विक्रम सिंह को सर्वसम्मति से बनाया प्रधान
-दौंगड़ा अहीर बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समिति के चुनाव संपन्न
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कनीना की आवाज। दी दौंगड़ा बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समिति लिमिटेड के कार्यालय में कमेटी सदस्यों की बैठक मैनपाल निरीक्षक सहकारी समितियां, कनीना की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस मौके पर विभिन्न पदाधिकारी मौजूद रहे। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि प्रधान और उप प्रधान का चुनाव करवाया जाए। ऐसे में हाजिर कमेटी के सदस्यों ने समर्थन करते हुए विक्रम सिंह गांव बेरी को समिति का प्रधान चुन लिया गया। इसके अतिरिक्त उप प्रधान पद के लिए लालाराम ने खेतराम का नाम प्रपोज किया जिसके चलते सभी कमेटी सदस्य ने उनका समर्थन किया। ऐसे में खेतराम को समिति का उप-प्रधान चुन लिया गया। इस बैठक में विक्रम सिंह, खेतराम ,लालाराम, विनोद कुमार, करिश्मा, राजेंद्र सिंह ,सुमन देवी, सुरेंद्र सिंह होशियार सिंह, विकास आदि उपस्थित रहे।
टमाटर कुछ सस्ता हुआ तो प्याज के भाव पहुंचे 80 रुपये किलो
-लहसुन तो 300 रुपये पार
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में प्याज के भाव जहां दो माह से 80 से 100 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं। जिसके पीछे कम बीजाई होना, किसानों की प्याज खत्म होना और व्यापारियों द्वारा स्टोर किया जाना जैसे कई अहं कारण माने जा रहे हैं। लहसुन तो 300 के पार जा चुका है वहीं टमाटर कुछ सस्ता हुआ है। जहां टमाटर के भाव एक सौ तक पहुंच चुके हैं वहीं अब 40 से 50 रुपये किलो बिक रहा है। विवाह शादियों में तीनों ही चीजों की मांग बढ़ी है। 15 दिसंबर तक जमकर विवाह शादियां हैं।
प्याज विक्र्रेता दिनेश, सुरेंद्र ,योगेश, रोहित आदि ने बताया कि उन्होंने अब थोक में महंगे दामों पर 50-60 रुपये किलो के भाव से मिल रही है जिसके चलते खुरदरा मूल्य पर अधिक दामों पर बेचने को मजबूर हैं। दुकानदार प्याज महेंद्रगढ़ , रेवाड़ी एवं दिल्ली सब्जी मंडी से मंगवाते हैं या फिर खरीदते हैं। क्षेत्र के किसानों की प्याज खत्म हो गई है जिसके चलते यह महंगे दामों पर उन्हें थोक में मिल रही है।
प्याज महंगी होने के कारणों पर प्याज पैदावार करने वाले मोड़ी के किसान अजय, कांता और गजराज सिंह ने बताया कि इस बार उन्होंने प्याज नहीं उगाई। जितनी भी प्याज थी उनमें से अधिकांश का स्टाक कर लिया है जिसके चलते वे महंगे दामों पर बेच रहे हैं।
किसान अजय कुमार मोड़ी का कहना है कि बिजाई कम होना एक कारण प्याज महंगी होना है। क्षेत्र में प्याज कम उगाई जाती है। कभी-कभी प्याज के दाम इतने गिर जाते किसान दोबारा प्याज उगाने का नाम नहीं लेते। यही कारण है कि अब प्याज महंगी हो गई है। अब दिसंबर में पु:: नई प्याज बाजार में आ जाएगी तब भाव फिर गिर जाएंगे।
करीरा के अग्रणी किसान महावीर सिंह ने बताया कि प्याज महंगी होने के पीछे कारण किसानों का स्टाक खत्म होना है। अब अधिकांश प्याज व्यापारियों के हाथों में जा चुकी है। उनका कहना है कि आगामी चंद दिनों में सीकर की प्याज आनी शुरू हो जाएगी। तब प्याज के भाव गिर जाएंगे तब तक प्याज के भाव महंगे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई को देखते हुए सीकर, राजस्थान के लोग अब जल्दी उत्पादन लेंगे और बाजार में जल्दी प्याज आने से भाव गिर सकते हैं। क्षेत्र के किसान प्याज उगाते हैं परंतु मांग अधिक होने के कारण प्याज के भाव बढ़ते जा रहे हैं।
लहसुन के भाव तो आसमान छू रहे हैं। यह सत्य है कि सब्जी में कम मात्रा में लहसुन डाली जाती है किंतु भाव 300 से 350 रुपये चल रहे हैं। मोटी कली की लहसुन बाजार में आई हुई हैं जिनको लेकर कोई चीन की तो कोई अफगानिस्तान की बता रहा है। गरीबों के लिए दाल रोटी नसीब होती है किंतु अब गरीब तबके के लोग दाल नहीं खा सकते क्योंकि दाल में प्रमुख रूप से टमाटर एवं प्याज, लहसुन डाली जाती है दोनों ही महंगे दामों पर बिक रहे है। प्याज भी अब टमाटर की राह पर चल पड़ी है। भाव में वृद्धि के चलते गरीब तबके के लोग दाल नहीं बना पाते हैं। उधर प्याज उगाने वाले निरंजन कुमार, महावीर सिंह गजराज सिंह आदि ने बताया कि प्याज का स्टाक लंबे समय तक नहीं चलता। जहां पहले टमाटर चर्चा में रहा है अब प्याज एवं लहसुन चर्चा में रहने लगे हैं।
फोटो कैप्शन 03: प्याज जिसने रुला दिया है
दूसरे दिन भी छाया रहा कोहरा,दोपहर बाद हुए सूर्य के दर्शन
-ठंड बढ़ी,वाहन चले मंथर गति से
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में दूसरे दिन भी सुबह कोहरा छाया रहा। दोपहर बाद तक कोहरा छाने के बाद सूर्यदेव के दर्शन हुए। जहां तापमान कम रहा। कम से कम 11 डिग्री सेंटीग्रेड पहुंच गया जो रविवार के मुकाबले दो डिग्री कम रहा। ठंड के चलते हीटर, गर्मवस्त्र तथा चाय की मांग बढ़ गई है। कनीना क्षेत्र में जहां कोहरे के चलते हैं आवागमन धीमी गति से चलता रहा, वाहन मंथर गति से चलाए गए। जहां इस समय सरसों और गेहूं की फसल उगाई हुई है। फसलों को लाभ होने का अंदेशा बन गया है क्योंकि सरसों की फसल के लिए ठंड की जरूरत होती है। किसान खुश नजर आए वही कृषि वैज्ञानिक भी ठंड का पडऩा बहुत जरूरी बता रहे हैं। कुछ देर सूर्यदेव के दर्शन के बाद शाम होते ही फिर से कोहरा छा गया।
फोटो कैप्शन 02: कनीना क्षेत्र में हल्के कोहरे का नजारा।
अन्तर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस-19 नवंबर
पुरुष परिवार का उत्तम स्तंभ इसके बिना सब कुछ अधूरा
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कनीना की आवाज। समाज के विकास के लिए जहां समाज में महिला और पुरुष दोनों की जरूरत होती है। इस संसार में भले ही महिला के सशक्तिकरण की दिशा में काम किया जा रही हो लेकिन पुरुषों की भलाई और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता, पुरुषों के मानसिक विकास, उसके कार्यात्मकता की सराहना करनने, लैंगिक समानता के उद्देश्य से प्रतिवर्ष दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है। पुरुष परिवार का यहां तक की समाज और राष्ट्र का ऐसा स्तंभ है जिसके बिना समाज अधूरा है। लड़कों और पुरुषों को संघ, समाज, सुंदर राष्ट्र, बच्चों की देखभाल में उनके योगदान को सम्मानित किया जाता है। 19 नवंबर 2007 से अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है। इस संबंध में कुछ पुरुषों से बात की गई जिनके विचार निम्र हैं--
**अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के पीछे पुरुषों का मानसिक स्वास्थ्य, पुरुषों के सकारात्मक गुणों की सराहना करना, समाज में मौजूद पुरुष रोल मॉडल को मुख्य धारा में मिलाना, जिनेंद्र इक्विटी आदि ध्यान में केंद्रित करके सकारात्मक योगदान पर ध्यान केंद्रित करना ही इसका उद्देश्य है। यह पुरुषों के उस दबाव को कम करने का दिन है जो समाज द्वारा उन पर लगातार डाला जा रहा है। समाज उनसे अपेक्षा करता है कि सिर्फ प्रोवाइड हो, मजबूत हो, मदद न मांगे।
---बजरंगीलाल, समाजसेवी
19 नवंबर का दिन पुरुष तो सकारात्मक रूप परिभाषित करने का है। पुरुष जिन शारीरिक सामाजिक परेशानी से जूझ रहे हैं उन पर प्रकाश डालने के लिए हर साल पुरुष दिवस मनाया जाता है।
2007 में भारत में 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुरुआत हुई। इसका अलग-अलग थीम होता है, मनाने के भी अनेक तरीके होते हैं पुरुष और लड़कों से संबंधित मुद्दों पर बात की जाती है। समस्याओं पर चर्चा की जाती है, जागरूकता पैदा की जाती है। उनका पसंदीदा खाना बनाकर उन्हें कोई हैंडमेड गिफ्ट देकर, कोई खूबसूरत कार्ड देकर अच्छा महसूस करवाया जाता है।
----बिरेंद्र समाजसेवी
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस को खास दिन पर अपने जीवन के हीरो के महत्व को जाने, अपने जीवन में उसके योगदान की सराहना करें। आप अपने पिता से अपने भाई या अपने पार्टनर से उनके लाइफ के संघर्ष के बारे में बात करें, जानने की कोशिश करके उनकी मदद कैसे कर सकते हैं? पुरुषअपनी समस्या शेयर कर सकते हैं। ऐसे में उनकी समस्याएं जानने का प्रयास करना चाहिए।
----गोवर्धन समाजसेवी
हर इंसान की संसार में आवश्यकता और समस्याएं होती है जो वक्त पडऩे पर अपनी समस्याएं शेयर कर सकते हैं। ऐसे में पुरुषों से चर्चा करके उनकी समस्याएं जरूर शेयर करनी चाहिए जितना हो सके पुरुष की समस्याओं को समाधान करने का प्रयास करना चाहिए। तभी पुरुष दिवस सार्थक बन पाएगा। वरना पुरुष एक गुमनाम अंधेरे में परेशानियों को जूझते हुए टूट कर रह जाएगा।
---सुधीर, समाजसेवी
फोटो कैप्शन: बजरंगी,सुधीर, बिरेंद्र,गोवर्धन
हैरिटेज विद्यालय में चार्ट प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
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कनीना की आवाज। हैरिटेज विद्यालय में चार्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें कक्षा तीसरी से आठवीं कक्षा के बच्चों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और इसमें सभी बच्चों ने अपनी योग्यता और कलाकृति को निहारा। बच्चों की कला को देखकर विद्यालय के निर्देशक महोदय ने प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को उचित इनाम देकर सम्मानित किया । और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए बच्चों को आशीर्वाद दिया और आगे भी इसी तरह निरंतर मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया।
फोटो कैप्शन 01: अव्वल रहे विद्यार्थी।
ककराला में लाखों रुपये की घर से हुई चोरी
-चार रंग पेंट करने वालों पर मामला दर्ज
---करीब 20 लाख रुपये के आभूषण ले उड़े चोर
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव ककराला निवासी बीएसएफ में कार्यरत मोनू यादव के घर से लाखों रुपये के जेवरात चोरी हो गये। इस मामले में चार पेंट करने वाले लोगों पर मामला दर्ज करवाया गया है। घर में चोरी के समय मोनू यादव की मां थी। इसके अतिरिक्त पेंट करने वालों के अलावा कोई नहीं था। पुलिस में दी शिकायत में मोनू यादव ने कहा है कि वह बीएसएफ में कार्यरत है और 22 दिन की अर्जित अवकाश पर 4 नवंबर को ककराला अपने घर आया था। इसके बाद 7 नवंबर से 16 दिसंबर तक विदेश घूमने के लिए अपनी पत्नी के साथ मलेशिया एवं फिलिपींस आदि में गए थे। उस समय घर में पेंट का काम चल रहा था। लूखी निवासी चार पेंटर 28 अक्टूबर से 15 नवंबर तक घर पर काम कर रहे थे। जिस कमरे में चोरी हुई वह एकमात्र कमरा घर के ऊपर बना हुआ है। 7 नवंबर को पेंटर हंसराज, पेंटर कपिल लूखी निवासी ने ऊपर वाले कमरे का सारा सामान घर के मालिक के साथ मिलकर अंदर रखवाया था। तत्पश्चात घर का मालिक और उसकी पत्नी घर से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। पेंटरों को मालूम था कि घर के मालिक 16 नवंबर को वापस आएंगे। मोनू यादव के अनुसार उसकी पत्नी ने सोने व चांदी का सारा सामान दराज में डाल दिया, लाक लगाकर चाबी एक बैग में रखकर दूसरी अलमारी में कपड़ों में छुपा दी थी। जब 17 नवंबर को शाम के वक्त का घर आए तो दराज में चाबी लगी हुई थी। दराज का सारा सामान गायब था, तत्पश्चात मोनू यादव ने चारों पेंटरों को घर ककराला बुलाकर बातचीत की। उन्होंने 18 नवंबर को नवंबर तक पुलिस रिपोर्ट न करने की बात कही थी। परंतु मोनू यादव ने मामला दर्ज करवा दिया है। मोनू यादव के अनुसार सोने का एक रानी हार, एक मटर माला, तीन सोने की चेन, दो गले की कंठी, एक जोड़ी कड़े, 04 अंगूठी तीन जोड़ी झुमकी, एक रूबी हार, एक जोड़ी टापर्स, एक जोड़ी कान के बाला, एक सोने का चांद पतड़ी के अतिरिक्त चांदी की पांच जोड़ी पायल, एक जोड़ी चांदी की पातड़ी,दो चांदी की अंगूठी, दो जोड़ी नजरिया कड़ा, एक चांदी इंडी, दो जोड़ी चुटकी सभी कीमती सामान एक सफेद एवं काले रंग के बैग में डालकर रखे हुए थे, जो चोरी हो गए। यह सारा सामान ऊपर वाले कमरे में रखा था। उनके अनुसार कीमती सामान के अलावा आर्टिफिशियल जेवर भी चोरी हो गए। सोने का सामान एक लाल रंग के पर्स में था जिस पर बंगाली भाषा लिखा हुआ था और चांदी का सामान हल्के गुलाबी रंग के बैग में था। अनु यादव के अनुसार उन चारों पेंटर को सारा कुछ मालूम था। घर में पीडि़त की मां थी जिसका फायदा उठाकर सभी ने चोरी कर ली। मोनू यादव ने सभी पर शक जाहिर किया है जिसके चलते कनीना पुलिस ने मोनू यादव के बयान पर ठेकेदार पेंटर हंसराज, पेंटर कपिल ,पेंट ऋतिक, पेंटर विपिन के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
अहीरवाटी/आभीरी को दिया जाए हरियाणवीं भाषा का दर्जा
--क्षेत्रवासियों की है मांग
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कनीना की आवाज। अहीरवाटी/आभीरी को दिया जाए हरियाणवीं भाषा का दर्जा। यह मांग समशेर कोसलिया ,हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा कवि दयाचंद मायना सम्मान से सम्मानित ने यहां की है। उनका कहना है कि एक लोक कहावत प्रचलित है -कोस -कोस पै बदलै पानी, च्यार कोस पै बदलै बाणी। भूमिगत जल हरेक कोस पर बदल जाता है उसी प्रकार प्रत्येक चार कोस पर वानी/बोली बदल जाती है। इस तरह से यदि देखा जाए तो अपने देश भारत में अनेकानेक भाषाएं हैं और उनकी अनेकों उप बोलियां/उप भाषाएं प्रचलित हैं। दर्जनों भाषाओं को तो भारत की भाषाओं का सरकार ने दर्जा दे रखा है फिर भी बहुत सी भाषाएं हैं जिनको भाषा का दर्जा देना अति आवश्यक है। अहीरवाटी/आभीरी भाषा एक ऐसी भाषा है जो कि हिन्दी की उप भाषा में नहीं आती है ये मेरे निजी विचार न होकर भारत के विख्यात भाषा विज्ञानियों के विचार हैं भाषा विज्ञानियों ने एक स्वर में माना है कि अहीरवाटी/आभीरी भाषा संस्कृत की बेटी और हिंदी की महतारी है अर्थात संस्कृत व हिंदी के बीच की भाषा है। हरियाणा में अब अहीरवाटी,बांगरू, मेवाती,बृजी, बागड़ी,कोरवी,अम्बालवी,पारवी, पंजाबी सहित कई बोलियां प्रचलन में हैं। बांगरू बोली ही एक ऐसी बोली है जिसका मेल न तो अहीरवाटी,पारवी, पंजाबी, बागड़ी, कोरवी, अम्बालवी से खाता है। कहने का तात्पर्य यह है कि इस बोली का थोड़ा बहुत तालमेल अपने आसपास की बोलियों से तो हो लेकिन नहीं है। यह बोली अन्य बोलियों से भिन्न है।
उनके अनुसार अहीरवाटी/आभीरी बोली को तो हरियाणा के बांगरू बोली वाले कहे जाने वाले विद्वान जन राजस्थानी बोली के साथ जोड़ देते हैं जबकि राजस्थानी बोली के साथ जोडऩा सरासर गलत है क्योंकि अहीरवाटी बोली अहीरवाल क्षेत्र की बोली है और प्राचीन काल वाला अहीरवाल आज इस समय हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और थोड़ा सा हिस्सा उत्तर प्रदेश में बंटा हुआ है इसलिए अहीरवाटी को राजस्थानी बोली के साथ जोडऩा अनुचित है। हरियाणा के चंद विद्वान जन हरियाणवीं को भाषा का दर्जा दिलवाने के नाम पर बांगरू बोली को हरियाणवीं भाषा के नाम पर थोपना चाहते हैं। इससे तो हरियाणा की अन्य बोलियों के साथ घोर अन्याय होगा। उनका कहना है कि हमें हमारी बोली पर अन्याय कतई बर्दाश्त नहीं है। प्राचीन काल से चली आ रही अहीरवाटी/आभीरी को हरियाणवीं भाषा का दर्जा दिया जाना चाहिए क्योंकि हरियाणा नाम तो अहीरवाल का बिगड़ा हुआ अहीराणा फिर हरयाणा फिर हरियाणा शब्द बना है। अहीरवाटी/आभीरी बोली में जो मीठास एवं दम है वह बांगरू में एक प्रतिशत भी नहीं है। भारत सरकार से मांग है कि अहीरवाटी/आभीरी को हरियाणवीं भाषा का दर्जा अविलंब दे देना चाहिए।
दुश्मन के भी समाचार करवाये हैं प्रकाशित
-अपना समाचार मैं नहीं लिख सकता
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कनीना की आवाज। पत्रकारिता करीब 34 सालों से कर रहा हूं और पत्रकारिता दौरान बहुत खट्टे- मीठे ,कड़वे नमकीन अनुभव लिए हैं। अक्सर एक ही बात मिलने वाले लोग कहते हैं कि पत्रकारों की मौज है? उनका कहना है कि पत्रकारों को त्योहारों पर भारी गिफ्ट मिलते हैं? पत्रकार अपनी बहुत बेहतर खबर लिख लेते हैं? पत्रकारों की पुलिस में अच्छी चलती है? पत्रकारों के बच्चे नौकरी में लग जाते हैं? पत्रकार खूब मौज मस्ती करते हैं? पत्रकार लोगों लोगों को लूटते हैं? पत्रकार जो चाहे वह कर सकते हैं? ऐसी अनेक ऊल जलूल बातें सामने आती हैं। सुन-सुन कर बहुत परेशानी झेलते हुए आखिरकार आज इस विषय पर लिखना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय कि मेरी लंबे समय की पत्रकारिता में कोई यह नहीं कह सकता कि इन्होंने मेरी खबर नहीं छापी? खबर छापने का काम हमारे हाथ नहीं है, खबर भेजने का काम हमारे हाथ होता है। खबर छापना उस समाचार पत्र के संपादक आदि पर निर्भर करता है। यहां एक विशेष बात ध्यान देने योग्य है कि पत्रकार विशेष कर मैं अपनी खबर कभी अपने अखबार में नहीं छपा सकता। ऊपर से प्रतिबंध है और हिदायत दी जाती है कि अपने परिवार और अपने समाचार नहीं भेजना, वरना तुम्हें पत्रकारिता से हटा दिया जाएगा। यहां तक कि न तो कोई पारिश्रमिक मिलता है और न हम अपने समाचार लिख सकते हैं। रही लोगों के कथन की बात कि मौज मस्ती करते हैं तो यह पत्रकारिता करके जरा उन्हें देखना चाहिए कि कितनी मौज मस्ती मिलती है? मुझे याद है कि मेरे एक साथी ने कहा कि आप कावड़ लाते हो, रास्ते में तुम्हारी मौज होती है और तुम आराम से अच्छा खाना खाते हुए आते हो। सौभाग्य अगले वर्ष उसे भी हमारे साथ कावड़ लाने का मौका मिला। आधी दूर तक पैदल चलकर उन्होंने कहा कि कावड़ लाने वाले तो बहुत दुखी होते हैं? हम उसे बार-बार यह कहा कि लो बेहतर खाना खाओ और उन्होंने दर्द भरे स्वर में कहा-मेरे पैरों में दर्द है, चला नहीं जाता उस पर तुम खाने की बात कह रहे हो? तब हमने उसे याद दिलाया कि तुम बहुत हमारा मजाक करते थे कि रास्ते में आनंद लेते हो, अब पता लग गया होगा कितने आनंद आते हैं। इसी प्रकार मेरा उन साथियों से निवेदन है जो यह कहते हैं कि पत्रकार मौज उड़ाते हैं। एक बार जरा पत्रकारिता करके जरूर देखें। रही बात पुलिस में चलने की अधिकारियों के पास चलने की, वह अपनी- अपनी पहुंच पर निर्भर करती है। किसी की अच्छी पहुंच हो सकती है तो किसी की कोई पहुंच नहीं होती। पुलिस, नेता आदि से मेरी कोई अच्छी पहुंच नहीं थी और नहीं होगी। यहां उल्लेखनीय हैं सभी पत्रकारों की कुल खबरों के मुकाबले मेरी आज तक कुल खबरें अधिक छपी होंगी। रही गिफ्ट की बात, कुछ लोगों का कहना है कि गिफ्ट मिलती है। अगर साल भर हम अपनी जेब से समाचार लिखने, संकलन करने, कठिनाई झेलते हुए समाचार प्रकाशित करते हैं तो उसके बदले यदि 50-100 रुपये की गिफ्ट दे जाए तो उससे किसी पत्रकार का गुजारा नहीं चल पाएगा। कुछ लोगों का कहना यह भी है कि अखबार में मनमर्जी चलती है। जो गलत है किसी की कोई मनमर्जी नहीं चलती अपितु संपादक मुख्य होता है। ना कोई अखबार में किसी का दोस्त है और ना कोई दुश्मन है। हां पत्रकारिता करने से दुश्मन हजारों पनप जाते हैं और मेरा तो बहुत लंबा अनुभव है। शायद किसी का मैंने जीवन में कुछ नहीं बिगड़ा परंतु मेरे दुश्मन इतने अधिक हुए कि रास्ते में जाते हुए हाथी पर सैकड़ों कुत्ते वाहू,वाहूु करते नजर आए। परंतु यह सत्य है कि भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं है। जिन्होंने यदि मेरे पर कोई लांछन लगाया भी तो उनका बहुत बुरा हुआ है या भविष्य में हो जाएगा यह अटल सत्य है।
मेरी सबसे बड़ी विशेषता है कि मैंने बेदाग छवि के रूप में अपनी पत्रकारिता की है। कोई व्यक्ति सामने आकर बताएं कि उसका एक रुपया लिया है तो मैं उसके बदले में एक हजार रुपये देने के लिए तैयार हूं। दुश्मन भी यह नहीं कह सकते कि हमारा समाचार नहीं प्रकाशित किया। यदि उन्होंने सही ढंग से समाचार मुझे प्रेषित किया है तो जरूर छापा है या छापने का प्रयास किया है। किसी कारण व समाचार न छप पाता तो उसमें पत्रकार दोषी नहीं है। प्रतिदिन यदि 20 समाचार भेजे हैं तो उसमें से आधे कट हो जाते हैं, आधे छप पाते हैं। ऐसे में पत्रकारों पर लांछन लगाना विशेष कर मेरे जैसे पत्रकार पर यदि कोई मन में पाप है तो वह अपने पाप को गंगाजल से धो ले। यदि फिर भी नहीं धुलता तो गंगा जी में डुबकी लगा ले और सदा सदा के लिए डुबकी लगा ले।
यह सत्य है कि मेरे जीवन में मुझ पर आज तक कोई कोर्ट केस नहीं हुआ है। आज तक किसी समाचार को लेकर किसी से कोई झगड़ा नहीं हुआ है। यह सबसे उत्तम बात है।
साइकिल मेरे पास है नहीं रखता मैं कोई कार।
प्रेम प्रीत मन में भरी, हर जन से है मुझको प्यार।।
न तोप से डर न तलवार से, इसलिये हूं पत्रकार।
निज सोच सुधार ले, वरना हर कदम हो तेरी हार।।
भगवतगीता प्रश्रोत्तरी के प्रश्रों को अभी हल करें।
-चेक करें अगर कहीं गलत भरा हो तो फिर से रात 12 बजे तक ठीक कर ले।
18 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं--
गीता प्रश्रोत्तरी के उत्तर भरें।
-अगर रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो अभी करें, फिर उत्तर भरे
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कनीना की आवाज। आज की प्रश्रोत्तरी के कंफर्म उत्तर निम्र हैं-
18 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं
1-a 2-b 3-d 4-a 5-a
1-a 2-b 3-d 4-a 5-a
अभी एक बार फिर से अवलोकन किया जाएगा। ऐसे में अपने उत्तर कितनी भी बार बदल सकते हैं। उत्तर स्वयं भी खोजे और गलत नजर आये तो अवगत कराये।
कैसे भरे उत्तर--
निम्र लिंक को क्लिक करें-
http://igmquiz.in/
फोन नंबर एवं पहले से मिला ओटीपी, पासवर्ड के रूप में भरे। यदि ओटीपी याद नहीं है तो फोरगेट पासवर्ड करें पुन: पासवर्ड/ओटीपी आएगा।
पांच प्रश्र एक एक करके खुलेंगे बारी-बारी से उत्तर भरे और फाइनल सब्मिट कर दे।
ध्यान रहे उत्तर रात 12 बजे तक कितनी ही बार बदल सकते हैं।
अगर अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो निम्र लिंक को क्लिक करें-
http://igmquiz.in/
नोट रजिस्टर्ड यट को दबाए
पांच खाने खुलेंगे उन्हें विद्यार्थी/पब्लिक गांव,नाम, फोन नंबर भरे मोटिवेटर अंतिम कालम होगा जिसमें केवल 9416348400 ही भरे जो मेरे हैं।
रजिस्टर करें। ओटीपी/पासवर्ड आएगा जिसे निर्धारित खाने में भरकर वेरिफाई कर दे। अब आप उत्तर देने के लिए तैयार हैं। उपरोक्त लिंक को क्लिक करे फोन नंबर व ओटीपी भरे। प्रश्रो के उत्तर भरे,फाइनल सब्मिट को जरूर दबाए।
मोटिवेटर में 9416348400 ही भरें ताकि आपको उत्तर मिल सकें। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 के अवसर पर आनलाइन गीता प्रश्नमाला - नगद पुरस्कार जीतने और प्रमाण-पत्र प्राप्त करने का सुनहरा अवसर*
17 नवंबर से 27 नवंबर
* रजिस्ट्रेशन के लिए लिंक
http://igmquiz.in/
Participants Category
A) Student
B) Public
Cash Prizes / Certificate:
1) हर रोज 500-500 रुपए के 40 ईनाम
क्च) क्विज के समापन पर लाखों रूपए के ईनाम
ष्ट) मोटिवेटर्स को भी आकर्षक ईनाम राशि
ष्ठ) किसी भी जिले, राज्य या देश के नागरिक, विद्यार्थी व उनके माता पिता कोई भी इसमें भाग ले सकते हैं।
विशेष
1. आपके Registration के समय जो OTP आएगा वो आपका पासवर्ड रहेगा तथा आपका फोन न. आपका लागिन आईडी रहेगा।
2. Registration करते समय Referral/Motivator Contact Number में Motivator 9416348400 मोबाइल नंबर भरें।
3. प्रतिदिन 5 वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाएँगे जिनका उत्तर आपको देना होगा ।
4. यह प्रतियोगिता भगवदद्गीता के प्रति रुचि उत्पन्न करने व जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। स्वयं भी भाग लें और अन्य को भी प्रेरित करें।
रजिस्ट्रेशन करते वक्त मोटिवेटर में 9416348400 ही भरे जो कनीना के डा. होशियार सिंह के हैं। विगत वर्षों की भांति वे प्रतिदिन प्रश्रों के उत्तर भी भेजेंगे
18 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं
1-a 2-b 3-d 4-a 5-a
1-a 2-b 3-d 4-a 5-a
रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो अभी कर ले। उत्तर आज रात 12 बजे तक भरें-- 18 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं
1-a 2-b 3-d 4-a 5-a
1-a 2-b 3-d 4-a 5-a
किसी प्रकार की रजिस्ट्रेशन में दिक्कत हो तो मेरे फोन नंबर 9306300700 या 9416348400 पर संपर्क करें
भगवतगीता प्रश्रोत्तरी में आये दो इनाम
--रामकुमार एवं डा. मुंशीराम को मिले 500-500 रुपये
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कनीना की आवाज।
मेरे द्वारा मोटिवेटिड दो लोगों के 17 नवंबर की प्रश्रोत्तरी में डा. मुंशीराम प्रवक्ता मोहनपुर तथा रामकुमार केयर आफ डा. अजीत शर्मा के 500-500 रुपये के इनाम आये हैं। आज के उत्तर निम्र हैं
1ए 2बी 3डी 4ए 5ए
अभी भी मौका है। अगर रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो तुरंत करें। अधिक जानकारी के लिए मेरे फोन नंबर 9416348400 या 9306300700 पर संपर्क करे। आज घोषित इनाम निम्र हैं--
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