24 मार्च को हो रहा है हरियाणा लोक डाउन
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कनीना। 24 मार्च सुबह से पूरा हरियाणा लोक लोक डाउन हो रहा है। इस दौरानसभी इमरजेंसी सेवाएं रहेंगी चालू। किराना की दुकान, सिलेंडर, दूध, फल, सब्जियां, दवाइयों की दुकानें खुली रहेगी और डाक सेवाएं चालू रहेंगी। पानी, एटीएम, बैंक, पेट्रोल पंप सभी सुविधाएं चालू रहेगी। सभी प्राइवेट ऑफिस और दुकाने रहेंगी बंद। सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट रहेंगे बंद। आदेश ना मानने पर आईपीसी की धारा 188 के तहत होगी कार्रवाई। बीपीएल परिवारों को अप्रैल महीने का राशन फ्री मिलेगा। मुख्यमंत्री ने बनाया कोरोना रिलीफ फंड हरियाणा जिसमें तमाम विधायक देंगे 1 महीने की सैलरी और मुख्यमंत्री ने निजी खाते हैं दिए 5 लाख रुपए दिए। पानी बिजली व अन्य बिलों की अंतिम तिथि 15 अप्रैल कर दी गई। मुख्यमंत्री ने 5 लाख रुपये अपनी एकाउंट से दिए। सरकारी अधिकारी 20 प्रतिशत तनख्वाह इस फण्ड में देंगे। लोगों के लिए अकॉउंट नम्बर जारी। हरियाणा इंटर स्टेट बॉर्डर सील किया गया। पूरे प्रदेश में धारा 144 रहेगी जारी, पांच से ज्यादा व्यक्ति नहीं हो सकेंगे इक_ा।
अब जिला महेंद्रगढ़ में भी रहेगा लॉकडाउन
- आवश्यक वस्तुओं की सेवाएं ही मिलेंगी जिलावासियों को
- डीसी की अपील - घर पर ही सुरक्षित रहें आमजन
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कनीना। कोरोना वायरस से बचाव को लेकर ठोस कदम उठाने के लिए हरियाणा सरकार की ओर से जिले में भी महामारी रोग अधिनियम, 1897 के तहत लॉकडाउन के आदेश जारी किए हैं। जारी आदेश के तहत अब 31 मार्च तक पूरा जिला लॉकडाउन रहेगा। उपायुक्त जगदीश ने राष्ट्रहित में आमजन से अपील की है कि वह अपने घर पर ही रहें और तभी घर से बाहर निकलें, जब कोई आवश्यक वस्तुएं लेनी हों।
जिलाधीश एवं उपायुक्त जगदीश शर्मा ने सरकार की ओर से जारी किए गए लाक डाउन के आदेशों की अनुपालना प्रभावी ढंग से करवाने के लिए संबंधित अधिकारियों को भी आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक कोई भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवाएं टैक्सी व ऑटो रिक्शा के चलने की अनुमति नहीं है। जिला के सभी निजी व कॉरपोरेट प्रतिष्ठानों और कारखानों को 31 मार्च तक पूर्णतया बंद रखने के आदेश दिए हैं। केवल अनुमति प्राप्त कारखाने ही चलेंगे। साथ ही जिला के स्थानीय व सभी साप्ताहिक बाजार, शापिंग मॉल बंद रहेंगे। इन आदेशों में आवश्यक वस्तुओं को प्रदान करने वाली सेवाओं को संचालित करने की ही अनुमति दी जाएगी, लेकिन सामाजिक दूरी के लिए सावधानी बरतनी आवश्यक रहेगी। उपायुक्त ने जिला के सभी एसडीएम व अन्य संबंधित अधिकारियों को लॉकडाउन के आदेशों की अनुपालना प्रभावी ढंग से सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।
केवल यह सेवाएं रहेंगी जारी :
लॉकडाउन के दौरान जिला में पेयजल, सीवरेज सेवा, बिजली सेवा, बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना, टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं प्रदान करना, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए यातायात सेवाएं, पोस्टल सर्विसिज, भोजन, सब्जी, किराना का सामान उपलब्ध कराना, अस्पताल, मेडिकल सेंटर, मेडिकल स्टोर, पेट्रोलियम तेल, ऊर्जा व मीडिया जैसी आवश्यक सेवाएं बहाल रहेंगी। जिलाधीश ने जारी आदेश में जिला के सभी पार्कों, सामुदायिक केंद्रों और ऐसे अन्य सभी प्रतिष्ठानों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। जारी आदेशों के तहत पांच या इससे अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर पाबंदी रहेगी। अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
लोक डाउन का समाचार सुन रही मंडी में एवं बाजार में अफरा-तफरी
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कनीना। हरियाणा सरकार द्वारा जिला महेंद्रगढ़ में भी 31 मार्च तक लोक डाउन करने का समाचार सुनकर कनीना बस स्टैंड ,कनीना मंडी तथा बाजार में भारी अफरातफरी रही। यद्यपि प्रशासन और सरकार ने आवश्यक सेवाएं जारी रखने का संदेश दे रही है किंतु लोग इतने भयभीत नजर आए कि एक एक महीने का सामान खरीद कर अपनी कार एवं दुपहिया वाहन आदि से घर पहुंचा रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे कई महीनों के लिए घर में कैद हो जाएंगे। जिस किसी को भी देखा जाए कोरोनावायरस और लोक डाउन की बात कर रहा था। अनपढ़ लोग जिन्हें लोक डाउन का अर्थ सही समझ नहीं आता किंतु बस सामान रखकर खुश नजर आ रहा था और लोक डाउन की बात कर रहा था। सब्जी की दुकान पर भारी भीड़ थी वही परचून की दुकानों पर तो लंबी लंबी कतार देखी गई। रात के 9:15 बजे तक भारी भीड़ दुकानों पर देखी गई। दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें खुली रखी।
24 मार्च को अमावस्या है अमावस्या के दिन सब्जी और फलों की दुकान वैसे ही बंद रहती है। ऐसे में दुकानदार सब्जी और फल विक्रेता अपनी सारी सब्जी और फलों को बेचना चाह रहे थे क्योंकि एक दिन का अवकाश रहेगा तब तक उनके फल सब्जी सड़ जाएंगे। मंडी तथा बाजार में महिलाओं सहित बच्चे तथा पुरुष भारी संख्या में मौजूद थे। पहली बार किसान भी भारी संख्या में खरीददारी करते देखे गए। कनीना प्रशासन की ओर से वाहन पर मुनादी करवा दी गई।
फोटो कैप्शन 7,8 एवं 9: कनीना अनाज मंडी बाजार, बस स्टैंड पर देर रात तक भारी भीड़ का नजारा।
जनता कफ्र्यू के बाद फिर जुटे लावणी में
-भारी संख्या में दूसरे प्रदेशों से लावणी को आए हैं
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कनीना। रविवार को जनता कफ्र्यू के दिन अधिकांश किसान अपने घर पर रहे वहीं अधिकांश मजदूरों ने भी आराम करने के बाद एक बार फिर से त्वरित गति से लावणी की। किसान अपनी सरसों की कटाई में पूरे वेग से जुटे हुए हैं। किसान अपने पूरे परिवार सहित या फिर मजदूरों से लावणी करवा रहे हैं। भारी संख्या में दूसरे प्रदेशों से मजदूर लावणी करने के लिए आए हुए हैं। एक अनुमान है कि कनीना एवं आस पास करीब पांच हजार मजदूर मजदूरी करने आया हुआ है। उनका पूरा परिवार लावणी करके जाता है।
अब तो मजदूरों को वापस जाने के लिए ट्रेन नहीं होने से जब तक लाक डाउन समाप्त न हो जाएगा तब तक उन्हें यही रहना पड़ेगा। अभी सरसों के बाद गेहूं की लावणी भी की जानी है।
दूसरे प्रांतों से आए मजदूर अब गेहूं की लावणी करने के लिए भी तैयार हैं परंतु अभी गेहूं की लावणी में थोड़ा समय बाकी है। मजदूर किसानों के खेतों पर ही निवास करते हैं और ग्रुप के रूप में मिलते हैं जो मिलकर जल्दी ही लावणी का काम पूरा कर देते हैं।
दूसरे प्रदेशों से आए मजदूर कोरोना वायरस से बेखबर हैं वहीं उन्हें बस लावणी दिखाई पड़ रही है। कोरोना वायरस के चलते किसान भी परेशान हैं। वे घर आने की बजाय अपने खेतों में काम करना चाहते हैं ताकि कोरोना रोग से बच सके।
उधर धीरे धीरे ताप बढ़ता ही जा रहा है जिससे कीट अधिक हो गए हैं वहीं माना जा रहा है कि कोरोना वायरस भी मर जाएगा। इस बार किसानों ने अभी तक फसल पैदावार अपने घर पर डालने की जल्दी है।
फोटो कैप्शन 7 एवं 8:सरसों की लावणी करते किसान।
नव वर्ष तैयारियां जारी, 25 मार्च से हैं नवरात्रि
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कनीना। नवरात्रे एवं हिन्दु नव वर्ष 2077 के प्रारंभ होने जा रहे हैं। इस वर्ष हरियाणा लोक डाउन तथा कोरोना के कहर के चलते सार्वजनिक रूप से नहीं मनाए जाएंगे। कनीना के महेश कुमार बोहरा, श्याम सुंदर महाशय, देशराज, सुरेंद्र सिंह मुख्याध्यापक, मोहन पार्षद आदि ने लोगों से अपील की कि वे घर पर ही रहकर नव वर्ष मनाए।
25 मार्च को क्षेत्र में नवरात्रों का आगाज हो रहा है। इस मौके पर व्रत रखाने एवं पुराने अन्न को नौ दिनों तक शरीर से समाप्त करके नए अन्न को ग्रहण करने का नियम है। मौसम के बदलाव से नया अन्न तुरंत शरीर में ग्रहण नहीं करना चाहिए। यही कारण है कि इस दिन व्रत किया जाता है। मां दुर्गा के नौ दिनों में नौ रूपों की पूजा की जाती है। राम नवमी के दिन नवरात्रों को समाप्त कर दिया जाता है।
उल्लेखनीय है कि बच्चे-बच्चे की जुबान पर अंग्रेजी वर्ष है किंतु हिंदुओं के सबसे प्राचीन वर्ष का ज्ञान नहीं है। विक्रम संवत या गुड़ी पाड़वा आदि नामों से जाना जाता है। इस दिन घरों में पकवान बनाए जाते हैं और नए वर्ष का आगाज किया जाता है। इसे ग्रामीण क्षेत्रों में 'सम्म्तÓ नाम से जाना जाता है।
महाराजा विक्रमादित्य द्वारा चलाया गया विक्रमी संवत आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में प्रासंगिक है। इसी दिन महाराजा विक्रमादित्य ने हूणों पर विजय प्राप्त करके अक्सास नदी में घोड़ों को जल पिलाया था। तभी से आज तक यह पर्व चला आ रहा है।
क्या है नव संवत-
25 मार्च को पूरे ही देश में सम्राट विक्रमादित्य द्वारा चलाया हुआ नव संवत्सर का पर्व मनाया जा रहा है। विश्व का सबसे पुराना संवत नव संवत्सर जिसे वर्ष प्रतिपदा, उगादि पर्व तथा गुड़ी पाड़वा नामों से जाना जाता है। माना जाता है है कि ब्रह्मïाजी ने इसी दिन सृष्टिï की रचना की थी जिसके चलते इस दिन दिन ब्रह्मा की भी पूजा की जाती है।
उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य द्वारा चलाया हुआ नवसंवत्सर 25 मार्च से 2077 शुरू हो रहा है।
नवरात्रों की तैयारियां जारी
-25 मार्च से शुरू हो रहे हैं नवरात्रे, कोरोना की भेंट चढेंग़े ये नवरात्र
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कनीना। नवरात्रे एवं हिन्दु नव वर्ष 2077 के प्रारंभ होने जा रहे हैं। 25 मार्च को दोनों ही पर्व मनाएं जा रहे हैं। ये नवरात्रे इस बार कोरोनावायरस की भेंट चढऩे जा रहे हैं। लोग घरों से बाहर नहीं जा सकेंगे ऐसे में मंदिरों की रौनक फीकी रहेगी वहीं घर में ही रहकर ये नवरात्रे मनाए जाएंगे।
25 मार्च को क्षेत्र में नवरात्रों का आगाज हो रहा है। इस मौके पर व्रत रखाने एवं पुराने अन्न को नौ दिनों तक शरीर से समाप्त करके नए अन्न को ग्रहण करने का नियम है। मौसम के बदलाव से नया अन्न तुरंत शरीर में ग्रहण नहीं करना चाहिए। यही कारण है कि इस दिन व्रत किया जाता है। मां दुर्गा के नौ दिनों में नौ रूपों की पूजा की जाती है। राम नवमी के दिन नवरात्रों को समाप्त कर दिया जाता है।
नवरात्रों के दिन लगभग सभी घरों में मां दुर्गा का दरबार सजाया जाता है और विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ये दिन नए कार्य करने के लिए बेहतर माने जाते हैं। इस बार कोविड-19 की काली छाया नवरात्रों पर पड़ रही है।
नव संवत्सर के दिन से ही नवरात्रे शुरू हो जाते हैं। इन नवरात्रों का सौभाग्यवती महिलाओं के लिए विशेष महत्व होता है। प्राचीन ग्रंथों में दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती आ रही है। ये नौ रूप महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, योगमाया, रक्तदंतिका, शाकुंभरी देवी, दुर्गा, भ्रामरी देवी तथा चंडिका प्रमुख हैं। इन नौ रूपों को शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, सकंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री नामों से जाना जाता है। इन नौ रूपों के दर्शनों के लिए मंदिरों में जाकर पूजा की जाती है।
शहीदे आजम भगत सिंह सहित शहीदों को याद किया
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कनीना। कनीना के नताजी मेमोरियल क्लब में कनीना के लोगों द्वारा सभी शहीदों को शहीद स्मारक पर जाकर याद किया और उन्हें पुष्प अर्पित किए। इस मौके पर अध्यक्षता महेश बोहरा ने की। कोरोना वायरस के चक्कर में शहीदों को अधिकांश लोग भूल गए।
महेश बोहरा ने इस मौके पर कहा कि शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ऐसे क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत को आजाद होने में मुख्य भूमिका निभाई थी। इनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। इनको 23 मार्च 1931 की रात को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को अंग्रेजों द्वारा फांसी पर लटका दिया गया था। इस दिन को हर वर्ष शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं।
भगत सिंह के विषय में उन्होंने कहा कि 8 वर्ष की छोटी उम्र में ही वह भारत की आजादी के बारे में सोचने लगे थे और 15 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपना घर छोड़ दिया था। माता-पिता ने जब उनकी शादी करवानी चाही तो वे कानपुर चले गए। भगत सिंह ने अंग्रेजों से कहा था कि फांसी के बदले मुझे गोली मार देनी चाहिए लेकिन अंग्रेजों ने इसे नहीं माना। इसका उल्लेख उन्होंने अपने अंतिम पत्र में किया है। उन्होंने जेल में 116 दिनों तक उपवास किया था। इस दौरान वे अपने सभी काम नियमित रूप से करते थे, जैसे- गायन, किताबें पढऩा, लेखन, प्रतिदिन कोर्ट आना, इत्यादि।
जब उसकी मां जेल में उनसे मिलने आई थी तो भगत सिंह जोरों से हंस पड़े थे। यह देखकर जेल के अधिकारी भौचक्के रह गए कि यह कैसा व्यक्ति है जो मौत के इतने करीब होने के बावजूद खुले दिल से हंस रहा है।
इस मौके पर मुख्याध्यापक सुरेंद्र यादव ने राजगुरु एवं सुखदेव के जीवन से जुड़े कुछ पहलुओं पर प्रकाश डाला और कहा कि तीनों की बदौलत ही देश ने आजादी पाई है। इस मौके पर मास्टर सुरेंद्र सिंह, महेश कुमार इंजीनियर, युवा नेता राजकुमार, गोविंद यादव, शिव कुमार, सतपाल सेहलंगिया, सतीश कुमार, श्यामसुंदर महाशय, सोनू सिंगला, देशराज, मुकेश सेठ सहित कई गणमान्य जनों ने पुष्प अर्पित किए।
समाजसेवी ने बांटे एक हजार मास्क एवं सेनिटाइजर
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कनीना। देश में कोरोना के प्रकोप के बढऩे के बाद कुछ संस्थाएं जनता को जागरूक कर रही हैं वहीं कुछ समाजसेवी अब आगे आ रहे हैं। समाजसेवी चंद्रकांत ने न केवल मास्क अपितु सेनिटाइजर एवं दस्ताने भी झुग्गी झोपडिय़ों के अतिरिक्त पावर हाउस, पुलिस चौकी तथा कई अन्य स्थानों पर वितरित किए हैं।
कोरोना वायरस से बचाव को लेकर सामाजिक सरोकारों के तहत क्षेत्र के आस-पास के लोगों से मास्क लगाकर जागरूकता अपील की गई। यह जागरूकता अपील चंद्रकात कनीना, सुशील कुमार एवं सचिव इंद्रजीत शर्मा, कंवरसेन वशिष्ठ, योगेश अग्रवाल, हरीराम मित्तल इस काम में आगे आ रहे हैं।
समाजसेवी चंद्रकांत ने पावर हाउस एवं झुग्गी झोपडिय़ों में मास्क बांटते हुए कहा कि कि कोरोना वायरस को लेकर लोग ज्यादा पैनिक ना हो। चिकित्सा विभाग की ओर से जारी सावधानियां बरतते हुए वायरस से बचने की कोशिश करें। कोरोना वायरस आज विश्व भर में चिंता का विषय बना हुआ हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोरोना वायरस को लेकर वैश्विक चेतावनी भी जारी की हुई हैं। अभी तक इस संक्रमण का उपचार नहीं मिल पाया है। डर सबसे बड़ी बीमारी है और अफवाह उससे भी बड़ी। उन्होंने अफवाह न फैलाने एवं अफवाहों में ध्यान न देने की अपील भी की।
भारत विकास परिषद के विभिन्न पदाधिकारियों ने भी कस्बा में एक जागरूकता अभियान चलाया। इससे उन्होंने इस वायरस से बचने के उपाय बताए।
इस मौके परसतीश जेलदार पालिका प्रधान, राव मोहर सिंह, कृष्ण प्रकाश, कृष्ण सिंह आदि ने भी जमकर लोगों को जागरूक किया।
फोटो कैप्शन 5 एवं 6: मास्क, सेनिटाइजर, दस्ताने चंद्रकांत एवं उनके साथी पावर हाउस एवं झुग्गी झोपडिय़ों में बांटते हुए।
कोरोना के खिलाफ सड़कों पर उतरे युवा, मुफ्त में बांटे मास्क
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कनीना। कोराना वायरस का संक्रमण दुनियाभर में फैल चुका है। इसका असर भारत में भी देखने को मिल रहा है। दुनिया भर के डॉक्टर कोरोना वायरस का इलाज खोजने में लगे हैं।
वहीं कनीना के धनौंदा में युवा संगठन की टोली ने इसे लेकर एक अनोखी मुहिम शुरू की है ताकि यहां के लोगों को वायरस से सावधान किया जाए। कोरोना के खिलाफ सड़कों पर उतरे इन युवाओं की टोली ने ने लोगों को कोरोना के लिए जागरूक करने के लिए एक मुहिम शुरू की जिसमें गली मुहल्ले के हर उम्र के लोगों को मास्क, सेनिटाइजर बांटा जा रहा है। इसमें इन युवाओं ने साबुन व सेनिटाइजर का इस्तेमाल कैसे करें, बुजुर्गों को माउथ मास्क पहनने के बारे में जानकारी दी।
धनोंदा के युवा संगठन की टोली ने कोरोना वायरस से सतर्क रहने की अपील आम जनता से की है। इस टोली ने गांव का भ्रमण किया और आम जनमानस से आग्रह किया कि कोरोना वायरस से डरना नहीं है, बल्कि सजग और सावधान रहना है। टोली के सदस्यों द्वारा आम जन को समझाते हुए बार बार हाथ धोएं, सर्दी खांसी बुखार होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें, भीड़ वाले स्थान पर जाने से बचें ,फेस मास्क का प्रयोग करें, ताजा गर्म भोजन ग्रहण करें।
संगठन सदस्यों द्वारा साथ में ले कर चल रहे सेनिटाइजर की कुछ-कुछ बूंदे बच्चों, बड़े बुजुर्गों के हाथों में टपकाकर उन्हें साफ सफाई रखने का संदेश भी दिया। वहीं भारतीय संस्कृति के अनुसार जीवन शैली को ध्यान में रखते हुए हाथ मिलाने के बदले नमस्कार करने की हिदायत दी। इस मुहिम में अमित,रवि ,राहुल,बबलू, कवि ,आशिष, दीपक,रोनी
,अर्जुन,संदीप,अभि,सुभाष,सोनू,हरचन्दा,शिब्बू ,दीपक आदि का सहयोग रहा।
फोटो कैप्शन 9: धनौंदा के युवा मास्क बांटकर लोगों को जागरूक करते हुए।
शहीदे आजम भगत सिंह सहित शहीदों को याद किया
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कनीना। कनीना के नताजी मेमोरियल क्लब में कनीना के लोगों द्वारा सभी शहीदों को शहीद स्मारक पर जाकर याद किया और उन्हें पुष्प अर्पित किए। इस मौके पर अध्यक्षता महेश बोहरा ने की। कोरोना वायरस के चक्कर में शहीदों को अधिकांश लोग भूल गए।
महेश बोहरा ने इस मौके पर कहा कि शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ऐसे क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत को आजाद होने में मुख्य भूमिका निभाई थी। इनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। इनको 23 मार्च 1931 की रात को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को अंग्रेजों द्वारा फांसी पर लटका दिया गया था। इस दिन को हर वर्ष शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं।
भगत सिंह के विषय में उन्होंने कहा कि 8 वर्ष की छोटी उम्र में ही वह भारत की आजादी के बारे में सोचने लगे थे और 15 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपना घर छोड़ दिया था। माता-पिता ने जब उनकी शादी करवानी चाही तो वे कानपुर चले गए। भगत सिंह ने अंग्रेजों से कहा था कि फांसी के बदले मुझे गोली मार देनी चाहिए लेकिन अंग्रेजों ने इसे नहीं माना। इसका उल्लेख उन्होंने अपने अंतिम पत्र में किया है। उन्होंने जेल में 116 दिनों तक उपवास किया था। इस दौरान वे अपने सभी काम नियमित रूप से करते थे, जैसे- गायन, किताबें पढऩा, लेखन, प्रतिदिन कोर्ट आना, इत्यादि।
जब उसकी मां जेल में उनसे मिलने आई थी तो भगत सिंह जोरों से हंस पड़े थे। यह देखकर जेल के अधिकारी भौचक्के रह गए कि यह कैसा व्यक्ति है जो मौत के इतने करीब होने के बावजूद खुले दिल से हंस रहा है।
इस मौके पर मुख्याध्यापक सुरेंद्र यादव ने राजगुरु एवं सुखदेव के जीवन से जुड़े कुछ पहलुओं पर प्रकाश डाला और कहा कि तीनों की बदौलत ही देश ने आजादी पाई है। इस मौके पर मास्टर सुरेंद्र सिंह, महेश कुमार इंजीनियर, युवा नेता राजकुमार, गोविंद यादव, शिव कुमार, सतपाल सेहलंगिया, सतीश कुमार, श्यामसुंदर महाशय, सोनू सिंगला, देशराज, मुकेश सेठ सहित कई गणमान्य जनों ने पुष्प अर्पित किए।
समाजसेवी ने बांटे एक हजार मास्क एवं सेनिटाइजर
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कनीना। देश में कोरोना के प्रकोप के बढऩे के बाद कुछ संस्थाएं जनता को जागरूक कर रही हैं वहीं कुछ समाजसेवी अब आगे आ रहे हैं। समाजसेवी चंद्रकांत ने न केवल मास्क अपितु सेनिटाइजर एवं दस्ताने भी झुग्गी झोपडिय़ों के अतिरिक्त पावर हाउस, पुलिस चौकी तथा कई अन्य स्थानों पर वितरित किए हैं।
कोरोना वायरस से बचाव को लेकर सामाजिक सरोकारों के तहत क्षेत्र के आस-पास के लोगों से मास्क लगाकर जागरूकता अपील की गई। यह जागरूकता अपील चंद्रकात कनीना, सुशील कुमार एवं सचिव इंद्रजीत शर्मा, कंवरसेन वशिष्ठ, योगेश अग्रवाल, हरीराम मित्तल इस काम में आगे आ रहे हैं।
समाजसेवी चंद्रकांत ने पावर हाउस एवं झुग्गी झोपडिय़ों में मास्क बांटते हुए कहा कि कि कोरोना वायरस को लेकर लोग ज्यादा पैनिक ना हो। चिकित्सा विभाग की ओर से जारी सावधानियां बरतते हुए वायरस से बचने की कोशिश करें। कोरोना वायरस आज विश्व भर में चिंता का विषय बना हुआ हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोरोना वायरस को लेकर वैश्विक चेतावनी भी जारी की हुई हैं। अभी तक इस संक्रमण का उपचार नहीं मिल पाया है। डर सबसे बड़ी बीमारी है और अफवाह उससे भी बड़ी। उन्होंने अफवाह न फैलाने एवं अफवाहों में ध्यान न देने की अपील भी की।
भारत विकास परिषद के विभिन्न पदाधिकारियों ने भी कस्बा में एक जागरूकता अभियान चलाया। इससे उन्होंने इस वायरस से बचने के उपाय बताए।
इस मौके परसतीश जेलदार पालिका प्रधान, राव मोहर सिंह, कृष्ण प्रकाश, कृष्ण सिंह आदि ने भी जमकर लोगों को जागरूक किया।
फोटो कैप्शन 5 एवं 6: मास्क, सेनिटाइजर, दस्ताने चंद्रकांत एवं उनके साथी पावर हाउस एवं झुग्गी झोपडिय़ों में बांटते हुए।
कोरोना से सचेत रहने की जरूरत
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कनीना। कोरोना वायरस के प्रति जहांविगत दिनों से लडऩे के प्रयास जारी है तथा लोगों द्वारा बरती गई सावधानियां कारगर सिद्ध हुई हैं वहीं अभी भी भविष्य में सचेत रहने की जरूरत है। क्षेत्र के जाने-माने जनों से संबंध में बात की तो उन्होंने अपने अपने विचार व्यक्त करते हुए भविष्य में सचेत रहने की बात कही।
डॉ रजनीश का कहना है कि यह रोग हवा से तो नहीं फैलता किंतु इस रोग से बचने लिए सावधानी बरतनी चाहिए। डा रजनीश का कहना है कि सभी एहतियात बरतनी जरूरी है। भविष्य में भी सफाई सेनिटाइजर प्रयोग करना सोडियम हाइपोक्लोराइट द्वारा घरों के दरवाजों के हैंडल तथा बैठने की सीट आदि साफ करते रहना चाहिए।
अगर किसी में सर्दी जुकाम के लक्षण है तो उस से 1 मीटर दूरी बनाए रखें। जब बेहतरीन बचाव के तरीके होंगे तो हम इस रोग से बच पाएंगे। डॉक्टर का कहना है कि बैटर बिगिनिंग इज हाफ डन अर्थात आरंभ में आगाज बेहतर हो तो अंत बहुत बेहतर निकलेगा। आज बेहतर हो चुका है अंत बेहतर आएगा।
उधर एसडीओ डीएचबीवीएन सोनू यादव कोरोना जैसी महामारी के समय देश के हर नागरिक को हर तरह से सचेत रहने की जरूरत है । खुद को अलग रखने के साथ साथ सोशल मीडिया पर भी झूठे व भ्रामक प्रचार से अलग रखना है । कोरोना एक वायरस का पूरा परिवार है और हाल का वायरस नया है जिसको कोविद-19 नाम दिया गया है और अभी तक लाइलाज है । ऐसे ही अनेकों घरेलू इलाज बताए जा रहे हैं अच्छे नागरिक को इस कठिन समय में और अधिक समझ से काम लेने की आवश्यकता है।
फोटो कैप्शन: सोनू यादव एवं डा रजनीश।
जनता के कफ्र्यू में सभी ने सराहा प्रधानमंत्री की कार्यशैली को
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कनीना। कस्बा कनीना और इसके 55 गांव में जहां रविवार का जनता कफ्र्यू अति सफल रहा। कुछ किसानों को छोड़कर सभी लोग अपने घरों में निजी कार्यों में व्यस्त रहे। अधिकांश ने बच्चों के संग समय बिताया। संपूर्ण दुकानें बंद रहेगी वहीं आपातकालीन सेवाएं जारी रही। घर में रहकर लोग बोर जरूर हुए किंतु कोरोना वायरस से बचने का यही एकमात्र तरीका बताया। विभिन्न क्षेत्र के लोगों से इस संबंध में बात की तो विचार अलग अलग सामने आए। अनिल कुमार का कहना है कि ज्यादा समय टीवी देख कर बिताया, तत्पश्चात इधर-उधर टहल कर समय बिताया क्योंकि एक जगह बैठे रहने या लेटे रहने का अनुभव कम था। युवा हर्षित का कहना है कि उन्होंने आज लंबे समय तक सोकर समय बिताया तत्पश्चात पढ़ाई की और विभिन्न स्पर्धाओं के लिए तैयारी की। मुकुट कुमार का कहना है कि घर में समय बिताना बहुत कठिन था इसलिए परिवार के संग रहकर समय बिताया। जब बोर हुए तो इधर-उधर टहल कर समय बिताया। नीलेश मित्तल का कहना है कि उन्होंने अधिकांश समय घर पर ही बिताया क्योंकि दुकान चलाते हैं इसलिए दुकान के बाहर भी कुछ समय बैठकर अनाज मंडी का नजारा लिया। बाकी समय भगवान भक्ति में बिताया।
रविंद्र बंसल व्यापार मंडल के उप प्रधान का कहना है कि वे नियमित योगाभ्यास, भगवान भक्ति तथा बच्चों के समय बिताते हैं। लेकिन आज का समय अधिक था जिसे जैसे तैसे बिताया और कभी कभी बाहर झांककर भी देखा। शिवकुमार अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने अपना कुछ समय बच्चों के संग तो कुछ समय संघ की गतिविधियों के बाद भगवान भक्ति में बिताया। उन व्यक्तियों को भी याद किया जो देश की सेवा देकर चले गए। श्याम सुंदर महाशय का कहना है कि आज उन्होंने टी-स्टाल बंद रखी, भगवान भक्ति में समय बिताया और लोगों को जागरूक रहने की जानकारी दी। विजय कुमार का कहना है कि कोरोना की घातक बीमारी की उन्होंने लोगों को जानकारी दी, जागरूक किया तत्पश्चात अपने परिवार में तथा साथियों से फोन करके समय बिताने के अतिरिक्त टीवी देख कर भी कुछ समय बिताया। एक जगह रहना कठिन लगा।
लिखनी है कि क्षेत्र में पहली बार इस प्रकार का जनता कफ्र्यू लगाया गया था। इसलिए लोग बोर जरूर हुए लेकिन देश हित को सर्वोपरि मानते हुए घर के अंदर ही समय बिताने में लगे रहे। सभी दुकानदार पूर्ण रूप से दुकानों को बंद करके घर के अंदर ही रहे। पहली बार ऐसा लगा कि समस्त कनीना तथा आसपास के गांव के लोग नरेंद्र मोदी के कथन के अनुसार उनका पालन कर रहे हैं। वे इस रोग से बचने के लिए अभी मोदी सरकार के साथ हैं।
फोटो कैप्शन :अनिल कुमार ,हर्षित, मुकुट, नीलेश मित्तल, रविंद्र बंसल, शिवकुमार अग्रवाल, श्यामसुंदर महाशय, विजय कुमार।
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