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Sunday, November 24, 2024


 


होटलों तथा ओयो होटल मालिकों को दिए खड़े निर्देश -निर्देशों की पालना ने करने वालों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई -प्रबंधक
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कनीना की आवाज।
  होटलों तथा ओयो होटलों में बाहर से आने वाले तथा लोकल लोगों को रूम उपलब्ध कराने पर दोनों व्यक्तियों की  आईडी प्रूफ लेना अनिवार्य है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ये सिटी थाना प्रबंधक रविंद्र कुमार ने  कनीना में चल रहे दर्जनों होटलों तथा ओयो मालिकों के साथ बैठक करने के उपरांत व्यक्त किये।
सिटी प्रबंधक रविंद्र कुमार ने कहा की जो भी होटल तथा ओयो कस्बे में चल रहे हैं उनमें सब में सीसीटीवी कैमरे तथा उसकी रिकार्डिंग व कमरे में ठहरने वाले आगंतु का आईडी प्रूफ होना अनिवार्य है। अगर होटल में कमरा लेने वाले बिना आईडी प्रूफ के तथा नाबालिक  पाए जाएंगे तो उनके खिलाफ तथा होटल मालिक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्रकार की कार्रवाई इसलिए की जा रही है कि कहीं भी कोई गलत व्यक्ति हमारे क्षेत्र में प्रवेश न करें और किसी तरह की अनहोनी घटना न घटे।
इस अवसर पर सभी होटल मालिक तथा ओयो चलाने ने वाले सब लोग उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 06: सिटी थाना प्रबंधक रविंद्र कुमार होटल मालिक व ओयो मालिकों को संबोधित करते हुए





 फिर आई कोरोना काल की याद
- विद्यार्थी ले रहे हैं आनलाइन शिक्षा,शिक्षा विभाग का है आदेश
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कनीना की आवाज।
 एक बार फिर से कोरोना काल की याद ताजा हो गई है क्योंकि विद्यार्थियों को देखकर ऐसा लगता है कि या तो यह विद्यार्थी कोरोना काल में जमकर आनलाइन शिक्षा पा रहे थे या एक बार फिर से प्रदूषण के चलते पूरे ही प्रदेश में विद्यार्थियों का अवकाश घोषित किया हुआ है और शिक्षक लगातार उन्हें आनलाइन शिक्षा दे रहे हैं। सबसे बड़ी बात है कि इस बार निजी स्कूल एवं सरकारी स्कूल सभी बंद है और शिक्षक विद्यालय में बैठकर विद्यार्थियों से रूबरू हो रहे हैं और उन्हें शिक्षा दे रहे हैं।
 वर्ष 2020-21 में कोरोना काल ने भारी तबाही मचाई थी कितने ही लोग अकाल मौत के शिकार हुए। उस वक्त जहां शिक्षा विभाग हरियाणा ने आनलाइन शिक्षा का आदेश दिया हुआ था जिसके चलते विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षा दी जाती थी। जैसे तैसे कोरोना काल दो वर्षों में बीत गया और फिर से सुचारू रूप से शिक्षण कार्य शुरू हुआ किंतु एक बार फिर से दीपावली के बाद से प्रदूषण बढ़ता ही चला गया। आज के दिन आलम यह है कि प्रदूषण इतना बढ़ा हुआ है कि सरकार ने सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों में विद्यार्थियों का अवकाश घोषित किया हुआ है और आनलाइन शिक्षण दिया जाता है। अध्यापक अपने घर बैठकर या स्कूलों में बैठकर अपने विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा दे रहे हैं। शिक्षकों का अवकाश न होने से पहले स्कूल में बैठक तत्पश्चात घर से आनलाइन शिक्षा दे रहे हैं। यद्यपि आनलाइन शिक्षा से बहुत से विद्यार्थियों की आंखें खराब हो चुकी है। यह बात डाक्टर ही नहीं अभी तो मनोवैज्ञानिक भी बता रहे हैं किंतु एक आदत मोबाइल के प्रति जरूर डाल दी जो अभी तक नहीं छूट रही है। 2020 से पहले मोबाइल के प्रति विद्यार्थियों का लगाव इतना अधिक नहीं था जितना कोरोना कल के बाद हो गया है और अब तो विद्यार्थी हंसते गाते, रोटी-सोते हर वक्त ही मोबाइल प्रयोग करने लग गए हैं। मोबाइल उनके स्वास्थ्य पर घातक प्रभाव भी डाल रहा हैं।
इस संबंध में जहां डाक्टर जितेंद्र कुमार ,डाक्टर विनय कुमार, डाक्टर धर्मेंद्र यादव आदि से चर्चा हुई तो उन्होंने बताया कि मोबाइल की किरणें विद्यार्थियों के शरीर के लिए घातक होती हैं विशेष कर आंखों पर कु-प्रभाव डालती हैं और विद्यार्थियों की आंखें खराब हो सकती है। यही यह भी सत्य है कि बहुत अधिक विद्यार्थियों के आंखों पर चश्मे लग गए हैं। आंखें दिनों दिन खराब होती जा रही है और विद्यार्थी कई कई घंटे शिक्षा पाना मजबूरी हो गई है। विद्यार्थियों की आंखों के दृष्टिगत मोबाइल प्रयोग से अभिभावक भी परेशान हो चले हैं।
अभिभावक रवि कुमार,सुरेश कुमार, महेश कुमार, विनोद कुमार ने बताया कि वे चाहते हैं कि विद्यार्थी मोबाइल से दूर हो किंतु विद्यार्थियों की मजबूरी और अभिभावकों की भी मजबूरी हो गई है कि सरकार के आदेशों का पालन कर रहे हैं। उधर हमेशा अमीशा, प्राची, योगेंद्र आदि ने बताया कि अब उनकी आनलाइन पढ़ाई होती है। ऐसे में मोबाइल देखना उनकी मजबूरी बन गई है। शिक्षक उन्हें आनलाइन पढ़ते हैं। एक घंटी नहीं अपितु विद्यालय में जितने शिक्षक बारी बारी पढ़ाने आते थे वो अब आनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं। ऐसे में दो से तीन घंटे तक विद्यार्थी मजबूरी में मोबाइल से शिक्षा पा रहे हैं। विद्यार्थी का कहना है कि वो स्कूल में जाकर शिक्षा अच्छी प्रकार का सकते हैं, मोबाइल से इतनी बेहतर ढंग से शिक्षा नहीं पा सकते। इस संबंध में विभिन्न अधिकारियों और शिक्षकों से आनलाइन शिक्षा पर चर्चा की-
** सरकार का आदेश है कि विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षा दी जाए। शिक्षकों का अवकाश नहीं है, विद्यार्थियों का अवकाश है। ऐसे में शिक्षक स्कूलों में बैठकर मोबाइल के जरिए अपने विद्यार्थियों को शिक्षा लगातार दे रहे हैं। वे सरकार के नियमों का सख्ती से पालन कर रहे हैं और वे चाहते कि विद्यार्थी किसी प्रकार कमजोर नहीं रहे इसलिए जी जान से शिक्षण कार्य कर रहे हैं।
---प्राचार्य विजयपाल, कनीना निवासी
सरकार का आदेश पालन तो करना पड़ रहा है परंतु विद्यार्थियों की आंखों पर इसका कु-प्रभाव पड़ रहा है। शिक्षा तो दिलवानी जरूरी और मजबूरी बन गई है। ऐसे में उन्हें मोबाइल के जरिए शिक्षा दिलवाना ही पड़ेगा। जब तक प्रदूषण समाप्त नहीं होता है तब तक यही कार्यक्रम जारी रहेगा। आगामी सरकार के आदेशों का पालन भी करना होगा और विद्यार्थियों की शिक्षा का ध्यान भी देना होगा। वो अपने ही नहीं अपितु स्कूली विद्यार्थियों का भी बखूबी से ध्यान देते हैं कि वे आनलाइन शिक्षा पा रहे हैं या नहीं। बेहतर परिणाम अभी तक सामने आये हैं।
-- सुनील कुमार यादव, शिक्षाविद कनीना
प्रदूषण के चलते जहां विद्यार्थियों के शरीर पर घातक प्रभाव पड़ सकता है, ऐसे में सरकार का आदेश है विद्यार्थी का अवकाश किया जाए। ऐसे में सभी विद्यार्थी घर बैठे हैं परंतु वे मोबाइल के जरिए शिक्षा पा रहे हैं। सभी अध्यापक अपने-अपने विषयों का काम आनलाइन दे रहे हैं। जहां विद्यार्थी आनलाइन बेहतरीन शिक्षा पा रहे हैं वहीं अभिभावक भी चाहते हैं की अच्छी से अच्छी शिक्षा उनको दिलवा दी जाए ताकि वो उनके विषय में कमजोर ना रह सके। क्योंकि परीक्षा नजदीक आ रही हैं। ऐसे में विद्यार्थियों की शिक्षा प्रभावित नहीं हो, विधि विधान से शिक्षा दे रहे हैं। --विनीता राव शिक्षाविद, कनीना
जब विद्यार्थियों का अवकाश घोषित हो गया है और उनकी परीक्षा के दृष्टिगत बढ़ाना भी जरूरी है। ऐसे में सरकार का निर्णय है कि उन्हें आनलाइन शिक्षा दी जाए। इस शिक्षा का पालन विद्यार्थी 2020-21 में भी कर चुके हैं और अब फिर से इस शिक्षा पद्धति का पालन कर रहे हैं। यद्यपि शिक्षक जी जान से जुटे रहे हुए हैं परंतु जितनी कक्षा कक्ष में रूबरू होकर बेहतरीन ढंग से शिक्षा दी जा सकती है वह मोबाइल के जरिए नहीं दी जा सकती परंतु सरकार के आदेशों एवं नीतियों को शत प्रतिशत लागू करना हमारा फर्ज बनता है।
-सुरेश कुमार वरिष्ठ प्रवक्ता
फोटो कैप्शन 03: आनलाइन शिक्षा पाते विद्यार्थी साथ में प्राचार्य विजयपाल, सुनील कुमार, सुरेश कुमार, विनीत राव







टेलीविजन पर सुनी प्रधानमंत्री के मन की बात
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कनीना की आवाज।
कनीना उपमंडल के गांव खेड़ी तलवाना में प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम सुना।
 कार्यक्रम महेंद्रगढ़ जिला संयोजक एवं भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा जिला महामंत्री चौधरी रामनिवास खेड़ी ने बुथ नम्बर 25 पर
ग्रामीणों के साथ प्रधानमंत्री मन की बात कार्यक्रम सुना। इस अवसर पर भाजपा कनीना मंडल सचिव चौधरी सरीता देवी खेड़ी, बबीता देवी,सुमन देवी, ममता देवी, पुष्पा देवी, सबीता देवी,किरण देवी,क्षेत्र के युवा समाजसेवी हरीश ठेकेदार, ठाकुर कृष्ण सिंह, सूबे सिंह, सत्यवीर, सत्यवान मुकेश कुमार ,सूरजभान,कृष्ण कुमार, रविराज कृष्ण कुमार उर्फ कमल,संदीप आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: प्रधानमंत्री के मन की बात सुनते खेड़ी के लोग।





महाराष्ट्र में भाजपा की जीत पर कार्यकर्ताओं ने  बांटे लड्डू
--प्रसन्नता का माहौल मिला
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कनीना की आवाज।
कनीना उपमंडल के खेड़ी तलवाना में भाजपा कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र में भाजपा की जीत पर जश्रमनाया तथा लड्डू बांटकर खुशी जताई। इस मौके पर एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसकी अध्यक्षता अनुसूचित जाति मोर्चा महेंद्रगढ़ जिला महामंत्री चौधरी रामनिवास खेड़ी ने की।
  रामनिवास दुबट ने कहा कि महाराष्ट्र की जीत हर एक कार्यकर्ता की जीत है भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन फिर से सरकार बनाने जा रहा है महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे में साफ हो गया है कि भाजपा पार्टी पूरे विश्व में नंबर वन की पार्टी है। बीजेपी पार्टी हर गरीब शोषित पीडि़त समाज को एक साथ लेकर चलने वाली पार्टी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। भाजपा ने हरियाणा में अनेक विकास कार्य किए है जिसका परिणाम सामने है।
फोटो कैप्शन 02: भाजपा की जीत पर लड्डू बांटकर खुशी जताते हुए भाजपा कार्यकर्ता

 

 

 

गीता प्रश्रोत्तरी 24 नवंबर 2024 के उत्तर,आज का उत्तर कोड है 41211
24 नवंबर के उत्तर हैं 1-D  2-A  3-B 4-A  5-A
            
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कनीना की आवाज।
गीता प्रश्रोत्तरी के प्रश्रों को अभी हल करें। चेक करें अगर कहीं गलत भरा हो तो फिर से रात 12 बजे तक ठीक कर ले।
24 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं
1-D  2-A  3-B 4-A  5-A
1-D  2-A  3-B 4-A  5-A
कैसे भरे उत्तर--
निम्र लिंक को क्लिक करें-
http://igmquiz.in/
फोन नंबर एवं पहले से मिला ओटीपी, पासवर्ड के रूप में भरे। यदि ओटीपी याद नहीं है तो फोरगेट पासवर्ड करें पुन: पासवर्ड/ओटीपी आएगा।
पांच प्रश्र एक एक करके खुलेंगे बारी-बारी से उत्तर भरे और फाइनल सब्मिट कर दे।
ध्यान रहे उत्तर रात 12 बजे तक कितनी ही बार बदल सकते हैं।
अगर अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो निम्र लिंक को क्लिक करें-
http://igmquiz.in/
 रजिस्टर्ड  को दबाए
पांच खाने खुलेंगे उन्हें विद्यार्थी/पब्लिक गांव,नाम, फोन नंबर भरे मोटिवेटर अंतिम कालम होगा जिसमें केवल 9416348400 ही भरे जो मेरे हैं।
रजिस्टर करें। ओटीपी/पासवर्ड आएगा जिसे निर्धारित खाने में भरकर वेरिफाई कर दे। अब आप उत्तर देने के लिए तैयार हैं। उपरोक्त लिंक को क्लिक करे फोन नंबर व ओटीपी भरे। प्रश्रो के उत्तर भरे,फाइनल सब्मिट को जरूर दबाए।
मोटिवेटर में 9416348400 ही भरें ताकि आपको उत्तर मिल सकें।  
 नगद पुरस्कार जीतने और प्रमाण-पत्र प्राप्त करने का सुनहरा अवसर*
1) हर रोज 500-500 रुपए के 40 ईनाम
2) क्विज के समापन पर लाखों रूपए के ईनाम
3) मोटिवेटर्स को भी आकर्षक ईनाम राशि
4) किसी भी जिले, राज्य या देश के नागरिक, विद्यार्थी व उनके माता पिता कोई भी इसमें भाग ले सकते हैं।
  रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो अभी कर ले।                                        24 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं
1-D  2-A  3-B 4-A  5-A
1-D  2-A  3-B 4-A  5-A
किसी प्रकार की रजिस्ट्रेशन में दिक्कत हो तो मेरे फोन नंबर 9306300700   या  9416348400 पर संपर्क करें





अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस -25 नवंबर
एकजुट होकर महिला और लड़कियों के खिलाफ होने वाली हिंसा को किया जा सकता है काबू
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कनीना की आवाज।
महिला और लड़कियों के प्रति हिंसा के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। पूरे विश्व में तीन में से एक महिला अपने जीवन में काम से कम एक बार शारीरिक हिंसा का शिकार हो चुकी होती है। महिला और लड़कियों के खिलाफ हिंसा में साथी की हिंसा, यौन हिंसा और उत्पीडऩ, मानव तस्करी, महिला बाल विवाह आदि अनेक समस्याएं घर कर चुकी है। महिलाओं को मनोवैज्ञानिक रूप से हानि और पीड़ा सहनी पड़ती है। 25 नवंबर 1981 से लगातार यह दिवस मनाया जा रहा है।
 भारत में महिलाओं के खिलाफ लगातार अपराध बढ़ते जा रहे हैं जिसमें न्याय में देरी, खत्म होता सजा का डर, अश्लील सामग्री प्रकाशित आदि कई कारण हो सकते हैं। महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के कुछ कदम उठाए जा रहे हैं किंतु वे नाकाफी हैं। यद्यपि महिलाओं के अधिकार हेतु अनेक संवैधानिक प्रावधान बनाए गए हैं किंतु अपराधी फिर भी बच निकलते हैं। इस संबंध में  कुछ जागरूक महिलाओं से बात की गई जिसमें उन्होंने महिलाओं पर अत्याचार हिंसा की बातें स्वीकार की।
*** ग्रामीण क्षेत्रों में भी दहेज एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। दहेज के कारण अनेकों उत्पीडऩ सहने पड़ते हैं। इसके अतिरिक्त कितने ही लोग अश्लील गाने बजाकर महिलाओं को प्रताडि़त करते हैं, उनके साथ अनैतिक कार्य और दुष्कर्म की शिकायतें मिलती हैं।  ऐसे में विद्यमान कानून को मजबूत किया जाए। सभी स्तरों पर महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाया दिया जाना चाहिए।
---रचना शर्मा, जागरूक महिला
महिलाओं के प्रति हिंसा को रोकने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की जानी चाहिए। मानव तस्करी के विरुद्ध कानून, राष्ट्रीय तस्करी विरोधी ब्यूरो की स्थापना की जानी चाहिए निर्भया फंड का कुशल क्रियान्वयन किया जाना चाहिए तथा दहेज, बाल विवाह के प्रति सख्त कदम उठाने चाहिए। महिलाओं के प्रति हिंसा की घटना मिलने पर अपराधी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
---बबीता जागरूक महिला
 महिलाओं के प्रति अपराधों को रोकने के लिए महिला थाना, महिला पुलिस अधिकारियों की संख्या बढ़ाना, हेल्पलाइन नंबर फारेंसिक लैब की स्थापना, सार्वजनिक परिवहन में सीसीटीवी, पैनिक बटन लगाना आदि कदम उठाये जा सकते हैं। वही लैंगिक शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देना चाहिए जिससे इस दिवस की सार्थकता उजागर हो सके। हर महिला को नियम कानून की जानकारी दी जानी चाहिए।
---लक्ष्मी, जागरूक महिला
दुनिया भर में महिलाओं में जागरूकता पैदा करने के लिए हिंसा से बचेे लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए यह दिवस मनाना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिलाओं के प्रति हिंसा बढ़ती जा रही है। ऐसे में महिलाओं को उन नियम और कानूनों के प्रति जानकारी देनी चाहिए जो उन्हें मिले हुए हैं। उनके साथ हिंसा की गतिविधियों होने पर सख्त से सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया जाना चाहिए वरना आने वाले समय में समस्या और भी गंभीर बन सकती है।
--सरला, जागरूक महिला
फोटो कैप्शन:रचना, बबीता, सरला, लक्ष्मी





स्टेट अवार्ड बना चर्चा का विषय
-नहीं मिलता कोई सेवा लाभ अगर उम्र 55 साल हो
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कनीना की आवाज।
 कभी शिक्षा विभाग में स्टेट अवार्ड को बहुत बड़ा सम्मान माना जाता था किंतु हरियाणा सरकार में जहां स्टेट अवार्ड की कदर धीरे-धीरे खत्म हो गई है। यूं कहा जाए कि स्टेट अवार्ड अगर 55 साल उम्र के शिक्षक को मिलता है तो अपमान अवार्ड बनकर रह जाता है। कुछ वर्षों पहले जहां स्टेट अवार्ड पाने वाले शिक्षक को 2 साल अतिरिक्त सेवा करने का मौका मिलता था वहीं पर उन्हें दो अतिरिक्त वेतन वृद्धियां मिलती थी, साथ में राज्यपाल द्वारा सम्मानित मिलता ही था। धीरे-धीरे इस सम्मान की कद्र घटा दी। सरकार ने सारे नियम वापस कर दिया। आज के दिन जहां स्टेट अवार्डी शिक्षकों को न तो 2 साल का अतिरिक्त सेवा लाभ मिलता है और न ही उन्हें दो अतिरिक्त वेतन वृद्धियां दी जाती हैं। इसके बजाय अग्रिम वेतनवृद्धियां लागू कर दी गई है। वर्ष 2016 में पे एंड पेंशन रूल 37 और बना दिया गया है जिसमें आश्चर्यजनक है कि 55 साल की उम्र में यदि कोई शिक्षक स्टेट अवार्ड का लेता है तो इसका घोर अपमान किया जाता है या तो ऐसे शिक्षकों को स्टेट अवार्ड से पहले ही आवेदन करने से रोका जाना चाहिए, अगर आवेदन करवाया जाता है तो उनका अपमान करना अनुचित है। शिक्षक नेता धर्मपाल शर्मा, सुनील कुमार, विरेंद्र जांगिड़ आदि ने बताया कि 55 साल में  अवार्ड लेना बहुत कठिन काम होता है किंतु सरकार ने 2016 में ऐसे नियम लागू कर दिए जिसके तहत 55 साल या इससे अधिक उम्र है तो उनको 2 साल का अग्रिम वेतन वृद्धियां भी नहीं दी जाती हैं। इससे बड़ा अपमान कोई और हो नहीं सकता। कम से कम स्टेट अवार्ड शिक्षक को दो अतिरिक्त वेतन वृद्धियां तो दी जाए। 55 साल की उम्र पार करके अवार्ड पाना बहुत कठिन काम है, ऐसे शिक्षक को तो खुशी-खुशी सरकार को दो अतिरिक्त वेतन वृद्धियां दी जानी चाहिए परंतु उनको कोई लाभ नहीं दिया जाता जिससे लगता है कि सरकार ऐसे शिक्षकों का अपमान कर रही है। अपमानित कर रही है इससे दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता है? उन्होंने सरकार से बार-बार निवेदन किया है कि स्टेट अवार्ड शिक्षक कितनी भी उम्र का हो उसे सभी लाभ दिए जाने चाहिए किंतु सरकार टस से मस नहीं हो रही है। सरकार से मांग की गई है कि स्टेट अवार्डी शिक्षक चाहे किसी भी उम्र का हो सभी लाभ उसे उसी दिन से दिए जाने चाहिए जिस दिन से उसे अवार्ड मिला है।







एसीपी में तदर्थ सेवा का दिया जाए लाभ
-दस-दस सालों की तदर्थ सेवा कर सेवानिवृत्त हो रहे हैं शिक्षक
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कनीना की आवाज।
सरकारी स्कूलों में कार्यरत कर्मचारियों की तदर्थ/एडहाक सेवा का लाभ उनकी एसीपी(सुनिश्चित सेवा प्रगति) में शामिल किया जाए। यह मांग अध्यापक नेताओं ने सरकार से यहां की है।
  यहां जारी एक बयान में अध्यापक नेताओं कंवरसेन वशिष्ठ एवं धर्मपाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश में करीब 30 हजार ऐसे शिक्षक हैं जिनको 20-20 वर्षों की सेवा पर एक ही एसीपी लग पाया है। सरकार पहले दस, बीस एवं तीस वर्ष पर तो अब आठ, सोलह एवं 24 वर्षों के बाद एसीपी का लाभ दे रही है। ऐसे में उनकी एसीपी लाभ में तदर्थ या अस्थाई नौकरी का लाभ नहीं दिया गया है। इस बात को लेकर शिक्षकों में रोष है और वे वर्षों से एसीपी के लाभ में अस्थाई एवं तदर्थ सेवा का लाभ देने की मांग कर रहे हैं। बार बार सरकार से मांग की जाती है किंतु सिरे नहीं चढ़ पाती है।
इस संबंध में एडवोकेट रमेश कुमार ककराला का कहना है कि इस संबंध में अगर न्यायालय में केस डाला जाए तो हो सकता है कोई समाधान निकल आये वरना सरकार तदर्थ सेवा को एसीपी देते वक्त नहीं मानती । यह दुर्भाग्य है कि कई कई वर्षों की सेवा का उन्हें कोई लाभ नहीं मिल पाता है।  इस संबंध में कुछ पूर्व शिक्षकों ने उच्चाधिकारियों को भी पत्र प्रेषित किया है तथा मांग की है कि उनकी तदर्थ सेवा को एसीपी में जोड़ा जाए।









जिला व उपमंडल स्तर पर लगेंगे समाधान शिविर
-अधिकारी मौके पर करेंगे समस्याओं का समाधान : डीसी डा. विवेक भारती
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कनीना की आवाज।
उपायुक्त डा. विवेक भारती ने बताया कि 25 नवंबर से जिला व उप मंडल स्तर पर समाधान  शिविर का आयोजन किया जाएगा। इसमें मौके नागरिकों की समस्याएं सुनेंगे।
उन्होंने बताया कि जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान करने के उद्देश्य से जिला स्तर पर प्रत्येक कार्य दिवस को समाधान शिविर का आयोजन हो रहा है।
डीसी ने कहा कि जिला स्तर के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि शिविर में जनता की समस्याओं को गंभीरता के साथ सुना जाए व समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की यह महत्वपूर्ण पहल नागरिकों की समस्याओं के त्वरित समाधान करने में सहायक हो रही है। ये शिविर समस्याओं के समाधान में  कारगर साबित हो रहे हैं। एक ही समय में सभी अधिकारी एक स्थान पर मौजूद रहकर आमजन की समस्याओं के समाधान को लेकर आपसी तालमेल के साथ कार्य करते हैं।

 

 


 गीता प्रश्नोत्तरी में अब तक निकले हैं पांच पुरस्कार
-विगत वर्ष की तुलना में कम हुये है रजिस्ट्रेशन
-अभी भी कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन और पा सकते हैं इनाम
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कनीना की आवाज।















कनीना निवासी डा. होशियार सिंह विगत वर्षों से गीता प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में तल्लीन हैं जिसमें अनेक साथियों और सहयोगियों का योगदान रहा है। विगत वर्ष मेरे द्वारा यहां करीब 2000 रजिस्ट्रेशन किए गए थे किंतु इस बार मेरे द्वारा महज 831 रजिस्ट्रेशन हो पाए हैं परंतु अभी रजिस्ट्रेशन जारी है। कोई भी सज्जन इस मुफ्त प्रतियोगिता में भाग लेना चाहे तो भाग ले सकता है। साथ में गीता का ज्ञान भी मिलता है, सर्टिफिकेट्स मिलती हैं।आज भी रजिस्ट्रेशन करना चाहे तो वह निम्न लिंक को क्लिक करें -
तत्पश्चात लाल रंग का अंग्रेजी में रजिस्टर लिखा मिलेगा, उसको क्लिक करके पांच कालम खुलेंगे उन्हें अपनी सुविधा अनुसार भरे किंतु पांचवें खाने मोटीवेटर में 9416348400 जरूर भरे। ये मेरे नंबर हैं। ये नंबर भरने का अर्थ है मेरे खाते में आपके नंबर आ जाएंगे और आपको उत्तर उपलब्ध हो पाएंगे।
 विगत वर्ष जहां पांच लोगों को पुरस्कार मिले थे, इस बार अभी तक निम्र पांच लोगों को पुरस्कार मिल चुके हैं जो मेरे द्वारा मोटिवेटेड है। ये सज्जन हैं-
एक- रामकुमार
 दो -डाक्टर मुंशी राम
तीन -कार्तिक
चार-रेखा
पांच- रमलू
अभी यह प्रतियोगिता 27 नवंबर तक जारी रहेगी। ऐसे में अभी और इनाम आने की पूरी संभावना है। यदि रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो वह तुरंत प्रभाव से आज रजिस्ट्रेशन करके 5 प्रश्नों के उत्तर भरे। 5 प्रश्नों के उत्तर यहां दिये गये हैं।
24 नवंबर 2024 के उत्तर निम्न है--
  उत्तर कोड-41211
 यदि किसी प्रकार की समस्या हो जानकारी लेनी हो तो 941634800 या 9306300700 ुपर संपर्क कर सकता है।
 अभी तक मेरा चल रहा है दसवां नंबर -
पूरे प्रदेश में मोटीवेटर की संख्या में मेरा कर्म दसवां है। विगत वर्ष टाप फाइव में नंबर था किंतु इस बार टाप 10 में अभी तक नंबर है। इसका मतलब है इस बार मेरे द्वारा कम लोगों को मोटिवेट किया गया है।


 




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