास्थल का दौरा कर जायजा लिया और टीमों को सख्त निर्देश दिए कि आरोपितों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाए। इस दौरान उनके साथ कनीना डीएसपी दिनेश कुमार और थाना सदर कनीना प्रबंधक निरीक्षक मुकेश कुमार भी मौजूद रहे।
मामले की शिकायत सनोज कुमार वासी गांव भोजावास ने थाना सदर कनीना में दी, जिसमे उसने बताया कि उसने भोजावास बस स्टैण्ड पर किरयाणा स्टोर की दुकान कर रखी है। 22 अगस्त को समय करीब 2.30 से 2.45 पीएम पर दुकान पर बैठा हुआ था, एक सफेद रंग की बुलेरो गाड़ी दुकान के आगे रुकी और जिसमें से केडी झिगावन ने गाड़ी से नीचे उतरकर जान से मारने के लिए उस पर फायर किया, एक गोली दाहिने हाथ की हथेली में लगी। उसके बाद बुलेरो गाड़ी से एक लड़का ओर उतरता दिखाई दिया, जिस पर वह अपनी दुकान में अन्दर छत पर चला गया। इसके बाद वह जान से मारने की धमकी देकर चले गए। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।
एसपी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए टीमों का गठन कर तुरंत प्रभाव से आरोपितों की खोज में टीमों को लगा दिया। इसके साथ ही टीमों द्वारा संदिग्ध स्थानों पर चेकिंग और वाहनों की चेकिंग की जा रही है। वारदात को अंजाम देने वाले आरोपितों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
फोटो कैप्शन 06 व 07: पुलिस अधीक्षक भोजावास में घटनास्थल पर।
लाइसेंसधारी स्टांप विक्रेताओं ने फर्जी स्टांप विके्रेताओं पर अंकुश लगाने की लगाई गुहार
-तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
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कनीना की आवाज। कनीना तहसील में लाइसेंसधारी स्टांप विक्रेेताओं ने तहसीलदार कनीना को लिखित में शिकायत देकर बताया कि तहसील कार्यालय में हम कुछ लाइसेंस धारी स्टांप विक्रेेता है जिसके अलावा स्थायी तथा कथित फर्जी स्टांप विक्रेता अपने आप को स्टांप विक्रेता बताकर लोगों को लूटने का कार्य कर रहे हैं। जिनकी जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। स्टांप विक्रेता संदीप शर्मा तथा अनुज कुमार ने तहसीलदार को दी शिकायत बताया कि तहसील कार्यालय कैंपस में कुछ तथाकथित फर्जी स्टांप पर विक्रेता लोगों की जेबों पर डाका डाल रहे हैं, जिन्हें रोका जाए ताकि फर्जी स्टांप विक्रेताओं के चंगुल से लोगों को बचाया जा सके।
मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार
-एपिसोड -15
विद्यार्थियों ने सदा मुझे दिया सबसे अधिक आदरभाव
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कनीना की आवाज। कनीना के डा. होशियार सिंह यादव ने सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों, निजी स्तर पर करीब 40 वर्षों की सेवा दी तथा 30 अप्रैल 2024 को धनौंदा स्कूल से सेवानिवृत्त हुआ। 30 अप्रैल को स्कूल के विद्यार्थियों का नजारा कुछ अलग था चूंकि आज तक विद्यार्थियों को यह नहीं बताया गया था कि विज्ञान अध्यापक होशियार सिंह सेवानिवृत्त हो रहे हैं और वह भी 30 अप्रैल को ही बताया। जब सुबह प्रार्थना सभा में यह बताया तो विद्यार्थी अवाक रह गए। विद्यार्थियों को पढ़ाना भी चाहा किंतु उन्होंने कहा कि आज सर हम आपपसे थोड़ी देर ही पढ़ेंगे, आज बस हम जो करना चाहते हैं वह हमें करने दो। और देखते-देखते विद्यार्थियों ने सैकड़ों ग्रीटिंग कार्ड अपने हाथों से बनाकर दिए, कुछ छोटे-छोटे गिफ्ट भी दिए। वैसे तो किसी भी हाल में ये गिफ्ट बच्चों से नहीं लेना चाहा किंतु जब रोने लगे तो यह समझकर कि ये बच्चे दुखी होंगे, उनके टाफी, चाकलेट आदि ले ििलये जिनकी संख्या बहुत कम थी। जब चलने लगा तब विद्यार्थियों ने गमगीन माहौल में विदा किया। वह मुझे भी देखा नहीं गया और मेरी आंखों में आंसू आ गए। धनौंदा विद्यालय में एक बार नहीं अपितु तीन बार बदली हुई। वर्ष 1997-98 में जब राजकीय उच्च विद्यालय होता था तब भी सेवा दी, जब यह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बना तब भी सेवा दी और राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बना तब भी सेवा दी और वहीं से सेवानिवृत्त हुआ। याद है मुझे 1998 में जब इस विद्यालय से मेरी बदली कनीना हुई। विद्यार्थियों को पता लग गया था कि कल विज्ञान अध्यापक धनौंदा स्कूल से कनीना जाएंगे। खरकड़ाबास और धनौंदा से आने वाले विद्यार्थी स्वयं विदाई देने के लिए पहुंचे। स्कूल कैंपस में शानदार पार्टी का आयोजन किया गया। इस पार्टी में जहां विद्यार्थियों ने चलते समय एक गिफ्ट दी और गिफ्ट भी घड़ी के रूप में थी, जो मैंने विद्यालय को ही भेंट कर दी थी। जब पता किया कि यह घड़ी कौन लाया है? सुनकर आंखों में आंसू आ गए, खरकड़ाबास का एक विद्यार्थी सामने आया और उसने बताया कि सर मैं लेकर आया हूं। जब पैसों के बारे में बात की कि पैसे कहां से लाया, तो दूसरे कुछ विद्यार्थियों ने बताया कि सर- यह रात भर किसी के यहां थ्रेसर से अनाज निकालने का काम करता रहा, बदले में से जो पैसे मिले उससे यह घड़ी खरीद कर लाया है। इतना सुनकर महादेवी वर्मा के पत्र घीसा की याद आ गई कि ऐसे भी विद्यार्थी हैं जिनके दिल में शिक्षक के प्रति अटूट आस्था होती है। यूं तो हर विद्यालय में जहां से मेरी बदली हुई विद्यार्थी गम में डूबे नजर आए परंतु सबसे अधिक सम्मान नवोदय विद्यालयों ने दिया जो जीवनपर्यंत याद रहेगा। वैसे भी उस जमाने में मैं छोटी उम्र का था, जवान था, कुछ अधिक जोश और जुनून था जिसमें मैं शत प्रतिशत खरा उतरा और परिणाम यह है कि आज भी नवोदय विद्यालयों के बच्चे मिलते हैं तो मन बाग बाग हो जाता है। मरते दम तक उन विद्यालयों एवं बच्चों को नहीं भुला पाऊंगा।
यहां एक उल्लेख करने का मन करता है कि जब निजी स्तर पर ट्यूशन का काम करता था। उन दिनों गरीब बच्चों की सेवा की थी। आज के दिन कोई गरीब विद्यार्थी की मदद करें या नहीं करें परंतु उन दोनों गरीब विद्यार्थी को मुफ्त में ट्यूशन दिया था। साथ में करीरा गांव का एक ऐसा विद्यार्थी भी मिला जो ट्यूशन पर आता था। रात को भी सभी बच्चे ट्यूशन वाले घर में रुकते थे। एक रात जब एक विद्यार्थी नहीं आया तो पता किया कि क्यों नहीं आया? अगले दिन उसने बताया कि सर आपकी ट्यूशन फीस 25 रुपये देने थे जो मेरे पास नहीं थे, मैं रात भर दिन भर मेहनत मजदूरी करके यह पैसे लाया हूं ले लो। मन को हिलाकर रख दिया और उस दिन से सोचा कि मैं किसी गरीब बच्चों से ट्यूशन की फीस नहीं लूंगा। इस पर सदा कायम भी रहा, सदा जी जान से पढ़ाया, आज भी वो दिन याद आते हैं। यह सत्य है कि आज के दिन दिल में वो जुनून कायम है। बेहतर से बेहतर रिजल्ट लाकर दिखाया जा सकता है। ऐसे कई हजार विद्यार्थी होंगे जिनका मेरे प्रति बहुत गहन लगाव रहा है। यह भी सत्य है कि जब जब आपत्ति आई, कहीं बदली हुई तब तब वापसी करीरा बहुत काम आया। करीरा के विद्यार्थियों में लगनशीलता और मेहनता का जज्बा था। यही कारण है कि करीरा की बार-बार याद आती है।
कुछ भी हो स्कूल के विद्यार्थियों ने सेवानिवृत्ति पर जो सम्मान दिया विशेष कर छठी के एक बच्चे ने एक शानदार कविता लिख कर दी जो मेरी पुस्तक में प्रकाशित होगी। साथ में जो उन्होंने ग्रीटिंग दिए वो सदा मेरे पास रहेंगे, उन्हें मैं कभी नहीं भूला पाऊंगा। सत्य है कि मेरे शिक्षक के 40 वर्षों के दौरान कोई एक या दो शिक्षक ही मेरे से नाराज रहा परंतु नाराज बेशक रहा हो परंतु उसके दिल में यह बात सदा हिलोरे लेती रही कि शिक्षक मेहनती है। एक वाक्या याद आता है जब कनीना पालिका के प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा होते थे। कुछ अभिभावक उनसे मिले और कहा कि प्रधान जी होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक बच्चों को काम न करने पर पिटाई करता है, इनकी दूर दराज बदली करवा दो। राजेंद्र सिंह लोढ़ा ने एक बात पूछी -क्या यह बच्चों को अच्छी प्रकार पढ़ाता है या नहीं? अभिभावकों ने कहा कि पढ़ाने में इनसे बेहतर कोई अन्य शिक्षक नहीं होगा। राजेंद्र सिंह लोढ़ा ने कहा-वो कद्र तो मेरी भी नहीं करता परंतु यह तो सोचो कि तुम्हारे बच्चों का भला कर रहा है। और पीट देने से क्या उसका कोई खून बढ़ता है? कुछ तो कारण होगा कि उन्हें धमकाता है। आइंदा ऐसी बात उनके बारे में नहीं कहना और उन्हें भली बुरी कहकर अपने पास से भगा दिया। अभिभावक अपना सा मुंह लेकर आ गये। यह वाक्या कई बार मेरे सामने आ चुका है। आज के दिन कई हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं। आज भी वो बड़े आदर के साथ मुझे याद करते हैं। शिक्षक के लिए इससे बेहतर और क्या हो सकता है?
बच्चों पर मेहनत करो, होगा एक दिन नाम।
जग से चले जाओगे, बस आएगा यह काम।।
अमर रहता वो शिक्षक जिसके शिष्य हजार,
चाहे कहीं भी जाइये नहीं होगी कभी भी हार।।
हास्य रचना
-अरे भाई फाइल पर वजन रख दो और फाइन को लगवाओ पंख
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कनीना की आवाज। शिक्षा विभाग के पंचकूला स्थित कार्यालय से संबंधित हास्य व्यंग्य रचना प्रकार है। जहां फाइल है महीनों महीनों तक एक ही डेस्क पर पड़ी होती है किंतु कुछ वजन रखने से वह पंख लगाकर दौड़ती है। ऐसे में दो दोस्त राम और श्याम आपस में गुफ्तगू करते हैं।
राम:- श्याम तुम इतनी परेशान क्यों नजर आ रहे हो, घर में सब खैरियत तो है।
श्याम- सब खैरियत है किंतु पिछले 6-7 सालों से एक काम पुरा न होने पर परेशान हो रहा हूं। राम ने पूछा-बताइए वह काम क्या है और क्या करना है?
श्याम- मैंने एसीपी की फाइल/ एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन की फाइल पंचकूला आनलाइन भिजवाई थी, बार-बार उस पर आब्जेक्शन लगा दिया जाता है। फाइल 6-7 अधिकारियों से होकर गुजरती है। कभी पहली सीढ़ी पार कर पाती है तो कभी तीसरी सीढ़ी पार कर पाती है परंतु वापस आ जाती है।
राम: बस इतनी सी बात है? मुझे बताओगे क्या आपने फाइल के साथ कोई वजन रखा था?
वजन से क्या होता है? श्यामू ने पूछा।
राम ने कहा कि आप इतनी छोटी सी बात नहीं जानते? वजन का अर्थ है कुछ धन दौलत रुपये, गांधी वाले नोट रखे थे क्या?
श्याम- अच्छा आप इनको वजन बता रहे हो क्या? नहीं, नहीं रखें। मैं ईमानदारी पर चलता हूं, पूरी उम्र ईमानदारी पर चला हूं, अब क्या बेईमानी को अपनाऊंगा?
राम- तो यूं ही बैठे रहिये, दुखी और करते रहिये इंतजार। तुम्हारी एसीपी तो लगने वाली नहीं? अगर लगवानी ही है तो वजन रखना ही पड़ेगा? श्याम: क्या कार्यालय में इतनी अंधेरगर्दी और भ्रष्टाचार है कि वह मिलती ही नहीं।
राम-कार्यालय जाकर तो देखिए कोई तुमसे बात नहीं करेगा। एक दस जमात पास बाबू के पास अपने आपको प्राचार्य कहलाने वाले गिड़गिड़ाते देखे जा सकते हैं। उनको कुर्सी तो दूर चाय पानी भी नहीं पूछा जाता अपितु उनकी जेब से कुछ निकालने की तरकीब सोची जाती है।
एसीपी की फाइल पर तुमने कोई वजन नहीं रखा यदि वजन रखते तो फाइल पंख लगा कर उड़ती। तुमने देखा नहीं तुम्हारे कितने ही साथियों की फाइल वजन रखने से कैसे उड़ी थी?
क्योंकि उन्होंने वचन रखा था और वजन रखने के लिए अनेक लोग बैठे हैं जो आपका वजन फाइल पर रखकर प्रस्तुत कर देते हैं। देखिए महीनों का काम चंद मिनटों में पूरा हो जाता है।
श्याम: हमारा दुर्भाग्य था कि आज तक हमारी समझ नहीं आई परंतु अब तो समझ आ गई कि किसी काम को पूरा करवाने के लिए फाइल पर वजन रखना जरूरी है।
श्याम: ठीक है मैं प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और राज्यपाल को भी पत्र लिखूंगा और शिकायत कर सारी कहानी समझाऊंगा।
...तो समझाते रहिए, वर्षों वर्ष बीत जाएंगे लेकिन तुम्हारी एसीपी नहीं लगेगी।
मैं सरकार से मांग करूंगा की एसीपी मामले संबंधित मुखिया तक सीमित हो।
राम: तो फिर समझाते रहिये तुम्हारा कोई भला नहीं कर पाएगा। इस शिक्षा के क्षेत्र विभाग में जितना भ्रष्टाचार है उतना शायद कहीं नहीं देखने को मिलेगा। अब तो भगवान ही रखवाला है।
श्याम ने सारी बात समझ कर कहा कि बहुत गंभीर बातें हैं, आज मेरी आंखें खोल दी और आपने बताया कि मेरा काम क्यों नहीं हो पा रहा है?
लाखों रुपये खर्च करने के उपरांत धनौंदा गांव में बना तालाब हुआ ध्वस्त
--ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति रोष
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कनीना की आवाज। कनीना के निकटवर्ती ग्राम धनौंदा में स्थित बाबा दयाल के तालाब पर लाखों रुपये खर्च करने के उपरांत भी तालाब की ठीक ढंग से देखरेख नहीं होने के कारण तालाब के चारों तरफ घूमने का रास्ता ध्वस्त हो गया है।
यह जानकारी क्षेत्र के ठाकुर रतन सिंह तंवर, पूर्व पंच सुनील कुमार, ठाकुर पीतांबर सिंह, पूर्व पंच घनश्याम सिंह, प्रवीण कुमार स्वामी, नरेंद्र कुमार के अलावा अन्य ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि गांव धनौंदा में कुछ माह पहले प्रशासन द्वारा तालाब की खुदाई का कार्य कराया गया था जिस पर लाखों रुपये खर्च कर तालाब के ऊपर चारों तरफ घूमने की सड़क बनाकर विश्राम स्थल के लिए सीमेंट की चेयर भी लगाई गई थी लेकिन यह सारा कार्य मात्र कुछ महीने बाद ही ध्वस्त हो गया। जिसको लेकर ग्रामीणों में प्रशासन व सरकार के खिलाफ रोष पनप रहा है। सरकार द्वारा खर्च किया गया पैसा मिट्टी में मिल गया और लोगों को इसकी सुविधा मिलने के बजाय दुविधा ही मिल रही है। जिला उपायुक्त से मांग कर तालाब के सौंदर्यीकरण को ठीक कराने की मांग की है।
फोटो कैप्शन 05: जर्जर हुए धनौंदा तालाब को दिखाते हुए रतन सिंह।
एसडीओ पंचायती राज के कार्यालय का ताला खोल कर हजारों का सामान चोरी
--घटना 20 अगस्त की
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कनीना की आवाज। एसडीओ पंचायती राज के कार्यालय से लाखों रुपये का सामान अज्ञात चोर चोरी कर ले जाने का मामला प्रकाश में आया है।
पंचायती राज के एसडीओ विनोद कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यालय से 20 अगस्त की रात्रि को अज्ञात चोरों ने एक कूलर, पांच कुर्सियां, एक इनवर्टर बैटरी चोरी कर ली गई। जिसकी सूचना हमने लिखित में कनीना पुलिस को देकर मामले से अवगत करा दिया लेकिन आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। एसडीओ ने यह भी बताया कि दो-तीन दिन की लगातार छुट्टियां होने के कारण चोरों ने इस कार्यालय को निशाना बना दिया। आज इस चोरी को लगभग एक सप्ताह बीतने जा रहा है लेकिन अभी तक इस पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यहां गौरतलब है कि इससे पहले भी कस्बे में आये दिन चोरियां हो रही हैं किंतु पुलिस मौन है।
कैमला स्कूल में आयोजित की गई विभिन्न प्रतियोगिताएं
-स्कूल स्तर पर मनाया राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस
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कनीना की आवाज। राजकीय माध्यमिक विद्यालय कैमला में और राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर विद्यालय में पेंटिंग और प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सभी विद्यार्थियों को पांच टीमों में वर्गीकृत किया गया कार्यक्रम का संचालन देवेंद्र कुमार अंग्रेजी अध्यापक के द्वारा किया गया और स्कोरर की भूमिका मनवीर सिंह विज्ञान अध्यापक ने निभाई। प्रश्नोत्तरी दस राउंड में की गई किए गए जिसमें टीम-बी पुनीत, कार्तिक,समर कार्तिक की
प्रथम रही और सवीना, हिना ,रितु, की टीम दूसरे स्थान द्वितीय स्थान पर रही जबकि टीम सी और डी बराबर रही। प्रतियोगिता के दौरान एसएलवी-3 चंद्रयान की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लेंडिंग पर आधारित सभी प्रश्न- उत्तर पूछे गए जो बड़े ही ज्ञानवर्धक, रोचक और प्रेरणादायक रहें सभी विद्यार्थियों ने तैयारी के साथ उत्तर देकर सभी का मन मोह लिया वीरेंद्र सिंह जांगिड़ मौलिक मुख्याध्यापक ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि सभी प्रकार की पाठ्यक्रम आधारित एक्टिविटी हमें निरंतर करते रहना चाहिए और हर विद्यार्थी को इसमें भाग लेना चाहिए जो ज्ञानवर्धक होता हैं और नवाचार शिक्षण अधिगम को सीखने की ओर ले जाते हैं विद्यार्थी बिना किसी भाई के साथ एक्टिविटी करता है तो उसके अंदर आत्मविश्वास की भावना प्रबल होती है और वह अपने उन्नत लक्ष्य की ओर अग्रसर होता है। दूसरी ओर पेंटिंग में सभी विद्यार्थियों ने सुंदर चित्र बनाएं जो प्रेरणादायक और आकर्षण के केंद्र रहें इस अवसर पर मनवीर सिंह विज्ञान अध्यापक, सुनील कुमार शास्त्री, सुनील कुमार डीपीई ,देवेंद्र कुमार, भगत सिंह, राजेश कुमार, गरिमा रानी प्राथमिक शिक्षिका, सूबे सिंह एसएमसी प्रधान, सुनील चौकीदार ,तारामणि, बबली देवी , पिंकी आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 04: कैमला में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं का नजारा।
कनीना में खंड स्तरीय चार दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ समापन
-बालीबाल में अंडर 17 आयु वर्ग में पीएमश्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी तलवाना रहा प्रथम
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कनीना की आवाज। शुक्रवार को खंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताओं का समापन किया गया। खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन ककराला स्थित एसडी स्कूल में किया गया। जानकारी देते हुए बताया कि 20 से 21 अगस्त तक लड़कों व 22 से 23 अगस्त को लड़कियों की खेल प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। 22 व 23 को लड़कियों के खेल हुए। खो-खों प्रतियोगिता में अंडर 11 आयु वर्ग में एसडी स्कूल ककराला प्रथम, अंडर 14 व अंडर 17 आयु वर्ग में आरएचएम स्कूल पोता प्रथम, अंडर 19 आयुवर्ग में देवयानी इंटरनेशनल स्कूल बेवल प्रथम, वालीवाल प्रतियोगिता में अंडर 14 आयुवर्ग में आरएचएम स्कूल पोता प्रथम , अंडर 17 आयुवर्ग में यूरो इन्टरनेशनल स्कूल प्रथम, अंडर 19 आयु वर्ग में एसडी स्कूल ककराला प्रथम , फुटबाल प्रतियोगिता में अंडर 14 आयुवर्ग में आरआरग्रीन मेक्स वल्र्ड स्कूल खेड़ी प्रथम , अंडर 17 आयु वर्ग में पीएमश्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेडी तलवाना प्रथम , अंडर 19 आयुवर्ग में यूरो इंटरनेशनल स्कूल प्रथम, कबड्डी प्रतियोगिता में अंडर 11 आयुवर्ग, 14 आयुवर्ग व 17 आयु वर्ग में एसआरटीआर सुरजनवास प्रथम, अंडर 19 आयु वर्ग में डीएवी पब्लिक स्कूल दौगडा अहिर प्रथम रहे। रस्साकशी में आरआरग्रीन मैक्स वल्र्ड स्कूल खेड़ी प्रथम रहा। दौड़ प्रतियोगिता में अंडर 17 आयु वर्ग में 100 मीटर व 200 मीटर में एसडी स्कूल की छात्रा अदिति आर्या प्रथम, अंडर 14 आयु वर्ग में 100 मीटर रिले रेस में भी एसडी की छात्राएं प्रथम, अंडर 17 आयु वर्ग में 100 मीटर रिले रेस में एसडी स्कूल की छात्राएं प्रथम, अंडर 17 आयु वर्ग में 400 मीटर रिले रेस में पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी तलवाना की छात्राएं प्रथम रही। विद्यालय प्राचार्य ओमप्रकाश ने विजेता खिलाडिय़ों को सम्मानित करने के साथ-साथ बाहर से आए हुए कोच खिलाडिय़ों, पीटीआई व डीपीईका भी सम्मान किया। इस दौरान राकेश डीपीई, बलजीत डीपीई, गुलशन कुमार डीपीई, सरिता डीपीई, शर्मिला डीपीई, कुलदीप पीटीआई, महेंद्र पीटीआई, मनोज पीटीआई, किस्मती पीटीआई, मुकेश कुमार, सीईओ रामधारी सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 03: अव्वल रही टीम के साथ अधिकारी।
जागो वोटर, जागो
अपना काम धंधा एक दिन छोड़कर देंगे वोट-भरपूर
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कनीना की आवाज। काम धंधे पर रोज ही जाना पड़ता है किंतु चुनाव पांच साल में एक बार आते हैं। ऐसे में अपना काम धंधा छोड़कर वोट दिये जाएंगे। ये विचार कनीना के समाजसेवी भरपूर सिंह के हैं। वोटर को जागरूक करते हुए उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव एक अक्टूबर को होने वाले हैं। चुनाव आयोग ने समय समय पर नये वोटर कार्ड बनाने का काम करवाया है। जिनकी उम्र 18 वर्ष हो गई है उन्होंने अपने वोटर कार्ड बनवा लिये है। जिन्हें वोट देने का हक है उन्हें अपने सारे काम महज एक घंटे के लिए बंद कर सीधे बूथों पर जाकर वोट डालना चाहिए, तत्पश्चात ही कोई अन्य काम करना चाहिए।
उन्होंने वोटर को जागरूक करते हुए कहा कि वोट बनवाने वाले वोट तो बड़े चाव से बनवा लेते हैं किंतु अपने अधिकार का प्रयोग करने में हिचकिचाते नजर आते हैं। कितने ही लोग वोट डालने नहीं जाते और यह कहते सुना जा सकता है कि मेरे एक वोट से हार जीत नहीं होने वाली किंतु वे भूल जाते हैं कि जिस प्रकार बूंद बूंद से सागर भरता है वैसे ही एक एक वोट से ही हजार-लाख बनते हैं। ऐसे में वोट जरूर डालना चाहिए। एक-एक वोट की कीमत अमूल्य होती है। ऐसे में वोट डालना जरूरी हो जाता है, वह डालकर हम परोक्ष रूप से अपनी सरकार को चलाते हैं। यदि वोट नहीं डालेंगे तो अपनी मनपसंद का नेता नहीं चुना जा सकता।
उनका कहना है कि यह वोट डालने का अधिकार बड़ी मुश्किल से मिल पाया है। कितनी कुर्बानियां देकर आजादी मिली थी तब जाकर वोट डाल पाये थे। अपने देशभक्तों की कुर्बानियों को याद करके वोट जरूर डाले।
फोटो कैप्शन: भरपूर सिंह समाजसेवी
जागो वोटर, जागो
मतदान सभी का अधिकार है,मतदान जरूर करें-महेश
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कनीना की आवाज। हरियाणा में विधानसभा चुनाव एक अक्टूबर को होंगे। मतदान अधिक करवाने के लिए विभिन्न जन जी जान से जुटे हुए हैं। एक ओर जहां नये वोटर जुड़ते जा रहे हैं जिनकी उम्र 18 वर्ष हो गई है। सभी वोटर से अध्यापक विनोद कुमार अपील कर रहे हैं कि अधिक से अधिक वोट डाले।
निर्मल कुमार गांव-गांव गली गली जाकर मतदान के लाभ बता रहे हैं। मतदाताओं को जागरूक करते हुए कहते हैं कि वोट जरूर डालना है। अपनी पसंद का नेता चुनने के लिए वोट डालने बूथों पर जाए वरना वोट नहीं डालोगे तो आपकी पसंद का नेता नहीं चुना जाएगा। कुछ लोग वोट तो बनवा लेते हैं किंतु डालने नहीं जाते। एक-एक वोट की कीमत अमूल्य होती है। ऐसे में वोट जरूर डाले।
वोट डालते वक्त ध्यान रखना है कि लोभ, भय या लालच के वशीभूत होकर वोट नहीं दे। साफ सुथरी छवि एवं अपनी मनपसंद का नेता चुने। यदि वह प्रत्याशी चुनाव जीत जाता है तो मन को खुशी होती है।
चुनाव आयोग द्वारा घर के आसपास नजदीक पोलिंग बूथ बनता है, बनाए गये बूथ पर जाकर निर्धारित समय और तिथि पर ही वोट डालने चाहिए।
फोटो कैप्शन: निर्मल कुमार
विधानसभा चुनावों की जमकर होती है चर्चाएं
- नेताओं ने छेड़ दी है जंग
-सड़कों पर चल रहा है पोस्
टर युद्ध
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कनीना की आवाज। अटेली विधानसभा क्षेत्र में नेताओं ने सड़कों,पेड़ों एवं दीवारों पर चुनावी जंग छेड़ रखी है। कुछ टिकट चाहने वाले तो इतना पोस्टर युद्ध चला चुके हैं जितना आने वाले दिनों में संभावित नहीं है। विधानसभा चुनाव एक अक्टूबर को हो रहे है। 2019 में जहां 21 अक्टूबर को ये चुनाव संपन्न हुए थे।
यूं तो 25 मई 2024 को इस बार लोकसभा चुनाव संपन्न होते ही नेताओं ने विधानसभा की ओर मुख मोड़ लिया था। एक और जहां विभिन्न नेता विभिन्न कार्यक्रमों में जाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं वहीं सोशल मीडिया पर जमकर प्रचार कर रहे हैं।
अटेली विधानसभा सीट से चुनाव लडऩे वाले ने चुनाव प्रचार शुरू कर रखा है तथा सोशल मीडिया पर उन्हें विधानसभा के वोट देने की अपील जारी है। दीवारों पर पोस्टर एवं बैनर तो सरकारी खंभों पर पोस्टर युद्ध चल रहा है। वहीं कुछ नेताओं ने अपने बैनर भी लगाकर विद्युत निगम के खंभों का हुलिया ही बिगाड़कर रख दिया था किंतु नगरपालिका ने एक बार बैनर हटवा दिये हैं। ये नेता समझते हैं कि सोशल मीडिया और खंभों पर अपने बैनर बोर्ड लगाने से वोट बढ़ जाते हैं। करीब एक सौ टिकट चाहने वाले कतार में हैं।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस में लगभग बराबर की टक्कर रहने के चलते जहां कांग्रेस के नेता अधिक सक्रिय होते नजर आ रहे हैं वहीं भाजपा के चुनाव लडऩे वाले भारी संख्या में नेता भी आगे आ रहे हैं। विभिन्न दलों के नेता भी धीरे-धीरे अपनी भागीदारी दर्शा रहे हैं। एक अक्टूबर के जिसको लेकर के अब चाय की दुकान और अन्य दुकानों पर चुनावी चर्चा होने लगी है।
वर्ष 2019 में हरियाणा विधानसभा के चुनाव इस 21 अक्टूबर को संपन्न हुए थे। इस बार एक अक्टूबर को चुनाव होंगे जिसके चलते आचार संहिता लग चुकी है और ट्रांसफर आदि नहीं हो पाएंगे। विशेष कर शिक्षा विभाग सबसे बड़ा विभाग होने के कारण कर्मचारी टकटकी लगाए विधानसभा चुनाव से पहले अपने ट्रांसफर चाहते थे किंतु अब यह नहीं लगता कि कोई ट्रांसफर अेगस्त 2025 से पहले हो पाएगा चूंकि विधानसभा चुनावों के बाद नगरपालिका एवं नगर निगमों के चुनाव होंगे। कनीना एवं प्रदेश की 21 अन्य नगर पालिकाओं के चुनावी संपन्न कराए जाने है। करीब सवा साल बीत गया है किंतु कनीना नगर पालिका के चुनाव नहीं हो पाये हैं। अब तक कनीना में 13 वार्ड नगरपालिका के होते थे परंतु इस बार 14 वार्डों का चुनाव होगा। कनीना नगर पालिका के चुनाव वर्ष 2025 में ही संभावित हो पाएंगे। यही नहीं विभिन्न कर्मचारियों के तबादले आदि भी वर्ष 2025 में सुनिश्चित माने जा रहे हैं। चुनावों के दृष्टिगत जहां चुनावी चर्चा बढऩे लगी है वहीं दुकान ही एकमात्र ऐसा स्थान है जहां दिन भर चुनावी चर्चा चलती है। दुकानों पर किसी काम से या सामान खरीदने के लिए लोग आते हैं और अनायास ही चुनावी चर्चा में शामिल हो जाते हैं। चाय की दुकानों पर चाय की चुसकी के साथ चुनावी रंग चढऩे लगा है। वैसे भी कनीना में सभी दलों के समर्थक हैं।
जहां एक अक्टूबर को चुनाव होंगे वहीं बाजरे की कटाई का काम पूरे यौवन पर होगा। अंतिम चरण में चल रहे हैं। कुछ किसान खरीफ फसल की तैयारी में भी लग गये हैं। ऐसे में किसान तथा व्यापारी जब दुकान पर मिलते हैं तो चुनावी चर्चा छेड़ लेते हैं और विभिन्न गांव में नेताओं की स्थिति का पता लगा लेते हैं। वैसे तो वोटर बहुत चालाक हो गए हैं वे अपनी सारी जानकारी उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं जिसके कारण यह कहना कठिन है कि किसइक_े पार्टी का जनाधार बढ़ा हैं।
चाय की दुकान हो या सब्जी की दुकान या बीज भंडार, किसान व्यापारी आपस में मिलते रहते हैं और चुनावी चर्चा में डूब जाते हैं। दो-चार लोग इधर-उधर से हुक्के की गुडग़ुड़ाहट पर इक_े हो जाते हो चुनावी चर्चा में व्यस्त हो जाते हैं। सावन का माह बीता है जिससे फलों को पानी की जरूरत नहीं है और किसान कुछ फुरसत में है और चुनावी चर्चाओं में भाग लेते हैं। कर्मी भी चुनावी चर्चा छेड़ रहे हैं और उनको वर्ष 2022 के पंचायती चुनावों का अभी तक पारिश्रमिक भी नहीं मिला है जिसके कारण सरकार से नाराज नजर आये। कहीं भी जाए पहले चुनावी चर्चा होती है तत्पश्चात अन्य कोई कार्य होता है। चुनावी चर्चा के चलते ही दुकानों पर भीड़ बढऩे लगी है। चाय की दुकानों पर इसलिए भी भीड़ बढ़ जाती है कि किसी चुनाव की चर्चा में अपने विचार व्यक्त कर सके। इसी प्रकार ताश पीटने वाले, हुक्का गुडग़ुड़ाने वाले स्थानों पर भी लोग इक_े हो जाते हैं ताकि चुनावी चर्चा में भाग ले सकें। बड़े-बड़े शिक्षण संस्थानों कार्यालयों में भी चुनावी चर्चा हो आती है। बस स्टैंड पर जहां कुछ लोग इकट्ठे हो जाते हैं वहां चुनावी चर्चा छिड़ी मिलती है। कुल मिलाकर सबसे अधिक दुकानों पर चुनावी चर्चा छिड़ती है जहां लोग आपस में मिलते हैं।
फोटो कैप्शन 01 व 02:चुनावी चर्चा करते हुए दुकान पर लोग।
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