Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**: November 2024

Saturday, November 30, 2024


 

कई समस्याओं से जूझ रहे हैं कनीना के किसान
-रबी फसल पैदावार लेना तलवार की धार   
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क्षेत्र के किसान कई समस्याओं से जूझते आ रहे हैं। पैदावार लेने के लिए बिजली, पानी, खाद, गिरते जलस्तर, बीजों की जानकारी अभाव तथा कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में रबी फसल पैदावार लेना तलवार की धार के समान है।
   कनीना क्षेत्र का किसान यूं तो सदा ही मेहनत के बलबूते पर जीवित रहा है। कठिन परिश्रम करके अपनी आजीविका कमा रहा है। उसकी मुख्य फसलें खरीफ एवं रबी की होती है।  खरीफ की फसल वर्षा पर आधारित होती है। पहले ही भू-स्तर गिरता जा रहा है ऊपर से डार्क जोन घोषित होने से नलकूप खोदना आसान नहीं रहा है। वैसे भी नलकूप लगाना लाखों रुपये का खर्चा होता है। यह भी सत्य है कि प्रतिवर्ष उसके बिजली के उपकरण जलने की समस्या रहती है। जैसे तैसे उपकरण ऋण लेकर लगा भी देता है तो पानी की समस्या फिर भी आड़े आ जाती है क्योंकि बिजली कम आती है जिसके चलते पर्याप्त खेतों की सिंचाई नहीं हो पाती है। इस संबंध में कुछ किसानों से चर्चा की गई जिनके विचार निम्र हैं--
 **कनीना क्षेत्र में नहरों की संख्या काफी है किंतु या तो उनमें पानी आता ही नहीं या फिर वह पानी पीने के लिए ही सप्लाई होता है। इस पानी को किसान ले नहीं सकते। खादों की कमी विगत वर्ष से अधिक चल रही है। बीज और दवाइयां भी तो अच्छे नहीं मिलते हैं। मिल भी जाते हैं तो अति महंगे होते हैं। किसान रूढि़वादी होने के कारण भी परेशान हैं क्योंकि वे नए बीजों का उपयोग करने की बजाए पूर्व में उपयोग करते आ रहे बीजों का ही उपयोग करना श्रेष्ठ समझते हैं।
---भरत सिंह किसान
 किसानों के सामने गिरते जलस्तर की समस्या भी तो विकराल बन रही है क्योंकि किसान प्रत्येक वर्ष डीप बोर करवाता है किंतु अगले वर्ष वह जलस्तर भी घट जाता है। ऐसे में दक्षिण हरियाणा का किसान हताश व निराश लगता है। उससे बात करने पर कृषि को घाटे का सौदा बताता है। इन हालातों में उसके लिए फसल पैदावार लेना तलवार की धार पर चलने के समान है।
---अनिल कुमार, किसान






मिशन बुनियाद के तहत सेमिनार आयोजित
-47 विद्यालयों ने लिया भाग
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शिक्षा विभाग व  जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश अनुसार राजकीय माडल संस्कृति स्कूल कनीना में 30 नवंबर शनिवार को मिशन बुनियाद व सुपर 100 के अंतर्गत विकल्प फाउंडेशन के तत्वाधान में एक जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता खंड शिक्षा अधिकारी विश्वेश्वर ने की एवं विकल्प फाउंडेशन के संजीव ने इसके बारे में विद्यार्थियों को जागरूक किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि बीआरसी दिलबाग सिंह जी रहे । विधालय प्राचार्य सुनील खुडानिया ने सभी का स्वागत किया। इस सेमिनार में खंड नारनौल के 47 विद्यालयों के कक्षा आठ एवं दस के तीन तीन छात्रों ,उनके अभिभावकों तथा विद्यालय मुखियाओं व अध्यापकों ने भाग लिया। इस अवसर पर बुनियाद कार्यक्रम के जिला को-आर्डिनेटर रविंद्र कुमार ने मिशन बुनियाद व  सुपर 100 के नामांकन, नियमों व उनसे संबंधित सभी जानकारी के विषय में विस्तार से बताया उन्होंने कहा मिशन बुनियाद के नामांकन की अंतिम तिथि 20 दिसंबर तथा सुपर हंड्रेड के नामांकन की अंतिम तिथि 28 जनवरी है बुनियाद में चयन के लिए आगे तीन चरण की परीक्षा आयोजित की जाएगी। फाउंडेशन के अश्विनी यादव ने बताया कि बुनियाद कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जाती है इसके लिए प्रदेश में 103 बुनियाद केंद्र बनाए गए हैं तथा 206 सेटेलाइट कक्षा कक्ष कार्यरत हैं। उन्होंने सभी छात्रों से फीडबैक प्राप्त की। मुख्य अतिथि  ने बताया कि छात्रों की शिक्षा की बुनियाद को मजबूत करने के लिए बुनियाद स्कीम के अंतर्गत निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की जाती है इसके प्रथम चरण की परीक्षा में सभी छात्रों की भागीदारी आवश्यक है। यह मिशन ऐसे प्रतिभावान छात्रों के लिए शुरू किया गया है।
फोटो कैप्शन 06: मिशन बुनियाद का शुभारंभ करते बीइओ कनीना।





मेरा शिक्षा का सफल पुस्तक से साभार- 63
पाठ खोरी स्कूल में बदली के बावजूद भीनहीं किया कार्यभार ग्रहण
--कई दिन बैठा रहा अपने घर
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 कनीना निवासी होशियार सिंह पूर्व शिक्षक ने जहां सेवा दौरान अनेकों बार तबादलों का कष्ट झेला वहीं कितने लोगों ने रंजिशवश उनका इधर-उधर तबादला करवाया। एक तबादला उनका मेवात में पाठ खोरी में 2015 में करवाया गया जिसकी कहानी बहुत अजीब और सुंदर है। कहानी होशियार सिंह के की जुबानी सुनिये-
 बात वर्ष 2015 की है जब मैं कनीना मॉडल स्कूल में कार्यरत था। इसी दौरान एक राक्षसरूपी शिक्षक ने एक संत से मिलकर मेरी बदली पाठ खोरी करवा दी। घटना 21 नवंबर 2015 की है। जब तबादले का पत्र कनीना स्कूल में पहुंचा तो राक्षसी शिक्षक ने बड़ी खुशी जाहिर की और उन्होंने जल्द से जल्द मुझे कार्यभार मुक्त करवाने का प्रयास किया। इसी दौरान मैं प्राचार्य तक पहुंचा। प्राचार्य उस दौरान वेद प्रकाश होते थे। उनसे निवेदन किया कि अभी मुझे कार्यभार मुक्त न  किया जाए क्योंकि अभी मैं इस हालत में नहीं हूं कि तुरंत प्रभाव से पाठ खोरी स्कूल में जा सकूं। उन्होंने कहा कि ठीक है मैं तुम्हें अभी कार्यभार मुक्त नहीं करूंगा लेकिन कुछ समय पश्चात न जाने प्राचार्य पर क्या प्रेशर आया तुरंत प्रभाव से मुझे कार्यभार मुक्त कर आदेश पंजिका में आदेश जारी करते हुए चपरासी मेरे पास भेज दिया। 21 नवंबर 2015 को आफटर नून अर्थात शाम के समय कार्यभार मुक्त कर दिया। मेरे सामने बड़ी कठिन परिस्थिति पैदा हो गई कि कहां जाया जाए। आखिर यह बदली किसने करवाई, बाद में पता चला? एक राक्षसी शिक्षक ने एक बड़े ही अच्छे संत को बहला फुसलाकर मेरी बदली करवा दी थी।
उसे समय हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की सरकार होती थी। अनेकों शिकायत इस रक्षसी शिक्षक ने की जिनमें पत्रकारिता करने का आरोप, अनेक प्रमाण भी लगा रखे थे। इसके कारण मेरी बदली पाठ खोरी कर दी गई तथा जांच के आदेश भी हो गये। इन शिकायतों का खुलासा बाद में हुआ जब मैं वापस कनीना आ गया, तब मुझे पता चला। मेरी इंक्वारी हुई जिसमें पता चला कि यह जांच वगैरह किसने करवाई हैं। मेरी बदली किसने करवाई है? वो जांच के पात्र सभी मेरे पास सुरक्षित रखे हुए हैं। ऐसी हालत में जब परिवार की हालत घर में अच्छी नहीं थी, मेरी पत्नी बीमार चल रही थी। ऐसे में कैसे कार्यभार ग्रहण किया जाए? ऐसे में एक ही बात दिमाग में सूझी कि चाहे कुछ भी हो मुझे अगले स्टेशन पर कार्यभार ग्रहण नहीं करना है। वैसे भी सरकार का आदेश होता है कि यदि अगले स्टेशन पर कार्यभार ग्रहण कर लिया जाए तो बदली रद्द नहीं मानी जा सकती। मन बना लिया कि मैं अगले स्कूल पाठ खोरी पर कार्यभार ग्रहण नहीं करूंगा। इसी बीच शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, कैलाश पाली और कंवरसेन वशिष्ठ के अलावा अनीता यादव पूर्व सीपीएस की मदद ली। एक ही बात सूझी की जब तक बदली वापस नहीं हो जाती मैं अपने घर पर ही रहूंगा। और मैंने  पाठ खोरी कार्यभार ग्रहण नहीं किया। कनीना स्कूल की रिलिविंग चिट लेकर घर पर बैठा रहा। लंबे समय तक बदली रद्द होने का इंतजार किया। इसी दौरान सबसे अधिक मददगार कैलाश पाली तथा कंवरसेन वशिष्ठ साथ में शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा रहे।  कंवरसेन वशिष्ठ ने जो भूमिका निभाई वह सदा याद रहेगी। मैं उन्हें पंचकुला भेज दिया और यह कहकर भेज दिया कि जब तक मेरी बदली वापस ना हो तब तक आपको घर नहीं आना है, जो भी खर्चा लगेगा मेरा होगा। उन्होंने भी एक निश्चय कर लिया कि जब तक बदली रद्द नहीं होगी तब तक मैं वापस नहीं आऊंगा। इतनी बड़ी बात उन्होंने सूझी और वह पंचकूला तो कभी चंडीगढ़, कभी शिक्षा मंत्री के आवास पर, कभी कैलाश पाली के पास बार-बार संपर्क करते रहे। मैंने भी दिनरात फोन पर एक कर दिया। इसी बदली से पहले पूर्व सीपीएस अनीता यादव 17 नवंबर 2015 को मेरे घर मेरी पत्नी सुमन यादव को श्रद्धांजलि देने के लिए आई हुई थी। उसके बाद जब उन्हें पता चला तो उन्हें बड़ा दर्द हुआ और उन्होंने रामबिलास शर्मा से निवेदन किया कि कैसे भी इस बदली को रद्द किया जाए। रामबिलास शर्मा ने बार-बार पत्र लिखकर शिक्षा निदेशालय को भेजा, मेरे से भी बात की और आश्वासन दिया कि आपकी बदली रद्द हो जाएगी। उन पत्रों की प्रतियां मेरे पास आज भी सुरक्षित हैं। आखिरकार 15 दिसंबर 2015 आ गया, इसी दिन  पंचायत चुनाव की घोषणा हो गई और उधर से कवरसेन वशिष्ठ का शाम के समय फोन आया कि आपकी बदली रद्द कर दी गई है। अब तुरंत प्रभाव से कनीना स्कूल में कार्यभार ग्रहण करें । उन्होंने सेक्स के जरिए मेरे पास तबादला रद्द का पत्र भेजा पत्र भेजा। इसी दौरान वो राक्षसी शिक्षक कंवरसेन वशिष्ठ से मिला और उनसे कहा कि इस शिक्षक की बदली रद्द करवाकर वो अच्छा नहीं कर रहे हैं। श्री वशिष्ठ ने घर आकर सारी कहानी बताई। उधर पत्र पाकर तुरंत मैं वेद प्रकाश से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि मैं छुट्टी पर चल रहा हूं क्योंकि भविष्य में सेवानिवृत्ति है। इसलिए मैं स्कूल नहीं आऊंगा। आप मैडम सुविरा यादव से मिले। उस समय इंचार्ज मैंडम होती थी। सुविरा यादव के घर पर जब मैं अपने साथी के साथ पहुंचा तो साफ इनकार कर दिया कि वह कार्यभार ग्रहण नहीं करवाएगी। ऐसे में गंभीर स्थिति बन गई कि तबादला रद्द भी हो गया फिर भी कार्यभार ग्रहण नहीं करवाया जा रहा है। शिक्षकों की सहायता से मैडम सुविरा यादव तक निवेदन किया कि वह कम से कम एक दिन अवकाश ग्रहण कर ले ताकि उनकी अनुपस्थिति में कार्यभार ग्रहण बेवल के धर्मपाल द्वारा करवा दिया जाए। परंतु मैडम ने यह भी मना कर दिया। आखिर बार-बार निवेदन करके मैडम सुविरा आधे दिन के अवकाश पर चली गई और इसी समय धर्मपाल बेवल ने मुझे कार्यभार ग्रहण करवा दिया। इससे पहले ज्वाइन करने के लिए वेद प्रकाश प्राचार्य से भी हस्ताक्षर करवा लिए थे। महज मुझे कार्यभार कनीना स्कूल में ग्रहण करवाना था। परंतु बीच में अनेक अड़चने आई और आखिरकार धर्मपाल ने मुझे कार्यभार ग्रहण करवाया। तब तक चुनाव की घोषणा हो गई थी और पंचायत चुनाव की तैयारी में लोग लग गए थे। बाद में शिकायतों की मेरी लंबी जांच हुई, जिसमें उस राक्षसी शिक्षक ने मेरे विरुद्ध एक संत के मार्फत शिकायतें करवाई थी। उस संत को मैंने बहुत करीब से चुनावों में देखा था। मैंने उनकी मदद भी की थी। वो उस वक्त चौधरी ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी से अटेली से चुनाव लड़ रहे थे और मैं उनके साथ भी रहा था। परंतु उन्हें क्या मालूम कि राक्षसी शिक्षक होशियार सिंह की बदली करवाने पर तुला हुआ है। बाद में सारा खुलासा हुआ तो पता लगा कि कोई शिक्षक बहुत बड़ा राक्षस भी बन जाता है और उसकी मति तब तक भ्रमित रहती है जब तक उसे ठोकर न लग जाए। ठोकर एक दिन लग चुकी है और एक बड़ी ठोकर भविष्य  में लगने वाली हैं, ऐसा मुझे अंदेशा है क्योंकि बुराकरने वाले का बुरा निश्चित रूप से भविष्य में होता है। आज नहीं तो कल होगा परंतु जरूर होगा। वरना भगवान की अदालत बहुत लंबी होती है। इस दौरान प्राचार्य वेद प्रकाश ने मेरे अर्जित अवकाश भी काट लिए। दुख इस बात पर का हुआ कि 21 नवंबर2015 को शाम के समय कार्यभार मुक्त किया। उस दिन का भी अवकाश उन्होंने काट लिया। परिणाम यह है कि अब मुझे न्यायालय की शरण लेनी पड़ रही है। इसका परिणाम भविष्य में आएगा और इसकी चपेट में कौन-कौन आएगा यह वक्त ही बताएगा।






हरी सब्जी का विकल्प है खरपतवार बथुआ
--ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर प्रयोग किया जाता है
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सब्जी महंगी होने के कारण किसान वर्ग न केवल खेतों में खरपतवार के रूप में उगने वाले बाथू/बथुआ को सब्जी के रूप में प्रयोग कर रहे हैं वहीं खेतों से उखाड़कर दूसरों को भी खाने की प्रेरणा दे रहे हैं। अब तो बाजार में भी दस से 15 रुपये किलो बिकता है।
 बाथू मानव के काम तो आता है वहीं पशुओं के लिए भी उत्तम हरे चारे का काम करता है। सर्दियों में रबी फसल के साथ अपने आप उगने वाले इस हरे भरे शाक को ग्रामीण परिवेश के लोग बाथू, बथुआ या हरा नाम से पुकारते हैं जिसे आयुर्वेद में कई गुणों की खान व औषधियों में काम में लाया जाता है। इस संबंध में किसानों से चर्चा की गई-
** किसान गजराज मोड़ी ने बताया बाथू का किसी जमाने में गरीब तबके के लोग ही प्रयोग में लाते थे जो महंगी बाजार की सब्जी खरीदने में असमर्थ थे किंतु आजकल बदलाव आ गया है और अमीर एवं रोगी जनों के लिए रामबाण दवा का काम कर रहा है विशेषकर पेट की बीमारी एवं एनिमिया के शिकार इसे ढूंढते  फिरते हैं।
--रामानंद किसान
वैद्य बालकिशन का कहना है कि पेट की बीमारियों एवं खून की कमी को दूर करने में सहायक है।कीटनाशकों के प्रयोग तथा आधुनिक कृषि के यंत्रों  द्वारा जुताई के चलते बाथू की मात्रा कम होती जा रही है। दिसंबर से जनवरी माह में किसान खेतों में निराई करते हैं और इस शाक को उखाड़ फेंकते हैं क्योंकि यह पैदावार में बाधक बन जाता है। डाक्टर और हकीम इसे खून की कमी वाले व्यक्तियों और रक्त शोधक के रूप में उपयोग करने की सलाह देते हैं। इसके पत्ते गहरे हरे तथा टहनियां भी हरी होती हैं।
--वैद्य श्रीकिशन करीरा
वे इसे रायता, देसी सब्जी बनाने में प्रयोग कर रहे हैं वहीं आटे में मिलाकर रोटियां बना रहे हैं वहीं इससे जायकेदार पराठे भी बना रहे हैं। ये व्यंजन उनको बहुत अधिक भा रहे हैं। यही नहीं अपितु वे सरसों का साग व अन्य खेतों में पाई जाने वाली हरी सब्जियां प्रयोग में ला रहे हैं। खरपतवार के रूप में अपने आप खेतों में उगने वाला बाथू ग्रामीण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण शाक माना जाता है। कई रूपों में मानव के काम आता है वहीं पशुओं के लिए भी उत्तम हरे चारे का काम करता है। सर्दियों में फसल के साथ अपने आप उगने वाले इस हरे भरे शाक को ग्रामीण परिवेश के लोग बाथू,बथुआ या हरा नाम से पुकारते हैं।
    --देवेंद्र सिंह किसान
    बाथू आजकल किसानों के लिए आय का साधन बनता जा रहा है। इसके गुणों को देखते हुए अमीर जन इसे बाजार से खरीद कर लाते हैं और बड़े ही चाव से खाते हैं जिससे सिद्ध होता है कि बीते जमाने की गरीबों की सब्जी अब अमीरों का भोजन बनती जा रही है। बाजार में किसान इसे उखाड़कर बेच रहे हैं और आमदनी कर रहे हैं।
खरपतवार के रूप में अपने आप खेतों में उगने वाला 'बाथूÓ ग्रामीण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण शाक माना जाता है। कई रूपों में मानव के काम आता है वहीं पशुओं के लिए भी उत्तम हरे चारे का काम करता है। सर्दियों में फसल के साथ अपने आप उगने वाले इस हरे भरे शाक को ग्रामीण परिवेश के लोग बाथू, बथुआ या हरा नाम से पुकारते हैं  जिसे आयुर्वेद में कई गुणों की खान व औषधियों में काम में लाया जाता है। यह बहेत तेजी से बढ़ता है तथा एक खरपतवार है।
   -डा देवराज पूर्व कृषि अधिकारी
फोटो कैप्शन 05:बथुआ
साथ में डा देवराज, बालकिशन, दवेंद्र, रामानंद



 एड्स दिवस-01 दिसंबर
-एड्स है दुसाध्य रोग-रणधीर सिंह
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  एड्स एक दुसाध्य रोग है जिसे एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंशी सिंड्रोम मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु (एचआईवी) से होता है जो कि मानव की प्राकृतिक प्रतिरोधी क्षमता को कमजोर करता है। जिसके चलते कोई भी रोग आसानी से शरीर पर धावा बोल देता है। यह रोग नहीं अपितु रोगों का समूह कहा जाता है। सुरक्षा कवच के बिना एड्स पीडि़त लोग भयानक बीमारियों क्षय रोग और कैंसर आदि से पीडि़त हो जाते हैं और शरीर को सर्दी जुकाम, फुफ्फुस प्रदाह इत्यादि घेर लेते हैं।
एडस कैसे फैलता है-
इस संबंध में कनीना के उप नागरिक अस्पताल के आईसीटीसी काउंसलर रणधीर सिंह बताते हैं कि एक सामान्य व्यक्ति एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के शुक्राणु,, योनि स्राव अथवा रक्त के संपर्क में आता है तो उसे एड्स हो सकता है। आमतौर पर लोग एचआइवी पाजिटिव होने को एड्स समझ लेते हैं, जो कि गलत है। बल्कि एचआइवी पाजिटिव होने के 8-10 साल के अंदर जब संक्रमित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता क्षीण हो जाती है। तब उसे घातक रोग घेर लेते हैं और इस स्थिति को एड्स कहते हैं।  यह पीडि़त व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन सम्बन्ध स्थापित करने ,दूषित रक्त आधान,संक्रमित सुई के से,एड्स संक्रमित मां से उसके होने वाली संतान को मिल सकता है।
लक्षण-
एचआईवी से संक्रमित लोगों में लंबे समय तक एड्स के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते।  अधिकतर एड्स के मरीजों को सर्दी, जुकाम या विषाणु बुखार हो जाता है पर इससे एड्स होने का पता नहीं लगाया जा सकता। जब वायरस का संक्रमण शरीर में अधिक हो जाता है, उस समय बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं। एड्स के लक्षण दिखने में आठ से दस साल का समय भी लग सकता है।  ऐसे व्यक्ति भी एड्स फैला सकते हैं।
क्या हैं लक्षण-
रणधीर सिंह बताते हैं कि एड्स के लक्षणों में वजन का कम होना,लगातार खांसी बने रहना, बार-बार जुकाम का होना,बुखार,सिरदर्द,थकान,शरीर पर निशान बनना, हैजा,भोजन से अरुचि,लसीकाओं में  सूजन जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं। एचआईवी की उपस्थिति का पता लगाने हेतु एलिसा टेस्ट किया जाता है।
 पीडि़त के साथ खाने-पीने से, बर्तनों की साझीदारी से,हाथ मिलाने या गले मिलने से,एक ही टायलेट का प्रयोग करने से,मच्छर या अन्य कीड़ों के काटने से,पशुओं के काटने से,खांसी या छींकों से यह रोग नहीं फैलता।
एड्स का उपचार-
काउंसलर बताते हैं कि एंटी रेट्रोवाइरल थैरेपी दवाईयों का उपयोग किया जाता है। इन दवाइयों का मुख्य उद्देश्य एचआईवी के प्रभाव को काम करना, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना और अवसरवादी रोगों को ठीक करना होता है।  पीडि़त साथी या व्यक्ति के साथ यौन सम्बन्ध स्थापित नहीं करना चाहिए, खून को अच्छी तरह जांच कर ही उसे चढ़ाना चाहिए। उपयोग की हुई सुइयों या इंजेक्शन का प्रयोग नहीं करना चाहिए, दाढ़ी बनवाते समय हमेशा नाई से नया ब्लेड उपयोग करना चाहिये।
फोटो कैप्शन: रणधीर सिंह काउंसलर



पंचबली देने से होते हैं पितृ प्रसन्न -सुनील कुमार
-अमावस्या 01 दिसंबर को
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कनीना की आवाज।
ज्योतिषाचार्य सुनील कुमार  शितिकंठा के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या 1 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट तक रहेगी। इसलिए उदया तिथि के अनुसार, इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या  01 दिसंबर 2024 को है।  यह वह दिन होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है, जिसके कारण चंद्रमा दिखाई नहीं देता। अमावस्या हर महीने आती है और इसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक है।
अमावस्या को पितरों को श्रद्धांजलि देने का दिन माना जाता है। इस दिन पितृ दोष से मुक्ति के लिए तर्पण, पिंडदान आदि किए जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन शनिदेव की पूजा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
ज्योतिषाचार्य सुनील कुमार  शितिकंठा ने बताया कि अमावस्या के दिन पंच पंचबली भोग देना श्रेष्ठ माना गया है।
पंचबली भोग लगाने के लिए 5 केले के पत्ते या एक बड़ा पत्तल लें। उसमें 5 जगह भोजन रखें।
पहला पहला भोग पवित्रता की प्रतीक गाय को खिलाना चाहिए। इसी को गौ बली कहते हैं।
श्राद्ध कर्म का दूसरा भोग कर्तव्यनिष्ठा के प्रतीक श्वान (कुत्ता) को खिलाया जाता है। इस भोग को कुक्कर बली के नाम से जानते हैं।
तीसरा भोग मलीनता निवारक काक (कौआ) को खिलाया जाता है। इसलिए इसे काक बली कहते  हैं।
चौथा भोग देवत्व संवर्धक शक्तियों के निमित्त लगाया जाता है। यह भोग किसी छोटी कन्या या गाय को खिलाया जा सकता है। इस भोग को देव बली नाम से जानते हैं। पंचबली का पांचवां भोग श्रमनिष्ठा एवं सामूहिकता की प्रतीक चींटियों को अर्पित किया जाता है।
फोटो कैप्शन: सुनील कुमार ज्योतिषाचार्य





















 बिजनेस के नाम पर ठगे हजारों रुपये
- कनीना पुलिस में धोखाधड़ी का मामला दर्ज
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 कनीना उप-मंडल के गांव ककराला निवासी राजेश कुमार ने उसके बेटे उमेश कुमार के साथ बिजनेस के नाम पर धोखाधड़ी करने का मामला कनीना पुलिस में दर्ज करवाया है। उन्होंने पुलिस में दी गई शिकायत में कहा है कि उसके पुत्र उमेश को एक व्हाट्सएप ग्रुप जो सुरेश अमेजान के नाम से था में 28 नवंबर को जोड़ दिया गया।
व्हाट्सएप ग्रुप में उमेश कुमार से कहा गया कि यह अमेजान का पार्ट टाइम बिजनेस ग्रुप है। जिसमें उमेश कुमार को अमेजान के तीन उत्पादन लेने के लिए कहा गया। और उसके खाते में 150 रुपये आ गए। इसके बाद उमेश कुमार ने 1000 रुपये जमा करने को कहा गया जिस पर उमेश कुमार के खाते में 1650 रुपये आ गए। इसके बाद उमेश कुमार को उन पर विश्वास हो गया कि यह सही ग्रुप है और इसके बाद तीन बार में 5000 फिर 25000 तथा 1000 की ट्रांजैक्शन उनके द्वारा यूपीआई आईडी पर कर दी गई। इसके बाद उमेश कुमार को एक भी रुपये नहीं आया। पता चला कि उमेश कुमार के साथ धोखा हो गया। इसके बाद उमेश कुमार ने 1930 नंबर काल करके शिकायत दर्ज करवाई। राजेश कुमार ने मांग की है कि धोखाधड़ी करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए जिसको लेकर कनीना पुलिस ने विभिन्न धाराओं के धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।


Friday, November 29, 2024


 

जिनके इनाम निकली है वो अपना खाता अपडेट करें
--10 विनर रहे हैं इस बार गीता प्रश्रमाला में
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कनीना की आवाज।
 भगवतगीता प्रश्नमाला में डा. होशियार सिंह ने 901 लोगों को जोड़ा। कुछ उनमें से लोगों ने अपना नाम चमकाने के लिए अपना नाम मोटिवेटर में डालना शुरू कर दिया जिसके कारण इस बार स्कोर बहुत कम रहा। अगले साल और सावधानियां बरती जाएंगी ताकि इस प्रकार की कार्रवाई कोई नहीं कर सके।
कुरुक्षेत्र से सूचना मिली है कि अभी भी कुछ विजेताओं ने अपना अकाउंट अपडेट नहीं किया है वो कृपया तुरंत प्रभाव से अपना अकाउंट अपडेट करें । इसके लिए उन्हें आईजीएम क्विज पर जाना होगा। प्रश्रमाला के उत्तर देते समय जो नियम अपनाए थे उन्हीं नियमों को अपना कर अर्थात अपने फोन नंबर और ओटीपी लगाकर लोगिन करना होगा। इसके बाद केवल विजेताओं के यहां अकाउंट अपडेट नजर आएगा। मांगी गई सूचना यहां भर दे। ताकि उसमें पैसे खाते में आ सके। साधानी अकाउंट नंबर भरे। कोई ओटीपी नहीं आएगा।
केवल विजेताओं के लिए
                 जो साथी क्विज में विनर आए है कृप्या वह अपना क्विज में लॉगिन करे लॉगिन करने के बाद आप को Update Account Detail का ऑब्शन मिलेगा कृपया यहां पर मांगी गई जानकारी भरे ताकि आप की प्राइज मनी आप को मिल सके। यह ऑब्शन केवल विजेताओं को ही दिखाई देगा







चीन से लाखों रुपए की मशीन मंगवाकर कर रहे हैं हर्षित पैनल में फिटिंग
--- एलसीडी ठीक नहीं की जाती अपितु की जाती है पैनेल की कोफ फिटिंग
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कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी हर्षित शर्मा चीन से लाखों रुपये की मशीन मंगवाकर 
एलसीडी की पैनल में कोफ फिटिंग करने का काम कर रहे हैं। वे गुजरात से ट्रेनिंग लेकर  आए हैं तथा लाखों रुपये की मशीन चाइना से मंगवाई है। हर्षित शर्मा ने बताया कि इस प्रकार की मशीन आसपास नहीं है, केवल रेवाड़ी में एक स्थित है। दूर दराज तक ऐसी मशीन नहीं है जिसके जरिये डीवीडी की पैनल में कोफ फिटिंग की जाती है। यह बहुत कम बिजली खर्च करती है तथा बहुत बारीक कार्य भी आसानी से करने में सक्षम है। कोफ फिटिंग के लिए जो प्वाइंट ढूंढे जाते हैं वह स्क्रीन पर कैमरे के जरिए आ जाते हैं और कैमरे की सहायता से उन्हें स्क्रीन पर देखा जाता है। स्क्रीन के प्वाइंट देखकर फिट किया जाता है। उन्होंने बताया कि उनका कार्य एलसीडी आदि को सुधारना नहीं है केवल कोफ फिटिंग करने का कार्य है। वे आसानी से कार्य को कर सकते हैं। तीन दिनों तक दूर-दराज आए मैकेनिक ने उन्हें सारी जानकारी दी तत्पश्चात वह अपने इस कार्य में लग गए हैं। उन्होंने बताया कि पूरा एक कमरा इस कार्य के लिए निर्धारित कर दिया है। वोह अब चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोग जिनकी एलसीडी आदि की पैनल की कोफ फिटिंग नष्ट हो गई है वह अपनी कोफ फिटिंग आसानी से यहां करवा सकते हैं। कोफ फिटिंग का खर्चा भी अधिक नहीं है। फोटो कैप्शन 07: कोफ फिटिंग करता हर्षित शर्मा


भाजपा का सदस्यता अभियान जारी
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कनीना की आवाज।
भाजपा पार्टी द्वारा देश भर में सदस्यता अभियान जोरों पर चल रहा है जिसको लेकर बड़े-बड़े नेता व बूथ स्तर के कार्यकर्ता भाजपा सदस्यता अभियान में अपनी रुचि दिखाते हुए धरातल पर कार्य कर रहे हैं। इसी कड़ी में चौधरी रामनिवास जिला महामंत्री भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा ने खेड़ी,तलवाना, सेहंलग ,पोता, नोताना अघियार, पाथेड़ा तथा खरकड़ाबास गांव में घर-घर जाकर युवाओं को भाजपा पार्टी का सदस्य बनाया। इस दौरान उन्होंने गांव में सैकड़ो ने युवाओं को भाजपा पार्टी का सक्रिय सदस्य बनाये। चौधरी रामनिवास खेड़ी ने कहा कि भाजपा पार्टी ऐसा राजनीतिक दल है जो सरकारी योजनाओं को लेकर संगठन के कार्य को धरातल स्तर पर करता है। जिसके परिणाम स्वरूप आज विश्व भर में भाजपा पार्टी नंबर वन पर है। उन्होंने भाजपा सदस्यता अभियान को लेकर। कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक भी की। अभियान को सफल बनाने के लिए चौधरी रामनिवास खेड़ी ने युवाओं से अपील की,कि वे इस अभियान में अपनी पूरी रुचि ले और इसे सफल बनाएं। उन्होंने कहा कि हम सब युवाओं ने मिलकर पार्टी को बूथ स्तर  से लेकर प्रदेश स्तर तक मजबूत बनाना है हमारा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में निरंतर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि देश वह प्रदेश निरंतर इसी गति के साथ आगे बढ़े यही हम सब युवाओं का संकल्प है इसी संकल्प के साथ भारत देश 2047 तक विकसित देश होगा।
उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि 50 सदस्य बनाने वाला हर व्यक्ति बीजेपी का सक्रिय सदस्य कहलाएगा, वहीं भाजपा पार्टी की सक्रिय सदस्य को ही पद की जिम्मेदारी मिलती है। उन्होंने युवाओं सहित सभी आमजन से अपील करते हुए कहा कि वह अपने-अपने मोबाइल फोन से 88 00002024 नंबर पर मिस काल करें और भाजपा पार्टी का सदस्य अवश्य बने।
फोटो कैप्शन 05: भाजपा के सदस्य बनाने का अभियान चलाये रामनिवास दुबट।





मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार-62
 किसी बच्चे को ग्रामीण पत्रकार न बनाइये
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कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी होशियार सिंह लंबे अरसे तक शिक्षा के क्षेत्र में अपना कर्तव्य निर्वहन करने के बाद सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्होंने लंबे समय से पत्रकारिता भी की है। आज उनके विचार पत्रकारिता के संबंध में नीचे दिए गए हैं। ये विचार उन्हीं की जुबानी सुनिये-
 मैंने 1990 में छोटे-छोटे अखबारों में पत्रकारिता करना शुरू कर दिया था। विशेषकर गोहाना से प्रकाशित राजनीति मंच में कार्य किया तथा तत्पश्चात एक के बाद एक विभिन्न समाचारपत्रों में काम किया। शायद कोई ऐसा अखबार बचा हो जो आसपास आता हो और उसमें पत्रकारिता न की हो। पत्रकारिता के बारे में एक ही लाइन में कहूंगा  कि किसी भी अपने परिवार के सदस्य को ग्रामीण पत्रकार न बनाना। पत्रकारिता बहुत अच्छा उद्यम है। नारद मुनि भी दुनिया के पहले पत्रकार कहलाते हैं। परिवार के किसी सदस्य को पत्रकार बनाना हो तो कम से कम जिला स्तर पर पत्रकार बनाया जाए ताकि उसको कुछ पारिश्रमिक मिल सके और घर का गुजर बसर हो सके। मैं अपनी पत्रकारिता के विषय में में बताना चाहूंगा कि पारिश्रमिक केवल दैनिक ट्रिब्यून दिया। उसे जमाने में जब मैं सबसे पहले दैनिक ट्रिब्यून का पत्रकार 1992 में बना तब 100 रुपये के आसपास मिलता था। दैनिक जागरण में 1993 के आसपास पत्रकारिता शुरू की और 500 रुपये के करीब पारिश्रमिक मिलता था जो बढ़कर कोरोना काल से पहले 1500 रुपये प्रतिमाह पहुंच गया। जब कोरोना काल आ गया तब तक पारिश्रमिक मिला। बाद में वो भी बंद कर दिया। इससे आप सोचिए कि गुजर बसर कैसे हो पाएगा? इस राशि में घर का गुजारा, पत्रकारिता के खर्चे बहुत कठिन कार्य बन जाता है। सबसे बड़ी कमियां पत्रकारिता में में देखने को मिली वह है कि खुद की के समाचार ,परिवार के समाचार खुद नहीं लिख सकते। हम दूसरे के समाचार लिख सकते हैं, अपने खुद के और परिवार के नहीं, तो इससे बुरी बात क्या होगी? सबसे बुरी बात है कि दूसरा समाचार पत्र भी किसी पत्रकार या उसके परिवार के समाचार शायद ही कभी लिख पाता हो। पत्रकार दूसरे पत्रकार को अंदरूनी मन से नहीं चाहता। यह ठीक है कि सामने आने पर औपचारिकताएं मिलती हैं लेकिन अंदर खाते वो नाराज ही मिलता है। एकाध कोई अपवाद हो सकता है। पत्रकारिता में सबसे बड़ी कमी है कि विज्ञापन का कुछ कमीशन मिलता है तो विज्ञापन मिलते नहीं। और विज्ञापन मिल भी जाए तो उसमें से कुछ कमीशन ऊपर बैठे लोग खा जाते हैं। बहुत कम कमीशन मिल पाता है, अगर अखबार से सीधा लिंक है तो पूरा कमीशन मिल सकता है परंतु कमीशन के आधार पर कितने दिनों तक कोई इंसान घर की रोटी रोजी चला पाएगा? वैसे भी सप्ताह में एक या दो विज्ञापन अधिकतम मिल पाते हैं। कोई एक आध अखबार को छोड़कर अधिकांश अखबारों में विज्ञापन शायद साल में एक या दो बार ही मिल पाते हो? वह भी जो कोई तेज दरार पत्रकार है तो विज्ञापन अधिक ला सकता है, वरना विज्ञापन भी नहीं मिलते। मैंने कभी विज्ञापन के लिए अधिक प्रयास नहीं किया, विज्ञापन जरूर मिले अधिकांश विज्ञापन मुझे स्कूलों से मिले, अन्य किसी से विज्ञापन न के बराबर मिले। पत्रकारिता के दौरान कोई केस अभी तक मेरे विरुद्ध न्यायालय में नहीं चला। हां एक राक्षस ने जो एनएसएस कैंप लगाते वक्त मेरे विरुद्ध वकीलों से एक नोटिस जरूर भिजवाया था।  परंतु उनका ऐसा जवाब दिया कि दोबारा बोल नहीं पाए। इस राक्षस रूपी शिक्षक ने एनएसएस के कैंप लगा रखे थे और बच्चों से पेड़ कटवाकर, उनकी लड़कियां कुल्हाड़े से फड़वा रहा था जिसकी फोटो आज तक मेरे पास सुरक्षित है। साथ में बहुत अधिक कूड़ा कचरा इकट्ठा करके उसमें आग लगवा रहा था जिससे धुआं ही धुआं हो गया। उसका समाचार मैंने छापा। साथ में वो समाचार छापा जिसमें बच्चों को बेहतर खाना नहीं दिया जा रहा था। उस समय हुआ जब एक बच्चे के कम से कम 65 रुपये भोजन के मिलते थे और यह आज की बात नहीं है करीब 10 वर्षों पहले की बात है। ऐसे में बहुत घटिया खाना खिलाया जा रहा था, रात को कोई विद्यार्थी रुकता भी नहीं था। इसलिए एक समय ही खाना मिल रहा था। जब इस संबंध में समाचार लिख दिया गया तो हकीकत का बहुत दर्द हुआ और नोटिस भिजवाया जिसमें लिखा था 65 रुपये में अच्छा खाना कैसे कोई दे पाएगा? हमने भी उसका उत्तर लिखा कि जब सरकारी स्कूल के एक बच्चे को दोपहर का एक समय का भोजन दिया जाता है उसके लिए महज 4 से 5 रुपये मिलते हैं और जब 5 रुपये में भरपेट खाना दिया जा सकता है तो 65 रुपये तो बहुत बड़ी रकम है। उसमें बच्चों को बेहतरीन खाना नहीं देना, ईंधन भी स्कूल का प्रयोग करना, एनएसएस कैंप के नाम पर प्रदूषण कर देना कहां की इंसानियत है। उत्तर मिलने के बाद दोबारा आगे कार्रवाई नहीं हो पाई। पत्रकारिता कठिन परिस्थितियों से होकर गुजरना पड़ता है परंतु जिला स्तर और बड़े शहरों के पत्रकार बनने में कोई हर्ज नहीं है, उन्हें काफी पारिश्रमिक और विज्ञापन मिलते हैं। ऐसे में बड़े शहरों और कम से कम जिला स्तर के पत्रकार जरूर बनाने चाहिए।
दैनिक ट्रिब्यून जैसी समाचार पत्र में पत्रकारिता करना बहुत बेहतर होगा क्योंकि यह ट्रस्ट का समाचारपत्र है। 1990 के आसपास जब पत्रकार बनाए जाते थे तो उसमें पत्रकारिता का डिप्लोमा या डिग्री जरूरी थी। उस समय मेरे पास पत्रकारिता में डिप्लोमा था, बाद में तो डिग्री भी हासिल की। कई लोग पूछते हैं कि पत्रकार बनना चाहिए या नहीं। उनसे मेरी यही राय है कि पत्रकार जरूर बनाया जाए परंतु कम से कम जिला स्तर और बड़े शहरों में पत्रकार बनाए ताकि कुछ रोटी रोटी चल सके। पत्रकारिता में ईमानदारी बहुत जरूरी है। पत्रकारिता में मेरा आने का उद्देश्य एक ही था कि समय केवल एक पत्रकार कार्यरत था और वो केवल पंजाब केसरी से संबंध रखता था। बाकी किसी भी समाचारपत्र का कोई पत्रकार कनीना से नहीं था। मेरा उद्देश्य था किसी भी दैनिक ट्रिब्यून समाचारपत्र या दैनिक जागरण में कार्य करूं और उसमें सफलता भी मिली।






सड़क के बीच से खंभे व तार हटाने की मांग को लेकर दिया ज्ञापन
-नहर के दोनों तरफ सड़क बनाने की मांग
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कनीना की आवाज।
 कनीना मंडी से गुजरने वाली रामपुरी डिस्ट्रीब्यूट्री के साथ-साथ सड़क निर्माण कार्य जारी है। सड़क निर्माण को लेकर क्षेत्र के लोगों में रोष है। कुछ लोगों ने कनीना के तहसीलदार संजीव नागर को एक ज्ञापन दिया जिसमें कहा गया है कि नहर के साथ-साथ अटेली और रेवाड़ी सड़क मार्गों को जोडऩे वाले मार्ग के बीच में खंभे और पेड़ खड़े हुए हैं। पहले उनको हटाया जाए। सड़क मानकों के अनुरूप बनाई जाए। यही नहीं नहर की दूसरी तरफ भी रास्ते का प्रबंध किया जाए, नहर के ऊपर से पैदल यात्रियों के लिए सर्विस रोड का निर्माण किया जाए ताकि आमजन को सुविधा हो सके। साथ में नहर के दोनों तरफ ही सड़क निर्माण करने की मांग की है। इस मौके पर नायब तहसीलदार ने ज्ञापन लेकर आगामी कार्रवाई की बात कही। इस मौके पर   हरिंदर सिंह शर्मा, विजेंद्र सिंह, राजेश कुमार सहित कई जन्म मौजूद रहे।
 फोटो कैप्शन 06: तहसीलदार को ज्ञापन देते हुए कनीना के लोग







108 कुंडीय यज्ञ महेंद्रगढ़ में एक दिसंबर को
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कनीना की आवाज।
एक दिसंबर को महेंद्रगढ़ के गौशाला रोड स्थित राधा कृष्ण मैरिज पैलेस समारोह स्थल प्रांगण में 108 कुंडीय सामूहिक महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। रामविहार कालोनी स्थित शिवा योग केंद्र से ओम प्रकाश टांक, बीरेंद्र शर्मा, पवन जिंदल, सरोज देवी, बिमला देवी, सुनील जिंदल ने बताया कि रविवार को 108 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन प्रात: 09 बजे से प्रारंभ किया जाएगा। यह आयोजन पतंजलि परिवार एवं शिवा योग केंद्र के समस्त योग साधकों के संयुक्त प्रयासों से किया जा रहा है। महायज्ञ कार्यक्रम में यज्ञ-ब्रह्मा पंडित सतीश आर्य रसूलपुर तथा वेदप्रकाश आर्य सीसोठ होंगे तथा पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी डा. निलेश मुदगल यज्ञ-पुरोहित रहेंगे। महायज्ञ कार्यक्रम के मुख्य-अतिथि महेंद्रगढ़ के नवनिर्वाचित विधायक माननीय कंवर सिंह यादव होंगे। वहीं भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष दयाराम यादव  अति विशिष्ठ अतिथि तथा श्रीकृष्णा शिक्षा संस्थान के चेयरमैन डा. बीरसिंह यादव विशिष्ठ अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।
इस अवसर पर योगासन खेल के बच्चों के द्वारा कठिन योगासनों का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
महिला पतंजलि योग समिति सुनील देवी, सुनीता देवी, जगबीर सिंह मनोज कौशिक,  विजय यादव, सचिन बंसल, अनुपमा, सुशीला, सीमा देवी ने इस पवित्र आयोजन का निमंत्रण देते हुए बताया कि अवसर पर यज्ञ का आयोजन धार्मिक और वैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण है। अमावस्या का धार्मिक तथा वैज्ञानिक रूप से बहुत बड़ा महत्व है। इसी के साथ पूरे विश्व भर में यज्ञ हवन के ऊपर हो रहे शोध यह प्रमाणित करते हैं कि वैज्ञानिक और वैदिक विधि के संगम से किया हुआ यज्ञ वातावरण में जुड़े हुए विषाक्त कणों को समाप्त करके प्रदूषण को कम करते हुए वायु शुद्ध करने का कार्य करते हैं।














 जिनके इनाम निकली है वह अपना खाता अपडेट करें
--10 विनर रहे हैं इस बार गीता प्रश्रमाला में
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कनीना की आवाज।
 भगवतगीता प्रश्नमाला में डा. होशियार सिंह ने 901 लोगों को जोड़ा। कुछ उनमें से लोगों ने अपना नाम चमकाने के लिए अपना नाम मोटिवेटर में डालना शुरू कर दिया जिसके कारण इस बार स्कोर बहुत कम रहा। अगले साल और सावधानियां बरती जाएंगी ताकि इस प्रकार की कार्रवाई कोई नहीं कर सके।
कुरुक्षेत्र से सूचना मिली है कि अभी भी कुछ विजेताओं ने अपना अकाउंट अपडेट नहीं किया है वो कृपया तुरंत प्रभाव से अपना अकाउंट अपडेट करें । इसके लिए उन्हें आईजीएम क्विज पर जाना होगा। प्रश्रमाला के उत्तर देते समय जो नियम अपनाए थे उन्हीं नियमों को अपना कर अर्थात अपने फोन नंबर और ओटीपी लगाकर लोगिन करना होगा। इसके बाद केवल विजेताओं के यहां अकाउंट अपडेट नजर आएगा। मांगी गई सूचना यहां भर दे। ताकि उसमें पैसे खाते में आ सके।


Thursday, November 28, 2024


 

83 वर्ष की उम्र में सावित्री देवी का हुआ निधन
-सत्यनारायण प्राचार्य का 2021 में हो चुका है निधन
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कनीना की आवाज।
 कनीना के शिक्षाविद एवं पूर्व प्राचार्य सत्यनारायण यादव की पत्नी सावित्री देवी का 83 वर्ष की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया। वह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गई है। आज उनका गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कनीना में कनीना एवं आस पास से आये गणमान्य लोगों की उपस्थिति में किया गया। उल्लेखनीय है कि कनीना के जाने-माने शिक्षाविद ,पूर्व प्राचार्य एवं विभिन्न संस्थाओं के संचालक रहे सत्यनारायण यादव का 2021 में निधन हो चुका है। उनकी पत्नी सावित्री देवी का गुरुवार को निधन हो गया। वह अपने पीछे विनय कुमार एडवोकेट, राजेश कुमार पुत्रों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गई है। उनके नाम से दो विभिन्न संस्थाएं भी चल रही है। वे अपने जीवन में एक कुशल गृहिणी रही है। क्षेत्र के लोगों ने शोक व्यक्त किया है।
 फोटो कैप्शन: सावित्री देवी फाइल फोटो





धन्यवाद दिवस- 28 नवंबर
धन्यवाद देना हर इंसान का फर्ज- जगदेव यादव
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कनीना की आवाज।
 यूं तो हर इंसान कोई ना कोई काम दूसरे इंसान से लेता है परंतु एक आदत बन गई है कि काम पूरा होने के बाद दूसरे व्यक्ति का आभार और धन्यवाद भी भूल जाते हैं जबकि किसी के द्वारा किये गये थोड़े से उपकार के बाद धन्यवाद देना फर्ज बनता है। विदेशों में विशेष कर अमेरिका में इस दिन को विशेष दिवस माना जाता है और लोग अपने परिजनों एवं दोस्तों के साथ मिलकर धन्यवाद करते हैं। धन्यवाद करने से न केवल काम करने वाला व्यक्ति प्रसन्नचित नजर आता है अपितु उसके मन में एक सकारात्मक भाव पैदा होती है। वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों की आदत बन गई है कि बड़े से बड़ा काम करवा लेने के बाद भी एक ही बात कहते नजर आते हैं कि यह तो इनका कर्तव्य था जबकि कर्तव्य होने पर भी हमें उनका आभार और धन्यवाद करना चाहिए। इस संबंध में बहुत ही प्रतिभावान एवं साधारण व्यक्तित्व जीवन जीने वाले कुछ लोगों से चर्चा की गई-
**धन्यवाद करने से मन दोनों की तरफ से खुश होता है और दोनों ही दिलों में एक सकारात्मक भाव पैदा होता है। धन्यवाद करने का सीधा सा अर्थ है हम एक दूसरे से और घनिष्ठ बन गए हैं, जब भी कहीं मिलेंगे तो एक दूसरे को पहचान कर एक दूसरे के सहयोग करने की कोशिश करेंगे किंतु कुछ लोगों की आदत बन गई है कि आभार और धन्यवाद कहने में भी उनको कष्ट महसूस होता है। ऐसा नहीं करना चाहिए, हमें हर इंसान से छोटा या बड़ा काम करवाने पर धन्यवाद करना चाहिए।         --जगदेव सिंह समाजसेवी
धन्यवाद की परंपरा जहां विदेश से चली है किंतु अच्छे-अच्छे विचार हमें हर कहीं से ले लेने चाहिए। किसी से काम पूर्ण करवाने पर उनका धन्यवाद करने में और बोलने में कुछ घटना नहीं है। बल्कि कुछ बढ़ता है। एक दूसरे का प्रेम, भाईचारा बढ़ेगा। इस प्रकार के धन्यवाद कहने से इंसान में लगाव की भावना पैदा हो जाती है, दिल एक दूसरे से मिल जाते और सदा सदा के लिए एक दूसरे का काम करने के लिए आगे मिलते हैं। यह एक ऐसा महान कार्य माना जाता है कि इस कार्य में किसी प्रकार की कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए और हमें भी धन्यवाद करना चाहिए।   ---रामधारी सिंह समाजसेवी
फोटो कैप्शन: जगदेव यादव तथा रामधारी सिंह





 पीएम श्री स्कूल नवोदय में आयोजित हुआ रीडिंग प्रमोशन कार्यक्रम
-गुणवत्तापरक शिक्षा देने हम सभी का कत्र्तव्य-प्राचार्य राजीव सक्सेना
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कनीना की आवाज।
 कनीना उप-मंडल के गांव करीरा के पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय में गुरुवार को रीडिंग प्रमोशन कार्यक्रम के तहत एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार के कोआर्डिनेटर अभय सिंह यादव रहे जबकि प्राचार्य राजीव सक्सेना ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
 इस मौके पर पूर्व शिक्षक डा. होशियार सिंह यादव ने अपने व्याख्यान में विद्यार्थियों को बेहतर वातावरण में बेहतर शिक्षा पाने के तरीके बताएं। उन्होंने साथ में काव्य लेखन की भी जानकारी दी और कहा कि काव्य और शिक्षा एक दूसरे के पूरक बनने जा रहे हैं। काव्य शिक्षा में शृंगार का कार्य करता है। उन्होंने सायली छंद, फायकु, हाइकु लघु कथा, कहानी लेखन आदि की भी जानकारी देते हुए पुस्तक लेखन, पुस्तक प्रकाशन आइएसबीएन नंबर लेने आदि की जानकारी दी। इस मौके पर विद्यार्थियों ने उनसे कुछ प्रश्न पूछे जिनका मौके पर ही समाधान किया गया। मौके पर पूर्व शिक्षक ने विद्यार्थियों से विभिन्न विधाएं लिखवा कर देखी और बताया कि विद्यार्थी लेखन कार्य में गहन रुचि रखते हैं।
 इस मौके पर प्राचार्य राजीव सक्सेना ने कहा कि समय-समय पर विद्यार्थियों के हितार्थ इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। जिससे न केवल विद्यार्थियों को शिक्षाविदों से रु-ब-रु होना होता है अपितु उनसे ज्ञान प्राप्त करके ज्ञान का विकास होता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत करनी चाहिए ताकि वो हर क्षेत्र अपना एवं अभिभावकों का नाम रोशन कर सके।
 इस मौके पर कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा पाने एवं कड़ी मेहनत करने के गुर सीखे। प्राचार्य निकाय की विद्यार्थी का मुख्य उद्देश्य बेहतर शिक्षा पाकर क्षेत्र का नाम रोशन करना है। उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ अन्य कलाएं जैसे संगीत, काव्य आदि सीखने पर भी बल दिया। इस मौके पर सेमिनार कोआर्डिनेटर अभय सिंह यादव ने कहा कि विद्यार्थी लंबे समय तक विभिन्न अनुभव लेते रहते हैं, जो अच्छी चीज हैं उनको ग्रहण करके जीवन में उतार ले तो उसका जीवन सफल हो जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को अच्छी-अच्छी बातें ग्रहण करने आगे बढऩे पर बल दिया। उन्होंने बताया कि समय-समय पर विभिन्न शिक्षाविदों एवं वक्ताओं को बुलाया जाता है जो शिक्षा के साथ-साथ सामान्य ज्ञान की बातें बताते रहते हैं। इस मौके पर उप-प्राचार्य धर्मेंद्र आर्य ने इस प्रकार के आयोजित बेहतरीन कार्यक्रमों के लिए सभी का आभार व्यक्त किया और कहा कि समय-समय पर विभिन्न शिक्षाविदों को यहां बुलाया जाता है और उनके द्वारा विद्यार्थियों का सही मार्गदर्शन किया जाता है।
 इस मौके पर योगेश शर्मा, लोकेश , सुमन पुरुथ , विजय मोहन, अरुण , दया राम  , विक्रम  सिंह, आशुतोष, नरेंद्र यादव, देवेन्द्र कुमार, सोमवीर, उषा रानी , अनिल कुमार आदि शिक्षक उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 04: शिक्षाविद होशियार सिंह को स्मृति चिह्न प्रदान करते प्राचार्य एवं अन्य।
 



हुई पुरानी यादें ताजा
-नवोदय विद्यालय में व्याख्यान देने का मिला मौका
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कनीना की आवाज।
 पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में गुरुवार को मुझे/ डा. होशियार सिंह मुझे एक व्याख्यान देने का मौका मिला। वास्तव में पुरानी यादें ताजा हो गई। वर्तमान प्राचार्य श्री राजीव सक्सेना अति ईमानदार और मेहनती प्राचार्य है जिनकी कार्यशैली से बहुत अधिक शिक्षक प्रसन्न है। न केवल शिक्षकों से मुलाकात हुई अपितु लाइब्रेरी का कार्यभार संभाल रहे श्री अभय सिंह यादव से भी मुलाकात हुई जिन्होंने इस व्याख्यान में को-आर्डिनेटर की भूमिका निभाई है। जहां विद्यार्थियों की बात की जाए एक के बाद एक प्रश्न पूछे जिससे ऐसा लगा कि कभी मैंने भी इसी विद्यालय में जब शिक्षण किया था तो विद्यार्थी इसी प्रकार अलर्ट रहते थे। आज व्याख्यान में मैंने उन दो शख्सियत का हवाला दिया जो आज भी काव्य से जुड़े हुए हैं। जिनमें राजेश बंसल जो प्रसिद्ध गायक एवं कालेज के प्रोफेसर पद पर कार्यरत है वही एक शख्सियत विनोद मेहंदिया का जिक्र भी किया जिन्होंने कभी मेरे द्वारा बताई हुई काव्य शैली को  अपनाते हुए एक महान लेखक बने परंतु उनके बारे में दुखद घटना भी सुनने को मिली। चाहे कुछ भी हो केंद्र सरकार की स्वायत संस्था पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय एक बेहतरीन ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने वाला स्कूल है। जहां का अपार सौंदर्य लिए हुए प्रांगण है। वहीं खेल के मैदान एवं समस्त शिक्षक अति मेहनती एवं कर्तव्यनिष्ट पाए गए। वास्तव में मन गदगद हो गया और पुरानी यादें ताजा हो गई। चाहे व्याख्यान के लिए समय अल्प रहा किंतु खास खास बातें जो मुझे समझनी थी वो समझा दी। इस विद्यालय में अभी तक जहां करीब डेढ़ दर्जन प्राचार्य रह चुके हैं और सभी से मेरी समय-समय पर मुलाकात हुई। उनमें जहां श्री केएल आनंद और श्री केए मैथ्यू के करीब से मुलाकात रही वहीं अब प्राचार्य श्री राजीव सक्सेना से भेंट करके अनहद प्रसन्नता हुई। मन प्रफुल्लित हो गया जिसके लिए आभार भी मैंने व्यक्त किया। क्योंकि मेरा पुत्र अमीश कुमार भी इसी विद्यालय में 2 साल पढ़ा है। इस वजह से भी इस विद्यालय से मेरी यादें जुड़ी हुई है। जहां कभी श्री निरंजन कुमार एक सज्जन इंसान कैंटीन का काम करता था और उनसे अक्सर मेरी मुलाकात होती थी, उनसे आज भी मुलाकात हुई। ऐसा लगा कि फिर से पुराने दिन लौट आए। शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में जवाहर नवोदय विद्यालय का अहम योगदान है। यहां से निकले हुए अनेक विद्यार्थी आज ऊंचे पदों पर आसीन हैं। नवोदय विद्यालय समिति और समस्त विद्यालय परिवार का आभार जिन्होंने आज मुझे एक नया एहसास करवाया।




शुरु कर दिया है निराई गुड़ाई का काम
-खाद डालने की है तैयारी
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कनीना की आवाज।
जैसे तैसे किसानों ने डीएपी की कमी को झेलते हुये सरसों की बिजाई कर ली है। सरसों फसल उगाने वाले किसान निराई गुड़ाई में लग गए हैं। 20 हजार हेक्टेयर पर सरसों की बिजाई की गई है जो विगत वष्र्ष की बीजाई के बराबर है। किसान सरसों फसल उगाने वाले किसान हैप्पी, कृष्ण कुमार,सुनील, दिनेश, महेश आदि ने बताया कि सरसों फसल खेतों में दिखाई देने लग गई है ऐसे में किसान निराई गुड़ाई के काम में लग गये है। किसानों ने बताया कर निराई गुड़ाई करने से खेतों में खड़े हुए अवांछनीय पौधों को हटाया जाता है ताकि फसल बेहतर हो सके। उन्होंने बताया कि निराई-गुड़ाई के बाद खाद का छिड़काव किया जाएगा और फसल बेहतर बन जाएगी।  सर्दी बढ़ गई है। जहां सर्दी बढ़ गई है जो सरसों की फसल के लिए लाभप्रद मानी जा रही है। इस बार कनीना क्षेत्र में सबसे अधिक सरसों की बिजाई की गई है दूसरे नंबर पर गेहूं उगाया गया है।
 क्या कहता है कृषि विभाग-
कृषि विभाग के डा. देवराज का कहना है कि विगत वर्ष के बराबर ही सरसों की बिजाई की गई है। सरसों के अच्छे दाम मिलने से किसान उत्साहित है और धीरे-धीरे किसानों का रुझान बढ़ता ही जा रहा है।
फोटो कैप्शन 03:खेत में हाथों से निराई करता किसान।





गांव खेड़ा में करवाई गई फोगिंग
- सीएससी सेेहलंग के डा. की अध्यक्षता में हुआ कार्य संपन्न
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कनीना की आवाज।
 गांव खेड़ा में डा.राहुल बंसल एमओ इंचार्ज सीएससी सहलंग की अध्यक्षता में गांव में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, बुखार आदि से बचने के लिए पूरे गांव में फोगिंग करवाई गई।  हरियाणा सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य चेकअप कैंप में आने वाले मरीजों को निश्शुल्क करवाया गया। वहीं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच भी करवाई गई, दवाइयां वितरित की गई। इस मौके पर लोगों को सर्दी से बचने की सलाह दी तथा खांसी के मरीजों के बलगम के सैंपल लिए।
इस मौके पर डा.ऋषिराज आर्य ने लोगों को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, बुखार आदि के रोकथाम के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि लोगों को पानी की नालियों में काला तेल डालना चाहिए, सिकोरे खाली करके सप्ताह में एक बार जरूर सुखाने चाहिए। छोटे-छोटे बच्चों को सर्दी से बचाने की स्वास्थ्य शिक्षा दी। इस मौके पर ओंकार सिंह, पवन खोला, अरुण, अनीता, आशा,रामभतेरी आदि स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की टीम उपस्थित रही।
 फोटो कैप्शन 01: गांव खेड़ा में फोगिंग करवाते हुए



एक ही थाली में खाते हैं कुत्ता और बिल्ली
-चर्चा का विषय बना है करीरा का निरंजन का












घर
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कनीना की आवाज।
 कनीना उप-मंडल के गांव करीरा में निरंजन किसान के ट्यूबवेल पर जहां पूरा परिवार रहता है, वही एक कुत्ता और बिल्ली पाल रखे हैं। दोनों साथ ही खेलते हैं तथा साथ ही एक की थाली में खाना खाते हैं। निरंजन कुमार ने बताया कि यह कुत्ता एवं बिल्ली की दोस्ती देखकर ऐसा लगता है की पुरानी कहावत कुत्ता बिल्ली वाली अब बंद कर देनी चाहिए क्योंकि कुत्ता और बिल्ली साथ खाना खाते हैं, साथ सोते हैं तथा दिन रात खेलते हैं। उन्होंने बताया कि जहां कुत्ता और बिल्ली दोनों में कोई बैर नहीं हैं अपितु आपस में प्रीत देखने को मिली। उन्होंने कहा कि अगर लोगों में भी ऐसी प्रीत हो तो यह देश भारत फिर से सोने की चिडिय़ा बन जाएगा उन्होंने कुत्ता-बिल्ली एक साथ खाने का उदाहरण दूर-दराज तक लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
क्या कहते हैं निरंजन कुमार--
निरंजन कुमार किसान करीरा ने बताया कि उनके घर में करीब 20 सालों से कुत्ता और बिल्ली साथ साथ रह रहे हैं। इस बिल्ली की मां की मौत हो गई तो यह इस कुत्ते के साथ रहती है। ऐसा लगातार चलता आ रहा है। पहले एक कुत्ता पाला हुआ था जिसकी मौत हो गई दूसरा कुत्ता लाना पड़ा परंतु कुत्ते और बिल्ली दोनों में वही प्रेम हमेशा देखने को मिला है। यहां तक कि दोनों तूड़ी के कमरे में कुत्ता और बिल्ली दोनों साथ रहते हैं। अब इस बिल्ली के तीन बच्चे हैं और वो भी इस कुत्ते के साथ खेलते रहते हैं। उन्होंने बताया कि यह बिल्ली बाहर के कुत्तों के यहां आने पर उनके साथ भी मुकाबला करती है। निरंजन कुमार रोटी के अतिरिक्त नित्य प्रति आधा लीटर दूध दोनों कुत्ते और बिल्लियों को डालते हैं और ये दोनों साथ दूध पीते हैं, लंबे समय से ऐसा प्रेम देखकर लोग खुश हैं। उन्होंने बताया कि अब यह कुत्ता और बिल्ली कभी मर गए तो इस बिल्ली के बच्चे यही रहेंगे और कुत्ता दूसरे लाने पड़ेगा। यह भी बताया कि यह कुत्ता और बिल्ली उनके बर्तनों को झूठ कभी नहीं करेंगे, ना घर के अंदर घुसते। जो उनका दूध और रोटी डाला जाता है वही खाते पीते हैं।
फोटो कैप्शन 02: कुत्ता बिल्ली संग संग एक ही थाली में खाते हुए साथ में किसान निरंजन कुमार



Wednesday, November 27, 2024


 

एडीसी ने किया कनीना में बन








रहे लघु सचिवालय भवन का निरीक्षण
-अधिकारियों को एक महीने में पूरा करने के दिए आदेश
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कनीना की आवाज।
 एडीसी डा. आनंद शर्मा ने कनीना में बना रहे लघु सचिवालय भवन का निरीक्षण किया। इसके साथ ही बाद बस स्टैंड कनीना का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान एडीसी डा. आनंद शर्मा के साथ एसडीएम अमित कुमार,  पीडब्ल्यूडी और बी एंड आर के एक्शन अश्वनी,  रोडवेज विभाग के जीएम अनित यादव,  तहसीलदार संजीव नगर,  डीपीओ अशोक बंसल, नगर पालिका सचिव समय पाल सिंह साथ रहे। निरीक्षण के दौरान एडीसी डॉक्टर आनंद शर्मा ने एक्शन अश्विनी को आदेश देते हुए कहा कि एक महीने में लघु सचिवालय भवन का कार्य पूर्ण हो जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने रोडवेज विभाग के जीएम अनित यादव को निर्देश देते हुए एक सप्ताह में बस स्टैंड परिसर में अस्थाई तौर पर यात्रियों को रोकने की व्यवस्था करने के आदेश दिए । उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के अंदर टीन शेड का कार्य शुरू हो जाना चाहिए।
फोटो कैप्शन 06: एडीसी नारनौल कनीना में लघु सचिवालय का दौरा करते हुए।





गीता प्रश्नोत्तरी का 27 नवंबर को हो गया समापन
-मोटीवेटर बतौर रहा पूरे प्रदेश में 9वां स्थान
-901 लोगों को जोड़ पाया कुछ लोगों ने चली राजनीति जैसी चाल
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कनीना की आवाज।
  कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड, हरियाणा सरकार तथा कई अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित गीता प्रश्रमाला कुरुक्षेत्र से नियंत्रित होती है। वर्षों से यह कार्यक्रम चल रहा है। यह प्रतियोगिता 17 नवंबर से 27 नवंबर तक चली तथा 55 प्रश्न पूछे गए। सभी प्रश्नों के उत्तर सही देने पर अलग से नाम दिया जाएगा वहीं जिस किसी का इनाम निकला है वह अपना अकाउंट अपडेट कर दे। जिसकी विधि मैंने पहले ही बता दी है। उत्तर   देते वक्त अपना लागिन करते आये हो उसमें आपका अकाउंट अपडेट कर दे। अकाउंट अपडेट दो-तीन दिनों तक चलेगा परंतु जिस किसी को इनाम निकली है उन्हींं से अकाउंट अपेट मांगा गया है। जहां विगत वर्ष कनीना निवासी डा. होशियार सिंह यादव टाप- 5 मे रहे थे और 2000 के करीब लोगों/भक्तों को जोड़ पाए किंतु इस बार पूरे प्रदेश में 9वें स्थान पर रहे और 901 लोगों को जोड़ पाए। गीता से जोडऩे के लिए बहुत से लोगों का सहयोग रहा और जिनमें श्री ब्रह्मानंद शिक्षक, श्री सतन कुमार प्राध्यापक ढाढोत, श्री छोटू मेहरा कोटिया सीएससी सेंटर,श्री राकेश कुमार शिक्षक, श्री नरेश कुमार शिक्षक सहित श्री अनिल कुमार धोलेड़ा अधिनियम पूरा सहयोग दिया। इसके अतिरिक्त अनेक अन्य लोगों ने ,स्कूल संस्थाओं ने जिनमें एसडी, एआईटी, कनीना के स्कूल आदि ने सहयोग किया परंतु बाद में पता चला की राजनीति की तरह कुछ लोगों ने मेरे विरुद्ध चाल चली। जहां मोटीवेटर में मेरे नंबर देने थे उन्होंने अपने नंबर भरकर भरवा दिए और सैकड़ो लोग जोड़ दिए जिसका बाद में पता चला और यही कारण है कि इस बार हमारा स्कोर विगत वर्ष की तुलना में कम रहा। इसके अतिरिक्त मेरे दूसरे फोन नंबर को भी मोटिवेटर के रूप में प्रयोग कर दिया जिसके कारण भी मेरे ही अंक कम रह गये।  27 नवंबर रात 12 तक उत्तर भरे जा सकते हैं इनका परिणाम 28 नवंबर को आएगा। और उसके बाद 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक अब कुरुक्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रम चलेंगे, विद्यालय और संस्थानों में भी गीता पर कार्यक्रम चलेंगे। एक बार सभी का  धन्यवाद करता हूं और भविष्य में भी इसी प्रकार आपके सहयोग की कामना है। 10 लोगों को 500-500 रुपये इनाम मिले हैं, उन्हें बधाइयां। जिनको नहीं मिल पाए उनको सर्टिफिकेट अवश्य मिलेंगी। यहां ध्यान दें सभी प्रतिभागियों को भागवत गीता की हरियाणा सरकार द्वारा सर्टिफिकेट दी जाएगी। इस सर्टिफिकेट को डाउनलोड करने का एक निर्धारित समय होगा जो आपको बता दिया जाएगा। अपने फोन नंबर और ओटीपी का प्रयोग करके अपनी सर्टिफिकेट भविष्य में डाउनलोड कर लेनी है जो भविष्य में काम आ सकती है।




सेढ़ शीतला माता मंदिर में हुआ जागरण
-चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है:- रतिराम महरौलिया
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कनीना की आवाज। 
 उप-मंडल के गांव धनौंदा में सेढ़ शीतला माता मंदिर में जागरण व भंडारे का हुआ आयोजन। प्रजापति समाज व समस्त ग्रामवासियों द्वारा आयोजित माता रानी के जागरण में रतिराम महरौलिया, महाशय सुरेंद्र बेदी, मनीष छैला, नीषू चौहान व दीपा चौधरी ने भजनों का गुणगान किया। महाशय सुरेंद्र बेदी ने आ मां आ तुझे पुकारा है, माता तेरी सदा ही जय हो, ले लो माता का नाम भजन सुनाए। रतिराम महरौलिया ने चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है, कहीं मेरी नजर ना लगे मेरी मैया, मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है भजन सुनाए। दीपा चौधरी ने अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये, लेके पूजा की थाली, हे नाम रे, सबसे बड़ा तेरा नाम, काल के पंजे से माता बचाओ, जय मां अष्ट भवानी ऊंचे  ऊंचे पहाड़ो पे मैया जी का बसेरा है भजनो से भाव विभोर किया।  सुबह मंदिर प्रांगण में हवन-पूजन किया।  जिसमें पंडित घनश्याम शास्त्री
के द्वारा मंत्र उच्चारण किया गया। उसके बाद भंडारे का प्रसाद वितरण कार्य किया। इस दौरान
सेढ़ शीतला माता मंदिर एवं दक्ष प्रजापति धर्मशाला समिति धोलिया प्रधान, सुरेश सचिव , राजु कोषाध्यक्ष, अमित कुमार, धर्मेंद्र, हरचंदा, राजेश पंच, रघुनाथ, बिल्लू पंच सहित अन्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 07: जागरण में प्रस्तुति देते हुए कलाकार।








कहां गए वे लोग ........
-इससे तो चक्की भली जो पीस खाए संसार  
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कनीना की आवाज। 
 संत कबीर ने कहा है कि पत्थर पूजे हरि मिले तो मैं पूजू पहाड़, इससे तो चक्की भली जो पीस खाए संसार। आज वे लोग प्रत्येक गांव में इक्का-दुक्का ही रह गए जो हाथ की चक्की से आटा तैयार करके घर में भोजन बनाते हैं। सेहत के लिए आटा चक्की को ज्यादा बेहतर माना जाता है। आज भी महिलाओं के हाथ, कमर आदि दर्द के लिए इस चक्की को चलाने की सलाह दी जाती है।
 घरों में महिलाएं जल्दी उठकर अपने शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए आटे की चक्की चलाने, दूध मथने, पशुओं की देखरेख करने का कार्य करती थी किंतु अब धीरे-धीरे ये कार्य लुप्त होते जा रहे हैं जिसके चलते महिलाओं में भी रोग। होते जा रहे हैं सबिता, संतरा, जीवली आदि कुछ महिलाओं से आटे की पुरानी चक्की के बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि उन्होंने जीवन में इस चक्की से बहुत अधिक गेहूं, चने, जौ आदि पीसे है और प्रतिदिन सुबह सूर्य उदय होने से पहले 3 से 5 किलो तक आटा पीस देती थी। वह स्वास्थ्य के लिए
अधिक लाभप्रद होती थी। डा वेद प्रकाश, डाक्टर अजीत कुमार, वैद्य श्रीकृष्ण, वैद्य बालकिशन आदि से संबंध में चर्चा की तो उन्होंने कहा कि चक्की चलाना महिलाओं के सेहतमंद होती थी और उन्हें रोगों से बचाती थी। यही नहीं जब अनाज इस चक्की से पिसता था तो पौष्टिकता बची रह जाती थी। इस संबंध में चंद महिलाओं से चर्चा की जिनके विचार इस प्रकार हैं-
**आजकल मशीनों से आटा बनाया जाता है जो इतना बारीक होता है कि जिसमें पौष्टिकता खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि पुराने समय में महिलाएं रोगी कम होती थी किंतु अब अधिक रोगी हो रही है।
--बबीता देवी, समाजसेवी
ऐसे में पत्थर की बनी हाथ की चक्की फिर से याद आने लगी किंतु वे लोग धीरे-धीरे खत्म हो गए हैं तथा भगवान को प्यारे हो गए हैं। याद आता है संत कबीर जो मूर्ति पूजा के कट्टर विरोधी थे। उन्होंने भी स्पष्ट कहा है कि इससे तो चक्की भली जो पीस खाए संसार।
--लक्ष्मी, शिक्षिका
बड़ी चकिक्कयों से अनाज को इतना अधिक बारिक पीसा जाता है कि उसमें पौष्टिक तत्व कम हो जाते हैं। विज्ञान साबुत अनाज खाने पर बल दे रहा है किंतु लोग मैदा की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं जो रोगों का अहं कारक है।
  --सरला देवी,समाजसेवी महिला
लोगों को एक बार फिर से पुराने समय की ओर जाना पड़ेगा ताकि वे अपनी सेहत कायम रख सके। इसके लिए हाथ की चक्की, हाथ की मथनी, ऊखल मूसल का प्रयोग आदि सेहत को बरकरार रख सकते हैं वरना रोगों को बुलाना होगा।
--रचना शर्मा, जागरूक महिला
फोटो कैप्शन 05: महिलाएं जो सेहत की ओर ध्यान देती हैं।




पशुओं को सर्दी से बचाये-पवन कांगड़ा
-अधिक सर्दी से पशुओं का घट जाता है दूध
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कनीना की आवाज।
  इंसानों की भांति पशुओं को भी सर्दी लगती है। दुधारू पशु कड़ाके की सर्दी लगने पर कम दूध देते हैं। ये विचार कनीना के वरिष्ठ पशु चिकित्सक पवन कांगड़ा ने व्यक्त किये।
  उन्होंने कहा कि क्षेत्र के किसान पशु पालते हैं किंतु सर्दियों में उन पर ध्यान नहीं देते जिसके चलते सर्दी लग जाती है। उन्होंने कहा कि सर्दी के दिनों में पशुओं को खुले आसमान तले न बांधे, जब तक धूप न हो जाये तब तक घर से बाहर न निकाले, ठंडा पानी न पिलाये, धूप आने पर ही पानी पिलाये, ताजा पानी पिलाये और पशु को कपड़े से या बोरी आदि से रात को ढके। उन्होंने कहा कि सर्दियों में मवेशियों को प्रमुख रूप से सर्दी लग जाती है और जिसका सीधा प्रभाव दूध पर पड़ता है। अधिक ठंड के कारण पशु सर्दी से बचाव में लग जाता है तथा सामान्य मौसम में दूध की मात्रा भी अच्छी मिलती है।  उन्होंने बताया कि जब कभी मौसम बदलता है तो पशु 50 फीसदी तक दूध कम देते हैं। जब गर्मी से सर्दी का मौसम आता है तो पशु हाइपोथर्मी अवस्था में चला जाता है जबकि सर्दी से गर्मी के मौसम में पशु हाइपरथर्मी अवस्था में चला जाता है जिससे दूध की मात्रा कम कर देता है।
उधर पशुओं के लिए लंबे समय से औषधियां बनाने वालों का कहना है कि दूध देने वाले पशुओं को भी सर्दी से बचाना चाहिए वरना वे दूध कम देंगे वहीं बीमार हो सकते हैं। उनका कहना है कि पशु भी इंसान की भांति रोगों से पीडि़त हो सकते हैं। उन्हें बचाना जरूरी है। ऐसे में उन्हें गर्म बोरी आदि से ढककर आराम दिलाना जरूरी होता है।
उनका कहना है कि इस मौसम में पशुओं को अश्वगंधा, हल्दी, अदरक, लहसुन, तुलसी, शतावर, मेथी, हालू ग्वारपाठा, इलाइची और आक के फूल का उपयोग करना चाहिए, जिससे पशु सर्द मौसम में बीमारियों से बचा रहेगा।  
 उधर पशु पालक कनीना के अजीत कुमार, किसान सूबे सिंह से पशुओं के बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि सामान्य ठंड में पशु दूध ठीक मात्रा में देता है किंतु अधिक ठंड में दूध की मात्रा घट जाती है। वे कपड़ा/झूल ओढ़ाकर, पशुओं के पास आग जलाकर तथा रात के वक्त गुड़ खिलाकर सर्दी से बचाते हैं। पशु के आवास को सूखा रखना भी जरूरी है।
फोटो कैप्शन 04:पशुओं को कपड़े ओढ़ाकर सर्दी से बचाता पशु पालक साथ पशु चिकित्सक डा पवन कांगड़ा




सड़क निर्माण में खंभे न हटाये जाने रोष
-सड़क निर्माण से हैं खुश
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कनीना की आवाज।
  कनीना मंडी से गुजरने वाली नहर के साथ सड़क का निर्माण होने से कस्बावासी बहुत खुश है और प्रशासन का आभार प्रकट कर रहे हैं। परंतु दुखद यह है कि सुव्यवस्थित ढंग से सड़क का निर्माण न होने से ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि सड़क बनने से हम सब खुश है लेकिन खतरनाक ढंग से खड़े बिजली के खंभे, तार और ट्रांसफ़ॉर्मर और रास्ते में पेड़ के खड़े रहने से दुर्घटना  होने की शंका हमेशा बनी रहेगी। ग्राम वासियों का कहना है कि सड़क के लेवल का भी ध्यान रखा जाए ताकि नहर के दूसरी तरफ रहने वालों को दिक्कतों  का सामना न करना पड़े। हम चाहते है कि किसी भी प्रकार की हानि न हो इसलिए उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि सड़क के बीच से खंभे व पेड़ हटाकर सड़क का अच्छे से निर्माण करें और नहर के ऊपर से भी एक पैदल चलने का रास्ता बनाया जाए जिससे पैदल आने जाने वालों को परेशानी न हो। कस्बावासियों ने कहा कि कनीना शहर के बीच से इस सड़क के निर्माण से आने जाने वालों को आसानी होगी हम सरकार और प्रशासन का आभार प्रकट करते है जिन्होंने हम कस्बा वासियों के बारे में विकासशील योजना लाए। इस मौके पर मास्टर डीघ राम, विनोद मास्टर , प्रवेश यादव, मास्टर विजय पाल, राजेंद्र शर्मा,हरेंद्र शर्मा ने प्रशासन का आभार जताया।
  इस संबंध में ठेकेदार की भूमिका निभा रहे दुर्गादत्त गोयल का कहना है कि सड़क का निर्माण सुंदर ढंग से किया जाएगा साथ में नहर के साथ साथ छोटी दीवार भी बनेगी। रही खंभों को हटाने की बात वो उन्हें अनुमति नहीं मिली वहीं सड़क को इसी लेवल में बनाने की अनुमति मिली है। अगर सड़क का काम रोकने का आदेश मिलेगा तो तुरंत रोक दी जाएगी।
फोटो कैप्शन 01: सड़क निर्माण को लेकर आभार जताते हुए
  02: सड़क के बीच में खंभे न हटाने पर रोष




कनीना की समस्याएं दूर करवाने के लिए लोग मिले मंत्री से
--एक ज्ञापन भी दिया
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कनीना की आवाज।
  कनीना कस्बे की समस्याओं को लेकर दीपक चौधरी ने आरती राव को दिया ज्ञापन जिस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए मंत्री ने कहा कि कनीना क्षेत्र की हर समस्या को जल्द से जल्द पूरा कराया जाएगा।
 कनीना की समस्याओं को लेकर कनीना बार के पूर्व में प्रधानरहे दीपक चौधरी व अन्य साथियों ने मिलकर एक ज्ञापन स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव को देकर कस्बे की समस्याओं से अवगत कराया जिसमें मुख्य रूप से बस स्टैंड की समस्या, गंदे पानी के भरे तालाबों को साफ करने की समस्या, बिजली के लटके  तारों को टाइट करने या बदलवाने की समस्या को लेकर उन्होंने अटेली की विधायक तथा  हरियाणा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव को एक ज्ञापन देकर मामले से अवगत कराया। उन्होंने ज्ञापन में बताया कि बस स्टैंड को डिमोलिश किए हुए आज लगभग 1 वर्ष बीत गया है लेकिन गर्मी सर्दी धूप बारिश को लेकर आने जाने वाली यात्री परेशान है लेकिन प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है जिसके कारण आमजन परेशान है इसे तुरंत प्रभाव से शुरू कराया जाए ताकि लोगों को सुविधा मिल सके। वहीं उन्होंने यह भी बताया गांव में गंदे पानी के दो तालाब बने हुए हैं जिसके कारण वहां मक्खी मच्छर व बड़ी बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है जिसको तुरंत प्रभाव से साफ कराया जाए ताकि लोगों के जीवन पर दुष्प्रभाव न पड़े और लोग स्वस्थ रह सके। वहीं उन्होंने ज्ञापन में कस्बे में लटके बिजली की तारों को बदलवाने का भी जिक्र किया जिस पर हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने जिला उपायुक्त को निर्देश दिए कि उक्त समस्याओं को तुरंत प्रभाव से दूर कराया जाए जिस पर जिला उपायुक्त ने कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त जिला उपायुक्त द्वारा मौके का मुआयाना कराया और जल्द ही सभी समस्याओं को दूर करने के निर्देश दिए।
 यहां गौरतलब है कि इससे पहले कई बार कस्बा वासियों ने उक्त समस्याओं को लेकर विधायक व मंत्रियों को अवगत कराया लेकिन आश्वासन के कुछ नहीं मिला परंतु गत दिवस दिए गए  ज्ञापन को एक दिन भी नहीं हुआ था और उस पर कार्रवाई आरंभ हो गई। जिसके लिए स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव धन्यवाद की पात्र है।
 फोटो कैप्शन 03: ज्ञापन देते हुए कनीना के लोग







गीता प्रश्रोत्तरी 27 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं
1-C  2-D  3-B 4-A  5-B  आज  का उत्तर कोड है  34212
-विजेताओं से मांगी गई जानकारी भरे जो नीचे समझाई है Update Account Detail
--रजिस्ट्रेशन 27 नवंबर शाम 5 बजे तक है
-गीता प्रश्नोत्तरी में अब तक निकले हैं 9 पुरस्कार
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कनीना की आवाज।

27 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं
1-C  2-D  3-B 4-A  5-B
             
केवल विजेताओं के लिए**
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जो साथी क्विज में विनर आए है कृप्या वह अपना क्विज में लॉगिन करे लॉगिन करने के बाद अपने क्वेश्चन के आंसर दे पांचवे क्वेश्चन के बाद आप को Update Account Detail का ऑब्शन मिलेगा कृपया यहां पर मांगी गई जानकारी भरे ताकि आप की प्राइज मनी आप को मिल सके। यह केवल विजेताओं को ही दिखाई देगी
अब तक 9 पुरस्कार मिले जिनके नाम निम्र हैं-
एक- रामकुमार
 दो -डाक्टर मुंशी राम
तीन -कार्तिक
चार-रेखा
पांच- रमलू
छह-अमीश कुमार
सात-दिनेश
आठ-उमेश कुमार
नौ -मान सिंह