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Saturday, November 16, 2024



गीता प्रश्रोत्तरी के उत्तर भरें।
-अगर रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो अभी करें, फिर उत्तर भरे
कनीना। आज की प्रश्रोत्तरी के संभावित उत्तर निम्र हैं-
1-डी 2-सी 3-ए  4-ए  5 ए
1-D  2-C  3-A  4-A  5-A
अभी एक बार फिर से अवलोकन किया जाएगा। ऐसे में अपने उत्तर कितनी भी बार बदल सकते हैं। उत्तर स्वयं भी खोजे और गलत नजर आये तो अवगत कराये।
कैसे भरे उत्तर--
निम्र लिंक को क्लिक करें-
http://igmquiz.in/
फोन नंबर एवं पहले से मिला ओटीपी, पासवर्ड के रूप में भरे। यदि ओटीपी याद नहीं है तो फोरगेट पासवर्ड करें पुन: पासवर्ड/ओटीपी आएगा।
पांच प्रश्र एक एक करके खुलेंगे बारी-बारी से उत्तर भरे और फाइनल सब्मिट कर दे।
ध्यान रहे उत्तर रात 12 बजे तक कितनी ही बार बदल सकते हैं।
अगर अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो निम्र लिंक को क्लिक करें-
http://igmquiz.in/
 नोट रजिस्टर्ड यट को दबाए
पांच खाने खुलेंगे उन्हें विद्यार्थी/पब्लिक गांव,नाम, फोन नंबर भरे मोटिवेटर अंतिम कालम होगा जिसमें केवल 9416348400 ही भरे जो मेरे हैं।
रजिस्टर करें। ओटीपी/पासवर्ड आएगा जिसे निर्धारित खाने में भरकर वेरिफाई कर दे। अब आप उत्तर देने के लिए तैयार हैं। उपरोक्त लिंक को क्लिक करे फोन नंबर व ओटीपी भरे। प्रश्रो के उत्तर भरे,फाइनल सब्मिट को जरूर दबाए।
मोटिवेटर में 9416348400 ही भरें ताकि आपको उत्तर मिल सकें।     हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 के अवसर पर आनलाइन गीता प्रश्नमाला - नगद पुरस्कार जीतने और प्रमाण-पत्र प्राप्त करने का सुनहरा अवसर*
17 नवंबर से 27 नवंबर
* रजिस्ट्रेशन के लिए लिंक
http://igmquiz.in/
Participants Category
A) Student
B) Public

Cash Prizes / Certificate:
्र) हर रोज 500-500 रुपए के 40 ईनाम
क्च) क्विज के समापन पर लाखों रूपए के ईनाम
ष्ट) मोटिवेटर्स को भी आकर्षक ईनाम राशि
ष्ठ) किसी भी जिले, राज्य या देश के नागरिक, विद्यार्थी व उनके माता पिता कोई भी इसमें भाग ले सकते हैं।
 विशेष
1. आपके Registration  के समय जो OTP आएगा वो आपका पासवर्ड रहेगा तथा आपका फोन न. आपका लागिन आईडी रहेगा।
2. Registration करते समय Referral/Motivator Contact Number में Motivator  9416348400 मोबाइल नंबर भरें।
3. प्रतिदिन 5 वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाएँगे जिनका उत्तर आपको देना होगा ।
4. यह प्रतियोगिता भगवदद्गीता के प्रति रुचि उत्पन्न करने व जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। स्वयं भी भाग लें और अन्य को भी प्रेरित करें।
रजिस्ट्रेशन करते वक्त मोटिवेटर में 9416348400 ही भरे जो कनीना के डा. होशियार सिंह के हैं। विगत वर्षों की भांति वे प्रतिदिन प्रश्रों के उत्तर भी भेजेंगे




 थाना शहर कनीना पुलिस टीम ने शहर कनीना क्षेत्र से गुमशुदा नाबालिग बच्ची को परिजनों से मिलाया
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कनीना की आवाज।
थाना शहर कनीना पुलिस टीम ने शहर कनीना क्षेत्र से गुमशुदा नाबालिग बच्ची को परिजनों से मिलाया।
पुलिस विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी सेवा सुरक्षा सहयोग के नारे को साकार करने में लगे हुए हैं। नियमित ड्यूटी से हटकर भी जिला पुलिस बेहतर कार्य कर रही है। पुलिस के प्रति जनता में विश्वास बढ़े, इसके लिए भी पुलिस 24 घंटे प्रयासरत है। जनता का सहयोग भी पुलिस का मनोबल बढ़ाता है। थाना शहर कनीना की पुलिस टीम ने शहर कनीना से गुमशुदा नाबालिग बच्ची को उसके परिवार से मिलाकर सराहनीय कार्य किया है।
थाना शहर कनीना की पुलिस टीम ने कनीना क्षेत्र में लापता हुए एक प्रवासी परिवार की बच्ची को उसके परिजनों से मिलवाया। आज शाम थाना शहर कनीना के क्षेत्र में तैनात डायल 112 की टीम को सूचना मिली कि कोसली रोड पर एक बच्ची लावारिस हालत में घूम रही है। पुलिस ने बच्ची को थाना शहर कनीना में लाकर बच्ची को उसके परिजनों से मिलवाने के प्रयास शुरू कर दिए। बच्ची को उसके परिजनों के पास पहुंचाने के लिए पुलिस ने बच्ची के पास से उसके घर व परिवार वालों के बारे में पता करना चाहा, लेकिन बच्ची उनके घर का पता नहीं बता पा रही थी। पुलिस बच्ची को उसके परिजनों तक पहुंचाने में जुट गई। पुलिस स्थानीय लोगों से पूछताछ कर काफी मशक्कत करते हुए बच्ची के परिजनों का पता लगाकर बच्ची को सकुशल उसके परिजनों को सौंप दिया।
दरअसल बच्ची खेलते–खेलते घर से दूर निकल गई और रास्ता भटक गई। डायल 112 की पुलिस टीम को बच्ची की सूचना मिली। सूचना मिलने उपरांत करीब 1 घंटे मशक्कत करने के बाद पुलिस ने बच्ची के परिजनों का पता लगाकर बच्ची को सकुशल उसके परिजनों को सौंप दिया। परिजनों ने जब बच्ची को सकुशल देखा तो उनके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ आई, उन्होंने पुलिस का आभार व्यक्त किया।




सुमन यादव पत्रकार  की याद में होंगे कई कार्यक्रम
--17 नवंबर को है उनकी 14वीं बरसी
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कनीना की आवाज।
श्रीमती सुमन यादव पत्रकार चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा कनीना की प्रथम महिला पत्रकार सुमन यादव की याद में विशाल लाइब्रेरी बनाने का कार्रवाई जारी है। वर्षों से हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर ट्रस्ट के नाम कनीना में जमीन उपलब्ध करवाने की मांग की गई थी और वह काफी हद तक सिरे बढ़ गई थी परंतु अभी तक जमीन अलाट नहीं हुई है और नहीं लगता कि अब जमीन अलाट हो पाएगी। चूंकि पूर्व प्रधान सतीश जेलदार ने इस संबंध में उत्साह भी दिखाया परंतु असफल रहे। अब विचार है कि वाटर सप्लाई के पास अपनी जमीन पर विशाल लाइब्रेरी बनाई जाए जहां पर उनकी याद दिलाने वाले उनके सभी फोटो, जीवन संबंधित जानकारी, उनके द्वारा लिखित पुस्तकें, उनके द्वारा रचा हुआ काव्या एवं अखबारों की कतरन जिसमें उन्होंने लंबे समय तक कार्य किया उपलब्ध कराया जाएगा। 17 नवंबर को उनकी पुण्यतिथि पर इस संबंध में आने वाले लोगों से विचार विमर्श किया जाएगा। इसके लिए अभी तक इस ट्रस्ट ने बहुत अधिक सामाजिक कार्य किये है, जनहित के कार्य किये हैं और आंखें दान करने के लिए लंबे समय तक अभियान भी चलाया, सहयोग भी मिला किंतु आर्थिक सहयोग एक नए पैसे का भी नहीं मिला। इस समय ट्रस्ट के पास महज सभी सदस्यों का अंशदान 10000 रुपये ही उपलब्ध है साथ में पूर्व पार्षद विनय शर्मा द्वारा दान किए हुए 500 रुपये भी उपलब्ध हैं। ऐसे में 10500 रुपये उपलब्ध है किंतु ट्रस्ट के प्रधान शिक्षा के क्षेत्र में विश्व रिकार्ड धारक/वल्र्ड रिकार्ड अचीवर डा. होशियार सिंह यादव का कहना है कि वह पैसे अपनी जेब से लगाकर लाइब्रेरी स्थापित करेंगे। साथ में दिवंगत आत्मा के लिए जो कुछ बन पाएगा वो हर संभव पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सुमन यादव का एक पुत्र अमीश कुमार भी इस समय 10 जमा दो पास कर चुका है और आगे की उनकी पढ़ाई जारी है। विश्वास है कि आने वाली पीढिय़ां उनसे प्रेरणा लेती रहेगी।
 उनके ट्रस्ट के विषय में जानकारी है--
    श्रीमती सुमन यादव पत्रकार चेरिटेबल ट्रस्ट कनीना के नाम अगर कोई चंदा देने का इच्छुक है उसको निम्र जानकारी उपलब्ध कराई जा रही हैं। वो दान करके टद्यस्ट की रसीद जरूर प्राप्त कर ले। जानकारी निम्र है-- ---
खाता संख्या  0735000103293876
कनीना आईएफएससी कोड- पीयूएनबी0073500
मिक्र कोड--123024060
ट्रस्ट संख्या--1528/2011
फोन पे--  9416348400 होशियार सिंह
प्रधान-डा. होशियार सिंह यादव
    शिक्षण में वल्र्ड रिकार्ड होल्डर
फोटो कैप्शन: डा. होशियार सिंह प्रधान
दो दानदाताओं की निम्र राशि प्राप्त हुई है-11 व 12 नवंबर को प्राप्त हुई-
1. सुरेंद्र सिंह पुत्र श्री रामजीलाल यादव फलसावाला से 5100/-
2 दीपक कुमार   501/-
14 नवंबर को मिले--
3- विरेन्द्र सिंह सुपुत्र श्री ओमकार सिंह। गांव ढाणा तहसील, कनीना (महेन्द्रगढ़) राशि -1100 रुपये





गीता प्रश्नोत्तरी में अब भी करवा सकते है रजिस्ट्रेशन
--17 तारीख को सुबह मिल जाएंगे पांच प्रश्नों के उत्तर
--मेरे से फोन नंबर 9306300700 पर करें संपर्क
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कनीना की आवाज।
बहु चर्चित भगवत गीता प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का रजिस्ट्रेशन संपन्न होने जा रहा है। अंतिम अवसर है। अभी भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं 17 नवंबर को 5 प्रश्नों के उत्तर भरे जाने हैं जिनके संभावित उत्तर मेरे द्वारा उपलब्ध करवा दिये जाएंगे। ऐसे में जिन्होंने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं किया है वो तुरंत प्रभाव से रजिस्ट्रेशन निम्र तरीके से करें। इसके लिए प्रतिदिन 40 इनाम नकद 500-500 रुपये के तथा सर्टिफिकेट्स मिलती हैं। आइये अभी रजिस्ट्रेशन करें-
कृपया आज और अभी इस कार्यक्रम में जुडऩे की पहल करें-Registration for gita Prashanmala                                                            1. सबसे पहले निम्र को क्लिक करें--
https://igmquiz.in/
. 1 पब्लिक हरियाणा/स्टूडेंट हरियाणा/स्टूडेंट ओडिशा/स्टूडेंट बाकी स्टेट
2. गांव का नाम
 3 अपना नाम
4 अपने फोन नंबर
5 मोटिवेटर 9416348400
मोटिवेटर का ध्यान रखे इसमें केवल 9416348400 ही भरे
 FAQs about Quiz
Quiz : 17 Nov to 27 Nov. (Total 11 days)
Mode of Quiz : Online
Question Topics : Principles of the Gita and Their Application in Daily Life
No. of Questions: Daily 5 (Total 55)
Time: Whole Day (24 hours)
Attempt Time Limit: No Time Limit
Submission of Answer: Multiple time allowed
Loginid/ Userid: Mobile Number
Password: OTP Generated at the time of Registration
Please don't share your OTP to anyone.
We never ask any bank details over phone








मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार - 55
परहित बहुत बुरी चीज है पर करना चाहिए
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कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक लंबे अरसे तक शिक्षा विभाग में सेवा देने के बाद आखिरकार सेवानिवृत्त हो चुका है। वे सदाचारी, बीड़ी सिगरेट,शराब आदि से कोसों दूर,परमात्मा में विश्वास करने वाले तथा साइकिल पर चलने वाले, घी दूध का प्रयोग अधिक करनेवाले तथा परहित के काम में लीन रहने वाले हैं। आज तक लंबी पत्रकारिता में कोई दुश्मन और एक इंसान भी उन पर लांछन नहीं लग सकता कि इसने किसी का एक रुपया लिया है। परंतु परहित में काम करते-करते एक ही बात अपनी पुस्तक में लिखी है कि किसी का हित जरूर करना चाहिए परंतु परहित बहुत बुरी चीज है। परंतु परहित करना चाहिए। इसके के पीछे की एक कहानी पूरी विस्तार से पुस्तक में वर्णित है। उसका सारांश यहां पर दिया गया है जो होशियार सिंह की जुबानी सुनिये-
2014 में एक मकान कनीना में खरीदा जिस पर लंबे समय से भाइयों के बीच न्यायालय में मामला चल रहा था। आखिर वह मकान करीब 15 लाख रुपये में खरीद लिया। विक्रेता की की एक शर्त थी कि इसमें करीब दो गज जमीन ऐसी है जिसे पड़ोसी चाहते हैं और लंबे समय से आपस में तकरार रही है। यह जमीन करीब दो-तीन गज है। विक्रेता की शर्त थी कि यह करीब दो गज जमीन उस पड़ोसी को नहीं देंगे। यदि सहमत हो तो  हम जमीन बेचने के लिए तैयार है। होशियार सिंह ने कहा कि चलिए अगर ऐसी बात है यह दो गज जमीन वो पड़ोसी को नहीं देंगे चाहे वह एक करोड़ रुपये दे? आखिर जमीन की रजिस्ट्री करवाने की तिथि निर्धारित हो गई। रजिस्ट्री करवाते वक्त एक पड़ोसी ने तो 20 हजार रुपये मार लिये। हुआ यूं कि जब रजिस्ट्री हो रही थी तो मैंने सोचा एक जमीन पर बना हुआ एक कमरा एवं कुछ जमीन एक पड़ोसी को दे दिया जाए उसके बदले चार लाख रुपये लेने की बात कही। चार लाख रुपये में सीधे रजिस्ट्री करवाने की बात चली। रजिस्ट्री की सरकारी फीस वगैरह जमा करने के लिए बैंक गए तो पड़ोसी ने कहा मेरे पास पैसे नहीं है, आप दे दो। मैंने 20000 अपनी जेब से उनके भरवा दिए। बाद में पड़ोसी ने कहा कि है रजिस्ट्री के पैसे रजिस्ट्री करवाने वालों के लगते हैं इसलिए आपको नहीं दिए जाएंगे। उधर दो गज जमीन की बात चली तो पड़ोसी ने कहा कि आप यह जमीन हमें दे दो। तुम्हारे किसी काम की नहीं है।  मैंने उन्हें समझाया कि मैंने एक-एक इंच जमीन की रजिस्ट्री करवाई है, पैसे भरे हैं ,तुम्हें मैं कैसे दे सकता हूं। परंतु मेरी पत्नी ने मुझे समझाया कि दो गज जमीन है,इनको दे दो। उनके काम आ जाएगी क्योंकि इन्हें इसकी ज्यादा जरूरत है। आश्चर्यजनक कि बिना किसी पैसे के जमीन तो दे दी, खैर कोई बात नहीं कुछ दिनों बाद उन्होंने दी हुई जमीन पर अपनी लैट्रिन बना ली, वह भी कोई बात नहीं। मैंने पड़ोसी से कहा कि भाई तुम्हारी इस लैटिन की या तो छत लगवा लो क्योंकि मेरे घर में बदबू आ रही है। उन्होंने इनकार कर दिया, यहां तक यह कहा कि ऐसा नहीं हो सकता। उन्होंने छत नहीं लगवाई परिणाम यह निकला कि आज तक हम कष्ट झेल रहे हैं और कष्ट भी इस बात का कि हमने उनका हित किया। एक जमीन खरीदने में जहां दो पड़ोसियों हित किया तो बदले में परिणाम हम आज तक भुगत रहे हैं। ऐसे में हित बहुत बुरी चीज है किंतु हित करना जरूरी हो जाता है। सभी इंसान एक जैसे नहीं होते, कुछ अच्छी किस्म के लोग मिले जाते हैं।



एचडीएफसी बैंक द्वारा आ










योजित रक्तदान शिविर में 42 लोगों ने किया रक्तदान
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कनीना की आवाज।
शनिवार को एचडीएफसी बैंक कनीना अनाज मंडी में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ अशोक कुमार डिप्टी मैनेजर द्वारा किया गया। रक्तदान शिविर में 42 लोगों ने रक्तदान किया। अशोक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि एचडीएफसी बैंक द्वारा आयोजित एक परिवर्तन मुहिम द्वारा नवंबर दिसंबर महीने में रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि रक्तदान शिविर के साथ-साथ बैंक द्वारा पौधारोपण महिम चलकर भी जागरूक किया जाता है। उन्होंने बताया कि एचडीएफसी बैंक वर्तमान में शहर के साथ गांव की आबादी में भी पौधारोपण मुहिम चलाता है। इस दौरान उमेद सिंह जाखड़ पटवारी, ब्रांच मैनेजर विक्रम सिंह,  बैकअप ब्रांच मैनेजर प्रीतम कनीनवाल,  मोहित शर्मा,  डॉ आशीष जांगड़ा, सतीश गुप्ता,  सहित अन्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 02: कनीना में रक्तदान करते हुए।





एक दिवसीय शैक्षिक टूर संपन्न
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कनीना की आवाज।
आरकेवाई स्कूल में बच्चों को एक दिवसीय शैक्षिक भ्रमण  पर ले जाया गया। बच्चे शैक्षिक भ्रमण के दौरान काफी उत्साहित नजर आए। बच्चों ने अनेक गतिविधियों में भाग लेकर आनंद उठाया। बच्चों ने ग्रामीण संस्कृति के बारे में ज्ञान अर्जित किया और अनेक शैक्षिक गतिविधियों में भाग भी लिया। बच्चों ने तरह-तरह के व्यंजन खाए। छात्र-छात्राओं ने अनेक प्रकार के खेल-खेले और मनमोहक नजारों  का लुत्फ उठाया। बच्चों के साथ-साथ अध्यापकों ने भी खूब मनोरंजन किया और हर  प्रकार की  गतिविधियों  में हिस्सा लिया । संचालक  सुरेश कुमार , डिप्टी डायरेक्टर अतरसिंह और   प्राचार्या सतेन्द्रा यादव ने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ ऐसे शैक्षिक भ्रमण बच्चों  के सार्वभौमिक विकास के लिए जरूरी होते हैं। बच्चे एक- दूसरे  और अध्यापकों के साथ मिलनसार होते हैं और उनमें सहयोग की भावना आती है।
फोटो कैप्शन 03: टूर का आनंद लेते आरकेवाई के बच्चे





राष्ट्रीय मिर्गी दिवस-17 नवंबर
 मिर्गी का दौरा आने पर मरीज को खाने पीने की वस्तुएं न दे-डा. अंकित शर्मा
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कनीना की आवाज।
 17 नवंबर को पूरे ही देश में मिर्गी दिवस मनाया जा रहा है। विश्व की 8 से 10 प्रतिशत लोगों को अपने जीवन काल में एक बार इसका दौरा पडऩे की संभावना रहती है। एक बार दौरे आने का मतलब यह नहीं होता कि बच्चे में मिर्गीं है। ऐसे लोग भी होते जिनके पूरे जीवन काल में सिर्फ एक दौरा या एक से अधिक दौरे पड़ते हैं। कई बार द्वारा अलग-अलग परिस्थितियों में भी दौरे आ सकते हैं।
 मिर्गी को एपिलेप्सी नाम से जाना जाता है। यह क्रानिक न्यूरोलाजिकल हालत है। लगभग विश्व के 5 करोड़ से अधिक लोग इससे परेशान हैं। यह एक दिमाग की बीमारी है जिसके कारण व्यक्ति को बार-बार मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। मिर्गी में पडऩे पर माता-पिता को परेशान कर देते हैं। किशोरावस्था आते आते इनकी संख्या बढ़ जाती है। यदि सही तरीके से इलाज नहीं किया जाए तो आने वाले समय में समस्या बन सकती है। इस संबंध में डा. अंकित शर्मा कनीना उप नागरकि अस्पताल से बात हुई।  उन्होंने बताया कि यह चौथी आम न्यूरोलाजिकल बीमारी है। जब दौरे पड़ते हैं तो सोचने समझने की शक्ति खो देते हैं, यह बच्चों की उम्र पर भी निर्भर करता है। इसे दवा के माध्यम से आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। मिर्गी में कई बार व्यक्ति गिर सकता है, झटके आने लगते हैं, मुंह में झाग भी आ जाते हैं।
मिर्गी रोग में बच्चा एक ही जगह देखता रहता है, मांसपेशियों में दर्द, बेहोशी, बोलने की परेशानी, शरीर में सनसनाहट ,वस्तु की पहचान करना मुश्किल, डिप्रेशन, सांस लेने में समस्या, ऐसी गंध महसूस होना जो वास्तविक जीवन में नहीं है, समझने में परेशानी,त्वचा के रंगों में बदलाव आदि हो सकते हैं। मिर्गी के दौरे आने के पीछे बच्चों के सिर पर चोट लगना, संक्रमण, मस्तिष्क के आकार में बदलाव, ब्रेन ट्यूमर होना, मस्तिष्क संबंधित समस्याएं, स्ट्रोक, आटिज्म, जन्म से पहले की चोट, अनुवंशिकी कारण आदि हो सकते हैं। मिर्गी के दो मुख्य प्रकार होते हैं। मिर्गी के इलाज के लिए एंटी एप्लिटिक दवाई, वेगस तंत्रिका उत्तेजना, जीवन शैली में परिवर्तन, सर्जरी, मिर्गी की दवाई प्रमुख हैं। जब मिर्गी का दौरा पड़े तो बच्चे को फर्श पर लेट दे, सिर के नीचे आराम के लिए तकिया रख दे, यदि बदन पर टाइट कमीज है तो ढीला कर दे, मुंह में में कुछ भी नहीं डाले, ठीक होने तक उसके साथ रहे, डाक्टर से संपर्क बनाए रखें।
  डा. शर्मा ने बताया कि लोगों में एक भ्रांति है कि यह रोग देवी का प्रकोप है, ऐसा कुछ भी नहीं है। अकसर दिमाग की खून की नशे ओवर रियक्ट करने पर इस रोग के लक्षण नजर आने लगते हैं। परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे मरीज के दौरा पडऩे पर मुंह में पानी आदि डालते हैं जो गलत है। हो सके तो मरीज को इन परिस्थितियों में बाई करवट लिटा दे तथा तुरंत एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचाये। कनीना के अस्पताल में भी इस रोग से संबंधित दवाएं उपलब्ध हैं।
फोटो कैप्शन डा. अंकित शर्मा







मंगौरी सेवा समिति ने बांटे गर्म वस्त्र
--झुग्गी झोपडिय़ों के बच्चों का रखा ख्याल
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कनीना की आवाज।
सर्दी के मौसम को ध्यान में रखते हुए समाजसेवी संगठन मन्गौरी देवी माता मंदिर सेवा समिति द्वारा कनीना मे झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले महिलाओं, पुरुषों एवं बच्चों को ठंड से बचाव के लिए गर्म वस्त्रों का वितरण किया गया। इस अवसर पर मंगौरी सेवा समिति से समाजसेवी संदीप कुमार व सुन्दर साल्हावास ने कहा कि गरीबों की सेवा मानवता की सच्ची सेवा है। उन्होंने कहा कि गरीब असहाय की मदद करने से बड़ा कोई पुण्य कार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति से जितना हो सके गरीब जन की मदद करनी चाहिए। समिति कोषाध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने बताया कि मंगौरी सेवा समिति सामाजिक संगठन द्वारा समय-समय पर गरीब बेसहारा लोगों के बीच पहुंचकर सर्दी से बचाव हेतु गर्म कपड़ों का वितरण कार्यक्रम किया जा जाता है। जैसे ही समिति के सदस्य झुग्गी झोंपड़ी में गर्म वस्त्र बांटना शुरू किया वैसे ही छोटे बच्चों के हाथ में जब गर्म केप, कपड़े और स्वेटर पहुंचे तो वे काफी खुश हुए। बच्चों के साथ ही वहां पर उपस्थित महिलाओं और पुरुषों को भी गर्म वस्त्र वितरित किए गए हैं। मंगौरी सेवा समिति के द्वारा समय समय पर समाज सेवा से संबंधित कई कार्य किए जाते हैं।
फोटो कैप्शन 01: गर्म वस्त्र वितरित करते हुए मंगौरी सेवा समिति पदाधिकारी।





मनोरोगों से संबंधित मुफ्त चिकित्सा शिविर 17 को
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कनीना की आवाज।
कनीना के फुटबाल खेल के मैदान के सामने मनोरोग विशेषज्ञ डाक्टर विनय सैनी द्वारा 17 नवंबर मुफ्त चिकित्सा शिविर आयोजित किया जाएगा। विस्तृत जानकारी देते डाक्टर इंद्रजीत ने बताया इस शिविर में मनोरोगों से संबंधित जानकारी एवं सलाह मुफ्त दी जाएगी।







कनीना की प्रथम महिला पत्रकार को दी जाएगी श्रद्धांजलि
-किया जाएगा पौधारोपण एवं हवन
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कनीना की आवाज।
 कनीना कस्बा की प्रथम महिला पत्रकार सुमन यादव की 14वीं पुण्य पर 17 नवंबर को उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस अवसर पर सुमन यादव के आवास पर हवन आयोजित होगा वहीं विभिन्न जन उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे। उनके नाम पर चले आ रहे श्रीमती सुमन यादव चेरिटेबल ट्रस्ट के नये कमरे का उद्घाटन भी किया जाएगा। वे राष्ट्रीय समाचार पत्र की लंबे समय तक पत्रकार रही थी। पौधारोपण करके गौशाला में दान किया जाएगा।
 उनके जीवन व चरित्र को उजागर करने वाली कनीना के लेखक डा. एचएस यादव की कृति  कष्टों की देवी का दूसरा संस्करण एवं आइएसबीएन संस्करण भी आ चुका है। जिसमें सुमन यादव का संक्षिप्त जीवन का चरित्र-चित्रण किया गया है। 2010 को वे स्वर्ग सिधार गई। उनकी पुण्यतिथि पर वृक्षारोपण किया जाएगा। जहां उनके निवास मोदीका मोहल्ला में उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाएंगे। अपनी शादी के महज आठ वर्षों के बाद ही गहरा घाव देते हुए एक छोटे से पुत्र अमीश को छोड़कर सदा के लिए आंखों से ओझल हो गई। उनकी दो पुस्तकें मानव बाडी कविताएं तथा आस्था प्रकाशित हो चुकी हैं जिसमें उन्होंने सहायक लेखिका बतौर काम किया है। उनकी विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में लेख एवं कहानियां प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी कहानी दरिंदा अति प्रसिद्ध हुई। हरियाणा सरकार ने उनकी कहानी पर प्रदेश स्तरीय द्वितीय पुरस्कार भी दिया था। उनके उदात चरित्र एवं गुणों को एक पुस्तक कष्टों की देवी में विस्तृत प्रकाशन किया गया है।
अलवर में दो अक्टूबर 1979 में पैदा हुई सुमन यादव की शादी कनीना के लेखक होशियार सिंह से हुई थी। अपनी शादी के महज आठ वर्षों के बाद ही गहरा घाव देते हुए एक छोटे से पुत्र अमीश को छोड़कर सदा के लिए आंखों से ओझल हो गई। उनकी दो पुस्तकें मानव बाडी कविताएं तथा  आस्था प्रकाशित हो चुकी हैं जिसमें उन्होंने सहायक लेखिका बतौर काम किया है। उनकी विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में लेख एवं कहानियां प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी कहानी दरिंदा अति प्रसिद्ध हुई। हरियाणा सरकार ने उनकी कहानी पर प्रदेश स्तरीय द्वितीय पुरस्कार भी दिया था। उनके उदात चरित्र एवं गुणों को एक पुस्तक  कष्टों की देवी में विस्तृत प्रकाशन किया गया है। बीमार होते हुए भी कभी उन्होंने अपने काम को विराम नहीं दिया। एक ओर जहां गृहस्थ आश्रम वहीं दूसरी ओर पत्रकारिता एवं लेखन कार्य को बखूबी से निभाया। उन्होंने अपने पत्रकारिता के दौरान आम आदमी एवं किसान आदि की समस्याओं को अधिक उठाया।
  कनीना पत्रकार परिषद की सदस्य सुमन यादव अपने जीवन के अंतिम समय में पीएचडी कर रही थी। एमए. इतिहास के अलावा पीजीडीसीए धारक सुमन यादव स्वभाव से अति मृदु एवं अति हिम्मत वाली साहसी स्त्री थी। उनकी हिम्मत की दाद उस वक्त देखने को मिली जब वे वर्ष 2008 में गंभीर रोग से पीडि़त हो गई। जिसकी परवाह न करते हुए भी उन्होंने अपना दैनिक कार्य विशेषकर समाचार संकलन एवं प्रेषण का काम नहीं छोड़ा। जब उन्होंने जग को छोड़ा उन्होंने अपने अंतिम समय के तीन वर्षों में घोर कष्ट सहन किए। अपने छोटे पुत्र अमीश को भी घोर संकटों में डालकर समाचार संकलन में लगी रहती थी।
कभी बचपन में कोई दवा नहीं लेने वाली कष्टों की देवी ने तीन वर्षों में छह बार आपरेशन करवाना पड़ा और भारी मात्रा में दवाएं खानी पड़ी किंतु उनकी जिंदगी फिर भी नहीं बच पाई। ट्रस्ट द्वारा उनके नाम पर एक लाइब्रेरी खोली जाएगी।
   उनके चरित्र एवं गुणों पर आधारित कनीना के साहित्यकार डा. होशियार सिंह की पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है। इस पुस्तक कष्टों की देवी में उनके बचपन से लेकर अंतिम समय तक विभिन्न कष्टों के बारे में विस्तार से वर्णित किया गया है। उनके साहस का अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि घर गृहस्थी के काम के अलावा समय निकालकर लेखन कार्य में जुट जाना और वो भी उस वक्त जब भयंकर रोग ने उन्हें घेर रखा हो। कनीना कस्बा की पहली महिला पत्रकार को विभिन्न संस्थाओं ने उन्हें समय-समय पर सम्मानित भी किया था। उनके साहित्य को अभी प्रकाशित किया जाना बाकी है। लोग विशेषकर महिलाएं उनको आज तक नहीं भूला पाए हैं। वे सभी से शालीनता से बातें करती थी और सभी का मन जीत लेती थी। आज उनकी बस यादें शेष हैं।
फोटो कैप्शन: स्व.सुमन यादव पत्रकार









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