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Friday, March 6, 2020



बाबा मोलडऩाथ मेला हुआ बारिशमय 
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कनीना। कनीना में लगने वाले बाबा मोलडऩाथ के मेले में जुटे हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने बाबा के मंदिर में पहुंच कर माथा टेक प्रसाद चढ़ा कर मन्नत मांगी। दोपहर पश्चात हुई बारिश ने मेले का मजा किरकिरा कर दिया खेलकूद आदि बारिश की भेंट चढ़ गए। पिछले तीन वर्षों में आयोजित मेलों के दिन भी बारिश आई थी। से मेले के दौरान मेले के दौरान दस एमएम बारिश हुई। एसडीएम कनीना ने मेला का जायजा लिया।
संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ की याद में भरने वाले मेले में विभिन्न प्रकार के खेलो का आयोजन बारिश आने से पहले किया गया जिसमें सुबह हुई घोडिय़ों की दौड़ 25 घोडिय़ों एवं 15 ऊंटों एवं चार घोड़ों ने भाग लिया जिसमें अनिल कुमार बाबा मोलडऩाथ की घोड़ी ने सभी को धुल चटाते हुए प्रथम स्थान हासिल किया और राजकुमार झुंझुनू दूसरे स्थान पर रही, तीसरे स्थान पर राम सिंह की घोड़ी तृृतीय स्थान पर रही वही ऊंटों की दौड़ में भी 15 ऊंट शामिल हुए जिसमें साहबु समसाबाद,फिरोजपुर झिरका ने सभी को मात देते हुए प्रथम स्थान हासिल किया, वही माणा पाथेड़ा ने  दूसरा स्थान प्राप्त किया। घोड़ों की दौड़ में रामकुमार कुराहवटा का घोड़ाप्रथम, मीर सिंह बत्तर भिवानी का दूसरे स्थान पर वहीं तीसरे स्थान पर दिनोद बाबा घोड़ीवाला तहसरे स्थान पर रहा।
बारिश ने सारा मजा किरकिरा कर दिया। भारी बारिश के चलते घोड़ों एवं ऊंटों के विभिन्न करतब नहीं हो पाए वहीं कुश्ती आदि भी नहीं हो पाए।  इस पावन अवसर पर भरने वाले मेले में हर वर्ष हजारों की तादाद में नर-नारी आते है तथा जो भी मन्नत मांगते हैं वे पूरी हो जाती है। बाबा एक  विख्यात प्रसिद्ध संत थे जिन्होंने अपने समूचे जीवन में भगवान की भक्ति कर नर-नारियों का भला करने का कार्य किया था। यही कारण है कि भक्त उन्हें पूजते हैं। इस धाम पर आने वाले भक्त बाबा के शक्कर,बतासे, बून्दी के अलावा अन्य विभिन्न प्रकार के प्रसाद चढ़ाते है और अपनी मन्नत की कामना करते है जिसको बाबा जरूर ही पूरी करते है। इस धाम पर 36 बिरादरियों के लोग आकर माथा टेक जो विचार करते है वह सभी बाबा पूरे करते है, इस मेले की सबसे बड़ी बात यह भी है की इस मेले में हिन्दु और मुस्लिम सभी एक साथ प्रसाद चढ़ाते है जिससे यहां सभी का प्यार-प्रेम और भाईचारा एक समान है।
   कनीना के इस मेले में बाबा आश्रम को फूल मालाओं से सजाया हुआ था। बाबा की प्रतिमा को भी फूल मालाओं से सजाकर आकर्षक बनाया हुआ था। मेले में धूने के स्थान पर सेवक भक्तों की सेवा में लगे हुए थे। महिलाएं एवं पुरुष धूने पर प्रसाद चढ़कर बाबा का आशीर्वाद पा रहे थे। बाबा  आश्रम के पास ही माता मंदिर, खाटू श्याम मंदिर, हनुमान मंदिर, 21 फुट ऊंची प्रतिमा वाले शिवालय, सती स्थल, राधा कृष्ण मंदिर, सीताराम मंदिर में भी भीड़ रही। 
   इस मेले में भंडारों का विशेष प्रावधान किया गया। कई भक्तजनों ने भंडारा लगाया। शक्कर का प्रसाद चढ़ाया, संतों को भोजन कराया, बीती शाम को मोलडऩाथ सत्संग मंडल सहित कई मंडलों ने सत्संग एवं भजन किए। मेले में एसडीएम कनीना रणबीर सिंह ने दौरा किया, मेले का आनंद लिया, प्रसाद भी ग्रीहण्ण किया।
फोटो कैप्शन 10: एसडीएम कनीना रणबीर सिंह मेले में प्रसाद ग्रहण करते
             11 प्रथम रही घोड़ी तथा 12 ऊंटों की दौड़।


बारिश में गिरा छज्जा एवं घर का हिस्सा 

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कनीना। कनीना के गांव कोटिया में एक व्यक्ति के घर का छज्जा तथा कुछ मकान का कुछ हिस्सा बारिश के कारण गिर गया। सौभाग्यवश किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं घटी।
गांव की सुमेर सिंह प्रजापत, गिरवर सिंह एवं हीरालाल नंबरदार ने बताया कि गुरुवार की रात बारिश के चलते गिरवर के मकान का छज्जा टूट गया वहीं सुमेर सिंह के मकान का लेंटर का कुछ हिस्सा गिर गया। उस वक्त पशु आदि बंधे हुए थे किंतु सौभाग्यवश किसी प्रकार की अनहोनी नहीं हुई। उन्होंने बताया कि बारिश के वक्त जन घर के अंदर नहीं थे बल्कि पास में पशु बंधे हुए थे।
  उधर कोटिया के सरपंच दलीप कुमार ने बताया कि एक व्यक्ति के घर का छज्जा तो दूसरे व्यक्ति के घर का हिस्सा बारिश के कारण गिर जाने से कोई अप्रिय घटना नहीं घटी है। उस वक्त पास में पशु बंधे हुए थे लोग नहीं थे। यह मकान कुछ माह पूर्व ही बनाया गया था।
फोटो कैप्शन 9: कोटिया गांव में घर के हिस्से के ढह जाने का नजारा।



बेरों में नाम कमाया है महाबीर करीरा ने मेलों में भी देते हैं डेमो

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कनीना। करीरा गांव के किसान महावीर सिंह कई वर्षों से बेर पैदा करके क्षेत्र में नाम कमा रहे हैं और दूसरे किसानों को भी बेरी के पेड़ लगाने की सलाह दे रहे हैं। गरीबों के सेब के लिए प्रसिद्ध बेर विभिन्न मेलों में भी उपलब्ध हो रहे हैं। मोलडऩाथ मेले में भी उनके बेर नजर आएंगे।
  करीरा गांव का किसान महावीर सिंह यूं तो ब्लाक स्तर किसान पुरस्कार प्राप्त कर चुका है किंतु उनके कृषि के प्रति रुझान को देखा जाए तो लगता है कि उनकी सोच किसी राष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाले किसान से कम नहीं है। केंचुआ पालन, प्याज, लहसुन आदि का स्टोर रूम स्थापित करके तथा खेत में कई फसलें एक साथ पैदा करके अर्थात मिश्रित खेती करके नाम कमाया है। बेरों में भी उन्होंने दूर दराज तक नाम कमाया है। अब बेरों की कैंडी तथा बाजरे के बिस्कुट बनाने में जुटे हुए हैं।
  विगत वर्ष की भांति उन्होंने बडे बड़े बेर पैदा किया है। अपने खेत में करीब 75 बेरी के पेड़ लगा रखे हैं जिनसे लाखों रुपये की आय प्राप्त कर रहे हैं। जब सर्दी अधिक पड़ती है तो बेर कम पैदावार देते हैं। कनीना के प्रसिद्ध  बाबा मोलडऩाथ मेला हा, बाघेश्वरी धाम का मेला हो या कृषि प्रदर्शनी महावीर किसान के बेरों की चर्चाएं चलती रहती हैं।
क्या कहते हैं महावीर किसान--
किसान महावीर का कहना है कि किसानी का काम अब घाटे का सौदा बनता जा रहा है। इस घाटे से उभारने के लिए खेत में बागवानी की ओर तथा कैश क्राप की ओर रुझान पैदा करके बेहतर आय ले सकते हैं।
क्या कहते हैं कृषि अधिकारी-
कृषि अधिकारी डा देवेंद्र कुमार एडीओ का कहना है कि बेर महेंद्रगढ़ जिला की भूमि पर बेहतर पैदावार दे सकता है। यदि बेर का उत्पादन किया जाए तो किसान इस कैश क्राप से बेहतर आय ले सकते हैं।
फोटो कैप्शन 1 एवं 2: करीरा गांव का किसान महावीर सिंह बेरी के बेर दिखाते हुए।


आंवला एकादशी मनाई गई

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कनीना। कनीना क्षेत्र में बुधवार को आंवला एकादशी का पर्व मनाया गया। व्रत करके महिलाओं ने आंवला की पूजा की और आंवला एकादशी की कथा सुनाई। इसे आमलकी एकादशी नाम से भी जाना जाता है।
वयोवृद्ध महिला संतरा देवी ने बताया कि हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। एक वर्ष के अंतराल में 24 एकादशियां आती हैं। जब मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। आमलकी यानी आंवला को शास्त्रों में उसी प्रकार श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है जैसा नदियों में गंगा को प्राप्त है और देवों में भगवान् विष्णु को। विष्णु जी ने जब सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्मा को जन्म दिया उसी समय उन्होंने आंवले के वृक्ष को जन्म दिया। आंवले को भगवान विष्णु ने आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया है। आंवले के हर अंग में ईश्वर का स्थान माना गया है। स्वयं भगवान विष्णु ने कहा है जो प्राणी स्वर्ग और मोक्ष प्राप्ति की कामना रखते हैं उनके लिए फाल्गुन शुक्ल पक्ष में जो पुष्य नक्षत्र में एकादशी आती है उस एकादशी का व्रत अत्यंत श्रेष्ठ है। इस एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है।
 कनीना के वार्ड एक की महिलाओं ने आशा यादव के भवन परिसर में लगे आंवलों की पूजा विधि विधान से की और आंवले को जल अर्पित किया। मोनी कुमारी ने आंवला एकादशी का व्रत, तरीका, कथा आदि सुनाई।
फोटो कैप्शन 3: आंवला एकादशी पर महिलाएं आंवला की पूजा करते हुए।


ज्योति ने पाई अंग्रेजी में पीएचडी की उपाधि 

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 कनीना। कनीना वार्ड नंबर 8 ज्योति पुत्री बाबूलाल ने केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ से अंग्रेजी विषय में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।  वर्तमान में ज्योति अंग्रेजी विषय की प्राध्यापिका पद पर कार्यरत है। ज्योति के पिता बाबूलाल डायरेक्टर वाणिज्य मंत्रालय नई दिल्ली से सेवानिवृत्ति हुए हैं वहीं उनके पति भी पति हरीश सवाल सिविल जज के पद पर कार्यरत है। इस उपलब्धि का श्रेय उन्होंने अपने माता-पिता ससुर और पति को दिया है।
 इस मौके पर उन्हें बधाई देने वालों में सत्येंद्र शास्त्री, मा सतीश कुमार, पवन कुमार, हेड मास्टर सुरेंद्र सिंह,  पूर्व पार्षद रामेश्वर दयाल, उमराव सिंह पूर्व सरपंच, अनिल कुमार,मा विजयपाल,डा प्रशांत, मैनेजर अजय कुमार आदि ने बधाई दी फोटो कैप्शन : डा ज्योति



एक सप्ताह में हुई 60 एमएम बारिश, पड़े ओले 60 प्रतिशत से भी अधिक फसल हो चुकी है बर्बाद 

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कनीना। कनीना क्षेत्र में किसानों की फसल के इस वर्ष हालात अच्छे नहीं है। तेज हवाएं, बारिश, ओलावृष्टि आदि ने किसानों की 60 प्रतिशत से भी अधिक फसल को बर्बाद करके रख दिया है। अब तक तीन बार बारिश हो चुकी है। एक सप्ताह में जहां ओलावृष्टि के साथ पहली बार बारिश 18 एमएम हुई, दूसरी बार बारिश 22 एमएम हुई तथा तीसरी बार गुरुवार की रात 24 एमएम बारिश हुई है जिसके चलते किसान बेहद दुखी नजर आ रहे हैं। किसानों ने को अब सरकार से मुआवजे पर आश टिकी हुई है। कुछ किसानों ने फसल बीमा करवा रखा है उन्हें कुछ लाभ अधिक होने की संभावना है वहीं जिन किसानों ने बीमा नहीं करवाया है वे किसान सरकार द्वारा मुआवजा की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं।
 किसान अजीत कुमार, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह ने बताया कि गुरुवार की शाम को बारिश अधिक होने से खेतों में पानी खड़ा हो गया। यहां तक कि रास्तों में भी पानी खड़ा देखा गया जिसके चलते खड़ी फसल विशेष रूप से गेहूं की फसल बारिश एवं हवा से गिर गई। अब फसल में भारी नुकसान होने की संभावना बनी हुई है। ओलावृष्टि से पहले गेहूं सरसों की फसल को नुकसान हो चुका है। किसान अजय कुमार मोड़ी तथा किसान गजराज सिंह  ने बताया कि उनके खेतों में ओलावृष्टि से नुकसान होने के बाद लगातार नुकसान हो रहा है। उनका कहना है कि यदि बारिश यूं ही चलती रही तो और भी नुकसान होने का अंदेशा बन जाएगा।
किसानों की बेहतर फसल पकान पर पहुंच गई थी किंतु अचानक बारिश ने उनकी सारी फसल को तबाह कर के रख दिया है। किसान अब बेहद परेशान है किसानों का कहना है कि सरकार अविलंब विशेष गिरदावरी करके भरपाई फसलों की नुकसान की भरपाई करें। किसान उनकी फसल की जल्द ही भरपाई मुआवजे के रूप में होने का इंतजार कर रहे हैं। उधर अभी भी बारिश के आसार बने हुए हैं। कृषि विश्वविद्यालय हिसार के मौसम विभाग अनुसार अभी और भी बारिश होने की संभावना बनी हुई है। किसानों की यही फसल मुख्य फसल कहलाती है और इसी फसल में ओलावृष्टि एवं बारिश ने नुकसान पहुंचा दिया है। फोटो कैप्शन 4: बारिश एवं आंधी से गिरी हुई गेहूं की फसल।



बाबा मेला बारिश और जलभराव से प्रभावित हुआ, गुरुवार को क्षेत्र में हुई 24 एमएम बारिश 

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कनीना। कनीना के बाबा मोलडऩाथ आश्रम के पास मार्गों पर जल भर जाने से जहां आवागमन प्रभावित हुआ। भक्तों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ी। मेले के दृष्टिगत लगाई दुकानों में सामान भीग गया तथा भक्त परेशान नजर आए।
 गुरुवार की रात बारिश का पानी दो-दो फुट खड़ा हो गया जिसके चलते पानी से होकर ही भक्त आश्रम तक जाने को मजबूर हो गए।  उल्लेखनीय कनीना और आसपास गांव के सभी लोग इस दिन शक्कर का प्रसाद बांटने बाबा आश्रम
आते हैं किंतु बारिश के पानी में से गुजारना पड़ा। इस प्रकार जहां दौड़ प्रभावित हुई वहीं भंडारे भी प्रभावित होते रहे। शुक्रवार को दिनभर मौसम खराब रहा वहीं बूंदाबांदी भी हुई।
 फोटो कैप्शन 5: बाबा आश्रम के पास भरा हुआ पानी।


खाटू यात्रा निकाली, जगह-जगह लगे खाटू के मेले 

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कनीना। श्री श्याममित्र मंडल की ओर से खाटू निशान यात्रा कनीना मंडी के राधाकष्ण मंदिर से खाटू श्याम मंदिर कनीना तक निकाली गई जिसमें सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया।
जयकारे लगाते हुए, कनीना मंडी के राधाकृष्ण मंदिर से  खाटू श्याम मंदिर कनीना तक पहुंचे। खाटू श्याम मंदिर पर यात्रा का समापन हुआ।
उल्लेखनीय की श्री श्याम मित्र मंडल द्वारा विगत दिनों खाटू जागरण आयोजित किया था, तत्पश्चात उनकी एक निशान यात्रा कनीना से खाटू श्याम धाम जैतपुर तक पहुंची थी। एकादशी को यह यात्रा कनीना मंडी के राधाकृष्ण मंदिर से शुरू हुई और खाटू श्याम मंदिर कनीना पहुंची।
यहां खाटू श्याम का मेला लगता लगता आ रहा है वहीं शिविर भी आयोजित हो रहा था। खाटू भक्तों के लिए लगाए शिविर संपन्न हो गए। जगह-जगह शिविर लगाए थे।  खाटू श्याम मंदिरों पर जगह-जगह मेले लगे। बाघोत के खाटू श्याम मंदिर पर मेला लगा वही कनीना के खाटू श्याम मंदिर पर भी मेला लगा। जैतपुर में भारी मेला लगा, भारी संख्या में भक्तजन पहुंचे। भक्त रविंद्र कुमार बंसल ने बताया कि छोटे-छोटे बच्चे भी निशान लेकर खाटू यात्रा में शामिल हुए।
कनीना मंडी के राधा श्याम मंदिर से जो निशान यात्रा शुरू हुई उसमें 5 साल के बच्ची सानवी बंसल सहित छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हुए, महिलाओं की संख्या अधिक थी। यह यात्रा खाटू श्याम मंदिर पर समाप्त हुई।
 फोटो कैप्शन 6: निशान यात्रा खाटू धाम कनीना जाते हुए।


दर्शन के लिए दो-दो फुट बारिश से गुजारना पड़ा

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कनीना। कनीना संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ आश्रम में मेले के दिन पहुंचने के लिए दो-दो फुट पानी से होकर गुजरना पड़ा। शाम दो बजे बारिश हुई थी तत्पश्चात बाबा मोलडऩाथ आश्रम के पास भारी मात्रा में सभी रास्तों पर पानी जमा हो गया। जिसे त्वरित गति से निकाला गया लेकिन फिर भी शाम पांच बजे तक दो-दो फुट गंदे पानी से होकर भक्तजन दर्शनार्थ पहुंच रहे थे।
 मेले में जहां महिला और पुरुषों की अलग-अलग लाइनें थी। अरविंद जोशी तिलक करके सभी को धूने की धोक लगवा रहे थे। वही प्रसाद वितरण का प्रबंध किया गया था।  शक्कर मेले में भारी मात्रा में शक्कर बाटी जा रही थी वही आना-जाना पानी से होकर करना पड़ा था। महिला पुरुष बच्चे सभी पानी से होकर गुजर रहे थे। कनीना के आसपास विभिन्न दर्शनीय स्थलों पर भारी मात्रा में भक्त पहुंच रहे थे।
 फोटो कैप्शन 15: पानी से होकर मोलडऩाथ में पहुंचते लोग।

कई घंटे लगा रहा जाम

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 कनीना। शुक्रवार शाम को कनीना बस स्टैंड से रेवाड़ी मार्ग पर करीब 3 किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। यह जाम बारिश तथा कनीना के बाबा मोलडऩाथ आश्रम पर लगने वाले मेले के दृष्टिगत देखने को मिला। पुलिस प्रशासन जाम हटवाने का प्रयास करती रही  लेकिन जाम इतना लंबा था कि वाहनों को जाम से निकलने में घंटों का समय लग रहा था। दोनों तरफ से भारी संख्या में वहां आवागमन होने से तथा ओवरलोड वाहनों के फंस जाने से जाम की समस्या विकराल बन गई। और पुलिस चौकी इंचार्ज गोविंद सिंह तथा पुलिस मौके पर पहुंचे और जाम को खुलवाने का प्रयास करते रहे।
उल्लेखनीय है कि कनीना के बस स्टैंड पर जाम की समस्या समय समय पर बनती रहती है। जाम के कारण जहां लोग वैकल्पिक मार्गों से होकर गुजरते देखे गए। वहीं जाम से निजात पाना कठिन हो गया।
फोटो कैप्शन 13 व 14: जाम का एक नजारा



,कनीना। पोस्ट आफिस में नौकरी लगाने के नाम पर 14 लाख रुपये की ठगी। पीड़ित अटेली के गांव चंदुपरा निवासी संदीप पुत्र बस्तीराम ने कनीना पुलिस को पवन कुमार स्याना, अमित यादव निवाीस चांगरोड दादरी के खिलाफ नौकरी के नाम 14 लाख ठगने की शिकायत दी है। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर उक्त लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।


,कनीना। कनीना के स्टेट बैंक इंडिया से पैसे जमा करवाने पहुंचे दौगड़ा जाट निवासी एक व्यक्ति के अज्ञात लोग 70 हजार रुपये निकाल ले गए। पीड़ित मुकेश कुमार ने इसकी शिकायत कनीना पुलिस को दी है। पुलिस ने मामले की जांच के बाद मामला दर्ज कर लिया है।

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