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Friday, November 22, 2024


 
सेहलंग सोसायटी बैंक (पैक्स) के चेयरमैन बने लखीराम सोनी
--सर्वसम्मति से चुने गये प्रधान एवं उप-प्रधान
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कनीना की आवाज।
सेहलंग सोसायटी बैंक (पैक्स) की मीटिंग सेहलंग बैंक में आयोजित की गई। जिसमें सभी दस निर्वाचित डायरेक्टरों ने  हिस्सा लिया। मेनपाल सिंह चुनाव पर्यवेक्षक की देख रेख में चुनाव सम्पन्न कराया गया।
  बैठक में राजेंद्र सिंह धनौंदा निवासी ने प्रधान पद के लिए लखीराम सोनी के नाम का प्रस्ताव रखा जो सभी सदस्यों ने एकमत से स्वीकार किया। विनोद कुमार स्याणा वाले ने राजेंद्र कुमार का नाम उप-प्रधान पद के लिए रखा जो सभी सदस्यों ने मंजूर किया। निर्वाचन अधिकारी  मेनपाल सिंह यादव व प्रबंधक दीपक सिंह खुडाना ने लखीराम सोनी व राजेंद्र सिंह को बधाई दी और कहा कि अब आप इस सोसायटी बैंक को साथ लेकर के आगे बढ़ाने का काम करें ।
इस अवसर पर वीरेंद्र कुमार प्रबंधक सेहलंग, रोशनलाल, ओमप्रकाश यादव, डायरेक्टर राजेंद्र धनौंदा, महेंद्र सिंह बास, ओमपाल धनौंदा, सुशीला खेड़ी, उमेंद शर्मा बाघोत, विनोद कुमार स्याणा व सभी बैंक के कर्मचारी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 05: सेहलंग पेक्स के चुनावों में सर्वसम्मति से चुने गये प्रधान एवं उप-प्रधान





रोडवेज बस में महिला के गले की चेन चोरी  
-कनीना पुलिस ने किया मामला दर्ज
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कनीना की आवाज।
कनीना से नारनौल जाते समय एक महिला की बस में अज्ञात चोर ने गले की सोने की चेन चोरी कर ली।
 महिला ने कनीना थाने में अज्ञात चोर के विरुद्ध मामला दर्ज करवा दिया है।  मिर्जापुर बाछोद की रहने वाली महिला प्रमिला नेे पुलिस में दी शिकायत में कहा है कि वह अपनी बहन के लड़के की शादी में शामिल होकर गोरिया जिला झज्जर से अपने गांव मिर्जापुर बाछोद जा रही थी। घटना 20 नवंबर दोपहर बाद की है। कनीना बस स्टैंड से हरियाणा रोडवेज की बस में बैठकर नारनौल जा रही थी कि गले में सोने की चेन पहनी हुई थी। जब उन्हाणी मोड़ के पास पहुंची तो गले से सोने की चेन गायब मिली। किसी अज्ञात चोर ने गले की चैन चोरी ली है। चूंकि वह अपने गांव मिर्जापुर बाछोद चली गई थी, इसलिए उन्होंने मामला शुक्रवार को दर्ज करवाया है।



मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार- 59
उन्हाणी के स्कूल में भी एक महीना दी सेवा
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कनीना की आवाज।
 कनीना के विज्ञान अध्यापक होशियार सिंह शिक्षा विभाग में लंबे समय तक सेवा देकर 30 अप्रैल 2024 को धनौंदा स्कूल से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यूं तो उन्होंने विभिन्न स्कूलों में सेवा दी है किंतु करीब एक महीने तक उन्हाणी के राजकीय माध्यमिक स्कूल में भी सेवा करने का मौका मिला। यद्यपि उनकी यह सेवा बहुत कम समय रही परंतु बेहतरीन रही। आइये होशियार सिंह की जुबानी सुनते हैं उन्हीं की कहानी --
मैंने उन्हाणी स्कूल में भी करीब एक महीने से अधिक सेेवा देने का मौका मिला। इस स्कूल में कोटिया के हरिओम, विजेंद्र सिंह सेवानिवृत्त मुख्य अध्यापक कनीना सहित कई शिक्षक साथियों के संग काम करने का मौका मिला। बात उन दिनों की है जब राजकीय माध्यमिक विद्यालय बना ही था और इसमें सेवा देने का मौका मिला, बहुत कम बच्चे रहे किंतु अच्छा तालमेल चला। विजेंद्र कुमार कनीना मुख्य अध्यापक और मैं दोनों स्कूल में साथ जाते थे, पढ़ाकर वापस आते थे। गांव वालों का अच्छा सहयोग रहा। पास में नहर गुजरती है। नहर के बिल्कुल पास स्कूल होने के कारण ,नहर की पगडंडी कच्चे रास्ते से लोगों का आवागमन दिनभर दिखाई देता था। इस विद्यालय में जहां पूर्ण रूप से ग्रामीण परिवेश देखने को मिला वहीं काफी सुखद अहसास भी हुआ। विद्यार्थियों को विज्ञान का शिक्षण किया साथ में जब भी समय मिला गणित भी पढ़ाया। करीब एक महीने के बाद मन ऊब गया चूंकि विद्यार्थियों की संख्या कम थी। अधिक विद्यार्थियों को पढ़ाया जाए तो उतना ही आनंद अधिक आता है। सोचा कि अब क्यों नहीं अपने कनीना स्कूल में वापस पहुंच जाए। यही कारण है की एसडीएम महेंद्रगढ़ से मिलकर तथा एसडीइओ महेंद्रगढ़ की सहायता से वापस कनीना आ गए। छोटा किंतु सुखद अहसास था। स्कूल को कभी नहीं भुलाया जा सकता। विद्यार्थी चाहे कम रहे किंतु पढऩे में रुचि रखते थे। आज यह विद्यालय राजकीय उच्च विद्यालय बन चुका है। क्योंकि हमने इस विद्यालय में थोड़े समय के लिए काम किया किंतु यहां रहकर इस विद्यालय की समस्त जानकारी ली गई। और फिर वहां से वापस तबादला कनीना करवा लिया।



 132 केवी उप-केंद्र से बिजली का सामान चोरी
-एसडीओ डीएचबीवीएन ने मामला दर्ज करवा दिया है
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कनीना की आवाज।
 कनीना के 132 केवी उप-केंद्र की एचवीपीएन कालोनी से बिजली का हजारों रुपये का सामान अज्ञात चोर चोरी कर ले गया। कनीना पुलिस में उमेश कुमार एसडीओ डीएचबीवीएन ने मामला दर्ज करवा दिया है। उन्होंने पुलिस में दी शिकायत में कहा है कि साथ 7 सितंबर 2024 को सामान मौके पर था जब 9 सितंबर को एरिया इंचार्ज शंकर लाल जेई ने स्थान पर जाकर देखा तो पाया कि ताला खुला पड़ा था और सामान गायब था। उन्होंने पुलिस में शिकायत में कहा है कि अज्ञात चोर 45 एलटी राड 100 केवीए ट्रांसफार्मर, 10 एलटी राड 200 केवीए ट्रांसफार्मर की, 45 पीजी क्लैंप, 48 किलो तांबे का स्क्रैप चोरी हो गया। उन्होंने सारे सामान की कीमत 52174 रुपये आंकी है। शुक्रवार को पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।





कोरोना काल सीखा गया कच्ची हल्दी का प्रयोग
-हर वर्ष मांग होती है कच्ची हल्दी की
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कनीना की आवाज।
सर्दी से बचने के लिए तथा शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कच्ची हल्दी प्रयोग कर रहे है। सब्जी की दुकानों पर कच्ची हल्दी देखी जा रही है। कोरोना काल के बाद इस हल्दी की मांग बढ़ी ही जा रही है। हर वर्ष सर्दियों में दुकानों पर उपलब्ध होने लगी है।
वैसे तो सभी घरों में हल्दी सब्जी में डाल कर प्रयोग करते हैं परंतु कोरोना काल के समय डाक्टरों ने इसका प्रयोग समझाया। उसके बाद से बाद से हर वर्ष सर्दियों में कच्ची हल्दी प्रयोग की जाती है, मांग बढ़ी है। ग्रामीण क्षेत्रों में सब्जी बेचने वाले रामू, दिनेश मंगेश आदि ने बताया कि सर्दियों में चंद वर्षों से ग्राहक कच्ची हल्दी मांगने लग गए हैं। प्रतिदिन 5 से 7 किलो हल्दी कच्ची हल्दी बेच देते हैं। कच्ची हल्दी को भी दूध में तथा चाय में डालकर पी रहे हैं।
क्या कहती है शिक्षिका-
शिक्षिका लक्ष्मी देवी का कहना है कि वे वर्षों से कच्ची हल्दी दूध में डालकर प्रयोग करती आ रही है। यह सेहत के लिए अच्छी होती है वहीं सर्दी एवं जुकाम से बचाती है। इसे प्रतिदिन प्रयोग कर रही हूंं। करीरा के बाल किशन और श्रीकिशन वैद्य का कहना है कच्ची हल्दी बहुत लाभप्रद होती है। यह सेहतमंद होती है। यहां तक कि कैंसर में भी लाभ पहुंचाती है, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। वही कच्ची हल्दी चटनी के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है, सोजन रोकने, इंसुलिन के स्तर को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाती है। डा. विनय शर्मा का कहना है कि कच्ची हल्दी से एंटीसेप्टिक एंटीबायोटिक गुण भी पाया जाता है तथा त्वचा चमकदार बनती तथा इसकी चाय शरीर में रोग रोधक क्षमता बढ़ाती है, वजन कम करने में कारगर है वही लीवर को भी स्वस्थ रखती है।
--लक्ष्मीदेवी, अग्रणी शिक्षिका
जब जब सर्दी आती है तो गोद के लड्डू बनाने के साथ साथ कच्ची हल्दी को सेवन पूरा परिवार करता है। कोरोना काल से इसका प्रभाव देखा तो पता चला कि कच्ची हल्दी बहुत लाभप्रद होती है। यही कारण है कि हर रोज दूध में डालकर कच्ची हल्दी मेरा पूरा परिवार उपयोग करता है।
  --सरला देवी, गृहिणी
  उधर डा विनय शर्मा ने बताया कि कच्ची हल्दी को दूध में डालकर सोते वक्त पीना लाभप्रद है। इससे गले का रोग, अस्थमा, वातरोग, हड्डियां रोग आदि में बेहतर साबित हो सकती है।
फोटो कैप्शन 04: कच्ची हल्दी तथा साथ में जागरूक शिक्षिका लक्ष्मी देवी तथा सरला देवी




 
सर्दियों में आ जाता है भोजन में बदलाव
-सेहत से भरा होता है ग्रामीण भोजन
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कनीना की आवाज।
यूं तो ग्रामीण क्षेत्रों में भोजन को अदल-बदल कर खाने की परंपरा है किंतु सर्दियों में भोजन में सेहत का खजाना भरा हुआ है। जितने पौष्टिक फल और सब्जियां, अनाज, खाद्य पदार्थ सर्दियों में मिलते हैं शायद गर्मियों में उतने अधिक नहीं मिलते। यही कारण है कि सर्दियों में सेहत बनाने वाले युवा आगे आते हैं।
 ग्रामीण क्षेत्रों में बाजरे की रोटी चूल्हे पर बनाकर मक्खन के साथ खिलाई जाती हैं। यहां तक कि बथुआ, धनिया, मेथी, पालक, गाजर के पत्ते, मूली के पत्ते आदि कितनी ही हरी पत्तेदार सब्जियां बाजार में उपलब्ध होती है परंतु चने का साग, बथुआ का रायता, मेथी के पराठे, दही, मक्खन आदि की भरमार मिलती है। क्षेत्र में सर्दी आते ही जहां गोंद के लड्डू बनाने की परंपरा शुरू हो जाती है। हर घर में गोंद के लड्डू विभिन्न ड्राई फ्रूट डालकर बनाये जाते हैं वहीं गाजर का हलवा एवं गाजर पाक मिलता है।
रवि कुमार, सुरेश कुमार, अजीत सिंह आदि ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में गर्म दूध के साथ गोंद के लड्डू खाने का विशेष रिवाज है। यहां तक कि मकर संक्रांति पर तो चूरमा और दाल अधिक प्रयोग किया जाता हैं। विज्ञान मानता है कि हरी पत्तेदार सब्जियों में खनिज लवण, रेशे एवं जल आदि पाए जाते हैं। संतुलित भोजन में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज लवण, रुक्षांस व जल मिलते हैं जो सर्दियों के खाने में उपलब्ध हो जाते हैं। विशेषकर सेहत बनाने का सबसे अच्छा समय सर्दी का होता है।
डाक्टर व वैद्य मानते हैं कि सर्दियों में अनेकों शरीर में बदलाव आते हैं जिसके चलते शरीर में जहां प्रतिरोधक क्षमता पैदा करने के लिए भी इन हरी पत्तेदार सब्जियों,फलों और संतुलित आहार का अहं योगदान होता है वही खाने में बदलाव करके भी रोगों से बचा जा सकता है।
 ग्रामीण क्षेत्रों में जब भी घर में कोई मेहमान आता है तो उनका आदर सत्कार गोंद के लड्डू से किया जाता है। यहां तक की देसी घी के पराठे अलग-अलग जायकों के बनाकर पालक या बथुवा का दही में रायता बनाकर परोसे जाते हैं। बाजरे की रोटी पर मक्खन एवं गुड़ आदि देकर उनकी सेहत को बढ़ाया जाता है। बच्चे भी इस प्रकार के खाने के लिए लालायित होते हैं। यही कारण है कि सर्दियों में सेहत का राज छुपा हुआ है। ग्रामीण महिलाएं बाजरे की गर्मागर्म  रोटी को चूल्हे पर बनाकर मक्खन सहित परिवार को खिलाती है। जहां वर्ष में अधिकांश समय गेहूं का प्रयोग किया जाता है परंतु कम से कम दा महीनों तक बाजरे का प्रयोग जमकर किया जाता है। वैसे भी हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में बाजरा बहुत अधिक पैदा होता है।
 आयुर्वेदिक डाक्टरों का कहना है कि शरीर में रोग रोधक क्षमता बहुत जरूरी है। सर्दी और जुकाम से बचने के लिए खट्टे फलों की भरमार होती है। ऐसे में सेब,संतरा, नींबू, कीन्नू आदि का प्रयोग अधिक करने से सर्दी जुकाम से बच सकते हैं। खट्टे फलों के अतिरिक्त जहां हरी पत्तेदार सब्जियां शरीर में हर प्रकार से रोग रोधक क्षमता पैदा करती है।
उधर वैद्य बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में मक्खन पर अधिक ध्यान दिया जाता है। मक्खन को बाजरे की रोटी पर रखकर गुड़ के साथ खाने की भी एक परंपरा है। सर्दियों में अपने आहार में बदलाव करने की जरूरत बताई है। बाजरा जिस में लोहे की मात्रा बहुत अधिक होती है शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है।
इस संबंध में लंबे समय से गोंद के लड्डू बनाने वाली महिला से चर्चा हुई -
उन्होंने बताया कि लंबे समय से वह गोंद के लड्डू बना रही है। पूरे परिवार को बहुत पसंद होते हैं। सेहत के लिए बेहतर होते हैं था सर्दियों में खाना बेहतर माना जाता है। क्योंकि उनकी तासीर गर्म बताई जाती है इसलिए भी लड्डू अनेक प्रकार के ड्राई फ्रूट डालकर बनाए जाते हैं।
--- बबीता देवी, गृहिणी
सर्दियों में गोंद के लड्डू लाभप्रद होते हैं। विशेषकर इनमें कैल्शियम, फाइबर, आयरन बहुत अधिक होता है। क्योंकि सर्दियों में गर्मी से बचते हैं भूख को भी कम करते हैं तथा इनमें औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। गोंद के लड्डू वैसे भी लजीज होते हैं, हर इंसान को पसंद होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो इन्हें गर्म दूध के साथ बेहद पसंद किया जाता है तथा स्वास्थ्यवर्धक होते हैं।
  --डा जितेंद्र मोरवाल
फोटो कैप्शन 03: सर्दियों के भोजन से सजी प्लेट साथ में बबीता एवं डा जितेंद्र मोरवाल





अभी सरसों में न लगाये पानी- डा. अजय
--यूरिया भी अभी न डाले
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कनीना की आवाज।
 अभी सरसों के खेतों में न तो पानी लगाना चाहिए और न ही यूरिया डालना चाहिए। ये विचार एसडीओ कृषि महेंद्रगढ़ डा. अजय यादव के हैं।
 उन्होंने बताया कि इस वक्त खेतों में सरसों दिखाई देने लग गई है किंतु अभी पानी जल्दी से न लगाए। कम से कम 30 से 35 दिन के बाद ही लगाए। यदि सूखे में बिजाई की गई थी तो सरसों में पानी का छिड़काव करें, खुला पानी न दे। खुला पानी देने से फसल में न केवल वायरस जनित रोग आ जाएंगे अपितु सरसों में नुकसान होने का खतरा बन जाता है। यदि खेतों में सरसों के पौधों पर कोई फूल नजर आए उस समय पानी देना ज्यादा बेहतर होगा और साथ में उसी समय यूरिया खाद भी डाला जा सकता है। उन्होंने बताया कुछ किसान जल्दी से पानी देते हैं और खुला पानी देते हैं जो गलत है तथा यूरिया भी अभी डालने की कोई आवश्यकता नहीं है। पानी लगाते वक्त सावधानी बरते कि पौधों के पास पानी न खड़ा होने पाए। बाकी कुछ खेत की स्थिति पर भी पानी देना निर्भर करता है। अधिकांश मामलों में बिजाई के एक माह बाद ही पानी देना चाहिए।
 लहलाने लगी है सरसों खेतों में-
 कनीना क्षेत्र में करीब 20000 हेक्टेयर पर सरसों की बिजाई की गई है जो विगत वर्ष उगाई गई सरसों के बराबर ही है। अब सर्दी पढऩे लगी है जिसका फसलों को लाभ होने का अंदेशा है। अभी किसानों ने खेतों में निराई का काम शुरू कर दिया है। क्योंकि खेतों में बथुआ तथा अन्य अवांछनीय पौधे खड़े हो गए हैं। किसान ने सबसे अधिक सरसों फसल उगाई है दूसरे नंबर पर गेहूं उगाया गया है। अब खेतों में गेहूं और सरसों की फसल दिखाई देने लग गई है।
 फोटो कैप्शन 01: खेतों में खड़ी हुई सरसों की फसल
साथ में एसडीओ कृषि डा. अजय यादव






अवकाश वाले दिन वकीलों की मेजों पर सोते हैं बंदर
-बंदरों की परेशानी बढ़ी
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कनीना की आवाज।
 कनीना के न्यायिक परिसर स्थित वकीलों के चेंबर में जहां अवकाश के दिन सभी अधिवक्ता अपने घरों में होते किंतु बंदर वहां पर खूब उछल कूद करते हैं। अधिवक्ताओं की मेज एवं कुर्सियों पर आराम से दिनभर बंदर सोते रहते हैं। यदि कोई वकील या व्यक्ति उधर से गुजरे तो उसे इन बंदरों का खतरा बन जाता है। एक बंदर नहीं दर्जनों बंदर इन मेज कुसियों पर सोते मिल जाते हैं। बंदरों का रूप और विकराल होता जा रहा है। आए दिन बंदरों के काटने की घटनाएं बढ़ती जा रही है।बंदरों को लेकर के कनीना के लोग परेशान हैं, विशेष कर कनीना मंडी स्थित शिव कुमार अग्रवाल बार-बार बंदरों को पड़कर अन्यत्र छुड़वाने की मांग कर रहे हैं। शिव कुमार अग्रवाल ने बताया कि बंदरों को पड़कर अन्यत्र छुड़वाने के लिए अभी टेंडर छोड़े जाने हैं, टेंडर छोड़े नहीं गए हैं, अनुमति मिली हुई है। टेंडर छोडऩे के बाद ही संभावना है कि बंदर पकड़कर अन्यत्र छुड़वाएं जा सकेंगे। बहरहाल हर जगह बंदरों का बैोलबाला है। गर्मी, सर्दी याबरसात ये बंदर छात्रों पर घूमते रहते हैं और नुकसान पहुंचाते हैं।
यह भी एक कारण है कि जब कहीं कोई नजर ना आए तो वहां पर बंदर पहुंच जाते हैं। आकाश के दिन से वकीलों के चेंबर में कुर्सियों पर तथा मेजों पर आराम फरमाते देखे जा सकते हैं। आसपास किसान के खेतों में भी है बंदर नुकसान पहुंचाते हैं। खेतों में उगाई गई सरसों, मूली एवं गाजर आदि को खोद जाते हैं।
बंदरों के संबंध में अधिवक्ताओं से चर्चा की गई-
 यह प्रशासन की कमी है कि बंदरों पर अंकुश नहीं लगाया गया है। बंदर जहां कहीं भी देखे जा सकते हैं। उनकी मेज कुर्सियों पर तो अवकाश के दिन बहुत घूमते हैं जो परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं। किसी को काट खाते हैं। इन पर किसी का जोर नहीं किंतु प्रशासन इनको पकड़वाकर अन्यत्र छोड़वा सकता है।
-- रमेश कुमार अधिवक्ता
जहां एसडीएम से लेकर उच्च अधिकारी तक यहां बैठते हो वहीं पर अवकाश के दिन बंदरों का आतंक छाया रहता है। ऐसे में कहीं में कहीं प्रशासन की चूक होती है। प्रशासन को चाहिए कि बंदरों से क्षेत्र को निजात दिलाई जाए वरना आने वाले समय में बंदरों के कारण बहुत अधिक घटनाएं घटेंगी।
--अधिवक्ता राजेश कुमार
बंदर आज के दिन बड़ी समस्या बनकर उभर आए हैं। अवकाश के दिन  अधिवक्ताओं की मेज कुर्सियां जो चेंबर में लगी होती है उन पर घूमते हैं मटरगश्ती करते हैं, मल मूत्र त्याग जाते हैं और उन्हें भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि यह प्रशासन का फर्ज बनता है कि इनसे जैसे तैसे भी निजात दिलवाये।
--अधिवक्ता पंकज यादव
 फोटो कैप्शन 02: वकीलों के चेंबर में मेजों पर सोए हुए बंदर साथ में अधिवक्ता रमेश कुमार, राजेश कुमार, पंकज यादव।



 गीता प्रश्रोत्तरी 22 नवंबर 2024 के उत्तर
--आज भी कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन। पा सकते हैं इनाम, देर किस बात की आज ही करें रजिस्ट्रेशन                        ******                     
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कनीना की आवाज।
भगवतगीता प्रश्रोत्तरी के प्रश्रों को अभी हल करें। चेक करें अगर कहीं गलत भरा हो तो फिर से रात 12 बजे तक ठीक कर ले।
22 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं--
गीता प्रश्रोत्तरी के उत्तर भरें।
-अगर रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो अभी करें, फिर उत्तर भरे
कनीना। आज की प्रश्रोत्तरी के  कंफर्म उत्तर निम्र हैं-
22 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं
1-C  2-B  3-D  4-A  5-C
1-C  2-B  3-D  4-A  5-C
अभी एक बार फिर से अवलोकन किया जाएगा। ऐसे में अपने उत्तर कितनी भी बार बदल सकते हैं। उत्तर स्वयं भी खोजे और गलत नजर आये तो अवगत कराये।
कैसे भरे उत्तर--
निम्र लिंक को क्लिक करें-
http://ig…
[7:08 AM, 11/22/2024] Dr Hoshiar Singh Yadav: गीता प्रश्रोत्तरी 22 नवंबर 2024 के उत्तर
--आज भी कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन। पा सकते हैं इनाम, देर किस बात की आज ही करें रजिस्ट्रेशन                        ******                     
भगवतगीता प्रश्रोत्तरी के प्रश्रों को अभी हल करें। चेक करें अगर कहीं गलत भरा हो तो फिर से रात 12 बजे तक ठीक कर ले।
22 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं--
गीता प्रश्रोत्तरी के उत्तर भरें।
-अगर रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो अभी करें, फिर उत्तर भरे
कनीना। आज की प्रश्रोत्तरी के  कंफर्म उत्तर निम्र हैं-
22 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं
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अभी एक बार फिर से अवलोकन किया जाएगा। ऐसे में अपने उत्तर कितनी भी बार बदल सकते हैं। उत्तर स्वयं भी खोजे और गलत नजर आये तो अवगत कराये।
कैसे भरे उत्तर--
निम्र लिंक को क्लिक करें-
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फोन नंब…
आज की प्रश्रोत्तरी के  कंफर्म उत्तर निम्र हैं-
22 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं
1-C  2-B  3-D  4-A  5-C
1-C  2-B  3-D  4-A  5-C
कैसे भरे उत्तर--
निम्र लिंक को क्लिक करें-
http://igmquiz.in/
फोन नंबर एवं पहले से मिला ओटीपी, पासवर्ड के रूप में भरे। यदि ओटीपी याद नहीं है तो फोरगेट पासवर्ड करें पुन: पासवर्ड/ओटीपी आएगा।
पांच प्रश्र एक एक करके खुलेंगे बारी-बारी से उत्तर भरे और फाइनल सब्मिट कर दे।
ध्यान रहे उत्तर रात 12 बजे तक कितनी ही बार बदल सकते हैं।
अगर अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो निम्र लिंक को क्लिक करें-
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 नोट रजिस्टर्ड यट को दबाए
पांच खाने खुलेंगे उन्हें विद्यार्थी/पब्लिक गांव,नाम, फोन नंबर भरे मोटिवेटर अंतिम कालम होगा जिसमें केवल 9416348400 ही भरे जो मेरे हैं।
रजिस्टर करें। ओटीपी/पासवर्ड आएगा जिसे निर्धारित खाने में भरकर वेरिफाई कर दे। अब आप उत्तर देने के लिए तैयार हैं। उपरोक्त लिंक को क्लिक करे फोन नंबर व ओटीपी भरे। प्रश्रो के उत्तर भरे,फाइनल सब्मिट को जरूर दबाए।
मोटिवेटर में 9416348400 ही भरें ताकि आपको उत्तर मिल सकें।  
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 के अवसर पर आनलाइन गीता प्रश्नमाला - नगद पुरस्कार जीतने और प्रमाण-पत्र प्राप्त करने का सुनहरा अवसर*
17 नवंबर से 27 नवंबर
* रजिस्ट्रेशन के लिए लिंक
http://igmquiz.in/
Participants Category
A) Student
B) Public
Cash Prizes / Certificate:
1) हर रोज 500-500 रुपए के 40 ईनाम
2) क्विज के समापन पर लाखों रूपए के ईनाम
3) मोटिवेटर्स को भी आकर्षक ईनाम राशि
4) किसी भी जिले, राज्य या देश के नागरिक, विद्यार्थी व उनके माता पिता कोई भी इसमें भाग ले सकते हैं।
 22 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं
कनीना।
 रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो अभी कर ले। उत्तर आज रात 12 बजे तक भरें--                                                                                    22 नवंबर 2024 के 5 प्रश्रों के उत्तर निम्र हैं
1-C  2-B  3-D  4-A  5-C
1-C  2-B  3-D  4-A  5-C
किसी प्रकार की रजिस्ट्रेशन में दिक्कत हो तो मेरे फोन नंबर 9306300700   या  9416348400 पर संपर्क करें


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