45 महिलाओं को तुलसी वितरित की
--जनशक्ति विकास संगठन का अभियान
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कनीना की आवाज। जनशक्ति विकास संगठन के द्वारा कनीना मंडी के राधा कृष्ण मंदिर में 45 महिलाओं को तुलसी वितरित की। जनशक्ति विकास संगठन के अध्यक्ष दीपक कुमार वशिष्ठ ने बताया कि तुलसी औषधीय पौधा है। तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और लोग इसे अपने घर के आंगन या दरवाजे पर या बाग में लगाते हैं। भारत के अधिकांश घरों में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है। भारतीय संस्कृति के चिर पुरातन ग्रंथ वेदों में भी तुलसी के गुणों एवं उसकी उपयोगिता का वर्णन मिलता है।इसके अतिरिक्त ऐलोपैथी, होम्योपैथी और यूनानी दवाओं में भी तुलसी का किसी न किसी रूप में प्रयोग किया जाता है। तुलसी की पत्तियां में अनेक औषधीय गुणों से युक्त हैं। चूंकि यह वात एवं कफ शामक है इसलिए अनेक आयुर्वेदिक एवं हर्बल कफ सीरप में इसका प्रयोग प्रमुख घटक के रूप में किया जाता है।इसके अलावा तुलसी के पत्ते का फायदे बुखार, दिल से जुड़ी बीमारियां, पेट दर्द, मलेरिया और बैक्टीरियल संक्रमण आदि में बहुत फायदेमंद हैं। इसी कड़ी में मंदिर प्रांगण के पंडित दिनेश शर्मा जी ने बताया कि तुलसी के पत्तों की तरह तुलसी के बीज के फायदे भी अनगिनत होते हैं। तुलसी के बीज के और पत्तियों का चूर्ण भी प्रयोग कर सकते हैं। इन पत्तियों में कफ वात दोष को कम करने, पाचन शक्ति एवं भूख बढ़ाने और रक्त को शुद्ध करने वाले गुण होते हैं। इस मौके पर अमित कुमार वशिष्ठ,सुषमा शर्मा,शैलेश, किरण ,निर्मला, पिंकी, सुमन मित्तल, प्रेम, माया, संतरा, सुमित्रा , कमलेश वशिष्ठ, सुशील शर्मा, हेमा, नित्यानंद शर्मा , सरजीत सिंह आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 08: तुलसी वितरित करते हुए संगठन
विश्व मच्छर दिवस -20 अगस्त
घटते ही जा रहे हैं जिला में मलेरिया के केस
-रोनाल्ड रोस ने दी थी एनाफ्लीज मच्छर की जानकारी
-2018 से कनीना में मलेरिया का कोई केस नहीं
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कनीना की आवाज। मच्छर से होने वाली बीमारी की प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है। मच्छर जानलेवा बीमारी डेंगू, चिकनगुनिया एवं मलेरिया आदि फैलाते हैं। 20 अगस्त 1897 को रोनाल्डो रोस मादा एनाफ्लीज मच्छर की खोज की और मलेरिया का कारण बताया था। इसीलिए इस दिन को विश्व मच्छर दिवस के रूप में मनाया जाता है।
कनीना के एमपीएचडब्ल्यू सुनील कुमार ने बताया कि मलेरिया फैलाकर लोगों की जान लेने में एनाफ्लीज मच्छर का योगदान होता है। एनाफिलीज मच्छर से मलेरिया नहीं होता बल्कि परजीवी इसका कारण होता है। यद्यपि मलेरिया के उपचार की दवा कुनीन पहले से ही खोज ली थी। सुनील कुमार का कहना है कि मच्छरों के काटने से अपने आपको बचाना चाहिए। अक्सर पानी में मच्छर अंडे देता हैं जिससे लारवा पैदा होता है इसलिए आस पास पानी नहीं खड़े होने देना चाहिए। एनाफ्लीज मच्छर की 40 प्रजातियां मिलती हैं और यह मच्छर अक्सर सुबह काटते हैं। चौकी मादा एनाफिलीज मच्छर को अंडे देने के लिए खून की जरूरत इसलिए खून पीती है जबकि नर मच्छर अक्षर फूल अन्य स्रोतों पर मिलते हैं।
मलेरिया इंस्पेक्टर शीशराम ने बताया कि
जिला महेंद्रगढ़ में 2021 में 5, वर्ष 2022 में 3 केस मलेरिया के थे। कनीना में वर्ष 2015 में 6 केस मलेरिया के थे जो 2016 में घटकर तीन रह गए, 2017 में फिर से 2 केस रह गए 2018 में 3 केस मलेरिया के आए। 2019 में कोई मलेरिया का केस नहीं आया जिसके पीछे लोगों की जागरूकता बताई जा रही है।
उन्होंने बताया कि मलेरिया प्लाजमोडियम परजीवी से फैलता है जिसे मादा एनाफिलीज खून पीते वक्त शरीर में छोड़ जाती है। मच्छर काटने के 10 से 15 दिनों में बार बार बुखार सिरदर्द आदि आता है। यदि जल्द उपचार नहीं किया जाए तो यह बहुत घातक भी साबित बन सकता है।
ऐसे में मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी, क्रीम, तेल, लगाकर बचना चाहिए। मलेरिया का इलाज करवाना बहुत जरूरी है वरना भविष्य में घातक परिणाम निकल सकते हैं।
फोटो कैप्शन: शीशराम एचआई एवं सुनील कुमार।
अक्षय ऊर्जा स्रोत जगत में सबसे बेहतर स्रोत-सुनील कुमार
-2004 से शुरू हुआ था यह दिवस
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कनीना की आवाज। 20 अगस्त को अक्षय ऊर्जा दिवस जो वर्ष 2004 से हर वर्ष मनाया जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह द्वारा यह दिवस मनाने की शुरुआत की थी। इसके पीछे नवीकरण ऊर्जा स्रोत के बारे में जागरूकता फैलाना है। कोयला और पेट्रोलियम कम होते जा रहे हैं। दिनोंदिन इनके घटने के कारण भविष्य में इनके समाप्त होने का खतरा मंडरा रहा है। वहीं अक्षय ऊर्जा स्रोत ऐसे स्रोत है जो निकट भविष्य में समाप्त होते नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में क्षेत्र के प्रमुख जनों से बात की गई उनके विचार इस प्रकार हैं-
कनीना के शिक्षाविद सुनील कुमार ने बताया कि सूर्य की ऊर्जा, पवन ऊर्जा और जल ऊर्जा अक्षय ऊर्जा के बेहतर स्रोत है। इनसे प्राप्त ऊर्जा पर आधारित कई युक्तियां वैज्ञानिकों ने भी खोजी हैं जिनका उपयोग अधिक से अधिक किया जाना चाहिए। आजकल तो सूर्य से चलने वाली सोलर कूकर, सोलर ड्रायर, सोलर हीटर सोलर वाटर हीटर आदि प्रयोग में लाये जाते हैं। पवन चक्की एवं पवन से बिजली भी बनाई जा रही है। उन्होंने ऐसे में अक्षय ऊर्जा स्रोतों को अधिक से अधिक उपयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जब तक इंसान धरती पर जीवित है तब तक इनका उपयोग किया जा सकता है।
संदीप कुमार कनीना ने बताया कि वह लंबे समय से पेट्रोल-डीजल के वो वाहन चला रहा है किंतु अब उन्हें पता चला है कि इन स्रोतों की बजाए अक्षय ऊर्जा स्रोत अपनाने चाहिए जो समाप्त होते नजर नहीं आते हैं। ऐसे में उनका उपयोग करना ज्यादा लाभप्रद होगा कि भविष्य में इस प्रकार के स्रोत ही प्रयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि भविष्य में प्रदूषण से भी हमें बचाते हैं। ऐसे में उपयोग करना चाहिए।
रविंद्र कुमार का कहना है कि अक्षय ऊर्जा स्रोतों से भविष्य उज्ज्वल बन सकता है क्योंकि कोयला और पेट्रोलियम से प्रदूषण इतना बढ़ता है कि विश्व ऊष्मण की समस्या पैदा होती है। अमलीय वर्षा बनती है जो भविष्य के लिए खतरा है। ऐसे में उन्होंने इस प्रकार के स्रोतों का अधिक से अधिक उपयोग करने की बात कही
नीरज का कहना है कि कोयला और पेट्रोलियम प्रदूषण करते हैं और भविष्य में बहुत अधिक प्रदूषण करेंगे। ये अम्लीय वर्षा का कारण बनते हैं जो संगमरमर की भव्य इमारतों को भी नुकसान पहुंचाती हैं। धरती का ताप भी बढ़ेगा और बर्फ पानी में बदलकर समुद्रों का तल भी बढ़ाएगा। उन्होंने इस प्रकार के स्रोतों की बजाय अक्षय ऊर्जा स्रोत प्रयोग करने की बात कही।
रक्षा बंधन का पर्व धूमधाम से मनाया गया
-बसों की रही कमी, भारी भीड़ चली, सड़कों पर चलना भी रहा कठिन
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कनीना की आवाज। कनीना एवं आस पास क्षेत्रों में रक्षा बंधन का पर्व धूमधाम से मनाया गया। दुकानों पर भीड़ बेशक कम रही किंतु सड़कों पर आवागमन जमकर हुआ। विगत दिनों से महिलाएं आनलाइन राखियां भेज रही है जिसके चलते दुकानदारों के पास बिक्री घट गई है। यद्यपि कनीना बाजार में काफी भीड़ आवागमन की दिनभर होती रही किंतु राखी खरीदने वाली महिलाएं इक्का दुक्का ही कहीं नजर आई जिसके चलते राखी बेचने वाले भी अब परेशान नजर आये।
कनीना के महेश बोहरा, कुलदीप कुमार, रवि कुमार, महेंद्र शर्मा आदि ने बताया कि इस बार आनलाइन राखी खरीद कर आनलाइन ही दिए गए पत्ते पर पहुंचने की कार्रवाई चली है जिसके चलते बहुत सी महिलाएं इस भाग दौड़ और भीड़ से बचने के लिए आनलाइन राखियां भेजी है। जिसके चलते राखी की दुकानों पर भीड़ कम रही है।
बुजुर्गों को भी बांधी गई राखियां-
छोटे बच्चों को भी राखियां बांधी गई, वहीं बुजुर्गों को भी राखियां बांधती उनकी बहने दिखाई दी। कनीना में बुजुर्गों को उसकी बुजुर्ग बहन ने राखी बांधकर खुशी जताई तथा लंबी आयु की कामना की। वहीं छोटे छोटे भाइयों को उनकी छोटी बहनों ने राखियां बांधी।
यह सावन का यह अंतिम दिन भी रहा। विभिन्न मार्गों पर साधनों का अभाव रहा वहीं दुकानदारों एवं निजी वाहन चालकों ने यात्रियों से जमकर पैसे वसूले। फल,सब्जी तथा विभिन्न प्रकार की मिठाइयां महंगी दी गई। केले भी कम से कम एक सौ रुपये दर्जन बिके। पेठे, सेब, आम की मांग रही। कनीना क्षेत्र में रक्षा बंधन का पर्व धूमधाम से मनाया गया। घरों के द्वारों पर शुभ चिह्न लगाए गए और पकवान बनाए गए। बहनों ने अपने भाइयों की कलाइयों पर रक्षासूत्र बांधा। इस मौके पर भाइयों ने भी बहनों को भेंट दी।
कनीना क्षेत्र में विभिन्न मार्गों पर रोडवेज बसों की कमी रही है जिससे आवागमन में परेशानी रही। विभिन्न मार्गों पर अवैध वाहन खूब चांदी कूटते नजर आए।
आज मार्केट में भी रोड़ पर दुकानें लगी होने के कारण दिनभर जाम की समस्या बनी रही। आज बाजार में हर वस्तु महंगी रही। केले, सेब, आम, घेवर, मिठाइयां तथा पेठा की मिठाई महंगी रही। आम दिनों की बजाय आज 20 रुपये तक महंगी रही। महिलाएं दुकानदारों के हाथों हर माल में लुटती नजर आई। कहने के तो भाइयों ने बहनों को भेंट दी किंतु महंगाई के युग में अति महंगी वस्तुएं बहनें खरीदकर लाई। विभिन्न क्षेत्रों में भी रक्षा बंधन का पर्व मनाया गया।
साधनों के अभाव में तथा मजबूरी में महिलाएं निजी साधनों की सहायता लेकर अपने गंतव्य स्थानों तक पहुंची।
कहीं बहन भाई के पास तो कहीं भाई बहन के पास जाकर रक्षा बंधन के पर्व में रंगे नजर आए। उधर कलई पर बांधा जाने वाला धागा कच्चा परन्तु बंधन पक्का होता है क्योंकि बंधन रूपी व्रत तो दिल से लिया जाता। उक्त विचार संत लालदास महाराज ने उधोदास आश्रम में श्रावणी पर्व पर व्यक्त किए।
महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति में चार वर्ण माने गए है जिनमें ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र इन वर्णों के लिए एक-एक पर्व नियत है। महाराज ने बताया कि ब्राह्मणों के लिए रक्षा बंधन श्रावणी पर्व, क्षत्रियों के लिए दशहरा शस्त्र पूजन, वैश्यों के लिए दीपावली, लक्ष्मी पूजन, शुद्रों के लिए होली होलिका प्रत्येक वर्ण में प्रधानता क्रमश: अपने-अपने पर्व की होती है, किन्तु प्रत्येक पर्व को सब मिलकर मनाते है। महाराज कहते है कि प्राचीनकाल में ब्राह्मण गुरुकुलों में रक्षा बंधन के पर्व पर रक्षा सूत्र जनेऊ देकर गुरुकुलों में नये विद्यार्थियों को प्रवेश देते है तथा संत सन्यासी, महात्मा इस पर्व के पश्चात वर्षा ऋतु में उपदेश आदि के द्वारा शिक्षा देकर अविद्या का नाश करते है। महाराज ने कहा कि कि जाति, आयु और भोग के बारे में खुलकर बताते हुए कहा कि आयु: सभी जीव-जन्तुओं की आयु निश्चित होती है जिसको न तो कोई बढ़ा सकता तथा नही कोई कम कर सकता। महाराज ने भोग के बारे में बताते हुए कहा कि मनुष्य ने अपने पूर्व जन्म में जो कर्म किए थे वह अब सभी कर्म फल से भोग के द्वारा भोगने पड़ते है तथा अब जो कर्म मानव करते है वह अगले जन्म में भोगने पड़ते है। स्वामी जी ने जाति के बारे में बताते हुए कहा कि इस संसार में 84 लाख योनियां होती है जिनमें सब की अलग-अलग जातियां होती है जैसे मनुष्य, गाय, भैंस, कुत्ता सभी अलग-अलग जातियां होती है। इस मौके पर हवन आयोजित हुआ तथा भंडारा भी लगाया गया। इस अवसर पर भारी संख्या मेंं लोग उपस्थित थे।
संत ने कहा कि रक्षाबंधन का पर्व महाभारत से चला रहा है। जब श्री कृष्ण ने महाभारत की युद्ध में युधिष्ठिर से सैनिकों की कलाई पर रक्षा सूत्र बनवाया था। देवराज इंद्र ने भी इसे धारण किया था। उधर सुरेश कुमार का कहना है कि वास्तव में रक्षा सूत्र शिशुपाल वध के समय श्रीकृष्ण के अंगुली से खून आने पर रोकने के लिए द्रोपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़ कर बांधा था। वही रक्षा सूत्र था जिसके बदले श्री कृष्ण ने द्रोपदी की लाज बचाई थी। सिकंदर की पत्नी ने भी पोरस के लिए एक राखी भेजी थी ताकि सिकंदर की जीवन की रक्षा हो सके। मेवाड़ की कर्णवती ने भी हुमायू को राखी भेजी थी किंतु हुमायू के पहुंचने से पहले कर्णवती जौहर कर चुकी थी। वास्तव में गुरुकुल में भी इस दिन रक्षा सूत्र बांधा जाता है, जनेऊ धारण किए जाते जो वास्तव में राखी का ही एक रूप होते हैं।
फोटो कैप्शन 04 से 06: रक्षा बंधन पर बहने अपने भाइयों को राखी बांधती हुई
सावन के अंतिम सोमवार को रही भीड़
- सावन माह रक्षा बंधन के दिन संपन्न
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कनीना की आवाज। सोमवार को फिर से शिवालयों में भीड़ रही क्योंकि यह सावन माह का अंतिम सोमवार था। हर सोमवार को जहां विभिन्न शिवालयों विशेषकर बाघोत स्थित बाघेश्वर धाम पर भारी भीड़ जुटती रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी सोमवार के दिन शिवालयों में भीड़ रही। रक्षा बंधन के साथ साथ सोमवार होने से पर्व की रौनक बढ़ी। सुबह से ही महिला और पुरुषों का तांता लगा रहा जो बाघोत के स्वयंभू शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करते रहे। ग्रामीण शिवालयों में भी तांता लगा देखा।
इस वर्ष 22 जुलाई सोमवार से सावन माह शुरू हुआ था तत्पश्चात 29 जुलाई, 5 अगस्त, 12 अगस्त और फिर 19 अगस्त को सोमवार आये वहीं दो अगस्त की शिवरात्रि रही। इन दिनों में भक्तों की भारी भीड़ रही। भारी संख्या में कांवड़ अर्पित की गई। व्रत शुरू करने वालों ने भी व्रत किया। इन दिनों में बाघोत स्थित बाघेश्वरधाम पर भक्तों की भीड़ रही।
शिव के प्रति गहन आस्था देखने को मिल रही है। इस सोमवार के साथ ही अब सावन माह संपन्न हो गया। अब नजरें 26 अगस्त के जन्माष्टमी के पर्व तो 27 अगस्त गोगा नवमी पर टिकी हुई हैं। इसके बाद पर्व संपन्न हो जाएंगे और नवंबर माह में फिर से पर्व शुरू हो जाएंगे।
फोटो कैप्शन 03: सावन के अंतिम सोमवार को बाघोत शिवालय में जल अर्पित करते भक्त।
02: कनीना शिवालयों में भक्तों की भीड़
अवकाश के दो दिनों में भी चला डाकघर का काम
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में रक्षाबंधन के पर्व को लेकर जहां रविवार एवं सोमवार को अवकाश के दिनों में भी डाकघर में आम दिनों की भांति काम चला। डाक वि7तरण, आरडी, लेन देन आदि आम दिनों की भांति चले।
पोस्टमास्टर गौतम यादव, प्रदीप कुमार पीए, सुमित पोस्टमैन तथा भूपेंद्र पोस्टमैन ने बताया कि सरकार के आदेशों के चलते तथा रक्षा बंधन के पर्व के चलते आम दिनों की भांति रविवार एवं सोमवार रक्षा बंधन पर भी डाकघर में काम आम दिनों की भांति चला। डाकघर एजेंट शिवचरण, बाल किशन करीरा, श्रीकिशन करीरा आदि ने बताया कि पर्व पर हर वर्ष ऐसे ही काम चलता है।
जल्द ही होगा बाघोत के पास कट निर्माण
-स्टेट हाइवे निर्माण का पत्र जारी
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कनीना की आवाज। बोंद कला - दादरी-चिडिय़ा-बाघोत वाया सेहलंग कनीना अटेली रोड़ (एमडीआर-124) को स्टेट हाइवे घोषित कर दिया गया है। बाघोत -सेहलंग के साथ लगने वाले 50 गांवों के लिए यह बहुत बड़ा तोहफा है। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच चढऩे और उतरने के मार्ग के लिए किसानों ने 429 दिन धरना दिया था, कट शुरू न होने का मुख्य कारण था बाघोत -सेहलंग रोड़ मेन डिस्ट्रिक रोड-124 स्टेट हाइवे होना चाहिए। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पीडब्ल्यूडी मंत्री बनवारी लाल के द्वारा इस काम को पूरा कर दिया गया।
राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा 9 मार्च 2022 को पचगांव गुरुग्राम रैली में घोषणा करवाई गई थी। कट न बनने के कारण 25 फरवरी 2023 को 50 गांवों ने बैठक बुलाकर यह फैसला लिया गया कि 13 मार्च 2023 तक केंद्र सरकार कट का काम शुरू नहीं करती है तो हमारा धरना विजय सिंह चेयरमैन की अध्यक्षता में शुरू कर दिया जाएगा। धरना 429 दिन चला, 13 मई 2024 को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह सेहलंग पहुंचे और उन्होंने बताया की 152डी पर कट की घोषणा मेरे द्वारा करवाई गई और इसे पूरा करने का काम मेरा है ढ्ढ धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन और संयोजक पहलवान रणधीर सिंह बाघोत को कनीना बुलाया गया और पूरा आश्वासन दिया गया। भिवानी- महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से चौधरी धर्मवीर सिंह के जीतने पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ग्राम वासियों को धन्यवाद देने के लिए सेहलंग पहुंचे और उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव शुरू होने से पहले राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच चढऩे और उतरने का मार्ग का काम शुरू हो जाएगा। यह रोड नेशनल हाइवे न होने के कारण कट बनने में रुकावट आ रही थी, पीडब्ल्यूडी मंत्री बनवारी लाल के द्वारा बाघोत -सेहलंग रोड को नेशनल हाइवे घोषित कर दिया गया है। धरने पर विगत दिनों तक बैठे लोगों का कहना है कि इस कट के लिए अहम भूमिका केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की है साथ में सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह, पीडब्ल्यूडी मंत्री बनवारी लाल, 50 गांवों के सरपंच, चेयरमैन, पंच,जिला पार्षद, बीडीसी मेंबर, नंबरदार इत्यादि ने अहं भूमिका निभाई है। धरने में जिनका ज्यादा योगदान रहा है, मास्टर विजय पाल, डा लक्ष्मण सिंह, नरेंद्र कुमार शास्त्री छितरोली, पहलवान रणधीर सिंह, वेदपाल, ओम प्रकाश, सरपंच हरिओम पोता, सरपंच बलवान सिंह आर्य छिथरौली, सरपंच वीरपाल स्याणा, सरपंच राजेंद्र सिंह बाघोत, जिला पार्षद लीलाराम आदि प्रमुख हैं।
फोटो कैप्शन: 01: जहां 429 दिन धरना चला एवं जहां कट का निर्माण होना है।
साथ में जारी किया गया पत्र
मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार.......
एक ऐसा साथी मिला जिसके कारण विज्ञान अध्यापक बतौर हुआ सेवानिवृत्त
-ऐसी भी शख्सियत मिली जिसने स्कूल तक साइकिल का सफर छुड़वाया
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कनीना की आवाज। कनीना के डा. होशियार सिंह ने बतौर शिक्षक निजी एवं सरकारी स्कूलों का 40 वर्षों तक कार्य किया। इस दौरान कितने ही साथी मिले। एक ऐसा साथी भी मिला जिसने मेरी नैया को डुबोने में कोई कसर नहीं छोड़ी, यदि उसका नाम देखना चाहते हैं तो मेरी आने वाली पुस्तक का इंतजार करें। चाहे लोगों ने बहुत मुझे भला बुरा कहा कि उसका साथ छोड़ दो सुखी रहोगे किंतु मैंने इसलिए साथ नहीं छोड़ा कि मेरे साथ जो भी कोई बैठता उठना है उसके साथ कभी धोखा या दगा सीखा ही नहीं परंतु सेवानिवृत्ति से करीब 3 वर्ष पहले एक ऐसा साथी नरेश कुमार मंदोला निवासी मिला जिसने स्कूल तक आने जाने का कष्ट ही हर लिया। कभी सफर महसूस नहीं होने दिया, सदा जी जान से मेरे संग खड़ा मिला। जब से मेरी प्रथम नियुक्ति झूक में हुई और निजी शिक्षण संस्थानों में कार्य किया तब तक साइकिल से जाना आना होता था। चाहे झूक तक का सफर भी साइकिल से पूरा करना पड़े, खुशी से किया क्योंकि उस समय स्थायी नहीं था महज एड-हाक शिक्षक रहा। 1995 में जेबीटी का स्थायी पद मिला लेकिन आपने उस मनहूस साथी के कारण कार्यभार ग्रहण नहीं किया जिसका आज भी मलाल है और ताउम्र मलाल रहेगा। वर्ष 2003 के अंतिम समय में ही स्थायी हुआ। 8 साल एड-हाक रहने के कारण न तो मुझे एसीपी का लाभ मिला और ना ही सेवानिवृत्ति के सभी पूर्ण लाभ मिले। वो मान सम्मान नहीं मिल पाया जिसका मैं हकदार था।
इस दौरान जहां पड़तल में मेरी बदली हुई उस समय जोगिंद्र भडफ़ पीटीआई, राजेश कुमार, सतेंद्र शास्त्री वर्तमान में प्राध्यापक ने कुछ मदद की ताकि मुझे कनीना से पड़ाल स्कूल तक जाने आने में मदद की। जब धनौंदा बदली हुई तो महिपाल सिंह करीरा, विनोद कुमार, ,महिपाल सिंह कनीना दोनों ने साथ में कुछ अन्य साथियों थोड़ा सहयोग किया जिसका मैं ऋणी हूं किंतु साइकिल लेकर स्कूल तक फिर भी जाना पड़ जाता था। धनौंदा स्कूल में नरेश कुमार मंदोला ने जब मुझे इस हालत में देखा तो उन्होंने कहा कि आज से साइकिल छोड़ दो और वह दिन था जब नरेश कुमार मंदोला अपने मंदोला गांव से कनीना आकर प्रतिदिन मेरा इंतजार करते ,चाहे मैं लेट भी हो गया तो भी उनके चेहरे पर कोई परेशानी नजर नहीं आई। मुझे कनीना से धनौंदा स्कूल तक छोडऩा और वापस आते समय कनीना छोडऩा अपनी शान समझा। सचमुच उन्होंने वह सहयोग किया जिसे ताउम्र नहीं भुलाया जा सकता। जब भी कोई कष्ट आता मैं उनसे शेयर करता। उदार दिल के नरेश कुमार आज भी धनौंदा स्कूल में कार्यरत हैं परंतु उनके सहयोग को कभी नहीं भुलाया जा सकता। उनकी भी नम्रता और उनका व्यवहार सदा याद रहेगा। कभी कभी सोचता हूं कि एक वो साथी और एक ये साथी तो कंस और अर्जुन की याद तरोताजा हो जाती है।
उस शख्सियत नरेश कुमार की फोटो साथ है।
अनीता यादव का सफरनामा----
कांग्रेस की टिकट की प्रबल दावेदार अनीता यादव
--कनीना को उपमंडल बना
ने वाली पूर्व सीपीएस की कहानी डा. एचएस यादव की कलम से
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कनीना की आवाज। नारी क्या नहीं कर सकती, स्वावलंबी हो तो किसी के मुंह को नहीं तकती। ऐसी एक शख्सियत अनीता यादव की कहनी प्रेरित करने वाली है जो अटेली से कांग्रेस की प्रबल टिकट दावेदार है। अनीता यादव तीन बार विधायक रह चुकी। दो बार साल्हावास तथा एक बार अटेली विधानसभा से विधायक रह चुकी है। जब अटेली विधानसभा से विधायक बनी उस वक्त सीपीएस भी रही है। अनीता यादव का जन्म 20 अप्रैल 1964 को हुआ। अनीता यादव की स्नातक स्तर की पढ़ाई एसके गवर्नमेंट कालेज कव्वाली से हुई। अनीता यादव ने अपनी राजनीतिक कैरियर की शुरुआत 1995 में रेवाड़ी जिला परिषद सदस्य के रूप में हुई। 1995 से 2000 तक जिला परिषद की वाइस प्रेसिडेंट रही। 1996 में इन्हें रेवाड़ी जिला अध्यक्ष, महिला मोर्चा की जिम्मेदारी मिली। 1998 में आल इंडिया महिला कांग्रेस की सह सचिव बनी। वर्ष 2000 में पहली बार साल्हावास से विधायक बनी और वर्ष 2000 में ही अनीता यादव को एक और बड़ी जिम्मेदारी मिली, जब इन्हें हरियाणा महिला कांग्रेस के प्रदेश प्रेसिडेंट बनाया गया। इस प्रकार अनीता यादव ने अपने राजनीतिक कैरियर ने ऊंचाइयों को छूना शुरू कर दिया। अनीता यादव 2000 से 2010 तक आल इंडिया कांग्रेस कमेटी एआइसीसी की सदस्य भी रही।
वर्ष 2005 के विधानसभा चुनाव में अनीता यादव फिर से साल्हावास से विधायक बनी। इस प्रकार अनीता यादव का राजनीतिक जीवन लगातार आगे बढ़ रहा था तभी सरकार की तरफ से 2007 में नए परिसीमन लागू किया गया और इस परिसीमन के बाद अनीता यादव का विधानसभा क्षेत्र साल्हावास को खत्म कर दिया गया। अनीता यादव कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट से आती है और हुड्डा परिवार से काफी नजदीकियां रही हैं। इसी कारण 2009 के हुए विधानसभा चुनाव में साल्हावास हलका खत्म होने के बाद अनीता यादव को कांग्रेस पार्टी ने अटेली विधानसभा से चुनाव लड़ाया और 2009 के विधानसभा चुनाव में अनीता यादव लगातार तीसरी बार विधायक बनी। इसके बाद 2010 में हरियाणा कांग्रेस कमेटी की एग्जीक्यूटिव मेंबर बनी।
2009 के विधानसभा चुनाव के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में हरियाणा में बनी कांग्रेस सरकार में अनीता यादव को सीपीएस बनाया गया।
इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में देश में माहौल बदला और भारतीय जनता पार्टी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई इसका असर हरियाणा विधानसभा चुनाव पर भी हुआ और हरियाणा में भी लगातार दो योजनाओं से चली आ रही हुड्डा सरकार चुनाव हार गई और पहली बार हरियाणा में भाजपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। अनीता यादव ने अटेली से विधायक बनने के बाद अटेली और कनीना दोनों कस्बों में अपने मकान भी इसलिए बनाए ताकि लोगों को विधायक के कार्यों के लिए भटकना नहीं पड़े और लोग उन्हें बाहरी ना समझे। और इसका परिणाम यह हुआ कि आज भी अनीता यादव यहां से कांग्रेस की एक मजबूत नेता है। इसके बाद हुए 2019 के विधानसभा चुनाव में अनीता यादव को टिकट नहीं मिली और अनीता यादव ने टिकट नहीं मिलने के नाराज होकर कांग्रेस पार्टी को छोड़ दी। इसके बाद अनीता यादव के बेटे सम्राट यादव ने जेजेपी पार्टी ज्वाइन की और अटेली विधानसभा से जेजेपी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा हालांकि अनीता यादव ने 2019 का चुनाव खुद नहीं लड़ा लेकिन उन्होंने जेजेपी पार्टी ज्वाइन कर ली और वहां पार्टी में इन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। उस समय 2019 में हरियाणा में बीजेपी को भी पूर्ण बहुमत नहीं मिला और जेजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई बीजेपी के गठबंधन की सरकार प्रदेश में थी लेकिन अनीता यादव इस दौरान क्षेत्र में हो रहे भेदभाव को लेकर स्थानीय विधायक को कई बार जिम्मेदार ठहरती रही। गठबंधन में रहते हुए भी अनीता यादव को जेजेपी पार्टी रास नहीं आई और इन्होंने और सम्राट यादव ने जेजेपी पार्टी से इस्तीफा दे दिया इसके बाद उन्होंने फिर से कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की। आगामी विधानसभा चुनाव में अनीता यादव कांग्रेस की एक मजबूत नेता के रूप में टिकट की प्रबल दावेदार हैं क्योंकि एक तरफ जो तीन बार की विधायक रह चुकी तो अटेली विधानसभा का भी नेतृत्व कर चुकी है।
अनीता यादव के द्वारा करवाये गये विकास कार्य---
अटेली विधानसभा के विधायक रहते हुए किए गए विकास कार्यों की अनीता यादव ने कनीना को उपमंडल बनाकर बड़ा तोहफा दिया तो वहीं कनीना के निजी पीके एसडी कालेज का सरकारीकरण करवाने का श्रेय भी अनीता यादव को जाता है। अनीता यादव ने अपने कार्यकाल में विधानसभा क्षेत्र के अनेक गांवों में गलियों एवं नालियों निर्माण के साथ कुछ गांव में हर्बल पार्क का निर्माण करवाया तो वहीं मोहनपुर के 132 केवी सब-स्टेशन का निर्माण करवाया। अनीता यादव ने अटेली के लोगों को भी बड़ा तोहफा देते हुए अटेली को तहसील बनवाने का कार्य किया। इसी प्रकार अटेली महिला महाविद्यालय को मंजूरी मिलने का कार्य भी अनीता यादव के कार्यकाल में हुआ। विधानसभा क्षेत्र के कई स्कूलों को अपग्रेड करवाने का कार्य किया। तो इस प्रकार विधायक के तौर पर अनीता यादव ने अपने विधानसभा क्षेत्र में काफी कार्य किये और इन्हीं की बदौलत अब एक बार फिर से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी से टिकट की मांग कर रही है।
कैसे बदली कनीना की सूरत---
उपमंडल बनवाने में सबसे बड़ा रोल रहा है अनीता यादव का-
वर्ष 2012 कनीना उप तहसील होता था जिसे उपमंडल का दर्जा दिलवाने में अहं रोल तत्कालीन विधायक एवं सीपीएस अनीता यादव का रहा था। वर्ष 2012 में पूर्व सीपीएस एवं पूर्व विधायक अटेली ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा था कि कनीना उपमंडल बनाने का प्रयास करेगी। उस वक्त कनीना महज उप तहसील होता था। 12 मई 2013 को अटेली में आयोजित प्रगति रैली में पूर्व मुख्यमंत्री हरियाणा भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कनीना को उपमंडल का दर्जा देने की घोषणा की थी। तत्पश्चात 2014 में कनीना उपमंडल संबंधित नोटिफिकेशन हो गया और 15 अगस्त 2014 में कनीना की प्रथम एसडीएम सुनीता ढाका ने अनीता यादव पूर्व सीपीएस के संग उपमंडल स्तर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। पहले पीपल वाली बणी में जहां पर्याप्त जगह उपलब्ध है न्यायिक परिसर एवं लघु सचिवालय बनाने की बात चली जो अपरिहार्य कारणों से जमीन उचित नहीं समझी और तत्पश्चात कालर वाली जोहड़ नजदीक बस स्टैंड की जमीन पर न्यायिक परिसर एवं लघु सचिवालय बनाने की बात चली वह भी खटाई में पड़ गई। वैसे भी वर्ष 2015 में वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कनीना महाविद्यालय में एक सभा में कनीना नगर पालिका क्षेत्र में ही न्यायिक परिसर और लघु सचिवालय बनाए जाने की बात कही थी। लघु सचिवालय एवं न्यायिक परिसर जो कनीना से बाहर जाता देख कनीना वासियों ने 21 फरवरी 2017 से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया आंदोलन करीब 65 दिन 25 अप्रैल 2017 तक जारी रहा। इस प्रकार कनीना को उपमंडल बनाने तथा उपमंडल कार्यालय एवं न्यायिक परिसर आदि निर्माण करवाने का श्रेय उन्हीं को जाता हे।
अनिता यादव द्वारा कुछ करवाये हुए विकास कार्य उन्हीं की जुबानी-
1. 132 केवी सब स्टेशन का मोहनपुर में निर्माण
2. 3 हर्बल पार्क का निर्माण
3. कनीना को उपमंडल बनवाया
4. अटेली को तहसील बनवाया
5. सरकारी स्कूल अपग्रेड करवाए
6. PKSD कॉलेज कनीना का सरकारी करण कराया
7. अटेली में महाविद्याल बनवाया
8. अटेली की अनाज मंडी बनवाई
9. भोजावास और सुजापुर में ITI बनवाई
फोटो कैप्शन: अनीता यादव पूर्व सीपीएस
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