Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Monday, November 25, 2024


 गीता प्रश्रोत्तरी 25 नवंबर 2024 के उत्तर,आज का उत्तर कोड है 32414
25 नवंबर के उत्तर हैं 1-C  2-B  3-D 4-D  5-D
    








*********************************************************
****************************************************************
*********************************************************
कनीना की आवाज।गीता प्रश्रोत्तरी के प्रश्रों को अभी हल करें। चेक करें अगर कहीं गलत भरा हो तो फिर से रात 12 बजे तक ठीक कर ले।
25 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं
1-C  2-B  3-D 4-D  5-D
कैसे भरे उत्तर--
निम्र लिंक को क्लिक करें-
http://igmquiz.in/
फोन नंबर एवं पहले से मिला ओटीपी, पासवर्ड के रूप में भरे। यदि ओटीपी याद नहीं है तो फोरगेट पासवर्ड करें पुन: पासवर्ड/ओटीपी आएगा।
पांच प्रश्र एक एक करके खुलेंगे बारी-बारी से उत्तर भरे और फाइनल सब्मिट कर दे।
ध्यान रहे उत्तर रात 12 बजे तक कितनी ही बार बदल सकते हैं।
अगर अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो निम्र लिंक को क्लिक करें-
http://igmquiz.in/
 रजिस्टर्ड  को दबाए
पांच खाने खुलेंगे उन्हें विद्यार्थी/पब्लिक गांव,नाम, फोन नंबर भरे मोटिवेटर अंतिम कालम होगा जिसमें केवल 9416348400 ही भरे जो मेरे हैं।
रजिस्टर करें। ओटीपी/पासवर्ड आएगा जिसे निर्धारित खाने में भरकर वेरिफाई कर दे। अब आप उत्तर देने के लिए तैयार हैं। उपरोक्त लिंक को क्लिक करे फोन नंबर व ओटीपी भरे। प्रश्रो के उत्तर भरे,फाइनल सब्मिट को जरूर दबाए।
मोटिवेटर में 9416348400 ही भरें ताकि आपको उत्तर मिल सकें।  
 नगद पुरस्कार जीतने और प्रमाण-पत्र प्राप्त करने का सुनहरा अवसर*
1) हर रोज 500-500 रुपए के 40 ईनाम
2) क्विज के समापन पर लाखों रूपए के ईनाम
3) मोटिवेटर्स को भी आकर्षक ईनाम राशि
4) किसी भी जिले, राज्य या देश के नागरिक, विद्यार्थी व उनके माता पिता कोई भी इसमें भाग ले सकते हैं।
  रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो अभी कर ले।                                        
25 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं
1-C  2-B  3-D 4-D  5-D
किसी प्रकार की रजिस्ट्रेशन में दिक्कत हो तो मेरे फोन नंबर 9306300700   या  9416348400 पर संपर्क करें



गीता प्रश्नोत्तरी में अब तक निकले हैं 7 पुरस्कार
-विगत वर्ष की तुलना में कम हुये है रजिस्ट्रेशन
-अभी भी कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन और पा सकते हैं इनाम
*********************************************************
****************************************************************
*********************************************************
कनीना की आवाज ।
कनीना निवासी डा. होशियार सिंह विगत वर्षों से गीता प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में तल्लीन हैं जिसमें अनेक साथियों और सहयोगियों का योगदान रहा है। विगत वर्ष मेरे द्वारा यहां करीब 2000 रजिस्ट्रेशन किए गए थे किंतु इस बार मेरे द्वारा महज 834 रजिस्ट्रेशन हो पाए हैं परंतु अभी रजिस्ट्रेशन जारी है। कोई भी सज्जन इस मुफ्त प्रतियोगिता में भाग लेना चाहे तो भाग ले सकता है। साथ में गीता का ज्ञान भी मिलता है, सर्टिफिकेट्स मिलती हैं।आज भी रजिस्ट्रेशन करना चाहे तो वह निम्न लिंक को क्लिक करें -
तत्पश्चात लाल रंग का अंग्रेजी में रजिस्टर लिखा मिलेगा, उसको क्लिक करके पांच कालम खुलेंगे उन्हें अपनी सुविधा अनुसार भरे किंतु पांचवें खाने मोटीवेटर में 9416348400 जरूर भरे। ये मेरे नंबर हैं। ये नंबर भरने का अर्थ है मेरे खाते में आपके नंबर आ जाएंगे और आपको उत्तर उपलब्ध हो पाएंगे।
 विगत वर्ष जहां पांच लोगों को पुरस्कार मिले थे, इस बार अभी तक निम्र पांच लोगों को पुरस्कार मिल चुके हैं जो मेरे द्वारा मोटिवेटेड है। ये सज्जन हैं-
एक- रामकुमार
 दो -डाक्टर मुंशी राम
तीन -कार्तिक
चार-रेखा
पांच- रमलू
छह-अमीश कुमार
सात-दिनेश
अभी यह प्रतियोगिता 27 नवंबर तक जारी रहेगी। ऐसे में अभी और इनाम आने की पूरी संभावना है। यदि रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो वह तुरंत प्रभाव से आज रजिस्ट्रेशन करके 5 प्रश्नों के उत्तर भरे। 5 प्रश्नों के उत्तर यहां दिये गये हैं।
25 नवंबर 2024 के उत्तर निम्न है--
  उत्तर कोड-32414
 यदि किसी प्रकार की समस्या हो जानकारी लेनी हो तो 941634800 या 9306300700 ुपर संपर्क कर सकता है।
 अभी तक मेरा चल रहा है दसवां नंबर -
पूरे प्रदेश में मोटीवेटर की संख्या में मेरा कर्म दसवां है। विगत वर्ष टाप फाइव में नंबर था किंतु इस बार टाप 10 में अभी तक नंबर है। इसका मतलब है इस बार मेरे द्वारा कम लोगों को मोटिवेट किया गया है।




मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार 60
-या तो लाभ मिले ही नहीं या देरी से मिले
*********************************************************
****************************************************************
*********************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी विश्व रिकार्ड धारक डा. होशियार सिंह लंबे अरसे तक शिक्षा विभाग में सेवा देने के बाद 30 अप्रैल 2024 में सेवानिवत्त हो चुके हैं। लंबे समय तक शिक्षण का इतिहास संजोये हुए हैं। साथ में कई बार तबादले  विभिन्न सरकारों में हुए। डा. होशियार सिंह के विचार उन्हीं की जुबानी--
मुझे या तो किसी भी क्षेत्र में अपने सभी लाभ मिले ही नहीं या फिर देरी से मिले हैं। यह सत्य है की देरी से नौकरी मिली और वह भी एडहाक मिली। वर्ष 1995 में एडहाक सेवा में आए जिसे हिंदी में तदर्थ सेवा कहते है।  इस सेवा दौरान  अक्टूबर 2003 से नियमित माने गए, वह भी न्यायालय द्वारा नियमित किए गए। करीब 9 सालों का की सेवा तदर्थ सेवा होने का परिणाम यह हुआ कि मेरे साथ के जो शिक्षक साथी रहे वो एक नहीं तीन-तीन एसीपी पा चुके और मुझे दो एसीपी तक ही सब्र करना पड़ा। दूसरी एसीपी के अभी तक लाभ भी नहीं मिल पाये हैं।  तीसरी एसीपी इसलिए नहीं मिल पाई क्योंकि तदर्थ सेवा का लाभ सरकार नहीं देती है। सरकार से बार-बार मांग की गई कि तदर्थ सेवा को एसीपी में जोड़ा जाए किंतु तदर्थ सेवा को एसीपी लाभ से वंचित ही रखा है और अभी तक न कोई उम्मीद है कि यह लाभ पर अब मिल जाएगा। हो सकता है भविष्य में कोई इसका लाभ जरूर मिलेगा, ऐसा मुझे दृढ विश्वास है। जहां तक शिक्षक राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए तरसते रहते हैं। 15 सालों की नियमित सेवा के बाद ही अवार्ड के लिए आवेदन किया जा सकता है क्योंकि 2020 तक मैंने 15 साल की सेवा पूरी कर ली थी और पहली बार आवेदन किया, परिणाम में निकला कि मेरे से चार लाख रुपये अवार्ड के मांगे गये जो मैंने नहीं दिये। अगली साल फिर से आवेदन किया परिणाम वही शून्य रहा और तीसरी बार आवेदन किया तो वर्ष 2021 का पुरस्कार मिला। आश्चर्यजनक 2021 का पुरस्कार भी एक वर्ष बाद 2022 में मिला। शिक्षा विभाग की अजीब स्थिति यह रही कि अगर 2021 तक 55 साल उम्र नहीं हुई थी किंतु सरकार ने 2016 में एक नया नियम लागू कर दिया कि जिसकी उम्र 55 साल हो चुकी है और उन्हें पुरस्कार मिलता है तुमने किसी प्रकार का कोई लाभ नहीं दिया जाएगा अर्थात न तो दो अग्रिम/अतिरिक्त वेतनवृद्धियां  और न 2 साल का सेवा लाभ दिया जाएगा। केवल प्रशस्ति पत्र और राज्यपाल द्वारा मौके पर जो सम्मान दिया जाता है वह जरूर मिला है। इसके लिए भी लंबे समय से संघर्ष करते रहे किंतु अवार्ड के  लाभ मुझे नहीं दिय गये। कुछ ऐसे  निकृष्ट प्राचार्य में मिले जो यह लाभ देने से कांपते रहे, पूरे ही प्रदेश में कई दर्जन ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने सारे लाभ मिल चुके हैं जबकि उनकी उम्र 55 साल हो चुकी है। यह लाभ दे भी दिया जाए तो उसके लिए कोई प्राचार्य जिम्मेदार नहीं होता अपितु कर्मी स्वयं जिम्मेदार रहेगा जिसके लिए एक फार्म भी भरवा लिया जाता है। परंतु यह लाभ मुझे नहीं दिया गया। अब इस लाभ के लिए जहां न्यायालय की शरण ली हुई है और न्यायालय की शरण ली हुई है, जो निर्णय होगा वह माना जाएगा। बहरहाल राज्य शिक्षक पुरस्कार भी मिला उसका भी कोई लाभ नहीं मिला। फिर भी अपने आप में सदा मैं खुश रहा, खुशनसीब भी कहूंगा कि मुझे विभिन्न विद्यालयों में सेवा करने का मौका मिला। कुछ तो ऐसे स्कूल थे जिनमें माध्यमिक विद्यालय में भी सेवा दी आज वो राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक भी बने हुए हैं। जहां केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार के विभिन्न विद्यालयों में सेवा दी है।
एक इच्छा और भी थी कि विश्व रिकार्ड पुस्तक में नाम दर्ज करवाया जाए। उसके लिए वर्षों से प्रयास किया। कई प्राचार्यों ने जमकर मदद की क्योंकि जिस दिन से मैं पढ़ाना शुरू किया उसी दिन से ही इच्छा थी और सभी प्रमाण अपने पास संजोए हुए थे। कुछ ऐसे निकृष्ट प्राचार्य भी मिले जिन्होंने इस मामले में भी मेरी टांग खींची। आखिरकार विश्व रिकार्ड बुक तथा इंडिया बुक रिकार्ड में मेरा नाम शिक्षण के क्षेत्र में दर्ज हो गया क्योंकि पढ़ाते वक्त एक पल भी कुर्सी नहीं ग्रहण की थी जिसका परिणाम मुझे मिला। यह परिणाम भी देरी से ही आया है। इसके लिए भी बार-बार आवेदन भी किया था किंतु पहले कोई लाभ नहीं मिला था। अब अगला टारगेट पद्म पुरस्कार है। इसके लिए इस बार से आवेदन शुरू कर दिया है और मुझे दृढ़ विश्वास है कि आने वाले समय में पद्म पुरस्कार भी मिलेगा परंतु यह भी देरी से मिलेगा। एक और विश्व रिकार्ड एवं इंडिया बुक रिकार्ड में नाम दर्ज करवाने जा रहा हूं कि 40 सालों से साइकिल चलाता आया हूं। साइकिल से सभी कार्य किया जा रहे हैं। इसलिए मुझे पूर्ण विश्वास है कि इंडिया बुक का रिकार्ड में मेरा यह नाम भी दर्ज हो जाएगा और जल्द ही सूचना भी आप लोगों को दे दी जाएगी।
शायद हरियाणा का एकमात्र मेरा केस है जब बच्चे पढ़ रहे हैं और मैं सेवानिवृत्त हो गया हूं क्योंकि हरियाणा सरकार का नियम है कि जिसके बच्चे 12वीं कक्षा तक पढ़ते हैं उन्हें बाल शिक्षा भत्ता दिया जाता है और मुझे इस लाभ से भी वंचित कर दिया गया है। इसके लिए भी न्यायालय की शरण ले ली है ताकि आने वाले समय में यह लाभ भी मुझे मिल सकेगा, पर लाभ देरी से मिलेगा। आश्चर्यजनक बात है कि जानबूझकर एक घटिया प्राचार्य ने तो एक दिन का अर्जित अवकाश काट लिया है जबकि उस दिन मैं हाजिर था। इस मामले को न्यायालय तक पहुंचा दिया है साथ में जितने अर्जित अवकाश मिलने चाहिए उतने नहीं मिले। अर्जित अवकाश काट लिए गए हैं जिसे भी न्यायालय तक में पहुंचा दिया गया है। आने वाले समय में मुझे पूर्ण विश्वास है कि अर्जित अवकाश और बाल शिक्षा भत्ता लाभ जरूर मिलेगा। जिन प्राचार्य ने इन लाभों से वंचित रखा उनका फैसला भगवान करेगा, न्यायालय में चाहे जो भी फैसला आए वह स्वीकार होगा। अगर न्यायालय में मामला हार भी गया तो डबल बेंच तक पहुंचाया जाएगा और यही नहीं जिन प्राचार्यों ने मेरे साथ अन्याय किया उनको बाय नेम न्यायालय से नोटिस भिजवा दिये जाएंगे।




जिला में 26 से खुलेंगे सभी शिक्षण संस्थाएं व स्कूल
-डीसी डा. विवेक भारती ने ग्रैप-4 को लेकर हुई बैठक के बाद लिया फैसला
*********************************************************
****************************************************************
*********************************************************
कनीना की आवाज।
 उपायुक्त डॉ विवेक भारती ने कहा कि जिला महेंद्रगढ़ में एयर क्वालिटी इंडेक्स में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। ऐसे में 26 नवंबर से जिला के सभी स्कूल व शिक्षण संस्थाएं खुलेंगे।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चौथे चरण (ग्रैप-4) को लेकर डीसी की अध्यक्षता में लघु सचिवालय में हुई अधिकारियों की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया।
डीसी ने कहा कि एयर क्वालिटी इंडेक्स में हो रहे सुधार के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है कि 26 नवंबर से सभी स्कूल तथा शिक्षण संस्थाएं पहले की तरह खुली रहेंगी।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण में सुधार के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। सड़कों तथा पेड़ों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
जिला में सभी प्रकार की निर्माण गतिविधियों पर रोक है। इस संबंध में सभी विभाग अध्यक्षों को भी पत्र जारी करके स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जिला में ग्रैप-4 को सख्ती के साथ लागू करें। सभी एसडीएम अभी भी अपनी टीम के साथ 24 घंटे निगरानी करेंगे।  जिला में चल रहे निर्माण कार्य जैसे हाईवे, रोड, फ्लाईओवर, ओवर ब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन तथा टेलीकम्युनिकेशंस आदि सभी कार्य स्थगित किए गए हैं।
उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया कि वे अपने आसपास के वातावरण को साफ सुथरा तथा शुद्ध रखें। जिम्मेदार नागरिक का परिचय देते हुए कूड़े पर आग ना लगाएं।
उन्होंने कहा कि हम सभी का प्रयास होना चाहिए कि जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार हो। कूड़ा करकट जलाने पर पाबंदी है। उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसा कार्य जिससे धूल व धुआं उत्पन्न हो वह पाबंदी की श्रेणी में है।




डा.प्रशांत को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए बलदेव राज मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया
--कनीना के निवासी हैं डा. प्रशांत
*********************************************************
****************************************************************
*********************************************************
कनीना की आवाज।
कनीना के वार्ड नंबर 8 के निवासी डा. प्रशांत कुमार को एसीएसआइआर, भारत-आरएमआइटी यूनिवर्सिटी, आस्ट्रेलिया संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम के तहत पीएचडी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रोफेसर बलदेव राज मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार 23 नवंबर 2024 को भारत मंडपम कंवेंशन सेंटर, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित वैज्ञानिक और अभिनव अनुसंधान अकादमी (एसीएसआईआर) के 8वें दीक्षांत समारोह के दौरान प्रदान किया गया।
यह प्रतिष्ठित पुरस्कार, जिसमें 40,000 का पुरस्कार और एक प्रशस्ति पत्र शामिल है, डा. जितेंद्र सिंह, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, सरकार द्वारा प्रदान किया गया।
डा. कुमार के पदार्थ विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी में अभूतपूर्व अनुसंधान को इसके महत्वपूर्ण नवाचार और सामाजिक प्रभाव के लिए मान्यता दी गई। यह मान्यता डा. कुमार की वैज्ञानिक उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता और अनुसंधान को समाज में सार्थक योगदान में बदलने के उनके जुनून को रेखांकित करती है।
डा. कुमार ने अपने गुरुजनों के अमूल्य मार्गदर्शन और अपने परिवार, विशेषकर अपने दादाजी अमर सिंह, पिता मास्टर सतीश कुमार, माता कैलाश देवी के अटूट सहयोग को धन्यवाद दिया, जिनके प्रोत्साहन ने उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा अन्य सदस्यों कमल पार्षद, बलवान आर्य, मास्टर भारत पाल और सतेंद्र शास्त्री,पवन कुमार आदि ने भी खुशी जताई।
फोटो कैप्शन 04: डा प्रशांत कुमार कनीना को पीएचडी की उपाधि एवं सम्मान देते हुए।



10 दिन से रजिस्ट्री क्लर्क ना होने के कारण लोग परेशान, ध्यान देने वाला कोई नहीं
-एसडीएम ने दिया आश्वासन
*********************************************************
****************************************************************
*********************************************************
कनीना की आवाज।
पिछले 10 दिन से रजिस्ट्री क्लर्क न होने के कारण रजिस्ट्री बनवाने वाले लोग परेशान हैं। कनीना बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान हरीश गाहड़ा, कनीना बार एसोसिएशन के उप प्रधान सुनील राव ककरालिया ,धर्मवीर फौजी, अनमोल सिंह एडवोकेट , नवीन कौशिक एडवोकेट, रघुराज मानपुर एडवोकेट, राकेश मानपुर एडवोकेट, सुनील चौधरी एडवोकेट, सुधीर एडवोकेट के अलावा अन्य लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 10 दिन से कनीना तहसील में कोई रजिस्ट्री नहीं हुई जिसके कारण अधिवक्ताओं ने प्रशासन के प्रति रोष प्रकट किया है। उन्होंने बताया कि कनीना में पिछले 10 दिन से रजिस्ट्री क्लर्क न होने के कारण रजिस्ट्री करवाने वाले, वसीयत,सेल डीड ब्लड डीड आदि न होने के कारण लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।  अधिवक्ताओं ने यह भी बताया कि यहां  दो तहसीलदार बैठते हैं, उपमंडल अधिकारी बैठते हैं उसके बावजूद भी इस समस्या की ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं है जिसके कारण आए दिनलोग  परेशान होकर वापस जा रहे हैं। उनके दुख और तकलीफ को दूर करने के लिए प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा है। अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री हरियाणा से मांग कर कनीना तहसील में तुरंत प्रभाव से रजिस्ट्री क्लर्क बैठाने की गुहार लगाई है ताकि लोगों के कार्य समय पर पूरे हो सके। वहीं एसडीएम कनीना अमित कुमार से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमने रजिस्ट्रेशन क्लर्क बैठा दिया है और हमारा रजिस्ट्री से संबंधित कार्य शुरू हो गया है अब किसी भी आदमी को यहां परेशानी नहीं होगी।
 फोटो कैप्शन 03: रजिस्ट्रेशन क्लर्क के कार्यालय का ताला बंद लोग रोष प्रकट करते हुए





पेंशन के लिए खा रही है दर- दर की ठोकरें
--दिव्यांग प्रमाण पत्र होने के बावजूद भी परेशान
*********************************************************
****************************************************************
*********************************************************
कनीना की आवाज।
दिव्यांग महिला का प्रमाण पत्र होने के बावजूद भी दिव्यांग पेंशन नहीं मिलने से महिला दर-दर की ठोकर खाने पर विवश हो रही है। पीडि़त बिमला शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि उसने समाज कल्याण विभाग नारनौल में जाकर कई बार फाइल जमा करवाई है लेकिन उसके बावजूद भी दिव्यांग पेंशन का लाभ आज तक नहीं मिला है।
  हरियाणा सरकार बुढ़ापा व दिव्यांग पेंशन को लेकर बार-बार कह रही है कि जिस भी पात्र की सभी शर्तें पूरी होगी उसे पेंशन से वंचित नहीं किया जाएगा किंतु इनके सभी कागज पूरे होने के बाद दिव्यांग पेंशन नहीं बन पा रही है। बिमला शर्मा ने बताया कि वे अपनी फाइल को लेकर समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में जमा जाकर कई बार धक्के खा चुकी है लेकिन उनका कार्य नहीं हुआ।  उन्होंने यह भी बताया जब इस फाइल के बारे में उन्होंने विभाग से पता किया तो नारनौल समाज कल्याण विभाग ने बताया कि 6 महीने पहले से आपकी फाइल चंडीगढ़ से अपडेट हो चुकी है, पेंशन जल्द ही आ जाएगी लेकिन उसके बावजूद भी  6 महीने का समय बीत गया है लेकिन मुझे दिव्यांग को कोई पेंशन नहीं मिली। घर में कोई सरकारी नौकर नहीं है।   







संविधान दिवस -26 नवंबर
भारत का संविधान बेहतरीन संविधानों में से एक -डा मुंशी राम
*********************************************************
****************************************************************
*********************************************************
कनीना की आवाज।
भारत का संविधान बेहतरीन संविधानों में से एक माना गया है। वर्ष 2015 में भारत सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए 2015 से यह दिवस हर साल मनाया जाता आ रहा है। भारत का संविधान है जो अलग-अलग धर्म एवं जातियों की भारत की 140 करोड़ की आबादी को एक देश की तरह जोड़ता है। इसी संविधान के तहत हमारे देश के सभी कानून बनते हैं। संविधान के तहत सुप्रीम कोटर्, हाई कोर्ट समेत देश की सभी अदालतें, सांसद राज्यों के विधान मंडल, प्रधानमंत्री समिति सभी इसी के तहत काम करते और इसी के तहत हम सभी को अधिकार भी मिलते हैं कि हम सब पूरी स्वतंत्रता और समानता के साथ जी रहे हैं। इस संबंध में कुछ विद्वत जनों से बात की जिनके विचार निम्न हैं।
**संविधान दिन का मकसद देश के नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ाना है। हालांकि भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था जिसका जश्न 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं परंतु 26 नवंबर का दिन देश के राष्ट्रीय कानून दिवस भी के रूप में मनाया जाता है। संविधान दिवस कभी नहीं भुलाया जा सकता। 26 नवंबर 1949 के दिन देश की संविधान सभा ने संविधान को अपनाया था ,यही वह दिन है जब संविधान बनकर तैयार हो गया था।
यह संविधान है जो हमें आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। संविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारे ढाल बनकर हमारा हक दिलाते हैं वहीं मौलिक कर्तव्य जिम्मेदारी भी याद दिलाते हैं। 26 नवंबर का वह दिन देश में राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारे संविधान को 2 वर्ष 11 माह 18 दिन बनने में लगे थे। 26 नवंबर 1949 का पूरा हुआ था और अपनाया गया था। इस संविधान को बनाने के लिए विधानसभा का गठन किया गया था। जवाहरलाल नेहरू, डा. राजेंद्र प्रसाद ,डा. भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि सभा के प्रमुख सदस्य थे। जबकि ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष डा. भीमराव अंबेडकर थे इसलिए ने संविधान निर्माता कहा जाता है।
---डा. शर्मिला यादव सहायक प्रोफेसर
26 नवंबर का दिन भारतीय इतिहास का एक अविस्मरणीय दिन है क्योंकि 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान बनकर तैयार हो गया था। भारतीय संविधान निर्माण एक विधानसभा द्वारा तैयार किया गया था। संविधान सभा के गठन 1946 में कैबिनेट मिशन के तहत किया गया जिसमें 389 सदस्य को निर्वाचित किया गया जिसमें से 292 ब्रिटिश प्रति के प्रतिनिधित्व 93 देसी रियासतों के प्रतिनिधि एवं चार सदस्य की कमिश्नरी क्षेत्र से थे। संविधान का पहला प्रारूप सिद्धांत सभा सचिवालय द्वारा बीएन राव के निर्देशन में तीन परतों में तैयार किया जिसके अध्यक्ष डा. राजेंद्र प्रसाद थे। इसके बाद प्रारूप समिति ने डा.भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में सिद्धांत तैयार किया जिसको बनाने में 2 वर्ष 11 महीना 18 दिन का समय लगा भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
संविधान किसी भी देश की आत्मा होती है। संविधान में उस देश के आदर्श निहित होते हैं। भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। यह जितना कठोर है  उतना ही लचीला भी है। हमें अपने देश के संविधान तथा उसकी प्रस्तावना पर गर्व है। संविधान का तथा इसके आदर्श का पालन करना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है।
भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो चुका था और संविधान सभा के सभी सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर कर इसे अंतिम रूप प्रदान कर दिया था किंतु इसे तत्काल लागू न कर 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। तभी से 26 जनवरी को पूरे देश में गणतंत्र दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। वस्तुत 26 जनवरी 1930 को देश में प्रथम बार स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया गया था और तभी से आजादी प्राप्त होने तक 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा। देश के इतिहास में 26 जनवरी के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए ही 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया और इसे गणतंत्र दिवस घोषित किया गया। किंतु ऐसा करते समय 26 नवंबर 1949 के ऐतिहासिक दिन के महत्व को इतिहास में भुला दिया गया। संविधान निर्माताओं को इतिहास में उचित सम्मान दिलाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डा. बी आर अंबेडकर की 125 वीं जयंती के अवसर पर यह घोषणा की कि 26 नवंबर 2015 को भारत केप्रथम संविधान दिवस के रूप में मनाया जाएगा। यह उल्लेखनीय है कि डा. बीआर अंबेडकर संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे और उन्होंने संविधान निर्माण में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस प्रकार वर्ष 2015 से 26 नवंबर को प्रतिवर्ष संविधान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस दिन भारतीय संविधान की प्रस्तावना सभी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में सभी विद्यार्थियों द्वारा पढ़ी जाती है।
---डा. मुंशीराम वरिष्ठ प्रवक्ता
फोटो कैप्शन: डा मुंशीराम, डा. शर्मिला यादव


 गुरु रविदास विश्व महापीठ हरियाणा प्रदेश के सभी नवनियुक्त पदाधिकारी की बैठक मथाना में
--26 नवंबर को होगी बैठक
*********************************************************
****************************************************************
*********************************************************
कनीना की आवाज।
श्री गुरु रविदास विश्व महा पीठ हरियाणा प्रदेश की पहली प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक 26 नवंबर संविधान दिवस के अवसर पर सुबह 10 बजे,गांव मथाना  कुरुक्षेत्र,हरियाणा में रखी गई है जिसमें मुख्य अतिथि राज्यपाल बिहार  माननीय राजेंद्र अरलेकर  होंगे।  विस्तृत जानकारी देते हुए रामनिवास दुबट ने बताया कि इस बैठक में  राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व विधायक उत्तराखंड रविदासाचार्य सुरेश राठौड़ ,कैबिनेट मंत्री हरियाणा कृष्ण लाल पवार ,पूर्व कैबिनेट मंत्री हरियाणा बनवारी लाल , बनतो कटारिया ,राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सूरज भान कटारिया अध्यक्षता में होगी। उन्होंने बैठक में भाग लेने की अपील की है।





राष्ट्रीय स्तर पर भरतनाट्यम प्रस्तुति में प्रथम स्थान पाया
-प्राचार्य नवोदय करीरा ने दी बधाई
*********************************************************
****************************************************************
*********************************************************
कनीना की आवाज।
पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा जिला महेंद्रगढ़ ने क्षेत्रीय एकीकरण बैठक 2024-25 में परफार्मिंग आर्ट केटेगरी की  प्रतियोगिता में भरतनाट्यम प्रस्तुति द्वारा प्रथम स्थान हासिल कर राष्ट्रीय स्तर पर विद्यालय का नाम रोशन किया।
यह विद्यालय के इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है और यह दर्शाता है कि विद्यालय के विद्यार्थी न केवल शैक्षिक रूप से बल्कि कला के क्षेत्र में भी उत्कृष्टता प्राप्त कर रहे हैं। पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय, पाओटा, जयपुर में आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में, महेन्द्रगढ़ के विद्यार्थियों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से सभी को चकित कर दिया।
प्रसिद्ध भरतनाट्यम गुरु डा. नीरजा शर्मा के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने एक महीने की कार्यशाला में कड़ी मेहनत की और अपनी कला को निखारा। उनके अथक प्रयासों का फल यह रहा कि उन्होंने न केवल करनाल क्लस्टर का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया बल्कि राष्ट्रीय एकीकरण बैठक में भाग लेने का सुनहरा अवसर भी हासिल किया।
विद्यालय के प्राचार्य राजीव कुमार सक्सेना ने इस अद्वितीय सफलता पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि यह विद्यार्थियों के समर्पण और प्रतिभा का प्रमाण है। उन्होंने सभी शिक्षकों, विशेषकर संगीत शिक्षिका संगीता मिश्रा, काउंसेलर  सुमन और मेट्रन सरोज का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह जीत न केवल विद्यालय के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गौरव का विषय है। अब सभी की नजरें राष्ट्रीय एकीकरण बैठक पर टिकी हैं, जहां महेन्द्रगढ़ के विद्यार्थी अपनी कला का परचम लहराएंगे।
फोटो कैप्शन 02: करीरा नवोदय के विद्यार्थी पुरस्कार पाते हुए।

No comments: