मंदिर के ताले तोड़कर सिंचाई विभाग ने लगाया अपने ताले
-ध्वज को उतार फेंका, पनप रहा है रोष
स
- लाल दास महाराज मिले उच्च अधिकारियों से
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कनीना की आवाज। कनीना से 9 किमी दूर रेवाड़ी जिले के जैनाबाद गांव में 50 साल पुराने मंदिर में सिंचाई विभाग द्वारा की गई तोडफ़ोड़ को लेकर ग्रामीणों में रोष पनप रहा है। मंदिर परिसर में स्थित राधा कृष्ण, बजरंगबली, महाराज उधोदास चरण से सुसज्जित मंदिर में सिंचाई विभाग द्वारा की गई तोडफ़ोड़ तथा ध्वज उतार कर फेंकने, मंदिर के ताले तोड़कर अपने ताले लगा जाने का भारी रोष पनपने लगा है। विभिन्न धार्मिक संस्थाएं अब एकजुट होने जा रही हैं। उधोदास आश्रम के संत लाल दास महाराज इस संबंध में उच्च अधिकारियों से मिले और संपूर्ण जानकारी से अवगत करवाया और वे अब लगातार उच्चाधिकारियों से मिलेंगे तथा जब तक समाधान न कर दिया जाए तब तक अपनी कार्रवाई जारी रखेंगे। गांव जैनाबाद और आसपास के मास्टर घीसाराम, कृष्ण कुमार ,अनिल कुमार, रणधीर सिंह, राजकुमार, दीपक, वेद सिंह, वीरेंद्र रामकिशन, लीलू ,लक्ष्मी नारायण, ईश्वर सिंह सुनील कुमार आदि ने बताया कि करीब 50 सालों से यह मंदिर यहां से गुजरने वाली कंसावती नदी के पाट पर बना हुआ है जो चार कैनाल 14 मरला जमीन है। यह रूपराम पट्टे के तहत आता है। 34 सालों से अर्थात 1980 से लगातार इसमें पूजा अर्चना की जा रही है। भारी संख्या भक्त प्रतिदिन आते जाते रहे हैं। मंदिर की देखरेख एवं पूजा के लिए एक पुजारी भी रखा हुआ है।
15 नवंबर को दो पटवारी, एसडीओ सिंचाई विभाग रेवाड़ी तथा दो गांव के लोगों ने मिलकर जहां राधा कृष्ण, बजरंगबली, महाराज उधोदास के चरण वाले तीनों कमरों के ताले तोड़कर, अपने ताले लगा दिये गये हैं। दीवारों पर लिखवा दिया कि यह संपत्ति सिंचाई विभाग की है और अपने ताले लगा दिए तथा लगे हुए बैनर एवं ध्वज सब उतार ले गए।
इस संबंध में उधोदासआश्रम महाराज लाल दास ने बताया कि एक ओर जहां प्रदेश और केंद्र सरकार भाजपा की सरकार है जो देवी देवताओं में विश्वास रखने वाली भगवाधारी मानी जाती है किंतु इस प्रकार की कार्रवाई करके न केवल लोगों में रोष की चिंगारी पैदा कर दी है अपितु बिना किसी नोटिस दिए सिंचाई विभाग ने जिस प्रकार तोडफ़ोड़ की वह अति निंदनीय है। क्षेत्र के भक्त 5 दिनों से पूजा अर्चना से वंचित कर दिए हैं। सिंचाई विभाग ने तो यहां तक की दीवारों पर लिखवा दिया है कि यह संपत्ति सिंचाई विभाग की है, किसी ने तोडफ़ोड़ की तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इस चेतावनी ने लोग आग बबुला हो गये हैं। इस बात को लेकर ग्रामीणों और महाराज में रोष है। महाराज इस संबंध में जिला उपयुक्त से भी मिले, तत्पश्चात चौ.दीपेंद्र हुड्डा एमपी,राच नरवीर सिंह, यादवेंद्र सिंह आदि से मिले और उन्हें अवगत करवा दिया गया है। े महाराज ने बताया कि जल्दी वे अन्य उच्च अधिकारियों से मिलेंगे वहीं अनेक धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों में तोडफ़ोड़ की घटना को लेकर रोष पनप रहा है। यदि जल्द ही सिंचाई विभाग ने अपने कारवाई को वापस नहीं किया और माफी नहीं मांगी तो बड़ा हंगामा होने की संभावना बन जाएगा। हिंदू लोगों में इस कार्रवाई की चिंगारी पनपने लगी है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है तुरंत सिंचाई विभाग की कार्यवाही को रोक लगाकर ताले हटाए जाए ताकि लोग फिर से पूजा अर्चना कर सके वरना भावी अंजाम के लिए तैयार रहे। जल्द ही महाराज एवं अन्य जन मुख्यमंत्री हरियाणा एवं प्रधानमंत्री आदि से मिलकर सिंचाई विभाग की कार्रवाई से अवगत करवाएंगे।
फोटो कैप्शन: जैनाबाद मंदिर स्थित मंदिर जहां सिंचाई विभाग ने तोडफ़ोड़ की
विश्व नमस्कार दिवस- 21 नवंबर
अभिवादन का वर्तमान शब्द नमस्ते है -सतीश आर्य
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कनीना की आवाज। 21 नंबर को विश्व नमस्कार दिवस मनाया जाता है। इसे हेलो दिवस के नाम से जाना जाता है। इस एक शब्द के बोलने से ही एक दूसरे की पुरानी दुश्मनी खत्म हो जाती है और मित्रता को बढ़ावा मिलता है। वास्तव में हेलो एक सामान्य शब्द है। लगभग फोन पर पहला शब्द हेलो बोलते हैं लेकिन हेलो शब्द का प्रयोग 1973 में इजरायल और मिस्र के बीच लंबे समय चल रहे युद्ध के समाप्त होते ही शांति और मित्रता के लिए प्रयोग किया था। जिस शब्द का पहले इस्तेमाल किया गया था वह हेलो था और उसी समय से विश्व हेलो दिवस मनाने की शुरुआत हो गई थी। युद्ध के दौरान हजारों सैनिक एवं नागरिक मारे गए थे। इसके बाद दोनों देशों में शांति स्थापना के लिए पहला शब्द हेलो प्रयोग किया गया था जो वर्तमान में नमस्ते का रूप ले चुका है। इस संबंध में विभिन्न आर्य समाज और प्रबुद्ध जनों से बात की गई।
** नमस्ते शब्द प्रयोग करने से दिल के भाव पैदा होते हैं। दिल के किसी प्रकार की कटु भावना समाप्त हो जाती है। हाथ जोड़कर नमस्ते करते हैं तो यह एक्सरसाइज भी हाथों की हो जाती है जो मन और हाथ, मुंह, आंख सभी का प्रयोग करते हुए बेहतरीन प्रभाव छोड़ती है। नमस्ते अपने आप में एक पूर्ण शब्द है इसका उपयोग करने से शरीर पर बेहतर प्रभाव पड़ता है।
-- राव मोहर सिंह आर्य
नमस्ते करने से किसी का कुछ घटता नहीं परंतु यह पता चल जाता है कि नमस्ते करने वाले के मन में क्या भाव है। अगर नमस्ते का तरीका, हावभाव सब कुछ बता देता है। यदि हावभाव अच्छे हैं और चेहरे पर खुशी है तो नमस्ते सार्थक है। नमस्ते करने से मन के सभी तार प्रसन्नचित हो जाते और खुशी एक पल भी शरीर के लिए लाभ पहुंचती है। नमस्ते का उपयोग करना तन और मन दोनों के लिए जरूरी है।
-- बलवान आर्य,कनीना
नमस्ते एक व्यापक शब्द है। राम राम जी बोलते हैं उसका कोई विरोध तो नहीं है परंतु अधूरा शब्द है। इसकी बजाय जय राम जी की बोल दिया जाए तो एक पूर्ण शब्द बन जाता है। इसी प्रकार यदि हम नमस्ते बोलते हैं तो यह आपसी भाईचारे, एकता और खुशी का प्रतीक है। यदि छोटे बड़े को नमस्ते करता है तो बड़ा बदले में छोटे को नमस्ते करता है जिसके कारण दोनों के बीच कटुता चली आ रही है वह भी समाप्त हो जाती है। घर में यदि सुबह सवेरे उठकर नमस्ते की जाए तो रात भर से किसी प्रकार की मन में कड़वाहट को समाप्त हो जाती है। नमस्ते का सार्थक प्रभाव यह है कि एक दूसरे से परिचित हो जाते हैं और प्रसन्नता मन में घर कर जाती है जो प्रत्येक के लिए भी जरूरी है। एक प्रकार की व्यायाम भी हो जाता है और मन भी खुश हो जाता है।
--सतीश आर्य, रसूलपुर
फोटो कैप्शन:राव मोहर सिंह,बलवान आर्य तथा सतीश आर्य।
विश्व मत्स्य दिवस-21 नवंबर
-साफ पानी के जोहड़ों में पाली जा सकती है मछलियां-पिंकी यादव
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कनीना की आवाज। साफ पानी में मत्स्य पालन किया जा सकता है। अधिकांश गांवों में जोहड़ नहर के पानी से भरे जाते जो साफ माना जाता है। इससे न केवल रोजगार मिल सकता अपितु मत्स्य पालन करके जोहड़ों का सदुपयोग भी किया जा सकता है। ग्राम पंचायत और नगर पालिका इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभा सकते हैं। कहने को तो कनीना में 6 जोहड़ है और अधिकांश जोहड़ों का पानी होलीवाला और कालरवाली जोहड़ में डाला जा रहा है किंतु कालरवाली जोहड़ का पानी इतना दूषित हो गया है कि इसमें शैवाल भरा हुआ है। कभी इसमें साफ पानी भरा होता था। होलीवाला जोहड़ भी साफ पानी का नहीं है। दोनों ही जोहड़ों में घरों से निकलने वाला गंदा पानी भरा हुआ है। यदि ये जोहड़ बारिश के पानी से भरे होते तो यहां मत्स्य पालन किया जा सकता था। कनीना में अगर नजर डालें तो संत शिरोमणि मोलडऩाथ जोहड़ पक्का है इसमें मत्स्य पालन किया जा सकता है और अच्छा रोजगार भी मिल सकता है। यही नहीं कनीना का सिरसवाला जोहड़ जो पक्का किया हुआ है इसमें भी मत्स्य पालन किया जा सकता है। मत्स्य की मांग कनीना क्षेत्र में भी बढ़ती जा रही है क्योंकि दूसरे राज्यों से भारी संख्या में लोग कनीना और आसपास गांवों में रह रहे हैं जो मछली को उपयोग करते हैं। ऐसे में भी मछली खरीद कर ले जाते हैं। कनीना और आसपास जितने भी मत्स्य पालन केंद्र है उनमें बिहार और उत्तरप्रदेश के लोगों की मांग सबसे अधिक देखने को मिलती है। मत्स्य पालन के लिए कनीनाा क्षेत्र में पहले भी प्रयास हुए थे। इस संबंध में पालिका के पूर्व प्रधान सतीश जेलदार से बात हुई।
** कनीना के सिरसवाला जोहड़ में मत्स्य पालन के लिए चर्चाएं चली थी। परंतु यह बात सिरे नहीं चढ़ पाई क्योंकि न पट्टे पर जोहड़ छोड़ा गया और न हीं बात को आगे बढ़ाया। मेरे कार्यकाल में यह चर्चा अवश्य चली थी और इस पर विचार भी हुआ था परंतु योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। इससे भी कालरवाली जोहड़ को भी पट्टे पर मछली पालन छोड़ जाना था जिसके लिए इश्तहार भी छपवाए गए किंतु मछली पालने वाला कोई भी व्यक्ति यहां हाजिर नहीं हुआ जिसके कारण यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई थी। अब इन जोहड़ों में साफ पानी होने के कारण दो जोहड़ों में मत्स्य पालन किया जा सकता है। उधर मछली की मांग भी अधिक है।
--सतीश जेलदार, पालिका के पूर्व प्रधान
कनीना में लंबे समय तक मछली पालन कर रही पिंकी यादव से चर्चा की गई। गांव और शहरों के जोहड़ नगर पालिका एवं ग्राम पंचायत के तहत आते हैं वहां पट्टे पर मछली पालन के लिए छोड़ सकते हैं। इसके लिए एक प्रस्ताव पारित करना होता है। मछलियां वैसे तो हर प्रकार के पानी में पाली जाती है। नहर का पानी जिन जोहड़ों में जाता है उनमें आसानी से मछली पाली जा सकती है। ऐसे में सिरसवाला जोहड़ जो नहर के पानी से भरा है वहीं मोलडऩाथ जोहड़ जो डीप बोर के पानी से भरा है, में मछली पालन किया जा सकता है। े मछली पालन के लिए पट्टे पर छोड़ी गई जगह के लिए बोली दाता आते हैं। जो बोलीदाता कम बोली पर जोहड़ छुड़वाते हैं उन्हें पट्टे पर नगर पालिका या ग्राम पंचायत जोहड़ छोड़ सकती है पांच साल के लिए कम से कम पट्टे पर छोडऩा जरूरी होता है। हरियाणा के किसी भी जिले से कोई मछली पालन करने वाला व्यक्ति जोहड़ पट्टे पर ले सकता है और मछली पालन करके लाभ प्रदान कर सकता है। मछली मछली की मांग दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है।
--पिंकी यादव
मछलियां न केवल खराब जल में अभी तो साफ जल में भी पाली जा सकती है जहां साफ जल में मछलियों के लिए दाना डालना पड़ेगा वही खराब जल में कुछ खाद्य पदार्थ मछलियों को जल से प्राप्त हो जाते हैं सरकार मत्स्य पालन पर अनुदान भी देती है जो महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग है। मत्स्य पालन एक बेहतरीन कार्य है यदि मत्स्य पालन करना चाहे तो वह इसके लिए आवेदन भी कर सकता है मत्स्य पालन में जहां रोजगार भी मिल जाता है वह सरकार भी पूरी मदद करती है।
यदि कोई किसान पंचायत से तालाब लेता है तो उसके नवीनीकरण के लिए अनुदान देती है जिस पर हरिजन एवं महिला के लिए 60 प्रतिशत तो सामान्य महिला के लिए 40 प्रतिशत अनुदान मिलता है। अपनी मिट्टी एवं पानी की जांच करवाकर मत्स्य पालन किया जा सकता है जो अकसर लाभप्रद होता है। यदि कोई किसान आदि मत्स्य पालन के लिए वाहन चाहता है तो सरकार 9 लाख रुपये देती है जिस पर 25 फीसदी अनुदान है। यदि कोई मत्स्य से बनने वाले पदार्थ जैसे पकौड़ा आदि बनाना चाहे तो रेहड़ी के लिए 60 हजार रुपये देती है जिस पर महिला एवं एससी के लिए 60 प्रतिशत तो सामान्य के लिए 40 प्रतिशत अनुदान मिलता है। इसी प्रकार मछली पकडऩे के लिए जाल आदि खरीदे तो 40 हजार रुपये सरकार देती है जिस पर भी अनुदान है। यदि कोई पंचायत पंचायती भूमि पर तालाब बनाकर मत्स्य पालन करना चाहे तो सरकार मुफ्त में तालाब खोदवाकर देती है।
--वेदपाल यादव, जिला मत्स्य अधिकारी नारनौल
फोटो कैप्शन: वेदपाल यादव, पिंकी यादव, सतीश जेलदार पूर्व प्रधान।
चोरों को अविलंब गिरफ्तार करने की मांग
ककराला में 35 लाख रुपये के जेवर हो गये थे चोरी
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव ककराला निवासी बीएसएफ में में कार्यरत असिस्टेंट कमांडेंट मोनू यादव के घर से करीब 35 लाख रुपये के जेवरात चोरी होने के मामले में अविलंब चोरों को गिरफ्तार करने की मांग की है। इस मामले में चार पेंट करने वाले लोगों पर मामला दर्ज हो चुका है किंतु अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है।
असिस्टेंट कमांडेंट मोनू यादव ने बताया कि वह 7 नवंबर से 16 दिसंबर तक विदेश घूमने के लिए अपनी पत्नी के साथ मलेशिया एवं फिलिपींस आदि में गए था। उस समय घर में पेंट का काम चल रहा था। लूखी निवासी चार पेंटर 28 अक्टूबर से 15 नवंबर तक घर पर काम कर रहे थे। जब 17 नवंबर को शाम के वक्त का घर आए तो करीब 35 लाखे रुपये के सोने चांदी के जेवर चोरी मिले। उनके अनुसार कीमती सामान के अलावा आर्टिफिशियल जेवर भी चोरी हो गए। मोनू यादव के अनुसार उन चारों पेंटर को सारा कुछ मालूम था। मोनू यादव ने पेंटरों पर शक जाहिर किया है जिसके चलते कनीना पुलिस ने मोनू यादव के बयान पर ठेकेदार पेंटर हंसराज, पेंटर कपिल ,पेंट ऋतिक, पेंटर विपिन के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है किंतु अभी तक गिरफ्तारी नहीं की गई है। उन्होंने अविलंब चोरों को गिरफ्तार कर चोरी का सामान बरामद करने की मांग की है।
विश्व टीवी दिवस -21 नवंबर
80 के दशक में देखा था टीवी, रेडियों से होता था प्रेम
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कनीना की आवाज। यूं तो टेलीविजन/टीवी का आविष्कार ने 1942 में जेएल बेयर्ड ने कर दिया गया था लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में टीवी आते-आते लंबा समय लग गया। 1980 के दशक में ग्रामीण क्षेत्रों में टीवी इक्का-दुक्का मिलता था जो बाद में इस कदर फैला कि टीवी को आज भुलाते चले जा रहे हैं। आज टीवी की जगह हर जगह मोबाइल का युग आ गया है। कभी टीवी को महत्वपूर्ण समझा जाता था और लोग समाचार या चित्रहार देखने के लिए लंबी कतार में बैठे मिलते थे किंतु आज टीवी एवं रेडियो आदि कबाड़ का सामान बन गए हैं और उनके स्थान पर आधुनिक एलइडी और मोबाइल में ले लिया है। पुराने समय में जब श्वेत-श्याम टीवी चले थे तब के दर्शन आज भी उन दिनों को याद कर प्रसन्न हो जाते हैं। 21 नवंबर का दिवस के विषय में जब कई लोगों से चर्चा की गई तो उनके विचार अलग-अलग थे।
***1984 में जब हमने टीवी को देखा तो आश्चर्यचकित रह गए थे कि इस प्रकार के यंत्र भी खोज लिए गए हैं। उस समय चित्रहार देखने के लिए दूर दराज जाते थे, बाद में जहां वीसीपी एवं वीसीआर आदि चले तब तो सिनेमा हाल की लगभग छुट्टी ही हो गई थी परंतु टीवी की क्रांति ने लोगों का जीवन ही बदल कर रख दिया। उसे समय ब्लैक एंड व्हाइट टीवी होते थे परंतु उनको देखने के लिए भी दूरदराज तक सफर करना पड़ता था और घंटों इंतजार करके तब कार्यक्रम देख पाते थे।
--- मुकेश फोटोग्राफर, कनीना
टीवी की क्रांति के चलते उन्होंने पहले श्वेत-श्याम टीवी देखें तत्पश्चात रंगीन टीवी देखें फिर एलसीडी देखते हुए आधुनिक एलइडी और वर्तमान में हम मोबाइल क्रांति देख रहे हैं। आने वाले समय में टेलीविजन को भुला दिया जाएगा। बेयर्ड जिन्होंने इसका आविष्कार किया उसकी कल्पना और सोच को भी इंसान द्वारा भुलाने में देर नहीं लगेगी। मोबाइल ने सब कुछ बदल दिया है। धीरे-धीरे लोग टीवी के को भुला रहे हैं और मोबाइल के आदि होते जा रहे हैं। जहां टीवी में निश्चित दूरी से देखते थे आंखें कम नुकसान पहुंचता था परंतु आजकल मोबाइल में जितनी नजदीकी से देखते इतनी आंखें कमजोर होती जा रही है। यह दुर्भाग्य है परंतु विज्ञान की क्रांति है।
-- देशराज, 57 वर्षीय
टेलीविजन अपने जमाने में महान क्रांति लेकर आया था। कभी रेडियो का प्रचलन होता था वह जमाना भी हमने देखा। रेडियो सुनने के लिए आतुर होते थे। दूर दराज से रेडियो खरीद कर लाते थे परंतु जब से टीवी का आविष्कार हुआ और ग्रामीण क्षेत्रों में यह पहुंचा तब रेडियो को भुलाना शुरू कर दिया और रेडियो कबाड़ की वस्तु बन गई।अब तो ब्लैक एंड व्हाइट टीवी कबाड़ की वस्तु बन चुकी है। कहीं श्वेत-श्याम टीवी शायद ही कहीं मिल जाए। परंतु उसे जमाने में इस ब्लैक एंड व्हाइट टीवी ने लोगों को के मनोरंजन में अहम भूमिका निभाई थी। आज मोबाइल में सब कुछ बदल कर रख दिया, कितने ही यंत्रों को की छुट्टी कर दी है। उन यंत्रों का आज मोबाइल के जरिए लाभ उठा रहे हैं।
-- रामनिवास, अधेड़,कोटिया निवासी
रंगीन टीवी को देखते हुए एलसीडी और एलईडी देखी है और आज भी एलईडी प्रयोग की जा रही है। पुराने वक्त के लोग आज भी एलईडी तक ही सीमित है। मोबाइल से दूर है किंतु हम ऐसे युग को देख रहे हैं जिसमें मोबाइल और एलइडी दोनों बरकरार है। आने वाले समय में एलईडी को भुला दिया जाएगा। वास्तव में मोबाइल की क्रांति में तो बच्चे, बूढ़े और हर वर्ग, हर लिंग के व्यक्तियों को प्रभावित ही नहीं किया अपितु बदल कर रख दिया है। ऐसे में टीवी आने वाले समय में कबाड़ की वस्तु बनकर रह जाएगी।
-- राजेंद्र सिंह, कनीना
फोटो कैप्शन राजेंद्र सिंह, मुकेश शर्मा, देशराज, रामनिवास
हरियाणा सरकार की पहल पर गीता की प्रति रुझान बढ़ा
-विद्यार्थी और शिक्षक वर्ग,सामान्य जन ले रहे हैं भाग
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कनीना की आवाज। हर वर्ष जहां हरियाणा सरकार कुरुक्षेत्र में गीता जयंती मनाती है वहीं विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते हैं। गीता के प्रति लोगों का रुझान बढ़ता ही जा रहा है। एक और जहां हरियाणा सरकार एवं कुरुक्षेत्र बोर्ड 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक कुरुक्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेगा वहीं विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए भी कार्यक्रम आयोजित होंगे। जहां गीता के प्रति प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम भी इस समय चला हुआ है, पूरे हरियाणा प्रदेश के मोटिवेटर जुटे हुए हैं। विद्यार्थी एवं शिक्षक भी इस प्रतियोगिता भाग ले रहे हैं। इस प्रतियोगिता में जहां पांच प्रश्न गीता के प्रतिदिन पूछे जाते हैं। इनका उत्तर देने वालों को इनाम भी मिलती है तथा सर्टिफिकेट्स भी दिये जाते हैं। यही कारण है के लोगों का रुझान इसके प्रति बढ़ा है। पूरे ही प्रदेश में कम से कम 100 मोटिवेटर गीता के प्रति रूझान बढ़ाने में जुटे हुए हैं तथा प्रश्नोत्तरी में भाग लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। कनीना क्षेत्र हजारों लोग प्रश्रोत्तरी में भाग ले रहे हैं। कुछ लोगों से बात हुई जिन्होंने गीता के प्रति गहरी आस्था जताई। उनसे हुई चर्चा निम्न है--
***गीता हमारा मन और प्राण है। गीता में कहे गए 700 श्लोकों में से एक-एक का बहुत सार्थक अथ हैं। गीता का निरंतर अध्ययन करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। यही कारण है कि मैं गीता के प्रति रुचि रखता हूं।
---महिपाल सिंह,कनीना
गीता में भगवान श्री कृष्ण ने जो बात कही वह शत प्रतिशत हर समय लागू रही है तथा भविष्य में भी रहेगी। भगवान ने गीता को मन में धारण करने और गीता में बताए गए मार्ग पर चलने की बात कही जो मन को पवित्र कर देती है। यही कारण है कि मैं गीता में रुचि रखता हूं। संसार के सभी गूढ़ रहस्यों का सार गीता का उपदेश देने के लिए स्वयं भगवान कृष्ण ने इसी धरा को चुना था।
--मनीष कुमार, समाजसेवी
गीता में कहा कि जब जब धर्म की हानि होती है और अत्याचार बढ़ता है तब तब भगवान अवतार रूप धारण कर इस धरा पर जन्म लेकर अधर्मियों तथा अत्याचारियों का नाश करते हैं । त्रेता में जब अहंकारी रावण तथा द्वापर में कंस,जरासन्ध व दुर्योधन जैसे दुष्टों के अत्याचार बढ़े तो भगवान विष्णु ने राम और कृष्ण के रूप में जन्म लेकर इन आताताइयों का वध किया और समाज में शांति की स्थापना की । इस प्रकार की जानकारी भी हमें मिलती है।
---प्रताप सिंह कनीना
श्रीमद्भागवत के श्रवण से न केवल व्यक्ति को आत्म-संतुष्टि की अनुभूति होती है अपितु मन मे सकारात्मक विचारों का उद्भव भी होता है । जो लोग कष्टों में पलते हैं वही सफलता के उच्च सौपानों को छू पाते हैं । भगवान श्रीकृष्ण ने संसार गीता का उपदेश दिया, गीता ही एक ऐसा ग्रंथ है जिसको सभी मानते हैं।
-बलजीत सिंह, समाजसेवी।
फोटो कैप्शन: महिपाल सिंह, बलजीत, मनीष कुमार, प्रताप सिंह।
ट्यूबवेलों से केबल हुई चोरी, मामला दर्ज
--सर्दियों में हर वर्ष बढ़ जाती हैं चोरियां
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव चेलावास से दो पंचायती ट्यूबवेलों के बिजली की केबल चोरी हो गई। सरपंच ने कनीना पुलिस में मामला दर्ज करवाया है। पुलिस में विकास कुमार सरपंच ने दी शिकायत में कहा गया है कि सुबह 6 बजे मोटर चालक रोहतास चेलावास ने उन्हें सूचना दी कि 18 और 19 नवंबर की रात को हर्बल पार्क तथा पंचायत घर के पास जो ट्यूबवेल है दोनों ही ट्यूबवेलों की केबल चोरी हो गई है। सरपंच ने अज्ञात चोरों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
भगवतगीता प्रश्रोत्तरी 20 नवंबर 2024 के उत्तर
--आज भी कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन। पा सकते हैं इनाम
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कनीना की आवाज।भगवतगीता प्रश्रोत्तरी के प्रश्रों को अभी हल करें। चेक करें अगर कहीं गलत भरा हो तो फिर से रात 12 बजे तक ठीक कर ले।
20 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं--
गीता प्रश्रोत्तरी के उत्तर भरें।
-अगर रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो अभी करें, फिर उत्तर भरे
कनीना। आज की प्रश्रोत्तरी के कंफर्म उत्तर निम्र हैं-
20 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं
1-b 2-b 3-b 4-a 5-d
1-b 2-b 3-b 4-a 5-d
अभी एक बार फिर से अवलोकन किया जाएगा। ऐसे में अपने उत्तर कितनी भी बार बदल सकते हैं। उत्तर स्वयं भी खोजे और गलत नजर आये तो अवगत कराये।
कैसे भरे उत्तर--
निम्र लिंक को क्लिक करें-
http://igmquiz.in/
फोन नंबर एवं पहले से मिला ओटीपी, पासवर्ड के रूप में भरे। यदि ओटीपी याद नहीं है तो फोरगेट पासवर्ड करें पुन: पासवर्ड/ओटीपी आएगा।
पांच प्रश्र एक एक करके खुलेंगे बारी-बारी से उत्तर भरे और फाइनल सब्मिट कर दे।
ध्यान रहे उत्तर रात 12 बजे तक कितनी ही बार बदल सकते हैं।
अगर अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो निम्र लिंक को क्लिक करें-
http://igmquiz.in/
नोट रजिस्टर्ड यट को दबाए
पांच खाने खुलेंगे उन्हें विद्यार्थी/पब्लिक गांव,नाम, फोन नंबर भरे मोटिवेटर अंतिम कालम होगा जिसमें केवल 9416348400 ही भरे जो मेरे हैं।
रजिस्टर करें। ओटीपी/पासवर्ड आएगा जिसे निर्धारित खाने में भरकर वेरिफाई कर दे। अब आप उत्तर देने के लिए तैयार हैं। उपरोक्त लिंक को क्लिक करे फोन नंबर व ओटीपी भरे। प्रश्रो के उत्तर भरे,फाइनल सब्मिट को जरूर दबाए।
मोटिवेटर में 9416348400 ही भरें ताकि आपको उत्तर मिल सकें। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 के अवसर पर आनलाइन गीता प्रश्नमाला - नगद पुरस्कार जीतने और प्रमाण-पत्र प्राप्त करने का सुनहरा अवसर*
17 नवंबर से 27 नवंबर
* रजिस्ट्रेशन के लिए लिंक
http://igmquiz.in/
Participants Category
A) Student
B) Public
Cash Prizes / Certificate:
1) हर रोज 500-500 रुपए के 40 ईनाम
2) क्विज के समापन पर लाखों रूपए के ईनाम
3) मोटिवेटर्स को भी आकर्षक ईनाम राशि
4) किसी भी जिले, राज्य या देश के नागरिक, विद्यार्थी व उनके माता पिता कोई भी इसमें भाग ले सकते हैं।
विशेष
1. आपके Registration के समय जो OTP आएगा वो आपका पासवर्ड रहेगा तथा आपका फोन न. आपका लागिन आईडी रहेगा।
2. Registration करते समय Referral/Motivator Contact Number में Motivator 9416348400 मोबाइल नंबर भरें।
3. प्रतिदिन 5 वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाएँगे जिनका उत्तर आपको देना होगा ।
4. यह प्रतियोगिता भगवदद्गीता के प्रति रुचि उत्पन्न करने व जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। स्वयं भी भाग लें और अन्य को भी प्रेरित करें।
रजिस्ट्रेशन करते वक्त मोटिवेटर में 9416348400 ही भरे जो कनीना के डा. होशियार सिंह के हैं। विगत वर्षों की भांति वे प्रतिदिन प्रश्रों के उत्तर भी भेजेंगे
20 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं
1-b 2-b 3-b 4-a 5-d
1-b 2-b 3-b 4-a 5-d
रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो अभी कर ले। उत्तर आज रात 12 बजे तक भरें-- 20 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं
1-b 2-b 3-b 4-a 5-d
1-b 2-b 3-b 4-a 5-d
किसी प्रकार की रजिस्ट्रेशन में दिक्कत हो तो मेरे फोन नंबर 9306300700 या 9416348400 पर संपर्क करें
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