Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Friday, November 15, 2024


 



मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार- 54
नवंबर माह सुख और दुख दोनों से भरा है
**************************************************
********************************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
 होशियार सिंह कनीना निवासी, विश्व रिकार्ड धारक ने शिक्षा विभाग में लंबे अरसे तक सेवा की है तथा 30 अप्रैल 2024 को धनौंदा से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनके लिए नवंबर माह सदा ही शुभ और दुख दोनों से भरा हुआ सैाबित हुआ है। नवंबर माह के बारे में होशियार सिंह के विचार उन्हीं की जुबानी सुनिये-
 नवंबर माह मेरे लिए सदा ही सुख और दुख दोनों से भरा हुआ साबित हुआ है। जहां शादी भी इसी महीने में हुई, पत्नी का निधन भी इसी महीने में हुआ, लड़ाई झगड़ा भी इसी महीने में हुआ, इसी महीने की दिवाली मना कर पत्नी को जयपुर अस्पताल में भर्ती करवाया गया और अनेकों सुख दुखों से भरा हुआ यह महीना है।
बात 21 नवंबर 2000 की है जब मेरी शादी अलवर से हुई ।जीवन का एक महत्वपूर्ण चैप्टर शुरू हुआ था परंतु क्या मालूम था कि महज 8 वर्षों के बाद ही पत्नी सुमन यादव कैंसर से पीडि़त हो जाएगी और अंतत: 17 नवंबर 2010 को जयपुर में उनका निधन हो गया। इसलिए जहां इससे दुखद बात और क्या हो सकती है क्योंकि सुमन यादव 17 नवंबर 2010 को बहुत खुश थी और उसने मेरे से कहा-अब मैं ठीक हो जाऊंगी और घर जाकर अपनी शादी की सालगिरह मनाएंगे। परंतु शादी की सालगिरह से महज चार दिन पूर्व ही उनका निधन हो गया अर्थात शादी कि नवंबर को हुई तथा निधन 17 नवंबर को हुआ। नवंबर माह में जहां वह सख्त बीमार हुई, 5 नवंबर 2010 को दिवाली का पर्व मना कर आखिरकार 8 नवंबर 2010 को जयपुर एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। और उस दिन के बाद वह घर नहीं लौट पाई। ऐसे में बहुत दुखद दिन भी नवंबर के साथ जुड़ा हुआ है। नवंबर माह मेरे लिए सदा ही सुख दुखों से भरा हुआ साबित हुआ।
18 नवंबर 2000 के दिन कनीना स्कूल  बड़ा झगड़ा भी हुआ था। जिसमें सच्चाई की जीत हुई थी। शादी से महज 3 दिन पूर्व लड़ाई झगड़ा भी हुआ था और लड़ाई भी क्या थी, एक शिक्षक स्कूल के दरी और तप्पड़/टाट पट्टी उठाकर अपने घर ले गया और स्कूल में जब तप्पड़ और दरी की बात चली तो सभी कर्मी मौन हो गए परंतु मेरे मुख से निकला कि तप्पड़ और दरी का सभी को मालूम है। सभी उन तप्पड़ और दरियों पर एक शिक्षक के घर खाना खाकर आए हो। अब तुम में बोलने की क्षमता नहीं हो तो मत बोलिए। जब मैं प्राचार्य से बताया कि वो तप्पड़ और दरी किनके पास है और किन के घर रखें तो शिक्षक गाली गलौज पर उतर आया। परिणाम यह निकला कि मैं उसकी जमकर धुनाई कर दी। परिणाम निकला कि उस वक्त ओमप्रकाश सत्संगी शिक्षक  को छोड़कर कोई ऐसा शिक्षक नहीं था जो मेरे पक्ष में हो। हालात ये बन गए कि प्राचार्य भी मेरे खिलाफ खड़ा हो गया। शादी से पहले ही उस शिक्षक ने कनीना पुलिस चौकी में मामला दर्ज करवा दिया। घटना के अगले दिन वो शिक्षक मारुति में भरकर सरेआम तप्पड़ एवं दरी स्कूल में लाया तो सभी शिक्षकों की आंखे खुल गई। क्योंकि मैं सच पर था ऐसे में तत्कालीन पुलिस चौकी के एएसआई सारी बात समझाई। एएसआई को बिल्कुल समझ आ गई। ने केवल उन्होंने प्राचार्य की खिंचाई और भला बुरा कहा  अपितु उस शिक्षक को भी भला बुरा कहा क्योंकि स्कूली संस्था एक धार्मिक संस्था होती है। यहां से इस प्रकार सामान उठाकर घर ले जाना बहुत बुरी बात होती है। इससे बुरी बात तो कोई हो ही नहीं सकती। परिणाम यह निकला कि वह शिक्षक चंद दिनों तक ही जीवित रह पाया और बहुत बुरे तरीके से उसका अंत हुआ। भगवान ऐसी मौत किसी को न दे। यह सत्य है कि मेरा उनसे बहुत लड़ाई झगड़ा हुआ कई दिन मामला चलता रहा परंतु मैंने उनको माफ कर दिया था और  उसकी मौत से पहले मैं उसके घर गया, उसके अंतिम संस्कार में भी मैं पहुंचा परंतु मेरे दिल में एक बात जरूर थी कि इंसान क्या लेकर जाता है? सिर्फ अच्छाई और बुराई? अच्छा करने वाला सादा नाम कमाता है।
ऐसे में नवंबर में मेरे लिए बहुत बुरा भी साबित हुआ है। नवंबर में सदा ही मुझे कष्ट मिलते हैं। बार-बार गले की समस्या नवंबर माह में ही आकर बनती है। नवंबर कहने को तो अच्छा महीना होता है, सेहत बनाने के लिए अच्छा होता है किंतु मेरे लिए सदा ही जहां बेहतरीन भी साबित हुआ तो सबसे बुरा भी साबित हुआ है।
कभी हंसाया,कभी रुलाया,क्या क्या दृश्य दिखाया।
अब और नहीं रुला देना, करना अब तो खैर।
सालों साल बीत रहे हैं, बढऩे कभी न पाये बैर ,
बहुत डूबोया है तूने, अब लेने देना मुझको तैर।।





कनीना की प्रथम महिला पत्रकार को दी जाएगी श्रद्धांजलि
-किया जाएगा पौधारोपण एवं हवन
**************************************************
********************************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना कस्बा की प्रथम महिला पत्रकार सुमन यादव की 14वीं पुण्य पर 17 नवंबर को उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस अवसर पर सुमन यादव के आवास पर हवन आयोजित होगा वहीं विभिन्न जन उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे। उनके नाम पर चले आ रहे श्रीमती सुमन यादव चेरिटेबल ट्रस्ट के नये कमरे का उद्घाटन भी किया जाएगा। वे राष्ट्रीय समाचार पत्र की लंबे समय तक पत्रकार रही थी। पौधारोपण करके गौशाला में दान किया जाएगा।
 उनके जीवन व चरित्र को उजागर करने वाली कनीना के लेखक डा. एचएस यादव की कृति  कष्टों की देवी का दूसरा संस्करण एवं आइएसबीएन संस्करण भी आ चुका है। जिसमें सुमन यादव का संक्षिप्त जीवन का चरित्र-चित्रण किया गया है। 2010 को वे स्वर्ग सिधार गई। उनकी पुण्यतिथि पर वृक्षारोपण किया जाएगा। जहां उनके निवास मोदीका मोहल्ला में उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाएंगे। अपनी शादी के महज आठ वर्षों के बाद ही गहरा घाव देते हुए एक छोटे से पुत्र अमीश को छोड़कर सदा के लिए आंखों से ओझल हो गई। उनकी दो पुस्तकें मानव बाडी कविताएं तथा आस्था प्रकाशित हो चुकी हैं जिसमें उन्होंने सहायक लेखिका बतौर काम किया है। उनकी विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में लेख एवं कहानियां प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी कहानी दरिंदा अति प्रसिद्ध हुई। हरियाणा सरकार ने उनकी कहानी पर प्रदेश स्तरीय द्वितीय पुरस्कार भी दिया था। उनके उदात चरित्र एवं गुणों को एक पुस्तक कष्टों की देवी में विस्तृत प्रकाशन किया गया है।
अलवर में दो अक्टूबर 1979 में पैदा हुई सुमन यादव की शादी कनीना के लेखक होशियार सिंह से हुई थी। अपनी शादी के महज आठ वर्षों के बाद ही गहरा घाव देते हुए एक छोटे से पुत्र अमीश को छोड़कर सदा के लिए आंखों से ओझल हो गई। उनकी दो पुस्तकें मानव बाडी कविताएं तथा  आस्था प्रकाशित हो चुकी हैं जिसमें उन्होंने सहायक लेखिका बतौर काम किया है। उनकी विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में लेख एवं कहानियां प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी कहानी दरिंदा अति प्रसिद्ध हुई। हरियाणा सरकार ने उनकी कहानी पर प्रदेश स्तरीय द्वितीय पुरस्कार भी दिया था। उनके उदात चरित्र एवं गुणों को एक पुस्तक  कष्टों की देवी में विस्तृत प्रकाशन किया गया है। बीमार होते हुए भी कभी उन्होंने अपने काम को विराम नहीं दिया। एक ओर जहां गृहस्थ आश्रम वहीं दूसरी ओर पत्रकारिता एवं लेखन कार्य को बखूबी से निभाया। उन्होंने अपने पत्रकारिता के दौरान आम आदमी एवं किसान आदि की समस्याओं को अधिक उठाया।
  कनीना पत्रकार परिषद की सदस्य सुमन यादव अपने जीवन के अंतिम समय में पीएचडी कर रही थी। एमए. इतिहास के अलावा पीजीडीसीए धारक सुमन यादव स्वभाव से अति मृदु एवं अति हिम्मत वाली साहसी स्त्री थी। उनकी हिम्मत की दाद उस वक्त देखने को मिली जब वे वर्ष 2008 में गंभीर रोग से पीडि़त हो गई। जिसकी परवाह न करते हुए भी उन्होंने अपना दैनिक कार्य विशेषकर समाचार संकलन एवं प्रेषण का काम नहीं छोड़ा। जब उन्होंने जग को छोड़ा उन्होंने अपने अंतिम समय के तीन वर्षों में घोर कष्ट सहन किए। अपने छोटे पुत्र अमीश को भी घोर संकटों में डालकर समाचार संकलन में लगी रहती थी।
कभी बचपन में कोई दवा नहीं लेने वाली कष्टों की देवी ने तीन वर्षों में छह बार आपरेशन करवाना पड़ा और भारी मात्रा में दवाएं खानी पड़ी किंतु उनकी जिंदगी फिर भी नहीं बच पाई। ट्रस्ट द्वारा उनके नाम पर एक लाइब्रेरी खोली जाएगी।
   उनके चरित्र एवं गुणों पर आधारित कनीना के साहित्यकार डा. होशियार सिंह की पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है। इस पुस्तक कष्टों की देवी में उनके बचपन से लेकर अंतिम समय तक विभिन्न कष्टों के बारे में विस्तार से वर्णित किया गया है। उनके साहस का अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि घर गृहस्थी के काम के अलावा समय निकालकर लेखन कार्य में जुट जाना और वो भी उस वक्त जब भयंकर रोग ने उन्हें घेर रखा हो। कनीना कस्बा की पहली महिला पत्रकार को विभिन्न संस्थाओं ने उन्हें समय-समय पर सम्मानित भी किया था। उनके साहित्य को अभी प्रकाशित किया जाना बाकी है। लोग विशेषकर महिलाएं उनको आज तक नहीं भूला पाए हैं। वे सभी से शालीनता से बातें करती थी और सभी का मन जीत लेती थी।  आज उनकी बस यादें शेष हैं।
फोटो कैप्शन: सुमन यादव








नगरपालिका ने हटाया अतिक्रमण
-आवागमन में हुई सुविधा
**************************************************
********************************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
 नगर पालिका में अतिक्रमण हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। सफाई इंचार्ज सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि एसडीएम अमित कुमार तथा सचिव नगर पालिका समय पाल सिंह के आदेशानुसार कनीना बस स्टैंड, अनाज मंडी मार्ग, बस स्टैंड के पीछे अतिक्रमण को हटाया गया। बोर्ड, बैनर सभी हटा दिए गए। नगर पालिका का ट्रैक्टर जब अतिक्रमण हटाने के अभियान में जुटा तो दुकानदारों में हड़कंप मच गया। त्वरित गति से अपने-अपने सामान को उठाकर अंदर कर लिया परंतु ट्रैक्टर जाने के कुछ समय बाद अपने सामान को पहले वाली जगह पर रख लिया। यह समस्या एक दिन की नहीं वर्षों से चली आ रही है। आश्चर्यजनक है कि दुकान के अंदर जगह कम होती है, दुकान के बाहर सामान अधिक रखा जाता है और दुकान से कहीं अधिक जगह को रोक लिया जाता है। यहां तक कि अब तो यह आलम है दुकानों के आगे रेहडिय़ां आदि खड़ी करने का भी किराया वसूला जाता है।
सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि एसडीएम के आदेश अनुसार यह कार्रवाई दो-तीन दिनों में चलती रहेगी जिससे आवागमन में सुविधा रहेगी। जो वाहन दुकानों के पास से नहीं गुजर सकते थे उन्हें थोड़े समय के लिए राहत मिली। उल्लेखनीय है कि अब तक कई दुर्घटनाएं दुकानों के बाहर रखे सामान के कारण हो चुकी हैं। दुकानदारों का सड़क के किनारे तक सामान रखा होता है, यदि कोई सामान को छू जाए तो उसकी खैर नहीं। आश्चर्य तब होता है जब बहुत से दुकानदार कूड़ा कचरा इकट्ठा करके सड़क पर फेंक देते हैं, सड़क के किनारे डाल देते हैं। जब सबसे ज्यादा व्यस्त समय कर्मचारियों का आवागमन होता है उस समय ये झाड़ू लगाते हैं ताकि आने जाने वाले धूलकण से भर जाए और परेशानी उठानी पड़े। शुक्रवार को नगर पालिका कर्मी ट्रैक्टर भरकर सामान उठा ले गये और नपा कार्यालय में डाल दिया।
 फोटो कैप्शन 4: सामान उठाकर नगर पालिका के ट्रैक्टर में डालते हुए






40 वर्षों तक एक पढ़ाया, कुर्सी एक क्षण भी प्रयोग नहीं की
-हो गया रिकार्ड दर्ज
**************************************************
********************************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
यूं तो डा. होशियार सिंह यादव कनीना निवासी, विज्ञान शिक्षक बतौर 40 वर्षों की सेेवा  सरकारी, गैर सरकारी, और ट्यूशन एवं कालेज आदि में शिक्षण कार्य करके पूर्ण की है। इन 40 वर्षों के दौरान उन्होंने कभी कुर्सी का उपयोग नहीं किया। बगैर कुर्सी पर  बैठे केवल कक्षा कक्ष में खड़े रहकर पढ़ाया जिसका परिणाम अब उन्हें मिल गया है। डा. होशियार सिंह, कनीना का इंडियन बुक आफ रिकार्ड में नाम आखिर दर्ज हो ही गया है।
 इससे पहले उन्होंने लंदन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज करवाया था। यही नहीं इंटरनेशनल बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड में आईकानिक अवार्ड भी मिला था। साथ में ओरिएंट बुक आफ़ वल्र्ड रिकार्ड में भी नाम दर्ज हो चुका है। इसके अलावा चैंपियन बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड में भी नाम दर्ज हो चुका है। क्या कहते हैं डा. होशियार सिंह ---
 विगत 6 महीना के लंबे और अथक प्रयास के बाद इंडियन बुक का रिकार्ड में नाम दर्ज हुआ है, जो बड़ी खुशी की बात और खुशी का अवसर है।  इस अवार्ड को पाने के लिए सैकड़ों साक्ष्य, पढ़ते हुए होशियार सिंह की वीडियोग्राफी, फोटोग्राफ तथा विभिन्न सर्टिफिकेट दिखाने के बाद इंटरव्यू के पश्चात आखिरकार यह नाम दर्ज हो गया है। इसके लिए सभी विद्यालयों के परिवार जिन्होंने मेरी मदद की वो सभी धन्यवाद के पात्र है और उनके लिए मैं आभार प्रकट करता हूं। इस अवार्ड को पाने के लिए  जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा, जवाहर नवोदय विद्यालय नैचाना, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय करीरा, राजकीय उच्च विद्यालय उन्हाणी, राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना, राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना, राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुंदरह, राजकीय माध्यमिक विद्यालय झूक, मेवात के के पाठखोरी एवं अल्लिका सहित कई अन्य राजकीय स्कूलों का आभार व्यक्त करता हूं जहां मैंने शिक्षण कार्य किया है। इस कार्य को सिरे चढ़वाने में जहां राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना के मुख्य अध्यापक नरेश कौशिक, राजकीय माध्यमिक विद्यालय कैमला के वीरेंद्र सिंह जांगिड़, नवोदय विद्यालय करीरा के केएल आनंद, प्यारेलाल, जेडी तनेजा, सुलोचना भल्ला तथा उस समय का स्टाफ और अनेकों अधिकारियों ने सहयोग किया है। साथ में आर्य समाज कनीना के राव मोहर सिंह साहब, दादरी के कालेज, कई स्कूलों के मुखिया तथा उन सभी विद्यार्थियों ने सहयोग किया जो मेरे से पढ़े हुए हैं। परिणाम अब आपके समक्ष आ चुका है। जल्द ही शेष बुक जो रह गई, उनमें भी आवेदन किया हुआ है और उनमें भी मुझे विश्वास है कि वल्र्ड रिकार्ड कायम होगा। उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया है विशेषकर डाक्टर राजेंद्र सिंह तत्कालीन खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी कनीना रहे वहीं डा. रामानंद यादव तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी कनीना, प्राचार्य प्रहलाद सिंह, निर्मल शास्त्री नांगल हरनाथ, धनौंदा स्टाफ विशेषकर माध्यमिक विभाग के हिंदी शिक्षक नरेश कुमार, रणवीर सिंह,
पूनम मोरवाल, संतोष यादव,कंप्यूटर शिक्षक सूबे सिंह, बलराम समारोह के हनुमान सिंह, कंवर सेन वशिष्ठ, देशराज कोटिया, महिपाल सिंह करीरा, महिपाल सिंह बाघोत, महिपाल सिंह कनीना, एसडी स्कूल के चेयरमैन जगदेव यादव, यूरो स्कूल के प्राचार्य डा. सुनील यादव, विभिन्न चिकित्सा अधिकारी, प्राचार्य कृष्ण सिंह सिहोर जिन्होंने उनकी जमकर मदद की।
फोटो कैप्शन: डा. होशियार सिंह यादव








संसार के संसाधनों में सुख नहीं,
सुख तो परमपिता के बताएं मार्ग पर चलने में है- स्वामी शिवानंद
**************************************************
********************************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
 संसार के एक-एक संसाधन में हम सुख देखते हैं लेकिन उनमें सुख नहीं, सुख तो परमपिता के बताएं मार्ग पर चलने में है। ये विचार परम संत ब्रह्मचारी  शिवानंद महाराज ने गंगा स्नान तथा गुरु नानक देव की 555वीं जयंती के उपलक्ष्य पर  धनौंदा में आयोजित विशाल यज्ञ के उपरांत व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि आज गंगा स्नान, देव दिवाली, गुरु नानक देव जयंती के अलावा अन्य पर्व का दिन हैं। आज के दिन जो व्यक्ति दान पुण्य करता है यज्ञ करता है, गौ सेवा करता है माता-पिता की सेवा करता है, वृद्ध आश्रमों में सेवा करता है और अपने माता-पिता, गुरु की आज्ञा का पालन करता है वह विशेष पुण्य का भागी होता है। उन्होंने कहा वैसे तो प्रत्येक दिन शुभ होते हैं और वो दिन भगवान के होते हैं लेकिन आज का दिन विशेष महत्व वाला दिन है। इसलिए आज के दिन किए गए दान और पण्य का  विशेष महत्व होता है। उन्होंने कहा साधु संत हमें जीने की राह सिखाते हैं और बताते हैं कि अगर संसार का कोई सच्चा सुख प्राप्त करना चाहता है तो सच्चा सुख संसार के किसी भी संसाधन में नहीं है, संसार के संसाधन में तो क्षणिक सुख है। अगर  मानव सच्चा सुख प्राप्त करना चाहता है तो परमपिता के शरण में जाकर, दीन और दुखियों की सेवा करके, माता और बहनों की रक्षा करके, बीमार ,बेसहारा लोगों की मदद करके प्राप्त किया जा सकता है। यज्ञ के उपरांत विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया जिसमें गांव  धनौंदा के ही नहीं बल्कि पास पड़ोस के गांवों केलोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
 इस अवसर पर भाजपा नेत्री ज्योति सिंघल, अध्यक्ष अनिल यादव, कैलाश गोयल, अधिवक्ता मोनू कुमार विजय कुमार आर्य, घनश्याम शर्मा, प्रदीप चौहान, नरेंद्र शास्त्री, योगेंद्र शर्मा, विनय तंवर, कमल तंवर ,दीपांशु तंवर, रिंकू शर्मा के अलावा अन्य लोग उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन02: यज्ञ करते ब्रह्मचारी शिवानंद महाराज






लड़की का निकला धूमधाम से घोड़ी पर बनवारा
- नृत्य करते हुए गुजरें गलियों से

**************************************************
********************************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
कनीना के वर्मा परिवार में योगिता का बनवारा लड़के की भांति घोड़ी पर बिठाकर निकाला गया। योगिता स्नातक पास है तथा उसके पिता राजेंद्र सिंह का 5 वर्षों पहले निधन हो गया था। उनकी एक इच्छा थी कि लड़के की भांति उनकी शादी की जाए। यांगिता की शादी में प्रमुख भूमिका निभा रहे उनके चाचा अशोक वर्मा ने बताया कि उनकी शादी सुमित कुमार से हो रही है जो वर्तमान में पीएचडी कर रहा है तथा नसीवपुर का निवासी है।
 घोड़ी पर बिठाकर बनवारा जहां गली मोहल्ले से होकर आर्य समाज मंदिर से होते हुए वापस घर तक पहुंचा। भारी संख्या में लोगों ने लड़की का बनवारा देखा, भीड़ जुट गई। इस मौके पर अनेक लोगों के पैर थिरके और विधि विधान से लड़की का बनवारा निकाल कर खुशी जताई। इस मौके पर सुनीता वर्मा, सुमन,गौरव, चंचल, तन्नू, बिट्टू एकता, अंजू, पार्थ आदि भारी संख्या में परिवार के लोग शामिल हुए।
 फोटो कैप्शन 03: योगिता का बनवारा निकलते हुए





दिनभर चला देवदीवाली का पर्व
-गुरु नानकदेव को भी याद किया

**************************************************
********************************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
  कनीना क्षेत्र में देव दीवाली का पर्व विभिन्न गांवों में श्रद्धा एवं भक्ति से मनाया गया। इस मौके पर मंदिरों में पूजा अर्चना चली तथा एक माह से चला आ रहा कार्तिक स्नान पूर्ण हो गया। कार्तिक पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। गुरु नानक देव को भी याद किया।
भगवान से डर कर कार्य करने वालों को कभी पश्चात नहीं करना पड़ता है क्योंकि जो भगवान से डरता है वह हमेशा शुभ कर्म ही करता है। ये विचार लालदास महाराज ने गंगा पर्व व पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित एक यज्ञ के उपरांत व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि शुभ कार्य का फल हमेशा शुभ ही मिलता है इसलिए शुभ कर्म ही करने चाहिए।
 संत लालदास ने बताया कि तीनों लोकों में त्रिपुरासुर राक्षस का राज चलता था देवतागणों ने भगवान शिव के समक्ष त्रिपुरासुर राक्षस से उद्धार की विनती की। भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन राक्षस का वध कर उसके अत्याचारों से सभी को मुक्त कराया और त्रिपुरारि कहलाये। इससे प्रसन्न देवताओं ने स्वर्ग लोक में दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया था तभी से कार्तिक पूर्णिमा को देवदीवाली मनायी जाने लगी। इस दिन सभी देवताओं ने काशी में प्रवेश कर दीप जलाकर दीपावली मनाई थी। देवदीवाली एक दिव्य त्योहार है। धनौंदा आश्रम में भी देव दीवाली पर यज्ञ एवं प्रवचन किये गये।
फोटो कैप्शन 01:  देव दीवाली पर्व पर हवन करवाते हुए संत।


सरल पोर्टल की कमियों का खामियाजा भुगत रहा है युवा वर्ग
--पोर्टल की खामियों को नहीं किया जा रहा है ठीक

**************************************************
********************************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
हरियाणा सरकार ने जहां आनलाइन पिछड़ा वर्ग, हरियाणा आवास, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अन्य प्रकार की सर्टिफिकेट सीएससी सेंटर आदि से या स्वयं आनलाइन बनाने की सुविधा तो प्रदान कर दी किंतु पोर्टल की मियों का खामियाजा युवा वर्ग भुगत रहा है। बहुत सी ऐसी सर्टिफिकेट्स हैं जिसके लिए आवेदन कर दिया जाता है, पैसे भी भर दिए जाते हैं किंतु उनका कुछ अता पता नहीं चलता कि वो कब बनेगी? ऐसे कई मामले सामने आए हैं? अमीश कुमार ने पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र के लिए आवेदन संख्या 425914 करीब 7 दिन पहलेअर्थात  8 नवंबर को आवेदन किया था किंतु अभी तक सर्टिफिकेट नहीं बनी है बल्कि उनके पैसे भी कट चुके हैं। अभी तक यही नहीं पता कि यह प्रमाण पत्र बनेगा या नहीं? यही नहीं उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए भी आवेदन किया था।
12 नवंबर को आवेदन संख्या 231980 की थी किंतु आज तक यह नहीं पता कि यह सर्टिफिकेट बनेगी या नहीं? उन्होंने इससे पहले भी बीसी के लिए आवेदन 231035 ओबीसी के लिए 231 644 संख्या पर 8 नवंबर को आवेदन किया था जो रद्द कर दिए गए। रद्द करने के पीछे कारण बताया गया है कि आपके पिता की वार्षिक आय 8 लाख या इससे अधिक है। अमीश ने बताया कि उनके पिता सेवानिवृत्त शिक्षक है पेंशन यदि 8 लाख भी है या इससे ज्यादा भी है तो सरकार की हिदायतों अनुसार वेतन/पेंशन और कृषि आय नहीं जोड़ी जाती। केवल अन्य स्रोतों से आय 8 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। परंतु कोई सुनने वाला नहीं। आखिरकार उन्होंने पीएम विंडो पर शिकायत की है ताकि अधिकारी ईश्वर ध्यान दें और इस प्रकार यह अनावश्यक समय बर्बाद हो रहा है तथा पैसे लग रहे हैं उनसे निजात मिल सके।


सुमन यादव पत्रकार  की याद में होंगे कई कार्यक्रम
--17 नवंबर को है उनकी 14वीं बरसी
**************************************************
********************************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
श्रीमती सुमन यादव पत्रकार चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा कनीना की प्रथम महिला पत्रकार सुमन यादव की याद में विशाल लाइब्रेरी बनाने का कार्रवाई जारी है। वर्षों से हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर ट्रस्ट के नाम कनीना में जमीन उपलब्ध करवाने की मांग की गई थी और वह काफी हद तक सिरे बढ़ गई थी परंतु अभी तक जमीन अलाट नहीं हुई है और नहीं लगता कि अब जमीन अलाट हो पाएगी। चूंकि पूर्व प्रधान सतीश जेलदार ने इस संबंध में उत्साह भी दिखाया परंतु असफल रहे। अब विचार है कि वाटर सप्लाई के पास अपनी जमीन पर विशाल लाइब्रेरी बनाई जाए जहां पर उनकी याद दिलाने वाले उनके सभी फोटो, जीवन संबंधित जानकारी, उनके द्वारा लिखित पुस्तकें, उनके द्वारा रचा हुआ काव्या एवं अखबारों की कतरन जिसमें उन्होंने लंबे समय तक कार्य किया उपलब्ध कराया जाएगा। 17 नवंबर को उनकी पुण्यतिथि पर इस संबंध में आने वाले लोगों से विचार विमर्श किया जाएगा। इसके लिए अभी तक इस ट्रस्ट ने बहुत अधिक सामाजिक कार्य किये है, जनहित के कार्य किये हैं और आंखें दान करने के लिए लंबे समय तक अभियान भी चलाया, सहयोग भी मिला किंतु आर्थिक सहयोग एक नए पैसे का भी नहीं मिला। इस समय ट्रस्ट के पास महज सभी सदस्यों का अंशदान 10000 रुपये ही उपलब्ध है साथ में पूर्व पार्षद विनय शर्मा द्वारा दान किए हुए 500 रुपये भी उपलब्ध हैं। ऐसे में 10500 रुपये उपलब्ध है किंतु ट्रस्ट के प्रधान शिक्षा के क्षेत्र में विश्व रिकार्ड धारक/वल्र्ड रिकार्ड अचीवर डा. होशियार सिंह यादव का कहना है कि वह पैसे अपनी जेब से लगाकर लाइब्रेरी स्थापित करेंगे। साथ में दिवंगत आत्मा के लिए जो कुछ बन पाएगा वो हर संभव पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सुमन यादव का एक पुत्र अमीश कुमार भी इस समय 10 जमा दो पास कर चुका है और आगे की उनकी पढ़ाई जारी है। विश्वास है कि आने वाली पीढिय़ां उनसे प्रेरणा लेती रहेगी।
 उनके ट्रस्ट के विषय में जानकारी है--
    श्रीमती सुमन यादव पत्रकार चेरिटेबल ट्रस्ट कनीना के नाम अगर कोई चंदा देने का इच्छुक है उसको निम्र जानकारी उपलब्ध कराई जा रही हैं। वो दान करके टद्यस्ट की रसीद जरूर प्राप्त कर ले। जानकारी निम्र है-- ---
खाता संख्या  0735000103293876
कनीना आईएफएससी कोड- पीयूएनबी0073500
मिक्र कोड--123024060
ट्रस्ट संख्या--1528/2011
फोन पे--  9416348400 होशियार सिंह
प्रधान-डा. होशियार सिंह यादव
    शिक्षण में वर्ल्ड रिकार्ड होल्डर
फोटो कैप्शन: डा. होशियार सिंह प्रधान
दो दानदाताओं की निम्र राशि प्राप्त हुई है-11 व 12 नवंबर को प्राप्त हुई-
1. सुरेंद्र सिंह पुत्र श्री रामजीलाल यादव फलसावाला से 5100/-
2 दीपक कुमार                                      501/-
14 नवंबर को मिले--
3- विरेन्द्र सिंह सुपुत्र श्री ओमकार सिंह। गांव ढाणा तहसील, कनीना (महेन्द्रगढ़) राशि -1100 रुपये




गीता प्रश्नोत्तरी के लिए अंतिम अवसर
--17 तारीख को सुबह मिल जाएंगे पांच प्रश्नों के उत्तर
**************************************************
********************************************************
************************************************************
कनीना की आवाज।
बहु चर्चित भगवत गीता प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का रजिस्ट्रेशन संपन्न होने जा रहा है। अंतिम अवसर है। अभी भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं 17 नवंबर को 5 प्रश्नों के उत्तर भरे जाने हैं जिनके संभावित उत्तर मेरे द्वारा उपलब्ध करवा दिये जाएंगे। ऐसे में जिन्होंने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं किया है वो तुरंत प्रभाव से रजिस्ट्रेशन निम्र तरीके से करें। इसके लिए प्रतिदिन 40 इनाम नकद 500-500 रुपये के तथा सर्टिफिकेट्स मिलती हैं। आइये अभी रजिस्ट्रेशन करें-
कृपया आज और अभी इस कार्यक्रम में जुडऩे की पहल करें-Registration for gita Prashanmala                                                1. सबसे पहले निम्र को क्लिक करें--
https://igmquiz.in/
. 1 पब्लिक हरियाणा/स्टूडेंट हरियाणा/स्टूडेंट ओडिशा/स्टूडेंट बाकी स्टेट
2. गांव का नाम
 3 अपना नाम
4 अपने फोन नंबर
5 मोटिवेटर 9416348400
मोटिवेटर का ध्यान रखे इसमें केवल 9416348400 ही भरे
 FAQs about Quiz
Quiz : 17 Nov to 27 Nov. (Total 11 days)
Mode of Quiz : Online
Question Topics : Principles of the Gita and Their Application in Daily Life
No. of Questions: Daily 5 (Total 55)
Time: Whole Day (24 hours)
Attempt Time Limit: No Time Limit
Submission of Answer: Multiple time allowed
Loginid/ Userid: Mobile Number
Password: OTP Generated at the time of Registration
Please don't share your OTP to anyone.
We never ask any bank details over phone


















No comments: