मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार- 53
लंबे समय तक चला मुख्याध्यापक के साथ संघर्ष
-एक तरफ विज्ञान अध्यापक तो दूसरी ओर थे अधिकारी
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कनीना की आवाज। कनीना निवासी विश्व रिकार्ड धारक होशियार सिंह 30 अप्रैल 2024 को सेवानिवत्त हो चुके हैं। लंबे समय तक उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दिया। यूं तो वे सदा ही शर्मीले, सीधे सादे स्वभाव के रहे। जहां पढ़ते वक्त भी कालेज में प्राध्यापक ने यहां तक कहा था कि तुम बहुत शर्मीले हो। तुम लड़कियों से क्यों घबराते हो? परंतु जब इंसान के गहरी ठेस लगती है तो राख भी चिंगारी बन जाती है। वही हुआ धनौंदा के राजकीय उच्च विद्यालय में। घटना 1997-98 की है। उनका संघर्ष मुख्याध्यापक स्व. जगमाल सिंह से बहुत लंबे समय तक चला, जिसमें अनेक अधिकारी मुख्याध्यापक के साथ खड़े थे। यह लंबे संघर्ष की दास्तान होशियार सिंह से ही उनकी जुबानी सुनिये--
जब मेरी बदली झूक स्कूल से धनौंदा स्कूल में हुई। उस समय जगमाल सिंह सतनाली बास से एक मुख्याध्यापक धनौंदा के राजकीय उच्च विद्यालय में कार्यरत थ। स्कूल में कार्यभार ग्रहण करने पहुंचा तो उन्होंने पहले मुझे बुलाकर मेरे हावभाव को देखा और कहा कि- लगता है शरीफ इंसान है, इसको कार्यभार ग्रहण करवा देता हूं और उन्होंने स्वयं कार्यभार ग्रहण करवा दिया। लेकिन क्या पता था इन्हीं के साथ बहुत लंबा संघर्ष चलेगा। संघर्ष की शुरुआत उस वक्त हुई जब जगमाल सिंह मुख्याध्यापक स्कूल कैंपस के कमरे में रहता था और सभी सरकारी लाभ भी लेता था। उस समय किन-किन शिक्षकों एवं कर्मियों की बात करें ,कोई उसका खाना पकाता था, कोई उनके कपड़े धोता था, कोई शिक्षक लस्सी की बोतल लाता था, कोई उनके लिए दूध लाता था, कोई उनके कपड़ों की तारीफ करता था, कोई उनका दिन भर गुणगान करता था, कोई उनके बच्चों को पढ़ाता था आदि आदि। एक दो हम ऐसे शिक्षक थे जो उनकी कोई सेवा नहीं करते थे। क्यों करे जब हम शिक्षण कार्य में सर्वोत्तम माने जाते थे।परिणाम यह निकला कि मुख्याध्यापक के दिल में रोष पनपने लगा। गलती उस वक्त मेरे से भी हो गई कि दैनिक ट्रिब्यून में एक समाचार उस वक्त प्रकाशित हो गया कि स्कूल मुखिया स्कूल के कमरे में रहता है और एचआरए सहित सभी लाभ लेता है। समाचार तो छप गया और बात मुख्याध्यापक जगपाल सिंह तक पहुंची। सुबह प्रार्थना होने से पहले ही हाथापाई की नौबत तक भी आ पहुंची। खूब तू तड़ाक हुआ। पर जगमाल सिंह ने रातों रात उस कमरे को छोड़ दिया। कमरे के सफेदी करवा दी, रंग पेंट करवा कर ऐसा करवा दिया कि कमरे में कोई रहता ही नहीं था। परंतु मुख्याध्यापक के दिल में एक ठेस लगी। बात तभी से बढऩे लगी और उस वक्त मेरे साथ मेरे करीबी साथी लिसान निवासी स्व. अशोक कुमार भी विज्ञान अध्यापक होते थे। एक दिन अचानक सुबह सवेरे जब हाजिरी हाजिरी लगाने पहुंचे तो अशोक कुमार विज्ञान शिक्षक की नजरें कुछ ढूंढ रही थी। इस मामले में अशोक कुमार बहुत अग्रणी थे। उनकी बुद्धि बहुत तेज थी, पुलिस की भांति कार्य करते थे। वो भगवान के प्यार हो चुके हैं। उनकी नजर रजिस्टर पर पड़ी और उन्होंने मुझसे कहा- देखो इस रजिस्टर के तो पेज फाड़ कर दूसरे बदल दिए हैं। नजर मेरी भी पड़ी तो मुझे आश्चर्य हुआ लगाए गए नये पेजों पर मेरे नकली साइन कर रखे थे। कुछ आदेश पंजिका में भी आदेश निकाल कर हम सभी शिक्षकों के फर्जी हस्ताक्षर कर डालें। मसाला भी बड़ा अजीब था। कुछ फर्जी नियुक्तियां रातोंरात कर दी गई और ये नियुक्तियां जहां एक स्कूल में कार्यभार ग्रहण करवाकर दूसरे स्कूल में रातोंरात बदली दिखा डाली। कुछ अधिकारियों के चहेते इधर-उधर से कर्मचारियों की नियुक्ति कर डाली क्योंकि उस समय नियुक्ति करने में उसे वक्त प्रसिद्ध अधिकारी चोपड़ा, बोफोर्स और तत्कालीन अन्य अधिकारी भी शामिल थे। जब अशोक कुमार ने देखा की रजिस्टर में तो उनके भी फर्जी हस्ताक्षर है, फिर क्या था उन्होंने कहा कि आप इसका समाचार प्रकाशित करवाओ। देखते ही देखते हिंदुस्तान समाचार पत्र में बहुत बड़ा समाचार प्रकाशित करवा दिया तथा अन्य समाचार पत्रों में भी समाचार प्रकाशित हो गए। फिर तो क्या था बड़ी बड़ी जांच बिठा दी और ये जांच बहुत लंबे समय तक चलती रही। आखिरकार सारे स्कूल के रजिस्टर आदि उठाकर अधिकारी ले गए जो आज तक इस विद्यालय में उपलब्ध नहीं हैं। क्योंकि उस वक्त मैं अस्थाई शिक्षक था, इसलिए बोफोर्स तथा चोपड़ा आदि ने एक योजना बना डाली कि किसी प्रकार होशियार सिंह को नौकरी से हटवाया जाए और मेरे विरुद्ध उच्च अधिकारियों को धन दौलत देकर मेरे विरुद्ध ही खड़ा कर दिया। हम जांच तो फर्जी नियुक्तियां की चाहते थे उल्टा मेरे विरुद्ध जांच बिठा दी। सबसे सुंदर जांच तत्कालीन एडीसी लाल सिंह ने की। एक दिन एडीसी आए और कहा कि स्टाफ में होशियार सिंह कौन ै उसे भेजो। एक कमरे में मुझे बिठा दिया, किसी को अंदर नहीं आने दिया और एडीसी ने कहा कि जो मैं बोलता हूं तुम वैसे का वैसा लिखो वरना अभी पुलिस को बुलाया जाएगा। उन्होंने एक के बाद एक प्रश्र बोला और प्रत्येक का उत्तर अपने मुख से लिखवाता गया। साथ में हर उत्तर को लिखवाकर पूछता कि आपने क्या लिखा है पढ़कर बताओ। मैंने बड़ी सूझबूझ से काम लिया और उत्तर उल्टे और अपनी मन मर्जी से लिखता गया किंतु जब एडीसी पूछता-बताओ क्या लिखा है। मैं उत्तर वो ही बताता जो एडीसी लिखवा रहा था। अर्थात अधिकारी कहे कि मैं गलती पर हूं यह लिखो? मैंने लिखा की अधिकारी ने जबरन लिखवाया है कि मैं गलती पर हूं। इस प्रकार तत्काली एडीसी नेकरीब 20 प्रश्न भी स्वयं बोले और उत्तर भी अपनी मनमर्जी से बोलकर लिखवाने का प्रयास किया परंतु मैंने सारे उत्तर ऐसे ठोस लिख दिये कि उल्टा अधिकारी ही फंसता चला गया। अधिकारी खुश हो गया कि अब इनकी नौकरी खतरे में है। फिर क्या था एडीसी मेरे हस्ताक्षर करवाकर और नारनौल जा पहुंचे। तभी मैंने राष्ट्रपति तक भी सारी घटना से अवगत करवाया और अधिकारीी की शिकायत भी कर दी। जब अधिकारी ने उत्तर नारनौल जाकर पढ़े तो पैरों के नीचे से जमीन ही खिसक गई। मेरे द्वारा उच्च अधिकारियों को शिकायत का परिणाम यह निकला मेरी नौकरी खाने के लिए आए थे और एडीसी चंद दिनों में ही वहां से बदली कर दिए गए। चलते वक्त एडीसी ने एक ही बात कही - जीवन में अध्यापक बहुत देखे पर ऐसा अध्यापक मैं नहीं देखा है। फिर तो एक के बाद एक चोपड़ा व स्व. बोफोर्स, स्व. जगमाल सिंह मुख्याध्यापक आदि कितनों ने मेरे विरुद्ध कितनी ही जांच करवाई। स्व.जगमाल सिंह ने तो एक दिन गंभीर आरोप लगाया। पुलिस का एक अधिकारी स्कूल में पहुंचा और उसने स्टाफ में आकर पूछा-होशियार सिंह कौन है? स्टाफ ने मेरी ओर इशारा किया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस अध्यापक ने स्व. जगमाल सिंह का पानी का घड़ा तोड़ दिया और छुआछूत फैलाता है? उस वक्त कुछ स्टाफ मौन हो गया जबकि अशोक कुमार ने तुरंत सारा मसला भंपते हुए जवाब दिया- सर, जगमाल सिंह इनके विरोधी है। जगमाल सिंह की इन्होंने शिकायत कर रखी है। इसलिए जगमाल सिंह ने ऐसा आरोप लगाया है। वह जांच तो बंद हो गई किंतु तब पता चला कि कितने लोग विरोधी हैं। धीरे-धीरे जांच पर जांच चलती रही और किसी भी जांच से मेरा कुछ भी नहीं बिगड़ा। उल्टे जांच करवाने वाले कुछ भगवान को प्यारे हो गये या कैद काटकर आये हैं। समय बदला वो अधिकारी व बोफोर्स आदि मुझसे दोस्ती करने आ गए। मेरी बदली कनीना स्कूल में हो गई। उसे वक्त स्व. भगवान सिंह गढ़ा निवासी मेरे बहुत परिचित थे, हमने साथ एक ही स्कूल में भी किया था। उनके परिवार में मेरा आना जाना है। उन्होंने एक दिन मेरे पास आकर कहा कि मेरे कहने से आप इनकी जांच करवानी बंद कर दो। क्योंकि वो मेरे बहुत आदरणीय रहे हैं, मेरा और उनके परिवार का बहुत अच्छा संबंध रहा है। मैंने कहा चलिए सर, आप कहते हैं तो मैं इनको माफ करता हूं किंतु भगवान की अदालत बहुत बड़ी है। और मैंने अपना चैप्टर बंद कर दिया परंतु सोचता हूं कि जवानी के दिन भी क्या अजीब दिन थे। हाथापाई के नौबत तक कर बैठते थे। पर मेरा जितने भी लोगों से झगड़ा हुआ उनमें से बहुत से भगवान को प्यारे हो चुके हैं या दनका बहुत बुरा हुआ है। आज सोचता हूं कि अगर उस वक्त जो कर्मचारी फर्जी लगाए थे वो हट जाते तो कलंक मेरे माथे पर लगा होता। चाहे मैं गलती पर नहीं होता परंतु मन में एक भावना सदा मुझे धिक्कारती रहती। भगवान और राव भगवान सिंह ने सद्बुद्धि दी। राव भगवान सिंह मेरे पास पहुंचे और मैंने मेरे विरोधियों को माफ कर अपना चैप्टर क्लोज कर दिया। परंतु उन अधिकारियों पर नजर डाले तो उनका बुरा वक्त आया। एक बार फिर से वो ही स्कूल धनौंदा है और कुछ अधिकारी मेरे विरोधी हैं, अधिकारों पर डाका डाल चुके हैं। उनके विरुद्ध कार्रवाई जारी है। मरते दम तक उनको माफ नहीं करूंगा और सजा दिलवाकर रहूंगा, वो बच भी गये तो वैसा ही अंजाम भुगतेंगे जो 1998 में भुगत चुके हैं। भगवान की अदालत से कभी नहीं बच पाएंगे।
19500 हेक्टेयर पर खड़ी है कनीना क्षेत्र में सरसों
- दिन का तापमान अभी भी है अधिक
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कनीना की आवाज। क्षेत्र के किसानों ने दो-दो बार सरसों की फसल की बिजाई की है और आखिरकार करीब 19500 हेक्टेयर पर सरसों की फसल दिखाई देने लग गई है। किसानों से इस संबंध में चर्चा की गई। किसान नरेश कुमार, महेश कुमार, अजीत कुमार, सूबे सिंह आदि ने बताया कि इस समय खेतों में सरसों दिखाई देने लग गई है और आवारा जंतु भी समय सरसों की फसल को नष्ट करने लग गए हैं। उधर गेहूं की बिजाई करती है। जल्दी वह भी खेत से बाहर दिखाई देने लग जाएगी। किसानों ने बताया कि दिन का तापमान अधिक होने के कारण एक बार उनकी बिजाई नष्ट हो गई है। दोबारा से बिजई की गई है। उन्हें विश्वास है कि शायद यह बेहतर पैदावार दे सके। उधर एसडीओ कृषि डा. अजय कुमार ने बताया कि कनीना क्षेत्र में 19500 हेक्टेयर पर सरसों की बिजाई की गई है। यह पैदावार विगत वर्ष के करीब ही है। कनीना मंडी व्यापार मंडल पर पोस्ट प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया कि सरसों का समर्थन मूल्य 6050 रुपये घोषित हो चुका है। किसानों का रुझान सरसों फसल की ओर सदा ही रहा है।
फोटो कैप्शन 02: सरसों की खेतों में खड़ी फसल
नये नियमानुसार नहीं बन पा रही ओबीसी और बीसी की सर्टिफिकेट
-विभिन्न अधिकारियों के किये हाथ खड़े
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कनीना की आवाज। एक और हरियाणा सरकार ने जहां सभी उन लोगों की बीसी और ओबीसी की सर्टिफिकेट बनाने की घोषणा की हुई है जिनकी आय 8 लाख से अधिक नहीं है किंतु इसमें पेंशन तथा वेतन आदि नहीं जोड़ा जाता। किंतु कनीना क्षेत्र के कम से कम एक दर्जन लोग बार-बार आवेदन कर रहे और उनके आवेदन रद्द हो रहा है। एक और परिवार पहचान पत्र में आय ठीक करने के लिए लोग मारे मारे फिर रहे हैं वही जिनकी पेंशन या वेतन 8 लाख या इससे अधिक है उनकी बीसी और ओबीसी की सर्टिफिकेट नहीं बनाई जा रही है। कनीना के सुनील कुमार, होशियार सिंह, मनोज कुमार ,दिनेश कुमार आदि ने बताया कि उन्होंने कई बार आवेदन किया किंतु इस आधार पर उनके बच्चों की बीसी और ओबीसी की सर्टिफिकेट का आवेदन रद्द कर दिया गया कि उनके पिता की पेंशन या वेतन 8 लाख से अधिक दर्शाया गया है। जबकि पेंशन और वेतन को भी सरकार दुरुस्त नहीं कर रही है। इन लोगों ने बताया कि परिवार पहचान पत्र में आय दुरुस्त करवाने के लिए वे छह छह माह से इधर-उधर मारे मारे फिर रहे हैं किंतु सरकार बेहद परेशान कर रही है। उन्होंने खेद जताया और सरकार से मांग की है कि कम से कम पोर्टल को दुरुस्त करें या इस प्रकार सर्टिफिकेट को रद्द नहीं करें इससे धन और समय बर्बाद हो रहा है। आय को वेरिफाई करके परिवार पहचान पत्र को ठीक करें।
उधर रमेश कुमार एडवोकेट ककराला ने बताया कि जुलाई 2024 से नया नियम लागू हो गया है जिसके तहत किसी भी व्यक्ति का वेतन/पेशन एवं कृषि से प्राप्त होने वाली इनकम को बीसी/ओबीसी की सर्टिफिकेट बनवाते वक्त नहीं जोड़ा जा सकता। अन्य स्रोतों से आय 8 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। ऐसे में अगर सर्टिफिकेटस नहीं बनते तो सरकार को पोर्टल में खामियों को दूर करना चाहिए।
इस संबंध में जब इस संवाददाता ने सरल पोर्टल हेल्पलाइन से बात की तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिये और कहा कि यह मसला आपके क्षेत्र के अतिरिक्त जिला उपायुक्त या तहसीलदार का है। वे कुछ नहीं कर सकते।
जब इस संबंध में परिवार पहचानपत्र पोर्टल हेल्पलाइन से बात की तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह मसला उनके विभाग का नहीं है। इस संबंध में सरल पोर्टल पर बाते करे तथा अधिकारियों से बात करो।
इस समस्या को लेकर जब तहसीलदार से मिले तो उन्होंने कहा कि वे भी इसी समस्या से स्वयं पीडि़त हैं। वे महज आफलाइन ऐसी सर्टिफिकेट बनवाने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वे स्वयं भी अपनी ऐसी सर्टिफिकेट आफलाइन बनवाने की कार्रवाई कर रहा हूं।
दो हजार देकर बनवा सकते हैं सर्टिफिकेट-
यह संवाददाता आखिरकार कनीना तहसील में पूछते हुए ऐसे दलाल से मिला जो गारंटी से दो हजार रुपये में ओबीसी/बीसी आदि की सर्टिफिकेट बनवा सकता है। उन्होंने बताया कि वो स्वयं ही नहीं उच्चाधिकारियों को भी कुछ राशि देनी पड़ती है। जब इस संवाददाता ने बार बार राशि कम करने की बात कही तो आखिरकार 800 रुपये देने की बात कही। यह भी तब जब उसे पता चला कि यह पत्रकार है। उन्होंने यह भी कहा कि आफलाइन सर्टिफिकेट महज एक सौ रुपये में बनवा सकते हैं परंतु आफलाइन चले या न चले उनकी कोई गारंटी नहीं है। जबकि ऐसी सर्टिफिकेट की सरकारी फीस करीब 30 रुपये बताई जाती है।
बनाये कई प्रकार के व्यंजन
-बनाने एवं परोसने के तरीके समझाये
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कनीना की आवाज। राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में मंगलवार गृह विज्ञान संकाय की छात्राओं द्वारा तीन दिवसीय पाक कला प्रेक्टिकल कार्यक्रम के अंतर्गत पहले दिन आठवीं कक्षा की छात्रों द्वारा लजीज व स्वादिष्ट व्यंजन बनाए गए तथा बेहतरीन तरीके से उन्हें परोसने के गुरु सिखाए गए।
विद्यालय के मुख्य अध्यापक नरेश कुमार कौशिक ने बताया कि शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रम के निर्देशानुसार मंगलवार आठवीं कक्षा की छात्राओं ने प्रोटीन युक्त डाइट तथा कार्बोहाइड्रेट युक्त व्यंजन बनाए तथा उनके बारे में इनके लाभ व हानि बताए गए वह इनको पकाने की विधि ,सुरक्षित व संरक्षित रखने के तरीके तथा परोसने के विधि बताई गई ।
गृह विज्ञान की अध्यापिका शालिनी की देखरेख में तीन वर्गों में आठवीं की छात्राओं ने बेहतरीन व्यंजन बनाए जिनमें समोसे , वेज कटलेट, मटर पनीर की सब्जी, छोले भटूरे ,दही भल्ले तथा ब्रेड कटलेट बनाए गए ।
आज की पाक प्रक्रिया में दीपिका, पूजा, खुशी, निकिता , अंशिका, रिया, राजिया व रितु ने मैत्री भूमिका निभाई।
इस अवसर पर वरिष्ठ फार्मासिस्ट सतीश खटाना , शिक्षक संदीप कुमार, बाबूलाल, दीपिका यादव व कश्मीरी निंबल उपस्थित थे ।
फोटो कैप्शन 06: व्यंजन का आनंद लेते हुए नरेश कौशिक
रागिनी का बेहतरीन गायक होने के साथ साथ विशेष शिक्षक भी है अमृत सिंह
-विभिन्न उत्सवों पर गाते आये हैं अमृत
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कनीना की आवाज। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती यह कहावत सिद्ध करके दिखाई है । कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत विशेष शिक्षक अमृत सिंह राघव ने हरियाणवी रागनी गायकों में एक नाम है। उनकी रागनी विशेष अवसर पर ध्यानपूर्वक सुनी जाती है। दिव्यांग विद्यार्थियों के शिक्षक के साथ ही रागिनी गायकी में आनंद लेते हैं। शिक्षक अमृत सिंह ने बताया कि उनका जन्म राजस्थान की तहसील बहरोड़ के एक छोटे से गांव खोहर में पिता स्व. नरपाल सिंह व माता निर्मला देवी के घर हुआ। बचपन से ही अमृत सिंह प्रतिभा के धनी रहे हैं। केवल 14 साल की उम्र में गांव की रामलीला में अपने ताऊ हीरा सिंह के सानिध्य में रहकर लक्ष्मण का अभिनय किया। लक्ष्मण के अभिनय के साथ.साथ अंगद ,मंदोदरी, केवट का भी समय-समय पर अभिनय किया। रामलीला क्लब में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी प्राप्त किया। रागिनी भजन गाने का शोक 14 साल की उम्र में लगा। जब गांव की सत्संग मंडली के साथ बाबा भगवान दास महाराज के मंदिर में जाते थे। तब गांव के कलाकार नथु सिंह, गणपत सिंह ,नरेश कुमार शर्मा,सुभाष जांगिड़ आदि भजन गाते थे। तब यह विचार किया कि कभी मैं भी कलाकार बनूंगा। यह आस लगाकर सर्वप्रथम नरेश कुमार शर्मा व गुरु मुकेश सिंह राघव व नरेंद्र सिंह मास्टर के सानिध्य में ज्ञान लेकर राधा बन गई जिलाधीश भजन गाकर शुरुआत की फिर रागिनियों की तरफ रुख किया। पहली बार गांव में ही रात्रि में जयमल पत्ता के इतिहास की रागिनी गाकर गांव वालों का मन मोह लिया। उनके पिता स्व. नरपाल सिंह भी रागिनियों के बहुत शौकीन थे। वह अपने पिता के पास बैठकर रागिनी सुनते थे। पहली रागिनी के बाद मुड़कर नहीं देखा। उसके बाद सन 2006 में अपनी पत्नी रविता के साथ कनीना में आकर यहां भी अपने प्रतिभा का लोहा मनवाया। वर्तमान में अमृत सिंह गढ़वा बैंजो के साथ-साथ पंडित लख्मीचंद, पंडित मांगेराम के द्वारा रचित कविताएं गाकर लोगों के बीच विशेष अवसरों पर छठी की रात्रि में कुआं पूजन पर विवाह उत्सव रागिनी गाकर जनता का मन मोह लेते हैं। ऊंची आवाज में किस्से सुनाते हैं। आज उनका नाम विशेष गायकों में है रागिनी गाकर कई सम्मान प्राप्त कर चुके हैं। वर्तमान में वह अपनी पार्टी बना चुके हैं। गढ़वा बैंजो की पार्टी में हारमोनियम वादक मास्टर प्रदीप नांगल मोहनपुरए पवन उर्फ पम्मी नौताना,रमेश भोजावास, मोनू मटका वादक भोजावास, भागीरथ सहरावत चेलावास, पुल्ली झाड़ोदा। उनकी पार्टी उस्ताद के रूप में नरवीर निमोठ सहयोगी के रूप में काम करते हैं। अब उनके साथ उनका बेटा राहुल राघव भी रागिनी गाने लग गए हैं। इसी के साथ.साथ ही रागिनी गायक सुनील गामड़ी का भी बहुत सहयोग रहा है।
फोटो कैप्शन: अमृत सिंह।
जन्म दिन पर गौशाला में लगाई सवामणी
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कनीना की आवाज। महाराज उधौदास गौशाला जैनाबाद में हेमन्त ने अपने लड़के पार्थ राव के जन्म दिवस पर स्वामणी लगाई और गायों को मीठा चारा खिलाया। उन्होंने कहा कि गायों की सेवा करने से सभी पुण्य मिलते हैं। उन्होंने कहा कि गायों की सेवा प्रतिदिन करनी चाहिए। गायों की सेवा भगवान श्रीकृष्ण करते थे इसलिए गोपाल कहलाए। इस मौके पर अनेक जन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 05: जैनाबाद गौशाला में जन्म दिन पर सवामणी लगाते हुए।
सुमन यादव पत्रकार की याद में विशाल लाइब्रेरी बनाने की तैयारी
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कनीना की आवाज। श्रीमती सुमन यादव पत्रकार चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा कनीना की प्रथम महिला पत्रकार सुमन यादव की याद में विशाल लाइब्रेरी बनाने का कार्रवाई जारी है। वर्षों से हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर ट्रस्ट के नाम कनीना में जमीन उपलब्ध करवाने की मांग की गई थी और वह काफी हद तक सिरे बढ़ गई थी परंतु अभी तक जमीन अलाट नहीं हुई है और नहीं लगता कि अब जमीन अलाट हो पाएगी। चूंकि पूर्व प्रधान सतीश जेलदार ने इस संबंध में उत्साह भी दिखाया परंतु असफल रहे। अब विचार है कि वाटर सप्लाई के पास अपनी जमीन पर विशाल लाइब्रेरी बनाई जाए जहां पर उनकी याद दिलाने वाले उनके सभी फोटो, जीवन संबंधित जानकारी, उनके द्वारा लिखित पुस्तकें, उनके द्वारा रचा हुआ काव्या एवं अखबारों की कतरन जिसमें उन्होंने लंबे समय तक कार्य किया उपलब्ध कराया जाएगा। 17 नवंबर को उनकी पुण्यतिथि पर इस संबंध में आने वाले लोगों से विचार विमर्श किया जाएगा। इसके लिए अभी तक इस ट्रस्ट ने बहुत अधिक सामाजिक कार्य किये है, जनहित के कार्य किये हैं और आंखें दान करने के लिए लंबे समय तक अभियान भी चलाया, सहयोग भी मिला किंतु आर्थिक सहयोग एक नए पैसे का भी नहीं मिला। इस समय ट्रस्ट के पास महज सभी सदस्यों का अंशदान 10000 रुपये ही उपलब्ध है साथ में पूर्व पार्षद विनय शर्मा द्वारा दान किए हुए 500 रुपये भी उपलब्ध हैं। ऐसे में 10500 रुपये उपलब्ध है किंतु ट्रस्ट के प्रधान शिक्षा के क्षेत्र में विश्व रिकार्ड धारक/वल्र्ड रिकार्ड अचीवर डा. होशियार सिंह यादव का कहना है कि वह पैसे अपनी जेब से लगाकर लाइब्रेरी स्थापित करेंगे। साथ में दिवंगत आत्मा के लिए जो कुछ बन पाएगा वो हर संभव पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सुमन यादव का एक पुत्र अमीश कुमार भी इस समय 10 जमा दो पास कर चुका है और आगे की उनकी पढ़ाई जारी है। विश्वास है कि आने वाली पीढिय़ां उनसे प्रेरणा लेती रहेगी।
उनके ट्रस्ट के विषय में जानकारी है--
श्रीमती सुमन यादव पत्रकार चेरिटेबल ट्रस्ट कनीना के नाम अगर कोई चंदा देने का इच्छुक है उसको निम्र जानकारी उपलब्ध कराई जा रही हैं। वो दान करके टद्यस्ट की रसीद जरूर प्राप्त कर ले। जानकारी निम्र है-- ---
खाता संख्या 0735000103293876
कनीना आईएफएससी कोड- पीयूएनबी0073500
मिक्र कोड--123024060
ट्रस्ट संख्या--1528/2011
फोन पे-- 9416348400 होशियार सिंह
प्रधान-डा. होशियार सिंह यादव
शिक्षण में वल्र्ड रिकार्ड होल्डर
फोटो कैप्शन: डा. होशियार सिंह प्रधान
दो दानदाताओं की निम्र राशि प्राप्त हुई है-़11 व 12 नवंबर को प्राप्त हुई-
1. सुरेंद्र सिंह पुत्र श्री रामजीलाल यादव फलसावाला से 5100/-
2 दीपक कुमार 501/-
आप दोनों का तहदिल से आभार। आपकी रसीद आपको जल्द ही भेज दी जाएगी। आशीर्वाद और सहयोग बनाये रखने की जरूरत दान की भांति कार्य करती है वो बनाये रखना।
2100 विद्यार्थी लेंगे सड़क सुरक्षा कार्यक्रम में भाग
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कनीना की आवाज। सड़क सुरक्षा प्रतियोगिता 2024 - 25 के अंतर्गत मंगलवार को खंड के सभी सरकारी व निजी स्कूलों में लेवल 1,2, 3 की प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई गई। विस्तृत जानकारी देते हुए खंड शिक्षा अधिकारी विश्वेश्वर कौशिक ने बताया कि इस प्रतियोगिता में तीन ग्रुप बनाए गए हैं पहले स्तर की परीक्षा में कक्षा 3 से 5 के विद्यार्थी, दूसरे स्तर की प्रतियोगिता में 6 से 8 कक्षा के विद्यार्थी तथा तीसरे स्तर की परीक्षा में 9 से 12 कक्षा के लगभग 21 हजार विद्यार्थी भाग ले रहे हैं, प्रत्येक विद्यालय से नौ विजेता विद्यार्थियों को खंड स्तरीय सड़क सुरक्षा प्रतियोगिता में भाग लेना होगा तथा यह परीक्षा कनीना खंड स्तर पर होगी ।
इस अवसर पर उन्होंने राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में परीक्षा का निरीक्षण किया तथा विद्यार्थियों व अध्यापकों को आवश्यक निर्देश दिए । राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना के मुख्य अध्यापक नरेश कुमार कौशिक ने बताया कि सुरक्षित एवं सुखमय यात्रा केवल सड़क मार्ग की नहीं अपितु जीवन पर्यंत सुखमय बने रहने का लक्ष्य होना चाहिए । विद्यार्थियों को यात्रा संबंधित सभी पहलुओं का पूरा ज्ञान तथा समझ होना आवश्यक है।
इस अवसर पर गुलशन यादव, राकेश कुमार डीपी सहित सभी स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 01:बीइओ स्कूल कनीना का निरीक्षण करते हुए।
महिला गुम,गुमशुदगी का मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उप- मंडल के एक गांव से महिला 10 नवंबर से गुम है। उसके पति ने उसकी गुमशुदगी का मामला दर्ज करवा दिया है। गुम हुई महिला के पति ने पुलिस में बताया कि 10 नवंबर को उसकी पत्नी घर से बिना बताए कहीं चली गई। हर जगह तलाश की गई, कहीं अता पता नहीं चला। उसकी उम्र 22 वर्ष है।
परीक्षा में अव्वल रहे विद्यार्थी पुरस्कृत
--कनीना माडल स्कूल में कार्यक्रम संपन्न
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कनीना की आवाज। राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में अर्धवार्षिक परीक्षा में प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले विद्यार्थियों को प्राचार्य सुनील खुडानिया व समस्त स्टाफ द्वारा सम्मानित किया गया। जिसमें कक्षा छठी में इशांत यादव प्रथम, शोभित द्वितीय ,पियूष, तीसरे स्थान पर रहा। क्लास सातवीं में निशांत प्रथम, लक्ष्य द्वितीय, और यीशु तीसरे ,स्थान पर रही ।कक्षा आठवीं में कृष्ण पाल प्रथम ,धनंजय द्वितीय और जूली तीसरी ,स्थान पर रही। क्लास नौवीं में राशि प्रथम, स्थान पर यश शर्मा द्वितीय, स्थान पर हिमांशु तीसरे, स्थान पर रहा कक्षा 10 में कृष प्रथम, स्थान पर ध्रुव द्वितीय, स्थान पर और लकी तीसरे, स्थान पर रहा। कक्षा 11 में यशीका प्रथम स्थान ,पर प्रशांत द्वितीय, स्थान पर हिमांशी तृतीय, स्थान पर रही ।कक्षा 12वीं में नसीब प्रथम, स्थान पर खुशी द्वितीय, स्थान पर और जतिन तृतीय, स्थान पर रहा। इस अवसर पर प्रार्थना सभा में बच्चों को सम्मानित किया गया द्यजिसमें प्राचार्य श्री सुनील खुडानिया के मार्गदर्शन में समस्त विद्यालय स्टाफ ने अपनी रुचि दिखाई। इस अवसर पर रवि कुमार प्रवक्ता अंग्रेजी ,नरेश प्रवक्ता हिंदी, मुंशी राम जी प्रवक्ता राजनीति विज्ञान ,कमल जी प्रवक्ता अंग्रेजी, सुरेंद्र मोरवाल प्रवक्ता फाइन आर्ट, बलदीप प्रवक्ता इतिहास, रविंद्र जाखड़ प्रवक्ता कामर्स, संजय डीपीई पूनम जी प्रवक्ता भौतिक शास्त्र, अमृत सिंह विशेष शिक्षक, संदीप प्रवक्ता जीव विज्ञान, गुरदीप जी प्रवक्ता गणित, सुरेंद्र ीजीटी गणित, दरिया सिंह संस्कृत उमेद अंग्रेजीमंच का संचालन नरेश प्रवक्ता हिंदी ने किया। तथा रूद्मप्तमुंशी राम ने बच्चों को परीक्षा में अच्छे अंक किस प्रकार से मिल सकते हैं, इस बात पर प्रकाश डाला।
फोटो कैप्शन 04:अव्वल रहे विद्यार्थियों को परुस्कृत करते हुए।
सड़क सुरक्षा प्रतियोगिता संपन्न
-लिखित एवं मौखिक परीक्षा आयोजित
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कनीना की आवाज। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी में सड़क सुरक्षा प्रतियोगिता लेवल लेवल एक से 4 तक का आयोजन किया गया मौखिक जानकारी के अतिरिक्त लिखित पेपर भी लिया गया। मौखिक जानकारी मुख्य रूप से हिंदी प्रवक्तानरेश कुमार एवं प्रवक्ता राजनीतिक विज्ञान दिनेश कुमार ने प्रदान की। विद्यालय इंचार्ज प्रवीण कुमार ने सभी बच्चों को सड़क सुरक्षा के नियमों के बारे में बताया तथा परीक्षा आयोजन करवाई इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मीना एवं मोनू ने प्रथम लेवल की परीक्षा का आयोजन करवाया तथा ओम प्रकाश एवं कल्पना ने लेवल 2 की परीक्षा का आयोजन करवाया तथा सविता, ममता एवं सुमन लता,सन्नी लता ,अंजू एवं लीलू राम,पवन कुमार, हेमंत कुमार ने थर्ड वेव फोर्थ लेवल की परीक्षा का सफल आयोजन करवाया। इसके पश्चात सभी ने प्रथम द्वितीय तृत्य स्थान प्राप्त किए हुए विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी।
फोटो कैप्शन 03: कनीना माडल स्कूल में विभिन्न लेवल परीक्षाएं आयोजित करते हुए।
सुमन यादव पत्रकार की याद में होंगे कई कार्यक्रम, दी जाएगी श्रद्धांजलि
--17 नवंबर को है उनकी 14वीं बरसी
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कनीना की आवाज। श्रीमती सुमन यादव पत्रकार चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा कनीना की प्रथम महिला पत्रकार सुमन यादव की याद में विशाल लाइब्रेरी बनाने का कार्रवाई जारी है। वर्षों से हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर ट्रस्ट के नाम कनीना में जमीन उपलब्ध करवाने की मांग की गई थी और वह काफी हद तक सिरे बढ़ गई थी परंतु अभी तक जमीन अलाट नहीं हुई है और नहीं लगता कि अब जमीन अलाट हो पाएगी। चूंकि पूर्व प्रधान सतीश जेलदार ने इस संबंध में उत्साह भी दिखाया परंतु असफल रहे। अब विचार है कि वाटर सप्लाई के पास अपनी जमीन पर विशाल लाइब्रेरी बनाई जाए जहां पर उनकी याद दिलाने वाले उनके सभी फोटो, जीवन संबंधित जानकारी, उनके द्वारा लिखित पुस्तकें, उनके द्वारा रचा हुआ काव्या एवं अखबारों की कतरन जिसमें उन्होंने लंबे समय तक कार्य किया उपलब्ध कराया जाएगा। 17 नवंबर को उनकी पुण्यतिथि पर इस संबंध में आने वाले लोगों से विचार विमर्श किया जाएगा। इसके लिए अभी तक इस ट्रस्ट ने बहुत अधिक सामाजिक कार्य किये है, जनहित के कार्य किये हैं और आंखें दान करने के लिए लंबे समय तक अभियान भी चलाया, सहयोग भी मिला किंतु आर्थिक सहयोग एक नए पैसे का भी नहीं मिला। इस समय ट्रस्ट के पास महज सभी सदस्यों का अंशदान 10000 रुपये ही उपलब्ध है साथ में पूर्व पार्षद विनय शर्मा द्वारा दान किए हुए 500 रुपये भी उपलब्ध हैं। ऐसे में 10500 रुपये उपलब्ध है किंतु ट्रस्ट के प्रधान शिक्षा के क्षेत्र में विश्व रिकार्ड धारक/वल्र्ड रिकार्ड अचीवर डा. होशियार सिंह यादव का कहना है कि वह पैसे अपनी जेब से लगाकर लाइब्रेरी स्थापित करेंगे। साथ में दिवंगत आत्मा के लिए जो कुछ बन पाएगा वह करने का प्रयास किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सुमन यादव का एक पुत्र अमीश कुमार भी इस समय 10 जमा दो पास कर चुका है और आगे की उनकी पढ़ाई जारी है। विश्वास है कि आने वाली पीढिय़ां उनसे प्रेरणा लेती रहेगी।
उनके ट्रस्ट के विषय में जानकारी है--
श्रीमती सुमन यादव पत्रकार चेरिटेबल ट्रस्ट कनीना के नाम अगर कोई चंदा देने का इच्छुक है उसको निम्र जानकारी उपलब्ध कराई जा रही हैं। वो दान करके ट्रस्ट की रसीद जरूर प्राप्त कर ले। उल्लेखनीय है कि ट्रस्ट की राशि को केवल ट्रस्ट के प्रस्ताव अनुसार करवाये जा रहे जनहित के कार्यों में खर्च किया जा सकता है। जानकारी निम्र है-- ---
खाता संख्या 0735000103293876
कनीना आईएफएससी कोड- पीयूएनबी0073500
मिक्र कोड--123024060
ट्रस्ट संख्या--1528/2011
फोन पे-- 9416348400 होशियार सिंह
प्रधान-डा. होशियार सिंह यादव
शिक्षण में वल्र्ड रिकार्ड होल्डर
फोटो कैप्शन: डा. होशियार सिंह प्रधान
17 नवंबर से पहले पहले करें भगवतगीता के लिए रजिस्ट्रेशन
--पूर्ण विवरण इस समाचार में दिया है
--सर्टिफिकेट्स एवं प्रतिदिन इनाम का प्रावधान
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कनीना की आवाज। भगवत गीता प्रश्नोत्तरी के लिए रजिस्ट्रेशन जारी है जिसकी रजिस्ट्रेशन के लिए विस्तार से निम्न जानकारी दी हुई है। प्रतिदिन एक एक हजार के दस दस पुरस्कार सही उत्तर देने वह चयन होने पर विद्यार्थी वर्ग, आम पब्लिक, दूसरे स्टेट के विद्यार्थी, दूसरे स्टेट का आम आदमी, ओडिशा के विद्यार्थी, ओडिशा के आम आदमी को दिये जाते हैं। 11 दिन प्रश्रोत्तरी चलेगी। अंत में फिर से ओवरआल इनाम मिलेगा। सभी को गीता की सर्टिफिकेट तो मिलेगी ही। 17 नवंबर से पहले रजिस्ट्रेशन करवा ले जो सरल है। रजिस्ट्रेशन का तरीका नीचे दिया गया है।
अपना रजिस्ट्रेशन निम्र तरीकें से करें--
कृपया आज और अभी इस कार्यक्रम में जुडऩे की पहल करें-Registration for gita Prashanmala 1. सबसे पहले निम्र को क्लिक करें--
https://igmquiz.in/
. 1 पब्लिक हरियाणा/स्टूडेंट हरियाणा/स्टूडेंट ओडिशा/स्टूडेंट बाकी स्टेट
2. गांव का नाम
3 अपना नाम
4 अपने फोन नंबर
5 मोटिवेटर 9416348400
मोटिवेटर का ध्यान रखे इसमें केवल 9416348400 ही भरे
FAQs about Quiz
Quiz : 17 Nov to 27 Nov. (Total 11 days)
Mode of Quiz : Online
Question Topics : Principles of the Gita and Their Application in Daily Life
No. of Questions: Daily 5 (Total 55)
Time: Whole Day (24 hours)
Attempt Time Limit: No Time Limit
Submission of Answer: Multiple time allowed
Loginid/ Userid: Mobile Number
Password: OTP Generated at the time of Registration
Please don't share your OTP to anyone.
We never ask any bank details over phone
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 के अवसर पर ऑनलाइन गीता प्रश्नमाला - नगद पुरस्कार जीतने और प्रमाण-पत्र प्राप्त करने का सुनहरा अवसर*
17th नवंबर से 27th नवंबर
* रजिस्ट्रेशन के लिए लिंक👇🏻
http://igmquiz.in/
Participants Category
A) Student
B) Public
Cash Prizes / Certificate:
A) हर रोज 500-500 रुपए के 40 ईनाम
B) क्विज के समापन पर लाखों रूपए के ईनाम
C) मोटिवेटर्स को भी आकर्षक ईनाम राशि
D) किसी भी जिले, राज्य या देश के नागरिक, विद्यार्थी व उनके मातापिता कोई भी इसमें भाग ले सकते हैं।
विशेष
1. आपके Registration के समय जो OTP आएगा वो आपका पासवर्ड रहेगा तथा आपका फोन न. आपका लॉगिन आईडी रहेगा।
2. Registration करते समय Referral/Motivator Contact Number में Motivator ............... मोबाइल नंबर भरें।
3. प्रतिदिन 5 वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाएँगे जिनका उत्तर आपको देना होगा ।
4. यह प्रतियोगिता भगवदद्गीता के प्रति रुचि उत्पन्न करने व जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। स्वयं भी भाग लें और अन्य को भी प्रेरित करें।
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