17 नवंबर से पहले पहले करें भगवतगीता के लिए रजिस्ट्रेशन
--पूर्ण विवरण इस समाचार में दिया है
--सर्टिफिकेट्स एवं प्रतिदिन इनाम का प्रावधान
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कनीना की आवाज। भगवत गीता प्रश्नोत्तरी के लिए रजिस्ट्रेशन जारी है जिसकी रजिस्ट्रेशन के लिए विस्तार से निम्न जानकारी दी हुई है। प्रतिदिन एक एक हजार के दस दस पुरस्कार सही उत्तर देने वह चयन होने पर विद्यार्थी वर्ग, आम पब्लिक, दूसरे स्टेट के विद्यार्थी, दूसरे स्टेट का आम आदमी, ओडिशा के विद्यार्थी, ओडिशा के आम आदमी को दिये जाते हैं। 11 दिन प्रश्रोत्तरी चलेगी। अंत में फिर से ओवरआल इनाम मिलेगा। सभी को गीता की सर्टिफिकेट तो मिलेगी ही। 17 नवंबर से पहले रजिस्ट्रेशन करवा ले जो सरल है। रजिस्ट्रेशन का तरीका नीचे दिया गया है। अपना रजिस्ट्रेशन निम्र तरीकें से करें--
कृपया इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक भाग ले
होशियार सिंह कनीना पत्रकार
भगवतगीता प्रश्रोत्तरी Registration for gita Prashanmala
1. सबसे पहले निम्र को क्लिक करें--
https://igmquiz.in/
. 1 पब्लिक हरियाणा/स्टूडेंट हरियाणा/स्टूडेंट ओडिशा/स्टूडेंट बाकी स्टेट
2. गांव का नाम
3 अपना नाम
4 अपने फोन नंबर
5 मोटिवेटर 9416348400
मोटिवेटर का ध्यान रखे इसमें केवल 9416348400 ही भरे
FAQs about Quiz
Quiz : 17 Nov to 27 Nov. (Total 11 days)
Mode of Quiz : Online
Question Topics : Principles of the Gita and Their Application in Daily Life
No. of Questions: Daily 5 (Total 55)
Time: Whole Day (24 hours)
Attempt Time Limit: No Time Limit
Submission of Answer: Multiple time allowed
Loginid/ Userid: Mobile Number
Password: OTP Generated at the time of Registration
Please don't share your OTP to anyone.
We never ask any bank details over phone
खबर भेज कर पत्रकार को फोन पर सूचना जरूर दे
-सूचना नहीं देने वाले कृपया न भेजें मेरे व्हाट्सएप पर खबर
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कनीना की आवाज। आजकल मोबाइल पर एक नई परंपरा शुरू हो गई है, बस व्हाट्सएप पर अपना नाम चमकाने के लिए इधर उधर क बातें भेज दो। प्रतिदिन सैकड़ों ऐसे संदेश आ रहे हैं। कुछ तो इधर-उधर की वो फोटो भेजते हैं जो किसी काम की नहीं, ऐसी फोटो भेजते हैं जिसको देखने से कोई लाभ नहीं है बल्कि भेजने वाले और देखने वाले दोनों के इंटरनेट डाटा एवं समय बर्बाद होता है। कुछ की तो आदत बन गई है कि नमस्ते जी भेजना या अनावश्यक वीडियो भेजना। व्हाट्सएप पर इतने संदेश यूं ही पड़े रहते जिनको अनेक लोग चेक नहीं कर पाते। ऐसे में वो व्यक्ति जो मेरे पास व्हाटसअप पर समाचार भेजतेे हैं, समाचार भेजने के बाद अगर फोन पर सूचना नहीं देेते अर्थात फोन नहीं करते तो यह समझ लेना कि उनके समाचार शायद ही लग पाए क्योंकि मेरे को जो फोन करके बताता है उन्हीं के समाचार मैं उठा पाता हूं, वैसे भी समाचार भेजने वाले शायद यह समझते हैं कि उन्होंने समाचार भेजकर पत्रकार पर बड़ा एहसान कर दिया? याद रहे समाचार तैयार करना, भेजना सब समय और पैसे की बर्बादी होती है परंतु जनहित में यह काम चल रहा है। अखबार विशेष कर मेरा अखबार मुझे एक नया पैसा भी कोरोना काल के बाद से नहीं दे रहा है। रही बात विज्ञापन की तो जब किसी से विज्ञापन की बात की जाए तो मुंह चढ़ाते हैं। ऐसे में कृपया केवल वही व्यक्ति समाचार भेजें जो मेरे को फोन पर सूचित करें अन्यथा आपके समाचार नहीं लगा पाएंगे, अपने समाचार अपने पास ही रखे।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस-11 नवंबर
शिक्षा इंसान को पूजा के काबिल बनाती है-सत्येंद्र
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कनीना की आवाज। 2008से राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जा रहा है। शिक्षा दिवस मनाने का उद्देश्य शिक्षकों को अपनी जिम्मेदारी और अहमियत के प्रति जागरूक करना है। उनकी मेहनत के लिए उन्हें सम्मानित करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। जिस प्रकार शिक्षा हमारे जीवन को स्वर देती है उसी प्रकार शिक्षक, शिष्य के जीवन को स्वर देता है। सदा ही शिक्षकों का आदर रहा है और रहेगा। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की पूर्व संध्या पर कुछ सम्मानित शिक्षकों से बात हुई
** शिक्षा वहीं जो इंसान को संस्कारवान बनाये। हमारे प्रथम गुरु माता-पिता ही होते हैं जो इस दुनिया में लाते हैं। माता-पिता की छांव में बच्चे सीखते हैं, संस्कार ग्रहण करते हैं। बच्चा जब बड़ा होता है तो उसका सामना समाज जीवन की वास्तविकता से होता है। तब शिक्षक अपने ज्ञान और मार्गदर्शन के रूप में आगे बढ़ाने में सही राह दिखाता है। इसकी मेहनत पर एवं शिक्षा के बल पर शिष्य अपनी ऊंचाइयों की और अग्रसर होता है। शिक्षक को शिष्य कभी नहीं भुला सकता। शिक्षक सम्मान की दृष्टि से देखा जाता रहा है और देखा जाता रहेगा। शिक्षक ही है जो हर विद्यार्थी में गुण भर देता है जिसके बल पर विद्यार्थी ऊंचाइयों को छू जाता है। शिक्षा के बल पर ही इंसान नाम ेमाता है।
---सत्येंद्र सिंह प्राध्यापक
समस्त विश्व में जिस भी युग में बदलाव आये वो शिक्षकों की भागीदारी का गवाह है। सह सब शिक्षा के कारण संभव हो पाया। गुरू वशिष्ठ , विश्वामित्र, द्रोणाचार्य, संदीपनी सबने अपने साथ शिष्यों को लेकर बदलाव व मूल्यों की स्थापना की। चाणक्य, माक्र्स, अरस्तु, ने राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक सभी क्षेत्रों में नये आयाम दिए तथा मानव जीवन को सुंदर बनाने का प्रयास किया। चिकित्सा, विज्ञान , खगोल जैसे विषयों पर आज भी विश्व के वैज्ञानिक जो रिसर्च कर रहे हैं वह भी ऋषि मुनियों ने संसार को दी हैं। शिक्षकों के द्वारा ही विद्यार्थी आगे के जीवन को सार्थक बनाता है । आज के युग में शिक्षक की महता ओर अधिक है क्योंकि ये आर्थिक स्पर्धा का युग है और इसमें विद्यार्थी सही मूल्यों को अपनाकर मानव कल्याण की भावना के साथ विश्व के विकास में योगदान दे सके। शिक्षा ने इस दिशा में सबसे अहं भूमिका निभाई है।
---सुरेश कुमार, प्राध्यापक
राष्ट्रीय दिवस का संबंध शिक्षक एवं शिक्षा से है। दुनिया को राह दिखाने वाला शिक्षक खुद किंमकर्तव्यविमूढ़ हो रहा है। आज प्रगति के नाम पर शिक्षा का बाजारीकरण चिंता का विषय है अभिभावक अपने बच्चों की भावनाओं को ताक पर रखकर अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं, वही बच्चों की हालत एक निरीह प्राणी की हो गई है। देश के सबसे ज्यादा डाक्टर बनने की होड़ कोटा से चलती है। जहां आए दिन होनहारों का जीवन त्याग करना, हमारी शिक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगता है। मेरी शिक्षा के कर्ताधर्ताओं से अपील है कि वे शिक्षक की वही गरिमा बहाल करें। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो जीवन में अमूल चूल परिवर्तन कर दे।
--मदनलाल, पूर्व शिक्षक
**शिक्षा से परिपूर्ण शिक्षक अपने आप में बड़ा ही गौरवशाली एवं प्रतिष्ठित पद है। एक विद्यार्थी के जीवन के साथ-साथ परिवार, समाज और राष्ट्र निर्माण में शिक्षक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। इसलिए शिक्षक को राष्ट्र का निर्माता कहा गया है जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता है शिक्षक शब्द की उत्पत्ति संस्कृत की शिक्ष धातु से हुई है इसका अर्थ है सीखना और सीखना जो जीवन पर्यंत चलता रहता है। चाणक्य ने शिक्षक को परिभाषित करते हुए कहा है कि एक विद्यार्थी के सम्पूर्ण जीवन का निर्माण और प्रलय उसकी गोद में पलते हैं। दुनिया में शिक्षक ही गौरवमयी पद है जो हमेशा अपने विद्यार्थी को अपने से ऊपर देखना चाहता है।
--राजेश कुमार, शिक्षक
एक शिक्षक को आदर्शवादी और प्रगतिशील विचारधारा के साथ-साथ हमेशा सृजानात्मक ,नवीनतम आधुनिक ज्ञान कौशल और अधिगम की दिशा में निरंतर प्रयास करना चाहिए और ईमानदारी , स्वच्छता पूर्ण ,पारदर्शिता शैली के साथ सतत् प्रगतिशील विचारधारा का निर्माण कर समाज को एक नई दिशा देनी चाहिए। चिंतनशील विचारधारा और महान् व्यक्तित्व तो वास्तव में शिक्षक ही होता है जो अपने आदर्शवादी विचारों से विद्यार्थी और समाज की दिशा और दशा बदलने में कारगर सिद्ध हो सकता है। आधुनिक युग में भी शिक्षक का बहुत बड़ा सम्मान है। ऐसा शिक्षा के कारण ही संभव हो पाया है। शिक्षा के बल पर इंसान ने विश्व में ख्याति अर्जित कर ली है।
***मदनमोहन कौशिक प्राध्यापक
फोटो कैप्शन:मदनमोहन कौशिक, राजेश कुमार, सुरेश कुमार, सत्येंद्र सिंह, मदनलाल
मेरा शिक्षा का शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार- 51
--जब होशियार सिंह से मिलने के लिए भी इंतजार करना पड़ता था
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कनीना की आवाज। कनीना निवासी डा. होशियार सिंह यादव, विश्व रिकार्ड धारक 30 अप्रैल 2024 को कनीना उपमंडल के गांव धनौंदा से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्होंने लंबे अरसे तब शिक्षा के क्षेत्र में सेवाएं दी है। यूं तो उन्हें हरियाणा राज्य शिक्षक पुरस्कार भी मिला हुआ है और पुरस्कारों का घर पर ढेर लगा हुआ है। परंतु जैसा नाम है वैसा ही इनका स्कूल में काम रहा है। एक वक्त था जब इनसे मिलने के लिए कोई आ जाता तो उसे घंटी खत्म होने का इंतजार करना होता था। यही नहीं नियमों के सख्त और चपरासी भी कक्षा में आने से डरते थे। इस संबंध में डा. होशियार सिंह के खास दोस्त नरेश कौशिक खरकड़ाबास मुख्याध्यापक ने डा. होशियार सिंह से मिलने की एक दास्तान सुनाई जो नरेश कौशिक की जुबानी यहां वर्णित है। सुनिये नरेश कौशिक क्या कहते हैं--
नरेश कौशिक ने बताया कि होशियार सिंह जिद के पक्के और काम के प्रति पूर्ण समर्पित भाव, पढ़ाने में लीन रहते थे। मेरी दोस्ती और होशियार सिंह से 1995 से है, जब मैं पहली बार हीरो पुक बाइक लाया जिसको देखकर होशियार सिंह भी रेवाड़ी से हीरो पुक, 3 गियर वाली लेकर आए थे। दोनों हम मिलते रहते थे,आपस में बहुत चर्चा करते थे क्योंकि उस समय होशियार सिंह 1995 में झूक स्कूल में लगे हुए थे। एक दिन मुझे झूक जाने का मौका मिला जहां बड़ी मुश्किल से स्कूल के अंदर प्रवेश करने दिया। मैं चपरासी से पूछा कि होशियार सिंह से मिलना है। उन्होंने कहा -तो पूरी घंटी इंतजार कीजिए, क्योंकि वह क्लास में है और जब तक वह क्लास में रहेंगे किसी की हिम्मत नहीं कक्षा में जाकर उन्हें कुछ कहा जाए। जब नरेश कौशिक ने चपड़ासी से कहा कि कहना कि नरेश कौशिक आए हुए हैं, तब जाकर चपरासी कक्षा में गया और बताया। तब होशियार सिंह का उत्तर था कौशिक साहब को बिठाओ और कह दो जब घंटी खत्म होगी तभी वो आकर मिलेंगे।
तत्पश्चात घंटी समाप्त हुई और उसके बाद होशियार सिंह आए और मुझे मिले। यह थी उनकी पढ़ाने का लगन और मेहनत। वो अकसर कहते आए हैं कि जो व्यक्ति आज चपरासी है, हमें पानी पिलाते हैं वह कल वो बाबू बन जाते हैं तो उनमें पता नहीं क्या बदलाव आ जाता है, वो कुर्सी पर बैठने की शिक्षकों एवं प्राचार्यों तक नहीं बोलते, चाय पिलाना तो दूर। वो शिक्षकों को फिर ऐसे दिखते हैं जैसे कोई लूटेरा आ गया हो।
होशियार सिंह नहीं चाहते कि कोई शिक्षक कुर्सी पर बैठे और पढ़ाये। वे कुर्सी के विरोधी रहे हैं। यही कारण है कि 40 वर्ष तक बिना कुर्सी पर बैठे शिक्षण किया जिसके चलते होने विश्व रिकार्ड धारक की उपाधि मिल चुकी है।
कनीना माडल स्कूल में भी यही हालत थी कि उन्होंने चपरासी एवं साथियों से कह रखा था कि जब मैं कक्षा में हूं और कोई उनसे मिलने आए उन्हें बिठा देना क्योंकि विद्यार्थियों के लिए एक थोड़ा सा समय मिलता है और वह इधर-उधर बर्बाद कर दिया जाए तो अनुचित होगा। इन बच्चों की फिर क्या हालत होगी? यह बच्चे गरीब तबके के होते हैं, इनको पूर्ण लगन से पढऩा चाहिए। यही कारण है कि सरकारी स्कूलों के प्रति होशियार सिंह का विशेष लगाव रहा है। नरेश कौशिक जो वर्तमान में राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में मुख्याध्यापक बतौर कार्यरत हैं। उन्होंने ये सारे बातें अपनी जुबान सेे सुनाई जिसको सुनकर खुशी होती है कि शिक्षक हो तो ऐसा ही होना चाहिए।
जिला में खाद की किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है -डीसी डा. विवेक भारती
-अब तक लगभग 11284 मीट्रिक टन डीएपी किसानों को उपलब्ध करवाया जा चुका है
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कनीना की आवाज। जिला में इस बार के संभावित बिजाई रकबे के अनुसार 13500 मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता है। अब तक लगभग 11284 मीट्रिक टन किसानों को उपलब्ध करवाया जा चुका है। जिला में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है किसान किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें।
उपायुक्त डॉक्टर विवेक भारती ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ में रबी सीजन में सरसों, गेहूं, चना मुख्य फसले हैं जिनका अनुमानित बिजाई क्षेत्र (सरसों 250000 एकड़ तथा गेहूं का 80000 एकड़ व चने का 15000 एकड़) रहने की संभावना है जिसकी कुल आवश्यकता 13500 मीट्रिक टन है जिसमें से लगभग 11284 मीट्रिक टन किसानों को उपलब्ध करवाया जा चुका है। जिला में सरसों व चने की बिजाई लगभग पूरी हो चुकी है और गेहूं की बिजाई भी 20-25 प्रतिशत से ज्यादा हो चुकी है । जिले में डीएपी खाद की सप्लाई सुचारू रूप से चल रही है खरीफ सीजन की बिजाई का कार्य जुलाई माह में पूर्ण हो जाता है तथा अगस्त में उसके बाद प्राप्त होने वाला डीएपी खाद रबी सीजन की बिजाई के लिए प्रयोग होता है जिसे किसान गेहूं व सरसों की बिजाई के लिए समय से पहले ही अपना स्टॉक करने का प्रयास करता है ।
अगस्त महीने की पहली तारीख को जिले में खाद का स्टॉक 831 एमटी था तथा अब तक 10453 एमटी और खाद प्राप्त हुआ है अत: कुल 11284 एमटी डीएपी खाद हमारे पास उपलब्ध था जिसमें 10495 एमटी का वितरण हो चुका है तथा शेष 789 एमटी डीएपी खाद आज भी स्टॉक में उपलब्ध है।
इसके साथ-साथ वैकल्पिक खाद एनपीके 5684 एमटी प्रयोग हो चुका है तथा 1414 एमटी एनपीके खाद स्टॉक में आज भी उपलब्ध है। इसी प्रकार एसएसपी खाद 996 एमटी खाद प्रयोग हो चुका है तथा 832 एमटी खाद स्टॉक में आज भी उपलब्ध है।
6 नवंबर को को खोरी रेक पॉइंट से जिले को लगभग 1325 एमटी डीएपी व 322.5 एमटी टीएसपी खाद प्राप्त हुआ है तथा 11 नवंबर को भी एक रैक एनपीके का खोरी रेक पॉइंट पर उपलब्ध होने की संभावना है। इस प्रकार हमारे जिले में डीएपी खाद व अन्य वैकल्पिक खाद समय-समय पर किसानों को उपलब्ध हुआ है तथा जिले में खाद की सप्लाई सुचारू रूप से जारी रही किसी प्रकार की जिले में खाद की समस्या नहीं है। किसानों को खाद कोऑपरेटिव सोसाइटी, पैक्स व खाद विक्रेताओं के माध्यम से समय समय पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिला महेंद्रगढ़ में खाद की किसी प्रकार की कोई समस्या रहने की संभावना नहीं है। किसान अपनी फसलों में संतुलित खाद का ही प्रयोग करें। अधिक खाद के प्रयोग से जमीन कि उर्वरा शक्ति समाप्त होती है।
चौधरी रामनिवास खेड़ी बने महापीठ के प्रदेश उपाध्यक्ष
--जताया विभिन्न लोगों का आभार
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के खेड़ी गांव के पूर्व सरपंच युवा समाजसेवी चौधरी रामनिवास खेड़ी को श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ का प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। चौधरी महापीठ में महेंद्रगढ़ जिला अध्यक्ष, प्रदेश सचिव का अपनी सच्ची लगन के साथ दायित्व निभा चुके हैं। महापीठ में हरियाणा प्रदेश नियुक्ति पर चौधरी रामनिवास खेड़ी ने गुरु रविदास आचार्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व विधायक उत्तराखंड सुरेश राठौड़, कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद अनीता आर्य, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैबिनेट मंत्री हरियाणा कृष्ण लाल पवार, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व कैबिनेट मंत्री हरियाणा डा. बनवारी लाल, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सूरजभान कटारिया और प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा एडवोकेट राजेंद्र चौधरी का आभार जताया है ।
फोटो कैप्शन: चौधरी रामनिवास
आर्य समाज रसूलपुर ने किया रक्तदान शिविर का आयोजन
-32 यूनिट रक्त हुआ इकट्ठा
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कनीना की आवाज। रविवार को उपमंडल के गांव रसूलपुर में आर्य समाज रसूलपुर द्वारा रक्तदान महादान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें आस पास के गांवों के युवाओं ने भाग लिया और 32 यूनिट रक्तदान किया। जिसमें मुख्य अतिथि अहीरवाल संस्कृति के अध्यक्ष सत्यव्रत शास्त्री रहे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर एचडीएफसी बैंक के बैंक मैनेजर अतर सिंह रहे। मुख्य अतिथि सत्यव्रत शास्त्री ने कहा कि हमें हमारी संस्कृति को बचाए रखने के लिए प्रयास करना होगा। आने वाली पीढ़ी को हमें हमारी संस्कृति को पहचानने के लिए कार्य करना होगा। रक्तदान सबसे महादान कहा गया है रक्त किसी फैक्ट्री में नहीं बनता। रक्त केवल दान करने से ही दूसरे के का जीवन बचाया जा सकता है।
मंडलपति सतीश आर्य ने कहा कि आर्य समाज द्वारा प्रतिवर्ष रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है इस दौरान रेडक्रास नारनौल की टीम द्वारा विशेष सहयोग दिया जाता है। रक्तदान शिविर में अप नागरिक अस्पताल कनीना के डा. हनुमान सिंह, सचिन नर्सिंग अधिकारी, रवि, प्रेमलता, सुरभी, टेक्निकल अधिकारी सुनील कुमार का विशेष सहयोग रहा। इस दौरान गांव के सरपंच प्रतिनिधि सतवीर सिंह, ओमवीर नंबरदार, राजवीर सोमदत्त भीम सिंह, अनिल जांगड़ा फील्ड अधिकारी एचडीएफसी बैंक, राजकुमार रसूलपुर, जयकुमार, मास्टर मनमोहन सिंह, मुकेश जांगड़ा गागड़वास, वार्ड अटेंडेंट राजेश यादव, आर्य समाज रसूलपुर मंत्री धर्मपाल आर्य, अरविंद कुमार आर्य, सोमदत्त आर्य सहित अन्य मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि को सत्यार्थ प्रकाश देकर सम्मानित किया।
फोटो कैप्शन 04: रक्तदान शिविर में रक्तदान करते हुए रक्त वीर।
एसडी में अध्यापक-अभिभावक बैठक का हुआ आयोजन
--736 अभिभावकों ने लिया भाग
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कनीना की आवाज। एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला में अध्यापक-अभिभावक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में 736 अभिभावकों ने भाग लेकर छात्रों के प्रति अपनी जिम्मेदारी एवं अध्यापक-अभिभावक बैठक के महत्व को समझने का परिचय दिया। सभी अभिभावकों ने अग्रिम सोच का परिचय देते हुए बच्चों के भविष्य के लिए विद्यालय प्रबंधन व सभी संबंधित अध्यापकों के साथ अध्ययन संबंधी समस्याओं के समाधान, शैक्षिक उपलब्धियों के साथ-साथ अन्य गतिविधियों व विषयों पर विमर्श किया। अभिभावकों ने अपने बच्चों की दिनचर्या उनके व्यवहार समय-सारिणी, रुचि आदि से संबंधित पहलुओं से प्रबंधन व संबंधित अध्यापकों से परिचित करवाया और अपने बच्चों की रिपोर्ट लेने में काफी रुचि दिखाई।
विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव ने अध्यापक-अभिभावक बैठक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बैठक जागरूक अभिभावकों के लिए अध्यापकों से समय-समय विचार विमर्श करने व बच्चों के लिए सही मार्ग का चुनाव व सहयोग का आधार है। जिस प्रकार तीन भुजाएं एक साथ मिलकर त्रिभुज का आकार बनाती है उसी प्रकार अभिभावक के सहयोग से बच्चे बड़े से बड़े लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते है।
उन्होंने यह भी बताया कि यह बैठक शैक्षिक जानकारी के साथ-साथ सम्पूर्ण व्यवहार, सामथ्र्य से संबंधित बातों के आदान-प्रदान के लिए आयोजित की जाती है। अध्यापक एवं अभिभावकों का विचार-विमर्श छात्र के जीवन को नई दिशा प्रदान करता है। बच्चे के शैक्षणिक विकास में विद्यालय के साथ-साथ अभिभावक की भी अहम् भूमिका होती है। उन्होंने सभी अभिभावकों का धन्यवाद कर बैठक का समापन किया।
फोटो कैप्शन 01: एसडी स्कूल ककराला में पीटीएम का नजारा।
डीएपी अविलंब उपलब्ध करवाने की मांग
-मारे मारे फिर रहे हैं किसान
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कनीना की आवाज। डीएपी खाद न मिलने से जिला के किसान परेशान तथा निराश हैं। इस संबंध में बसपा नेता समाजसेवी अतरलाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से तत्काल किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद उपलब्ध कराने के पुख्ता प्रबंध करने की मांग की है।
डीएपी खाद की कमी से जूझ रहे किसानों से मिलने के बाद अतरलाल ने कहा कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद उपलब्ध न करवा कर राज्य सरकार ने किसानों की कमर तोड़ दी है। बिजाई का मौसम निकलता जा रहा है परंतु किसानों को डीएपी खाद उनकी मांग के अनुरूप नहीं मिल रहा है। इससे उनकी पैदावार पर असर पड़ेगा और किसानों को भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को जब पता था कि इस मौसम में डीएपी खाद की ज्यादा जरूरत होती है तो सरकार ने पहले से ही पुख्ता प्रबंध क्यों नहीं किया। यह सरकार की भारी लापरवाही तथा असफलता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के लिए बहुत शर्म की बात है कि डीएपी खाद के लिए किसान आत्महत्या कर रहे हैं। किसान सारे सारे दिन लाइनों में लगते हैं और शाम को बैरंग लौटते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि राज्य सरकार ने तीन दिन के अंदर किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध करवाने की पुख्ता कार्रवाई नहीं की तो बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता उपमंडल अधिकारी, नागरिक कनीना के कार्यालय का घेराव करेंगे।
92 मरीज पहुंचे मुफ्त चिकित्सा शिविर में
--आंखों एवं हृदय रोग से संबंधित शिविर आयोजित
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कनीना की आवाज। कनीना मंडी की लाला शिवलाल धर्मशाला में सेवा भारती हरियाणा प्रदेश शाखा कनीना द्वारा 80वां हृदय रोग एवं नेत्र रोग जांच, परामर्श शिविर आयोजित हुआ। शिविर में मेट्रो अस्पताल से हृदय रोग विशेषज्ञ डा. अश्विनी यादव ने अपनी सेवाएं प्रदान की। उनके साथ धनराज, सुमित, राजेश, पूजा एवं मोना आदि उपस्थित रहे।
शिविर में बीपी, ब्लड शुगर जांच सुविधा प्रदान की गई। गंगा देवी पांडे नेत्र चिकित्सालय महेंद्रगढ़ से नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. रामपाल यादव ने अपने सहयोगी गोपाल अग्रवाल, नवीन यादव व पूजा के साथ सेवा देने पहुंचे।
योगेश कुमार अग्रवाल ने बताया कि शिविर में दवाइयां निशुल्क वितरित की गई। शिविर में 82 विभिन्न मरीज पहुंचे। उन्होंने बताया कि सेवा भारती कनीना की ओर से हर महीने के दूसरे रविवार को यह शिविर आयोजित होता है। इसके अतिरिक्त सेवा भारती आर्य समाज मंदिर में प्रतिदिन शाम को 5 से 6:30 के बीच प्राथमिक चिकित्सा केंद्र एवं महिला सिलाई प्रशिक्षण केंद्र चलाता है।
शिविर में सेवा भारती के मा. सोमदत, सुरेश शर्मा, श्याम सुंदर महाशय, योगेश अग्रवाल, यादराम, अमित, जगदीश आचार्य सहित विभिन्न जन उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 02: मरीजों की जांच करते हुए डाक्टर
वकील के घर पैदा हुई पोती किया कुआं पूजन
-करवाया लोगों का मुंह मीठा
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कनीना की आवाज। रामबास गांव में रामकुमार वकील के घर पोती का जन्म हुआ जिन्होंने अपनी पोती के जन्म पर कुआ पूजन किया। वकील के पुत्र अमित यादव एवं पुत्रवधू मनीषा यादव की नवजात पुत्री का विधि विधान से कुआं पूजन कर लोगों का मुंह मीठा किया। इस उपलक्ष्य पर गांव के लोगों ने बधाई दी जिनमें पूर्व सरपंच बनवारी लाल, मनोज एडीओ, कृष्ण यादव,रामपाल,राजपाल प्रमुख हैं।
फोटो कैप्शन 03: मनीषा की पुत्री का कुआं पूजन करते हुए।
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