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Monday, November 11, 2024


 


15 नवंबर से स्कूलों का समय बदला
--साढ़े नौ बजे लगा करेगा स्कूल
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कनीना की आवाज।
 शिक्षा विभाग हरियाणा ने सभी स्कूलों का समय 15 नवंबर से 15 फरवरी तक प्रात: 9:30 बजे से शाम 3:30 बजे तक का कर दिया है। अब तक यह स्कूल समय 8 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक का चल रहा है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने एक पत्र जारी कर दिया है और 15 नवंबर से यह स्कूल समय लागू हो जाएगा। दोहरी पारी वाले स्कूलों का समय अलग होता है।



सुमन यादव पत्रकार  की याद में होंगे कई कार्यक्रम, दी जाएगी श्रद्धांजलि
--17 नवंबर को है उनकी 14वीं बरसी
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कनीना की आवाज।
 श्रीमती सुमन यादव पत्रकार चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा कनीना की प्रथम महिला पत्रकार सुमन यादव की याद में विशाल लाइब्रेरी बनाने का कार्रवाई जारी है। वर्षों से हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर ट्रस्ट के नाम कनीना में जमीन उपलब्ध करवाने की मांग की गई थी और वह काफी हद तक सिरे बढ़ गई थी परंतु अभी तक जमीन अलाट नहीं हुई है और नहीं लगता कि अब जमीन अलाट हो पाएगी। चूंकि पूर्व प्रधान सतीश जेलदार ने इस संबंध में उत्साह भी दिखाया परंतु असफल रहे। अब विचार है कि वाटर सप्लाई के पास अपनी जमीन पर विशाल लाइब्रेरी बनाई जाए जहां पर उनकी याद दिलाने वाले उनके सभी फोटो, जीवन संबंधित जानकारी, उनके द्वारा लिखित पुस्तकें, उनके द्वारा रचा हुआ काव्या एवं अखबारों की कतरन जिसमें उन्होंने लंबे समय तक कार्य किया उपलब्ध कराया जाएगा। 17 नवंबर को उनकी पुण्यतिथि पर इस संबंध में आने वाले लोगों से विचार विमर्श किया जाएगा। इसके लिए अभी तक इस ट्रस्ट ने बहुत अधिक सामाजिक कार्य किये है, जनहित के कार्य किये हैं और आंखें दान करने के लिए लंबे समय तक अभियान भी चलाया, सहयोग भी मिला किंतु आर्थिक सहयोग एक नए पैसे का भी नहीं मिला। इस समय ट्रस्ट के पास महज सभी सदस्यों का अंशदान 10000 रुपये ही उपलब्ध है साथ में पूर्व पार्षद विनय शर्मा द्वारा दान किए हुए 500 रुपये भी उपलब्ध हैं। ऐसे में 10500 रुपये उपलब्ध है किंतु ट्रस्ट के प्रधान शिक्षा के क्षेत्र में विश्व रिकार्ड धारक/वल्र्ड रिकार्ड अचीवर डा. होशियार सिंह यादव का कहना है कि वह पैसे अपनी जेब से लगाकर लाइब्रेरी स्थापित करेंगे। साथ में दिवंगत आत्मा के लिए जो कुछ बन पाएगा वह करने का प्रयास किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सुमन यादव का एक पुत्र अमीश कुमार भी इस समय 10 जमा दो पास कर चुका है और आगे की उनकी पढ़ाई जारी है। विश्वास है कि आने वाली पीढिय़ां उनसे प्रेरणा लेती रहेगी।
 उनके ट्रस्ट के विषय में जानकारी है--
    श्रीमती सुमन यादव पत्रकार चेरिटेबल ट्रस्ट कनीना के नाम अगर कोई चंदा देने का इच्छुक है उसको निम्र जानकारी उपलब्ध कराई जा रही हैं। वो दान करके टद्यस्ट की रसीद जरूर प्राप्त कर ले। जानकारी निम्र है-- ---
खाता संख्या  0735000103293876
कनीना आईएफएससी कोड- पीयूएनबी0073500
मिक्र कोड--123024060
ट्रस्ट संख्या--1528/2011
फोन पे--  9416348400 होशियार सिंह
प्रधान-डा. होशियार सिंह यादव
    शिक्षण में वर्ल्ड रिकार्ड होल्डर
फोटो कैप्शन: डा. होशियार सिंह प्रधान





कब होगा पोर्टल में सुधार
बार-बार धन और समय कर हो रहा है बर्बाद, नहीं बन पा रही ओबीसी और बीसी की सर्टिफिकेट
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कनीना की आवाज।
 एक और हरियाणा सरकार ने जहां सभी उन लोगों की बीसी और ओबीसी की सर्टिफिकेट बनाने की घोषणा की हुई है जिनकी आय 8 लाख से अधिक नहीं है किंतु इसमें पेंशन तथा वेतन आदि नहीं जोड़ा जाता। किंतु कनीना क्षेत्र के कम से कम एक दर्जन लोग बार-बार आवेदन कर रहे और उनके आवेदन रद्द हो रहा है। एक और परिवार पहचान पत्र में आय ठीक करने के लिए लोग मारे मारे फिर रहे हैं वही जिनकी पेंशन या वेतन 8 लाख या इससे अधिक है उनकी बीसी और ओबीसी की सर्टिफिकेट नहीं बनाई जा रही है। कनीना के सुनील कुमार, होशियार सिंह, मनोज कुमार ,दिनेश कुमार आदि ने बताया कि उन्होंने कई बार आवेदन किया किंतु इस आधार पर उनके बच्चों की बीसी और ओबीसी की सर्टिफिकेट का आवेदन रद्द कर दिया गया कि उनके पिता की पेंशन या वेतन 8 लाख से अधिक दर्शाया गया है। जबकि पेंशन और वेतन को भी सरकार दुरुस्त नहीं कर रही है। इन लोगों ने बताया कि परिवार पहचान पत्र में  आय दुरुस्त करवाने के लिए वे छह छह माह से इधर-उधर मारे मारे फिर रहे हैं किंतु सरकार बेहद परेशान कर रही है। उन्होंने खेद जताया और सरकार से मांग की है कि कम से कम पोर्टल को दुरुस्त करें या इस प्रकार सर्टिफिकेट को रद्द नहीं करें इससे धन और समय बर्बाद हो रहा है। आय को वेरिफाई करके परिवार पहचान पत्र को ठीक करें।



गेहूं की बिजाई जोरों पर
--गेहूं बीजाई का है उचित वक्त-एसडीओ
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कनीना की आवाज।
 कनीना क्षेत्र में जहां सरसों की बिजाई लगभग पूर्ण हो चुकी हैं। गेहूं की बिजाई पूरे यौवन पर है। इस बार किसान देसी गेहूं 306 और 283 उगाने की ओर अग्रसर दिखाई दिये। उल्लेखनीय है कि कनीना की कई किसान देसी बीज उगा कर तथा केंचुआ खाद डालकर बेहतर स्वास्थ्यवर्धक गेहूं तैयार करने में लगे हुए हैं। काले रंग के गेहूं भी विगत दो तीन वर्षों से कई किसान उगा रहे हैं। बाकी किसान विभिन्न किस्मों के गेहूं उगा रहे हैं।
 कनीना के राजेंद्र सिंह के साथ सूबे सिंह, मोड़ी के गजराज सिंह, करीरा के महाबीर सिंह ऐसे किसान है जो बेहतर से बेहतर पैदावार लेने के लिए देसी गेहूं उगाते रहे हैं। उधर कनीना में बीज विक्रेता महेश बोहरा ने बताया कि 306 और 283 गेहूं की मांग रही है। देशी गेहूं 306 नाम से जाना जाता है। हालांकि यह दोनों की पैदावार कम देते हैं किंतु किसानों का रुझान स्वास्थ्य की ओर बढ़ा है। उधर किसान सूबे सिंह एवं राजेंद्र सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत 306 तथा 283 बोने का विचार हैं तथा खाद वर्मी कंपोस्टिंग द्वारा तैयार करके उसी का खेतों में प्रयोग कर रहे हैं। कम पैदावार होने से ये गेहूं अपने घर के लिए तैयार करते हैं। उन्होंने बताया कि इतना गेहूं पैदा नहीं होता कि उसकी बिक्री की जा सके परंतु अपने स्वास्थ्य के दृष्टिगत गेहूं को उगा रहे हैं।
गेहूं 12 हजार हेक्टेयर पर संभावित-
 कनीना क्षेत्र में गेहूं की बीजाई की ओर इस वर्ष रुझान बढ़ा है। विगत वर्ष की तुलना में कुछ अधिक बीजाई की संभावना है। अभी बीजाई का काम जारी है।
 कनीना क्षेत्र में करीब 18 हजार हेक्टेयर पर सरसों उगाई गई है वहीं 12000 हेक्टेयर पर गेहूं उगाये जाने की संभावना है। इस वक्त गेहूं उगाने कार काम पूरे यौवन पर है।  क्षेत्र के किसान गेहूं की बीजाई में व्यस्त हैं। गेहूं की बीजाई 25 नवंबर तक बेहतर मानी जाती है।  
क्या कहते हैं कृषि अधिकारी-
एसडीओ कृषि डा अजय यादव ने बताया कि इस बार किसानों का गेहूं की ओर रुझान है। कनीना की 52 हजार हेक्टेयर भूमि मानी जाती है जिस पर सरसों पहले नंबर पर तथा गेहूं दूसरे नंबर पर बोया जा रहा है। उन्होंने किसानों को बीज उपचार करके उगाने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि 25 नवंबर तक गेहूं बोना उचित होगा किंतु लेट वैरायटी किस्में अंतिम 5 दिसंबर तक उगाई जा सकती है।
समर्थन मूल्य घोषित हो चुका-
  कनीना व्यापार मंडल प्रकोष्ठ के प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया कि प्रदेश में सरसों का 6050 रुपये प्रति क्विंटल तो गेहूं का 2275 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित किया हुआ है।
फोटो कैप्शन 03: गेहूं की बीजाई करता किसान
  साथ में एसडीओ कृषि अजय कुमार





 मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार-52
--अधिकांश मुखिया मिले कायर
-केए मैथ्यू में मिले बेहतर गुण जो स्वर्ग सिधार चुके हैं
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कनीना की आवाज।
 विश्व रिकार्ड धारक होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक ने 40 सालों के करीब शिक्षा के क्षेत्र में सेवा दी है और 30 अप्रैल 2024 को सेवानिवृत्त हो गए। यूं तो उन्होंने अनेक स्कूल, निजी स्कूल, कालेज तथा नवोदय के स्कूलों के प्राचार्यों को देखा है। 40 सालों की सेवा में 30 से अधिक मुखिया से मिले हैं, उनके साथ काम करने का मौका मिला है परंतु अधिकांश मुखिया नकारा, बेकार और अपने कर्मियों के काम में अड़ंगा डालने वाले निकले। यदि नवोदय की बात की जाए तो दो बेहतर प्राचार्य मिले वहीं सरकारी स्कूलों में आरपी कौशिक एकमात्र बेहतर प्राचार्य नजर आए। पूरी दास्तान होशियार सिंह की जुबानी सुनिए-
 मैं करीब 40 सालों तक शिक्षा के क्षेत्र में काम किया है, कितने गैर सरकारी, सरकारी, नवोदय कालेज प्राचार्यों से इस दौरान कम भेंट हुई, उनके साथ काम करने का मौका मिला परंतु यह हकीकत है कि बहुत कम मुखिया काम के जानकार, कर्मचारियों के काम में अड़ंगा न डालने वाले मिले जबकि गिने-चुने प्राचार्य और मुखिया बहुत बेहतरीन गुणों से परिपूर्ण मिले। जहां नवोदय स्कूलों की बात की जाए तो केएल आनंद ऐसे प्राचार्य मिले जो हर शिक्षक के कार्य को बहुत बखूबी से करते थे किसी के काम को रोकते नहीं थे, नुक्ताचीनी नहीं करते थे और वह बहुत बेहतरीन प्राचार्य साबित हुए। वे वर्तमान में पंजाब में विश्वविद्यालय में कार्यरत है के बड़े पद पर कार्यरत हैं। नवोदय विद्यालय के दूसरे प्राचार्य केए मैथ्यू मिले थे तो दक्षिण भारत से संबंध रखते थे, जो बाद में निदेशक नवोदय विद्यालय समिति भी बने। पता चला कि बाद में उनका देहांत हो गया, बहुत बेहतरीन प्राचार्य हुए हैं जो हर शिक्षक की समस्या को बखूबी से सुनते थे और हल करने में माहिर थे। सिगरेट के चेन समोकर थे। ऐसे दोनों ही प्राचार्य को आज भी याद करके मन में खुशी होती है। जहां के एल आनंद आज पंजाब में बड़े पद पर विश्वविद्यालय में कार्यरत है वहीं केए मैथ्यू भगवान को प्यारे हो चुके हैं। दोनों को ही मैं करबद्ध नमन करता हूं। मैथ्यू साहब प्रभु को प्यारे हो गये उन्हें मेरी स्वर्ग तक नमन।
 उधर सरकारी स्कूलों में बहुत अधिक मुखिया नकारा, कायर एवं अधिकारियों के तलुवे चाटने वाले निकले। ये शिक्षकों के कामों को अटकने वाले डरपोक भी नजर आए। जिन शिक्षकों का उन्हें डर लगता था और वे न तो शिक्षण के तौर तरीके जानते थे उनसे वो कांपते थे। ऐसे भी शिक्षक देखे जो प्राचार्य को सीधी गाली देते थे, जूतों की माला डालने की बात करते थे, बहुत भला बुरा कहते थे परंतु उन्हें के काम भी वो प्राचार्य दौड़कर कर देते थे। जो इंसान सीधे-साधे, काम के प्रति लगनशील रहे उनके काम को अटकाने में वो माहिर रहे हैं। यहां तक कि जिन शिक्षकों से मुखिया डरते थे उनकी शरण व आड़ में काम करते थे। एक प्राचार्य बेहतर नजर आये। वे आरपी कौशिक महेंद्रगढ़ से संबंध रखते हैं और प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनसे मेरी मुलाकात मार्किंग दौरान होती थी जब हम दोनों ही विज्ञान अध्यापक होते थे। उसके पिता ने संस्कृत में अनेक पुस्तक लिखी और बड़े सम्मान भी मिले हैं जो लेखन दौरान नयनसुख रहे।  तत्पश्चात आरपी कौशिक प्राचार्य पद पर पहुंचे और कनीना में आकर तो उन्होंने धाक ही जमा दी थी। चाहे उनकी मेरी तरह कई बार इधर-उधर बदली हुई हो, बड़े परेशान रहे हो किंतु उनके मुख पर परेशानी कभी नजर नहीं आई। सबसे बड़ी खूबी उनकी देखने को मिली वह अपने काम में सदा लगे रहते थे। किसी शिक्षक को यदि मजबूरीवश कहीं काम हो जाता है तो उसे कभी मना नहीं किया। किसी के काम को नहीं रोका। पहल करते हुए काम को किया। यहां तक कि उनमें एक बड़ी खूबी थी रही है कि उच्च अधिकारियों से कुछ अच्छे संबंध रहे जिसके कारण मेरे देखते-देखते तीन चार शिक्षकों ने बार बार उनका बिना किसी वजह से विरोध किया जबकि वह विरोध के हकदार नहीं थे। परिणाम यह निकला कि वह एक दिन हमसे यह कह कर गए कि अब इन शिक्षक को यहां नहीं देखना चाहूंगा और वही हुआ उन शिक्षकों की दूरदराज बदली करवा दी। ऐसे बोल्ड गुण देखने को मिले। सबसे बड़ी खूबी देखने को मिली सदा खुश रहते थे। अपने काम खुद करते थे, रजिस्ट्रार में लिखने, आदेश आदि निकलने तथा अन्य कार्य इतने बखूबी से करते थे की कोई उनमें कमी नजर नहीं आई। चाहे उन्होंने मेरे लिए कोई विशेष काम नहीं किया हो परंतु उनकी काम की शैली एवं गुण आज भी याद है। यह सत्य है कि मेरी कई बार बदली हुई मैंने उनसे निवेदन भी किया परंतु शायद कोई मजबूरी रही होगी, मेरा बदली से संबंधित कोई काम हल नहीं किया पर फिर भी काम के प्रति लगनशीलता वास्तव में सराहनीय मिली।
उनके विरुद्ध गांव कनीना के कुछ लोगों ने तो विरोध किया, बार-बार उनकी जांच करवाई बार-बार जांच हुई परंतु उनका कुछ नहीं बिगड़ा। वे विभिन्न स्थानों पर सेव, करके और आखिर महेंद्रगढ़ से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। अन्य प्राचार्यों के मुकाबले में कुछ विशेष गुण देखने को मिले। इस अवधि दौरान एक ऐसे मुख्य अध्यापक भी मुझे मिले जो आज भगवान को प्यार हो चुके हैं, जो चौधरी बंसीलाल मुख्यमंत्री शासनकाल में शराब बंदी के दौरान शराब लाते हुए पकड़े गए, कनीना थाने में मामला दर्ज हुआ, कैद भी गए और एक बार तो वो शराब पीकर स्कूल के पेड़ पर चढ़कर बैठ गए। बड़ी मुश्किल से उन्हें उतारा था। जो भी समय बिता हुआ अच्छा बीता। मुझे कभी मुखिया होने का मौका नहीं मिला। महज झूक स्कूल में मुख्याध्यापक का पद रिक्त होने पर जरूर इंचार्ज की भूमिका निभाई, स्कूल का माहौल सुधारा। गांव के लोगों से जाकर पूछे तो बस कनीनिया मास्टर के नाम से मुझे जानते हैं। चारदिवारी बनवाई और स्कूल की सफाई में विशेष योगदान दिया। स्कूल में मेरा पहला अवसर था जब काम करने का मौका मिला, दो साल के करीब वहां रहा। जब विद्यार्थियों की दो कक्षाएं लगती थी बाद में दो से तीन पहुंच गई थी। एकमात्र ऐसा सरकारी स्कूल रहा जहां सरकारीतौर पर ट्यूशन भी स्कूल में किया जो सरकार का आदेश था। आज भी वो दिन वो विद्यार्थी और वो सभी स्कूल और मुखिया याद आते हैं।



हैरिटेज विद्यालय में सातवीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक दो दिवसीय खेल प्रतियोगिता का हुआ शुभारंभ
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कनीना की आवाज।
उप-मंडल कनीना में स्थित हैरिटेज पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल मोहनपुर में 7वीं  कक्षा से 12वीं कक्षा तक खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम बच्चों ने रिबन कटिंग के लिए संचालक महोदय का स्वागत किया। संचालक महोदय ने सभी बच्चों के तिलक किया और बच्चों को शुभ आशीर्वाद दिया।  खेल में सभी बच्चों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।
इस मौके पर 200 मीटर दौड़ , 400 मीटर दौड़,  रस्सा कस्सी, बोरी दौड़, खो- खो, कबड्डी, कुश्ती, एथलेटिक्स, बैडमिंटन और भी अन्य प्रतियोगिता करवाई गई।
विद्यालय के संचालक मनीष शर्मा ने बताया कि खेलना बच्चों के विकास के लिए बहुत जरूरी होता है. इससे बच्चों को कई तरह के फायदे होते हैं। खेल से पुष्ट और स्फूर्तिदायक शरीर ही मन को स्वस्थ बनाता है। खेलकूद बच्चों के मन को प्रसन्न और उत्साहित बनाए रखते हैं। खेलों से नियम पालन के स्वभाव का विकास होता है और मन एकाग्र होता है। खेल में भाग लेने से बच्चों में सहिष्णुता,धैर्य और साहस का विकास होता है तथा सामूहिक सद्भाव और भाईचारे की भावना बढ़ती है। खेल बच्चों को स्वस्थ रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। यह उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली, शरीर की ताकत को बेहतर बनाता है और उनके दिमाग को भी तेज रखता है।  विद्यालय इस प्रकार की प्रतियोगिताएं करवाता रहेगा और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध रहेगा जिस से बच्चे देश - विदेश में अपने माता पिता और भारत का नाम रोशन कर सकें।
कार्यक्रम के उपलक्ष पर विद्यालय के संचालक  मनीष कुमार,  प्रधानाचार्य कृष्ण सिंह, कोआर्डिनेटर संदीप कुमार, तेजपाल डीपी,  कोआर्डिनेटर सुमन , पंकज डीपी तथा सातवीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक अध्यापक उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 02: हैरिटेज में खेलों का शुभारंभ करते हुए।


 बाघोत गांव के पहले सरकारी शिक्षक का हुआ निधन
--उनके पुत्र महिपाल सिंह हैं मुख्याध्यापक कोटिया
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कनीना की आवाज।
 कनीना उप मंडल के गांव बाघोत के पहले सरकारी अध्यापक रहे रघुवीर सिंह सेवानिवृत्ति मुख्य अध्यापक का निधन हो गया। 1965 में इस गांव के पहले सरकारी स्कूल शिक्षक बने थे। 1945 में जन्मे और 11 नवंबर 1965 को सेवा में आने वाले शिक्षक रघुवीर सिंह 38 सालों की सेवा करके मुख्याध्यापक बतौर 30 जून 2003 का सेवानिवृत्त हुए थे। वे अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए जिसमें एक पुत्र महिपाल सिंह जो वर्तमान में कोटिया स्कूल में मुख्याध्यापक तथा तीन पुत्रियां शामिल हैं। उनका अंतिम संस्कार गांव में ही किया गया जिसमें अनेक गणमान्य जन पहुंचे।
 फोटो कैप्शन: रघुवीर सिंह




एकादशी का पर्व 12 नवंबर को-पंडित
-शादियों की एक माह रहेगी भरमार
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कनीना की आवाज।
12 नवंबर से देव उठनी एकादशी शुरू हो रही है। एक माह शादियों की भरमार रहेगी वहीं अनेक कार्यक्रम चलेंगे। गर्म कपड़ों की मांग बढ़ गई वहीं विवाह समारोह स्थल बुक हो चुके हैं। सैकड़ों शादियां इस दिन होंगी।
पंडित ऋषिराज शर्मा ज्योतिषाचार्य के अनुसारपंचांग के अनुसार इस वर्ष देवउठनी एकादशी 11 नवंबर को शाम 6:48 बजे शुरू होकर 12 नवंबर को शाम 4:07 बजे समाप्त होगी।
एकादशी का पर्व उदय तिथि में 12 नवंबर को पड़ रहा है इसलिए एकादशी का पर्व 12 नवंबर को मनाया जाएगा।
 तुलसी को बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है. तुलसी को वृंदा कहकर भी पुकारा जाता है. हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन तुलसी विवाह  भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम से करवाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में योग निद्रा से जागते हैं. शास्त्रों में तुलसी विवाह के पीछे एक कथा प्रचलित है. तुलसी पहले वृंदा थी और उनका पति जालंधर एक वीर असुर था. चूंकि वृंदा पतिव्रता थी इसलिए उसे अपने पति की रक्षा करने का वरदान मिला था. वृंदा को मिले इस वरदान के चलते देवता जालंधर को मार नहीं पा रहे थे.तब देवताओं की गुहार पर भगवान विष्णु ने जालंधर का वध करने के लिए छल से वृंदा का पतिव्रत धर्म खंडित कर दिया. भगवान विष्णु ने छल से जालंधर का रूप धरा और वृंदा के पास गए, इस तरह वृंदा का पतिव्रत धर्म खंडित हो गया और जालंधर मारा गया. इससे वृंदा बुरी तरह आहत और क्रोधित हो गई. उसने क्रोध में आकर भगवान विष्णु को पत्थर का बन जाने का शाप दिया. भगवान विष्णु ने शाप को स्वीकार किया और वो शालिग्राम में बदल गए. शालिग्राम के इसी रूप की भक्त पूजा करते हैं. इसके बाद भगवान विष्णु वृंदा की सच्ची भक्ति को देखते हुए उनसे विवाह का प्रस्ताव रखा और तुलसी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया. उदयव्यापनी एकादशी 12 नवंबर को होने से इस दिन तुलसी विवाह का आयोजन किया जाएगा।
पंडित ऋषिराज शर्मा ने बताया कि
12 नवंबर  को तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में शाम 5 बजकर 29 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।
 उधर कनीना के भक्तिसागर मंदिर के पंडित घनश्यामगिरी के अनुसार कार्तिक के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव प्रबोधिनी एकादशी या देव उठनी एकादशी कहते हैं । इस दिन शाम को जमीन को पानी से धोकर खडिय़ा मिट्टी व गेरू से देवी के चित्र बनाकर सूखने के बाद उन पर एक रुपया, रूई, गुड़, मूली,बैंगन, सिंघाड़े ,बेर उस स्थान पर
रखकर एक परात से ढक देते हैं । रात्रि में परात बजाकर,देव उठने के गीत या बधावा गाते हैं ।
बधावा गाने के बाद दीपक से परात में बनी काजल सभी लगाते
हैं। शेष काजल उठाकर रख लेते हैं । आषाढ़ शुक्ल एकादशी से शयन किए हुए देव इस कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन उठते हैं। और सभी शुभ कार्य विवाह आदि इसी दिन से शुरू हो जाते
हैं। यह पूजा उसी स्थान पर करते हैं जहां होली,दीवाली इत्यादि की पूजा करते हैं । कुछ स्त्रियां इसी एकादशी के दिन तुलसी शालिग्राम के विवाह का आयोजन भी करती हैं । तुलसी शालिग्राम विवाह पूरी धूमधाम से उसी प्रकार किया जाता है जिस प्रकार सामान्य विवाह । शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि जिन दम्पत्तियों के कन्या नहीं होती,वे तुलसी विवाह करके कन्यादान
का पुण्य प्राप्त करते हैं।
कपड़ों की बढ़ी मांग-
 शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा। ऐसे में कपड़ों की विशेषकर आधुनिक कपड़ों की मांग बढऩे लगी है। सिले हुए कपड़ों की दुकान एवं सिलाई करने वाले दर्जियों के पास कपड़े सिलवाने वालों की मांग बढ़ी है वहीं स्कूल एवं कालेजों में जाने वाले विद्यार्थी एवं जवां दिखने की ललक वाले जन फैशन प्वाइंटों पर जाकर आधुनिक दर्जे के फैशनवाले कपड़े खरीदने लगे हैं।
  विगत करीब तीन वर्षों में सिले हुए कपड़ों की दुकानों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। वर्तमान में करीब तीन दर्जन नए नए फैशन की दुकानें तथा कई सिले हुए कपड़ों की दुकानें खुल चुकी हैं जहां युवा पीढ़ी कपड़े लेने जरूर जाते हैं।
क्या कहता है दुकानदार-
आधुनिक दर्जे के कपड़े सिलने व आधुनिक दर्जे के फैशन के कपड़े की दुकान करने वाले महेंद्र कुमार, शेर सिंह, मनोज का कहना है कि नए डिजाइन एवं आधुनिकता से परिपूर्ण एवं गर्म कपड़ों की बेहद मांग हैं। वे दिल्ली से इस प्रकार के कपड़े लाकर युवाओं के लिए प्रदान कर रहे हैं। युवा एवं अन्य जन बेहद आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि निकट भविष्य में शादियां शुरू होने जा रही हैं जिसके चलते नए डिजाइन के कपड़े सिलवाने वालों का तांता लगने लगा है।
सैकड़ों शादियां हैं कनीना उपमंडल में-
 मिली जानकारी अनुसार अकेले कनीना में एक दर्जन के करीब शादियां हो रही है तथा देव उठानी एकादशी का दिन विवाह शादियों के लिए सबसे शुभ दिन होता है। लंबे समय से विवाह शादी करने वाले इस दिन का इंतजार कर रहे थे। एकादशी पुनीत कार्य पुण्य के बराबर होते हैं। यही कारण है कि इस दिन विवाह शादियां की जाती है।
निर्वाण दिवस-
 उधौ आश्रम के बाबा लाल दास ने बताया कि उदास निर्वाण दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन पवित्र ग्रंथ की पूजा अर्चना की जाती है तथा विभिन्न कार्यक्रम उदास आश्रम में आयोजित किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय उठानी एकादशी का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। 13 नवंबर को भंडारा भी चलेगा।
फोटो कैप्शन 04: संत लालदास देव उठनी एकादशी की तैयारी में प्रसाद बनवाते हुए।
  साथ में पंडित ऋषिराज शर्मा





निमोनिया दिवस -12 नवंबर
बच्चों को ठंड लगने से बचाए
-गर्म पानी रोज पीये, बुजुर्गों को भी ठंड से बचाए
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कनीना की आवाज।
  कनीना क्षेत्र में ठंड बढ़ी है। ठंड पडऩे से जहां बुजुर्ग तथा छोटे बच्चे भी प्रभावित हो जाते हैं। वही पशुपालक भी परेशान हो उठते हैं। सर्दी से बचना जरूरी है वरना इंसानों एवं पशुओं में निमोनिया का रोग हो जाता है।
 कनीना उप नागरिक अस्पताल के डा. जितेंद्र मोरवालने बताया कि छोटे बच्चों में ठंड जल्दी लगती है जिनमें निमोनिया तक होने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों को सामान्य कपड़े पहना कर सुला देने से वे ठंड के शिकार हो रहे हैं क्योंकि वह ऊपरी कपड़े फेंक देते हैं। ऐसे में गर्म कपड़े पहनाकर बच्चों को रजाई आदि ओढ़ाई जाए वही बच्चे की मां का दूध ही बच्चे के लिए सर्वोत्तम है। बच्चों को सर्दी से बचाना चाहिए सर्दी लगने पर डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए। बच्चा दो-तीन घंटे में तक दूध नहीं पीता तुरंत डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को उसकी सांस से पता लगाया जा सकता है कि उन्हें कहीं निमोनिया आदि तो नहीं लग गया है। यदि सांसों में एक विशेष प्रकार की आवाज आए तो समझों की ठंड लग गई है।
उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों में ठंड जल्दी लगती है जिनमें निमोनिया तक होने की संभावना जताई है उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों को कपड़े पहना कर सुला देने से वे ठंड के शिकार हो रहे हैं क्योंकि वह ऊपरी कपड़े फेंक देते हैं। इसलिए उन्होंने कहा कि अधिक कपड़े पहनाकर बच्चों को रजाई वगैराह नहीं ओढ़ाई जाए वही बच्चे की मां का दूध ही बच्चे के लिए सर्वोत्तम है। बच्चों को सर्दी से बचाना चाहिए सर्दी लगने पर डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए। बच्चा दो-तीन घंटे में तक दूध नहीं पीता तुरंत डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को उसकी सांस से पता लगाया जा सकता है कि उन्हें कहीं निमोनिया आदि तो नहीं लग गया है यदि सांसों में एक विशेष प्रकार की आवाज आए तो समझों की ठंड लग गई है।
  डा. मोरवाल ने बताया कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को पीसीवी वैक्सीन देनी चाहिए वरना जिंदगी को खतरा बढ़ जाता है। बच्चों में तो बीमारी ठीक हो जाती है किंतु बुजुर्गों में समस्या बन जाती है।
उधर रोहतक के रेजिडेंट डाक्टर धर्मेंद्र ने बताया कि सर्दी से बुजुर्गों को भी बचाना जरूरी है। सर्दी से बड़ों में हृदयघात होने तथा सांस में तकलीफ बढऩे की समस्या पैदा हो जाती है। ऐसे में बुजुर्गों को भी सर्दी से बचाना जरूरी है। उन्हें पीने के लिए गर्म पानी देने तथा बासी भोजन न देने की सलाह दी है। उनका कहना है कि धूप निकलने पर बिस्तर से बाहर जाने देना चाहिए। सर्दी से बचाने से उनके रोगों से भी बचा जा सकता है।
फोटो कैप्शन: डा. जितेंद्र मोरवाल





आर्य समाज रसूलपुर ने किया रक्तदान शिविर का आयोजन
-32 यूनिट रक्त हुआ इकट्ठा
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कनीना की आवाज।
 रविवार को उपमंडल के गांव रसूलपुर में आर्य समाज रसूलपुर द्वारा रक्तदान महादान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें  आस पास के गांवों के युवाओं ने भाग लिया और 32 यूनिट रक्तदान किया। जिसमें मुख्य अतिथि अहीरवाल संस्कृति के अध्यक्ष सत्यव्रत शास्त्री रहे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर एचडीएफसी बैंक के बैंक मैनेजर अतर सिंह रहे। मुख्य अतिथि सत्यव्रत शास्त्री ने कहा कि हमें हमारी संस्कृति को बचाए रखने के लिए प्रयास करना होगा। आने वाली पीढ़ी को हमें हमारी संस्कृति को पहचानने के लिए कार्य करना होगा। रक्तदान सबसे महादान कहा गया है रक्त किसी फैक्ट्री में नहीं बनता। रक्त केवल दान करने से ही दूसरे के का जीवन बचाया जा सकता है।
मंडलपति सतीश आर्य ने कहा कि आर्य समाज द्वारा प्रतिवर्ष रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है इस दौरान रेडक्रास नारनौल की टीम द्वारा विशेष सहयोग दिया जाता है। रक्तदान शिविर में अप नागरिक अस्पताल कनीना के डा. हनुमान  सिंह, सचिन नर्सिंग अधिकारी, रवि, प्रेमलता, सुरभी, टेक्निकल अधिकारी सुनील कुमार का विशेष सहयोग रहा। इस दौरान गांव के सरपंच प्रतिनिधि सतवीर सिंह, ओमवीर नंबरदार, राजवीर सोमदत्त भीम सिंह, अनिल जांगड़ा फील्ड अधिकारी एचडीएफसी बैंक, राजकुमार रसूलपुर, जयकुमार, मास्टर मनमोहन सिंह, मुकेश जांगड़ा गागड़वास, वार्ड अटेंडेंट राजेश यादव,  आर्य समाज रसूलपुर मंत्री धर्मपाल आर्य, अरविंद कुमार आर्य, सोमदत्त आर्य सहित अन्य मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि को सत्यार्थ प्रकाश देकर सम्मानित किया।
फोटो कैप्शन 01:  रक्तदान शिविर में रक्तदान करते हुए रक्त वीर।




नांगल हरनाथ में 14 नवंबर को बाबा भैया का होगा जागरण
-प्रसाद भी किया जाएगा वितरित
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कनीना की आवाज।
कनीना खंड के गांव नांगल हरनाथ में  14 नवंबर को बाबा भैया का रात्रि जागरण होगा। बाबा भैया सेवा समिति के प्रधान रमेश चंद ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को बाबा भैया का रात्रि जागरण किया जाएगा। इस रात्रि जागरण में तरुण बालियान, सुरेश बेनीवाल, रिंकू चौधरी, कोमल चौधरी आदि प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा बाबा भैया का गुणगान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि हर समस्त ग्रामीणों के सहयोग से हर वर्ष होने वाले बाबा भैया के जागरण में न केवल इस गांव के अपितु आसपास के गांवों के भी बड़ी संख्या में भक्तजन आते हैं। इसी दिन शाम को जागरण से पहले सभी भक्त जनों के लिए भंडारे का आयोजन किया जाता है व जागरण के बाद में प्रसाद वितरण किया जाएगा।



मारपीट का मामला किया दर्ज
-सेहलंग गांव की घटना
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कनीना की आवाज।
 कनीना उप-मंडल के गांव सेहलंग निवासी विकास ने गांव के एक व्यक्ति के विरुद्ध मारपिटाई एवं जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज करवाया है। घटना एक नवंबर की है विकास कुमार ने कहा कि एक नवंबर की रात के करीब 10:30 बजे गांव के बस स्टैंड के पास नर्सरी में कई व्यक्ति आपस में बैठे बातें कर रहे थे जिसमें अजीत सेहलंग भी बैठा हुआ था जिसने शराब पी रखी थी। विकास ने उसे मजाक में कहा कि नेताजी अतरलाल का क्या रहा? इतना कहते ही अजीत गाली गलौज पर उतर आया जिसके चलते विकास ने उसे थप्पड़ जड़ दिया और बाद में विकास मोटरसाइकिल लेकर अपने खेत चला गया। रात के करीब 12 बजे मोटरसाइकिल पर बैठकर जब विकास अपने गांव के पशुओं के अस्पताल के पास पहुंचा कि अजीत ट्रैक्टर लेकर आया और रास्ता रोककर मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी जिससे मोटरसाइकिल सहित विकास गिर गया। अजीत ने ट्रैक्टर आगे पीछे करके दो-तीन बार टक्कर मारी जिससे विकास को काफी चोट लगी। अजीत ने फिर जान से मारने की धमकी दी और ट्रैक्टर लेकर चला गया तभी खेत से आ रहे अंकित, विकास को सेहलंग सरकारी अस्पताल में ले गया जहां उसे भर्ती करवा दिया। सेहलंग से प्राथमिक उपचार कर उसे महेंद्रगढ़ के लिए रेफर कर दिया। अंकित विकास को एंबुलेंस से महेंद्रगढ़ सरकारी  अस्पताल ले गया जहां से उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। अब तक विकास का इलाज चल रहा था। अब उन्होंने आकर पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया। पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।








17 नवंबर से पहले पहले करें भगवतगीता के लिए रजिस्ट्रेशन
--पूर्ण विवरण इस समाचार में दिया है
--सर्टिफिकेट्स एवं प्रतिदिन इनाम का प्रावधान
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कनीना की आवाज।
 भगवत गीता प्रश्नोत्तरी के लिए रजिस्ट्रेशन जारी है जिसकी रजिस्ट्रेशन के लिए विस्तार से निम्न जानकारी दी हुई है। प्रतिदिन एक एक हजार के दस दस पुरस्कार सही उत्तर देने वह चयन होने पर विद्यार्थी वर्ग, आम पब्लिक, दूसरे स्टेट के विद्यार्थी, दूसरे स्टेट का आम आदमी, ओडिशा के विद्यार्थी, ओडिशा के आम आदमी को दिये जाते हैं। 11 दिन प्रश्रोत्तरी चलेगी। अंत में फिर से ओवरआल इनाम मिलेगा। सभी को गीता की सर्टिफिकेट तो मिलेगी ही। 17 नवंबर से पहले रजिस्ट्रेशन करवा ले जो सरल है। रजिस्ट्रेशन का तरीका नीचे दिया गया है
अपना रजिस्ट्रेशन निम्र तरीकें से करें--  

Registration for gita Prashanmala                                                           1. सबसे पहले निम्र को क्लिक करें--
https://igmquiz.in/
. 1 पब्लिक हरियाणा/स्टूडेंट हरियाणा/स्टूडेंट ओडिशा/स्टूडेंट बाकी स्टेट
2. गांव का नाम
 3 अपना नाम
4 अपने फोन नंबर
5 मोटिवेटर 9416348400
मोटिवेटर का ध्यान रखे इसमें केवल 9416348400 ही भरे
 FAQs about Quiz
Quiz : 17 Nov to 27 Nov. (Total 11 days)
Mode of Quiz : Online
Question Topics : Principles of the Gita and Their Application in Daily Life
No. of Questions: Daily 5 (Total 55)
Time: Whole Day (24 hours)
Attempt Time Limit: No Time Limit
Submission of Answer: Multiple time allowed
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