500 भक्तों का दल खाटू धाम जैतपुर रवाना
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कनीना। श्रीश्याम मित्र मंडल (रजिस्टर्ड) कनीना मंडी द्वारा जहां 29 फरवरी को छठा विशाल जागरण आयोजित करवाया था वहीं बुधवार को 500 खाटू भक्तों की पदयात्रा जैतपुर तक रवाना की जिसमें 350 भक्त निशान लेकर जयकारे लगाते हुए आगे बढ़े।
विस्तृत जानकारी देते हुए श्रीश्याम मित्र मंडल के प्रधान अनिल गर्ग ने बताया कि 29 फरवरी को कनीना मंडी में विशाल जागरण आयोजित किया गया था वहीं बुधवार को श्याम मंदिर कनीना से जैतपुर धाम तक की पदयात्रा रवाना हुई। पदयात्रा की अध्यक्षता रविंद्र बंसल कर रहे हैं। वहीं दूसरी पदयात्रा छह मार्च को कनीना मंडी के राधाकृष्ण मंदिर से श्रीश्याम मंदिर कनीना तक पहुंचेगी।
जैतपुर धाम-कनीना से करीब 22 किमी दूर जैतपुर का खाटू श्याम मंदिर स्थित है जहां छह मार्च को बड़ा मेला लगने जा रहा है। इस मेले में भक्त निशान लेकर पहुंचते हैं और बाबा को अर्पित करते हैं। हर वर्ष हजारों की संख्या में भक्त जैतपुर जाते हैं। जो भक्त खाटू धाम राजस्थान नहीं पहुंच पाते हैं वे जैतपुर धाम जाते हैं। यात्रा में अनिल गर्ग प्रधान श्री श्याम मित्र मंडल, मुकेश सिंगला, प्रवक्ता सचिन शर्मा सहित सैकड़ों भक्त शामिल हुए।
खाटू श्याम मेला-
जैतपुर में छह मार्च को खाटू श्याम मेला लगने जा रहा है जिसमें अपार भीड़ जुटेगी। कलकत्ता तथा अलवर के शृंगारकर्ता प्रतिदिन ताजा फूलों से बाबा का शृंगार करते हैं। करीब 300 वर्ष पुराने इस श्याम मंदिर का वर्तमान में जीर्णोंद्धार करवाया गया है।
कनीना व आस पास के भक्त जैतपुर जाएंगे। 22 किमी के इस सफर में वे मोहनपुर, भोजावास, रातां से होकर प्रतापुर एवं जैतपुर पहुंचते हैं। इस पदयात्रा में उनके साथ जल एवं खाने पीने का सामान वाहन में साथ साथ चलता है। डीजे पर थिरकते पैर एवं रंग गुलाल में भीगे भक्त खुशी खुशी जैतपुर के लिए रवाना हो रहे हैं। भारी संख्या में भक्त आपने साथ अमर ज्योति लेकर जा रहे हैं। यह ज्योति भी जैतपुर धाम पर अर्पित की जा रही है।
फोटो कैप्शन 1: भक्त कनीना से जैतपुरा जाते हुए।
मालड़ा गांव से लड़की गायब, पुलिस ने किया मामला दर्ज
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कनीना। कनीना थाने के गांव मालड़ा से एक लड़की गायब होने का मामला दर्ज किया है। लड़की परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि हमारी लड़की को खातोद गांव का एक लड़का बहला-फुसला कर भगा ले गया है। वही पुलिस ने लड़की के परिजनों की शिकायत पर खातोद गांव के एक लड़के के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ करदी है। वही इससे पहले भी कनीना खंड के दो गांवों से एक लड़की व एक महिला गायब हैं जिनका अभी तक पता नहीं चल पाया है।
सर्वे एवं मुआवजे का अब रहेगा इंतजार
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कनीना। कनीना क्षेत्र में गत दिनों हुई ओलावृष्टि के बाद अब किसान अपने अपनी फसल की गिरदावरी एवं मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। अभी तक बीमित किसानों द्वारा टाइप-1 के फार्म कृषि कार्यालय महेंद्रगढ़ में जमा करवा दिए गए हैं। तत्पश्चात सर्वे के लिए कंपनी तथा कृषि अधिकारी खेत खेत में जाकर सर्वे करेंगे और फिर टाइप-3 द्वारा किसानों की मुआवजा राशि मिलने की संभावना बनेगी किंतु अभी तक टाइप-एक के तहत ही कार्रवाई चल रही है।
जिन किसानों की फसल का बीमा नहीं था उनकी फसल का मुआवजा सरकार के रहनुमाई पर निर्भर करता है। सरकार चाहे तो सर्वे एवं मुआवजा त्वरित गति से कर सकती है। ऐसे में सर्वे किए जाने का बेसब्री से इंतजार है।
मोदी के गजराज सिंह, अजय कुमार एवं कांता किसानों ने बताया की फसल में ओलावृष्टि ने भारी नुकसान पहुंचाया है परंतु उनका कहना है कि 2018-19 की 4 एकड़ जमीन की मुआवजा राशि भी अभी तक नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि उन्होंने चार एकड़ फसल का बीमा करवाया था जिसमें पानी खड़ा होने से फसल बर्बाद हो गई थी। सर्वे भी हो चुकी है किंतु अभी तक मुआवजा राशि नहीं मिली है।
जहां ओलावृष्टि का कनीना खंड कृृषि अधिकारी कार्यालय के तहत आने वाले 60 गांवों में थोड़ा अधिक जरूर हुआ है। अभी तक अगेती फसल उगाने वाले किसान अधिक परेशान है क्योंकि अगैती फसल उगाने वाले किसानों की गेहूं की फसल ने बाल निकाल रखी थी और पकान की ओर जा रही थी जिसमें अधिक नुकसान हुआ है। वैसे ही सरसों की अगैती फसल को भी अधिक नुकसान हुआ है जबकि पछेती फसल में अभी तक पकान नहीं हुआ था। ऐसे में अलग अलग मात्रा में नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। कुछ जगह 60 प्रतिशत से भी अधिक नुकसान होना बताया जा रहा है तो कहीं कुछ कम भी आंका जा रहा है।
महावीर सिंह किसान करीरा ने बताया कि उनकी बेर की फसल भी अंधड़ व बारिश ने नष्ट कर दी है। अभी किसान कंपनी तथा कृषि अधिकारियों द्वारा उनकी फसल में हुए नुकसान के सर्वे का इंतजार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि निकट भविष्य में जल्द ही उनकी फसल में हुए नुकसान का सर्वे किया जाएगा तत्पश्चात सरकार को नुकसान के बारे में अवगत कराने के पश्चात ही उन्हें मुआवजा राशि मिलने के आसार बनेंगे।
कनीना क्षेत्र में चल रही है परीक्षाएं शांतिपूर्वक
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कनीना। कनीना क्षेत्र में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं के लिए 12 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं जिनमें सभी में परीक्षा शांतिपूर्वक चल रही हैं। एसडीएम कनीना, खंड शिक्षा अधिकारी तथा अन्य अधिकारियों ने अलग अलग समय पर विभिन्न परीक्षा केंद्रों का औचक दौरा किया और सभी जगह शांतिपूर्ण चलती पाई गई। इस बार स्कूलों के बाहर मेले नहीं लग रहे हैं और ग्राम पंचायतें नकल रोकने में पूरा सहयोग कर रही हैं।
कनीना क्षेत्र में जहां सीबीएसई के दो परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। जीएल और एसडी स्कूलों में सीबीएसई की परीक्षाएं चल रही हैं वहीं हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 3 मार्च से बारहवीं की परीक्षा शुरू हो चुकी है। पहला पेपर हिंदी का चला वहीं दसवीं की परीक्षा बुधवार से शुरू हो हुईं जहां उनका पहला पेपर सामाजिक विज्ञान का हुआ।
कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में मंगलवार को 12वीं की परीक्षा हिंदी विषय की शांतिपूर्वक चली। वहीं बुधवार को दसवीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की परीक्षा शांतिपूर्वक चली। केंद्र अधीक्षक ने बताया कि परीक्षा केंद्र पर 214 परीक्षार्थियों परीक्षा दे रहे जहां कुल 217 परीक्षार्थी थे जिनमें से 3 अनुपस्थित रहे।
वहीं राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी के केंद्र अधीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि यहां दसवीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान का परीक्षा परीक्षा चली। दसवीं में 129 विद्यार्थी परीक्षा दे रहे हैं। वहीं कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 215 परीक्षार्थी दे रहे हैं।
परीक्षा केंद्रों पर नकल की प्रवृत्ति नहीं देखने को मिली। जिसको लेकर के लगता है कि अब उन नकल की प्रवृत्ति धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। परीक्षा केंद्रों पर व्यापक पुलिस का प्रबंध किया गया है वहीं ग्राम पंचायतें भी सहयोग कर रही हैं।
क्या कहते हैं खंड शिक्षा अधिकारी -
खंड शिक्षा अधिकारी अभय राम यादव ने बताया कि कनीना खंड में दसवीं के 12 परीक्षा केंद्र है जबकि 12वीं कक्षा के लिए 10 परीक्षा केंद्र बनाए गए है। बारहवीं कक्षा के लिए सभी परीक्षा केंद्र राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में बनाए गए हैं जबकि दसवीं कक्षा के परीक्षा केंद्र राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के अतिरिक्त सेहलंग एवं बाघोत में राजकीय उच्च विद्यालयों में भी बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी नसीब सिंह के आदेशानुसार जहां परीक्षा केंद्रों पर केंद्र अधीक्षक गेस्ट शिक्षक नियुक्त किए गए थे उनको कार्यभार मुक्त करके रेगुलर शिक्षक को केंद्र अधीक्षक बनाया गया है। उन्होंने बताया कि बेवल, भोजावास और पोता परीक्षा केंद्रों पर अतिथि शिक्षक केंद्र अधीक्षक नियुक्त हो गए थे जिन्हें कार्यभार मुक्त कर दिया गया है तथा रेगुलर शिक्षकों को केंद्र अधीक्षक बना दिया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि उन्होंने बेवल,भोजावास तथा पोता परीक्षा केंद्रों का दौरा किया जहां परीक्षाएं शांतिपूर्वक चल रही थी।
एसडीएम कनीना ने भी किया दौरा -
एसडीएम कनीना रणबीर सिंह ने भी परीक्षा केंद्रों का दौरा किया। उन्होंने भोजवास तथा बवानिया दो परीक्षा केंद्रों का दौरा किया जहां परीक्षाएं शांतिपूर्वक चलती पाई गई। कहीं भी किसी परीक्षा केंद्रों पर अनुचित साधनों का प्रयोग करते हुए नहीं पाया गया वहीं केंद्र के बाहर मेले और भीड़ देखने को नहीं मिली। इस बार परीक्षाएं शांतिपूर्वक चल रही हैं।
रेड क्रास की मोबाइल वैन का किया स्वागत
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कनीना। हरियाणा रेडक्रास की जन कल्याणकारी गतिविधियों के बारे में जागरूक करने वाली मोबाइल वैन का महेंद्रगढ़ जिले में पहुंचने पर कनीना की सीमा पर स्वागत किया गया। कनीना से 3 किलोमीटर दूर कोसली मार्ग पर इस वैन का भव्य स्वागत किया गया।
इस अवसर पर अजमेर सिंह दांगी पूर्व प्रधान प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन कनीना, डा एसपी सिंह सचिव जिला रेडक्रास सोसायटी नारनौल, टेकचंद यादव डीओसी, विकास दहिया सीईडी आदि ने वैन के साथ चंडीगढ़ से पहुंचे लक्ष्मण सिंह तथा ओमप्रकाश का स्वागत किया गया। इस वैन को 28 फरवरी को हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य द्वारा राजभवन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था।
अजमेर सिंह दांगी ने बताया कि हरियाणा सरकार की रेडक्रास गतिविधियों के बारे में प्रदेश वासियों को यह टीम जागरूक करेगी। यह महेंद्रगढ़ जिले में 2 दिन रहेगी। जिला उपायुक्त हरी झंडी दिखाकर जिला महेंद्रगढ़ में पांच मार्च को इसकी रवानगी करेंगे।
टेकचंद यादव डिविजनल कमांडर सेंट जॉन ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 28 फरवरी को यह वैन राजभवन से चंडीगढ़ से रवाना हुई थी। तत्पश्चात 28 और 29 फरवरी को कुरुक्षेत्र में, 1 और 2 मार्च को रोहतक में, 3 और 4 को झज्जर में रेड क्रास की जानकारी देने के बाद 4 मार्च को जिला महेंद्रगढ़ में प्रवेश किया है। अब यह 5 और 6 मार्च को महेंद्रगढ़ में रहेगी। तत्पश्चात 2 दिन रेवाड़ी, 2 दिन गुडगांवा में जागरूकता कार्यक्रम करने के पश्चात 9 मार्च को गुडग़ांव में यात्रा का समापन होगा। उन्होंने बताया कि पांच मार्च को जिला उपायुक्त नारनौल जगदीश शर्मा इसे हरी झंडी दिखाकर महेंद्रगढ़ के लिए रवाना करेंगे। यह वैन रेड क्रास की विभिन्न गतिविधियों को दर्शाने के लिए नारनौल से सीहमा, भोजावास, कनीना आदि से गुजरेगी तथा 6 मार्च को नारनौल से सिंघाना सड़क मार्ग से नांगल चौधरी और फिर अटेली के गांवों से होकर रेवाड़ी निकल जाएगी। उन्होंने बताया कि तीन अलग-अलग मोबाइल वैन पूरे हरियाणा में घूम रही हैं और 34 विभिन्न प्रकार की रेड क्रास की गतिविधियों के बारे में लोगों को जानकारी देगी।
फोटो कैप्शन 3: रेड क्रास की वैन का स्वागत करते हुए अजमेर सिंह सहित विभिन्न जन।
पहले राम ने मारा और अब भाव ने
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कनीना। कनीना क्षेत्र में मटर उगाने वाले किसान बेहद परेशान है। विगत दिनों जहां ओलावृष्टि से मटर की फसल को भारी नुकसान हुआ है वहीं आप मटर के भाव दिनोंदिन गिरते जा रहे हैं। सब्जी मंडी में मटर के भाव प्रतिदिन के होते हैं। यही कारण है कि अब 12 रुपये किलो मटर थोक में बिक रहे हैं।
किसान अजय कुमार, कांता देवी, गजराज सिंह आदि ने बताया कि उन्होंने करीब 2 एकड़ में मटर की खेती की है। विगत कई वर्षों से मटर की खेती करते आ रहे हैं इस बार मटर की खेती जब पकने लगी तब ओलावृष्टि हुई है। ओला जिस भी मटर की फली पर गिरा या छुआ है उसी फली के दाने नष्ट हो गए हैं। जहां फसल को भी ओलावृष्टि ने बाहरी नुकसान पहुंचाया है वहीं मटर की फसल में नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि में जहां 50 प्रतिशत तक नुकसान हो चुका है वहीं अब भाव गिर रहे हैं। विगत दिनों मटर के भाव 30 रुपये प्रति किलो थोक में होते थे किंतु अब धीरे-धीरे भाव घटते जा रहे हैं। उन्होंने विगत दिनों 19 रुपये
किलो मटर बेचे थे किंतु अब भाव गिरकर 12 रुपये किलो पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि एक दिन तो 9 रुपये किलो मटर थोक में बेचने को मजबूर हो गए थे।
किसान अजय सिंह ने बताया कि 2 रुपये प्रति किला मटर तुड़ाई के लग जाते हैं वही दूरदराज सब्जी मंडी तक पहुंचाने में भी उनका किराया लगता है। यही कारण है कि मटर की खेती उनके लिए बेहतर साबित नहीं हो रही है। किसानों ने बताया कि क्षेत्र में सब्जी मंडी नहीं है। सब्जी मंडी 20 किलोमीटर दूर महेंद्रगढ़ या 35 किलोमीटर दूर रेवाड़ी में पड़ती है। यहां तक सब्जी को उठाकर बेचने के लिए ले जाना महंगा पड़ता है। उन्होंने बताया कि मटर की तुड़ाई,किराया निकालकर मटर के भाव 5 रुपये प्रति किलो रह जाते है।
उन्होंने बताया कि मजदूर भी मटर की तोड़ाई के लिए नहीं मिलते। ऊपर से भाव पाना भी कठिन है। उन्होंने मांग की है कि क्षेत्र में सब्जी मंडी स्थापित की जाए ताकि किसान सब्जी के बेहतर भाव ले सके।
किसान अजय कुमार ने बताया की मटर की खेती जहां उनके लिए लाभकारी साबित होती रही है वही इस बार बेहतर साबित नहीं हो रही है। इसे कैश क्राप नाम से जाना जाता है। यद्यपि सरकार की भावांतर भरपाई योजना के तहत भी मटर को शामिल है किंतु किसानों को उचित भाव नहीं मिल पा रहे हैं।
क्या कहते हैं जिला वानिकी अधिकारी-
जिला वानिकी अधिकारी मंदीप सिंह यादव का कहना है कि मटर कैश क्राप में शामिल है। इसे भावान्तर भरपाई योजना में भी शामिल किया हुआ है। यदि किसान को मटर के भाव 11 रुपये किलो से कम मिलते हैं तो सरकार उसके भाव की भरपाई करती है। ऐसे में किसानों को अगर नुकसान होने का अंदेशा है तो भावांतर भरपाई योजना में शामिल हो जाना चाहिए।
फोटो कैप्शन 2: किसान अजय कुमार मटर की तुडा़ई करवाते हुए।
हुई बूंदाबांदी
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कनीना। विगत दिनों जहां ओलावृष्टि हुई वहीं बुधवार को क्षेत्र में शाम के समय बूंदाबांदी हुई। बूंदाबांदी से किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट नजर आई। पहले ही किसान सरसों एवं गेहूं की फसल में नुकसान से परेशान हैं ऊपर से फिर से बारिश आना उनके लिए समस्या बनता जा रहा है। वैसे भी कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा आगामी दिनों में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जता रखी है जिसको लेकर भी किसान अति चिंतित हैं। किसानों ने बताया कि बारिश की अब उन्हें जरूरत नहीं है। उनकी फसल पकान पर जा रही है। यहां तक की पकी फसल को होलिका दहन में भूनकर चखने की प्रथा भी यहां चली आ रही है। ऐसे में अब बारिश भी फसल के लिए अच्छी नहीं मानी जा रही है। केवल गेहूं की फसल के लिए बारिश अच्छी साबित हो सकती है।
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कनीना। श्रीश्याम मित्र मंडल (रजिस्टर्ड) कनीना मंडी द्वारा जहां 29 फरवरी को छठा विशाल जागरण आयोजित करवाया था वहीं बुधवार को 500 खाटू भक्तों की पदयात्रा जैतपुर तक रवाना की जिसमें 350 भक्त निशान लेकर जयकारे लगाते हुए आगे बढ़े।
विस्तृत जानकारी देते हुए श्रीश्याम मित्र मंडल के प्रधान अनिल गर्ग ने बताया कि 29 फरवरी को कनीना मंडी में विशाल जागरण आयोजित किया गया था वहीं बुधवार को श्याम मंदिर कनीना से जैतपुर धाम तक की पदयात्रा रवाना हुई। पदयात्रा की अध्यक्षता रविंद्र बंसल कर रहे हैं। वहीं दूसरी पदयात्रा छह मार्च को कनीना मंडी के राधाकृष्ण मंदिर से श्रीश्याम मंदिर कनीना तक पहुंचेगी।
जैतपुर धाम-कनीना से करीब 22 किमी दूर जैतपुर का खाटू श्याम मंदिर स्थित है जहां छह मार्च को बड़ा मेला लगने जा रहा है। इस मेले में भक्त निशान लेकर पहुंचते हैं और बाबा को अर्पित करते हैं। हर वर्ष हजारों की संख्या में भक्त जैतपुर जाते हैं। जो भक्त खाटू धाम राजस्थान नहीं पहुंच पाते हैं वे जैतपुर धाम जाते हैं। यात्रा में अनिल गर्ग प्रधान श्री श्याम मित्र मंडल, मुकेश सिंगला, प्रवक्ता सचिन शर्मा सहित सैकड़ों भक्त शामिल हुए।
खाटू श्याम मेला-
जैतपुर में छह मार्च को खाटू श्याम मेला लगने जा रहा है जिसमें अपार भीड़ जुटेगी। कलकत्ता तथा अलवर के शृंगारकर्ता प्रतिदिन ताजा फूलों से बाबा का शृंगार करते हैं। करीब 300 वर्ष पुराने इस श्याम मंदिर का वर्तमान में जीर्णोंद्धार करवाया गया है।
कनीना व आस पास के भक्त जैतपुर जाएंगे। 22 किमी के इस सफर में वे मोहनपुर, भोजावास, रातां से होकर प्रतापुर एवं जैतपुर पहुंचते हैं। इस पदयात्रा में उनके साथ जल एवं खाने पीने का सामान वाहन में साथ साथ चलता है। डीजे पर थिरकते पैर एवं रंग गुलाल में भीगे भक्त खुशी खुशी जैतपुर के लिए रवाना हो रहे हैं। भारी संख्या में भक्त आपने साथ अमर ज्योति लेकर जा रहे हैं। यह ज्योति भी जैतपुर धाम पर अर्पित की जा रही है।
फोटो कैप्शन 1: भक्त कनीना से जैतपुरा जाते हुए।
मालड़ा गांव से लड़की गायब, पुलिस ने किया मामला दर्ज
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कनीना। कनीना थाने के गांव मालड़ा से एक लड़की गायब होने का मामला दर्ज किया है। लड़की परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि हमारी लड़की को खातोद गांव का एक लड़का बहला-फुसला कर भगा ले गया है। वही पुलिस ने लड़की के परिजनों की शिकायत पर खातोद गांव के एक लड़के के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ करदी है। वही इससे पहले भी कनीना खंड के दो गांवों से एक लड़की व एक महिला गायब हैं जिनका अभी तक पता नहीं चल पाया है।
सर्वे एवं मुआवजे का अब रहेगा इंतजार
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कनीना। कनीना क्षेत्र में गत दिनों हुई ओलावृष्टि के बाद अब किसान अपने अपनी फसल की गिरदावरी एवं मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। अभी तक बीमित किसानों द्वारा टाइप-1 के फार्म कृषि कार्यालय महेंद्रगढ़ में जमा करवा दिए गए हैं। तत्पश्चात सर्वे के लिए कंपनी तथा कृषि अधिकारी खेत खेत में जाकर सर्वे करेंगे और फिर टाइप-3 द्वारा किसानों की मुआवजा राशि मिलने की संभावना बनेगी किंतु अभी तक टाइप-एक के तहत ही कार्रवाई चल रही है।
जिन किसानों की फसल का बीमा नहीं था उनकी फसल का मुआवजा सरकार के रहनुमाई पर निर्भर करता है। सरकार चाहे तो सर्वे एवं मुआवजा त्वरित गति से कर सकती है। ऐसे में सर्वे किए जाने का बेसब्री से इंतजार है।
मोदी के गजराज सिंह, अजय कुमार एवं कांता किसानों ने बताया की फसल में ओलावृष्टि ने भारी नुकसान पहुंचाया है परंतु उनका कहना है कि 2018-19 की 4 एकड़ जमीन की मुआवजा राशि भी अभी तक नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि उन्होंने चार एकड़ फसल का बीमा करवाया था जिसमें पानी खड़ा होने से फसल बर्बाद हो गई थी। सर्वे भी हो चुकी है किंतु अभी तक मुआवजा राशि नहीं मिली है।
जहां ओलावृष्टि का कनीना खंड कृृषि अधिकारी कार्यालय के तहत आने वाले 60 गांवों में थोड़ा अधिक जरूर हुआ है। अभी तक अगेती फसल उगाने वाले किसान अधिक परेशान है क्योंकि अगैती फसल उगाने वाले किसानों की गेहूं की फसल ने बाल निकाल रखी थी और पकान की ओर जा रही थी जिसमें अधिक नुकसान हुआ है। वैसे ही सरसों की अगैती फसल को भी अधिक नुकसान हुआ है जबकि पछेती फसल में अभी तक पकान नहीं हुआ था। ऐसे में अलग अलग मात्रा में नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। कुछ जगह 60 प्रतिशत से भी अधिक नुकसान होना बताया जा रहा है तो कहीं कुछ कम भी आंका जा रहा है।
महावीर सिंह किसान करीरा ने बताया कि उनकी बेर की फसल भी अंधड़ व बारिश ने नष्ट कर दी है। अभी किसान कंपनी तथा कृषि अधिकारियों द्वारा उनकी फसल में हुए नुकसान के सर्वे का इंतजार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि निकट भविष्य में जल्द ही उनकी फसल में हुए नुकसान का सर्वे किया जाएगा तत्पश्चात सरकार को नुकसान के बारे में अवगत कराने के पश्चात ही उन्हें मुआवजा राशि मिलने के आसार बनेंगे।
कनीना क्षेत्र में चल रही है परीक्षाएं शांतिपूर्वक
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कनीना। कनीना क्षेत्र में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं के लिए 12 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं जिनमें सभी में परीक्षा शांतिपूर्वक चल रही हैं। एसडीएम कनीना, खंड शिक्षा अधिकारी तथा अन्य अधिकारियों ने अलग अलग समय पर विभिन्न परीक्षा केंद्रों का औचक दौरा किया और सभी जगह शांतिपूर्ण चलती पाई गई। इस बार स्कूलों के बाहर मेले नहीं लग रहे हैं और ग्राम पंचायतें नकल रोकने में पूरा सहयोग कर रही हैं।
कनीना क्षेत्र में जहां सीबीएसई के दो परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। जीएल और एसडी स्कूलों में सीबीएसई की परीक्षाएं चल रही हैं वहीं हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 3 मार्च से बारहवीं की परीक्षा शुरू हो चुकी है। पहला पेपर हिंदी का चला वहीं दसवीं की परीक्षा बुधवार से शुरू हो हुईं जहां उनका पहला पेपर सामाजिक विज्ञान का हुआ।
कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में मंगलवार को 12वीं की परीक्षा हिंदी विषय की शांतिपूर्वक चली। वहीं बुधवार को दसवीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की परीक्षा शांतिपूर्वक चली। केंद्र अधीक्षक ने बताया कि परीक्षा केंद्र पर 214 परीक्षार्थियों परीक्षा दे रहे जहां कुल 217 परीक्षार्थी थे जिनमें से 3 अनुपस्थित रहे।
वहीं राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी के केंद्र अधीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि यहां दसवीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान का परीक्षा परीक्षा चली। दसवीं में 129 विद्यार्थी परीक्षा दे रहे हैं। वहीं कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 215 परीक्षार्थी दे रहे हैं।
परीक्षा केंद्रों पर नकल की प्रवृत्ति नहीं देखने को मिली। जिसको लेकर के लगता है कि अब उन नकल की प्रवृत्ति धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। परीक्षा केंद्रों पर व्यापक पुलिस का प्रबंध किया गया है वहीं ग्राम पंचायतें भी सहयोग कर रही हैं।
क्या कहते हैं खंड शिक्षा अधिकारी -
खंड शिक्षा अधिकारी अभय राम यादव ने बताया कि कनीना खंड में दसवीं के 12 परीक्षा केंद्र है जबकि 12वीं कक्षा के लिए 10 परीक्षा केंद्र बनाए गए है। बारहवीं कक्षा के लिए सभी परीक्षा केंद्र राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में बनाए गए हैं जबकि दसवीं कक्षा के परीक्षा केंद्र राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के अतिरिक्त सेहलंग एवं बाघोत में राजकीय उच्च विद्यालयों में भी बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी नसीब सिंह के आदेशानुसार जहां परीक्षा केंद्रों पर केंद्र अधीक्षक गेस्ट शिक्षक नियुक्त किए गए थे उनको कार्यभार मुक्त करके रेगुलर शिक्षक को केंद्र अधीक्षक बनाया गया है। उन्होंने बताया कि बेवल, भोजावास और पोता परीक्षा केंद्रों पर अतिथि शिक्षक केंद्र अधीक्षक नियुक्त हो गए थे जिन्हें कार्यभार मुक्त कर दिया गया है तथा रेगुलर शिक्षकों को केंद्र अधीक्षक बना दिया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि उन्होंने बेवल,भोजावास तथा पोता परीक्षा केंद्रों का दौरा किया जहां परीक्षाएं शांतिपूर्वक चल रही थी।
एसडीएम कनीना ने भी किया दौरा -
एसडीएम कनीना रणबीर सिंह ने भी परीक्षा केंद्रों का दौरा किया। उन्होंने भोजवास तथा बवानिया दो परीक्षा केंद्रों का दौरा किया जहां परीक्षाएं शांतिपूर्वक चलती पाई गई। कहीं भी किसी परीक्षा केंद्रों पर अनुचित साधनों का प्रयोग करते हुए नहीं पाया गया वहीं केंद्र के बाहर मेले और भीड़ देखने को नहीं मिली। इस बार परीक्षाएं शांतिपूर्वक चल रही हैं।
रेड क्रास की मोबाइल वैन का किया स्वागत
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कनीना। हरियाणा रेडक्रास की जन कल्याणकारी गतिविधियों के बारे में जागरूक करने वाली मोबाइल वैन का महेंद्रगढ़ जिले में पहुंचने पर कनीना की सीमा पर स्वागत किया गया। कनीना से 3 किलोमीटर दूर कोसली मार्ग पर इस वैन का भव्य स्वागत किया गया।
इस अवसर पर अजमेर सिंह दांगी पूर्व प्रधान प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन कनीना, डा एसपी सिंह सचिव जिला रेडक्रास सोसायटी नारनौल, टेकचंद यादव डीओसी, विकास दहिया सीईडी आदि ने वैन के साथ चंडीगढ़ से पहुंचे लक्ष्मण सिंह तथा ओमप्रकाश का स्वागत किया गया। इस वैन को 28 फरवरी को हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य द्वारा राजभवन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था।
अजमेर सिंह दांगी ने बताया कि हरियाणा सरकार की रेडक्रास गतिविधियों के बारे में प्रदेश वासियों को यह टीम जागरूक करेगी। यह महेंद्रगढ़ जिले में 2 दिन रहेगी। जिला उपायुक्त हरी झंडी दिखाकर जिला महेंद्रगढ़ में पांच मार्च को इसकी रवानगी करेंगे।
टेकचंद यादव डिविजनल कमांडर सेंट जॉन ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 28 फरवरी को यह वैन राजभवन से चंडीगढ़ से रवाना हुई थी। तत्पश्चात 28 और 29 फरवरी को कुरुक्षेत्र में, 1 और 2 मार्च को रोहतक में, 3 और 4 को झज्जर में रेड क्रास की जानकारी देने के बाद 4 मार्च को जिला महेंद्रगढ़ में प्रवेश किया है। अब यह 5 और 6 मार्च को महेंद्रगढ़ में रहेगी। तत्पश्चात 2 दिन रेवाड़ी, 2 दिन गुडगांवा में जागरूकता कार्यक्रम करने के पश्चात 9 मार्च को गुडग़ांव में यात्रा का समापन होगा। उन्होंने बताया कि पांच मार्च को जिला उपायुक्त नारनौल जगदीश शर्मा इसे हरी झंडी दिखाकर महेंद्रगढ़ के लिए रवाना करेंगे। यह वैन रेड क्रास की विभिन्न गतिविधियों को दर्शाने के लिए नारनौल से सीहमा, भोजावास, कनीना आदि से गुजरेगी तथा 6 मार्च को नारनौल से सिंघाना सड़क मार्ग से नांगल चौधरी और फिर अटेली के गांवों से होकर रेवाड़ी निकल जाएगी। उन्होंने बताया कि तीन अलग-अलग मोबाइल वैन पूरे हरियाणा में घूम रही हैं और 34 विभिन्न प्रकार की रेड क्रास की गतिविधियों के बारे में लोगों को जानकारी देगी।
फोटो कैप्शन 3: रेड क्रास की वैन का स्वागत करते हुए अजमेर सिंह सहित विभिन्न जन।
पहले राम ने मारा और अब भाव ने
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कनीना। कनीना क्षेत्र में मटर उगाने वाले किसान बेहद परेशान है। विगत दिनों जहां ओलावृष्टि से मटर की फसल को भारी नुकसान हुआ है वहीं आप मटर के भाव दिनोंदिन गिरते जा रहे हैं। सब्जी मंडी में मटर के भाव प्रतिदिन के होते हैं। यही कारण है कि अब 12 रुपये किलो मटर थोक में बिक रहे हैं।
किसान अजय कुमार, कांता देवी, गजराज सिंह आदि ने बताया कि उन्होंने करीब 2 एकड़ में मटर की खेती की है। विगत कई वर्षों से मटर की खेती करते आ रहे हैं इस बार मटर की खेती जब पकने लगी तब ओलावृष्टि हुई है। ओला जिस भी मटर की फली पर गिरा या छुआ है उसी फली के दाने नष्ट हो गए हैं। जहां फसल को भी ओलावृष्टि ने बाहरी नुकसान पहुंचाया है वहीं मटर की फसल में नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि में जहां 50 प्रतिशत तक नुकसान हो चुका है वहीं अब भाव गिर रहे हैं। विगत दिनों मटर के भाव 30 रुपये प्रति किलो थोक में होते थे किंतु अब धीरे-धीरे भाव घटते जा रहे हैं। उन्होंने विगत दिनों 19 रुपये
किलो मटर बेचे थे किंतु अब भाव गिरकर 12 रुपये किलो पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि एक दिन तो 9 रुपये किलो मटर थोक में बेचने को मजबूर हो गए थे।
किसान अजय सिंह ने बताया कि 2 रुपये प्रति किला मटर तुड़ाई के लग जाते हैं वही दूरदराज सब्जी मंडी तक पहुंचाने में भी उनका किराया लगता है। यही कारण है कि मटर की खेती उनके लिए बेहतर साबित नहीं हो रही है। किसानों ने बताया कि क्षेत्र में सब्जी मंडी नहीं है। सब्जी मंडी 20 किलोमीटर दूर महेंद्रगढ़ या 35 किलोमीटर दूर रेवाड़ी में पड़ती है। यहां तक सब्जी को उठाकर बेचने के लिए ले जाना महंगा पड़ता है। उन्होंने बताया कि मटर की तुड़ाई,किराया निकालकर मटर के भाव 5 रुपये प्रति किलो रह जाते है।
उन्होंने बताया कि मजदूर भी मटर की तोड़ाई के लिए नहीं मिलते। ऊपर से भाव पाना भी कठिन है। उन्होंने मांग की है कि क्षेत्र में सब्जी मंडी स्थापित की जाए ताकि किसान सब्जी के बेहतर भाव ले सके।
किसान अजय कुमार ने बताया की मटर की खेती जहां उनके लिए लाभकारी साबित होती रही है वही इस बार बेहतर साबित नहीं हो रही है। इसे कैश क्राप नाम से जाना जाता है। यद्यपि सरकार की भावांतर भरपाई योजना के तहत भी मटर को शामिल है किंतु किसानों को उचित भाव नहीं मिल पा रहे हैं।
क्या कहते हैं जिला वानिकी अधिकारी-
जिला वानिकी अधिकारी मंदीप सिंह यादव का कहना है कि मटर कैश क्राप में शामिल है। इसे भावान्तर भरपाई योजना में भी शामिल किया हुआ है। यदि किसान को मटर के भाव 11 रुपये किलो से कम मिलते हैं तो सरकार उसके भाव की भरपाई करती है। ऐसे में किसानों को अगर नुकसान होने का अंदेशा है तो भावांतर भरपाई योजना में शामिल हो जाना चाहिए।
फोटो कैप्शन 2: किसान अजय कुमार मटर की तुडा़ई करवाते हुए।
हुई बूंदाबांदी
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कनीना। विगत दिनों जहां ओलावृष्टि हुई वहीं बुधवार को क्षेत्र में शाम के समय बूंदाबांदी हुई। बूंदाबांदी से किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट नजर आई। पहले ही किसान सरसों एवं गेहूं की फसल में नुकसान से परेशान हैं ऊपर से फिर से बारिश आना उनके लिए समस्या बनता जा रहा है। वैसे भी कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा आगामी दिनों में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जता रखी है जिसको लेकर भी किसान अति चिंतित हैं। किसानों ने बताया कि बारिश की अब उन्हें जरूरत नहीं है। उनकी फसल पकान पर जा रही है। यहां तक की पकी फसल को होलिका दहन में भूनकर चखने की प्रथा भी यहां चली आ रही है। ऐसे में अब बारिश भी फसल के लिए अच्छी नहीं मानी जा रही है। केवल गेहूं की फसल के लिए बारिश अच्छी साबित हो सकती है।
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